Written by , (शिक्षा- बैचलर ऑफ जर्नलिज्म एंड मीडिया कम्युनिकेशन)

खराब खानपान और हमारी लापरवाही के कारण हमें कई बार शारीरिक समस्याओं का सामना करना पड़ता है। वहीं, समय पर इलाज न करवाया जाए, तो ये शारीरिक समस्याएं गंभीर रूप भी धारण कर सकती हैं और इसमें एक नाम एनीमिया का भी है। इसे शरीर में खून की कमी भी कहते हैं। स्टाइलक्रेज के इस आर्टिकल में हम आपको एनीमिया के बारे में विस्तार बताएंगे। साथ ही एनीमिया के लक्षण, कारण और एनीमिया के लिए घरेलू उपाय से जुड़ी जानकारी भी देंगे। पूरी जानकारी के लिए आर्टिकल को अंत तक पढ़ें।

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आर्टिकल में सबसे पहले हम आपको बता रहे हैं एनीमिया (खून की कमी) क्या है?

एनीमिया (खून की कमी) क्या है – What is Anemia in Hindi

एनीमिया एक चिकित्सकीय स्थिति है, जिसमें हीमोग्लोबिन का स्तर सामान्य से नीचे चला जाता है। हीमोग्लोबिन लाल रक्त कोशिकाओं में मौजूद आयरन युक्त प्रोटीन है, जो पूरे शरीर में ऑक्सीजन ले जाने का काम करता है। हीमोग्लोबिन कम होने के कारण शरीर में आयरन की कमी का होना है (1)।

एनीमिया क्या है, यह जानने के बाद नीचे जानिए एनीमिया के प्रकार। 

एनीमिया के प्रकार – Types of Anemia in Hindi

एनीमिया कई रूपों में प्रभावित कर सकता है, जो इस प्रकार हैं :

  1. आयरन की कमी से होने वाला एनीमिया : आयरन की कमी वाला एनीमिया, एनीमिया का सबसे आम प्रकार है। शरीर में हीमोग्लोबिन का उत्पादन करने के लिए आयरन की आवश्यकता होती है। आयरन की कमी से होने वाले एनीमिया में पीड़ित को थकान और सांस लेने में तकलीफ हो सकती है (2)।
  1. अप्लास्टिक एनीमिया : इस प्रकार का एनीमिया तब होता है, जब अस्थि मज्जा यानी बोन मैरो (हड्डियों के अंदर भरा हुआ एक मुलायम टिशू) में मौजूद स्टेम सेल्स (Stem cells) टूट जाते हैं। स्टेम सेल्स क्षतिग्रस्त होने से लाल रक्त कोशिकाओं, सफेद रक्त कोशिकाओं और प्लेटलेट्स का उत्पादन कम होता है (3)।
  1. सिकल सेल एनीमिया : सिकल सेल एनीमिया, एक गंभीर रक्त विकार है। एनीमिया के इस प्रकार में लाल रक्त कोशिकाएं सख्त और दरांती के आकार की हो जाती हैं (4)।
  1. हीमोलिटिक एनीमिया : इस प्रकार का एनीमिया तब होता है, जब लाल रक्त कोशिकाएं अपने सामान्य जीवनकाल के समाप्त होने से पहले ही नष्ट हो जाती हैं (5)।
  1. विटामिन-बी12 की कमी से एनीमिया : आयरन की तरह, हीमोग्लोबिन के उचित और पर्याप्त उत्पादन के लिए भी विटामिन-बी12 की आवश्यकता होती है। अधिकांश पशु उत्पाद विटामिन-बी12 से समृद्ध होते हैं, लेकिन अगर कोई शाकाहारी है, तो विटामिन-बी12 की कमी हो सकती है। इससे शरीर में हीमोग्लोबिन का उत्पादन बाधित हो सकता है और हीमोग्लोबिन कम होने के कारण एनीमिया हो सकता है (6)।
  1. थैलेसीमिया : थैलेसीमिया आनुवंशिक विकार है, जिसमें शरीर हीमोग्लोबिन असामान्य रूप से या अपर्याप्त मात्रा में बनाता है। इस विकार के कारण पर्याप्त लाल रक्त कोशिकाओं का निर्माण नहीं हो पाता और यह विकार बड़ी संख्या में लाल रक्त कोशिकाओं को भी नष्ट कर देता है (7)।
  1. फैंकोनी एनीमिया : फैंकोनी एनीमिया एक अन्य आनुवंशिक रक्त विकार है, जो बोन मैरो को कमजोर बना देता है। फैंकोनी एनीमिया, अस्थि मज्जा को पर्याप्त लाल रक्त कोशिकाओं का उत्पादन करने से रोकता है (8)।
  1. रक्त की कमी से एनीमिया : मासिक धर्म के दौरान अत्यधिक रक्तस्राव या फिर चोट और सर्जरी के चलते रक्तस्राव होने से शरीर में रक्त की कमी हो जाती है, जिससे एनीमिया हो सकता है (1)।

