Written by , (शिक्षा- बैचलर ऑफ जर्नलिज्म एंड मीडिया कम्युनिकेशन)

अनियमित दिनचर्या और असंतुलित आहार के कारण कई गंभीर बीमारियां व्यक्ति को अपनी गिरफ्त में ले लेती हैं। इन्हीं बीमारियों में से एक है फैटी लिवर की समस्या। वैसे तो यह समस्या बहुत आम है, लेकिन सही समय पर इसका पता न चल पाने के कारण यह भविष्य में गंभीर रूप धारण कर सकती है। ऐसे में स्टाइल क्रेज के इस लेख के माध्यम से हम फैटी लिवर के कारण और जोखिम कारक के साथ ही फैटी लीवर के लक्षण के बारे में भी बताएंगे। साथ ही यह भी जानने की कोशिश करेंगे कि फैटी लिवर का घरेलू उपचार क्या हो सकता है। फैटी लिवर के लक्षण, कारण और ट्रीटमेंट से जुड़ी जानकारी के लिए लेख को अंत तक पढ़ें।

स्क्रॉल करें

लक्षणों और जोखिम कारकों को जानने से पहले हम बात करेंगे फैटी लिवर के प्रकार के बारे में।

फैटी लिवर के प्रकार – Types of Fatty Liver in hindi

लीवर शरीर का सबसे महत्वपूर्ण अंग है, जो शरीर को भोजन पचाने में मदद करने के साथ ही ऊर्जा जमा करने और टॉक्सिक यानी हानिकारक पदार्थों को बाहर निकालने में मदद कर सकता है। यदि लीवर में वसा अधिक मात्रा में जमा हो जाता है, तो इस अवस्था को फैटी लीवर रोग कहते हैं। यह दो प्रकार के होते हैं (1):

1. नॉन एल्कोहलिक फैटी लीवर डिजीज (NAFLD): नॉन एल्कोहलिक फैटी लीवर एक प्रकार की लीवर की बीमारी है जो असंतुलित आहार के कारण हो सकती है, लेकिन यह शराब के कारण नहीं होती है। इसके अन्य कारण हो सकते हैं, जो कुछ इस प्रकार हैं:

  • साधारण फैटी लीवर, जिसमें लीवर में फैट होता है, लेकिन बहुत कम या किसी प्रकार की हल्की सूजन हो सकती है। साधारण फैटी लीवर आमतौर पर इतना गंभीर नहीं होता है, कि लीवर के लिए नुकसान या जटिलताएं पैदा कर सके।
  • नॉन एल्कोहलिक स्टीटोहेपेटाइटिस (एनएएसएच), जिसमें सूजन और लिवर के सेल्स यानी कोशिका की क्षति हो सकती है, साथ ही लिवर में फैट यानी कि वसा भी हो सकता है। सूजन और लिवर की कोशिका की क्षति लिवर में फाइब्रोसिस या निशान पैदा कर सकते हैं। जिससे सिरोसिस या लीवर कैंसर भी हो सकता है।

2. अल्कोहलिक फैटी लीवर रोग, (अल्कोहलिक स्टीटोहेपेटाइटिस): अल्कोहलिक फैटी लीवर रोग अत्यधिक शराब के सेवन के कारण होता है। लीवर पी जाने वाली अधिकांश शराब को शरीर से निकाल देता है, लेकिन इसे निकालने की प्रक्रिया हानिकारक पदार्थ उत्पन्न कर सकती है। ये पदार्थ लीवर की कोशिकाओं को नुकसान पहुंचा सकते हैं। साथ ही सूजन को बढ़ा सकते हैं और शरीर की प्राकृतिक सुरक्षा को कमजोर कर सकते हैं। व्यक्ति जितना अधिक शराब का सेवन करता है, उतना ही लीवर को नुकसान पहुंचता है। अल्कोहलिक फैटी लीवर रोग शराब से संबंधित लीवर रोग का प्रारंभिक चरण होता है। अगले चरण में अल्कोहलिक हेपेटाइटिस और सिरोसिस होते हैं।

पढ़ना जारी रखें

लेख के इस भाग में हम जानेंगे फैटी लिवर के कारण के बारे में।

फैटी लिवर के कारण – What Causes Fatty Liver in Hindi

बता दें कुछ मुख्य कारण हैं, जो फैटी लिवर की समस्या को बढ़ावा देने का काम कर सकते हैं। इन कारणों को हम कुछ बिन्दुओं के माध्यम सेबताने का प्रयास कर रहे हैं। फैटी लिवर के कारण कुछ इस प्रकार हैं (2):

  • एक्स्ट्रा कैलोरी– खाने में एक्स्ट्रा कैलोरी वाले आहार का अधिक सेवन लिवर में वसा का निर्माण कर सकता है। लिवर में वसा की यही अधिकता फैटी लिवर की समस्या को जन्म दे सकती है।
  • लिवर की कार्यक्षमता कम होना- फैटी लिवर होने के प्रमुख कारणों में यह वजह काफी अहम है। जब किसी कारण से लिवर की प्रक्रिया प्रभावित हो जाती है, तो वह वसा को तोड़ने की प्रक्रिया को अंजाम नहीं दे पाता। फलस्वरूप लिवर में अतरिक्त वसा का जमाव होने लगता है। इस कारण फैटी लिवर की समस्या पैदा हो सकती है।
  • विशेष बीमारियां– मोटापा, डायबिटीज और हाई-ट्राइग्लिसराइड्स (खून में पाया जाने वाला एक प्रकार का फैट) जैसी समस्याएं लिवर संबधी जोखिमों को बढ़ाने का कारण बन सकती हैं। ऐसे में इन स्थितियों में फैटी लिवर होने की संभावना अत्यधिक प्रबल हो जाती है।
  • शराब का सेवनशराब का अधिक सेवन करने से भी फैटी लिवर की समस्या हो जाती है। समय रहते इस पर कंट्रोल न किया जाए, तो लिवर पूरी तरह से खराब होने का जोखिम बढ़ सकता है।
  • तेजी से वजन घटाना- कई लोग तेजी से वजन घटाने के चक्कर में फैटी लिवर की समस्या को न्योता दे जाते हैं। कारण यह है कि लिवर पाचन प्रक्रिया में प्रमुख भूमिका निभाता है। जरूरी आहार न मिल पाने की स्थिति में लिवर की प्रक्रिया प्रभावित हो सकती है। फलस्वरूप लिया जाने वाला आहार सीधे वसा के रूप में लिवर में जमा हो सकता है।

