यूरिन इन्फेक्शन (यूटीआई) के कारण, लक्षण और घरेलू इलाज – Home Remedies for UTI in Hindi

Written by , BA (Journalism & Media Communication) Saral Jain BA (Journalism & Media Communication)
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मूत्र मार्ग में होने वाले संक्रमण को यूरिन ट्रैक इन्फेक्शन यानी यूटीआई कहते हैं। इसमें किडनी, मूत्राशय, गर्भाशय और मूत्रमार्ग शामिल होते हैं। यह आम संक्रमण है। वैज्ञानिक शोध के अनुसार 50 से 60 प्रतिशत महिलाओं को अपने जीवनकाल में कम से कम एक बार तो यूरिन इन्फेक्शन होता ही है और पुरुषों के मुकाबले महिलाओं में यह ज्यादा होता है (1)। स्टाइलक्रेज के इस लेख में हम यूरिन इन्फेक्शन के कारण और उसके इलाज के बारे में बात करेंगे। साथ ही हम यह भी बताएंगे कि आप घरेलू नुस्खों की मदद से यूरिन इन्फेक्शन का इलाज कैसे करते हैं।

शुरू करते हैं लेख

सबसे पहले जानेंगे यूरिन इन्फेक्शन के कारण क्या-क्या हैं।

यूरिन इन्फेक्शन होने के कारण – Causes of UTI in Hindi

यूरिन इन्फेक्शन का मुख्य कारण बैक्टीरिया माना जाता है, जो मूत्रमार्ग से होते हुए मूत्राशय में प्रवेश करता है। यह संक्रमण आमतौर पर मूत्राशय में विकसित होता है, लेकिन यह किडनी में भी फैल सकता है। अधिकतर मामलों में यह इन्फेक्शन अपने आप ही ठीक हो जाता है। हालांकि, कुछ स्थितियों में यूरिन इन्फेक्शन की संभावना बढ़ सकती है, जिन्हें इसके कारणों के रूप में देखा जाता है। यह स्थितियां कुछ इस प्रकार हैं (2):

  • मधुमेह की समस्या
  • उम्र या फिर ऐसी स्थितियां जो देखभाल की आदतों को प्रभावित करती हैं (जैसे अल्जाइमर रोग और डेलीरियम (एक प्रकार का मानसिक रोग))
  • मूत्राशय को पूरी तरह से खाली करने में समस्या होना
  • यूरिनरी कैथेटर होना (मूत्राशय से मूत्र को बाहर निकालने वाली विशेष ट्यूब)
  • आंत से जुड़ी समस्या
  • मूत्र के प्रवाह में रूकावट (जैसे- बढ़े हुए प्रोस्टेट, संकुचित मूत्रमार्ग)
  • किडनी स्टोन
  • लंबे समय तक स्थिर रहना ( खासकर जब कोई हिप फ्रैक्चर से उबर रहा हो)
  • गर्भावस्था के दौरान
  • मूत्र पथ से जुड़ी सर्जरी या अन्य प्रक्रिया

यूरिन इन्फेक्शन के कारण जानने के बाद अब हम यूरिन इन्फेक्शन के लक्षण जानेंगे।

यूरिन इन्फेक्शन के लक्षण – Symptoms of UTI in Hindi

यूरिन इन्फेक्शन के लक्षण महिलाओं और पुरुषों में अलग-अलग हो सकते हैं। यहां हम क्रमवार तरीके से यूरिन इन्फेक्शन सिम्पटम का जिक्र कर रहे हैं (2):

  • मूत्र का गाढा होना, मूत्र में खून आना या फिर उसके रंग में बदलाव होना (जैसे-पीला), जिसमें दुर्गंध हो सकती है।
  • कुछ लोगों को हल्का बुखार हो सकता है।
  • यूरिन के साथ दर्द या जलन होना।
  • पेट के निचले हिस्से या पीठ में ऐंठन।
  • पेशाब करने के बाद भी पेशाब का महसूस होना।

इसके अलावा अगर संक्रमण किडनी में फैलता है तो इस प्रकार के लक्षण दिख सकते हैं (2):

  • ठंड लगना
  • रात को पसीना आना
  • थकान
  • बीमार महसूस होना
  • 101° F से ऊपर बुखार होना
  • पीठ या कमर में दर्द
  • त्वचा का लाल या गर्म होना
  • मानसिक परिवर्तन या भ्रम (मुख्य रूप से बुजुर्गों में ये लक्षण दिखाई देते हैं)
  • मतली और उल्टी
  • कभी-कभी पेट में तेज दर्द होना

