Medically Reviewed By Neha Srivastava, PG Diploma In Dietetics & Hospital Food Services
Written by , (शिक्षा- एमए इन जर्नलिज्म मीडिया कम्युनिकेशन)

एक वक्त था जब चॉकलेट की कुछ गिनी-चुनी किस्में ही हुआ करती थीं, लेकिन आज बाजार में तमाम तरह की चॉकलेट मौजूद हैं। ‘डार्क चॉकलेट’ उन्हीं में से एक है। वैसे तो डार्क चॉकलेट सभी को पसंद आती है। मगर, जो लोग इसे नहीं खाते हैं, वो भी इसके गुणों को जानने के बाद इसे एक बार जरूर ट्राई करेंगे। इस लेख के जरिए हम डार्क चॉकलेट के फायदे तो बताएंगे ही, लेकिन लोग फायदे जानने के बाद इसका जरूरत से ज्यादा सेवन न करने लगें, इसलिए अधिक डार्क चॉकलेट खाने के नुकसान की जानकारी भी लेख में शामिल की गई है।

शुरू करते हैं लेख

आर्टिकल में सबसे पहले हम जानते हैं कि डार्क चॉकलेट क्या है।

डार्क चॉकलेट क्या है?

‘डार्क चॉकलेट’ को किसी परिचय की जरूरत नहीं है, लेकिन जिनको जानकारी नहीं है और जिनके मन में सवाल आता है कि डार्क चॉकलेट क्या है? उनके लिए हम बता दें कि ‘डार्क चॉकलेट’ कोको बीन्स से बनती है। मिल्क चॉकलेट की तुलना में डार्क चॉकलेट में 50 से 90 प्रतिशत अधिक कोका सॉलिड, कोको बटर और चीनी मौजूद होती है। इसमें आयरन, कॉपर, फ्लैवनॉल्स, जिंक व फास्फोरस जैसे पोषक तत्व पाए जाते हैं, जो स्वास्थ्य के लिए काफी लाभकारी माने जाते हैं (1)। अब डार्क चॉकलेट के स्वास्थ्य लाभ हासिल करने के लिए डार्क चॉकलेट का उपयोग कैसे किया जा सकता है, इस बारे में हम लेख में आगे जानेंगे।

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अब जानते हैं कि डार्क चॉकलेट खाने के फायदे क्या-क्या हो सकते हैं।

डार्क चॉकलेट खाने के फायदे – Benefits of Dark Chocolate in Hindi

डार्क चॉकलेट के फायदे अनेक हैं, लेकिन उनमें से कुछ के बारे में हम आपको नीचे बता रहे हैं। पाठक ध्यान दें कि डॉर्क चॉकलेट लेख में शामिल किसी भी शारीरिक समस्या का इलाज नहीं है। यह केवल इन समस्याओं से बचाव करने व उनके लक्षणों को कम करने में कुछ हद तक मददगार साबित हो सकती है।

1. हृदय के स्वास्थ्य को बनाए रखे

उच्च रक्तचाप, प्लेटलेट का गठन, ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस और सूजन की समस्या कार्डियो मेटाबोलिक यानी हृदय संबंधी जोखिम कारक माने गए हैं। वहीं, संतुलित मात्रा में डार्क चॉकलेट का उपयोग हृदय के लिए लाभकारी हो सकता है। एनसीबीआई (National Center for Biotechnology Information) की वेबसाइट पर प्रकाशित एक शोध के अनुसार, डार्क चॉकलेट में एपिप्टिन, कैटेचिन और प्रोसीएनिडिन्स जैसे फ्लेवनॉल (flavanol) मौजूद होते हैं। इनमें एंटीहाइपरटेन्सिव, एंटीप्लेटलेट, एंटीऑक्सीडेंट, और एंटी इंफ्लेमेटरी प्रभाव होते हैं (2)

चॉकलेट में पाए जाने वाले यह प्रभाव संयुक्त रूप से उच्च रक्तचाप, प्लेटलेट के गठन, ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस और सूजन की समस्या को कम करने में मददगार हो सकते हैं (2)। इस आधार पर यह माना जा सकता है कि डार्क चॉकलेट हृदय स्वास्थ्य को बनाए रखने में सहायक हो सकती है।

