Medically Reviewed By Dr. Zeel Gandhi, BAMS
Written by , (शिक्षा- बैचलर ऑफ जर्नलिज्म एंड मीडिया कम्युनिकेशन)

बदहजमी यानी अपच ऐसी समस्या है, जो आपके पूरे स्वास्थ्य को बिगाड़कर रख देती है। जब पेट के ऊपरी हिस्से में दर्द या बेचैनी हो, तो यह बदहजमी का संकेत हो सकता है। पाचन तंत्र में खराबी होने के कारण बदहजमी की समस्या होने लगती है। कुछ लोग बदहजमी का इलाज करने के लिए डॉक्टर से दवा लेते हैं, तो कुछ घरेलू उपचार अपनाकर बदहजमी के उपाय करते हैं। अगर आप भी यह सोचते हैं कि बदहजमी कैसे दूर करें, तो स्टाइलक्रेज का यह आर्टिकल आपकी मदद कर सकता है। इस लेख में हम अपच को ठीक करने का तरीका बताएंगे। साथ ही आपको इसके कारण और लक्षण के बारे में भी बताएंगे।

आइए शुरू करें लेख

बदहजमी दूर करने के उपाय जानने से पहले जानिए कि यह क्या होती है।

बदहजमी क्या है?

पेट में खराबी आने पर बदहजमी की समस्या होती है। इसे मेडिकल भाषा में डिसपेपसिया कहा जाता है। इसमें पेट से जुड़ी कई समस्याओं को शामिल किया जाता है, जैसे – पेट में दर्द, जलन या ऊपरी पेट में असहजता आदि। बदहजमी अपने आप में कोई बीमारी नहीं है, लेकिन यह किसी गंभीर बीमारी का संकेत जरूर है। ऐसा माना जाता है कि खराब खान-पान की वजह से बदहजमी होती है, लेकिन इसके कई अन्य कारण भी हैं। इसके बारे में हमने आगे लेख में बदहजमी के कारण वाले भाग में विस्तार से बताया है (1)।

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लेख के अगले भाग में आप बदहजमी के कारण के बारे में जानेंगे।

बदहजमी के कारण – Causes of Indigestion Hindi

बदहजमी होने के कई कारण हो सकते हैं, जैसे (2):

  • जरूरत से ज्यादा खा लेना।
  • मसालेदार और तैलीय भोजन करना।
  • भोजन के तुरंत बाद लेट जाना।
  • अधिक फाइबर युक्त आहार
  • धूम्रपान करना।
  • शराब का सेवन।
  • अधिक कैफीन का सेवन।
  • सोडा का जरूरत से ज्यादा सेवन।
  • ज्यादा स्ट्रेस लेना।
  • एस्पिरिन और इबुप्रोफेन जैसी कुछ दवाएं।
  • एसिड रिफलक्स, गैस्ट्रिक कैंसर, अग्नाशय में असमानता या पेप्टिक अल्सर जैसी चिकित्सीय स्थितियां।

आगे है और जानकारी

लेख के अगले भाग में हम अपच के लक्षण के बारे में जानेंगे।

बदहजमी (अपच) के लक्षण – Symptoms of Indigestion in Hindi

बदहजमी होने पर कई तरह के आम लक्षण महसूस हो सकते हैं। नीचे हम इन्हीं लक्षणों के बारे में बता रहे हैं (2):

  • पेट दर्द
  • ऊपरी पेट में असहजता महसूस होना
  • पेट फूलना
  • जी-मिचलाना
  • पेट में जलन
  • थोड़ा-सा खाने पर ही पेट भरा महसूस होना

अगर बदहजमी गंभीर है, तो कुछ और लक्षण भी हो सकते हैं, जिनके होने पर तुरंत डॉक्टर से बात करने की सलाह दी जाती है (2) :

  • उल्टी में खून आना
  • वजन घटना
  • निगलने में तकलीफ होना

लेख के अगले भाग में हम बताएंगे कि घर में बदहजमी कैसे दूर करें।

बदहजमी के घरेलू उपाय – Home Remedies for Indigestion in Hindi

समस्या कोई भी हो, अमूमन लोग पहले उसका घरेलू उपचार करना पसंद करते हैं। ये घरेलू उपचार असरदार भी होते हैं और किसी तरह का नुकसान भी नहीं पहुंचाते हैं। हां, अगर किसी की तबीयत ज्यादा खराब हो, तो बिना देरी किए डॉक्टर से चेकअप करवाना चाहिए। नीचे विस्तार से जानिए अपच के घरेलू उपाय के बारे में।

1. बेकिंग सोडा 

सामग्री :

  • आधा चम्मच बेकिंग सोडा
  • आधा गिलास गर्म पानी

विधि :

  • आधे गिलास पानी में आधा चम्मच बेकिंग सोडा डालकर अच्छी तरह मिलाएं।
  • फिर इस पानी को पी लें।

कैसे है फायदेमंद?

