मकई या भुट्टा (कॉर्न) के 14 फायदे, उपयोग और नुकसान – All About Corn (Bhutta) in Hindi

Medically reviewed by Neha Srivastava, MSc (Life Sciences) Neha Srivastava Neha SrivastavaMSc (Life Sciences)
Written by , MA (Journalism & Media Communication) Puja Kumari MA (Journalism & Media Communication)
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बारिश के मौसम में भुने हुए मकई या भुट्टे की महक हर किसी को लुभाती है। ऐसे में बेशक आपको भी भुट्टे का स्वाद पसंद होगा, लेकिन क्या आप इस मोटे अनाज के चमत्कारी फायदों के बारे में जानते हैं? आपको जानकर हैरानी होगी कि इस अनाज में कई गंभीर से गंभीर बीमारियों का हल छिपा है। जो लोग इस अनाज से जी चुराते हैं, वो भी मकई के फायदे जानने के बाद इसे खाने से खुद को रोक नहीं पाएंगे। तो आइए, स्टाइलक्रेज के इस लेख के माध्यम से हम मकई के गुण और उपयोग से जुड़ी कई जरूरी बातें जानने का एक प्रयास करते हैं। साथ ही यहां हम मकई के नुकसान के संबंध में भी बात करेंगे। वहीं, यह भी ध्यान रखना जरूरी है कि मकई कुछ समस्याओं में राहत जरूर पहुंचा सकती है, लेकिन यह उनका पूर्ण उपचार नहीं है। किसी भी समस्या के पूर्ण उपचार के लिए डॉक्टरी परामर्श अतिआवश्यक है।

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लेख में आगे बढ़ने से पहले हम मकई क्या होती है? इस बारे में जान लेते हैं। इसके बाद हम इससे जुड़ी अन्य बातों पर बात करेंगे।

भुट्टा (कॉर्न) क्या होता है – What is Corn in Hindi

मकई या भुट्टा का वैज्ञानिक नाम ‘जी-मेज’ है। इसकी गिनती मोटे अनाजों में की जाती है। मकई यानी मक्का को भुट्टा के रूप में लगभग पूरे भारत में खाया जाता है। इसकी खेती मैदानी भागों से लेकर लगभग 2700 मीटर ऊंचाई वाले पहाड़ी क्षेत्रों तक में की जाती है। भारत में आंध्र प्रदेश, बिहार, कर्नाटक, राजस्थान और उत्तर प्रदेश में इसे बड़े पैमाने पर उगाया जाता है। वहीं, विश्व की बात करें, तो चीन, ब्राजील, मैक्सिको और अमेरिका जैसे देश मकई उगाने के मामले में सबसे आगे हैं।

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लेख के अगले भाग में अब हम आपको मकई के प्रकार के बारे में बताएंगे।

मकई या भुट्टा के प्रकार – Types of Corn in Hindi

रंग और स्वाद के आधार पर मकई को विभिन्न रूपों में विभाजित किया जा सकता है। नीचे जानिए मकई के आम प्रकार (1)

येलो डेंट कॉर्न इसका प्रयोग मुख्य रूप से इथेनॉल के उत्पादन रूप में किया जाता है। इथेनॉल एक प्रकार का अल्कोहल होता है, जिसे पेट्रोल में मिलाया जाता है। फिर यही पेट्रोल गाड़ियों के लिए इस्तेमाल किया जाता है।

स्वीट कॉर्न यह कॉर्न का वह प्रकार है, जिसे आप बाजार से या किराने की दुकान से खरीदते हैं।

व्हाइट कॉर्न इसका उपयोग मुख्य रूप से भोजन और चिप्स उत्पादन के लिए किया जाता है।

हाई एमाइलोज कॉर्नइसमें स्टार्च की मात्रा ज्यादा होती है। इसका अधिक उपयोग टैक्सटाइल इंडस्ट्री में किया जाता है।

पॉप कॉर्न यह कॉर्न की वह किस्म है, जो गर्म करने पर फैलती है और फूल जाती है।

रेड कॉर्न यह प्रकार खाने में अखरोट के स्वाद जैसा लगता है। इसे मीठे कॉर्न की श्रेणी में गिना जाता है।

ब्लू कॉर्न इसका उपयोग खाद्य पदार्थों को बनाने के लिए किया जाता है, खासकर चिप्स।

ओर्नामेंटल कॉर्न यह भारतीय मक्के का एक प्रकार है, जो विभिन्न रंग और रूप में पाया जाता है।

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मकई के प्रकार के बाद अब हम सेहत के लिए भुट्टा के लाभ के बारे में जानेंगे।

मकई या भुट्टा आपकी सेहत के लिए क्यों अच्छा है?

