कोलेस्ट्रॉल कम करने के लिए योग – Yoga To Reduce Cholesterol in Hindi

Written by , MA (Mass Communication) Anuj Joshi MA (Mass Communication)
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योग एक ऐसा माध्यम है, जिसकी मदद से कई समस्यों को बढ़ने से रोका जा सकता है। इन्हीं में से एक कोलेस्ट्रोल का बढ़ाना भी है, जो हृदय से संबंधित कई समस्याओं का कारण बनता है। कोलेस्ट्रॉल तैलीय और वसा युक्त खाद्य पदार्थ के कारण बढ़ सकता है (1)। इसे कम करने के लिए योग को एक बेहतरीन विकल्प माना जाता है। स्टाइलक्रेज के इस लेख में हम बताएंगे कि हाई कोलेस्ट्रॉल कम करने के लिए योग कैसे फायदेमंद है और कोलेस्ट्रॉल कम करने के लिए कौन सा योग करें।

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चलिए, सबसे पहले जानते हैं कि कोलेस्ट्रॉल क्या होता है और यह कैसे बढ़ता है।

कोलेस्ट्रॉल क्या है ?

कोलेस्ट्रॉल वसा का एक प्रकार है, जो दिखने में वैक्सी (मोम) और चिपचिपा लगता है। इसका निर्माण मुख्य रूप से लिवर में होता है। इसी वजह से कोलेस्ट्रॉल को खाद्य पदार्थों खासकर डेयरी प्रोडक्ट्स से लेने की जरूरत नहीं होती (2)। शरीर खुद कोलेस्ट्रोल बनाता है, इसलिए इसका नियंत्रण जरूरी है। अनियंत्रित कोलेस्ट्रोल के कारण हृदय रोग से संबंधित जोखिम, जैसे – खून का गाढ़ापन, मोटापा, हाई बीपी, हार्ट स्ट्रोक का सामना करना पड़ सकता है (3) इसी वजह से कोलेस्ट्रोल का स्तर सामान्य होना जरूरी है।

लेख में बने रहें

अब हम लेख में नीचे कोलेस्ट्रोल के बढ़ने के कारण जानेंगे।

कोलेस्ट्रॉल कैसे बढ़ता है ?

कोलेस्ट्रॉल बढ़ने के पीछे कई कारण होते हैं, जिसे ध्यान में रखा जाए, तो इसे बढ़ने से रोका जा सकता है। इन कारणों में ये शामिल हैं (3)

  • खराब खानपान – अगर कोई अधिक वसा युक्त खाना खाता है, तो एलडीएल (खराब) कोलेस्ट्रॉल का स्तर बढ़ सकता है। इन खाद्य पदार्थों में मांस, डेयरी उत्पाद, चॉकलेट और अधिक तला हुआ खाना शामिल है।
  • कम शारीरिक गतिविधि – कम शारीरिक गतिविधि करने से एचडीएल (अच्छे) कोलेस्ट्रॉल का स्तर घट सकता है। इसके कारण खराब कोलेस्ट्रॉल के लेवल को बढ़ावा मिल सकता है।
  • धूम्रपान – ऐसे लोग, जो धुम्रपान करते हैं, उनका एचडीएल यानी अच्छा कोलेस्ट्रॉल कम होने लगता है। साथ ही एलडीएल कोलेस्ट्रॉल का स्तर बढ़ने लग सकता है।

आगे जरूरी जानकारी है

लेख के अगले भाग में हम बताएंगे कि कोलेस्ट्रॉल कम करने के लिए योग कैसे फायदेमंद होता है।

कोलेस्ट्रॉल में कैसे लाभदायक है योग – How Does Yoga Help with Cholesterol in Hindi

आमतौर पर कोलेस्ट्रॉल कम करने के लिए व्यायाम के साथ संतुलित आहार लेने की सलाह दी जाती है। बेशक, स्वास्थ्य के लिए व्यायाम और संतुलित आहार जरूरी है, लेकिन कुछ स्थितियों में सिर्फ इससे कोलेस्ट्रोल को नियंत्रित नहीं किया जा सकता। ऐसे में डॉक्टर कोलेस्ट्रॉल कम करने के लिए दिनचर्या में व्यायाम के साथ योग को शामिल करने की सलाह भी देते हैं (4)

