Medically Reviewed By Neha Srivastava, PG Diploma In Dietetics & Hospital Food Services
Written by , (शिक्षा- एमए इन जर्नलिज्म मीडिया कम्युनिकेशन)

खाने के साथ-साथ फल का सेवन करना भी जरूरी है, लेकिन कई बार वक्त की कमी और फल छिलने के आलस के कारण लोग इन्हें खाने से बचते हैं। ऐसे में एक फल ऐसा भी है, जो बिना मेहनत के खाया भी जा सकता है और गुणों का खजाना भी है। हम यहां बात कर रहे हैं, अंगूर की। ये न सिर्फ स्वादिष्ट होता हैं, बल्कि अंगूर खाने के फायदे भी अनेक हैं। यही कारण है कि स्टाइलक्रेज के इस लेख में, हम न सिर्फ अंगूर के गुण बता रहे हैं, बल्कि अंगूर के फायदे भी बता रहे हैं। आशा करते हैं कि इस लेख को पढ़ने के बाद कई लोगों के लिए अंगूर और प्रिय हो जाएगा। हालांकि, अंगूर के फायदे और नुकसान दोनों है, तो हमारी कोशिश यही रहेगी कि सावधानी के तौर पर अधिक सेवन से इससे होने वाले नुकसानों से भी हम अपने पाठकों को अवगत कराएं। तो, बिना देर करते हुए पढ़ें अंगूर के लाभ पर आधारित यह आर्टिकल। 

पढ़ते रहिए

इससे पहले कि हम अंगूर के गुण और इसके फायदे के बारे में विस्तार से बताएं, हम अंगूर के प्रकार के बारे में जानकारी देते हैं।

अंगूर के प्रकार – Types of Grapes in Hindi

अंगूर के कई प्रकार हैं। अंगूर के कुछ प्रकारों में बीज होते हैं और कुछ में नहीं। जिन अंगूरों से वाइन बनाई जाती है, आमतौर पर उन्हें खाने के लिए उपयोग नहीं किया जाता है (1) (2)।

अंगूर के कुछ मुख्य प्रकार :

सुल्ताना – अंगूरों का सबसे सामान्य प्रकार है थॉम्पसन, जिसे सुल्ताना भी कहते हैं। ये हरे, अंडाकार व मध्यम आकार के होते हैं । इनमें बीज नहीं होते हैं और ये मीठे व रसदार होते हैं।

मेनिन्डी अंगूर- सुल्ताना की तरह ही मेनिन्डी अंगूर बिना बीज के होते हैं। हालांकि, इसका स्वाद सुल्ताना की तुलना में थोड़ा तीव्र होता है और ये सिर्फ अंगूर के मौसम में ही होते हैं।

वाल्थम – ये सुनहरे हरे रंग के अंगूर होते हैं। आकार में थोड़े बड़े होते हैं और इनमें बीज भी होता है।

फ्लेम सीडलेस – ये लाल और गोल आकार के होते हैं और ये हल्के स्वाद में खट्टे हो सकते हैं।

रूबी सीडलेस – ये हल्के लाल रंग व मध्यम आकार के होते हैं। इनकी त्वचा कोमल होती है और इसमें भी बीज नहीं होते हैं।

कार्डिनल – ये चेरी-लाल से लाल-बैंगनी रंग के हो सकते हैं। ये अंडाकार आकार के होते हैं और इनमें बीज भी होता है।

रेड ग्लोब – ये लाल रंग के बीज वाले बड़े अंगूर होते हैं।

पर्पल क्रोनिकोन (Purple Cornichon)- ये बैंगनी अंगूर होते हैं। ये लंबे अंडाकार आकार, मोटी त्वचा और बीज के साथ गूदा वाले अंगूर हैं।

मस्कट – ये नीले-काले रंग में मध्यम आकार के होते हैं। इनमें बीज होता है और ये काफी रसदार होते हैं।

नोट : देखा जाए तो रंग के अनुसार अंगूर मुख्यतः तीन प्रकार के होते हैं – हरा, लाल व काला/नीला। सामान्यतः बाजार में हरे और काले अंगूर ज्यादा मिलते हैं। कई बार लोग हरे अंगूर के फायदे के लिए उसी का सेवन ज्यादा करते हैं।

