Medically Reviewed By Neha Srivastava, PG Diploma In Dietetics & Hospital Food Services
Written by , (शिक्षा- एमए इन जर्नलिज्म मीडिया कम्युनिकेशन)

क्या आप भी चावल खाना चाहते हैं, लेकिन बढ़ते वजन के डर से नहीं खा पाते? अगर ऐसा है, तो आपकी समस्या का हल इस लेख में है और उसका नाम है – ब्राउन राइस। ब्राउन राइस न सिर्फ आपके आहार में चावल की कमी को पूरा करेगा, बल्कि आपको वजन कम करने में भी मदद करेगा। इसके अलावा भी ब्राउन राइस के फायदे कई हैं, जिनके बारे में हम स्टाइलक्रेज के इस लेख में बात करेंगे। साथ ही हम यह भी जानेंगे कि ब्राउन राइस कैसे बनता है।

शुरू करते हैं लेख

आइए, सबसे पहले जानते हैं कि ब्राउन राइस क्या है।

ब्राउन राइस क्या हैं – What is Brown Rice in Hindi

चावल का बिना रिफाइंड किया हुआ प्राकृतिक रूप ब्राउन राइस कहलाता है। इसके भूरे रंग के कारण ही इसे ‘ब्राउन राइस’ कहा जाता है। यह सफेद चावल के मुकाबले पकने में ज्यादा समय लेता है और स्वाद में भी थोड़ा अलग होता है। साथ ही, सफेद चावल की तुलना में इसमें ज्यादा पोषक तत्व होते हैं, क्योंकि यह किसी रिफाइन या पॉलिश प्रक्रिया से नहीं गुजरता। सिर्फ इसके ऊपर से धान के छिलके उतारे जाते हैं (1)। ब्राउन राइस खाने के फायदे ये हैं कि इससे शरीर को पर्याप्त मात्रा में कैलोरी मिलती है। साथ ही यह फाइबर, विटामिन और मिनरल्स का एक अच्छा स्रोत हैं (2)।

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आइए, अब आपको बताते हैं कि ब्राउन राइस के फायदे क्या-क्या हैं।

ब्राउन राइस के फायदे – Benefits of Brown Rice in Hindi

ब्राउन राइस में प्रोटीन, मैग्नीशियम, पोटैशियम व फास्फोरस जैसे मिनरल पर्याप्त मात्रा में मौजूद होते हैं। ये न सिर्फ सेहत के लिए फायदेमंद होते हैं, बल्कि त्वचा और बालों के लिए भी ब्राउन राइस के फायदे हैं, जिनके बारे में हम लेख में आगे बताएंगे। वहीं, इस बात का भी ध्यान रखें कि ब्राउन राइस किसी भी गंभीर बीमारी का संपूर्ण इलाज नहीं है। यह केवल बीमारियों के लक्षणों को कम कर सकता है। आइए, अब समझते हैं कि ब्राउन राइस के स्वास्थ लाभ क्या हैं।

सेहत के लिए ब्राउन राइस के फायदे – Health Benefits of Brown Rice in Hindi

नीचे क्रमवार जानिए ब्राउन राइस किस प्रकार स्वास्थ्य लाभ प्रदान कर सकता है। वहीं, इस बात का ध्यान रखें कि ब्राउन राइस यहां बताई गई किसी भी शारीरिक समस्या व बीमारी का इलाज नहीं है। इसका सेवन इनसे बचाव और इनके प्रभाव को कुछ हद तक कम करने में मदद कर सकता है। अब पढ़ें आगे :

1. कोलेस्ट्रोल नियंत्रित करता है

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शरीर में कोलेस्ट्रोल की मात्रा बढ़ने से ह्रदय रोग हो सकता है। कोलेस्ट्रोल को नियंत्रित करने के लिए ब्राउन राइस जैसे साबुत अनाज खाने की सलाह दी जाती है(3)। ब्राउन राइस में कुछ मात्रा फाइबर की होती है (2)। फाइबर खाने को धीरे-धीरे पचाने में मदद करता है, जिससे भूख कम लगती है और कोलेस्ट्रोल को खून में धीरे-धीरे घुलने में मदद करता है। साथ ही एलडीएल कोलेस्ट्रोल यानी खराब कोलेस्ट्रोल के स्तर को कम करने में मदद करता है (4)।