इस संबंध में हुए एक शोध में भी इस बात का जिक्र मिलता है कि योग करने से खराब कोलेस्ट्रोल (LDL) का स्तर कम और अच्छे कोलेस्ट्रोल (HDL) का लेवल बेहतर हो सकता है। इससे हाई कोलेस्ट्रोल की वजह से पैदा होने वाले जोखिम, जैसे – खून का गाढ़ापन, मोटापा, हाई बीपी, हार्ट स्ट्रोक को कम किया जा सकता है (4)। ऐसे में कहा जा सकता है कि योग करने से कोेलेस्ट्रॉल नियंत्रित हो सकता है।

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आइए, अब जान लेते हैं कि कोलेस्ट्रॉल कम करने के लिए कौन सा योग करना चाहिए ।

कोलेस्ट्रॉल कम करने के लिए योग – Yoga For Cholesterol in Hindi

हाई कोलेस्ट्रॉल कम करने के लिए योग के कई आसन किए जा सकते हैं। इन सभी योगासन के बारे में हम आगे विस्तार से बता रहे हैं। लाभ की बात करें, तो योग के ये सभी आसन शरीर की उपापचय प्रक्रिया को मजबूत करके खराब कोलेस्ट्रोल को कम करने और अच्छे कोलेस्ट्रोल को बढ़ाने मेें मदद कर सकते हैं (5)

1. सर्वांगासन (Sarvangasana)

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हाई कोलेस्ट्रॉल कम करने के लिए सर्वांगासन योग कर सकते हैं। एक अध्ययन की मानें, तो नियमित योग करने से टोटल कोलेस्ट्रॉल, टोटल ट्राइग्लिसराइड्स, लो डेंसिटी लिपोप्रोटीन और वेरी लो डेंसिटी लिपोप्रोटीन जैसे खराब कोलेस्ट्रॉल का स्तर कम हो सकता है। साथ ही योगासन से हाई डेंसिटी लिपोप्रोटीन (एचडीएल) का स्तर बढ़ भी सकता है। रिसर्च में इसके लिए फायदेमंद बताए गए योग में से एक सर्वांगासन भी है (6)

योग करने का तरीका :

  • सबसे पहले योग मैट बिछाएं और पीठ के बल आराम से लेट जाएं।
  • इस दौरान हाथों को कमर के अगल-बगल शरीर से सटाकर रखें।
  • अब धीरे-धीरे अपने पैरों को ऊपर की ओर उठाएं।
  • फिर कमर व कूल्हों को अपने हाथों से सहारा दें और जमीन से उन्हें भी ऊपर उठा लें।
  • इसके बाद कोहनियों को जमीन पर सटाते हुए पीठ को अपने हाथों से सहारा दें और पैरों को सीधा करें।
  • ध्यान रहे कि ऐसा करते समय घुटने व पैर आपस में मिले हुए होने चाहिए।
  • यह भी सुनिश्चित करें कि शरीर का पूरा भार कंधों, सिर व कोहनियों पर हो। साथ ही ठुड्डी छाती को छू रही हो।
  • इस मुद्रा में कुछ सेकंड तक बने रहने का प्रयास करें और धीरे-धीरे सांस लेते व छोड़ते रहें।
  • अब एक गहरी सांस छोड़ें और प्रारंभिक स्थिति में धीरे-धीरे वापस आ जाएं।

सावधानियां :

  • हर्निया की समस्या में इस आसन को बिल्कुल भी न करें।
  • गर्दन या कंधे में चोट या दर्द होने पर इस आसन को करने का प्रयास न करें।
  • थायराइड की समस्या होने पर प्रशिक्षक की निगरानी में ही इस आसन का अभ्यास करें।
  • हृदय संबंधी रोग होने पर इस आसन को नहीं करना चाहिए।

2. पश्चिमोत्तासन (Paschimottanasana)

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कोलेस्ट्रॉल कम करने के लिए योग की सूची में पश्चिमोत्तासन का नाम भी शामिल है। एक वैज्ञानिक शोध के अनुसार, मोटापा के कारण कोलेस्ट्रॉल का स्तर बढ़ता है और पश्चिमोत्तासन करने से मोटापा नियंत्रित हो सकता है। पश्चिमोत्तासन इस तरह मोटापे को कम करके कोलेस्ट्रॉल नियंत्रण में सहायक भूमिका निभाता है (7)