बने रहें हमारे साथ

आगे हम यूरिन इन्फेक्शन के घरेलू उपाय बता रहे हैं।

यूरिन इन्फेक्शन कम करने के लिए घरेलू उपाय – Urine Infection Treatment In Hindi At Home

नीचे दिए गए घरेलू उपायों को प्रयोग में लाने से यूरिन ट्रैक इन्फेक्शन से राहत मिल सकती है। मगर, उससे पहले हम स्पष्ट कर दें कि यहां बताए गए उपाय इस बीमारी का इलाज नहीं हैं। यह केवल समस्या के लक्षणों को कम करने में मदद कर सकते हैं। तो चलिए लेख में आगे बढ़कर यूरिन इन्फेक्शन का घरेलू इलाज करने के लिए किन-किन चीजों को इस्तेमाल में लाया जा सकता है, यह जान लेते हैं।

1. करोंदे (क्रेन बेरी) का जूस

सामग्री :

  • 100 ग्राम क्रैनबेरी
  • एक कप पानी
  • एक चम्मच शहद

उपयोग करने का तरीका :

  • करोंदों को अच्छी तरह से धो लें।
  • एक पैन में एक कप पानी उबालें।
  • अब पानी में धुले हुए करोंदें डाल दें और मध्यम आंच पर 10-15 मिनट के लिए ढक कर उबलने दें।
  • अच्छी तरह उबलने के बाद करोंदों को एक छन्नी में डालकर चम्मच से धीरे-धीरे दबाकर उनका रस निकालें।
  • अच्छी तरह ठंडा हो जाने के बाद जूस को एक गिलास में डालकर शहद मिला कर पिएं।

कैसे है फायदेमंद :

इन्फेक्शन इन यूरिन से राहत पाने के लिए क्रेन बेरी जूस लाभकारी हो सकता है। इससे जुड़े शोध में इस बात की जानकारी मिलती है कि क्रेन बेरी जूस का नियमित सेवन करने से यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन से राहत मिल सकती है। दरअसल, इसमें मौजूद फ्लेवोनोइड यूरिन इन्फेक्शन पैदा करने वाले बैक्टीरिया को संक्रमण फैलाने से रोकने में मदद कर सकते हैं (3)। यही कारण है कि यूरिन इन्फेक्शन का घरेलू उपचार करोंदे के जूस की मदद से किया जा सकता है।

2. पानी

सामग्री :

  • पानी
  • नमक (वैकल्पिक)

उपयोग करने का तरीका :

  • रोजाना कम से कम आठ गिलास पानी पिएं।
  • अगर चाहें तो इसमें चुटकी भर नमक भी मिला सकते हैं।

कैसे है फायदेमंद :

यूरिन इन्फेक्शन के घरेलू उपचार के लिए पानी का उपयोग बेहद लाभकारी माना जा सकता है। एक रिसर्च के मुताबिक, पर्याप्त मात्रा में पानी पीने से शरीर हाइड्रेट रहता है। साथ ही इससे यूरिन में भी बढ़ोतरी होती है। ऐसे में मूत्र के माध्यम से बैक्टीरिया यूरिनरी ट्रैक से बाहर निकल सकता है (4)। इस आधार पर माना जा सकता है कि पानी का सेवन भी यूरिन इन्फेक्शन के घरेलू उपाय के लिए लाभकारी हो सकता है।

3. सेब का सिरका

सामग्री:

  • दो चम्मच सेब का सिरका
  • एक चम्मच शहद
  • आधे नींबू का रस
  • एक कप पानी

उपयोग करने का तरीका :

  • एक कप पानी में सेब का सिरका, शहद और नींबू का रस मिला कर पिएं।
  • यूरिन इन्फेक्शन के इलाज के लिए दिन में तीन बार इस मिश्रण को पी सकते हैं।

कैसे है फायदेमंद :

सेब के सिरके का उपयोग भी यूरिन इन्फेक्शन होम रेमेडीज में शामिल है। दरअसल, सेब के सिरके में पोटैशियम की मात्रा पाई जाती है, जो यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन के बैक्टीरिया को बढ़ने से रोकने में मदद कर सकता है। साथ ही यह संक्रमण से लड़ने के लिए प्राकृतिक एंटी-बायोटिक (बैक्टीरियाओं को मारने वाला) की तरह भी काम कर सकता है। यही नहीं, इसमें मौजूद एसिटिक एसिड बैक्टीरिया को खत्म कर संक्रमण से राहत दिलाने में कारगर साबित हो सकता है । इसके अलावा सेब का सिरका एक बेहतर डिटॉक्सिफायर के रूप में भी काम कर सकता है, जो शरीर के विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में मदद कर सकता है (3)।

