सर्वाइकल स्पोंडिलोसिस के कारण, लक्षण और उपचार – Cervical Spondylosis Causes, Symptoms and Treatment in Hindi

Medically reviewed by Dr. Zeel Gandhi, BAMS Dr. Zeel Gandhi Dr. Zeel GandhiBAMS
Written by , BA (Journalism & Media Communication) Saral Jain BA (Journalism & Media Communication)
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भाग-दौड़ भरी जिंदगी में कई बार हम इतने व्यस्त हो जाते हैं कि हमसे जुड़ी छाेटी-छोटी चीजों की ओर हमारा ध्यान ही नहीं जाता। जैसे कि हम सामान्य शारीरिक समस्याओं को यह सोचकर नंजरअंदाज कर देते हैं कि ये अपने आप ठीक हो जाएंगी, लेकिन हम भूल जाते हैं कि हमारी यह लापरवाही आगे चलकर गंभीर रूप धारण कर सकती है। कुछ ऐसा ही सर्वाइकल स्पोंडिलोसिस के साथ है, जिसकी शुरुआत गर्दन के दर्द से होती है और आगे चलकर यह रीढ़ की हड्डी का रोग बन जाता है (1)। इस लेख में हम जानेंगे सर्वाइकल स्पोंडिलोसिस का इलाज और इसके कारण। साथ ही हम आपको सर्वाइकल स्पोंडिलोसिस के लक्षण के बारे में भी बताएंगे।

सबसे पहले जानते हैं कि सर्वाइकल स्पोंडिलोसिस है क्या?

सर्वाइकल स्पोंडिलोसिस क्या है?

सर्वाइकल स्पोंडिलोसिस एक विकार है, जिसमें रीढ़ की हड्डी में सूजन आ जाती है। यह उम्र से संबंधित ऐसी स्थिति है, जो मुख्य रूप से गर्दन में स्थित सर्वाइकल स्पाइन को प्रभावित करती है। इसे सर्वाइकल ऑस्टियोअर्थराइटिस और गर्दन के गठिया के रूप में भी जाना जाता है। यह पुरानी गर्दन के दर्द का एक आम कारण है। इस स्थिति में गर्दन की हड्डी, रीढ़ के जोड़ और डिस्क सबसे अधिक प्रभावित होते हैं (1)।

अब जानते हैं सर्वाइकल स्पोंडिलोसिस के कारण के बारे में।

सर्वाइकल स्पोंडिलोसिस के कारण – Causes of Cervical Spondylosis in Hindi

सर्वाइकल स्पोंडिलोसिस की आशंका ऑफिस में काम करने वाले उन लोगों को ज्यादा रहती है, जो गर्दन को ज्यादा देर तक झुका कर काम करते हैं। इसके अलावा, सर्वाइकल स्पोंडिलोसिस होने के कई कारण हो सकते हैं, जो निम्नलिखित हैं (2) :

  • मोटापा
  • भारी वजन उठाना या ज्यादा झुकना
  • गर्दन पर लगी कोई पुरानी चोट
  • रीढ़ की सर्जरी
  • गंभीर गठिया

कारण जानने के बाद अब जानते हैं सर्वाइकल स्पोंडिलोसिस के लक्षण।

सर्वाइकल स्पोंडिलोसिस के लक्षण – Symptoms of Cervical Spondylosis in Hindi

सर्वाइकल स्पोंडिलोसिस के लक्षण को आप निम्नलिखित बिंदुओं के माध्यम से जान सकते हैं (2):

  • मांसपेशियों में कमजोरी महसूस होना
  • गर्दन की जकड़न
  • कंधों या बाजुओं में सुन्नपन
  • सिर के पिछले हिस्से में दर्द
  • खड़े होने या बैठने के बाद दर्द होना, खासकर रात में तेज दर्द होना
  • छींकने, खांसने और हंसने के दौरान गर्दन और पीछे की ओर दर्द होना।
  • गर्दन को पीछे की ओर झुकाने और अधिक चलने से दर्द महसूस होना।

इसके बाद अब जानते हैं सर्वाइकल स्पोंडिलोसिस के जोखिम कारकों को।

सर्वाइकल स्पोंडिलोसिस के जोखिम कारक – Risk Factors of Cervical Spondylosis in Hindi

बढ़ती हुई उम्र सर्वाइकल स्पोंडिलोसिस के प्रमुख जोखिम कारक में से एक है। इसके अलावा, इस स्थिति के निम्नलिखित जोखिम कारक हो सकते हैं (3):