अंगूर खाने के फायदे जानने से पहले इसमें मौजूद औषधीय गुणों के बारे में जानते हैं।

अंगूर के औषधीय गुण

अंगूर के अधिकांश भाग उपयोगी होते हैं। मुख्य रूप से अंगूर को एक अलग तरह के प्राकृतिक उत्पादों के स्रोत के रूप में माना जाता है। अंगूर कई फाइटोकेमिकल्स का एक प्रमुख स्रोत है। एनसीबीआई की वेबसाइट पर प्रकाशित शोध में यह बात सामने आई है कि इसका सेवन कैंसर कोशिकाओं को बढ़ने से रोक सकता है। हृदय संबंधित रोग और अन्य बीमारियों से बचाव कर सकता है। इसका मुख्य घटक रेस्वेराट्रोल (resveratrol) यानी एक प्रकार का पॉलीफेनोल है, जो मानव रोगों में विभिन्न औषधीय गुणों के लिए जाना जाता है। यही कारण है कि अंगूर का उपयोग कई बीमारियों के खिलाफ दवाइयां बनाने के लिए किया जाता है। इस लेख में हम अंगूर खाने के फायदे के बारे में विस्तार से जानेंगे (3) (4)। आगे जानिए कि अंगूर खाने से क्या फायदा होता है।

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अब बारी आती है अंगूर के फायदे विस्तार से जानने की।

अंगूर के फायदे – Benefits of Grapes (Angoor) in Hindi

दिखने में भले ही यह छोटा-सा फल है, लेकिन अंगूर के गुण अनेक हैं। स्वास्थ्य से लेकर त्वचा की बात करें या बालों की, इसमें मौजूद गुणकारी तत्व हर तरह से लाभकारी हो सकते हैं। नीचे जानिए अंगूर खाने से क्या होता है:

1. स्तन कैंसर से बचाव के लिए अंगूर के गुण

कई लोगों को जानकर हैरानी हो सकती है कि फेफड़ों यानी लंग कैंसर के बाद स्तन कैंसर महिलाओं में कैंसर से होने वाली मौतों का दूसरा प्रमुख कारण है। ऐसे में वक्त रहते इस समस्या पर ध्यान देना आवश्यक है। इससे बचाव के लिए हेल्दी लाइफस्टाइल और डाइट मददगार साबित हो सकते हैं (5)। ऐसे में अगर डाइट में अंगूर को शामिल किया जाए, तो स्तन कैंसर से बचाव हो सकता है। दरअसल, एनसीबीआई की वेबसाइट पर प्रकाशित स्टडी के अनुसार, अंगूर में मौजूद एंटीऑक्सीडैंट में एंटी-कैंसर गुण होते हैं, जो स्तनों के कैंसर से बचाव करने में सहायक हो सकते हैं। अंगूर कैंसर सेल्स के प्रसार को रोकने में सहायक हो सकता है। हालांकि, सिर्फ अंगूर का ही सेवन नहीं, बल्कि इसके साथ एक स्वस्थ जीवनशैली को अपनाना भी जरूरी है (6) (7)। इसके अलावा, अगर किसी को पहले से ही कैंसर है, तो उनके लिए डॉक्टरी चिकित्सा ही पहली प्राथमिकता होनी चाहिए, क्योंकि अंगूर कैंसर से बचाव कर सकता है, लेकिन इसे कैंसर का इलाज न समझे।

2. आंखों के लिए ग्रेप्स खाने के फायदे

अंगूर के फायदे की बात करें, तो अंगूर का सेवन आंखों के लिए भी लाभकारी हो सकता है। एनसीबीआई की वेबसाइट पर प्रकाशित स्टडी में चूहों पर किए गए अध्ययन में अंगूर युक्त डाइट को आंखों के स्वास्थ्य के लिए लाभकारी देखा गया है। अंगूर ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस के कारण होने वाले रेटिनल डिजनरेशन (retinal degeneration) यानी अंधेपन की समस्या को रोकने में सहायक पाया गया है। ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस और सूजन आंखों की समस्याओं के मुख्य कारणों में से एक है। ऐसे में अंगूर में मौजूद पॉलीफेनोल्स, इन कारकों से लड़ने में मदद कर सकते हैं, जिससे दृष्टि स्वास्थ्य को बढ़ावा मिल सकता है। इन पॉलीफेनोल्स को फोटोरिसेप्टर्स (photoreceptors) यानी आंखों की खास कोशिकाएं की सुरक्षा के लिए भी पाया गया था (8)।

इतना ही नहीं अंगूर में मौजूद रेस्वेराट्रोल भी उम्र के कारण होने वाली आंखों की समस्या यानी मैक्युलर डिजनरेशन के लिए भी लाभदायक हो सकता है। इसके अलावा, मोतियाबिंद से बचाव करने में भी सहायक हो सकता है (9)।