2. डिप्रेशन से राहत दिलाए

डिप्रेशन की बात करें, तो आजकल लगभग हर कोई कभी न कभी इस तरह की समस्या से गुजरता है। इस समस्या में मूड में बदलाव, उदास रहना, गुस्सा आना और चिड़चिड़ापन जैसे लक्षण देखने को मिलते हैं (3)। ऐसे में इस समस्या से बचने या मूड को ठीक करने के लिए डार्क चॉकलेट मददगार हो सकती है। दरअसल, एक स्टडी में यह बात सामने आयी है कि तीन दिन तक डार्क चॉकलेट के सेवन से कुछ लोगों में डिप्रेशन के लक्षणों में सुधार पाया गया है (4) वहीं एनसीबीआई की वेबसाइट पर प्रकाशित एक अन्य शोध में भी डार्क चॉकलेट डिप्रेशन के लक्षणों पर प्रभावकारी पाई गई है (5)। इस आधार पर डिप्रेशन की समस्या में ही डार्क चॉकलेट को उपयोगी माना जा सकता है।

3. कोलेस्ट्रॉल के लिए डार्क चॉकलेट के फायदे

बढ़े हुए कोलेस्ट्रॉल के नियंत्रण के लिए भी डॉर्क चॉकलेट के फायदे देखे जा सकते हैं। एनसीबीआई की वेबसाइट पर प्रकाशित दो अलग-अलग अध्ययनों से यह बात स्पष्ट होती है। एक शोध देखने पर पता चलता है कि लो फैट डाइट के साथ प्लांट स्टेरोल्स (plant sterols) और कोको फ्लैवेनॉल्स (cocoa flavanols) युक्त डार्क चॉकलेट का उपयोग करने से कोलेस्ट्रॉल में कमी हो सकती है। साथ ही इसके उपयोग से हृदय स्वास्थ्य और ब्लड प्रेशर में भी सुधार देखा जा सकता है (6)। इस आधार पर कहना गलत नहीं होगा कि कोलेस्ट्रॉल को कम करने में डार्क चॉकलेट सहायक हो सकती है।

4. एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर

शरीर को बीमारियों से बचाने और स्वस्थ रखने के लिए एंटीऑक्सीडेंट बहुत जरूरी होते हैं। एंटीऑक्सीडेंट कोशिकाओं को क्षति से बचाने का काम कर सकते हैं (7)। अधिकांश फलों और सब्जियों में एंटीऑक्सीडेंट गुण पाए जाते हैं। इसके साथ ही डार्क चॉकलेट में भी एंटीऑक्सीडेंट गुण मौजूद होते हैं। कोको को उन खाद्य पदार्थों की श्रेणी में रखा गया है, जिनमें ज्यादा मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट पाए जाते हैं (8)एक अन्य शोध से भी यह बात सामने आयी है कि डार्क चॉकलेट में फेनोलिक यौगिक प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं, जो शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट प्रभाव प्रदर्शित करते हैं (9) इसलिए खुद को स्वस्थ रखने के लिए एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर डार्क चॉकलेट का सहारा लिया जा सकता है।

5. सर्दी-जुकाम से बचाए

बदलते मौसम के साथ हल्की-फुल्की बीमारियां लगी रहती हैं। सर्दी-जुकाम भी उन्हीं में से एक है। ऐसे में सर्दी-जुकाम से बचाव के लिए डार्क चॉकलेट का सेवन किया जा सकता है (10)। दरअसल, डार्क चॉकलेट में थियोब्रोमाइन (Theobromine) नामक एक रासायनिक पदार्थ होता है (11) (9)। यह पदार्थ श्वसन तंत्र संबंधी समस्याओं पर प्रभावी रूप से काम कर सकता है। इन समस्याओं में सर्दी-जुकाम भी शामिल हैं (12)