  • गर्दन की हड्डी में चोट लगना।
  • कोई भी ऐसा कार्य करना जो की गर्दन पर दबाव डालता हो, जैसे अधिक वजन उठाना।
  • आनुवंशिक रोग के कारण।
  • अत्यधिक धूम्रपान करना।
  • मोटापा भी इस लिस्ट में शामिल है।
  • योग और व्यायाम से रहित जीवनशैली का होना।

जोखिम कारक जानने के बाद अब जानते हैं कि घर में मौजूद प्राकृतिक सामग्रियों की मदद से सर्वाइकल स्पोंडिलोसिस का उपचार कैसे किया जा सकता है।

सर्वाइकल स्पोंडिलोसिस के घरेलू इलाज – Home Remedies To Cure Cervical Spondylosis in Hindi

सर्वाइकल स्पोंडिलोसिस होने पर अगर आप सोच रहे हैं कि काश सर्वाइकल स्पोंडिलोसिस का उपचार घर में मिल जाए, तो चिंता न करें। यहां जानिए सर्वाइकल स्पोंडिलोसिस से छुटकारा पाने के सटीक घरलेू उपाय के बारे में –

1. हल्दी

सामग्री :
  • 1 चम्मच हल्दी पाउडर
  • 1 गिलास गर्म दूध
क्या करें?
  • एक गिलास गर्म दूध में एक चम्मच हल्दी पाउडर मिलाएं।
  • अच्छी तरह से मिल जाने पर इसका सेवन करें।
इसका उपयोग कब करें?

इसे सोने से पहले कम से कम एक बार जरूर पिएं।

यह कैसे काम करता है?

हल्दी में करक्यूमिन, एंटी-इंफ्लेमेटरी और दर्द निवारक गुण होते हैं, जो सर्वाइकल स्पोंडिलोसिस के उपचार के साथ ही गठिया, सूजन और मांसपेशियों को आराम देने का काम कर सकते हैं (4)।

2. एप्सम बाथ

सामग्री :
  • 1 कप एप्सम नमक
  • 1 टब पानी
क्या करें?
  • अपने टब में एक कप एप्सम नमक डालें।
  • टब को पानी से भरें और नमक को घुलने दें।
  • इस पानी में कम से कम 20 से 30 मिनट तक बैठें।
इसका उपयोग कब करें?

इसका उपयोग दिन में एक बार किया जा सकता है।

यह कैसे काम करता है?

एप्सम नमक में मैग्नीशियम होता है, जिसमें एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण मौजूद होते हैं। एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण दर्द और सूजन को दूर करने में मदद कर सकते हैं (5) (6)।

3. हॉट एंड कोल्ड कंप्रेस

सामग्री :
  • एक कोल्ड कंप्रेसस या फिर एक हॉट कंप्रेसस
क्या करें?
  • पहले कम से कम एक मिनट के लिए आइस पैक को प्रभावित क्षेत्र पर रखें।
  • इसके बाद करीब 20 मिनट तक कोल्ड कंप्रेसस को दर्द वाली जगह पर लगाएं।
  • इसी तरह हॉट कंप्रेस को भी 20 मिनट से ज्यादा समय तक प्रभावित जगह पर नहीं रखना चाहिए।
इसका उपयोग कब करें?

आप इसे रोजाना 2 से 3 बार कर सकते हैं या जब भी दर्द हो तब कर सकते हैं।

यह कैसे काम करता है?

जहां एक ओर गर्म कंप्रेस रक्त परिसंचरण को बढ़ाने और सर्वाइकल स्पोंडिलोसिस के दर्द से राहत देने में मदद करता है, वहीं कोल्ड कंप्रेस सूजन और इसके लक्षणों को कम करता है (7)।

4. लहसुन

सामग्री :
  • 2-3 लहसुन की कलियां
क्या करें?
  • रोज सुबह लहसुन की दो तीन कलियों को चबाएं।
  • अगर आप सीधे लहसुन नहीं खा सकते हैं, तो इसे आप अपने दैनिक भोजन में भी शामिल कर सकते हैं।
इसका उपयोग कब करें?

अच्छे परिणामों के लिए रोजाना एक बार ऐसा करें।

यह कैसे काम करता है?