3. हड्डियों के लिए ग्रेप्स के फायदे

अंगूर हड्डियों के लिए भी एक गुणकारी फल हो सकता है। दरअसल, चूहों पर किए गए परीक्षण में अंगूर को हड्डियों के लिए लाभकारी पाया गया है। ऐसा अंगूर के बीज में मौजूद प्रोएंथोस्यानिडींस (proanthocyanidins) नामक पॉलीफेनोल के कारण हो सकता है, जो हड्डियों की मजबूती बढ़ाने में सहायक हो सकता है (10)। अंगूर के बीज भी काफी गुणकारी हो सकते हैं। एक अन्य चूहे के अध्ययन में अंगूर के बीजों में मौजूद प्रोएंथोस्यानिडींस हड्डी निर्माण को बढ़ावा देने के लिए सहायक पाया गया है। अध्ययन का निष्कर्ष है कि जब उच्च कैल्शियम आहार के साथ अंगूर का सप्लीमेंट लिया जाए, तो हड्डी के नुकसान का जोखिम कम हो सकता है (11)। इतना ही नहीं प्रोएंथोस्यानिडींस युक्त अंगूर के बीज ऑस्टियोअर्थराइटिस जैसी हड्डी की समस्या के लिए भी लाभकारी हो सकता है और हड्डियों के स्वास्थ्य को बढ़ावा दे सकता है (12)। इसके अलावा, एक अन्य अध्ययन भी हैं, जिसमें अंगूर के सेवन से चूहों के बोन क्वालिटी में सुधार की बात सामने आई है (13)। यहां एक बात तो सामने आ चुकी है कि अंगूर के साथ-साथ अंगूर के बीज भी लाभकारी हो सकते हैं।

4. मधुमेह के लिए अंगूर के गुण

डायबिटीज की समस्या में मरीजों को फल खाने को लेकर काफी उलझन हो सकती है। ऐसे में अगर किसी को फल खाने की इच्छा हो, तो वो अंगूर् का सेवन कर सकते हैं। दरअसल, स्टडीज में ये बात सामने आयी है कि अंगूर में ग्लाइसेमिक लोड और ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम होता है। ऐसे में अंगूर को एंटी-डाइबिटिक आहार में संतुलित मात्रा में शामिल किया जा सकता है। अंगूर में अन्य महत्वपूर्ण यौगिक, जिसमें रेस्वेराट्रॉल, क्वेरसेटिन और कैटेचिन शामिल हैं, जो ब्लड शुगर लेवल को कम करने में सहायक हो सकते हैं (14)। अगर डायबिटीज में खाए जाने वाले फलों की बात की जाए, तो अंगूर उन्हीं फलों में से एक है, लेकिन ध्यान रहे कि मधुमेह के मरीज फलों का जूस लेने से बचें (15)। इसके अलावा, अंगूर के सेवन से ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस से लड़ने और मधुमेह के लक्षणों में सुधार करने में मदद मिल सकती है। लाल अंगूर में मौजूद पॉलीफेनोल एंटी-डाइबिटिक एजेंट की तरह काम कर सकते हैं (16)। सिर्फ अंगूर ही नहीं, बल्कि इसके साथ ही अन्य अध्ययनों से पता चलता है कि अंगूर के बीज भी लाभकारी हो सकते हैं। दरअसल, अंगूर के बीजों में मौजूद प्रोएन्थोसाइनिडिन्स पेरीफेरल न्यूरोपैथी (peripheral neurophathy) यानी नसों की समस्या को रोकने में भी सहायक हो सकता है। यह समस्या भी डायबिटीज की गंभीर जटिलताओं में से एक है (17)। खासतौर पर हरे अंगूर की जगह काले अंगूर का सेवन मधुमेह में उचित हो सकता है। इनकी मिठास भी कम होती है और बीज युक्त होने के कारण एंटीऑक्सीडेंट गुणों से भरपूर होते हैं। फिर भी इसका सेवन सीमित मात्रा में ही करें और जरूरत पड़े, तो डॉक्टर से इसकी मात्रा के बारे में भी राय-परामर्श जरूर लें।

5. कोलेस्ट्रॉल के लिए अंगूर खाने के फायदे

कोलेस्ट्रॉल बढ़ने से शरीर में कई तरह की समस्याएं जैसे – दिल की बीमारी, डायबिटीज और ऐसी ही कई परेशानियां हो सकती हैं। इसलिए, कोलेस्ट्रॉल का सही रहना बहुत जरूरी है (18)। कोलेस्ट्रॉल को संतुलित रखने के लिए अंगूर को आहार में शामिल किया जा सकता है। अंगूर में मौजूद पॉलीफेनोल्स में हायपोलिपिडेमिक (hypolipidemic) यानी कोलेस्ट्रॉल को कम करने का गुण पाया गया है। इसके सेवन से शरीर से हानिकारक कोलेस्ट्रॉल (LDL) कम हो सकता है और अच्छे कोलेस्ट्रॉल (HDL) में वृद्धि हो सकती है (19)। चाहें तो, लाल अंगूर के जूस का सेवन भी किया जा सकता है। इसके सेवन से भी शरीर में अच्छे कोलेस्ट्रॉल की वृद्धि हो सकती है(20)।