अपच का इलाज करने के लिए बेकिंग सोडा के फायदे देखे गए हैं। बताया जाता है कि बेकिंग सोडा एक प्राकृतिक एंटासिड है, जो अपच और सीने की जलन का इलाज करने में मदद कर सकता है। यह अपच को ठीक करने के लिए पेट के एसिड को बेअसर कर सकता है (3)।

नोट : इसका सेवन हमेशा खाना खाने के एक घंटे से दो घंटे बाद करें।

2. सेब का सिरका 

सामग्री : 

  • 1-2 चम्मच सेब का सिरका
  • 1 गिलास पानी

विधि :

  • एक गिलास गर्म पानी में एक से दो चम्मच सेब का सिरका मिलाएं।
  • स्वाद के लिए इसमें थोड़ा-सा शहद मिला सकते हैं।
  • फिर इस मिश्रण को पिएं।

कैसे है फायदेमंद? 

सेब के सिरके का उपयोग अपच के लक्षण जैसे पेट में जलन का इलाज करने के लिए किया जा सकता है। एनसीबीआई (नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इंफार्मेशन) द्वारा प्रकाशित एक शोध में यह बात सामने आई है कि खाना खाने से लगभग आधे घंटे पहले सेब के सिरके और पानी का यह घोल खाने को जल्दी पचाने में मदद कर सकता है और अपच का इलाज कर सकता है (4)। फिलहाल, इस विषय में अभी और शोध व सटीक प्रमाण की जरूरत है।

3. दालचीनी 

सामग्री : 

  • एक चम्मच दालचीनी पाउडर
  • एक कप पानी

विधि : 

  • एक पैन में एक कप पानी उबालें।
  • जब पानी में उबाल आने लगे, तो उसमें एक चम्मच दालचीनी पाउडर डालकर दो-तीन मिनट और उबालें।
  • अच्छी तरह से उबल जाने के बाद इसे एक कप में छान लें।
  • दो से तीन बूंद नींबू (वैकल्पिक) मिलाकर दालचीनी चाय का सेवन करें।

कैसे है फायदेमंद? 

दालचीनी को अपने कई गुणों के कारण स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद माना जाता है। उन्हीं कई फायदों में से दालचीनी का एक फायदा बदहजमी का घरेलू इलाज करना भी है। बताया जाता है कि यह क्रोनिक अपच समस्या से कुछ हद तक राहत पाने में मदद कर सकता है। फिलहाल, इस विषय पर और शोध किए जाने की जरूरत है कि दालचीनी किस गुण के कारण बदहजमी को ठीक कर सकती है (5)।

4. कैमोमाइल चाय 

सामग्री : 

  • एक चम्मच कैमोमाइल चाय
  • एक कप पानी
  • शहद

विधि :

  • एक पैन में एक कप पानी गरम कर लें।
  • इसमें एक चम्मच कैमोमाइल चाय पत्ती डालें।
  • अच्छी तरह उबल जाने के बाद इसे एक कप में छान लें और शहद मिलकर इसका सेवन करें।

कैसे है फायदेमंद?

कैमोमाइल को डाइजेस्टिव रिलैक्सेंट माना जाता है यानी यह पाचन तंत्र को आराम पहुंचाने में सहायक हो सकता है। इसके उपयोग पेट से जुड़ी से कई समस्याओं को ठीक किया जा सकता है। बताया जाता है कि यह अपच की समस्या और उसके अन्य लक्षण जैसे – गैस, उल्टी व मतली आदि से राहत पाने में मदद कर सकता है। यह गैस को निकालने और पेट से आंत तक खाना ले जाने वाली मांसपेशियों को रिलैक्स करने में मदद कर सकता है (6)।

5. नींबू और अदरक की चाय

सामग्री : 

  • एक इंंच अदरक का टुकड़ा
  • 1 चम्मच नींबू का रस
  • 1 कप गर्म पानी
  • शहद

क्या करें? 