2. मधुमेह के लिए ब्राउन राइस के फायदे

वैज्ञानिक शोध के अनुसार, ब्राउन राइस टाइप 2 मधुमेह को नियंत्रित रखने में मदद कर सकता है। इसमें फाइबर, प्रोटीन, फाइटोकेमिकल्स और मिनरल्स की अच्छी मात्रा पाई जाती है। व्हाइट राइस की तुलना में ब्राउन राइस में लो ग्लाइसेमिक इंडेक्स होता है, जो शरीर में ब्लड शुगर के स्तर को कम रखता है। इसलिए मधुमेह के मरीजों के लिए ब्राउन राइस का सेवन फायदेमंद साबित हो सकता है (5)।

3. वजन नियंत्रित करने में ब्राउन राइस के फायदे

ब्राउन राइस खाने के फायदे वजन नियंत्रण भी शामिल है। दरअसल, इसमें फाइबर होता है, जो वजन नियंत्रित करने में मदद कर सकता है (2)। फाइबर धीरे-धीरे पचता है, जिसके चलते आपको भूख कम लगती है और आप कम खाते हैं। ऐसा करने से आपके शरीर में कैलोरी और फैट भी मात्रा कम होती है (6)।

4. कैंसर विरोधी गुण

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ब्राउन राइस के स्वास्थ्य लाभ की बात करें, तो यह कैंसर से बचाव का काम कर सकता है। शोध के अनुसार, अंकुरित ब्राउन राइस में गामा-एमिनोब्यूटिरिक एसिड (GABA) पाया जाता है, जो ल्यूकेमिया (रक्त कैंसर) की कैंसर कोशिकाओं को रोकने में मदद कर सकता है (7)। हालांकि, इस बात का ध्यान रखें कि ब्राउन राइस किसी भी तरीके से कैंसर का इलाज नहीं है। इसका सेवन कैंसर से बचाव के लिए एक स्वस्थ आहार के रूप में किया जा सकता है। वहीं, अगर कोई कैंसर से पीड़ित है, तो उसका डॉक्टरी इलाज करवाना बहुत जरूरी है।

5. हड्डियों के लिए ब्राउन राइस के फायदे

हड्डियों को तंदुरुस्त रखने के लिए मैग्नीशियम बहुत फायदेमंद मिनरल है और यह ब्राउन राइस में भरपूर मात्रा में पाया जाता है (2)। यह बोन मिनरल डेंसिटी को बढ़ाने में मदद कर सकता है (8)।

6. तंत्रिका तंत्र के लिए फायदेमंद

तंत्रिका तंत्र के सही प्रकार से काम न करने पर अल्जाइमर, पार्किंसंस व माइग्रेन जैसी समस्या हो सकती है। इन बीमारियों से उबरने में मैग्नीशियम जरूरी तत्व साबित हो सकता है (10)। वहीं, ब्राउन राइस में मैग्नीशियम पर्याप्त मात्रा में होता है और इसका सेवन करने से तांत्रिक तंत्र को स्वस्थ बनाया जा सकता है (2)।

7. रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाए

ब्राउन राइस खाने के फायदे में रोग प्रतिरोधक क्षमता को बेहतर करने का गुण भी शामिल है। इसमें विटामिन-ई मौजूद होता है, जो एंटीऑक्सीडेंट का काम कर सकता है। इससे रोग प्रतिरोधक क्षमता बेहतर होती है और विभिन्न बीमारियों से बचना आसान हो जाता है (10)।

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8. ह्रदयरोग के लिए ब्राउन राइस के फायदे