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एनीमिया क्या है और इसके प्रकारों को जानने के बाद आगे जानिए एनीमिया होने के कारण।

एनीमिया के कारण – Causes of Anemia in Hindi

शरीर में खून की कमी यानी एनीमिया के पीछे कई कारण हो सकते हैं, जिनमें से कुछ ये हैं (9) :

  • आयरन की कमी
  • विटामिन बी-12 की कमी
  • फोलेट की कमी
  • कुछ दवाओं का दुष्प्रभाव
  • समय से पहले लाल रक्त कोशिकाओं का नष्ट होना
  • क्रोनिक रोग जैसे किडनी रोग व कैंसर
  • थैलेसीमिया या सिकल सेल एनीमिया जैसे आनुवंशिक रोग
  • गर्भावस्था
  • बोन मैरो का नष्ट या बाधित होना
  • धीमी गति से रक्त रक्तस्राव (मासिक धर्म या पेट के अल्सर से)
  • अचानक रक्त की भारी कमी

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एनीमिया के कारण के बाद नीचे जानते हैं एनीमिया रोग यानी शरीर में खून की कमी के लक्षण के बारे में। 

एनीमिया के लक्षण – Symptoms of Anemia in Hindi

अगर एनीमिया हल्का या धीरे-धीरे विकसित हो रहा है, तो एनीमिया के लक्षण की पहचान करना मुश्किल है। एनीमिया यानी शरीर में खून की कमी के लक्षण में निम्नलिखित बिंदुओं को शामिल किया जा सकता है (9) –

  • जल्द थकान महसूस होना
  • सिर दर्द
  • ध्यान केंद्रित करने या सोचने में समस्या
  • चिड़चिड़ापन
  • भूख में कमी
  • हाथों और पैरों में झुनझुनी

एनीमिया के गंभीर रूप को इन लक्षणों से पहचाना जा सकता है :

  • आंखों के सफेद भाग में नीला रंग दिखना
  • नाखूनों का नाजुक होना
  • बर्फ या अन्य गैर-खाद्य (non-food) चीज खाने की इच्छा
  • चक्कर आना
  • त्वचा का पीला होना
  • शारीरिक गतिविधि के साथ या आराम करने पर भी सांस की तकलीफ
  • जीभ में सूजन
  • मुंह में छाले
  • असामान्य या बढ़ा हुआ मासिक धर्म रक्तस्राव
  • पुरुषों में यौन इच्छा की कमी

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आर्टिकल के अगले हिस्से में हम बता रहे हैं एनीमिया के जोखिम कारक के बारे में।

एनीमिया के जोखिम कारक – Risk factors of Anemia in hindi

एनीमिया के जोखिम कारक इस प्रकार हैं (1):

  • मासिक धर्म की अधिकता
  • गर्भावस्था
  • अल्सर
  • कोलन कैंसर
  • अनुवांशिक विकार
  • आहार में पर्याप्त आयरन, फोलिक एसिड या विटामिन बी 12 की कमी
  • ग्लूकोज-6-फॉस्फेट डिहाइड्रोजनेज (G6PD) की कमी, यह एक आनुवांशिक विकार है, जो अक्सर पुरुषों को प्रभावित करता है।

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एनीमिया की जानकारी के बाद हम नीचे बता रहे हैं एनीमिया (खून की कमी) के लिए घरेलू इलाज।