  • एक कप गर्म पानी में अदरक का टुकड़ा डालें।
  • फिर इसमें एक चम्मच नींबू का रस डालें।
  • 5 से 10 मिनट के बाद इस पानी को छान लें।
  • जब यह चाय गुनगुनी हो जाए, तो इसमें थोड़ा-सा शहद डालें और तुरंत पी लें।

कैसे है फायदेमंद? 

बदहजमी दूर करने के उपाय के रूप में अदरक और नींबू की चाय का भी उपयोग किया जा सकता है। माना जाता है कि पुराने समय से अदरक का उपयोग बदहजमी और उसके लक्षणों जैसे – पेट दर्द, पेट फूलना, गैस, डकार, मतली और उल्टी के उपचार में किया जा रहा है (7)। वहीं, नींबू को एल्कलाइन खाद्य पदार्थ माना जाता है। यह शरीर में बन रहे एसिड को शांत करके पेट की जलन से आराम दिला सकता है (8)।

6. जीरे का पानी

सामग्री : 

  • दो चम्मच जीरा
  • एक गिलास पानी

विधि : 

  • एक गिलास पानी में दो चम्मच जीरा रात भर के लिए भिगोकर रख दें।
  • सुबह इस पानी को छान लें और दो चुटकी काला नमक (वैकल्पिक) मिलाकर इसका सेवन करें।

कैसे है फायदेमंद? 

वजन कम करने के लिए जीरे के पानी के बारे में तो आपने सुना ही होगा, लेकिन क्या आप जानते हैं कि इसका उपयोग बदहजमी का घरेलू इलाज करने के लिए भी किया जा सकता है? जी हां दोस्तों, एनसीबीआई द्वारा प्रकाशित एक लेख में यह बात सामने आई है कि इसमें गैस्ट्रोप्रोटेक्टिव गुण पाया जाता है। यह पेट और आंत से जुड़ी समस्याएं जैसे अपच, पेट में दर्द, जलन, गैस, पेट फूलना, उल्टी और मतली से आराम पाने में मदद कर सकता है (9)।

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7. पुदीना 

सामग्री : 

  • आधा चम्मच पेपरमिंट टी
  • एक कप पानी
  • शहद (वैकल्पिक)

विधि : 

  • एक पतीले में एक कप पानी गर्म कर लें।
  • जब यह पानी उबलने लग जाए, तो इसमें आधा चम्मच पेपरमिंट चाय डालकर उबाल लें।
  • अच्छी तरह उबल जाने के बाद चाय को छान लें।
  • इसमें अपनी इच्छा के अनुसार शहद मिलाकर इसका सेवन करें।

कैसे है फायदेमंद?

अपच को ठीक करने का तरीका घर में अपनाने के लिए पेपरमिंट चाय का भी उपयोग किया जा सकता है। बताया जाता है कि पुराने समय से इसका उपयोग अपच की समस्या और उसके लक्षणों जैसे गैस, एसिडिटी व मतली से आराम पाने में किया जाता रहा है। वहीं, जर्नल ऑफ फार्मास्यूटिकल एंड रिसर्च के शोध में यह भी पाया गया है कि इसमें एंटी स्पास्मोडिक गुण पाए जाते हैं, जो पेट दर्द को कम करने में मदद कर सकते हैं (10)।

8. अजवाइन 

सामग्री : 

  • आधा चम्मच अजवाइन
  • आधा गिलास गर्म पानी

विधि : 

  • पेट में अपच का इलाज करने के लिए आधे गिलास गर्म पानी के साथ आधा चम्मच अजवाइन का सेवन करें।

कैसे है फायदेमंद? 

बदहजमी का घरेलू इलाज करने में अजवायन का सेवन भी लाभदायक हो सकता है। बताया जाता है कि यह पाचन तंत्र की मांसपेशियों, खासकर आंत को रिलैक्स करने में कर सकती है। वहीं, यह पचाने वाले एंजाइम और बाइल की कार्यप्रणाली को बढ़ाता है। साथ ही इसमें एंटीस्पास्मोडिक प्रभाव (Antispasmodic effects) पेट के दर्द को कम करने में सहायक हो सकता है। बाइल लिवर से निकलने वाला एक तरल पदार्थ होता है, जो छोटी आंत में लिपिड को पचाने में मदद करता है (11)।

9. दूध 

सामग्री : 

  • एक गिलास ठंडा दूध

विधि :

  • अपच की समस्या होने पर एक गिलास ठंडा दूध पिएं।

कैसे है फायदेमंद? 