6. दमा के लिए अंगूर के फायदे

दमा के मरीजों के लिए मौसम में बदलाव, धूल-मिट्टी और प्रदूषण काफी दुखदायी हो सकता है (21)। ऐसे में डाइट में थोड़े अंगूर शामिल करके दमा के लक्षणों को कुछ हद तक कम किया जा सकता है। दरअसल, वायुमार्ग में सूजन दमा का एक बहुत बड़ा कारण है। ऐसे में इस विषय में किए गए शोध में यह पाया गया है कि अंगूर के बीज में मौजूद प्रोएंथोसायडीन (Proanthocyanidin) सूजन को कम कर सकता है और दमा के लिए एक अच्छा उपचार साबित हो सकता है (22) (23)। हालांकि, ये अध्ययन अंगूर के बीज को लेकर है और अंगूर से संबंधित शोध की अभी जरूरत है, इसलिए अस्थमा के गंभीर मरीज अंगूर के सेवन से पहले एक बार डॉक्टरी सलाह भी लें, क्योंकि सभी की शारीरिक स्थिति और रोग-प्रतिरोधक क्षमता एक जैसी नहीं होती है।

7. कब्ज के लिए अंगूर के गुण

कई लोग कब्ज की समस्या की शिकायत करते हैं। इससे निजात पाने के लिए फाइबर युक्त डाइट लेनी चाहिए (24) (25)। वहीं, अंगूर में फाइबर की मात्रा अधिक होती है। इससे कब्ज की परेशानी से कुछ हद तक राहत मिल सकती है (26)। हालांकि, अगर किसी को कब्ज की समस्या बार-बार हो रही है, तो वो एक बार डॉक्टरी सलाह भी जरूर ले।

8. अल्जाइमर के लिए अंगूर के गुण

भूलने की आदत आम है, लेकिन अगर यही ज्यादा होने लगे, तो इसे खतरे की घंटी समझना चाहिए। कुछ लोगों को उम्र के साथ-साथ भूलने की बीमारी होने लगती है, जिसे अल्जाइमर कहते हैं। हालांकि, इस बीमारी के कारण का अभी तक कोई सटीक पता नहीं चल पाया है, लेकिन बढ़ती उम्र और जीन्स इसके कारण हो सकते हैं (27) (28)। ऐसे में अंगूर के सेवन से इस बीमारी के जोखिम से बचा जा सकता है। बूढ़े चूहों पर किए गए अध्ययनों में लाल अंगूर् का जूस उनकी याददाश्त में सुधार करता हुआ पाया गया है। इसके अलावा, रेड ग्रेप से बनी रेड वाइन में कुछ विशेष पॉलीफेनोल्स जैसे-  रेस्वेराट्रोल और प्रोएन्थोसाइनिडिन होते हैं, जो डिमेंशिया जैसी उम्र से संबंधित न्यूरोनल कमियों के जोखिम को कम कर सकते हैं। इन परिणामों से पता चलता है कि लाल अंगूर का रस, जिसमें पॉलीफेनोलिक यौगिक जैसे – फ्लेवोनोइड्स और रेस्वेराट्रोल्स एंटीऑक्सीडेंट मौजूद हैं, अल्जाइमर के उपचार में काफी हद तक प्रभावी हो सकते हैं (29)। रेस्वेराट्रोल्स एक शक्तिशाली एजेंट की तरह काम कर न सिर्फ अल्जाइमर रोग से बचाव या उसके प्रभाव को कम करने में सहायक हो सकता है, बल्कि संज्ञानात्मक नुकसान से भी सुधार करने में सहायक हो सकता है (30)। इससे यह बात सिद्ध होती है कि हरे अंगूर की तरह ही स्वास्थ्य के लिए लाल अंगूर के फायदे के साथ-साथ रेड वाइन के फायदे भी हो सकते हैं। हम स्पष्ट कर दें कि हमारा उद्देश्य अल्कोहल सेवन को बढ़ावा देना नहीं है।

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9. ब्लड प्रेशर के लिए अंगूर के फायदे

अंगूर के सेवन से सिस्टोलिक ब्लड प्रेशर ( systolic blood pressure) कम हो सकता है (31)। हालांकि, ब्लड प्रेशर की दवाइयों के मुकाबले इसका असर कम होता है। साथ ही अंगूर के बीज का अर्क, खासकर कम उम्र और मोटापे के शिकार लोगों में ब्लड प्रेशर की समस्या के लिए प्रभावकारी हो सकते हैं (32)। साथ ही एक और बात सामने आई है कि लाल अंगूर के जूस का सेवन करने से आराम करते व्यक्ति के ब्लड प्रेशर में सुधार हो सकता है। साथ ही एक्सरसाइज करने के बाद ब्लड प्रेशर में भी सुधार आ सकता है, लेकिन यह सब कुछ व्यक्ति के यह शुरुआती बीपी पर निर्भर करता है (33)। कई अध्ययनों में अंगूर में हाइपोटेंसिव प्रभाव (hypotensive effect) पाया गया है (19)। इसलिए, निम्न रक्तचाप वाले लोग इसका सेवन सावधानी से करें या किसी विशेषज्ञ की राय लेकर करें।