योग करने का तरीका :

  • सबसे पहले जमीन पर योग मैट बिछाएं और पैरों को आगे की ओर फैलाकर बैठ जाएं।
  • ध्यान रहे कि ऐसा करते वक्त घुटने सीधे रहें और पैर आपस में सटे हों।
  • सिर, गर्दन और रीढ़ की हड्डी को सीधा रखें।
  • अब धीरे-धीरे सांस छोड़ते हुए आगे झुकें और हाथों से पैरों के अंगुठों को पकड़ने का प्रयास करें। ध्यान रहे कि घुटने मुड़ें नहीं।
  • अब कुछ सेकंड इसी अवस्था में बने रहने का प्रयास करें और धीरे-धीरे सांस लेते रहें।
  • इसके बाद एक गहरी सांस लेते हुए सीधे हो जाएं।

सावधानियां :

  • पीठ, कमर या किसी अन्य अंग का ऑपरेशन हुआ हो, तो यह आसन न करें।
  • डायरिया से पीड़ित लोगों को इस आसन से दूर रहना चाहिए।
  • गर्भवती महिलाओं को यह आसन नहीं करना चाहिए।
  • अस्थमा, अल्सर और स्लिप डिस्क (हड्डी से संबंधित विकार) वालों को इस आसन से दूर रहना चाहिए।

3. कपालभाति प्राणायाम (Kapalbhati Pranayama)

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कपालभाति प्राणायाम को कोलेस्ट्रॉल के लिए योगासन की लिस्ट में शामिल कर सकते हैं। दरअसल, मोटापा के कारण भी कोलेस्ट्रॉल बढ़ता है, जिसे कम करने के लिए कपालभाति का सहारा लिया जा सकता है। कपालभाति के नियमित अभ्यास से मोटापा कम हो सकता है, जिसका सकारात्मक असर कोलेस्ट्रॉल के नियंत्रण पर देखा जा सकता है (7)

योग करने का तरीका :

  • सबसे पहले योग मैट बिछाकर सुखासन या पद्मासन की मुद्रा में बैठ जाएं।
  • अब लंबी गहरी सांस लें और धीरे-धीरे छोड़ दें।
  • सांस छोड़ने की प्रक्रिया में ध्यान रखें कि ऐसा करते समय पेट अंदर की तरफ जाए।
  • अब मुंह को बंद रखें और नाक से ही सांस को छोड़ते और लेते रहें।
  • इस प्रक्रिया को धीरे-धीरे और आराम से करें। जोर लगाने का प्रयास बिलकुल भी न करें।
  • जब तक संभव हो इस प्रक्रिया को करते रहें। थकान लगने पर थोड़ी देर रुके और फिर से प्रक्रिया को दोहराएं।
  • इस प्रकार कपालभाति के चार से पांच चक्र दोहरा सकते हैं।

सावधानियां :

  • पहली बार अभ्यास शुरू करने वाले विशेषज्ञ की देखरेख में ही इस आसन को करें।
  • ब्लड प्रेशर, मिर्गी, माइग्रेन और हृदय संबंधी समस्या है, तो इस आसन को करने से पहले डॉक्टर की सलाह अवश्य लें।
  • गर्भवतियों को इस आसान को करने से बचना चाहिए।
  • कपालभाति करने से पूर्व कुछ भी न खाएं।
  • मासिक चक्र के दौरान इस योग को करने से बचें।

4. अर्धमत्स्येन्द्रासन (Ardha Matsyendrasana)

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अगर किसी का कोलेस्ट्रॉल लेवल बढ़ा हुआ है, तो हाई कोलेस्ट्रॉल के इलाज के लिए योग का भी सहारा ले सकते हैं। इस संबंध में प्रकाशित एक मेडिकल रिसर्च में दिया है कि अर्धमत्स्येन्द्रासन को रोजाना करने से मेटाबोलिक रेट (चयापचय दर) बेहतर हो सकता है। चयापचय दर बेहतर होने से नुकसानदायक कोलेस्ट्रॉल कम हो सकता है। साथ ही अच्छे कोलेस्ट्रॉल के स्तर को बढ़ावा मिल सकता है (8)। ऐसे में कोलेस्ट्रॉल कम करने के लिए योग की लिस्ट में अर्धमत्स्येन्द्रासन को भी जगह दी जा सकती है।