घर में बदहजमी के उपाय के रूप में दूध का भी उपयोग किया जा सकता है। एनसीबीआई द्वारा प्रकाशित एक शोध में यह साबित किया गया है कि दूध में एंटीएसिड प्रभाव होते हैं। ये अपच के लक्षण जैसे पेट में जलन या एसिडिटी को कम करके उससे राहत पाने में मदद कर सकते हैं (12)।

10. शहद 

सामग्री : 

  • एक चम्मच शहद
  • एक गिलास गुनगुना पानी

विधि : 

  • एक गिलास गुनगुने पानी में एक चम्मच शहद मिलाकर पिएं।
  • इसे रोज सुबह खाली पेट पिया जा सकता है।

कैसे है फायदेमंद? 

बदहजमी कभी अकेले नहीं होती। इसके साथ इसके कुछ लक्षण भी आते हैं, जिनमें से एक आम लक्षण पेट में जलन भी शामिल है। कुछ मामलों में यह जलन शरीर में फ्री रेडिकल्स के प्रभाव से भी हो सकती है। ऐसे में शहद का उपयोग फायदेमंद हो सकता है। इसमें एंटीऑक्सीडेंट गुण पाए जाते हैं, जो फ्री रेडिकल्स का असर कम करके बदहजमी के लक्षण से आराम दिला सकते हैं (13)।

11. सौंफ 

सामग्री : 

  • एक बड़े चम्मच सौंफ
  • दो कप पानी

विधि : 

  • दो कप पानी में दो बड़े चम्मच सौंफ रातभर के लिए भिगोकर रख दें।
  • सुबह उठकर इस पानी को छान लें और एक कप पानी पी लें।
  • बचा हुआ एक कप पानी खाना खाने के आधा घंटे पहले पिया जा सकता है।

कैसे है फायदेमंद? 

अपच के घरेलू उपाय के रूप में सौफ का भी उपयोग किया जा सकता है। पंजाब के एक मेडिकल कॉलेज द्वारा किए गए शोध में पाया गया है कि सौंफ से बनाया गया सिरप (सौंफ का पानी) बच्चों में कॉलिक का उपचार करने में मदद कर सकता है। बच्चों में कॉलिक की समस्या अपच के कारण होती है (14)।

12. नारियल का तेल 

सामग्री : 

  • एक से दो चम्मच नारियल का तेल

विधि : 

  • खाना बनाने में साधारण तेल की जगह नारियल के तेल का उपयोग करें।

कैसे है फायदेमंद? 

बदहजमी दूर करने के उपाय के रूप में नारियल के तेल का भी उपयोग किया जा सकता है। जर्नल ऑफ फार्मेसी रिसर्च द्वारा प्रकाशित एक शोध में बताया गया है कि नारियल के तेल में लॉरिक एसिड पाया जाता है। यह हेलिकोबैक्टर पाइलोरी नामक वायरस का प्रभाव कम करने में मदद कर सकता, जो अपच का कारण बनता है। नारियल तेल के उपयोग के साथ दिन में एक बार नारियल पानी का उपयोग से भी बदहजमी का घरेलू इलाज करने में मदद मिल सकती है (15)।

13. एलोवेरा 

सामग्री : 

  • आधा कप एलोवेरा का जूस

विधि : 

  • खाना खाने से आधे घंटे पहले आधा कप एलोवेरा जूस पिएं।

कैसे है फायदेमंद? 

त्वचा के लिए एलोवेरा के फायदे के बारे में तो आपने सुना ही होगा। हम आपको बता दें कि अपच की समस्या से आराम पाने के लिए भी एलोवेरा का उपयोग किया जा सकता है। नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इंफॉर्मेशन द्वारा प्रकाशित एक शोध में प्रमाण मिलता है कि एलोवेरा का जूस पेट व आंत से जुड़ी समस्याओं से आराम पाने में मदद कर सकता है। इसमें पेट में जलन, डकार आना, गैस, खाना निगलने में दिक्कत होना, उल्टी व मतली आदि शामिल है (16)।

आगे है और जानकारी

लेख के अगले भाग में आप जानेंगे कि बदहजमी में क्या खाएं।

बदहजमी (अपच) में क्या खाना चाहिए – Foods to Eat for Indigestion in Hindi 

बदहजमी का इलाज अपनाने के साथ इस दौरान अपनी डाइट का ध्यान रखना भी जरूरी है। इस डाइट को ब्लांड डाइट भी कहा जाता है। इस दौरान नीचे बताए गए खाद्य पदार्थों का सेवन कर सकते हैं (17) :