एनीमिया (खून की कमी) के लिए घरेलू इलाज – Home Remedies for Anemia in Hindi

एनीमिया के दौरान घरेलू उपचार के द्वारा इस समस्या को कुछ हद तक कम किया जा सकता है। हालांकि, ये घरेलू उपाय एनीमिया की समस्या को पूरी तरह दूर नहीं कर सकते हैं। एनीमिया के उपचार के लिए डॉक्टर से परामर्श लेना जरूरी है। जानते हैं एनीमिया के लिए घरेलू उपचार के बारे में।

1. चुकंदर से एनीमिया का उपचार

सामग्री :

  • एक या दो चुकंदर
  • आधा नींबू

कैसे करें इस्तेमाल :

  • चुकंदर को धोएं और छिलकर काट लें।
  • अब मिक्सर का इस्तेमाल करके चुकंदर को ब्लेंड कर लें।
  • फिर एक गिलास में इसे डालें और नींबू का रस मिलाकर पिएं।

कब करें :

वर्कआउट करने से एक घंटे पहले या नाश्ते के समय इसका सेवन करें।

कैसे है लाभदायक : 

चुकंदर का सेवन एनीमिया की स्थिति में सुधार करने में मददगार हो सकता है। एनसीबीआई (नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इनफार्मेशन) की वेबसाइट पर प्रकाशित चूहों के ऊपर किए गए एक शोध में पाया गया कि चुकंदर का सेवन करने से यह लाल रक्त कोशिकाओं बढ़ाने में लाभदायक हो सकता है। इसके अलावा, यह शरीर में हीमोग्लोबिन के उत्पादन में भी मदद कर सकता है। इससे हम यह कह सकते हैं कि खून की कमी से होने वाले एनीमिया से बचने के लिए चुकंदर का सेवन किया जा सकता है (10)। 

2. हरी सब्जियां

सामग्री :

  • एक चौथाई कप कटा हुआ केल या पालक
  • एक बड़ा चम्मच शहद
  • आधा नींबू
  • एक चुटकी नमक

बनाने की प्रक्रिया :

  • एक ब्लेंडर में कटी हुई सब्जी, शहद, नमक व नींबू के रस को डालें और ब्लेंड करें।
  • इस मिश्रण को गिलास में डालें और पी लें।

कब करें :

कसरत से एक घंटे पहले या नाश्ते के समय इसका सेवन करें।

कैसे है लाभदायक :

एनीमिया रोग से बचाव के लिए हरी सब्जियों का सहारा लिया जा सकता है। शरीर में आयरन की मात्रा बढ़ाने के लिए केल और पालक जैसी पत्तेदार हरी सब्जियों का सेवन लाभकारी साबित हो सकता है। इसके अलावा, शरीर में आयरन की पूर्ति के लिए ब्रोकली, एस्परैगस आदि का सेवन भी किया जा सकता है (11) (12)।

3. खजूर और किशमिश

सामग्री :

  • तीन-चार खजूर
  • 10 किशमिश

कैसे करें इस्तेमाल :

रोजाना नाश्ते में खजूर और किशमिश का सेवन करें।

कैसे है लाभदायक :

एनीमिया में खजूर और किशमिश के फायदे हो सकते हैं। शरीर में खून की कमी को दूर करने के उपाय के लिए खजूर और किशमिश खाना शुरू कर सकते हैं। खजूर और किशमिश आयरन के अच्छे स्रोत हैं। ये शरीर में लाल रक्त कोशिकाओं को बढ़ाने में मदद कर सकते हैं। इसके अलावा, ये विटामिन-सी से भी समृद्ध होते हैं, जिससे रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करने में मदद मिल सकती है (13)।  

 4. सोयाबीन

सामग्री: 

  • 1 मुट्ठी अंकुरित सोयाबीन

कैसे करें इस्तेमाल:

रोजाना एक मुट्ठी अंकुरित सोयाबीन का सेवन करें। 

कैसे है लाभदायक: 

अंकुरित सोयाबीन के ऊपर हुए शोध जिसे एनसीबीआअई की वेबसाइट पर प्रकाशित किया गया है। शोध में पाया गया कि एनीमिया की समस्या को दूर करने में अंकुरित सोयाबीन के फायदे हो सकते हैं। दरअसल, अंकुरित सोयाबीन हीमोग्लोबिन में सुधार कर सकता है। इसके अलावा, यह शरीर में आयरन की कमी को भी पूरा करने में फायदेमंद हो सकता है। यह दोनों स्थिति एनीमिया की समस्या को दूर करने में मददगार हो सकती हैं (14)। 