मकई एक ऐसा खाद्य है, जिसमें फैट, कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन और फाइबर के साथ कई जरूरी विटामिन और मिनरल्स मौजूद रहते हैं। इस कारण यह शरीर में विभिन्न पोषक तत्वों की पूर्ति का काम कर सकता है। साथ ही यह त्वचा, बाल और स्वास्थ्य संबंधी कई समस्याओं (जैसे:- पीलिया, हाई बीपी, लिवर विकार, मानसिक विकार और पाचन में परेशानी आदि) में लाभकारी परिणाम प्रदर्शित कर सकता है। यही वजह है कि मकई को सेहत के लिए एक अच्छा खाद्य माना जाता है (2)। लेख के अगले भाग में हम विस्तार से मकई के फायदे और मकई के गुण पर चर्चा करेंगे ताकि इन समस्याओं में यह किस प्रकार फायदेमंद है, इस बात को अच्छे से समझा जा सके।

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आइए, अब हम लेख के अगले भाग में विस्तार से भुट्टा के फायदे जानने का प्रयास करते हैं।

मकई या भुट्टा (कॉर्न) के फायदे – Benefits of Corn (Bhutta) in Hindi

लेख के इस भाग में हम अलग-अलग समस्याओं में मकई के गुण और मकई के फायदे से जुड़ी जानकारी हासिल करेंगे।

1. डायबिटीज को नियंत्रित करे

कॉर्न के फायदे हाई ब्लड शुगर की समस्या से जूझ रहे लोगों के लिए लाभदायक हो सकते हैं। इस बात की पुष्टि मकई से संबंधित दो अलग-अलग शोध से होती है। चूहों पर आधारित एनसीबीआई (National Center for Biotechnology Information) के एक शोध में पाया गया कि पर्पल कॉर्न (जिसे ब्लू कॉर्न के नाम से भी जाना जाता है) में कुछ ऐसे तत्व पाए जाते हैं, जो शरीर में इंसुलिन की मात्रा को बढ़ा सकते हैं (3)

वहीं दूसरी ओर टाइप-2 डायबिटीज मरीजों पर आधारित शोध में सीधे तौर पर मकई को सहायक माना गया है। शोध में जिक्र मिलता है कि नियमित आहार में मकई को शामिल करने वाले मरीजों में ब्लड शुगर में असरदार कमी देखने को मिली (4)। इसके अलावा, विशेषज्ञ भी फाइबर, कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन और विटामिन से समृद्ध स्रोत के तौर पर डायबिटीज में मकई को शामिल करने की सलाह देते हैं (5)। इस आधार पर यह माना जा सकता है कि मकई का उपयोग कर डायबिटीज की समस्या में कुछ हद तक राहत पाई जा सकती है।

2. आंखों के लिए फायदेमंद

मकई में पाए जाने वाले एंटीऑक्सीडेंट, ल्यूटिन और जैक्सैन्थिन आंखों की रोशनी को बचाए रखने में लाभकारी माने जाते हैं। इस मामले में किए गए एक शोध में इस बात की पुष्टि की गई है कि उम्रदराज लोगों में इन यौगिकों की कमी की वजह से आंखों की नसों में शिथिलता आती है। इससे कम दिखाई देने या अंधेपन जैसी समस्या का सामना करना पड़ सकता है (6)। ऐसे में आंखों के लिए भी कॉर्न के फायदे सहायक माने जा सकते हैं।