  • कम फैट या पूरी तरह फैट रहित डेयरी उत्पाद
  • पकी हुई, डिब्बाबंद या फ्रोजन सब्जियां।
  • फलों और सब्जियों का रस।
  • आटे से बनी रोटियां और ब्रेड।
  • कम फैट युक्त चिकन, ग्रिल्ड व्हाइटफिश या शेलफिश।
  • क्रीमी पीनट बटर।
  • पुडिंग या कस्टर्ड
  • अंडा
  • टोफू
  • सूप

आगे तक पढ़ते रहें

नीचे जानिए कि अपच में क्या न खाने की सलाह दी जाती है।

बदहजमी (अपच) में क्या नहीं खाना चाहिए – Foods to Avoid For Indigestion in Hindi

अपच की समस्या में नीचे बताए गए पदार्थों का सेवन न करने की सलाह दी जाती है (17) :

  • शराब और उससे युक्त पेय पदार्थ।
  • कार्बोनेटेड पेय पदार्थ जैसे सोडा।
  • कैफीन युक्त पेय और खाद्य पदार्थ।
  • ज्यादा एसिड युक्त खाद्य पदार्थ जैसे टमाटर या संतरे।
  • ज्यादा तीखा या तैलीय/फैट युक्त आहार।

जारी रखें लेख पढ़ना

लेख के अगले भाग में जानिए मेडिकल तरीके से अपच के इलाज बारे में।

बदहजमी (अपच) का इलाज – Treatments for Indigestion in Hindi

बदहजमी का इलाज पूरी तरह से उसके कारण पर निर्भर करता है। कारण के अनुसार बदहजमी का इलाज तीन तरह से किया जा सकता है (18) :

  1. एंटीडिप्रेजेंट : यह जानकर शायद आपको हैरानी होगी कि अपच का इलाज करने के लिए एंटीडिप्रेजेंट दवाइयों का भी उपयोग किया जाता है। इस ट्रीटमेंट में फ्लुफेनथिक्सोल और मेलिट्राकेन नामक दो दवाइयों का उपयोग किया जाता है। बताया जाता है कि इस ट्रीटमेंट से अपच के लक्षणों को बहुत हद तक कम किया जा सकता है।
  1. प्रोकाइनेटिक्स : ओच के लक्षणों ओ दूर करने के लिए कुछ मामलों में प्रोकाइनेटिक्स का भी उपयोग किया जा सकता है। इसमें मेटोक्लोप्रमाइड, डोमपरिडोन, सिसाप्राइड, एरिथ्रोमाइसिन और टेगसेरोड का उपयोग किया जा सकता है। यह गैस, इरिटेबल बाउल सिंड्रोम आदि लक्षणों से आराम दिला सकता है। इसके साथ इन दवाओं के कुछ दुष्प्रभाव भी हो सकते हैं, जिनके कारण इनका उपयोग डॉक्टर से पूछ कर ही करें।
  1. एंटीबायोटिक : पेट में बैक्टीरिया के बढ़ने से डायरिया, पेट फूलना, पेट दर्द आदि की समस्या हो सकती है। ऐसे में, रिफैक्सिमिन, टेट्रासाइक्लिन, सिप्रोफ्लोक्सासिन, एमोक्सिसिलिन / क्लैवुलनेट, आदि जैसे एंटीबायोटिक दवाइयों का उपयोग बैक्टीरिया को खत्म करने में उपयोग किया जा सकता है।
  1. थेरेपी : जैसा कि बदहजमी के कारण में हमने बताया कि यह समस्या स्ट्रेस या मानसिक तनाव के कारण भी हो सकती है। ऐसे में थेरेपिस्ट से बात करके तनाव को दूर करने से भी अपच का इलाज करने में मदद मिल सकती है।

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आगे जानिए अपच के उपाय के बारे में।

बदहजमी से बचने के कुछ और उपाय – Other Tips for Indigestion in Hindi

जैसा कि कहावत है कि एहतियात इलाज से बेहतर है, उसी तरह इस समस्या से बचने के लिए बदहजमी से बचने के उपायों को अपनाया जा सकता है, जैसे (2) :

  • खाना खाने के तुरंत बाद एक्सरसाइज न करें।
  • खाने को अच्छी तरह चबाकर ही निगलें।
  • वजन नियंत्रित करें।
  • बीच रात में कुछ भी खाने से बचें।
  • धूम्रपान/शराब का सेवन न करें।
  • तनाव में न रहे।
  • खाना खाने के बाद दो से तीन घंटे बाद ही सोएं।