5. वि‍टामिन – ए के स्रोत

स्टडी के अनुसार आयरन के साथ ही विटामिन ए की कमी भी एनीमिया के जोखिम को बढ़ा सकती है (15)। विटामिन ए पोषक तत्व से भरपूर आहार का सेवन इस समस्या को दूर करने में मददगार हो सकता है। विटामिन ए के स्रोतों में गहरे हरे रंग की पत्तेदार सब्जियां जैसे पालक के साथ स्वीट पोटेटो, गाजर, कद्दू, मक्का, आम, पपीता, दूध आदि का सेवन किया जा सकता है (16)।

6. गुड़ और चना

सामग्री:  

  • 50 ग्राम गुड़
  • 100 ग्राम चना

कैसे करें उपयोग:

गुड़ और चने को मिलाकर रोजाना सेवन करें। 

कैसे है लाभदायक: 

गुड़ और चने के सेवन से एनीमिया जैसी समस्या को कुछ हद तक कम किया जा सकता है। शोध के अनुसार गुड़ में आयरन की अच्छी मात्रा पाई जाती है। शरीर में आयरन की कमी को पूरा करने के लिए गुड़ का सेवन किया जा सकता है (17)। इसके अलावा, आयरन की कमी को दूर करने के लिए चने का सेवन भी फायदेमंद हो सकता है, क्योंकि इसमें भी आयरन की अच्छी मात्रा पाई जाती है (18)। दोनों तथ्यों के आधार पर हम मान सकते हैं कि गुड़ और चने का सेवन एनीमिया की समस्या को दूर करने में मददगार हो सकता है। फिलहाल इन दाेनों के ऊपर संयुक्त शोध उपलब्ध नहीं है। 

 7. अंजीर

सामग्री: 

  • आधा कटाेरी अंजीर

कैसे करें उपयोग:

अंजीर का छिलका उतारकर इसका सेवन रोजाना किया जा सकता है। 

कैसे है फायदेमंद : 

अंजीर का सेवन एनीमिया की समस्या को दूर करने और प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के लिए किया जा सकता है। शोध में पाया गया कि पारंपरिक चिकित्सा पद्धति में अंजीर का सेवन कई रोगों को दूर करने के साथ ही एनीमिया में फायदेमंद हो सकता है (19)। हालांकि, अंजीर का कौन-सा गुण एनीमिया में फायदेमंद होता है, यह अभी शोध का विषय है।

8. मेथी का सेवन

सामग्री: 

  • 1 छोटा चम्मच मेथी के दाने
  • एक गिलास पानी

कैसे करें उपयोग: 

  • रात में मेथी के दानों को एक गिलास पानी में डालें।
  • सुबह इसको छान लें।
  • मेथी के इस पानी को छानने के बाद रोजाना सुबह पी सकते हैं।

कैसे है फायदेमंद:

जैसा की आर्टिकल में दिया गया है कि शरीर में आयरन की कमी से एनीमिया रोग हो सकता है। मेथी का सेवन इस समस्या से कुछ हद तक छुटकारा दिला सकता है। दरअसल, शोध में पाया गया है कि मेथी के बीज में आयरन की अच्छी मात्रा पाई जाती है, जो एनीमिया के इलाज में फायदेमंद हो सकती है (20)। एक अन्य शोध में पाया गया कि एनीमिया में ऊर्जा की कमी और थकान होती है। मेथी की पत्तियां ऊर्जा की कमी और थकान को दूर करने वाले पोषक तत्व कैल्शियम, आयरन, β-कैरोटीन और विटामिन का अच्छा स्रोत मानी जाती हैं (21)।

9. सेब के रस से एनीमिया का इलाज

सामग्री: 

  • 2 सेब कटे हुए

कैसे करें इस्तेमाल: 

  • सेब के टुकड़ों को लें और जूसर में डालकर रस निकाल लें।
  • इस रस का सेवन रोजाना कभी भी कर सकते हैं।

कैसे है फायदेमंद:

सेब का रस एनीमिया की बीमारी से लड़ने में मददगार हो सकता है, यह आयरन और विटामिन-सी का अच्छा स्रोत माना जाता है (22)। सेब का सेवन शरीर में आयरन की पूर्ति कर एनीमिया की समस्या के दौरान लाभदायक हो सकता है। वहीं, इसमें मौजूद विटामिन-सी शरीर में आयरन के अवशोषण में मदददगार हो सकता है (23)। 

 10. केला

सामग्री :

  • एक मध्यम आकार का पका हुआ केला
  • एक चम्मच शहद

कैसे करें इस्तेमाल :

  • केले को छोटे-छोटे टुकड़ों में काट लें।
  • कटे हुए केले को कटोरे में डालें और ऊपर से शहद मिला दें।

कब करें :

नाश्ते में केले का सेवन करें।

कैसे है लाभदायक :

कहते हैं रोजाना दूध और केले का सेवन शरीर में स्फूर्ति पैदा करता है और शरीर को मजबूती प्रदान करने में मदद कर सकता है। इसके अलावा, यह शरीर में आयरन की कमी को भी दूर करने में मददगार हो सकता है। दरअसल, केले में आयरन की मात्रा पाई जाती है (24), जिस कारण यह शरीर में आयरन की मात्रा को बनाने में मददगार हो सकता है।   

11. अनार

सामग्री :

  • एक अनार

कैसे करें इस्तेमाल :

  • अनार के दानों का सीधा सेवन कर सकते हैं।
  • इसके अलावा, अनार का रस निकालकर उसका सेवन कर सकते हैं।

कब करें :

सुबह नाश्ते में अनार का सेवन कर सकते हैं।

कैसे है लाभदायक :

अनार का सेवन कई बीमारियों से बचाव का काम कर सकता है। इसके अलावा, यह एनीमिया के खिलाफ लड़ने में भी फायदेमंद हो सकता है। शोध में पाया गया कि अनार के जूस का सेवन शरीर में खून की कमी को दूर करने में मदद कर सकता है। यह लाल रक्त कोशिकाओं को बढ़ाने में मदद कर सकता है। इसके अलावा, यह हीमोग्लोबिन में सुधार करने मे भी फायदेमंद हो सकता है (25)।  

12. काले तिल

सामग्री :

  • एक-दो चम्मच काले तिल
  • एक चौथाई कप पानी
  • एक चम्मच शहद

कैसे करें इस्तेमाल :

  • काले तिल को दो-तीन घंटे के लिए पानी में भिगोकर रख दें।
  • फिर पानी को छान लें और तिल को पीस कर गाढ़ा पेस्ट बना लें।
  • इसके बाद तिल के पेस्ट में शहद मिलाएं और सेवन करें।

कब करें :

  • रोजाना नाश्ते के बाद इसका सेवन करें।

कैसे है लाभदायक :

जैसा की हम ऊपर बता चुके हैं कि आयरन की कमी से भी एनीमिया हो सकता है। वहीं, काले तिल के बीज का सेवन शरीर में आयरन की पूर्ति कर सकता है (26)। 100 ग्राम काले तिल में लगभग 19.29 एमजी आयरन पाया जाता है (27)।   

13. सहजन के पत्ते

सामग्री :

  • 10-15 सहजन के पत्ते
  • एक चम्मच शहद
  • एक चम्मच पानी

कैसे करें इस्तेमाल :

  • पत्तियों को काट लें और एक चम्मच पानी का उपयोग कर ब्लेंड कर लें।
  • अब साफ सूती के कपड़े की मदद से ब्लेंड किए हुए सहजन से रस निकाल लें।
  • रस में शहद मिलाएं और सेवन करें।

कब करें :

इसका सेवन नाश्ते से पहले करें।

कैसे है लाभदायक :

सहजन के पत्ते का सेवन एनीमिया से निजात पाने के लिए फायदेमंद माना गया है। इससे जुड़े एक अध्ययन में पाया गया कि सहजन के पत्तों से बने पाउडर में विटामिन ए की अच्छी मात्रा पाई जाती है, जो विटामिन ए की कमी से होने वाले एनीमिया को कम करने में मदद कर सकती है। इसके अलावा, शोध में यह भी पाया गया कि सहजन के पत्तों से बने पाउडर का सेवन आयरन की कमी से होने वाले एनीमिया की समस्या को दूर करने में मदद कर सकता है (28)।

