
क्या ब्राउन शुगर साधारण चीनी से बेहतर है? – Brown Sugar vs. White Sugar in Hindi
अब लोग धीरे-धीरे अपने स्वास्थ्य को लेकर सजग होने लगे हैं। खाने में किन पोषक तत्वों की मात्रा ज्यादा या कम होनी चाहिए, इन सबको लेकर लोग काफी सतर्क हो गए हैं। खासकर, शुगर को लेकर लोग सावधान हो गए हैं। वैसे आपको बता दें कि बाजार में शुगर के कई प्रकार मौजूद हैं, जिनमें सफेद और ब्राउन शुगर का इस्तेमाल लोग ज्यादा करते हैं। ऐसे में कई लोगों के मन में यह सवाल उठ सकता है कि सफेद चीनी और ब्राउन शुगर यानी भूरी चीनी में कौन-सी ज्यादा बेहतर है।
अगर आप भी इसी असमंजस में हैं, तो इस लेख के जरिए हम आपकी इस समस्या का हल निकालने की पूरी कोशिश करेंगे। स्टाइलक्रेज के इस लेख में जानिए ब्राउन शुगर और सफेद चीनी में क्या अंतर है और आप सफेद शुगर से अलग ब्राउन शुगर का उपयोग कैसे कर सकते हैं।
विषय सूची
ब्राउन शुगर क्या है और ये कैसे बनती है?
ब्राउन शुगर को भी सफेद चीनी की तरह गन्ने से बनाया जाता है। रिफाइंड चीनी गन्ने के जूस का मुख्य उत्पाद है, लेकिन इसे बनाते वक्त अन्य कई उत्पाद भी मिलते हैं, जिनमें से एक ब्राउन शुगर भी है। इस प्रक्रिया में जो ब्राउन शुगर मिलती है, वो अनरिफाइंड ब्राउन शुगर होती है (1)। इसमें पहले से ही गुड़ (ब्राउन शुगर सिरप) बचा हुआ रहता है, जिस कारण इसका रंग भूरा होता है और स्वाद भी थोड़ा अलग होता है। वहीं, रिफाइंड ब्राउन शुगर को बनाने के लिए सफेद दानेदार चीनी के क्रिस्टल को गुड़ के सिरप में मिलाया जाता है (2)। इसके बारे में लेख के आगे के भाग में आपको और विस्तार से जानकारी मिलेगी।
कुछ लोगों का मानना है कि ब्राउन शुगर के फायदे साधारण चीनी से ज्यादा हैं। अब इसी उलझन को सुलझाने के लिए लेख के इस भाग से हम ब्राउन शुगर और साधारण चीनी में अंतर की जानकारी दे रहे हैं।
ब्राउन शुगर और साधारण चीनी में क्या अंतर है?
वैसे तो सामान्य चीनी और भूरी चीनी में कुछ खास अंतर नहीं है, लेकिन जो भी थोड़ा बहुत अंतर है उसके बारे में हम आपको नीचे जानकारी दे रहे हैं।
- पोषक तत्व में अंतर : अगर बात करें पोषक तत्वों की, तो ब्राउन शुगर में सामान्य शुगर के मुकाबले कम कैलोरी होती है। वहीं, कैल्शियम, आयरन और पोटैशियम की मात्रा ब्राउन शुगर में सामान्य चीनी के मुकाबले ज्यादा होती है। नीचे दी गई तालिका के माध्यम से भी आप इनके बीच पोषक तत्वों के अंतर को समझ सकते हैं (3) (4)-
पोषक तत्व | सफेद शुगर (मात्रा प्रति 100 ग्राम) | ब्राउन शुगर (मात्रा प्रति 100 ग्राम) |
---|---|---|
वाटर (पानी) | 0.02 ग्राम | 1.34 ग्राम |
एनर्जी | 387 केसीएल | 380 केसीएल |
प्रोटीन | 0 ग्राम | 0.12 ग्राम |
कार्बोहाइड्रेट | 99.98 ग्राम | 98.09 ग्राम |
शुगर, टोटल इन्क्लूडिंग एनएलइए (NLEA) | 99.8 ग्राम | 97.02 ग्राम |
कैल्शियम | 1 मिलीग्राम | 83 मिलीग्राम |
आयरन | 0.05 मिलीग्राम | 0.71 मिलीग्राम |
पोटैशियम | 2 मिलीग्राम | 133 मिलीग्राम |
फास्फोरस | 0 मिलीग्राम | 4 मिलीग्राम |
जिंक | 0.01मिलीग्राम | 0.03 मिलीग्राम |
कॉपर | 0.007 मिलीग्राम | 0.047 मिलीग्राम |
नियासिन | 0 मिलीग्राम | 0.11 मिलीग्राम |
विटामिन बी-6 | 0 मिलीग्राम | 0.041 मिलीग्राम |
फोलेट, टोटल | 0 माइक्रोग्राम | 1 माइक्रोग्राम |
- बनाने में अंतर : ब्राउन शुगर और सफेद चीनी को बनाने की विधि में थोड़ा अंतर है। चीनी को बनाने के लिए सबसे पहले गन्ने से रस निकाला जाता है, जिसके बाद रस को साफ करके उसे गर्म कर गाढ़ा घोल तैयार किया जाता है। अंत में गाढ़े घोल से दानेदार चीनी बनाई जाती है। वहीं ब्राउन शुगर इन प्रक्रियाओं से दूर रहती है। ब्राउन शुगर दो तरह से बन सकते हैं, एक रिफाइंड और एक अनरिफाइंड।