4. बेकिंग सोडा

सामग्री :

  • एक चम्मच बेकिंग सोडा
  • एक गिलास पानी

उपयोग करने का तरीका :

  • एक चम्मच बेकिंग सोडा को एक गिलास पानी में मिला कर पिएं।

कैसे है फायदेमंद :

बार बार यूरिन इन्फेक्शन होना बहुत कष्टदायक हो सकता है। इसके लिए बेकिंग सोडा का इस्तेमाल लाभकारी हो सकता है। दरअसल, बेकिंग सोडा पेशाब में एसिड की मात्रा को कम करके दर्द से राहत दिला सकता है। साथ यह सक्रमंण को फैलने से रोकने में भी मदद कर सकता है (3)। वहीं एक अन्य शोध के मुताबिक, बेकिंग सोडा बार-बार तीव्रता से और रात को ज्यादा पेशाब आने की समस्या से भी राहत दिला सकता है (5)। इस आधार पर यूरिन इन्फेक्शन का घरेलू इलाज करने के लिए बेकिंग सोडा एक बेहतर विकल्प साबित हो सकता है।

5. टी ट्री ऑयल

सामग्री:

  • टी ट्री ऑयल की 10 बूंदें
  • गरम पानी से भरा बाथ टब
  • एक चौथाई कप चंदन तेल

उपयोग करने का तरीका :

  • बाथ-टब में टी ट्री ऑयल की कुछ बूंदें डालकर उसमें कुछ देर बैठें।
  • इसके अलावा, चंदन के तेल में टी ट्री ऑयल की कुछ बूंदें मिलाकर मूत्राशय के पास वाली जगह पर ऊपर से मालिश भी कर सकते हैं।

कैसे है फायदेमंद :

टी ट्री ऑयल की मदद से भी यूरिन इन्फेक्शन का घरेलू उपचार किया जा सकता है। बता दें कि टी ट्री ऑयल एंटी-बैक्टीरियल गुण से समृद्ध होते हैं, जो मूत्राशय संक्रमण पैदा करने वाले बैक्टीरिया के खिलाफ प्रभावी हो सकते हैं। इस बात की पुष्टि मूत्र संक्रमण से संबंधित घरेलू उपायों से जुड़े एक शोध से होती है (3)। ऐसे में यह कहना गलत नहीं होगा कि यूरिन इन्फेक्शन के घरेलू उपाय के लिए टी ट्री ऑयल बेहद लाभकारी हो सकता है।

6. ब्लू बेरी जूस

सामग्री:

  • 100 ग्राम ब्लू बेरी
  • आधा नींबू का रस
  • एक कप पानी

उपयोग करने का तरीका :

  • ब्लू बेरी को अच्छी तरह से धोकर मिक्सर में डालकर पीस लें।
  • पीसते समय इसमें एक कप पानी मिला सकते हैं।
  • अच्छी तरह पिस जाने के बाद इसे एक छन्नी में डालें और गूदे को दबा-दबा कर रस निकालें।
  • गिलास भर जाने पर इसमें नींबू का रस मिला कर पिएं।
  • अगर चाहें तो यूरिन ट्रैक इन्फेक्शन से राहत पाने के लिए रोज सुबह इसे सीरल्स में मिला कर भी खा सकते हैं।

कैसे है फायदेमंद :

ब्लू बेरी में बैक्टीरियोस्टेटिक (बैक्टीरियाओं को पनपने से रोकने वाला) गुण होते हैं, जो यूरिनरी ट्रैक इन्फेक्शन से लड़ने में मदद करते हैं। साथ ही यूटीआई इंफेक्शन का कारण बनने वाले बैक्टीरिया को बढ़ने से रोकने में भी मदद कर सकती है। वहीं इसमें मौजूद विटामिन-सी पेशाब के सहारे बैक्टीरिया को शरीर से बाहर निकालने में सहायक हो सकता है। इसके अलावा ब्लू बेरी रोग प्रतिरोधक क्षमता को भी बढ़ा सकती है (3)। इस आधार पर यह कहा जा सकता है कि दादी माँ के नुस्खे फॉर यूरिन इन्फेक्शन के तौर पर ब्लू बेरी जूस पिया जा सकता है।

7. विटामिन-सी

सामग्री:

  • विटामिन-सी से भरपूर फल जैसे मौसंबी, नारंगी, ब्रोकली, बेल पेपर, फूलगोभी, पालक व टमाटर आदि।

उपयोग करने का तरीका :

  • विटामिन-सी से भरपूर फल और सब्जियों को अपने आहार में शामिल करें।

कैसे है फायदेमंद :

यूरिन प्रॉब्लम होम रेमेडी के लिए विटामिन सी युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन भी लाभकारी हो सकता है। दरअसल, विटामिन सी एक पोषक तत्व है, जो जैविक एजेंटों को अपग्रेड करके संक्रमण से लड़ने में मदद कर सकता है। एक शोध के मुताबिक, यूटीआई इंफेक्शन की समस्या से राहत के लिए हर घंटे 2 ग्राम विटामिन सी लेने की सलाह दी जाती है (3)। यही कारण है कि यूरीन इंफेक्शन के लक्षण को कम करने के लिए विटामिन सी का सेवन फायदेमंद हो सकता है।

8. अनानास

सामग्री:

  • एक कप अनानास

उपयोग करने का तरीका :

  • अनानास को मिक्सर में डाल कर अच्छी तरह पीसकर उसका गूदा बना लें।
  • अब गूदे को छन्नी में डालकर चम्मच से दबा-दबा कर उसका जूस निकाल लें।
  • जूस को गिलास में डाल कर उसका सेवन करें।
  • आप चाहें तो एक कप अनानास को साबुत भी खा सकते हैं।

कैसे है फायदेमंद :

यूरिन इन्फेक्शन का घरेलू इलाज अनानास की मदद से भी किया जा सकता है। एक शोध के मुताबिक, अनानास में मौजूद ब्रोमलेन एंजाइम एंटी-इंफ्लेमेटरी (सूजन को कम करने वाला) गुण प्रदर्शित करता है, जो यूरिन इन्फेक्शन के लक्षण को कम कर सकता है (3)। ऐसे में यूरिन इन्फेक्शन सिम्पटम्स को कम करने के लिए भी अनानस का उपयोग लाभकारी हो सकता है।

9. ग्रीन टी

सामग्री:

  • एक कप गरम पानी
  • एक ग्रीन टी बैग
  • एक चम्मच शहद

उपयोग करने का तरीका :

  • एक कप गरम पानी में थोड़ी देर के लिए एक ग्रीन टी बैग डाल दें।
  • फिर बैग को कप से निकाल लें।
  • अब इसमें एक चम्मच शहद मिला कर इसका सेवन करें।

कैसे है फायदेमंद :

वैज्ञानिक शोध के अनुसार, ग्रीन टी में एंटीमाइक्रोबियल गुण होते हैं, जो बैक्टीरियाओं को खत्म करने में कारगर साबित हो सकते हैं। शोध में जिक्र मिलता है कि ग्रीन टी न सिर्फ घरेलू तौर पर यूरिन इन्फेक्शन का इलाज करती है, बल्कि उसे पैदा होने से भी रोकने में मदद कर सकती है (6)। ऐसे में दादी माँ के नुस्खे फॉर यूरिन इन्फेक्शन के लिए ग्रीन टी का उपयोग भी लाभकारी हो सकता है।

10. नींबू का रस

सामग्री:

  • एक कप गुनगुना पानी
  • आधे नींबू का रस

उपयोग करने का तरीका :

  • एक कप गुनगुने पानी में नींबू का रस मिला कर रोज सुबह खाली पेट पिएं।

कैसे है फायदेमंद :

नींबू का उपयोग भी यूरिन इन्फेक्शन का घरेलू इलाज करने में मददगार साबित हो सकता है। एनसीबीआई की साइट पर मौजूद रिसर्च के मुताबिक, नींबू में एंटीमाइक्रोबियल गुण होता है। नींबू का यह गुण संक्रमण फैलाने वाले बैक्टीरिया को जड़ से खत्म करने में मदद कर सकता है। इस कारण नींबू यूरिन इन्फेक्शन का इलाज करने में मदद कर सकता है (7)।

11. नारियल का तेल

सामग्री:

  • दो से तीन चम्मच नारियल का तेल

उपयोग करने का तरीका :

  • अपने आहार में दो से तीन चम्मच नारियल के तेल को शामिल करें।

कैसे है फायदेमंद :