लहसुन में एंटी-इंफ्लेमेटरी और एनाल्जेसिक (दर्द निवारक) गुण होते हैं। यह आपके गर्दन के जोड़ों के दर्द और सूजन को कम करने के लिए कारगर उपाय हो सकता है (8) (9)।

[ पढ़े: Lahsun Khane Ke Fayde in Hindi ]

5. तिल के बीज

सामग्री :
  • 1 बड़ा चम्मच तिल का तेल
  • एक गर्म कंप्रेस
क्या करें?
  • अपनी हथेलियों में एक बड़ा चम्मच तिल का तेल लें।
  • अब शरीर के दर्द वाले स्थान पर इस तेल से मालिश करें।
  • इसे 10 मिनट के लिए छोड़ दें।
  • इसके बाद दर्द वाले स्थान पर एक गर्म कंप्रेस से सिकाई करें।
  • इसे प्रभावित जगह पर करीब 10 मिनट तक रखें और फिर बाद में हटा दें।
  • आप रोजाना एक चम्मच भुने हुए तिल का सेवन भी कर सकते हैं।
इसका उपयोग कब करें?

जल्द राहत पाने के लिए रोजाना 3 से 4 बार इस विधि को कर सकते हैं।

यह कैसे काम करता है?

तिल के बीज दर्द को कम करने के लिए यह अद्भुत उपाय हैं। इसका एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण जोड़ों और शरीर के अन्य भागों में होने वाले दर्द को दूर करने में कारगर साबित हो सकता है। आप तिल का तेल शरीर पर लगाने के साथ-साथ सेवन भी कर सकते हैं (10) (11)।

6. अदरक

सामग्री :
  • 1 चम्मच ग्राइंड किया हुआ अदरक
  • 1 कप पानी
क्या करें?
  • एक कप पानी में एक चम्मच पिसा हुआ अदरक मिलाएं।
  • 5 से 7 मिनट के लिए उबाल कर अदरक की चाय बना लें।
  • अदरक की चाय को पीने से पहले थोड़ा ठंडा होने दें फिर इसका सेवन करें।
इसका उपयोग कब करें?

आप प्रतिदिन इसका सेवन कर सकते हैं।

यह कैसे काम करता है?

अदरक में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण और एनाल्जेसिक गुण पाए जाते हैं, जो सर्वाइकल स्पोंडिलोसिस के लक्षण और इससे होने वाले दर्द को दूर करने में मदद कर सकते हैं (12)।

[ पढ़े: अदरक के 24 फायदे, उपयोग और नुकसान ]

7. सेब का सिरका

सामग्री :
  • सेब का सिरका (आवश्यकतानुसार)
  • एक साफ वॉशक्लॉथ
क्या करें?
  • सेब के सिरके में एक साफ वॉशक्लॉथ भिगोएं।
  • इसे अपनी गर्दन और कंधों के दर्द वाले क्षेत्रों पर लगाएं।
  • इसे एक या दो घंटे के लिए ऐसे ही छोड़ दें।
  • इसके अलावा, आप रोजाना एक गिलास पानी में एक चम्मच सेब का सिरका मिला कर सेवन भी कर सकते हैं।
इसका उपयाेग कब करें?

आप इस विधि को रोजाना 1 या 2 बार कर सकते हैं।

यह कैसे काम करता है?

एसिटिक एसिड की उपस्थिति के कारण सेब के सिरके में शक्तिशाली एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण पाए जाते हैं (13)। इसका उपयोग सर्वाइकल स्पोंडिलोसिस, रीढ़ की सूजन और दर्द के लक्षणों में राहत देने के लिए किया जा सकता है (14)।

8. कैएन पेप्पर

सामग्री :
  • 1 चम्मच कैएन पेप्पर पाउडर
  • 2 चम्मच जैतून का तेल
क्या करें?
  • जैतून के तेल को गर्म कर लें और उसमें कैएन पेप्पर पाउडर को मिक्स करें।
  • फिर इस मिश्रण को प्रभावित जगह पर लगाएं और पट्टी बांध लें।
इसका सेवन कब करें?

आप इसे रोज रात को सोने से पहले कर सकते हैं।

यह कैसे काम करता है?

कैएन पेप्पर में कैप्साइसिन (Capsaicin) नामक एक यौगिक होता है (15)। यह एनाल्जेसिक (दर्द निवारक) गुण से समृद्ध होता है, जो सर्वाइकल स्पोंडिलोसिस से जुड़े दर्द को कम करने में मदद कर सकता है (16)।

9. नीम

सामग्री :
  • 1 बड़ा चम्मच नीम का चूर्ण
  • पानी (आवश्यकतानुसार)
क्या करें?
  • पानी के साथ नीम का चूर्ण मिलाकर पेस्ट बनाएं।
  • इस पेस्ट को थोड़ा गर्म करें और प्रभावित जगह पर लगाकर छोड़ दें।
  • लगभग 30 मिनट बाद इस पेस्ट को गुनगुने पानी से धो लें।
  • आप वैकल्पिक रूप से नीम के तेल को दर्द वाली जगह पर लगाकर मालिश भी कर सकते हैं।
इसका उपयोग कब करें?