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वैज्ञानिक शोध के अनुसार, साबुत अनाज खाने से ह्रदयरोग होने की संभावना 21 प्रतिशत तक कम हो जाती है। ब्राउन राइस एक साबुत अनाज है, जिसमें फाइबर भरपूर मात्रा में पाया जाता है (2 )। फाइबर खून में कोलेस्ट्रोल की मात्रा को नियंत्रित करता है, जिससे ह्रदयरोग की समस्या से आराम मिल सकता है (11)।

9. अस्थमा के लिए ब्राउन राइस के फायदे

अस्थमा में ब्राउन राइस जैसे साबुत अनाज खाने की सलाह दी जाती है। इसमें फाइबर और एंटी-ऑक्सीडेंट तत्त्व की मात्रा भरपूर होती है, जो सांस संबंधी समस्याओं में लाभकारी हो सकते हैं ( 2) (12)।

[ पढ़े: दमा (अस्थमा) के कारण, लक्षण और घरेलू इलाज ]

10. आंतों को ठीक करे

ब्राउन राइस का सेवन करने से आंतों की कार्यप्रणाली बेहतर होती है। ब्राउन राइस पर मौजूद ब्रान लेयर (bran layer) और फाइबर पाचन शक्ति को बेहतर बनाते हैं  (13)।

11. अनिद्रा के इलाज के लिए

ब्राउन राइस में गामा-एमिनोब्यूटिरिक एसिड (GABA) होता है, जो तनाव या फिर अधिक मात्रा में कैफीन का सेवन करने से हो रही अनिद्रा की समस्या से आराम दिलाता है (14)।

12. पित्ताशय की पथरी को रोके

पित्ताशय की पथरी से आराम पाने के लिए ब्राउन राइस जैसे साबुत अनाज व फाइबर युक्त खाद्य पदार्थ खाने की सलाह दी जाती है (15)। एक शोध के अनुसार, ब्राउन राइस में फाइबर पाया जाता है और इसे साबुत अनाज की श्रेणी में भी रखा जाता है (16)।

13. स्तनपान कराने वाली महिलाओं के लिए फायदेमंद

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ब्राउन राइस खाने के फायदे स्तनपान करवाने वाली महिलाओं के लिए भी हैं। यह स्तनपान के दौरान होने वाले तनाव, थकान और अवसाद से आराम दिला सकता है (17)।

14. डिप्रेशन से आराम

ब्राउन राइस में एंटी-डिप्रेशन गुण होते हैं, जो तनाव और दिमाग से संबंधित समस्याओं से लड़ने में मदद करते हैं। इसमें मौजूद गामा-एमिनोब्यूटिरिक एसिड (GABA) और ग्लूटामाइन एक प्रकार के एमिनो एसिड हैं, जो दिमाग में न्यूरोट्रांसमीटर का निर्माण करते हैं। ये न्यूरोट्रांसमीटर तनाव व दुःख आदि का प्रभाव दिमाग पर नहीं पड़ने देते (18)।

15. फ्री रेडिकल्स से बचाव

ब्राउन राइस के स्वास्थ लाभ की बात करें, तो इसके एंटी-ऑक्सीडेंट गुण कोशिकाओं को फ्री-रेडिकल्स के प्रभाव से बचाते हैं (19)।

16. न्यूरो-डीजेनेरेटिव जटिलताओं को रोकता है

न्यूरो-डीजेनेरेटिव होने पर दिमाग व रीढ़ की हड्डी प्रभावित होती हैं। इस बीमारी के कारण न्यूरोन्स खत्म होने लगते हैं, जिसके चलते मानसिक कामकाज और शरीर का संतुलन बनाए रखने में समस्या होने लगती है। इन बीमारियों से बचने में ब्राउन राइस खाने के फायदे हो सकते हैं। इसमें पाए जाने वाले गामा-एमिनोब्यूटिरिक एसिड (GABA) के फायदों में ऊपर लेख में बताया गया है। GABA का प्रभाव न्यूरो-डीजेनेरेटिव बीमारियों जैसे पार्किंसन्स और अल्जाइमर से बचाता है (20)।