दादी माँ के नुस्खे फॉर यूरिन इन्फेक्शन के लिए नारियल का तेल भी उपयोगी हो सकता है। बता दें कि नारियल के तेल में ओमेगा-3 फैटी एसिड की भरपूर मात्रा होती है (8)। वहीं, एक वैज्ञानिक शोध के अनुसार ओमेगा 3-फैटी एसिड में एंटी-इन्फ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो पेशाब में इन्फेक्शन का इलाज करने में सहायक हो सकते हैं (9)। इसके अलावा नारियल का तेल सीधे तौर पर मूत्र मार्ग संक्रमण का कारण बनने वाले बैक्टीरियाओं को भी बढ़ने से रोकने में मदद कर सकता है (10)। इस आधार पर मूत्र मार्ग संक्रमण से राहत पाने के लिए नारियल तेल को उपयोगी माना जा सकता है।

12. लसहुन

सामग्री :

  • लसहुन की दो कलियां
  • आधा चम्मच ऑलिव ऑयल

उपयोग करने का तरीका :

  • लहसुन छिल लें और उन्हें कद्दूकस कर लें।
  • लसहुन में ओलिव ऑयल मिला कर, उसका सेवन करें।

कैसे है फायदेमंद :

पेशाब में इन्फेक्शन के लक्षण को कम करने के लिए लहसुन का इस्तेमाल भी प्रभावी हो सकता है। बता दें कि लहसुन में एंटी-ऑक्सीडेंट और एंटी-इन्फ्लेमेटरी गुण पाए जाते हैं, जो यूरिन इन्फेक्शन के कारण हो रही जलन और दर्द कम कर सकते हैं। वैज्ञानिक शोध के अनुसार, यह बार-बार पेशाब आने की समस्या से आराम दिलाने में भी मदद करता है। साथ ही लहसुन का उपयोग बार-बार होने वाले मूत्र संक्रमण से भी बचाव किया जा सकता है। इसके अलावा यह बार-बार और तीव्रता से पेशाब आने और दर्द से आराम दिलाने में मदद कर सकता है (3)।

13. दही

सामग्री:

  • 1 कप दही

उपयोग करने का तरीका :

  • रोज भोजन के बाद एक कप दही खाएं।

कैसे है फायदेमंद :

दादी माँ के नुस्खे फॉर यूरिन इन्फेक्शन के लिए दही का उपयोग भी बेहतर विकल्प साबित हो सकता है। एनसीबीआई की साइट पर पब्लिश रिसर्च के मुताबिक, दही में प्रोबायोटिक्स (पाचन में सहायक अच्छे बैक्टीरिया) तत्व पाए जाते हैं। यह प्रोबायोटिक्स शरीर को मूत्र संक्रमण के खतरे से बचाने में मदद कर सकते हैं (1)। इस आधार पर यह माना जा सकता है कि दही की मदद से भी यूरिन इन्फेक्शन का घरेलू इलाज किया जा सकता है।

14. पार्सले चाय

सामग्री :

  • पार्सले (अजमोद) चाय के दो गुच्छे
  • चार कप पानी

उपयोग करने का तरीका :

  • पार्सले चाय की पत्तियों को बारीक-बारीक काट लें।
  • अब पानी को उबलने के लिए रखें और उबाला आ जाने पर इसमें कटी हुई पत्तियां मिला दें।
  • पत्तियों को 15 मिनट तक उबालें।
  • उबल जाने के बाद पानी को एक कप में छान लें और उसे पिएं।
  • जब तक यूरिन इन्फेक्शन का इलाज पूरी तरह से न हो जाए, इसे रोज दिन में दो बार पिएं।

कैसे है फायदेमंद :

पार्सले चाय में मूत्रवर्धक प्रभाव होता है, जिससे यूरिन इन्फेक्शन के बैक्टीरिया को मूत्र के जरिए बाहर निकालने में मदद मिल सकती है। साथ ही इसमें एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होता है, जो यूरिन इन्फेक्शन के कारण हो रही जलन और दर्द को कम करने में मदद कर सकता है (11)। ऐसे में यूरिन इन्फेक्शन ट्रीटमेंट एट होम के लिए पार्सले चाय का उपयोग लाभकारी साबित हो सकता है।

15. गोल्डन सील

सामग्री :

  • गोल्डन सील के कैप्सूल या रस

उपयोग करने का तरीका :

  • डॉक्टर के निर्देशानुसार कैप्सूल का सेवन कर सकते हैं।

कैसे है फायदेमंद :