इस लेख के जरिए आप समझ गए होंगे कि बदहजमी क्या है। अगर इस समस्या से परेशान कोई व्यक्ति अपच के उपाय तलाश रहा है, तो यकीनन यह लेख उनके काम आएगा। उम्मीद है कि इस लेख में दिए अपच के घरेलू उपाय इस समस्या को कम करने में मदद करेंगे। वहीं, अपच को ठीक करने का तरीका ध्यान रखने के साथ इस बात का भी ध्यान रखा जाए कि बदहजमी में क्या खाएं और इस समस्या से कैसे बचें। अगर आपको यह लेख पसंद आया हो, तो इसे अपने दोस्तों के साथ शेयर करना न भूलें और ऐसे ही घरेलू नुस्खों को जानने के लिए पढ़ते रहें स्टाइलक्रेज।

लेख के अंतिम भाग में जानिए हमारे पाठकों के सवाल और उनके जवाब।

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

पेट में जलन और बदहजमी के बीच क्या फर्क है?

ये दोनों आपस से जुड़े हुए हैं। पेट में जलन तब होती है, जब खाया हुआ खाना दोबारा भोजन नली (फूड पाइप) में आने लगता है (19)। वहीं, बदहजमी तब होती है जब खाना पूरी तरह पच नहीं पाता (1)। ये दोनों एक दूसरे के कारण हो सकते हैं।

बदहजमी कितनी देर में ठीक हो जाती है?

यह पूरी तरीके से बदहजमी के कारण और उसके प्रकार पर निर्भर करता है। कुछ लोगों की यह समस्या कुछ समय में ठीक हो जाती है, वहीं कुछ की लंबे समय तक रह सकती है।

References

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  1. Indigestion
    https://medlineplus.gov/indigestion.html
  2. Indigestion
    https://medlineplus.gov/ency/article/003260.htm#:~:text=Indigestion%20(dyspepsia)%20is%20a%20mild,lower%20part%20of%20the%20breastbone
  3. Sodium Bicarbonate
    https://medlineplus.gov/druginfo/meds/a682001.html
  4. Naturopathic Treatment of Gastrointestinal Dysfunction in the Setting of Parkinson’s Disease
    https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC6469461/
  5. Cinnamon from the selection of traditional applications to its novel effects on the inhibition of angiogenesis in cancer cells and prevention of Alzheimer’s disease, and a series of functions such as antioxidant, anticholesterol, antidiabetes, antibacterial, antifungal, nematicidal, acaracidal, and repellent activities
    https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC4488098/
  6. Chamomile: A herbal medicine of the past with bright future
    https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC2995283/
  7. A review of the gastroprotective effects of ginger (Zingiber officinale Roscoe)
    https://pubmed.ncbi.nlm.nih.gov/23612703/
  8. Application of diet to eliminate Gastroesophageal complications in people suffering from heartburn
    http://citeseerx.ist.psu.edu/viewdoc/download?doi=10.1.1.428.5910&rep=rep1&type=pdf
  9. Gastrointestinal effects of Nigella sativa and its main constituent, thymoquinone: a review
    https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC4884214/
  10. Therapeutic Uses of Peppermint –A Review
    https://www.jpsr.pharmainfo.in/Documents/Volumes/vol7Issue07/jpsr07071524.pdf
  11. Carum copticum L.: A Herbal Medicine with Various Pharmacological Effects
    https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC4096002/
  12. A comparative study of the antacid effect of some commonly consumed foods for hyperacidity in an artificial stomach model
    https://pubmed.ncbi.nlm.nih.gov/28917362/
  13. Honey – A nutrient with medicinal property in reflux oesophagitis
    https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC3978955/
  14. Herbal Medicines: Possible Risks and Benefits
    http://citeseerx.ist.psu.edu/viewdoc/download?doi=10.1.1.677.7426&rep=rep1&type=pdf
  15. Phytochemical Analysis of Cocos nucifera L
    http://citeseerx.ist.psu.edu/viewdoc/download?doi=10.1.1.1054.9862&rep=rep1&type=pdf
  16. Efficacy and safety of Aloe vera syrup for the treatment of gastroesophageal reflux disease: a pilot randomized positive-controlled trial
    https://pubmed.ncbi.nlm.nih.gov/26742306/
  17. Bland diet
    https://medlineplus.gov/ency/patientinstructions/000068.htm
  18. Evaluation and management of dyspepsia
    https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC3002574/#sec14-1756283X09356590title
  19. Gastroesophageal reflux disease
    https://medlineplus.gov/ency/article/000265.htm
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