नोट– कुछ लोगों में उपरोक्त दिए किसी भी कारण के न होने के बावजूद भी फैटी लिवर की समस्या पाई जा सकती है।

फैटी लिवर के कारणों के बाद अब बात करते हैं फैटी लीवर के लक्षण के बारे में।

फैटी लीवर के लक्षण – Symptoms of Fatty Liver in Hindi

आपको लेख में पहले ही बताया जा चुका है कि फैटी लिवर की समस्या बहुत आम है। इसलिए शुरुआती दिनों में फैटी लीवर के लक्षण दिखाई नहीं देते। जब फैटी लिवर के लक्षण नजर आते हैं तो बहुत देर हो चुकी होती है। विशेषज्ञों का मानना है कि नॉन एल्कोहलिक फैटी लिवर डिजीज कई सालों या दशकों तक बिना किसी लक्षण के लिवर को नुकसान पहुंचा सकता है। समस्या हद से ज्यादा बढ़ने की स्थिति में ही इससे संबंधित लक्षण दिखाई पड़ते हैं। इन्हें कुछ इस तरह पहचाना जा सकता है (2)।

  • थकान– फैटी लिवर के लक्षण में से एक यह है कि इसमें रोगी को अधिक थकान महसूस होती है। कारण यह है कि इस समस्या की वजह से रोगी में ऊर्जा की कमी होने लगती है।
  • वजन का घटनाफैटी लिवर पाचन प्रक्रिया को प्रभावित कर सकता है। इस कारण शरीर में आहार से मिलने वाले जरूरी पोषक तत्वों की कमी हो जाती है। नतीजतन फैटी लिवर के लक्षण के रूप में रोगी का वजन तेजी से गिर सकता है।
  • पेट की परेशानी– फैटी लिवर की समस्या पाचन प्रक्रिया में अवरोध पैदा करने का काम कर सकती है। इस वजह से रोगी में पेट संबंधी कई परेशानियां देखी जा सकती हैं।
  • कमजोरी– पोषक तत्वों की उचित मात्रा न मिल पाने के कारण फैटी लिवर से ग्रस्त व्यक्ति को हर समय कमजोरी का एहसास हो सकता है।
  • भ्रम का अनुभव– फैटी लिवर के लक्षण में कभी-कभी इस बीमारी से ग्रस्त रोगी में भ्रम या उलझन की स्थिति भी देखी जा सकती है।

कुछ अन्य लक्षण इस प्रकार हैं (3):

आगे लेख में हम जानेंगे फैटी लिवर से संबंधित जोखिम कारकों के बारे में।

फैटी लिवर के जोखिम कारक – Risk Factors of Fatty Liver in Hindi

फैटी लिवर के जोखिम कारकों की बात की जाए तो यह कई प्रकार के हैं। सही जानकारी और इनके प्रति सावधानी बरतने से काफी हद तक फैटी लिवर को बढ़ने से रोका जा सकता है। आइए इन कारकों पर एक नजर डालते हैं (3) (4) (1)।

आगे लेख में हम जानेंगे फैटी लिवर से छुटकारा दिलाने वाले कुछ घरेलू नुस्खों के बारे में।

फैटी लिवर के घरेलू इलाज – Home Remedies To Cure Fatty Liver in Hindi

किचन में कई ऐसी चीजें पाई जाती हैं, जो फैटी लिवर का इलाज करने में मदद कर सकती हैं। ध्यान रहे यहां बताए गए फैटी लीवर के उपचार फैटी लीवर के लक्षणों को कुछ हद तक कम कर सकते हैं। इन्हें पूरी तरह से फैटी लिवर का सटीक उपचार न समझें। तो आइए अब फैटी लिवर का घरेलू इलाज जानते हैं, जो कुछ इस प्रकार हैं:

1. हल्दी

सामग्री:

  • एक गिलास दूध
  • आधा चम्मच हल्दी

कैसे इस्तेमाल करें:

  • पहले दूध को गर्म करें।
  • उसमें आधा चम्मच हल्दी डालें।
  • उसे अच्छे से मिला लें।
  • चाहें तो दूध को गर्म करते वक्त भी उसमें हल्दी मिलाकर उबाल सकते हैं।
  • फिर हल्दी के इस दूध को पी लें।
  • इस प्रक्रिया को प्रतिदिन दोहराएं।

कैसे फायदेमंद है:

हल्दी का उपयोग लिवर से संबंधित बीमारियों की रोकथाम करने में किया जा सकता है। दरअसल एक रिसर्च में पाया गया कि हल्दी का उपयोग नॉनअल्कोहॉलिक फैटी लीवर की समस्या को कम करने में लाभदायक हो सकता है। रिसर्च में इस बात की पुष्टि की गई कि हल्दी में मौजूद करक्यूमिन नानॅअक्लोहॉलिक फैटी लीवर की समस्या को कुछ हद तक कम करने में मददगार हो सकता है (5)। हालांकि, इस विषय में अभी और शोध किए जाने की आवश्यकता है, लेकिन फैटी लीवर के लिए दवा के साथ, डॉक्टरी सलाह पर यह घरेलू नुस्खा आजमाया जा सकता है।

2. ग्रीन-टी

सामग्री:

  • एक ग्रीन-टी बैग या एक चम्मच ग्रीन टी
  • दो कप पानी

कैसे इस्तेमाल करें:

  • पहले एक पैन में दो कप पानी डालकर उसे उबलने के लिए रख दें।
  • एक बार उबाल आ जाने पर उसमें एक चम्मच ग्रीन-टी डालें।
  • एक बार फिर उबाल आने का इंतजार करें।
  • उबाल आने के बाद गैस बंद कर दें और ग्रीन टी को कप में छान लें।
  • अगर टी बैग के साथ ग्रीन टी बना रहे हैं तो पानी उबालकर कप में डाल लें।
  • फिर उसमें ग्रीन टी बैग को डिप कर दें।
  • मिठास के लिए इसमें आधा चम्मच शहद मिला सकते हैं।
  • ग्रीन टी का सेवन दिनभर में 1 बार तक किया जा सकता है।

कैसे फायदेमंद है:

फैटी लीवर की समस्या को कम करने के लिए ग्रीन टी का उपयोग भी लाभदायक हाे सकता है। एनसीबीआई (National Center for Biotechnology Information) की वेबसाइट पर प्रकाशित एक रिसर्च में इस बात का जिक्र किया गया है। रिसर्च में कहा गया है कि नॉन अल्कोहॉलिक फैटी एसिड की समस्या को कम करने के लिए ग्रीन टी उपयोगी साबित हो सकती है।