एनसीबीआई की साइट पर मौजूद रिसर्च के अनुसार, गोल्डन सील बेर्बेरिन में समृद्ध होते हैं। जिसका उपयोग कई प्रकार के बैक्टीरिया ( जैसे – ई. कोलाई और प्रोटियस) के खिलाफ किया जा सकता है। यही नहीं, इस शोध में साफ तौर से इस बात का जिक्र मिलता है कि पेशाब में इन्फेक्शन का इलाज करने के लिए गोल्डन सील का इस्तेमाल भी फायदेमंद साबित हो सकता है (12)।

16. उवा उर्सी

सामग्री :

  • उवा उर्सी की सूखी हुई पत्तियां
  • चाय

उपयोग करने का तरीका :

  • उवा उर्सी की सूखी हुई पत्तियों को रात भर के लिए पानी में भिगो दें।
    अगली सुबह चाय बनाते समय इसे चाय पत्ती के साथ चाय में डाल सकते हैं।

कैसे है फायदेमंद :

यूरिन इन्फेक्शन का आयुर्वेदिक इलाज करने के लिए उवा उर्सी का उपयोग किया जा सकता है। दरअसल, यह एक औषधीय पौधा है, जिसका इस्तेमाल पुराने समय से यूरिन इन्फेक्शन ट्रीटमेंट के लिए प्राकृतिक औषधि के रूप में प्रयोग किया जाता रहा है। इस में एंटीसेप्टिक (बैक्टीरिया को नष्ट करने वाला) गुण होते हैं, जो यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन से लड़ने में मदद कर सकते हैं (3)। यही कारण है कि यूरिन इन्फेक्शन के घरेलू उपाय के लिए उवा उर्सी इस्तेमाल भी कारगर साबित हो सकता है।

17. डी’मेनोस (D’Mannose)

यह एक प्रकार की शक्कर होती है, जो बिल्कुल क्रेनबेरी की तरह ई.कोली (यूरिन इन्फेक्शन फैलाने वाला बैक्टीरिया) से चिपक जाती है और पेशाब के जरिए बैक्टीरिया को बाहर निकाल देती है। यह मूत्र संक्रमण के इलाज के लिए एंटी-बायोटिक के रूप में काम करता है (13)। यूरिन इन्फेक्शन मेडिसिन के लिए इसे कैप्सूल के रूप में किसी भी दवाई की दुकान से अपने डॉक्टर के निर्देशनुसार ले सकते हैं।

18. पिको-सिल्वर सॉल्यूशन

यूरिन इन्फेक्शन की दवा के लिए पिको-सिल्वर सॉल्यूशन का इस्तेमाल भी लाभकारी हो सकता है। यह 99 प्रतिशत शुद्ध चांदी के तत्वों से बनी हुई एक दवा है, जो बाजार में इसी नाम से उपलब्ध है। चांदी में एंटी-बैक्टीरियल गुण होते हैं, जो संक्रमण के बैक्टीरिया से लड़ने में मदद करते हैं (14)। इस आधार पर यूरिन इन्फेक्शन का घरेलू इलाज करने के लिए पिको-सिल्वर सॉल्यूशन लाभकारी हो सकता है।

19. आंवला

सामग्री:

  • 100 ग्राम आंवला
  • एक चुटकी काला नमक

उपयोग करने का तरीका :

  • आंवला के छोटे-छोटे टुकड़े कर लें और मिक्सर में अच्छी से पीस लें।
  • अच्छी तरह गूदा बन जाने के बाद छन्नी में निकालकर चम्मच की मदद से दबा कर रस निकाल लें।
  • रस को गिलास में डालकर एक चुटकी नमक डाल कर पिएं।

कैसे काम करता है:

यूरीन इंफेक्शन ट्रीटमेंट एट होम के लिए आंवले का उपयोग भी लाभकारी हो सकता है। बता दें कि आंवला को विटामिन-सी का अच्छा स्रोत माना गया है (15)। जैसा कि हमने लेख में बताया कि विटामिन-सी में मौजूद एंजाइम संक्रमण से लड़ते हैं और मूत्र संक्रमण के कारण टिशू को हो रहे नुकसान से निजात दिलाने में मदद करते हैं (3)। इसके अलावा आंवला में एंटी माइक्रोबियल गुण भी मौजूद होते हैं, जो मूत्र मार्ग संक्रमण का कारण बनने वाले बैक्टीरियाओं को पनपने से रोकने में मदद कर सकते हैं (16)।

20. लौंग का तेल

सामग्री:

  • एक छोटा चम्मच साबुत लौंग
  • एक बड़ा चम्मच ओलिव ऑयल
  • ऑरेगैनो ऑयल की पांच बूंदें
  • एसेंशियल ऑयल की 10 बूंदें

उपयोग करने का तरीका :

  • एक ओखल और मूसल की मदद से लौंग को एकदम कूटकर पाउडर बना लें।
  • अब लौंग के इस पाउडर में एक चम्मच ओलिव ऑयल मिला दें।
  • फिर इस तेल को बोतल में डालकर उसमें ऑरेगैनो ऑयल और एसेंशियल ऑयल (myrrh oil) मिला लें।
  • रात को सोने से पहले इस मिश्रण से अपने तलवों पर मसाज करें।
  • मसाज करने के बाद मोजे पहन कर सो जाएं।

कैसे है फायदेमंद :

लौंग के तेल में एंटीमाइक्रोबियल (बैक्टीरियाओं से लड़ने वाला), एंटी-फंगल (फंगल से लड़ने वाला), एंटी-वायरल (वायरल संक्रमण से लड़ने वाला) और रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाले गुण होते हैं। इन सभी गुणों के संयुक्त प्रभाव के कारण लौंग का तेल घरेलू तौर पर यूरिन इन्फेक्शन का इलाज करने में सहायक हो सकता है। साथ ही यह मूत्र संक्रमण के कारण हो रही जलन और सूजन से आराम दिलाने में भी कारण हो सकता है (3)।

और भी है बहुत कुछ

दादी माँ के नुस्खे फॉर यूरिन इन्फेक्शन के बाद हम यूरिन इन्फेक्शन की जटिलताओं के बारे में बात करेंगे।

यूरिन इन्फेक्शन के जोखिम और जटिलताएं – UTI Risks & Complications in Hindi

आइए अब हम ये जानते हैं कि मूत्र संक्रमण से भविष्य में क्या-क्या जटिलताएं आ सकती है (2):

  • यूरिन इन्फेक्शन से भविष्य में सेप्सिस (जानलेवा रक्त संक्रमण) भी हो सकता है। जवान, बूढ़े और उन लोगों को इस इन्फेक्शन के होने की ज्यादा आशंका रहती है, जिनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता किसी कारण से खत्म हो गई हो जैसे – एचआईवी ग्रस्त मरीज।
  • किडनी संक्रमण
  • किडनी का पूरी तरह से खराब हो जाना

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लेख के अंत में हम यूरिन इन्फेक्शन से बचने के उपाय और तरीकों के बारे में बता रहे हैं।

यूरिन इन्फेक्शन से बचने के उपाय – Prevention Tips for UTI in Hindi

नीचे बताये गए उपायों से यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन से बचा जा सकता है (17) (18):

  • शारीरिक संबंध के बाद फौरन पेशाब करने जाएं।
  • अच्छी तरह से हाइड्रेटेड रहें और नियमित रूप से पेशाब करें।
  • नहाने के बजाय शावर लें।
  • जननांग क्षेत्र में स्प्रे या पाउडर का इस्तेमाल कम से कम करें।
  • यूरीन को कभी न रोकें।
  • मलद्वार व योनी के आसपास के क्षेत्र को हमेशा साफ रखें, ताकि वहां बैक्टीरिया न पनपने सकें।
  • सूती अंडरवियर का ही इस्तेमाल करें। इसके अलावा ज्यादा टाइट अंडरवियर पहनने से बचें।

यूरिन इन्फेक्शन के लक्षण से इस समस्या को पकड़ना बहुत आसान है। याद रखें लेख में बताए गए नुस्खों के अलावा इस संबंध में अपने डॉक्टर से परामर्श करना भी आवश्यक है। वहीं बिना डॉक्टरी सलाह के किसी भी दवा का उपयोग न करें। अगर दो से तीन दिन या उससे ज्यादा समय से अलग रंग का या ज्यादा बदबूदार यूरीन निकल रहा हो तो बिना देर किए डॉक्टर से मिलें। साथ ही यूरिन इन्फेक्शन से बचने के लिए खासतौर पर साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखें। ध्यान रहे, सावधानी ही इस समस्या से बचने का सबसे बेहतर और आसान तरीका है।

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन कितना आम है?

दुनिया में 50 से 60 प्रतिशत महिलाओं को यूरिनरी ट्रैक इन्फेक्शन होता है। गर्भवती महिलाओं में यह एनीमिया के बाद होने वाली दूसरी सबसे आम समस्या है। यह समस्या महिलाओं के मुकाबले पुरुषों को कम होती है। शोध के मुताबिक, करीब 5 प्रतिशत पुरुष ही इससे प्रभावित होते हैं (19)।

यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन के दौरान किन खाद्य पदार्थों को खाने से बचें?