14. प्रोबायोटिक्स

सामग्री :

  • आधा कप दही
  • एक कप पानी
  • दो बड़े चम्मच नींबू का रस
  • थोड़ा कटा हरा धनिया
  • चुटकी भर नमक
  • एक चुटकी जीरा पाउडर

कैसे करें इस्तेमाल :

  • ब्लेंडर का उपयोग करके दही को फेंट लें।
  • अब इसमें पानी, नमक, नींबू का रस, धनिया और जीरा पाउडर डालें।
  • फिर इसे अच्छी तरह से ब्लेंड करें और पिएं।

कब करें :

दोपहर के भोजन के बाद इसका सेवन करें।

कैसे है लाभदायक :

एनीमिया से बचने के लिए दही के सेवन को विकल्प के तौर पर चुना जा सकता है। दही में विटामिन-बी12, आयरन और फोलेट जैसे पोषक पाए जाते हैं (29)। ये एनीमिया के लिए सबसे जरूरी तत्व हैं, जिनकी कमी से एनीमिया हो सकता है। विटामिन-बी12, फोलेट और आयरन हीमोग्लोबिन के स्तर में सुधार लाकर पीड़ित को आराम पहुंचाने में मदद कर सकते हैं। 

15. कॉपर

सामग्री :

  • तांबे की पानी की बोतल
  • पानी

कैसे करें इस्तेमाल :

  • तांबे की बोतल में पानी को स्टोर करें और इस पानी को दिनभर पिएं।
  • जब भी पानी भरें, बोतल को अच्छी तरह साफ जरूर कर लें।

कैसे है लाभदायक :

खून की कमी का इलाज करने में कॉपर भी कुछ हद तक सहायक हो सकता है। दरअसल, एनीमिया के दौरान कॉपर शरीर में आयरन के अवशोषण में मददगार हो सकता है (30)। इसलिए, शरीर में इसकी मात्रा बनाए रखने के लिए यहां ऊपर बताए गए उपाय का पालन किया जा सकता है। 

16. गुड़रस

सामग्री :

  • एक बड़ा चम्मच गुड़रस
  • एक कप गर्म पानी या दूध

कैसे करें इस्तेमाल :

एक कप गर्म पानी या दूध में गुड़रस को अच्छी तरह मिलाएं और पिएं।

कब करें :

रात में सोने से लगभग दो घंटे पहले इस उपाय को करें।

कैसे है लाभदायक :

गुड़रस को गन्ने के रस से बनाया जाता है, जो आयरन और कॉपर जैसे जरूरी पोषक तत्वों से समृद्ध होता है (31)। एनीमिया के मरीज के लिए आयरन की पूर्ति सबसे पहली प्राथमिकता होती है। आयरन की कमी से ही एनीमिया होता है (1)। इसलिए, शरीर में आयरन की पूर्ति के लिए गुड़रस का सेवन किया जा सकता है।

17. विटामिन-सी

सामग्री :

  • आधा चकोतरा
  • एक छिला हुआ कीवी
  • आधा सेब
  • एक चम्मच शहद
  • एक चौथाई चम्मच कद्दूकस किया हुआ अदरक

कैसे करें इस्तेमाल :

  • एक ब्लेंडर में चकोतरा, कीवी और सेब काट कर डालें और ब्लेंड करें।
  • अब इसमें अदरक और शहद मिलाएं और फिर से पूरी सामग्री को ब्लेंड करें।
  • इसके बाद मिश्रण को एक गिलास में डालें और पिएं।

कब करें :

सुबह नाश्ते में यह उपाय करें।

कैसे है लाभदायक :

विटामिन-सी के फायदे एनीमिया के मरीजों के लिए हो सकते हैं। दरअसल, विटामिन-सी शरीर में आयरन के अवशोषण में मददगार होता है। इसलिए, आयरन की कमी से होने वाले एनीमिया से बचने के लिए विटामिन-सी युक्त खाद्य-पदार्थों का सेवन किया जा सकता है (32)। 

18. विटामिन-बी12 और फोलेट

सामग्री :

  • दो अंडे
  • आधा कप बेक किए हुए बीन्स
  • एक कप उबले हुए बेबी पालक
  • एक कप उबली हुई ब्रोकली (कटी हुई)
  • नमक (स्वादानुसार)