अनरिफाइंड ब्राउन शुगर वो होती है, जिसमें प्राकृतिक रूप से गुड़ (ब्राउन शुगर सिरप) बचा हुआ रहता है, जो इसे भूरा रंग और एक अलग स्वाद देता है। यह शुगर कम रासायनिक प्रक्रियाओं से गुजरती है और इसके मूल पोषक तत्व काफी हद तक बरकरार रहते हैं। वहीं, रिफाइंड ब्राउन शुगर मूल रूप से सफेद चीनी होती है। इस ब्राउन शुगर को रिफाइंड यानी साफ सफेद चीनी में गुड़ मिलाकर बनाया जाता है। यह कई तरह की प्रक्रियाओं से होकर गुजरती है।
- खाना बनाने के लिए : आप सामान्य चीनी की तरह ब्राउन शुगर को भी खाने में उपयोग कर सकते हैं। कुछ मामलों में तो आप चीनी के बदले ब्राउन शुगर का उपयोग कर सकते हैं। व्हाइट और ब्राउन शुगर को बेकिंग और कुकिंग में अलग-अलग तरीकों से इस्तेमाल किया जा सकता है। हालांकि, इन्हें कभी-कभी एक-दूसरे के स्थान पर भी इस्तेमाल किया जा सकता है। ऐसा करने से हो सकता है कि आपके खाने के रंग और स्वाद में अंतर आ जाए। ब्राउन शुगर में गुड़ नमी बनाए रखता है। इसलिए, इसका उपयोग करने से बेक किए हुए खाद्य पदार्थ नर्म होते हैं। आप अचार, सॉस, चटनी, सलाद की ड्रेसिंग, सब्जियों के मिश्रण, कूकीज या बेक्ड खाद्य पदार्थ बना सकते हैं।
- स्वाद और रंग : सफेद और भूरी चीनी के बीच मुख्य अंतर उनके स्वाद और रंग में हैं। ब्राउन शुगर से खाना बनाने से खाद्य पदार्थ हल्का भूरा रंग ले सकता है। ब्राउन शुगर को गुड़ से बनाया जाता है, इसलिए इसका स्वाद कैरेमल या टॉफी की तरह होता है। वहीं, सफेद चीनी, ब्राउन शुगर की तुलना में ज्यादा मीठी होती है। यह आप और आपकी पसंद पर निर्भर करता है कि आप किस चीनी को अपने खाने के डिश में लेना पसंद करेंगे।
ब्राउन शुगर और साधारण चीनी में से कौन-सी बेहतर है?
अब बारी आती है यह उलझन दूर करने की कि ब्राउन शुगर और साधारण चीनी में किसका उपयोग ज्यादा बेहतर है? आप सफेद चीनी चुनें या भूरी, यह आपका व्यक्तिगत फैसला है। ब्राउन शुगर का उपयोग और साधारण चीनी के इस्तेमाल से सिर्फ स्वाद और रंग का फर्क पड़ेगा। हालांकि, ब्राउन शुगर के कुछ पौष्टिक तत्व साधारण चीनी से थोड़े ज्यादा हैं और कैलोरी के मामले में ब्राउन शुगर साधारण चीनी से कम है। अगर आप सोच रहे हैं कि ब्राउन शुगर के फायदे साधारण चीनी के तुलना में थोड़े ज्यादा हैं और आप इसका जितना चाहे उतना उपयोग कर सकते हैं, तो आप गलत हैं।
ध्यान रहे कि किसी भी प्रकार की चीनी का सेवन अगर जरूरत से ज्यादा करेंगे, तो वो नुकसानदायक हो सकती है। इसलिए, भले ही आप अपनी रेसिपी में ब्राउन शुगर शामिल कर रहे हों, लेकिन उसमें पौष्टिक तत्वों की मात्रा इतनी कम मौजूद होती है कि अंत में उनसे कुछ खास स्वास्थ्य लाभ नहीं होता है। इसलिए, ब्राउन हो या साधारण चीनी, दोनों का ही सेवन सीमित मात्रा में करना ही आपके सेहत के लिए बेहतर होगा।
इस लेख को पढ़ने के बाद आपको इतना अंदाजा तो हो ही गया होगा कि ब्राउन शुगर और सामान्य चीनी में कुछ खास अंतर नहीं है। कुछ मामलों में ब्राउन शुगर के फायदे सामान्य चीनी से थोड़ा ज्यादा हो सकते हैं, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि आप इसका अधिक सेवन करने लगें। जरूरत से ज्यादा सेवन करने से ब्राउन शुगर के नुकसान भी हो सकते हैं। अगर आप खुद को स्वस्थ रखने के लिए ब्राउन शुगर का उपयोग करना चाहते हैं, तो इसे संतुलित मात्रा में लें। साथ ही ब्राउन शुगर का उपयोग कर अपने अनुभव हमारे साथ शेयर करना न भूलें।
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