17. बच्चों के लिए लाभदायक

ब्राउन राइस में बच्चों के विकास के लिए पर्याप्त मात्रा में कार्बोहाइड्रेट और फैट होता है (21)। इसीलिए, बढ़ते बच्चों को ब्राउन राइस जैसे साबुत अनाज व ऊर्जा युक्त खाद्य पदार्थ खिलाने की सलाह दी जाती है।

अभी बाकी है जानकारी

ब्राउन राइस के स्वास्थ लाभ जानने के बाद लेख के अगले भाग में हम त्वचा के लिए ब्राउन राइस फायदे जानेंगे।

त्वचा के लिए ब्राउन राइस के फायदे – Skin Benefits of Brown Rice in Hindi

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केमिकल उत्पाद व प्रदूषित वातावरण में रहने से हमारी त्वचा खराब होने लगती है। ऐसे में प्राकृतिक पदार्थ जैसे ब्राउन राइस का इस्तेमाल अच्छा विकल्प हो सकता है। इसमें मौजूद पोषक तत्व त्वचा को खूबसूरत और स्वस्थ बनाए रखने में फायदेमंद होते हैं। आइए, त्वचा के लिए ब्राउन राइस के फायदे के बारे में जानते हैं।

18. दमकदार त्वचा

ब्राउन राइस में एंटी-ऑक्सीडेंट गुण होते हैं (23), जो त्वचा को झुर्रियों और पिगमेंटेशन से बचाते हैं। यह सूरज की हानिकारक पराबैंगनी किरणों से होने वाले नुकसान से भी त्वचा की रक्षा कर सकता है (23)।

सामग्री:

  • आधा कप ब्राउन राइस
  • एक कप पानी
  • एक बाउल
  • साफ रुई

विधि:

  • सबसे पहले चावल को अच्छी तरह धोकर साफ कर लें।
  • अब एक साफ बाउल में पानी भरें और उसमें चावल भिगो दें।
  • चावल को 15 मिनट तक भिगो कर रखें। इस दौरान इसके पोषक तत्व पानी में घुल जाएंगे।
  • इसके बाद, पानी को छान लें और चावल को अलग रख दें। इस चावल का इस्तेमाल खाने में कर सकते हैं।
  • वहीं, चावल के पानी में रुई भिगोकर, उससे अपने चेहरे और गर्दन को अच्छी तरह साफ करें। गीले चेहरे पर साफ हाथों से हल्की-हल्की मसाज करें।
  • मसाज करने के बाद इसे 10 मिनट के लिए अपने चेहरे पर छोड़ दें।
  • 10 मिनट बाद अपने चेहरे और गर्दन को साफ पानी से धो लें और साफ तौलिये से थपथपा कर पोछें।
  • दमकदार त्वचा पाने के लिए इस प्रक्रिया को रोज दोहराएं।

19. त्वचा की कोमलता बनाए रखें

ब्राउन राइस में सेलेनियम पाया जाता है (22)। सेलेनियम टिश्यू के लचीलापन बनाए रखने में मदद कर सकता है। साथ ही यह सूर्य की हानिकारक किरणों से भी त्वचा की रक्षा कर सकता है (23) ।

  • आधा चम्मच ब्राउन राइस
  • एक चम्मच दही

विधि:

  • फेस मास्क बनाने के लिए सबसे पहले ब्राउन राइस को बारीक पीस लें।
  • अब एक चम्मच दही में आधा चम्मच चावल अच्छी तरह से मिला लें।
  • फिर साफ धुले हुए चेहरे पर इसे लगाएं।
  • 10 मिनट तक लगे रहने के बाद इसे गुनगुने पानी से धो लें।
  • जल्द परिणाम के लिए इस प्रक्रिया को हफ्ते में दो बार दोहराएं।

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20. मुंहासों के लिए ब्राउन राइस

ब्राउन राइस में भरपूर मात्रा में नियासिन यानी विटामिन-बी3 मौजूद होता है (2)। नियासिन त्वचा को मुंहासों से बचाता है। साथ ही इसमें एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण भी होते हैं, जो मुंहासों से लड़ने में मदद करते हैं (26 )।