कैसे करें इस्तेमाल :

  • नॉन-स्टिक पैन को गर्म करें और अंडे तोड़ कर उसमे डालें।
  • ऊपर से नमक छिड़कें और दो-तीन मिनट के लिए अंडे को पकाएं।
  • एक प्लेट लें और पके हुए अंडे को उसमें रखें।
  • फिर प्लेट में बीन्स, ब्रोकली और बेबी पालक को डालकर खाएं।

कब करें :

नाश्ते में इसका सेवन करें।

कैसे है लाभदायक :

शरीर में विटामिन-बी12 और फोलेट की कमी से भी एनीमिया हो सकता है। विटामिन-बी12 की पूर्ति के लिए रेड मीट, डेयरी और अंडे का सेवन कर सकते हैं। (33)। फोलेट के प्राकृतिक स्रोत में हरी पत्तेदार सब्जियां, फलियां, दालें, दूध-डेयरी उत्पाद और फल शामिल हैं (34)।  इसके अलावा, डॉक्टरी परामर्श पर विटामिन-बी12 और फोलेट की खुराक भी ले सकते हैं। 

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एनीमिया को दूर करने के घरेलू उपाय के बाद जानते हैं कैसे हो सकता है एनीमिया का इलाज।

एनीमिया का इलाज – Other Anemia Treatments in Hindi

एनीमिया का इलाज कई प्रकार से किया जा सकता है। यहां हम आपको बता रहे हैं एनीमिया के इलाज के बारे में (9)।   

  • ब्लड ट्रांसफ्यूजन यानी कि पीड़ित को अतिरिक्त रक्त प्रदान करना।
  • कॉर्टिकोस्टेरॉइड या अन्य दवाएं।
  • एरिथ्रोपोइटिन, यह एक दवा है जो बोन मैरो को अधिक रक्त सेल्स बनाने में मदद करती है।
  • आयरन, विटामिन बी-12 और फोलिक एसिड के सप्लीमेंट।

नोट – बिना डॉक्टरी परामर्श के किसी भी दवा या सप्लीमेंट का सेवन न करें।

और जानें

खून की कमी का इलाज के बाद आगे जानिए एनीमिया के लिए कौन-कौन से आहार लिए जाएं।

एनीमिया के लिए आहार – Diet for Anemia in Hindi

एनीमिया होने की अवस्था में आयरन, विटामिन बी-12 और फोलेट से भरपूर इन खाद्य पदार्थों को दैनिक आहार में शामिल किया जा सकता है :

  • केला: यह आयरन के साथ अन्य विटामिन और खनिजों से समृद्ध होता है (24), जो एनीमिया को रोकने में और इसका इलाज करने में मदद कर सकता है।
  • चुकंदर: चुकंदर आयरन का एक अच्छा स्रोत है (35), जिसे शरीर में आयरन की पूर्ति के लिए प्रयोग में लाया जा सकता है।
  • शकरकंद: शरीर में आयरन का संतुलन बनाए रखने के लिए शकरकंद का सेवन भी कर सकते हैं (36)।
  • पालक: पालक को आयरन का सबसे अच्छा स्रोत माना जाता है, जिसका सेवन एनीमिया से पीड़ित मरीज कर सकते हैं (37)।
  • फलियां: बीन्स और मटर भी आयरन के बेहतरीन स्रोत हैं, जो हीमोग्लोबिन के स्तर को बेहतर बनाने के लिए मदद कर सकते हैं (11)।
  • प्रोटीन युक्त खाद्य पदार्थ: मांस, मछली, अंडे और टोफू भी विटामिन बी-12 से भरपूर होते हैं, जिनका सेवन एनीमिया के इलाज के लिए किया जा सकता है (6)।

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आर्टिकल के इस हिस्से में हम बता रहे हैं एनीमिया से जुड़ी जटिलताओं बारे में।

एनीमिया से जुड़ी जटिलताएं – Complications of Anemia in Hindi

एनीमिया कई स्वास्थ्य समस्याएं पैदा कर सकता है, जैसे (9) (1):