योग करने का तरीका :

  • सबसे पहले योग मैट बिछाएं और पैरों को सामने की ओर सीधा फैलाकर बैठ जाएं।
  • अब अपने दाएं घुटने को मोड़ते हुए बाएं पैर के घुटने के साइड में बाहर की ओर रखें।
  • फिर बाएं घुटने को मोड़ते हुए, बाईं एड़ी को दाएं कूल्हे के नीचे रखें।
  • ध्यान रहे कि इस स्थिति में रीढ़ की हड्डी सीधी रहे।
  • अब बाईं बाजू को दाएं घुटने के बाहर रखते हुए दाएं टखने को पकड़ने का प्रयास करें।
  • फिर गर्दन और कमर को दाहिनी ओर घुमाएं।
  • कुछ सेकंड के लिए इसी स्थिति में बने रहें।
  • बाद में इस प्रक्रिया को दूसरी तरफ से भी दोहराएं।

सावधानियां :

  • मासिक धर्म के दौरान महिलाएं इस आसन को करने से बचें।
  • गर्भवतियों को इस आसन का अभ्यास नहीं करना चाहिए।
  • किसी भी प्रकार की सर्जरी हुई है, तो इस आसन को करने से बचें।
  • पेप्टिक अल्सर और हर्निया की समस्या में इस आसन को नहीं करना चाहिए।
  • रीढ़ की हड्डी में दर्द या चोट लगी हो, तो भी यह योगासन न करें।

5. अनुलोम-विलोम प्राणायाम (Anulom Vilom Pranayama)

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अगर सोच रहे हैं कि कोलेस्ट्रॉल कम करने के लिए कौन सा योग करें, तो अनुलोम-विलोम प्राणायाम कर सकते हैं।। एक रिसर्च के दौरान कुछ प्राणायाम के नियमित अभ्यास से नुकसानदायक कोलेस्ट्रॉल के स्तर में कमी और अच्छे कोलेस्ट्रॉल के स्तर में वृद्धि हुई। उन प्राणायामों में से एक अनुलोम-विलोम भी था (9)

योग करने का तरीका :

  • सबसे पहले योग मैट बिछाएं और पद्मासन में बैठ जाएं। आप चाहें तो सुखासन, सिद्धासन या वज्रासन में भी बैठ सकते हैं।
  • अब अपना दाहिना हाथ ऊपर उठाएं और अंगूठे से नाक के दाहिने छिद्र को बंद करें। फिर बाईं नाक से लंबी गहरी सांस लें।
  • इसके बाद अपने दाहिने हाथ की सबसे छोटी उंगली व उसके साथ की उंगली से नाक के बाएं छिद्र को बंद करके दाएं छिद्र से सांस बाहर छोड़ें।
  • ध्यान रहे कि ऐसा करते वक्त बायां हाथ घुटने पर ही रहे।
  • इस प्रक्रिया को करीब पांच मिनट तक दोहराएं।

सावधानियां :

  • हृदय रोग से पीड़ित इस अभ्यास को करते वक्त गहरी सांस न लें, नहीं तो तकलीफ बढ़ सकती है।
  • मासिक धर्म व गर्भावस्था के दौरान महिलाएं इसका अभ्यास न करें।
  • किसी अंग विशेष की सर्जरी हुई हो, तो इसका अभ्यास बिल्कुल भी न करें।

6. शलभासन (Salabhasana)

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कोलेस्ट्रॉल को कम करने के लिए शलभासन भी किया जा सकता है। इस आसन को करने से मोटापा कम हो सकता है (10)।  रिसर्च बताती हैं कि कोलेस्ट्रॉल बढ़ने के मुख्य कारणों में से एक मोटापा भी है। दरअसल, मोटापा बढ़ने से कोलेस्ट्रॉल भी बढ़ता है (11)। ऐसे में कहा जा सकता है कि इस योगासन को करने से कोलेस्ट्रॉल कम हो सकता है।

योग करने का तरीका :