3. गर्भावस्था में उपयोगी

भुट्टा खाने के फायदे गर्भावस्था में भी लाभकारी साबित हो सकते हैं। कारण यह है कि इसमें कैल्शियम, आयरन और फोलिक एसिड के साथ-साथ विटामिन सी, डी और ए पाया जाता है (7)। वहीं, यह सभी पोषक तत्व गर्भावस्था में भी उपयोगी माने जाते हैं (8)। इसके साथ ही इसमें मौजूद फोलिक एसिड और विटामिन-बी होने वाले शिशु में न्यूरल ट्यूब दोष (शिशु के मस्तिष्क व रीढ़ में विकार उत्पन्न होना) से बचाने में मदद करते हैं (9)। वहीं, गर्भावस्था में शुगर (जेस्टेशनल डायबिटीज) की समस्या में डॉक्टर पौष्टिक आहार में कॉर्न लेने की भी सलाह देते हैं (5)। इन सभी तथ्यों को देखते हुए यह कहा जा सकता है कि मकई का इस्तेमाल गर्भावस्था में लाभकारी परिणाम प्रदर्शित कर सकता है।

4. वजन नियंत्रण में सहायक

बढ़े हुए वजन से परेशान लोगों के लिए भी भुट्टा एक आसान और उत्तम उपाय साबित हो सकता है। वजह यह है कि इसमें प्रचुर मात्रा में फाइबर पाया जाता है (7), जो कि वजन को नियंत्रित रखने के साथ ही उसे कम करने में भी मदद कर सकता है (10)। इसके अलावा, भुट्टे के बाल का उपयोग भी बढ़ते वजन को रोकने में कारगर हो सकता है। अमेरिका की बोस्टन यूनिवर्सिटी ने भी इस बात को स्वीकार किया गया है। शोध में जिक्र मिलता है कि मेसिन नाम के रसायन से भरपूर कॉर्न सिल्क (भुट्टे पर मौजूद हल्के रेशेदार बाल) का अर्क वजन को कम करने में सहायक हो सकता है (11)। ऐसे में यह कहना गलत नहीं होगा कि कॉर्न के फायदे बढ़ते वजन को कम करने में भी मददगार हो सकते हैं।

5. आयरन की कमी को पूरा करे

कई बीमारियों के बचाव में सहायक भुट्टा खाने के फायदे में आयरन की कमी को भी पूरा करना भी शामिल है। इसका नियमित सेवन करने वाले लोगों में आयरन की कमी से होने वाली गंभीर समस्याओं का जोखिम काफी हद तक कम हो सकता है। एनसीबीआई के एक शोध से इस बात की पुष्टि होती है। शोध में माना गया कि मकई के कुछ विशेष प्रकार हैं, जिनमें आयरन प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। इनका सेवन कर आयरन की कमी को दूर किया जा सकता है। साथ ही इसके कारण होने वाली एनीमिया की समस्या से भी बचा जा सकता है (12)

6. एनीमिया से करे बचाव

कॉर्न के फायदे में एनीनिया से बचाव भी शामिल है। हम ऊपर बता ही चुके हैं कि आयरन की कमी के कारण एनीमिया होने की आशंका रहती है। वहीं, भुट्टा के सेवन से शरीर में आयरन की कमी को पूरा किया जा सकता है (12)। बता दें कि आयरन की कमी के अलावा, विटामिन बी-12, फोलिक एसिड या कोई गंभीर बीमारी भी एनीमिया का कारण हो सकती है (13)। वहीं, भुट्टे में आयरन के साथ-साथ फोलिक एसिड/फोलेट और विटामिन बी-12 भी पाया जाता है, जो एनीमिया से निजात दिलाने में सहायक साबित हो सकता है (7)

7. हृदय स्वास्थ्य के लिए उपयोगी

भुने हुए मकई के दानों (पॉपकॉर्न) से संबंधित एक शोध में माना गया है कि इसमें उपस्थित फिनोलिक यौगिक एंटीऑक्सीडेंट गुण से समृद्ध होते हैं। इस गुण के कारण मकई हृदय रोग और हाई बीपी में राहत पहुंचाने का काम कर सकती है। वहीं, शोध में यह भी जिक्र मिलता है कि इस काम में मकई में मौजूद फेरुलिक एसिड अहम भूमिका निभाता है (14)

8. पाचन को करे दुरुस्त

पाचन शक्ति को बढ़ाने में भी भुट्टा खाने के फायदे सहायक हो सकते हैं। इस बात का प्रमाण मकई से संबंधित एक शोध में मिलता है। शोध में माना गया है कि मकई में मौजूद विटामिन-बी कॉम्प्लेक्स पाचन में सुधार का काम कर सकते हैं। वहीं, यह भी माना गया है कि मकई का सेवन पाचन में सहायक पाचक रस के उत्पादन को बढ़ाने का भी काम कर सकता है (2)। इस आधार पर यह कहना गलत नहीं होगा कि मकई का सेवन करने से पाचन तंत्र को मजबूत बनाने में मदद मिल सकती है।

9. कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करे

बढ़े हुए कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करने के लिए भी मकई का उपयोग सहायक साबित हो सकता है। मकई से संबंधित एक शोध में जिक्र मिलता ही कि मकई के तेल में लिनोलेइक एसिड मौजूद होता है। यह लिनोलेइक एसिड बढ़े हुए कोलेस्ट्रॉल को कम कर उसे नियंत्रित करने में मदद कर सकता है। इस आधार पर यह माना जा सकता है कि मकई का सेवन कर कुछ हद तक कोलेस्ट्रॉल के बढ़े स्तर को नियंत्रित करने में मदद मिल सकती है (2)

10. एनर्जी को बढ़ाए

एनर्जी बढ़ाने के मामले में भी मकई खाने के फायदे उपयोगी हो सकते हैं। दरअसल, अन्य जरूरी पोषक तत्वों के साथ ही मानव शरीर को ऊर्जा की भी आवश्यकता होती है। यह ऊर्जा ही तो है, जो इंसान को चलने-फिरने और काम करने में सक्षम बनाती है। बिना ऊर्जा मानव शरीर निर्जीव सा महसूस होने लगता है। ऐसे में ऊर्जा से भरपूर मकई का सेवन करना लाभकारी साबित हो सकता है (7)

11. अल्जाइमर में मददगार

भुट्टा के फायदे के बारे में बात करें, तो मकई या भुट्टा अल्जाइमर (भूलने की बीमारी) में भी काफी सहायक साबित हो सकता है। कारण है इसमें पाया जाने वाला विटामिन-ई, जो एक शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट भी है। इंटरनेशनल जर्नल ऑफ मोलिकुलर साइंसेज के एक शोध में इस बात को माना गया है। साथ ही यह भी बताया गया है कि अल्जाइमर की बीमारी में विटामिन-ई महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है (15)

12. हड्डियों को बनाए मजबूत

मकई खाने के फायदे में बोन हेल्थ भी शामिल है। मकई में मौजूद घुलनशील फाइबर हड्डियों के स्वास्थ्य के लिए अधिक फायदेमंद साबित होता है (16)। वहीं, मकई में सीधे तौर पर कैल्शियम भी पाया जाता है, जो हड्डियों को मजबूती प्रदान करने का काम करता है (7)। इसके अलावा, मकई से संबंधित एक अन्य शोध में भी जिक्र मिलता है कि इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट गुण बोन लॉस (हड्डियों का कमजोर होना) के जोखिम को कम कर सकते हैं (2)। ऐसे में यह माना जा सकता है कि मकई का सेवन हड्डियों के लिए भी लाभप्रद हो सकता है।

13. शारीरिक क्षमता बढ़ाए

मकई के फायदे पर किए गए शोध में शोधकर्ताओं ने पाया कि मकई या भुट्टा शारीरिक क्षमता को बढ़ाने में कारगर साबित हो सकता है। कारण यह है कि किसी भी शारीरिक गतिविधी को करने के लिए ऊर्जा की जरूरत होती, जिसका मुख्य स्रोत कार्बोहाइड्रेट है। चूंकि, लेख के शुरुआत में बताया गया है कि मकई कार्बोहाइड्रेट का अच्छा स्रोत है (7)। वहीं, कार्बोहाइड्रेट के सेवन से मसल्स ग्लाइकोजन की मात्रा बढ़ती है। इस तरह यह शारीरिक क्षमता को बढ़ाने में मददगार साबित हो सकता है (17)

14. त्वचा और बालों के लिए उपयोगी

विशेषज्ञों के मुताबिक मकई में विटामिन-बी कॉम्प्लेक्स पाया जाता है, जो त्वचा के साथ-साथ बालों के लिए भी लाभदायक है (2)। इसके अलावा, मकई में विटामिन-ए, डी, सी, ई, जिंक व आयरन जैसे पोषक भी मौजूद होते हैं (7)। इनमें से विटामिन डी, सी, जिंक व आयरन बालों के लिए और विटामिन-ए, डी, सी, ई त्वचा के बेहतर स्वास्थ्य के लिए अधिक महत्वपूर्ण माने जाते हैं (18) (19)। इसलिए, यह कहा जा सकता है कि त्वचा और बाल के बेहतर स्वास्थ्य के लिए मकई खाने के फायदे कारगर हैं।