सामग्री:

  • एक बाउल ब्राउन राइस का पानी
  • रुई

विधि:

  • ऊपर बताए गए तरीके से ब्राउन राइस का पानी तैयार कर लें।
  • इस पानी में रुई को भिगोकर उसे प्रभावित क्षेत्र पर अच्छी तरह से लगाएं।
  • उसे 10 से 15 मिनट तक सूखने तक अपने चेहरे पर लगा दें।
  • सूख जाने के बाद चेहरे को गुनगुने पानी से धो लें।
  • मुंहासों से छुटकारा पाने के लिए इस प्रक्रिया को हर तीसरे दिन दोहराएं।

21. एक्जिमा के लिए ब्राउन राइस

वैज्ञानिक शोध के अनुसार, चावल में मौजूद स्टार्च एक्जिमा से आराम दिलाता है। स्टार्च के पानी से नहाने से या उसे प्रभावित क्षेत्र पर लगाने से एक्जिमा से जल्दी राहत मिल सकती है (27)।

सामग्री:

  • एक बाउल ब्राउन राइस का पानी
  • साफ कपड़ा

विधि:

  • एक साफ कपड़े को ब्राउन राइस के पानी में भिगो लें।
  • अब इस कपड़े को पांच मिनट तक प्रभावित क्षेत्र पर रखें।
  • जल्द परिणाम के लिए इस प्रक्रिया को 10 दिन तक दिन में दो बार करें।

22. प्रीमेच्योर स्किन एजिंग को रोके

त्वचा के लिए ब्राउन राइस के फायदे में यह भी आता है कि यह आपकी यह त्वचा को प्रीमेच्योर स्किन एजिंग से बचाता है। इसमें मौजूद नियासिन, समय से पहले चेहरे पर आने वाली झुर्रियों, त्वचा में ढीलेपन आदि लक्षणों को रोकता है और त्वचा को चमकदार बनाए रखता है (26)।

सामग्री:

  • एक बाउल ब्राउन राइस का पानी
  • रुई

विधि:

  • चावल के पानी में रुई भिगोकर, उससे अपने चेहरे और गर्दन को अच्छी तरह साफ करें। गीले चेहरे पर साफ हाथों से अच्छी तरह मसाज करें।
  • मसाज करने के बाद इसे 10 मिनट के लिए अपने चेहरे पर छोड़ दें।
  • 10 मिनट बाद अपने चेहरे और गर्दन को साफ पानी से धो लें और साफ तौलिये से थपथपा कर पोछें।
  • इस प्रक्रिया को रोज दोहराएं।

23. रैशेज और सनबर्न से आराम

ब्राउन राइस में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो त्वचा को सनबर्न और रैशेज से आराम देते हैं।इसके अलावा, ब्राउन राइस का सेवन भी किया जा सकता है। यह ब्राउन राइस खाने के फायदे में आता है। शोध के अनुसार, अंकुरित ब्राउन राइस में साधारण ब्राउन राइस से ज्यादा एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण पाए जाते हैं (28)।

विधि:

इसके लिए एक्जिमा के लिए बताई गई विधि का प्रयोग कर सकते हैं।

अंत तक पढ़ें

त्वचा के लिए ब्राउन राइस के फायदे जानने के बाद, आइए जानते हैं बालों के लिए ब्राउन राइस के गुण।

बालों के लिए ब्राउन राइस के फायदे – Hair Benefits of Brown Rice in Hindi

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ब्राउन राइस में ऐसे कई गुण हैं, जो बालों को स्वस्थ और सुंदर बनाए रखने में मददगार हो सकते हैं। आइए जानते हैं बालों के लिए ब्राउन के फायदे क्या हैं।