  • अधिक थकान: गंभीर एनीमिया इतना थका सकता है कि रोजमर्रा के कामों को पूरा करने में परेशानी हो सकती है।
  • गर्भावस्था में जटिलताएं: एनीमिया से ग्रस्त गर्भवती महिलाओं में इसका गंभीर असर दिखाई दे सकता है, जैसे समय से पहले बच्चे का जन्म और जन्म के समय बच्चे का कम वजन (38)।
  • हृदय की समस्याएं: एनीमिया के कारण हृदय में ऑक्सीजन की कमी हो सकती है, जिससे हार्ट अटैक भी हो सकता है

आगे जानें 

यहां हम आपको बता रहे हैं एनीमिया से बचने के उपाय और कुछ आसान टिप्स।

एनीमिया से बचने के कुछ और उपाय – Other Tips for Anemia in Hindi

एनीमिया से बचने के लिए निम्नलिखित उपाय किए जा सकते हैं (39) :

  • अगर कोई महिला मासिक धर्म के दौरान भारी रक्तस्राव का सामना कर रही है, तो अपने डॉक्टर से संपर्क करें।
  • आयरन युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन करें।
  • विटामिन-सी युक्त खाद्य पदार्थ खाएं और पिएं, जैसे संतरे का रस, स्ट्रॉबेरी या कीवी।
  • भोजन में संतुलित आहार को शामिल करें।
  • भोजन के साथ कॉफी या चाय पीने से बचें। ये पेय शरीर में आयरन के अवशोषित (Absorption) को बाधित कर सकते हैं।
  • अगर कोई कैल्शियम की गोलियां लेता हैं, तो उसे अपने डॉक्टर से बात करनी चाहिए। कैल्शियम शरीर में आयरन के अवशोषण (Absorption) में बाधा डाल सकता है (40)।

उम्मीद करते हैं कि अब आप एनीमिया के विषय में बहुत कुछ जान गए होंगे। वहीं, इस लेख में हमने बताया है कि यह समस्या धीरे-धीरे बढ़ सकती है, इसलिए जितना हो सके इसके प्रति जागरूक रहें। बताए गए किसी भी एनीमिया के लक्षण के दिखने पर डॉक्टर से संपर्क करें और आयरन व विटामिन से भरपूर भोजन का सेवन ज्यादा करें। आशा है कि यह लेख आपको पसंद आया होगा। सेहत से जुड़ी अधिक जानकारी के लिए  बने रहिए स्टाइलक्रेज के साथ।

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल :

एनीमिया कितना गंभीर है?

समय पर एनीमिया का इलाज मिल जाने पर यह समस्या गंभीर नहीं होती है, लेकिन लापरवाही के कारण यह थकान, हृदय की समस्याओं और मृत्यु का कारण भी बन सकती है।

कितनी जल्दी एनीमिक बन सकते हैं?

शरीर में जितनी जल्दी खून और आयरन की कमी होगी एनीमिक बनने के अवस्था उतनी जल्दी आ सकती है।

क्या मासिक धर्म एनीमिया का कारण बन सकता है?

सामान्य मासिक धर्म एनीमिया का कारण नहीं बन सकता, लेकिन इस दौरान यदि खून का स्राव अधिक होता है, तो एनीमिया की स्थिति बन सकती है।

एनीमिक होने पर क्या आंखों से पता लगाया जा सकता है?

हां, नेत्रश्लेष्मला (Conjunctiva) का पीला दिखाई देना एनीमिया का लक्षण हाे सकता है (41)।

मैं घर में अपने आयरन के स्तर की जांच कैसे कर सकता हूं?

शरीर में आयरन के सही स्तर की जांच के लिए हमारी सलाह यही है कि आप डॉक्टर से संपर्क करें।

शरीर में आयरन के स्तर को सुधारने में कितना समय लग सकता है?

उपचार के द्वारा लगभग 7 से 9 दिनों में आयरन के स्तर को और 2 से 3 सप्ताह में हीमोग्लोबिन के स्तर को सुधारा जा सकता है (42)। हालांकि, यह इलाज की प्रक्रिया और मरीज की स्थिति पर भी निर्भर करता है।

क्या एनीमिया से बहुत नींद आती है?

हां, एनीमिया के कारण थकान और एनर्जी की कमी हो जाती है, जिसके कारण बहुत नींद आ सकती है (21)।

Sources

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