10. ह्रदय स्वास्थ्य के लिए अंगूर खाने के फायदे

अंगूर में मौजूद फ्लेवोनोइड्स, फेनोलिक एसिड और रेस्वेराट्रोल हृदय रोग से बचाने में मदद कर सकते हैं। अंगूर में मौजूद पॉलीफेनोल्स में एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं। ये खराब कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने में मदद कर सकते हैं, जिससे एथेरोस्क्लेरोसिस (एक गंभीर हृदय स्थिति) को रोका जा सकता है (34) (35)। इसके अलावा, अंगूर में मौजूद रेसवेरेट्रॉल में भी कार्डिओ प्रोटेक्टिव गुण होता है, जिस कारण हृदय रोग का जोखिम कम हो सकता है (36)। हालांकि, हृदय रोग के मरीज डॉक्टरी परामर्श के अनुसार दवाई लेने को पहली प्राथमिकता दें और उसी अनुसार अंगूर को अपने डाइट में शामिल करें।

11. गठिया के लिए अंगूर के फायदे

जोड़ों में दर्द होना गठिया के सामान्य लक्षणों में से एक है। इस स्थिति में अगर पहले से अंगूर का सेवन किया जाए, तो रूमेटाइड अर्थराइटिस (Rheumatoid arthritis), जो कि गठिया का ही एक प्रकार है, उससे बचा जा सकता है। दरअसल, अंगूर में मौजूद रेस्वेराट्रोल्स और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण गठिया से राहत दिला सकते हैं (37)। इसके साथ ही अंगूर के बीज में मौजूद पॉलीफेनोल में एंटी-अर्थराइटिक गुण मौजूद होते हैं, जो गठिया से बचाव करने में सहायक हो सकते हैं (38)।

12. अंगूर में एंटीऑक्सीडेंट गुण

एंटीऑक्सीडेंट शरीर के लिए जरूरी है। शरीर को घातक बीमारियों से बचाने के लिए एंटीऑक्सीडेंट की आवश्यकता होती है। एंटीऑक्सीडेंट कई फलों और सब्जियों में पाया जाता है और अंगूर उन्हीं में से एक है। अंगूर में कई प्रकार के फाइटोकेमिकल्स होते हैं, जैसे कि फेनोलिक एसिड (phenolic acids), स्टिलबेन (stilbenes), एंथोसायनिन (anthocyanins) और प्रोएंथोसायडीन (proanthocyanidins), ये सभी मजबूत एंटीऑक्सीडेंट हैं (4)। यही कारण है कि अंगूर की गिनती हाई एंटीऑक्सीडेंट फलों में की जाती है (39)।

13. किडनी के लिए अंगूर के फायदे

अगर बात करें किडनी की समस्या की तो अंगूर बीज के पाउडर का सेवन किडनी की समस्या से बचाव करने में सहायक हो सकता है। इस विषय में हुई एक स्टडी के मुताबिक, जिन किडनी पेशेंट्स को अंगूर के बीज का सप्लीमेंट दिया गया, उनमें सुधार पाया गया था। इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण किडनी की समस्या से बचाव करने में सहायक हो सकते हैं (40)। इसके अलावा, अगर मोटापे और डायबिटीज का शिकार व्यक्ति हर रोज अंगूर के पाउडर का सेवन करे, तो वो भी किडनी की बीमारी से बच सकता है (41) (42)। हालांकि, यह अंगूर के बीज के पाउडर को लेकर किया गया शोध है। अंगूर सीधे तौर पर किडनी के लिए फायदेमंद हो सकता है या नहीं इस बारे में वैज्ञानिक शोध की आवश्यकता है, लेकिन किडनी की बीमारी से ग्रस्त मरीज अपनी डाइट में अंगूर को शामिल कर सकते हैं (43)। चाहें तो इस बारे में एक बार डॉक्टरी सलाह भी ले सकते हैं।

14. पेट के लिए अंगूर

हाई फाइबर डाइट के साथ अगर आहार में अंगूर शामिल किया जाए, तो यह पेट के लिए फायदेमंद हो सकता है। सीमित अवशोषण और पाचन होने के बावजूद, अंगूर के पॉलीफेनोल्स पेट को पैथोजन्स (pathogens- वायरस, बैक्टीरिया संक्रमण पैदा करने वाले एजेंट), ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस और सूजन से बचाव करने में सहायक हो सकते हैं। इसके अलावा, अंगूर में मौजूद पॉलीफेनोल्स एककरमानसिया मुसिनिफिला (Akkermansia muciniphila) जैसे बैक्टीरिया, जो आंतों के लिए लाभकारी होते हैं, उनके विकास को बढ़ावा दे सकते हैं। इससे पाचन में सुधार हो सकता है। चूहों पर किए गए अध्ययन के अनुसार, अंगूर के अर्क आंतों के संक्रमण, चयापचय संबंधी विकार और मोटापे की समस्या से बचाव कर सकते हैं (44)।