6. ऊर्जा प्रदान करे

डार्क चॉकलेट एनर्जी को बूस्ट करने में भी मददगार हो सकती है। यह बात डार्क चॉकलेट से संबंधित एक शोध से स्पष्ट होती है। शोध में जिक्र मिलता है कि डार्क चॉकलेट में पॉलिफिनॉल्स मौजूद होते हैं, जो एंटीऑक्सीडेंट (मुक्त कणों को नष्ट करने वाला), एंटी इन्फ्लामेट्री (सूजन कम करने वाला) और एंटी ओबेसिटी (मोटापा कम करने वाला) जैसे गुण प्रदर्शित करते हैं। यह सभी गुण संयुक्त रूप से खाद्य पदार्थों से मिलने वाली ऊर्जा की खपत को बढ़ाकर तुरंत एनर्जी प्रदान करने में मदद कर सकते हैं (13)

7. तंत्रिका तंत्र के लिए डार्क चॉकलेट

डार्क चॉकलेट स्वास्थ्य के साथ-साथ तंत्रिका तंत्र यानी की नर्वस सिस्टम के लिए भी लाभकारी हो सकती है। कुछ स्टडीज में यह बात सामने आयी है कि कोको बींस से बनने वाली डार्क चॉकलेट में कैटेचिन और एपिक्टिन डेरिवेटिव नामक फ्लेवोनोइड्स पाए जाते हैं। इन फ्लेवोनोइड्स में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट गुण के केंद्रीय तंत्रिका तंत्र से संबंधित क्षति और सूजन से बचाव करने में मदद कर सकते हैं। इसके अलावा कोको रक्त प्रवाह को बढ़ाकर न्यूरोप्रोटेक्टिव (तंत्रिका तंत्र को सुरक्षा देने वाला) प्रभाव प्रदर्शित करता है। साथ ही यह डार्क चॉकलेट मानसिक कार्य क्षमता को सुधारने में भी सहायक हो सकती है (8)

8. ब्लड प्रेशर के लिए डार्क चॉकलेट

डार्क चॉकलेट के फायदे की बात करें, तो यह हाई बीपी की समस्या में भी सहायक हो सकती है। एनसीबीआई की वेबसाइट पर प्रकाशित एक शोध में यह बात सामने आयी है कि डार्क चॉकलेट में एंटीहाइपरटेन्सिव प्रभाव मौजूद होता है, जिसके कारण इसका सीमित मात्रा में सेवन करने से रक्तचाप में कमी हो सकती है (14)। ऐसे में हाई बीपी के लिए डाइट में डार्क चॉकलेट को भी शामिल किया जा सकता है।

9. कैंसर के लिए डार्क चॉकलेट

इसमें कोई शक नहीं कि कैंसर एक गंभीर बीमारी है। ऐसे में अगर चॉकलेट की बात करें, तो कैंसर ठीक करने के लिए तो नहीं, लेकिन कैंसर से बचाव के लिए डार्क चॉकलेट सहायक हो सकती है। एनसीबीआई की वेबसाइट पर प्रकाशित चूहों पर किया गया एक अध्ययन डार्क चॉकलेट के सेवन और पेट के कैंसर की रोकथाम के बीच एक संभावित लिंक को उजागर करता है (15)वहीं आहार में डार्क चॉकलेट को शामिल करना कैंसर कोशिकाओं के बढ़ने के साथ सूजन को भी कम कर सकता है। इसके अलावा डार्क चॉकलेट और अन्य स्रोतों से फ्लेवोनोल्स की कम मात्रा का सेवन करने से पेट के कैंसर से बचाव में मदद मिल सकती है। हालांकि, इस संबंध में और अधिक शोध की आवश्यकता है (16)