इसका उपयोग दिन में 1-2 बार किया जा सकता है।

यह कैसे काम करता है?

नीम में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण पाए जाते हैं, जो सर्वाइकल स्पोंडिलोसिस से होने वाले दर्द और सूजन पर प्रभावी रूप से काम कर सकते हैं। इसके अलावा, इसमें एंटीअर्थराइटिस के भी गुण मौजूद होते हैं, जो गठिया (सर्वाइकल स्पोंडिलोसिस का एक कारण) पर सकारात्मक प्रभाव छोड़ सकते हैं (17)।

10. अरंडी का तेल

सामग्री :
  • 1 बड़ा चम्मच अरंडी का तेल
  • एक गर्म कंप्रेस
क्या करें?
  • अरंडी के तेल से हल्के-हल्के हाथों से दर्द वाली जगह पर मालिश करें।
  • कुछ देर बाद करीब 20 मिनट के लिए गर्म कंप्रेस से सिकाई करें।
इसका उपयोग कब करें?

आप राेजाना इसका उपयोग कर सकते हैं।

यह कैसे काम करता है?

अरंडी के तेल में रिसिनोलिक एसिड होता है, इसके एनाल्जेसिक और एंटी इंफ्लेमेटरी गुणों की वजह से यह सर्वाइकल स्पोंडिलोसिस के दर्द और सूजन से राहत दिलाने में मदद कर सकता है (18)।

11. गुग्गुल

सामग्री :
  • 500 मिलीग्राम गुग्गुल
क्या करें?
  • डॉक्टर से परामर्श के बाद 500 मिलीग्राम गुग्गुल का सेवन करें।
इसका उपयोग कब करें?

इसका सेवन दिन में एक बार कर सकते हैं।

यह कैसे काम करता है?

गुग्गुल में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो आपके सर्वाइकल स्पोंडिलोसिस के दर्द और रीढ़ में सूजन के लक्षणों को कम करने में मदद कर सकते हैं (19)।

12. ओमेगा- 3

सामग्री :
  • ओमेगा-3 से भरपूर अलसी, ड्राई फ्रूट्स, अखरोट और चिया के बीज।
क्या करें?
  • आप ओमेगा-3 से भरपूर इन खाद्य पदार्थों का सेवन कर सकते हैं या फिर डॉक्टर की सलाह पर इसके सप्लीमेंट्स भी ले सकते हैं।
इसका उपयाेग कैसे करें?

आप अपने दैनिक भाेजन में ओमेगा-3 युक्त खाद्य को शामिल कर सकते हैं।

यह कैसे काम करता है?

ओमेगा-3 में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो सर्वाइकल स्पोंडिलोसिस से होने वाले दर्द और सूजन से छुटकारा पाने में आपकी मदद कर सकते हैं (20)।

13. विटामिन

सामग्री :
  • विटामिन से युक्त खाद्य पदार्थ
क्या करें?
  • आप विटामिन से युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन करें।
इनका सेवन कब करें?

आप इन्हें अपनी डाइट में शामिल करके प्रतिदिन कर सकते हैं।

यह कैसे काम करता है?

विटामिन ई, विटामिन सी, विटामिन ए व विटामिन बी एंटीऑक्सीडेंट से समृद्ध होते हैं (21)। शरीर में विटामिन सी की कमी से गले में स्पाइनल दर्द जैसी समस्याएं हो सकती हैं। ऐसे में विटामिन सी युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन करने से गले और स्पाइनल पेन को दूर करने में मदद मिल सकती है (22)।

14. आवश्यक तेल

(क) लैवेंडर का तेल

सामग्री :
  • लैवेंडर के तेल की 5-7 बूंदें
  • 1 चम्मच नारियल तेल
क्या करें?
  • एक चम्मच नारियल तेल के साथ लैवेंडर का तेल मिलाएं।
  • अब इस तेल से प्रभावित जगह की थोड़ी देर मालिश करें और फिर इसे छोड़ दें।
कब करें इसका उपयोग?