दरअसल, ग्रीन टी पॉलीफेनोलिक कैटेचिन से भरपूर होती है, जिसमें हाइपोलिपिडेमिक, थर्मोजेनिक, एंटीऑक्सिडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी प्रभाव होते हैं। साथ ही इसमें हेपटोप्रोटेक्टिव यानी लिवर को सुरक्षित रखने का भी गुण होता है। विशेषज्ञों के मुताबिक ग्रीन टी में पाए जाने वाले यह पॉलीफेनोलिक कैटेचिन और इसके गुण नॉन अल्कोहॉलिक फैटी लिवर के जोखिम को कम करने में मददगार साबित हो सकते हैं (6)।

3. सेब का सिरका

सामग्री:

  • एक चम्मच सेब का सिरका
  • एक चम्मच शहद
  • एक गिलास गर्म पानी

कैसे इस्तेमाल करें:

  • एक गिलास गर्म पाने में एक चम्मच सेब का सिरका मिलाएं।
  • इसके बाद उसमें एक चम्मच शहद डालें।
  • उसे अच्छी तरह मिलाएं।
  • अब इस मिश्रण का सेवन करें।
  • दिन में 1 से 2 बार इस प्रक्रिया को दोहराएं।

कैसे फायदेमंद है:

सेब के सिरके को फैटी लिवर से निजात पाने या बचाव के लिए अच्छा विकल्प माना जा सकता है। इस विषय पर हुए एक अध्ययन में पाया गया कि सेब के सिरके का उपयोग टेस्टोस्टेरोन को बढ़ाने में मददगार हो सकता है। टेस्टोस्टेरोन के बढ़ने पर नॉन अल्कोहॉलिक फैटी लीवर की समस्या को कुछ हद तक कम किया जा सकता है। इसके अलावा, शोध में इस बात का भी जिक्र मिलता है कि सेब के सिरके का उपयोग करने पर यह सीरम ट्राइग्लिसराइड, कोलेस्ट्रॉल, लीवर एंजाइम और ग्लूकोज के स्तर को कम करने में भी लाभदायक हो सकता है। जो कि फैटी लीवर की समस्या का कारण बन सकते हैं (7)।

4. नींबू

सामग्री:

  • आधा नींबू
  • एक गिलास पानी

कैसे इस्तेमाल करें:

  • एक गिलास गुनगुना पानी लें।
  • उसमें नींबू का रस मिलाएं।
  • नींबू मिले इस पानी को पी जाएं।
  • इस प्रक्रिया को दिन में 1 से 2 बार दोहराया जा सकता है।
  • आप नींबू का इस्तेमाल सलाद के साथ भी कर सकते हैं।

कैसे फायदेमंद है:

एनसीबीआई की वेबसाइट पर प्रकाशित शोध में इस बात का जिक्र मिलता है कि नींबू में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट और हेपटोप्रोटेक्टिव गुण, शराब के सेवन से होने वाले लिवर की समस्या के लिए प्रभावकारी हो सकता है (8)। इतना ही नहीं, नींबू में सिट्रिक एसिड प्रचुर मात्रा में पाया जाता है, जो एक कारगर एंटीऑक्सीडेंट है। शोधकर्ताओं के मुताबिक नींबू में पाया जाने वाला यह गुण फैटी लिवर के दौरान होने वाली ऑक्सीडेशन प्रक्रिया को रोकने का काम कर सकता है। इसलिए ऐसा कहा जा सकता है कि फैटी लीवर का इलाज करने के लिए लीवर की समस्या को कुछ हद तक कम किया जा सकता है। इसके अलावा, शोध में इस बात का भी जिक्र मिलता है कि में लाया जा सकता है (9)।

5. आंवला

सामग्री:

  • दो आंवलें
  • एक गिलास पानी
  • एक चम्मच शहद

कैसे इस्तेमाल करें:

  • आंवले के बीज निकालकर उसके टुकड़े कर लें।
  • आंवले के टुकड़े और पानी को ग्राइंडर में डालकर अच्छे से ग्राइंड कर लें।
  • फिर इसे छानकर अलग कर लें।
  • इसमें एक चम्मच शहद मिलाकर इसका सेवन करें।
  • इस प्रक्रिया को दिन में 1 से 2 बार दोहराया जा सकता है।
  • आप सीधे कच्चा आंवला या आंवले का मुरब्बा भी खा सकते हैं।

कैसे फायदेमंद है:

विशेषज्ञों के मुताबिक आंवले में कुछ ऐसे गुण पाए जाते हैं, जो लिवर के लिए सहायक प्रोटीन को बढ़ाने का काम कर सकते हैं। यह सहायक प्रोटीन लिपिड संबंधी चयापचय (मेटाबोलिज्म) क्रिया को तेज कर लिवर संबंधी जोखिमों को कम करने में मदद कर सकते हैं। इसलिए ऐसा माना जा सकता है कि आंवले का उपयोग फैटी लिवर की समस्या से बचाव या निजात पाने का एक बेहतर विकल्प साबित हो सकता है (10)। इसके साथ ही आंवला का उपयोग लिवर कैंसर के जोखिम को भी कम करने में सहायक हो सकता है (11)।

6. करेला

सामग्री:

  • दो करेले
  • नींबू का रस (आवश्यकतानुसार)
  • नमक स्वादानुसार
  • 1 गिलास पानी

कैसे इस्तेमाल करें:

  • करेले के छोटे-छोटे टुकड़े कर लें।
  • इन टुकड़ों में से बीज निकालकर अलग कर दें।
  • अब इन टुकड़ों पर नमक लगाएं, ताकि इनकी कड़वाहट कुछ कम हो सके।
  • इसे आधे घंटे के लिए ऐसे ही छोड़ दें।
  • इसके बाद करेले को ग्राइंडर या जूसर में पानी के साथ डालें और अच्छे से ग्राइंड कर लें।
  • बाद में तैयार हुए जूस को कपड़े या छन्नी की मदद से छान लें।
  • इसमें आवश्यकतानुसार नींबू का रस और नमक मिलाकर पी जाएं।
  • इस प्रक्रिया को प्रतिदिन एक बार दोहराएं।

कैसे फायदेमंद है:

विशेषज्ञों के मुताबिक करेले में इन्फ्लामेशन और ऑक्सीडेटिव तनाव को रोकने के गुण पाए जाते हैं। साथ ही इसमें फैटी लिवर का कारण बनने वाले लिपिड को नियंत्रित करने की क्षमता भी होती है। यह मोटापे की वजह से होने वाले फैटी लिवर के जोखिम को कम करने में सहायक हो सकता है (12)। साथ ही यह लिवर को डिटॉक्सीफाई कर सकता है और इसका एंटी ट्यूमर गुण लिवर कैंसर के जोखिम को भी कम कर सकता है (13)। इसलिए करेले का उपयोग फैटी लीवर से बचाव या लक्षणों को कम करने के लिए किया जा सकता है।

7. व्हीट ग्रास

सामग्री:

  • 8 से 10 व्हीट ग्रास
  • एक गिलास पानी

कैसे इस्तेमाल करें:

  • व्हीट ग्रास को अच्छे से धो लें।
  • अब व्हीट ग्रास और पानी को ग्राइंडर में डालें और अच्छे से ग्राइंड कर लें।
  • बाद में इसे सूती कपड़े या छन्नी की मदद से छान लें।
  • अब इसे तुरंत पी जाएं।
  • ध्यान रहे, इसमें नींबू या नमक बिलकुल न डालें।
  • इस प्रक्रिया को दिन में 2 से 3 बार दोहराएं।

कैसे फायदेमंद है:

विशेषज्ञों द्वारा किए गए शोध में पाया गया है कि व्हीट ग्रास में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट गुण फैटी लिवर की समस्या से पीड़ित मरीजों के लिए लाभदायक साबित हो सकता है। यह गुण लिवर को साफ करने में सहायक हो सकता है। साथ ही किए गए शोध में यह भी पाया गया कि शराब के सेवन के कारण होने वाली फैटी लिवर की समस्या को दूर करने में भी व्हीट ग्रास का उपयोग काफी लाभदायक साबित हो सकता है (14)।

8. अलसी का बीज

सामग्री:

  • एक चम्मच अलसी के बीज का पाउडर
  • एक गिलास गर्म पानी
  • नींबू का रस (स्वाद के लिए)
  • शहद (स्वाद के लिए)

कैसे इस्तेमाल करें:

  • अलसी के बीज के पाउडर को गर्म पानी में डालें।
  • उसे अच्छे से मिलाएं।
  • इस मिश्रण में स्वादानुसार नींबू का रस और शहद मिलाएं।
  • फिर इसे पी जाएं।
  • इस प्रक्रिया को दिन में 1 बार दोहराया जा सकता है।

कैसे फायदेमंद है:

एक शोध में विशेषज्ञों ने पाया कि अलसी के बीज में पाए जाने वाले खास पोषक तत्व फैटी लिवर की समस्या को दूर करने में सहायक साबित हो सकते हैं। इसलिए ऐसा कहा जाता है कि फैटी लिवर की समस्या को कुछ हैड तक कम करने में अलसी का बीज मददगार साबित हो सकता है। हालांकि, इसके साथ जीवनशैली में बदलाव, नियमित दवा व स्वस्थ खानपान भी जरूरी है (15)।

9. फलों का सेवन

फैटी लिवर की समस्या में फलों के सेवन की बात करें तो इनका इस्तेमाल आपको इस समस्या से छुटकारा दिलाने में मददगार साबित हो सकता है। कारण यह है कि फलों में पाए जाने वाले डायट्री फाइबर्स मोटापे की समस्या से निजात दिलाने में सहायक हो सकते हैं। वहीं लेख में आपको पहले ही बताया जा चुका है कि मोटापा फैटी लिवर के लिए एक बड़ा जोखिम कारक माना जाता है। ऐसे में फलों के इस्तेमाल से मोटापे को कंट्रोल कर काफी हद तक फैटी लिवर की समस्या से राहत पाई जा सकती है (16)। इतना ही नहीं फैटी लिवर के डाइट में ज्यादा से ज्यादा फलों को शामिल करने की सलाह भी दी जाती है (1)।

10. अदरक

सामग्री:

  • अदरक का एक टुकड़ा
  • एक कप गर्म पानी
  • शहद (स्वादानुसार)

कैसे इस्तेमाल करें:

  • एक कप गर्म पानी में अदरक के टुकड़े को डालें।
  • पांच से दस मिनट के लिए उसे ऐसे ही छोड़ दें।
  • चाहें तो एक पैन में पानी उबालने के लिए रखें और उसी में अदरक का टुकड़ा डाल दें।
  • फिर इसे एक कप में छान लें।
  • अदरक की कड़वाहट को कम करने के लिए स्वादानुसार शहद डालें।
  • शहद को अच्छे से मिलाने के बाद इस अदरक की चाय का सेवन करें।
  • इस चाय का सेवन दिनभर में 1 बार करें।

कैसे फायदेमंद है:

एनसीबीआई की वेबसाइट पर प्रकाशित शोध के अनुसार कुछ हफ्तों तक अदरक के सप्लिमेंट्स के सेवन का सकारात्मक प्रभाव नॉन अल्कोहोलिक फैटी लिवर की समस्या में देखा गया। विशेषज्ञों के मुताबिक अदरक में शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट और हाइपोलिपिडेमिक यानी कोलेस्ट्रॉल को कम करने वाले गुण पाए जाते हैं। इसलिए ऐसा माना जा सकता है कि फैटी लिवर का उपचार करने में अदरक का उपयोग प्रभाव लाभकारी साबित हो सकते हैं ।

11. एलोवेरा

सामग्री:

  • एलोवेरा की दो पत्तियां
  • आधा गिलास पानी
  • नमक (स्वादानुसार)

कैसे इस्तेमाल करें:

  • सबसे पहले एलोवेरा की पत्तियों को धो लें।
  • अब एलोवेरा की पत्तियों से गूदे वाले भाग को अलग कर लें।
  • ध्यान रहे उसमें मौजूद पीले रंग का पदार्थ (लैटेक्स) को हटा दें।
  • उसे ग्राइंडर में डालें और उसमें आधा गिलास पानी मिलाएं।
  • उसे अच्छे से ग्राइंड करें।
  • तैयार हुए जूस में स्वादानुसार नमक डाल कर पी जाएं।
  • दिनभर में एक बार इसका सेवन करें।

कैसे फायदेमंद है:

एलोवेरा का उपयोग फैटी लीवर की समस्या में फायदेमंद हो सकता है। जैसे कि हमने लेख की शुरुआत में ही जानकारी दी है कि मधुमेह व मोटापा फैटी लिवर के जोखिम कारकों में से एक है। ऐसे में एंटी हाइपरग्लिसेमिक यानी ग्लूकोज को कम करने का प्रभाव लिवर से जुड़ी समस्याओं में बचाव कर सकता है (17)। साथ ही एलोवेरा का एंटी इन्फ्लेमेटरी और एंटीऑक्सीडेंट गुण लिवर संबंधी समस्याओं व सूजन के जोखिम को कम कर सकते हैं (18)।

12. पपीता

सामग्री:

  • पपीते के पांच से छह टुकड़े
  • आधा गिलास दूध

कैसे करें इस्तेमाल:

  • पपीते के टुकड़ों को ग्राइंडर में दूध के साथ डालें।
  • उसे अच्छे से मिक्स होने दें।
  • फिर तैयार हुए पपीता मिल्क शेक को पी लें।
  • चाहें तो पके पपीते का सेवन भी कर सदकते हैं।

कैसे फायदेमंद है:

फैटी लीवर की समस्या में पपीता का उपयोग भी लाभदायक हो सकता है। इस विषय में हुई रिसर्च के विशेषज्ञों के मुताबिक पपीता में हेपेटोप्रोटेक्टिव, हाइपोलिपिडेमिक, एंटीइन्फ्लेमेटरी और एंटीऑक्सिडेंट गुण पाए जाते हैं। पपीता में पाए जाने वाले ये प्रभाव फैटी लिवर की समस्या में लाभदायक हो सकते हैं। इस रिसर्च के आधार पर ऐसा कहा जा सकता है कि पपीते का उपयोग इस समस्या में फायदेमंद साबित हो सकता है (19)।

13. प्याज

सामग्री:

  • प्याज के चार टुकड़े

कैसे इस्तेमाल करें:

  • प्याज के चार टुकड़े सुबह शाम खाने के साथ सेवन करें।
  • किसी भी सामान्य आहार को तैयार करने में प्याज को शामिल करें।
  • खाने के साथ सलाद बनाकर भी इसका उपयोग किया जा सकता है।

कैसे फायदेमंद है:

स्वास्थ्य के लिए प्याज के फायदे कई सारे हैं। उन्हीं में फैटी लिवर से बचाव भी शामिल है। दरअसल, इस विषय में मौजूद शोध में इस बात का जिक्र मिलता है कि प्याज का सेवन फैटी लिवर के जोखिम व इसके लक्षणों को कुछ हद तक कम कर सकता है। ऐसे में कहा जा सकता है कि फैटी लिवर से बचाव के लिए प्याज को डाइट में शामिल करना अच्छा विकल्प हो सकता है (20)।

14. मुलेठी

सामग्री:

  • आधा चम्मच (छोटा) मुलेठी के बीज का चूर्ण
  • आधा कप गर्म पानी

कैसे इस्तेमाल करें:

  • आधे कप गर्म पानी में मुलेठी का चूर्ण डालें।
  • उसे 10 मिनट के लिए ऐसे ही छोड़ दें।
  • फिर उसे छान कर पी लें।
  • इस प्रक्रिया को एक सप्ताह तक प्रतिदिन दोहराएं।
  • फिर कुछ हफ्ते के अंतराल के बाद इस प्रक्रिया को दोहराएं।

कैसे फायदेमंद है:

इस संबंध में किए गए शोध के आधार पर विशेषज्ञों का मानना है कि मुलेठी का उपयोग शराब के अधिक सेवन से पैदा हुई फैटी लिवर की समस्या से राहत दिलाने का काम कर सकता है। बताया जाता है कि इसमें पाए जाने वाले एंटी इंफ्लेमेटरी और एंटीऑक्सीडेंट गुण इस समस्या से निजात दिलाने में सक्षम माने जाते हैं। साथ ही इसके पीछे हेपटोप्रोटेक्टिव यानी लिवर को सुरक्षित रखने गुण भी प्रभावकारी हो सकता है (21)।

नोट– मुलेठी का उपयोग सर्दियों के दिनों में करने से बचना चाहिए। कारण है, इसकी ठंडी तासीर। साथ ही इसकी मात्रा से जुड़ी जानकारी के लिए विशेषज्ञ की सलाह लें।

15. टमाटर

सामग्री:

  • दो टमाटर

कैसे इस्तेमाल करें:

  • टमाटर को सलाद के रूप में इस्तेमाल कर सकते हैं।
  • टमाटर के टुकड़े काटकर इसे सीधे भी खाया जा सकता है।
  • खाद्य पदार्थों को बनाते वक्त इसे शामिल करें।
  • सूप या चटनी बनाकर भी इसका इस्तेमाल किया जा सकता है।

कैसे फायदेमंद है:

विशेषज्ञों के मुताबिक टमाटर में पाया जाने वाला खास तत्व लाइकोपीन (Lycopene) शराब के उपयोग से लिवर में आने वाली सूजन और क्षति को ठीक करने में सहायक साबित हो सकता है। इस कारण यह कहा जा सकता है कि फैटी लिवर की समस्या को कम करने या उससे बचाव में टमाटर का उपयोग लाभकारी साबित हो सकता है (22)। इसके साथ ही टमाटर लिवर को डिटॉक्सीफाई करने में सहायक हो सकता है। इतना ही नहीं इसमें मौजूद सल्फर लिवर को सुरक्षित रखने में उपयोगी हो सकता है। ऐसे में टमाटर को लिवर के लिए एक उपयोगी खाद्य पदार्थ माना जा सकता है (23)।

नोट– विशेषज्ञों का मानना है कि शराब के सेवन के साथ टमाटर का उपयोग हानिकारक साबित हो सकता है।

16. मिल्क थिसल

सामग्री:

  • एक से दो छोटा चम्मच मिल्क थिसल टी
  • एक कप गर्म पानी
  • शहद (स्वाद के लिए)

कैसे इस्तेमाल करें:

  • आधा कप गर्म पानी में एक या दो चम्मच मिल्क थिसल टी डालें।
  • पांच से 10 मिनट के लिए उसे ऐसे ही छोड़ दें।
  • उसमें थोड़ा शहद (स्वाद के लिए) मिलाएं और पी लें।
  • इस प्रक्रिया को दिन में दो से तीन बार दोहराएं।

कैसे फायदेमंद है:

विशेषज्ञों के मुताबिक मिल्क थिसल में सिलीमरीन नाम का एक खास तत्व पाया जाता है। इस तत्व में एंटीऑक्सीडेंट और डिटॉक्सिफाइंग गुण होते हैं, जो सिरोसिस (लिवर संबंधित बीमारी) के जोखिम को कम करने में सहायक साबित हो सकते हैं। इसके साथ ही यह तत्व शराब सेवन के कारण लिवर पर पड़े हानिकारक प्रभाव को कुछ हद तक तक कम करने में सहायक हो सकता है। इस वजह से ऐसा कहा जा सकता है कि मिल्क थिसल का उपयोग फैटी लिवर की समस्या से निजात पाने में लाभकारी सिद्ध हो सकता है (24)।

17. छाछ

सामग्री:

  • दो कप फेंटा हुआ दही
  • एक चुटकी भुना हुआ जीरा पाउडर
  • आधा चम्मच काला नमक
  • 4 कप ठंडा पानी

कैसे इस्तेमाल करें:

  • एक बाउल में पानी को छाेड़कर सभी सामग्रियों को अच्छी तरह से मिलाकर फेंट लें।
  • इसके बाद इसमें पानी को मिलाएं अच्छी तरह से मिला लें।
  • यदि जरूरत हो तो ऊपर से स्वाद के लिए चाट मसाला डाल सकते हैं।
  • अब इसे गिलास में डालकर सर्व करें।
  • चाहें तो इसमें धनिया पत्ती भी डाल सकते हैं।
  • रोजाना भोजन के बाद एक गिलास छाछ का सेवन करें।

कैसे फायदेमंद है:

फैटी लिवर की समस्या में छाछ का उपयोग लाभदायक हाे सकता है। दरअसल, इस विषय पर हुए एक शोध के मुताबिक छाछ में प्रोबायोटिक्स और प्रीबायोटिक्स पाए जाते हैं। छाछ में पाए जाने वाले ये बैक्टीरिया लिवर में होने वाली सूजन को कम करने में मददगार हो सकते हैं। इससे हम यह कह सकते हैं कि छाछ का सेवन फैटी लिवर के लक्षणों को कम करने में फायदेमंद हो सकता है। फैटी लिवर की डाइट में भी छाछ को शामिल करने की सलाह दी जा सकती है (25)।

18. नारियल पानी

सामग्री:

  • एक नारियल पानी वाला

कैसे इस्तेमाल करें:

  • रोजाना एक नारियल पानी का सेवन करें।

कैसे फायदेमंद है:

नारियल पानी का उपयोग ना सिर्फ गर्मियों में प्यास बुछाने और डिहाईड्रेशन की समस्या के लिए किया जा सकता है, बल्कि यह फैटी लिवर को कम करने में भी मददगार हो सकता है। जैसे कि हमने जानकारी दी है कि मधुमेह फैटी लिवर का एक कारण हो सकता है। ऐसे में इससे बचाव के लिए डाइट में नारियल पानी को शामिल किया जा सकता । दरअसल, नारियल पानी में मौजूद मैनिटोल और सोर्बिटोल शुगर को कम कर लिवर को स्वस्थ रखने में सहायक हो सकते हैं (26)।

साथ ही यह लिवर डैमेज के जोखिम को भी कम कर सकता है (27)। हालांकि, यह फैटी लिवर का उपचार है या नहीं इस विषय में अभी शोध की आवश्यकता है। हां, दवाइयों के साथ डॉक्टरी सलाह पर नारियल पानी को भी डाइट का हिस्सा बना सकते हैं।

फैटी लिवर का घरेलू उपचार के बारे में जानने के बाद अब हम इस समस्या के निदान के बारे में बात करेंगे।

फैटी लिवर का निदान – Diagnosis of Fatty Liver in Hindi

फैटी लिवर का निदान आसान नहीं है। इसका कारण यह है कि, शुरुआती दिनों में फैटी लिवर के कोई भी लक्षण नजर नहीं आते। हां, यह जरूर हो सकता है कि किसी समस्या के लिए डॉक्टर के पास जाएं और उसे उस समस्या को देखकर शक हो जाए कि मरीज फैटी लिवर की समस्या से परेशान है। इस बात की पुष्टि के लिए वह कुछ टेस्ट करा सकते हैं। जिनके माध्यम से इस बीमारी के होने का पता आसानी से लगाया जा सकता है। आइए फैटी लिवर के निदान के लिए किए जाने वाले सभी टेस्ट को क्रमवार समझते हैं (1) (3)।

  • मेडिकल हिस्ट्री का परीक्षण।
  • ब्लड टेस्ट जैसे – कम्प्लीट ब्लड काउंट टेस्ट।
  • अल्ट्रा साउंड करने की सलाह दे सकते हैं।
  • लिवर में वसा की मात्रा और कठोरता संबंधी जांच।
  • संदेह गहरा होने पर पुष्टि के लिए बायोप्सी सहित विभिन्न परीक्षण।
  • पुष्टि होने की स्थिति में शराब सेवन से संबंधित सवाल, ताकि पता कर सके कि बीमारी एल्कोहलिक फैटी लिवर है या नॉन एल्कोहलिक फैटी लिवर।
  • यदि आप पहले से किसी दवा का नियमित सेवन कर रहे हैं तो उससे बारे में आपसे पूछा जाएगा। यह जानने के लिए कि कहीं कोई खास दवा इस बीमारी का कारण न बन रही हो।
  • शारीरिक जांच में वजन और ऊंचाई का परीक्षण किया जाएगा। यह जानने के लिए कि कहीं मोटापा इसकी वजह तो नहीं।

अंत तक पढ़ें

फैटी लिवर का निदान जानने के बाद अब हम बात करेंगे फैटी लिवर के उपचार के बारे में।

फैटी लिवर का इलाज – Treatment of Fatty Liver in Hindi

फैटी लिवर का इलाज की बात की जाए तो अभी तक इसकी कोई निश्चित दवा या इलाज नहीं पाया गया है। चिकित्सक केवल इस समस्या से बचने के तरीके और उपाय की जानकारी दे सकते हैं। वहीं समस्या बढ़ जाने की स्थिति में आपको ऑपरेशन या लिवर ट्रांसप्लांट की सलाह दी जा सकती है, क्योंकि लास्ट स्टेज पर यही मात्र विकल्प शेष रह जाते हैं। आइए कुछ बिन्दुओं के माध्यम से उन उपायों के बारे में जानते हैं, जिन्हें फैटी लिवर ट्रीटमेंट के दौरान चिकित्सक द्वारा अपनाने की सलाह दी जाती है (1) (28)।