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मकई खाने के फायदे जानने के बाद लेख के अगले भाग में अब हम आपको मकई के पोषक तत्वों के बारे में जानकारी देंगे।

मकई के पौष्टिक तत्व – Corn Nutritional Value in Hindi

नीचे दिए गए चार्ट के माध्यम से मकई में मौजूद सभी पोषक तत्वों के बारे में विस्तार से जाना जा सकता है (7)

पोषक तत्व>यूनिटमात्रा प्रति 100 ग्राम
पानीg76.3
एनर्जीKcal109
प्रोटीनg2.14
टोटल लिपिड (फैट)g5.46
कार्बोहाइड्रेटg15.32
फाइबर (टोटल डायट्री)g1.6
शुगरg7.15
मिनरल
कैल्शियमmg13
आयरनmg0.22
मैग्नीशियमmg12
फास्फोरसmg46
पोटेशियमmg121
सोडियमmg218
जिंकmg0.3
कॉपरmg0.028
सेलेनियमµg0.7
विटामिन
विटामिन सीmg1.5
थियामिनmg0.035
राइबोफ्लेविनmg0.089
नियासिनmg0.833
विटामिन बी-6mg0.303
फोलेट (डीएफई)µg30
विटामिन ए (आईयू)IU65
विटामिन ईmg1.6
विटामिन केµg7.3
लिपिड
फैटी एसिड (सैचुरेटेड)g1.166
फैटी एसिड (मोनोअनसैचुरेटेड)g1.742
फैटी एसिड (पॉलीअनसैचुरेटेड)g2.341

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लेख के अगले भाग में अब हम आपको मकई के उपयोग के बारे में बताएंगे।

मकई (कॉर्न) का उपयोग – How to Use Corn in Hindi

मकई के उपयोग की बात करें, तो इसे सुबह के नाश्ते में इस्तेमाल किया जा सकता है। कई लोग कॉर्न फ्लेक्स को दूध के साथ लेना पसंद करते हैं, तो वहीं, कुछ लोग इसका सूप बनाकर पीते हैं। अगर पॉप कॉर्न की बात की जाए, तो इसे स्नैक्स के तौर पर कहीं भी और कभी भी खाया जा सकता है। इसके अलावा, ठोस और मजबूत आहार की बात करें, तो सर्दियों में मक्के की रोटी चाव के साथ खाई जाती है।

आगे लेख में हम आपको मकई की दो आसान रेसिपी बताएंगे, जिसे आप आसानी से घर में बना सकते हैं।

1. स्वीट कॉर्न करी

Image: Shutterstock

सामग्री :

  • दो चम्मच पिघला हुआ मक्खन
  • एक चम्मच आम की चटनी
  • भुना हुआ करी पाउडर (स्वादानुसार)
  • 100 ग्राम मकई के दाने

बनाने का तरीका :

  • पहले कॉर्न के दानों को अच्छे से भून लें।
  • भुने हुए दानों को अलग प्लेट में रख लें।
  • अब मक्खन और आम की चटनी के साथ करी पाउडर को मिक्स करें।
  • बाद में भुने हुए मकई के दानों पर बनाए गए पेस्ट को अच्छे से फैला दें।

2. मसाला स्वीट कॉर्न

Image: Shutterstock

सामग्री :

  • उबले हुए कॉर्न (आवश्यकतानुसार)
  • एक चम्मच मक्खन
  • मसाला पाउडर (स्वादानुसार)

बनाने का तरीका :

  • किसी बर्तन में उबले हुए मकई के दाने निकाल लें।
  • इसके बाद उसमें एक चम्मच मक्खन डालें।
  • बाद में ऊपर से स्वादानुसार मसाला पाउडर डालें।
  • अब सभी को एक साथ अच्छे से मिक्स करें।
  • मिक्स होने के बाद आप इसे खाने के लिए सर्व कर सकते हैं।

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अगले भाग में अब हम मकई के चयन और उसे सुरक्षित रखने के बारे में जानेंगे।