24. रूखे और झड़ते बालों को ठीक करे

ब्राउन राइस में पाए जाने वाले मिनरल्स जैसे जिंक व कैल्शियम बालों का झड़ना कम कर सकते हैं और बढ़ने में मदद करते हैं। इसके अलावा, ब्राउन राइस में फोलेट नाम का विटामिन पाया जाता है (2), जो समय से पहले बालों को सफेद होने से बचाता है (29)।

सामग्री:

  • तीन से चार चम्मच ब्राउन राइस
  • एक अंडा
  • 1 कप पानी

विधि:

  • चावल को बारीक पीसकर उसमें अंडे के सफेद भाग को मिलाएं।
  • अब इसमें एक कप पानी मिलाकर अच्छी तरह फेंट लें।
  • अच्छी तरह मिल जाने पर, इसे अपने बालों में लगाए और 10 मिनट बाद शैंपू कर लें।
  • इससे न सिर्फ बाल साफ होंगे, बल्कि अतिरिक्त तेल भी निकल जाएगा।
  • बेहतर परिणाम के लिए इस प्रक्रिया को हफ्ते में दो बार करें।

25. रूसी से निजात दिलाए

ब्राउन राइस में पाया जाने वाला सिलेनियम रूसी से निजात पाने में मदद कर सकता है (25)। इसमें एंटी-इंफेक्टिव गुण होते हैं, जो संक्रमण से लड़ने में मदद करते हैं और खुजली से राहत दिलाते हैं (30

सामग्री:

  • एक बाउल ब्राउन राइस का पानी

विधि:

  • हफ्ते में दो बार ब्राउन राइस के पानी से बाल धोने से रूसी से छुटकारा मिल सकता है।

26. प्राकृतिक कंडीशनर

ब्राउन राइस में पाए जाने वाले पोषक तत्व बालों को स्वस्थ बनाने के साथ, उनकी चमक और कोमलता को भी बनाए रखते हैं। यह प्राकृतिक कंडीशनर की तरह काम कर सकता है।

सामग्री:

  • एक कप ब्राउन राइस का पानी
  • तीन से चार बूंदें एसेंशियल ऑयल

विधि:

  • एक कप ब्राउन राइस के पानी में एसेंशियल ऑयल की कुछ बूंदें मिला लें।
  • शैम्पू करने के बाद, इसे अपने बालों में लगाएं।
  • 10 से 15 मिनट रखने के बाद बालों को ठंडे पानी से दो लें।

आगे पढ़ें

आइए, अब ब्राउन राइस में पाए जाने वाले पोषक तत्वों के बारे में बात करते हैं।

ब्राउन राइस के पौष्टिक तत्व – Brown Rice Nutritional Value in Hindi

यहां हम बता रहे हैं कि ब्राउन राइस में कौन-कौन से पोषक तत्व पाए जाते हैं और उनमें कितनी मात्रा मौजूद होती है (2)।

पोषक तत्वमात्रा प्रति 100 ग्राम
पानी70.27 ग्राम
ऊर्जा123 कैलोरी
प्रोटीन2.74 ग्राम
फैट0.97 ग्राम
कार्बोहाइड्रेट25.58 ग्राम
फाइबर1.6 ग्राम
शुगर0.24 ग्राम
कैल्शियम3 मिलीग्राम
आयरन0.56 मिलीग्राम
मैग्नीशियम39 मिलीग्राम
फास्फोरस103 मिलीग्राम
पोटैशियम86 मिलीग्राम
सोडियम4 मिलीग्राम
जिंक0.71 मिलीग्राम
नियासिन2.561 मिलीग्राम
फोलेट9 माइक्रोग्राम

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लेख के अगले भाग में हम जानेंगे कि ब्राउन राइस का उपयोग किस तरह से किया जाता है।

ब्राउन राइस का उपयोग – How to Use Brown Rice in Hindi

ब्राउन राइस के स्वास्थ्य लाभ जाने के बाद इसे बनाने की विधि जानना जरूरी है। नीचे दिए गए निर्देशों की मदद से स्वादिष्ट ब्राउन राइस बनाया जा सकता है।

ब्राउन राइस बनाने की विधि (4 लोगों के लिए)