  • सबसे पहले योग मैट बिछाकर पेट के बल लेट जाएं।
  • अपने दोनों पैरों को सीधा रखें और अपने पैर के पंजों को बाहर की ओर फैलाएं।
  • अब अपने दोनों हाथों से मुट्ठी बनाकर जांघों के नीचे दबा लें।
  • फिर सिर और मुंह को सीधा रखें और सामने की ओर देखें।
  • अब गहरी सांस लेते हुए दोनों पैरों को जमीन से ऊपर उठाने की कोशिश करें। ध्यान रहे कि घुटनों को न मोड़ें।
  • जितना संभव हो पैरों को अधिकतम ऊंचाई तक ले जाएं।
  • जब तक संभव हो इसी स्थिति में बने रहने का प्रयास करें।
  • समय पूरा होने पर धीरे-धीरे अपनी सांस छोड़ते हुए पैरों को नीचे लाते हुई अपनी प्रारंभिक स्थिति में वापस आएं।
  • इस अभ्यास को एक बार में करीब तीन से चार बार दोहराएं।

सावधानियां :

  • इस आसन को करने से पहले कुछ भी न खाएं।
  • रीढ़, गर्दन और सिर में दर्द हो, तो इस आसन को करने का प्रयास न करें।
  • गर्भवती महिलाएं इस आसन को बिल्कुल भी न करें।
  • कमर, पीठ और घुटने में दर्द होने पर इस आसन के लिए डॉक्टर से परामर्श जरूर लें।
  • इस आसन को करते वक्त नाक से ही सांस लें। मुंह से सांस लेने का प्रयास न करें।

7. चक्रासन (Chakrasana)

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अगर किसी के मन में ख्याल आ रहा है कि कोलेस्ट्रॉल कम करने के लिए कौन सा योग करना चाहिए, तो चक्रासन एक अच्छा विकल्प साबित हो सकता है। इससे जुड़े वैज्ञानिक रिसर्च के मुताबिक, चक्रासन  करने से कोलेस्ट्रॉल कम हो सकता है। साथ ही यह कोलेस्ट्रॉल बढ़ने के एक कारण यानी वजन को भी कम कर सकता है (12)

योग करने का तरीका :

  • इस आसन को करने के लिए सबसे पहले योग मैट बिछाकर पीठ के बल लेट जाएं।
  • इस स्थिति में सुनिश्चित करें कि दोनों हाथ और पैर सीधे रहें।
  • अब अपने पैरों को घुटनों से मोड़ते हुए कूल्हों के करीब लाएं।
  • फिर हथेलियों को आकाश की ओर करते हुए सिर के पीछे ले जाकर जमीन पर टिकाएं।
  • अब गहरी सांस लें और अपने पैरों पर वजन डालते हुए कूल्हों को जमीन से ऊपर उठाएं।
  • इसके बाद अपने दोनों हाथों पर वजन डालते हुए अपने कधों को ऊपर उठाएं और धीरे-धीरे अपनी कोहनियों को भी सीधा करें।
  • ध्यान रखें कि दोनों पैरों के बीच की दूरी और दोनों हाथों की बीच की दूरी एक सामान रहे।
  • अब अपने हाथों को कोहनी से और पैरों को घुटनों से पूरा सीधा कर लें।
  • फिर सिर को कमर के नीचे जितना संभव हो उतना लाने का प्रयास करें।
  • ध्यान रहे कि सिर को कमर के नीचे लाने के लिए अपनी क्षमता से अधिक प्रयास न करें।
  • इस स्थिति में कुछ सेकंड रहने का प्रयास करें।
  • अंत में गहरी सांस लेते हुए धीरे-धीरे प्रारंभिक स्थिति में वापस आ जाएं।

सावधानियां :

  • कलाई में दर्द या कार्पल टनल सिंड्रोम (दबाव पड़ने पर मांसपेशियों का सुन्न होना) की समस्या होने पर इस आसन को न करें।
  • पीठ, कंधे और कमर में दर्द की स्थिति में इस आसन को करने से बचें।
  • हाई ब्लड प्रेशर की समस्या में इस आसन को नहीं करना चाहिए।
  • गर्भवती महिलाएं भी इस आसन को न करें।