मकई या भुट्टा का चयन और लम्बे समय तक सुरक्षित रखने का तरीका

मकई के चुनाव की बात करें, तो इन्हें खरीदते वक्त ध्यान रखना होगा कि यह ताजे हों और इन पर किसी तरह का दाग या धब्बा न दिखे। वहीं, नीचे दिए गए कुछ बिंदुओं के माध्यम से मकई को सुरक्षित रखने के बारे में आसानी से समझा जा सकता है।

  • कमरे के सामान्य तापमान पर ताजी मकई को तीन दिन तक रख कर इस्तेमाल किया जा सकता है।
  • अगर इन्हें तीन दिन में नहीं खाने वाले हैं, तो इन्हें प्लास्टिक से लपेट कर फ्रिज में रख कर करीब एक हफ्ते तक सुरक्षित किया जा सकता है।
  • वहीं, लंबे समय तक सुरक्षित रखने के लिए इसके दानों को अलग कर जिपर बैग में डालें और फ्रीजर में लगा दें।

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लेख के अगले भाग में अब हम आपको मकई की तासीर के बारे में बताएंगे।

मकई की तासीर कैसी होती है?

मकई की तासीर गर्म होती है, इसलिए इसे खाने के तुरंत बाद पानी न पीने की सलाह दी जाती है।

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लेख के अगले भाग में अब हम आपको मकई के नुकसान बताएंगे।

मकई या भुट्टा के नुकसान – Side Effects of Corn (Bhutta) in Hindi

जहां भुट्टा के फायदे ढेरों हैं, वहीं मकई के नुकसान भी हैं। इस पर जरूर ध्यान देना चाहिए।

  • जैसा कि लेख में पहले भी बताया गया है कि मकई उच्च फाइबर का एक अच्छा स्रोत है। वहीं, फाइबर की अधिक मात्रा पेट में दर्द, पेट का फूलना और कब्ज जैसी समस्या को न्योता दे सकती है। इसलिए, विशेषज्ञ वयस्कों को प्रतिदिन 25 से 30 ग्राम तक ही फाइबर लेने की सलाह देते हैं (20)
  • वहीं, कुछ मामलों में कॉर्न का अधिक उपयोग शरीर में पेलाग्रा (विटामिन बी-3 की कमी) पैदा कर सकता है (21)। बता दें पेलाग्रा में दस्त, त्वचा रोग और भ्रम की स्थिति पैदा हो सकती है।
  • मकई में पाया जाने वाला ग्लूटेन कई लोगों में स्किन एलर्जी का कारण भी बन सकता है (22)

अब तो आप मकई या भुट्टा के उपयोग, मक्का खाने के फायदे और नुकसान के बारे में अच्छी तरह जान गए होंगे। साथ ही आपको इस बात की भी जानकारी हो गई होगी कि नुकसान से अधिक भुट्टा के फायदे हैं। कई गंभीर बीमारियों में इसका उपयोग न केवल लाभकारी है, बल्कि यह आपको दवाओं के बोझ से भी मुक्त कर सकता है। इसलिए, भुट्टे को अपनी डाइट में शामिल कर सकते हैं। ध्यान रहे, अधिक सेवन से मकई के नुकसान भी हैं। इसलिए, हमेशा इसका सेवन सीमित मात्रा में ही करें। उम्मीद है कि इस लेख के माध्यम से आपको कई गंभीर बीमारियों को कंट्रोल करने में मदद मिलेगी।

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

क्या रोज मकई का सेवन किया जा सकता है?

हां, संतुलित मात्रा में मकई का सेवन रोज किया जा सकता है।

क्या रात में मकई का सेवन किया जा सकता है?

बिल्कुल, करीब 25 ग्राम तक मकई का सेवन रात में किया जा सकता है (23)

क्या मकई वजन बढ़ा सकती है?

हालांकि, मकई वजन कम करने में सहायक है, जिसके बारे में आपको लेख में पहले ही बताया जा चुका है। वहीं, इसमें अच्छी मात्रा में कैलोरी भी मौजूद होती है। इस कारण इसका अधिक सेवन कुछ मामलों में वजन बढ़ाने का काम भी कर सकता है।

क्या गर्भावस्था में मकई खाई जा सकती है?

मकई में कई ऐसे पोषक तत्व पाए जाते हैं, जो गर्भावस्था में उपयोगी हैं। इसलिए, बेशक इसे गर्भावस्था में खाया जा सकता है। इस संबंध में भी लेख में पहले ही जानकारी दी जा चुकी है।

References

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