यह उपाय रोजाना दिन में किसी भी समय या रात में सोने से पहले कर सकते हैं।

यह कैसे काम करता है?

लैवेंडर तेल के एंटी-इंफ्लेमेटरी और एनाल्जेसिक गुण सर्वाइकल स्पोंडिलोसिस से होने वाले दर्द, और सूजन को कम करने में मदद कर सकते हैं (23)।

(ख) पिपरमिंट का तेल

सामग्री :
  • पिपरमिंट के तेल की 6-8 बूंदें
  • 1 चम्मच नारियल तेल
क्या करें?
  • एक चम्मच नारियल तेल के साथ पिपरमिंट का तेल मिलाएं।
  • तेल के मिश्रण से दर्द वाली जगह की मालिश करें।
  • इसके बाद इसे रात भर के लिए छोड़ दें।
कब करें इसका उपयोग?

आप इसका उपयोग रोजाना सोने से पहले कर सकते हैं।

यह कैसे काम करता है?

पिपरमिंट के तेल में मेन्थॉल होता है, जो शक्तिशाली एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण से भरपूर होता है। इसके कारण यह सर्वाइकल स्पोंडिलोसिस से होने वाले दर्द और सूजन को कम करने में मदद कर सकता है (24)।

अभी तक आपने सर्वाइकल स्पोंडिलोसिस के घरेलू उपचार को जाना। आइए, अब जानते हैं कि इस बीमारी के कौन-कौन से इलाज संभव हैं।

सर्वाइकल स्पोंडिलोसिस का इलाज – Treatment of Cervical Spondylosis in Hindi

यहां हम आपको डॉक्टर के द्वारा बताए जाने वाले इलाज के साथ कुछ टिप्स बता रहे हैं, जो आपके सर्वाइकल स्पोंडिलोसिस से होने वाले दर्द में राहत दिला सकता है (25)।

  • थेरेपी: डॉक्टर कुछ ऐसे व्यायाम बता सकते हैं, जो गर्दन की मांसपेशियों को मजबूत बना सकते हैं और सर्वाइकल पेन का इलाज करने में कारगर हो सकते हैं।
  • मालिश: दर्द वाले स्थान पर आप आवश्यक तेल की मालिश भी कर सकते हैं, जो कि सर्वाइकल स्पोंडिलोसिस के दर्द को दूर कर सकते हैं।
  • कोल्ड पैक और हीट थेरेपी: कोल्ड पैक और हीट थेरेपी आपके सर्वाइकल पेन का इलाज कर सकते हैं।
  • दवाइयां: डॉक्टर लंबे समय तक दर्द रोकने के लिए नॉनस्टेरॉइडल एंटी-इंफ्लेमेटरी जैसी दर्द निवारक दवाएं (एनएसएआईडी) दे सकते हैं।
  • सर्जरी: नसों या रीढ़ की हड्डी पर दबाव को दूर करने के लिए सर्जरी का उपयोग भी किया जा सकता है।

यहां आपने जाना कि कैसे सर्वाइकल स्पोंडिलोसिस का इलाज किया जा सकता है, आइए जानते हैं कि इस स्थिति का निदान कैसे किया जाए।

सर्वाइकल स्पोंडिलोसिस का निदान – Diagnosis of Spondylosis in Hindi

डॉक्टर सर्वाइकल स्पोंडिलोसिस की जांच और निदान के लिए कुछ शारीरिक परीक्षण कर सकते हैं, जैसे कि (26) :

  • एक्स-रे
  • सीटी स्कैन
  • एमआरआई स्कैन
  • इलेक्ट्रोमोग्राम परीक्षण
  • माइलोग्राम परीक्षण

सर्वाइकल स्पोंडिलोसिस के निदान के बाद जानिए सर्वाइकल स्पोंडिलोसिस के लिए कुछ सटीक व्यायाम।

सर्वाइकल स्पोंडिलोसिस के लिए एक्सरसाइज – Exercises For Cervical Spondylosis in Hindi

सर्वाइकल स्पोंडिलोसिस के दर्द को दूर करने और इससे जल्दी ही छुटकारा पाने के लिए हम यहां कुछ जरूरी एक्सरसाइज बता रहे हैं। इन एक्सरसाइज को आप कभी भी और कहीं भी कर सकते हैं। पहले हम गर्दन की एक्सरसाइज के बारे में बता रहे हैं, जिन्हें बारी-बारी से लगभग 5 सेकंड तक करना है।