सामग्री:

  • 250 ग्राम ब्राउन राइस
  • 500 मिली लीटर पानी
  • एक सॉस पैन
  • दो चम्मच घी

विधि:

  • सॉस पैन में पानी उबलने के लिए रख दें।
  • जब पानी अच्छी तरह से उबल जाए, तो उसमें ब्राउन राइस डाल दें और मध्यम आंच पर 30 मिनट के लिए पकाएं।
  • अच्छी तरह पक जाने पर आंच बंद कर दें और चावल को 10 से 15 मिनट के लिए ढक कर रख दें।
  • फिर चावल पर घी डालकर परोसें।

इसके अलावा, ब्राउन राइस से वेजिटेबल पुलाव व मशरूम राइस आदि भी बना सकते हैं। इसका इस्तेमाल खीर भी बनाने में किया जा सकता है।

कितना खाएं: अगर बात करें कि ब्राउन राइस कितना खाना चाहिए और कब खाना चाहिए, तो इसका सेवन सीमित मात्रा में ही करें। दिनभर में एक कप पके हुए ब्राउन राइस का सेवन किया जा सकता है।

पढ़ते रहें लेख

आइए, अब जानते हैं कि ब्राउन राइस के नुकसान क्या-क्या हैं।

ब्राउन राइस के नुकसान – Side Effects of Brown Rice in Hindi

ब्राउन राइस में आर्सेनिक की मात्रा अधिक पाई जाती है (31), जिसके कुछ दुष्प्रभाव हो सकते हैं, जो निम्न प्रकार से हैं :

● जी मिचलाना, उल्टी, सिरदर्द और डायरिया (32)।
● आर्सेनिक की मात्रा बढ़ जाने से स्किन, मूत्राशय और लंग कैंसर हो सकता है (33)।

उम्मीद है कि आपको ब्राउन राइस खाने के फायदे और उपयोग के विषय में पूरी जानकारी मिल गई होगी। यहां हमने इसमें मौजूद पौष्टिक तत्वों के साथ-साथ इसे बनाने की विधि भी बताई है। साथ ही हमने, ब्राउन राइस के नुकसानों की भी चर्चा की है, लेकिन इससे घबराने की जरूरत नहीं है। अपने आहार में सीमित मात्रा में इसे शामिल करें इसका लाभ उठाया जा सकता है। आशा करते हैं कि यह लेख आपके लिए मददगार साबित होगा। इस तरह के अन्य लेख पढ़ने के लिए जुड़े रहें स्टाइलक्रेज के साथ।

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

क्या रोज ब्राउन राइस खाना ठीक है?

नहीं, ब्राउन को रोज खाना ठीक नहीं है, क्योंकि ब्राउन राइस को रोज खाने से आपके शरीर में आर्सेनिक की मात्रा बढ़ सकती है। इसके दुष्प्रभाव हम इस लेख में ऊपर बता चुके हैं।

क्या वजन कम करने के लिए ब्राउन राइस आपके लिए अच्छा है?

जी हां, वजन कम करने के लिए ब्राउन राइस बहुत अच्छा है। इसमें फाइबर और अनरिफाइंड कार्बोहाइड्रेट होते हैं, जो वजन कम करने में मदद कर सकते हैं (2)।

ब्राउन राइस इतने महंगे क्यों है?

ब्राउन राइस के ऊपर की परत नहीं निकाली जाती और उस परत में थोड़ी-सी तेल की मात्रा होती है, जिस कारण ये जल्दी खराब हो सकते हैं। इसलिए, ये सफेद चावल की तुलना में महंगे होते हैं (34)।

क्या बासमती ब्राउन राइस, रेगुलर ब्राउन राइस से बेहतर है?

दोनों ही चावल लगभग एक जैसे हैं, लेकिन रेगुलर ब्राउन राइस में बासमती चावल की तुलना में शुगर की मात्रा कम होती है। इसीलिए, इसे बासमती से ज्यादा पौष्टिक माना जाता है।

Sources

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