वहीं, डार्क चॉकलेट कोको में कैटेचिन (catechins) और प्रोसीएनिडिन (procyanidins) की उच्च मात्रा भी होती है, जो ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस और पुरानी सूजन के खिलाफ लाभकारी प्रभाव प्रदान कर कैंसर के इन जोखिमों को कम कर सकती है (17)। ऐसे में कैंसर के जोखिम को कम करने के लिए संतुलित मात्रा में डार्क चॉकलेट का सेवन किया जा सकता है। इसके साथ ही, पाठक ध्यान दें कि डार्क चॉकलेट किसी भी तरीके से कैंसर का इलाज नहीं है। अगर कोई इस बीमारी के चपेट में है, तो डॉक्टरी इलाज करवाना जरूरी है।

10. एंटी-इन्फ्लेमेटरी गुण

डार्क चॉकलेट के एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण की बात की जाए, तो फ्लेवनॉल युक्त कोको के सेवन से सूजन कम हो सकती है। यह वैस्कुलर सूजन को रोक सकती है या कम कर सकती है (18)। वहीं कोको का यह एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण रिएक्टिव ऑक्सीजन स्पीशीज (ROS) यानी फ्री रेडिकल्स को रोक सकता है और एंटी-हाइपरटेंसिव प्रभाव भी प्रदर्शित कर सकता है (8)। हालांकि, कोको फ्लैवनॉल्स के एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण को लेकर अभी और शोध की आवश्यकता है।

11. आंखों के लिए डार्क चॉकलेट

डार्क चॉकलेट का सेवन आंखों को भी स्वस्थ रखने में सहायक हो सकता है। दरअसल, एनसीबीआई की वेबसाइट पर प्रकाशित एक शोध में मिल्क चॉकलेट की तुलना में डार्क चॉकलेट के सेवन के दो घंटे बाद देखने की क्षमता में अधिक सुधार पाया गया है (19)। हालांकि, इन संबंध में अभी और शोध की आवश्यकता है।

12 मधुमेह के लिए शुगर फ्री डार्क चॉकलेट

कुछ अध्ययनों के अनुसार, डार्क चॉकलेट का सेवन ब्लड शुगर लेवल को कम करने में सहायक हो सकता है। कोको में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट गुण सीधे इंसुलिन प्रतिरोध को प्रभावित कर सकते हैं और बदले में, मधुमेह के जोखिम को कम कर सकते हैं (8)

इसके अलावा, यह भी संभव है कि डार्क चॉकलेट में कोको पॉलीफेनोल्स सीधे इंसुलिन प्रतिरोध को प्रभावित कर सकते हैं और मधुमेह के जोखिम को कम कर सकते हैं। वे अग्नाशयी बीटा-कोशिकाओं को प्रभावित कर और इंसुलिन स्राव को उत्तेजित कर सकते हैं, जिससे ब्लड शुगर स्तर कम हो सकता है। फिलहाल, डार्क चॉकलेट के एंटी-डायबिटिक प्रभावों का विश्लेषण करने के लिए और अधिक अध्ययन किए जाने की आवश्यकता है (20)

इसके अलावा, यह डार्क चॉकलेट में मौजूद फ्लैवेनॉल्स की मात्रा पर भी यह निर्भर करता है, क्योंकि मार्केट में मौजूद डार्क चॉकलेट में फ्लैवेनॉल्स कम और शुगर ज्यादा होता है, ऐसे में यह नुकसानदायक भी हो सकती है (21)। ऐसे में बेहतर है कि एक बार इस बारे में डॉक्टरी सलाह भी ली जाए।

13. आंतों को स्वस्थ रखने के लिए डार्क चॉकलेट

आंतों की समस्या से छुटकारा पाने के लिए और आंतों के स्वास्थ्य को बढ़ावा देने के लिए भी डॉर्क चॉकलेट का सेवन किया जा सकता है। एक रिसर्च के अनुसार कोको और इसके उत्पाद जैसे की डार्क चॉकलेट पॉलीफेनोल्स जैसे फ्लेवनॉल्स से समृद्ध होते हैं। कोका पॉलीफेनोल्स आंत के माइक्रोबायोटा के साथ संपर्क में आते ही माइक्रोबायोटा की संरचना और प्रीबायोटिक तंत्र को बढ़ा सकते हैं। वे फायदेमंद गट बैक्टीरिया जैसे कि लैक्टोबैसिलस और बिफिडोबैक्टीरियम को बढ़ाते हैं। वहीं हानिकारक बैक्टीरिया जैसे कि क्लोस्ट्रीडियम इत्रिंगेंस को कम करते हैं। इसके अलावा बायोएक्टिव कोका मेटाबोलाइट्स (पाचन को बढ़ावा देने वाले रसायन) आंत के स्वास्थ्य को बढ़ा सकते हैं (22)