नोट: ऊपर बताए गए सभी योग प्रशिक्षक की निगरानी में ही करें।

योग शरीर में सभी तरह के संतुलन को बनाए रखने में अहम भूमिका निभाता है। इससे शरीर स्वस्थ रखने

और हर तरह की समस्या से बचने में मदद मिल सकती है। इसी वजह से हाई कोलेस्ट्रॉल कम करने के लिए योग का भी सहारा लिया जा सकता है। बस गर्भवतियों को इन योगासन से बचना चाहिए। साथ ही किसी तरह की समस्या हो, तो विशेषज्ञ से सलाह लिए बिना ऊपर बताए गए योग न करें।

अब लेख के अंतिम भाग में कोलेस्ट्रॉल के लिए योगासन से जुड़े सवाल के जवाब जानिए।

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

क्या सूर्य नमस्कार से कोलेस्ट्रॉल कम होता है?

जी हां, सूर्यनमस्कार का नियमित अभ्यास करने से खराब कोलेस्ट्रॉल कम हो सकता है (13)

कोलेस्ट्रॉल कम करने का योग मतलब क्या होता है?

कोलेस्ट्रॉल कम करने का योग मतलब ऐसे योगासन जिनसे कोलेस्ट्रॉल कम हो सकता है। इनमें सर्वांगासन, पश्चिमोत्तासन, कपालभाति प्राणायाम, अर्धमत्स्येन्द्रासन जैसे योग शामिल हैं।

References

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  1. High blood cholesterol levels
    https://medlineplus.gov/ency/article/000403.htm
  2. Cholesterol Levels: What You Need to Know
    https://medlineplus.gov/cholesterollevelswhatyouneedtoknow.html
  3. Cholesterol
    https://medlineplus.gov/cholesterol.html
  4. Effects of a yoga intervention on lipid profiles of diabetes patients with dyslipidemia
    https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC3861018/
  5. Effects of 6 months yoga program on renal functions and quality of life in patients suffering from chronic kidney disease
    https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC5225742/
  6. EFFECT OF PRANAYAMA AND YOGASANAS ON LIPID PROFILE IN NORMAL HEALTHY VOLUNTEERS
    https://www.academia.edu/27342527/EFFECT_OF_PRANAYAMA_AND_YOGASANAS_ON_LIPID_PROFILE_IN_NORMAL_HEALTHY_VOLUNTEERS
  7. Response of Paschimottanasana and Kapalabhati on anthropometric parameters in obese individuals as per Prakriti
    https://www.researchgate.net/publication/286543948_Response_of_Paschimottanasana_and_Kapalabhati_on_anthropometric_parameters_in_obese_individuals_as_per_Prakriti
  8. Effect of 6-Week Yoga Asana on Basal Metabolic Rate of Novice Female Players
    https://citeseerx.ist.psu.edu/viewdoc/download?doi=10.1.1.415.3149&rep=rep1&type=pdf
  9. Effect of pranayam practicing on lipid peroxidation and antioxidants in coronary artery disease.
    https://citeseerx.ist.psu.edu/viewdoc/download?doi=10.1.1.302.396&rep=rep1&type=pdf
  10. YOGA INFLUENCE ON OBESITY
    https://www.researchgate.net/publication/316822483_YOGA_INFLUENCE_ON_OBESITY
  11. A COCONUT EXTRA VIRGIN OIL-RICH DIET INCREASES HDL CHOLESTEROL AND DECREASES WAIST CIRCUMFERENCE AND BODY MASS IN CORONARY ARTERY DISEASE PATIENTS
    https://pubmed.ncbi.nlm.nih.gov/26545671/
  12. Therapeutic Applications of Yoga for Weight Reduction in Obese Population: An EvidenceBased Overview
    https://citeseerx.ist.psu.edu/viewdoc/download?doi=10.1.1.735.9917&rep=rep1&type=pdf
  13. EFFECT OF SIX MONTHS PRACTICE OF SURYANAMASKAR AND SELECTED ASANAS ON LIPID PROFILE OF JANGALMAHAL FEMALE TRIBAL STUDENTS
    https://www.worldwidejournals.com/global-journal-for-research-analysis-GJRA/recent_issues_pdf/2018/April/April_2018_1524229337__157.pdf
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