  • यदि शराब पीने के आदि है तो उसका उपयोग बंद करने की सलाह दे सकते हैं।
  • बढ़े हुए केलेस्ट्रोल को कम करने के तरीकों को अपनाकर उसकी मात्रा को नियंत्रित करने की सलाह दी जा सकती है।
  • यदि आप मोटापे के शिकार हैं तो वजन घटाने का प्रयास करें
  • फिजिकल एक्टिविटी की सलाह दी जा सकती है।
  • कुछ खानों से परहेज करने की सलाह दी जा सकती है।
  • वजन कम करने के चक्कर में खाना-पीना न छोड़ें अन्यथा जोखिम बढ़ सकता है।
  • यदि शुगर के मरीज है तो आपको उसे नियंत्रित करने वाली दवा लेने की सलाह दी जा सकती है।
  • यदि डायबिटिक नहीं है और नॉन एल्कोहलिक फैटी लिवर की समस्या से परेशान है तो विटामिन ई लेने की सलाह दी जा सकती है।
  • आहार संबंधित सलाह दी जा सकती है, जिसे अपना कर फैटी लिवर की समस्या में राहत पाई जा सकती है।
  • कुछ स्थितियों में दवा भी दी जा सकती है।

आगे है कुछ खास

फैटी लिवर के उपचार के बाद जानते हैं इसके लिए आहार में क्या लें और किसका परहेज करें।

फैटी लिवर के लिए आहार – Diet For Fatty Liver in Hindi

फैटी लिवर होने पर खानपान पर विशेष ध्यान रखने और फैटी लिवर डाइट चार्ट बनाने की जरूरत होती है। इसलिए इस भाग में हम जानेंगे कि फैटी लिवर होने पर क्या खाना चाहिए और क्या नहीं। शुरुआत करते हैं कि फैटी लिवर होने पर क्या खाना चाहिए (29) (1)।

फैटी लिवर होने पर कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाले खाद्य पदार्थ खाने चाहिए, जैसे कि:

  • फल
  • सब्जियां
  • साबुत अनाज

फैटी लिवर में क्या खाना चाहिए इसे जानने के बाद इस बात की जानकारी भी जरूरी कि इस समस्या में किन चीजों का परहेज करना जरूरी होता है। इसके बारे में हम नीचे बता रहे हैं (29)।

  • अल्कोहल
  • एडेड शुगर
  • फ्राइड फूड
  • व्हाइट ब्रेड
  • सफेद चावल
  • पास्ता
  • नमक (30)
  • रेड मीट (31)

नीचे स्क्रॉल करें

अब बात करते हैं फैटी लिवर की समस्या से राहत पाने के लिए की जाने वाली एक्सरसाइज के बारे में।

फैटी लिवर के लिए एक्सरसाइज – Exercises For Fatty Liver in Hindi

जैसे कि लेख कि शुरुआत में ही जानकारी दी गई है कि वजन बढ़ना या मोटापा भी फैटी लिवर का जोखिम कारक हो सकता है। ऐसे में हल्के-फुल्के एक्सरसाइज से वजन को संतुलित रखकर इसके जोखिम को कम किया जा सकता है। बता दें हाई इंटेंसिटी के साथ कम मात्रा में की गई एक्सरसाइज (एरोबिक्स) और कम इंटेंसिटी के साथ अधिक एक्सरसाइज (एरोबिक्स) की जाती है, तो दोनों ही उपयोगी हो सकते हैं। इसके अलावा, कुछ व्यायाम इस प्रकार हैं (28) (32):

  • मॉर्निंग वॉक
  • जॉगिंग

नोट: इस स्थिति में व्यायाम से ज्यादा एरोबिक्स प्रभावकारी हो सकता है। हालांकि, इस दौरान एक्सरसाइज से जुड़ी जानकारी के लिए डॉक्टर की राय भी जरूर लें। फिर किसी विशेषज्ञ की देखरेख में ही व्यायाम करें।

पढ़ते रहें

अब समय है फैटी लिवर से बचने के उपाय के बारे में जानने का।

फैटी लिवर से बचने के उपाय – Prevention Tips for Fatty Liver in Hindi

फैटी लिवर से बचने के उपाय कुछ इस प्रकार हैं (2) (3)।

  • शारीरिक पोषण का ध्यान रखते हुए मोटापा कम करें।
  • आहार और दवा दोनों के माध्यम से बढ़ी हुई ट्रिगलिसिराइड की मात्रा को कम करें।
  • शराब से दूरी बनाकर रखें।
  • डायबिटीज की समस्या को नियंत्रित करें।
  • संतुलित और स्वस्थ आहार का इस्तेमाल करें।
  • शारीरिक गतिविधियों (फिसिकल एक्टिविटी) पर ध्यान दें
  • अपने चिकित्सक से लगातार संपर्क में रहें।
  • वजन संतुलित रखें।

अब तो आप फैटी लिवर की समस्या, लक्षण और इलाज के बारे में अच्छे से जान गए होंगे। लेख में आपको इस समस्या से निजात पाने के कई घरेलू उपचारों के बारे में बताया गया है। वहीं इसके निदान और इससे बचाव के भी विस्तृत तरीके लेख के माध्यम से सुझाए गए हैं। ऐसे में यदि कोई भी फैटी लिवर की समस्या से पीड़ित है तो लेख में दी गई फैटी लिवर का घरेलू उपचार और अन्य सभी जानकारियों को अच्छे से पढ़ें और फिर उन्हें अमल में लाएं। आशा करते हैं कि फैटी लिवर का इलाज का यह लेख आपको फैटी लिवर की समस्या से राहत दिलाने में मददगार साबित होगा।

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल:

फैटी लीवर को ठीक करने का सबसे तेज तरीका क्या है?

फैटी लिवर की समस्या को ठीक करने में सबसे तेज तरीका है कि इसके कारणों से बचने और खानपान का पूरा ध्यान रखना जरूरी है। साथ ही डॉक्टर के द्वारा बताई गई सावधानियों को ध्यान में रखते हुए फैटी लिवर उपचार के लिए दवाओं का सेवन करना चाहिए।

क्या फैटी लीवर को पूरी तरह से ठीक किया जा सकता है?

नहीं, फैटी लिवर को पूरी तरह से ठीक नहीं किया जा सकता है (33)।

फैटी लीवर कितना गंभीर है?