15. वजन कम करने के लिए अंगूर

अगर बात की जाए वजन कम करने की, तो एनसीबीआई की वेबसाइट पर प्रकाशित एक शोध में, फ्लेवोनोल्स (flavonols), फ़्लेवन-3-ओल्स (flavan-3-ols), एंथोसायनिन (anthocyanins) और फ्लेवोनोइड पॉलिमर (flavonoid polymers) से समृद्ध खाद्य पदार्थों का अधिक सेवन वजन को संतुलित रखने में सहायक हो सकता है (45)। ऐसे में अगर अंगूर की बात करें, तो अंगूर में भी फ्लेवोनोइड जैसे- एंथोसायनिन मौजूद होते हैं, इस स्थिति में अंगूर को एक हेल्दी स्नैक्स के तौर पर संतुलित मात्रा में शामिल किया जा सकता है (46)। डॉक्टरों का कहना है कि अंगूर में कैलोरी की मात्रा ज़्यादा नहीं होती है, हरे की तुलना मे काले अंगूर में कैलोरी कम ही होती हैं, हालांकि आप दोनों ही तरह के अंगूर को अपनी डाइट में शामिल कर सकते हैं। वहीं, सीधे तौर पर अंगूर खाने से वजन कम हो सकता है या नहीं इस विषय पर सटीक शोध की कमी है। वहीं, अंगूर में कैलोरी की मात्रा ज़्यादा नहीं होती है, हरे की तुलना मे काले अंगूर में कैलोरी कम ही होती हैं, हालांकि आप दोनों ही तरह के अंगूर को अपनी डाइट में शामिल कर सकते हैं। हालांकि, अंगूर का सेवन संतुलित मात्रा में और जरूरत पड़े तो डायटीशियन के सलाह अनुसार ही करना बेहतर है।

16. त्वचा के लिए अंगूर के फायदे

अंगूर खाने के लाभ में बेहतर त्वचा भी शामिल है। दरअसल, अंगूर में मौजूद रेस्वेराट्रॉल (resveratrol) यौगिक बहुत ही अहम् भूमिका निभा सकता है। यह यौगिक ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस का मुकाबला कर सकता है। ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस एक कारक है, जो त्वचा के स्वास्थ्य को नकारात्मक रूप से प्रभावित कर सकता है। ऐसे में अंगूर एंटीऑक्सीडेंट की तरह काम कर सकता है। यह न सिर्फ स्किन एजिंग, बल्कि स्किन कैंसर से भी बचाव कर सकता है (47) (48)।

इतना ही नहीं इसमें मौजूद पॉलीफेनोल सनबर्न से बचाव कर सकते हैं और अल्ट्रावॉयलेट (UVA & UVB) के प्रभाव को कम कर सकते हैं (49)। इसके साथ ही अंगूर कील-मुंहासों के लिए एंटीऑक्सीडेंट थेरेपी की तरह भी काम कर सकता है (50)। हालांकि, इस संबंध में अभी और शोध की जरूरत है, लेकिन त्वचा को स्वस्थ रखने के लिए अंगूर का सेवन किया जा सकता है।

17. बालों के लिए अंगूर

बालों के लिए अगर अंगूर की बात करें, तो अंगूर एक पौष्टिक फल है (51), जिसका सेवन बालों को स्वस्थ बनाने में सहायक हो सकता है (52) (53)। इसके साथ ही अंगूर के बीज में मौजूद प्रोएंथोस्यानिडींस (proanthocyanidins) बालों को घना करने में मददगार साबित हो सकते हैं (54)। ये पॉलीफेनोल अंगूर के छिलके में भी मौजूद होते हैं। हालांकि, सीधे तौर पर इस विषय में कोई सटीक शोध उपलब्ध नहीं है, लेकिन पोषण प्रदान करने के लिए इसका सेवन किया जा सकता है, क्योंकि बालों को स्वस्थ रखने के लिए डाइट भी अहम होती है।

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फायदों के बाद, अब जानते हैं कि अंगूर में कौन सा विटामिन पाया जाता है।

अंगूर के पौष्टिक तत्व – Grapes (Angoor) Nutritional Value in Hindi

अंगूर के कई सारे फायदे जानने के बाद अब वक्त है इसमें मौजूद पौष्टिक तत्वों के बारे में जानने की। नीचे हम पाठकों के साथ अंगूर के पौष्टिक तत्वों की सूची साझा रहे हैं (51):