यूरिनरी ट्रैक इन्फेक्शन के बैक्टीरिया शक्कर पर पलते हैं और जिन्हें मधुमेह होता है, उन्हें यूरिन इन्फेक्शन का खतरा ज्यादा रहता है। इसलिए, ऐसे खाद्य पदार्थ खाने से बचें, जो आपके शरीर में शक्कर की मात्रा बढ़ाने का काम करते हैं (20)। साथ ही चाय, कॉफी और कार्बोनेटेड पेय का सेवन करने से भी बचें (21)।

यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन किडनी संक्रमण में परिवर्तित कब होता है?

जब मूत्र संक्रमण के कारण ई.कॉली बैक्टीरिया किडनी तक पहुंच जाता है तो वह किडनी संक्रमण का रूप ले लेता है। ऐसे में यूरिन संक्रमण का समय से इलाज न करवाने की स्थिति किडनी संक्रमण हो सकता है। किडनी इन्फेक्शन में बुखार आम है और यह उसे यूरिन इन्फेक्शन से अलग करता है (22)।

यूरिन इन्फेक्शन कितने दिन में ठीक होता है?

सामान्य यूरिन ट्रैक्ट इन्फेक्शन में एंटी-बायोटिक्स लेने से महिलाओं को तीन दिन और पुरुषों को 7 से 14 दिन में आराम मिल सकता है। अगर कोई महिला गर्भवती है या किसी को मधुमेह की समस्या है तो 7 से 14 दिन तक एंटी-बायोटिक्स की खुराक लेनी पड़ सकती है (2)।

क्या टाइट पैंट पहनने से यूटीआई हो सकता है ?

हां, टाइट पैंट पहनने से यूटीआई यानी मूत्र मार्ग संक्रमण हो सकता है। दरअसल, टाइट पैंट पहनने से प्राइवेट पार्ट में नमी आ जाती है, जिससे बैक्टीरिया पनपने का उपयुक्त वातावरण बन जाता है। इसलिए ढीले सूती अंडरवियर के साथ ढीले पैंट पहनने की सलाह दी जाती है। खासकर तब जब आप यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन से पीड़ित हों (18)।

क्या सोडा यूटीआई का कारण बन सकता है?

हां, सोडा यूटीआई का कारण बन सकता है। अधिकांश सोडे में चीनी, कैफीन या कृत्रिम मिठास होती है, जिस कारण सोडा मूत्रमार्ग और मूत्राशय में जलन का कारण बन सकता है। इसलिए यूरिन इन्फेक्शन के समय सोडा का सेवन न करने की सलाह दी जाती है (23)।

क्या यूटीआई अपने आप दूर हो सकता है?

हां, ज्यादातर मामलों में यूटीआई अपने आप ठीक हो सकता है (2)।

यूटीआई कब तक रहता है?

अधिकांश मामलों में उपचार शुरू होने के 24 से 48 घंटों के अंदर यूरिन ट्रैक्ट इन्फेक्शन ठीक हो सकता है। वहीं, अगर किडनी संक्रमण है तो लक्षणों को दूर होने में 1 सप्ताह या उससे अधिक समय लग सकता है (2)।

क्या पानी के माध्यम से यूटीआई के बैक्टीरिया को बाहर निकाल सकते हैं?

हां, पानी के माध्यम से यूटीआई के बैक्टीरिया को बाहर निकलने में मदद मिल सकती है। जैसा कि हमने लेख में बताया कि पर्याप्त मात्रा में पानी पीने से शरीर हाइड्रेट रहता है। साथ ही इससे यूरिन में भी बढ़ोतरी होती है। ऐसे में मूत्र के माध्यम से बैक्टीरिया यूरिनरी ट्रैक से बाहर निकल सकता है (4)।

यूटीआई के लिए डॉक्टर को कब दिखना चाहिए?

कुछ विशेष लक्षण है, जिनके दिखने पर बिना देर किए मूत्र मार्ग संक्रमण के मामले में तुरंत डॉक्टर से मिलना चाहिए (2):

  • पीठ या बगल में दर्द
  • ठंड लगना
  • बुखार
  • उल्टी

क्या बच्चों में यूरिन इन्फेक्शन हो सकता है?

हां, बच्चों में यूरिन इन्पेक्शन हो सकता है (24)।

और पढ़े:

References

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