नॉन अल्कोहलिक फैटी लिवर वालों के लिए समस्या ज्यादा गंभीर नहीं होती है और इसे फैटी लीवर के घरेलू उपचार द्वारा कुछ हद तक नियंत्रित किया जा सकता है, लेकिन अल्कोहलिक फैटी लिवर में कई गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं की आशंका हो सकती है। जिसमें लिवर का कैंसर, हृदय रोग, मृत्यु और मधुमेह की समस्याएं प्रमुख है (33)।

फैटी लीवर को ठीक करने में कितना समय लगता है?

फैटी लिवर की समस्या को नियंत्रित होने में लगभग 12 सप्ताह तक का समय लग सकता है, हालांकि, पूरी तरह से ठीक होना समस्या की गंभीरता पर निर्भर करता है (34)।

References

Articles on StyleCraze are backed by verified information from peer-reviewed and academic research papers, reputed organizations, research institutions, and medical associations to ensure accuracy and relevance. Read our editorial policy to learn more.

  1. Fatty Liver Disease
    https://medlineplus.gov/fattyliverdisease.html
  2. Liver – fatty liver disease
    https://www.betterhealth.vic.gov.au/health/conditionsandtreatments/liver-fatty-liver-disease
  3. Nonalcoholic fatty liver disease
    https://medlineplus.gov/ency/article/007657.htm
  4. Risk factors for NAFLD
    https://www.ncbi.nlm.nih.gov/books/NBK384735/
  5. Efficacy of curcumin/turmeric on liver enzymes in patients with non-alcoholic fatty liver disease: A systematic review of randomized controlled trials
    https://pubmed.ncbi.nlm.nih.gov/30949432/
  6. Therapeutic potential of green tea in nonalcoholic fatty liver disease
    https://pubmed.ncbi.nlm.nih.gov/22221215/
  7. Beneficial effect of apple vinegar on reproductive parameters in male rat model of nonalcoholic fatty liver disease
    https://pubmed.ncbi.nlm.nih.gov/29923211/
  8. Protective Effects of Lemon Juice on Alcohol-Induced Liver Injury in Mice
    https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC5439254/
  9. Citric Acid Effects on Brain and Liver Oxidative Stress in Lipopolysaccharide-Treated Mice
    https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC4026104/
  10. Amla prevents fructose-induced hepatic steatosis in ovariectomized rats: role of liver FXR and LXRα
    https://pubmed.ncbi.nlm.nih.gov/24940994/
  11. Indian Gooseberry (Amla) Natural Purgative
    https://www.ijart.info/uploads/8/1/9/3/81936804/tewani_et._al_2017.pdf
  12. Bitter gourd inhibits the development of obesity-associated fatty liver in C57BL/6 mice fed a high-fat diet
    https://pubmed.ncbi.nlm.nih.gov/24523491/
  13. Medicinal and nutritional importance of bitter melon (Momordica charantia L): A review article
    https://www.phytojournal.com/archives/2018/vol7issue3S/PartH/SP-7-3-47-591.pdf
  14. Effect of wheatgrass on membrane fatty acid composition during hepatotoxicity induced by alcohol and heated PUFA
    https://pubmed.ncbi.nlm.nih.gov/24706101/
  15. Flaxseed supplementation in non-alcoholic fatty liver disease: a pilot randomized open labeled controlled study
    https://pubmed.ncbi.nlm.nih.gov/26983396/
  16. Fruit Fiber Consumption Specifically Improves Liver Health Status in Obese Subjects under Energy Restriction
    https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC5537782/
  17. Therapeutic and Medicinal Uses of Aloe vera: A Review
    https://www.researchgate.net/publication/262698658_Therapeutic_and_Medicinal_Uses_of_Aloe_vera_A_Review
  18. Anti-inflammatory and anti-oxidant effects of aloe vera in rats with non-alcoholic steatohepatitis
    https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC7407916/
  19. Papaya improves non-alcoholic fatty liver disease in obese rats by attenuating oxidative stress
    inflammation and lipogenic gene expression
  20. The Effects of Onion Consumption on Prevention of Nonalcoholic Fatty Liver Disease
    https://pubmed.ncbi.nlm.nih.gov/29371773/
  21. Hepatoprotective effect of licorice the root of Glycyrrhiza uralensis Fischer
    in alcohol-induced fatty liver disease
  22. Tomato lycopene prevention of alcoholic fatty liver disease and hepatocellular carcinoma development
    https://pubmed.ncbi.nlm.nih.gov/30603740/
  23. Tomato-A Natural Medicine and Its Health Benefits
    https://www.phytojournal.com/vol1Issue1/Issue_may_2012/3.pdf
  24. Milk thistle in liver diseases: past present future
    https://pubmed.ncbi.nlm.nih.gov/20564545/
  25. Dietary and Pharmacological Treatment of Nonalcoholic Fatty Liver Disease
    https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC6571590/
  26. Therapeutic and Nutritional Values of Narikelodaka (Tender Coconut Water) -A Review
    https://www.researchgate.net/publication/279626208_Therapeutic_and_Nutritional_Values_of_Narikelodaka_Tender_Coconut_Water_-A_Review
  27. HEALTH BENEFITS OF TENDER COCONUT WATER (TCW)
    https://www.researchgate.net/publication/330825517_HEALTH_BENEFITS_OF_TENDER_COCONUT_WATER_TCW
  28. Treatment for NAFLD & NASH
    https://www.niddk.nih.gov/health-information/liver-disease/nafld-nash/treatment
  29. Eating Diet & Nutrition for NAFLD & NASH
    https://www.niddk.nih.gov/health-information/liver-disease/nafld-nash/eating-diet-nutrition
  30. Dietary Sodium and Health: More Than Just Blood Pressure
    https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC5098396/
  31. Association of Meat and Fat Intake With Liver Disease and Hepatocellular Carcinoma in the NIH-AARP Cohort
    https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC2935477/
  32. High-intensity exercise offers no additional benefit to moderate-intensity exercise in reducing liver fat in patients with non-alcoholic fatty liver disease
    https://www.researchgate.net/publication/317340264_High-intensity_exercise_offers_no_additional_benefit_to_moderate-intensity_exercise_in_reducing_liver_fat_in_patients_with_non-alcoholic_fatty_liver_disease
  33. Definition & Facts of NAFLD & NASH
    https://www.niddk.nih.gov/health-information/liver-disease/nafld-nash/definition-facts
  34. The effect of the Spanish Ketogenic Mediterranean Diet on nonalcoholic fatty liver disease: a pilot study
    https://pubmed.ncbi.nlm.nih.gov/21688989/
Was this article helpful?
thumbsupthumbsdown
The following two tabs change content below.

ताज़े आलेख