पौष्टिक तत्वप्रति 100 ग्राम
पानी80.54 ग्राम
एनर्जी69 केसीएएल
प्रोटीन0.72 ग्राम
टोटल लिपिड (फैट)0.16 ग्राम
ऐश0.48 ग्राम
कार्बोहाइड्रेट18.1 ग्राम
फाइबर, टोटल डायटरी0.9 ग्राम
शुगर15.48 ग्राम
कैल्शियम10 मिलीग्राम
आयरन0.36 मिलीग्राम
मैग्नीशियम7 मिलीग्राम
फास्फोरस20 मिलीग्राम
पोटैशियम191 मिलीग्राम
सोडियम2 मिलीग्राम
जिंक0.07 मिलीग्राम
कॉपर0.127 मिलीग्राम
मैंगनीज0.071 मिलीग्राम
सेलेनियम0.1 माइक्रोग्राम
फ्लोराइड7.8 माइक्रोग्राम
विटामिन सी3.2 मिलीग्राम
विटामिन बी-60.086 मिलीग्राम
फोलेट, टोटल2 माइक्रोग्राम
कोलिन, टोटल5.6 मिलीग्राम
विटामिन ए, आरएइ3 माइक्रोग्राम
विटामिन ए आईयू66 आईयू
ल्यूटिन-जिआजेंथिन72 माइक्रोग्राम
विटामिन ई (अल्फा टोकोफेरोल)0.19 मिलीग्राम
विटामिन के14.6 माइक्रोग्राम
फैटी एसिड्स, टोटल सैचुरेटेड0.054  ग्राम
फैटी एसिड्स, टोटल मोनोअनसैचुरेटेड0.007 ग्राम
फैटी एसिड्स, टोटल पोलीअनसैचुरेटेड0.048 ग्राम

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अंगूर के फायदे और पौष्टिक तत्वों के बारे में जानने के बाद इससे जुड़ी कुछ और जानकारी हासिल करते हैं।8

अंगूर को लंबे समय तक सुरक्षित कैसे रखें

नीचे जानिए अंगूरों को लंबे वक्त तक सुरक्षित रखने का तरीका (1):

  • सबसे पहले ऐसे अंगूरों का चुनाव करें, जो ताजे हों। नर्म, गले हुए और भूरे अंगूरों को खरीदने से बचें। ऐसे अंगूर सड़े हुए हो सकते हैं।
  • अंगूर को लंबे समय तक सुरक्षित रखने के लिए किसी प्लास्टिक जिपर बैग में या प्लास्टिक में डालकर फ्रिज में रखें।
  • अंगूरों को कभी भी धोकर फ्रिज में न रखें, धोकर रखने से अंगूर जल्दी खराब हो सकते हैं।
  • अंगूरों को खाने के तुरंत पहले धोएं।
  • अंगूर खरीदने के दो से तीन दिन के अंदर उन्हें खा लें।

लेख के इस भाग में हम अंगूर के औषधीय गुण के लिए उसे उपयोग करने के अलग-अलग तरीके बता रहे हैं।

अंगूर का उपयोग – How to Use Grapes in Hindi

अंगूर के औषधीय गुण को अवशोषित करने के लिए व इसके स्वाद को बढ़ाने के लिए इसे कई तरीकों से खाया जा सकता है। नीचे जानिए अंगूर खाने के अलग-अलग तरीके :

  • हरे और काले अंगूर के फायदे के लिए इनका सेवन फ्रूट चाट में कर सकते हैं।
  • अंगूर का जूस बनाकर पी सकते हैं।
  • अंगूर की आइसक्रीम खा सकते हैं।
  • अंगूर को कस्टर्ड में डालकर सेवन कर सकते हैं।
  • अंगूर को केक में डालकर खा सकते हैं।
  • अंगूर के बीज का तेल लगा सकते हैं।
  • किशमिश के रूप में भी अंगूर का सेवन कर सकते हैं।
  • अंगूर को दही में डालकर सेवन किया जा सकता है।
  • अंगूर को ऐसे ही खा सकते हैं।
  • हरे अंगूर के फायदे या अन्य रंग के अंगूर के लाभ के लिए अंगूर का उपयोग जूस के रूप में भी किया जा सकता है।

नीचे है और जानकारी

लेख के इस भाग में हम अंगूर जूस के फायदे के लिए अंगूर का जूस बनाने की विधि साझा कर रहे हैं।

अंगूर का जूस बनाने की विधि

अंगूर का जूस पीने के फायदे के लिए नीचे पढ़ें अंगूर का जूस बनाने की विधि दो से तीन लोगों के लिए:

सामग्री :

  • लगभग 500 ग्राम हरे या काले अंगूर
  • एक से दो कप पानी
  • स्वादानुसार चीनी
  • स्वादानुसार काला नमक
  • चाट मसाला स्वादानुसार

बनाने की विधि :

  • सबसे पहले सारे अंगूरों को अच्छे से एक बर्तन में निकालकर धो लें।
  • अब इन अंगूरों को मिक्सी जार में डाल दें।
  • फिर इसमें आवश्यकतानुसार पानी, स्वादानुसार चीनी, काला नमक व चाट मसाला डालकर मिक्स करें।
  • जब जूस निकल आए, तो मिश्रण को छलनी से छानकर एक गिलास में निकाल लें।
  • तैयार है अंगूर का स्वादिष्ट जूस।