  • आप अपने सिर को पहले आगे और फिर पीछे की ओर ले जाएं।
  • इसके बाद अपने सिर को बाएं कंधे की तरफ और फिर दाएं कंधे की तरफ झुकाएं।
  • फिर आप अपने सिर को आराम-आराम से क्लॉक वाइज और बाद में एंंटी क्लॉक वाइज घुमाएं।

इसके बाद कंधों की एक्सरसाइज होगी, जिसे लगभग 10 सेकंड तक करना है। ध्यान रहे कि इस दौरान आपकी गर्दन आगे या पीछे की तरफ न जाएं।

  • हाथों को नीचे सीधा रखते हुए अपने कंधों को ऊपर-नीचे करें।
  • इसके बाद कंधों को ऊपर उठाते हुए पीछे की ओर और फिर नीचे ले जाना है।
  • इसके बाद दोनों हाथों की कोहनियों को 90 डिग्री के कोण में मोड़ कर आगे और पीछे करना है।
  • फिर अपनी हथेलियों को कंधों पर रखकर कोहनी को आगे से पीछे और फिर पीछे से आगे की ओर घुमाएं।
  • इस एक्सरसाइज के बाद दोनों हथेलियों को मिलाकर सिर से ऊपर ले जाएं और अपने स्पाइन को ऊपर देखते हुए स्ट्रेच करें।

एक्सरसाइज के बारे में जानने के बाद अब हम बता रहे हैं कि सर्वाइकल स्पोंडिलोसिस की स्थिति से कैसे बचा जा सकता है।

सर्वाइकल स्पोंडिलोसिस से बचने के उपाय – Prevention Tips for Cervical Spondylosis in Hindi

आपको सर्वाइकल स्पोंडिलोसिस हो ही न, उसके लिए इन टिप्स का पालन करें :

  • नियमित रूप से व्यायाम करें।
  • धूम्रपान से बचें।
  • सही मुद्रा में बैठें और लेटें।
  • वजन उठाते समय सावधान रहें।
  • स्वस्थ और कम वसा वाले आहार का सेवन करें।
  • अपना वजन नियंत्रित रखें।
  • अल्कोहल का सेवन न करें।
  • पर्याप्त आराम करें।

इस आर्टिकल में आपने सर्वाइकल स्पोंडिलोसिस के कारण, लक्षण और इससे निजात पाने के कुछ सटीक घरेलू उपायों के बारे में जाना। लेख में बताए गए उपचार का इस्तेमाल करने से आपको सर्वाइकल के दर्द से आराम मिल सकता है। इसके अलावा, हमने इस समस्या से बचे रहने के लिए कुछ जरूरी टिप्स भी आपसे साझा किए हैं, जिनका पालन आप जरूर करें। आशा है कि यह लेख आपके लिए मददगार साबित होगा। लेख से जुड़े सवाल और सुझावों के लिए आप नीचे दिए गए कमेंट बॉक्स की मदद ले सकते हैं।

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

सर्वाइकल स्पोंडिलोसिस से बचने के लिए डॉक्टर के पास कब जाएं?

जब गर्दन के साथ रीढ़ की हड्डी में भी समस्या हो, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।

मैं सर्वाइकल स्पोंडिलोसिस से कैसे राहत पा सकती हूं?

कुछ जरूरी एक्सरसाइज, मालिश, पौष्टिक भोजन और पर्याप्त आराम के जरिए आपको इससे राहत मिल सकती है (26)।

गर्दन में गठिया के लिए सबसे अच्छा इलाज क्या है?

गर्दन में गठिया के इलाज के लिए आप एक्सरसाइज और मालिश के साथ डॉक्टर की सलाह पर दवाइयां ले सकती हैं (26)।

अगर आप सर्वाइकल स्पोंडिलोसिस से पीड़ित हैं तो कैसे सोएं?

सर्वाइकल स्पोंडिलोसिस के दौरान आप में फेदर या फोम से बने तकिये की मदद से बेड पर पीठ के बल या फिर एक तरफ करवट लेकर सो सकते हैं, इससे आपको दर्द से आराम मिलेगा (27)।

सर्वाइकल स्पोंडिलोसिस कब तक रहता है?

सर्वाइकल स्पोंडिलोसिस को पूरी तरह खत्म होने में कितना समय लगेगा, यह कहना मुश्किल है। इसका उपचार 6 से 8 सप्ताह तक चल सकता है, जिसके बाद दर्द से राहत मिलने की संभावना हो सकती है (28)।

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