अभी लेख बाकी है

जरूरत से ज्यादा अंगूर खाने के नुकसान भी हैं, जिनके बारे में हम आगे बता रहे हैं।

अंगूर के नुकसान – Side Effects of Grapes in Hindi

अंगूर के फायदे और नुकसान दोनों ही हैं। ज्यादा या गलत तरीके से सेवन करने से अंगूर खाने के नुकसान भी हो सकते हैं। ऊपर अंगूर के फायदे जानने के बाद, हो सकता है कई लोग इसका अधिक सेवन करने लगे, लेकिन ऐसी गलती न करें। इसलिए, हम अंगूर के नुकसान बताकर पाठकों को सावधान कर देना चाहते हैं।

  • कुछ अध्ययनों में यह बात सामने आई है कि जिन व्यक्तियों ने अंगूर के बीज खाए थे, उनमें अपेंडिसाइटिस (appendicitis- पेट में मौजूद अपेंडिक्स में सूजन की समस्या) की समस्या सामने आई थी (55)।
  • अगर बात करें गर्भवती के अंगूर खाने की, तो इस संबंध में मिले-जुले अध्ययन हैं। एक अध्ययन में, रेस्वेराट्रोल की खुराक भ्रूण में अग्नाशय की समस्याओं का कारण बना है। हालांकि, अध्ययन में अंगूर के बारे में कुछ भी नहीं बताया गया है, लेकिन सावधानी बरतना बेहतर है (56)। वहीं, कुछ प्रारंभिक अध्ययनों से पता चला है कि रेस्वेराट्रोल सप्लीमेंट वास्तव में गर्भावस्था के दौरान फायदेमंद हो सकता है। ऐसे में संतुलित मात्रा में अंगूर खाने की राय दी जा सकती है (57)(58)। इसलिए, बेहतर है कि गर्भावस्था के दौरान अंगूर का सेवन करने से पहले डॉक्टर से राय जरूर लें।
  • छोटे बच्चों को अंगूर देने से बचें, क्योंकि अंगूर छोटा फल है और यह बच्चे के गले में अटक सकता है (59) (60)।
  • अंगूर में कैलोरी होती है, ऐसे में इसके अधिक सेवन से वजन बढ़ने का जोखिम हो सकता है। हालांकि, इस विषय में वैज्ञानिक शोध की कमी है। ऐसे में बेहतर वेट लॉस डाइट में अंगूर को शामिल करने से पहले इस बारे में डायटीशियन की सलाह ले लें।
  • अगर किसी को एलर्जी की समस्या आसानी से हो जाती है या किसी का पेट संवेदनशील है, तो अंगूर खाने से एलर्जी की या पेट की परेशानी हो सकती है (61)।

इस आर्टिकल में अंगूर के गुण पढ़ने के बाद कई लोग इस छोटे, लेकिन उपयोगी फल को अपने डाइट में शामिल करना चाह रहे होंगे। हालांकि, यह ध्यान में रखना भी जरूरी है कि अंगूर खाने के फायदे और नुकसान दोनों है। अंगूर के नुकसान बताकर हमारा उद्देश्य पाठकों को डराना नहीं, बल्कि जागरूक करना है, ताकि मजे-मजे में और अधिक गुण के चाहत में लोग इसका अधिक सेवन न कर लें। यह छोटा-सा दिखने वाला फल अंगूर विभिन्न रंगों में उपलब्ध हैं, लेकिन सभी अंगूर के लाभ लगभग एक समान हैं। इसे आसानी से डाइट में शामिल किया जा सकता है। ध्यान रहे, खुद को स्वस्थ रखने के लिए डाइट में सिर्फ अंगूर नहीं, बल्कि जीवनशैली और दिनचर्या में सुधार करना भी जरूरी है। इसलिए, सही आहार और दिनचर्या में सुधार ही स्वस्थ जीवन का आधार हो सकता है।

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

अंगूर की तासीर कैसी होती है?

कई लोगों के मन में यह सवाल आता है कि अंगूर गर्म होता है या ठंडा, यानी अंगूर की तासीर कैसी होती है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि अंगूर की तासीर गर्म होती है।

प्रति दिन कितने अंगूर खाने चाहिए?

एक दिन में कितना अंगूर खाना चाहिए, यह व्यक्ति की उम्र और स्वास्थ्य पर निर्भर करता है। औसतन एक दिन में एक कप तक अंगूर खाए जा सकते हैं (61)।

क्या काले अंगूर खाना सुरक्षित है?

हां, काले अंगूर खाना सुरक्षित है। अगर किसी को कोई स्वास्थ्य संबंधी समस्या या एलर्जी की शिकायत रही हो, तो अंगूर के सेवन से पहले एक बार डॉक्टरी सलाह जरूर लें।

Sources

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