14. त्वचा के लिए डार्क चॉकलेट

डार्क चॉकलेट न सिर्फ स्वास्थ्य के लिए, बल्कि त्वचा को स्वस्थ बनाए रखने के उपाय के तौर पर भी फायदेमंद हो सकती है। एनसीबीआई की वेबसाइट पर मौजूद अध्ययनों से पता चलता है कि कोको में मौजूद डायट्री फ्लेवोनोल्स फोटो-प्रोटेक्शन प्रदान करते हैं और त्वचा के ब्लड सर्कुलेशन में भी सुधार कर सकते हैं। इसके अलावा डार्क चॉकलेट त्वचा को हानिकारक यूवी किरणों से बचा सकती है। इतना ही नहीं त्वचा पर दिखने वाले बढ़ती उम्र के प्रभावों को कम करने में भी डार्क चॉकलेट मदद कर सकती है (23)। ध्यान रहे कि जरूरत से ज्यादा डार्क चॉकलेट का सेवन करने से बचें क्योंकि यह कील-मुंहासों की समस्या का कारण भी बन सकती है (24)

15. वजन संतुलित करने के लिए डार्क चॉकलेट

अगर वजन कम करने के उपाय की बात की जाए, तो शोध बताते हैं कि वजन कम करने में भी डार्क चॉकलेट सहायक हो सकती है। इस का प्रमाण एनसीबीआई की वेबसाइट पर प्रकाशित एक शोध से मिलता है। शोध में माना गया है कि डार्क चॉकलेट में मौजूद फ्लेवेनोल तत्वों के कर्ण यह एंटीओबेसिटी (मोटापा कम करने वाला) प्रभाव प्रदर्शित कर सकती है (13)। इस आधार पर मोटापा कम करने के उपाय के तौर पर डार्क चॉकलेट को असरदार माना जा सकता है। वहीं इसके साथ सही डाइट और वजन घटाने के लिए एक्सरसाइज को अपनाना भी आवश्यक है। इसके अलावा यह भी ध्यान रखें कि डार्क चॉकलेट का इस्तेमाल संतुलित मात्रा में ही किया जाना चाहिए। अधिक डार्क चॉकलेट के सेवन से वजन बढ़ भी सकता है (1)

16. बालों के लिए

कोको से भरपूर डार्क चॉकलेट बालों के लिए उपयोगी आहार के तौर पर भी इस्तेमाल की जा सकती है। दरअसल, एनसीबीआई की वेबसाइट पर प्रकाशित चूहों पर किए गए एक शोध में डार्क चॉकलेट को बालों के विकास में सहायक पाया गया (25)। वहीं एक अन्य अध्ययन के अनुसार चॉकलेट में कॉपर, जिंक और आयरन जैसे मिनरल्स पाए जाते हैं, जो बालों के विकास को बढ़ावा देने में मददगार हो सकते हैं। इसके अलावा आगे इस बात की भी पुष्टि की गई है कि चॉकलेट खाने से स्कैल्प में रक्त प्रवाह बढ़ता है, जिससे बालों को मजबूती मिल सकती है (26)

पढ़ना जारी रखें

आगे जानिए डार्क चॉकलेट में कौन-कौन से पोषक तत्व पाए जाते हैं, जो इसे इतना फायदेमंद बनाते हैं।

डार्क चॉकलेट के पौष्टिक तत्व – Dark Chocolate Nutritional Value in Hindi

नीचे दिए गए टेबल के जरिए जानिए डार्क चॉकलेट में मौजूद पोषक तत्वों के बारे में (27)

पोषक तत्वमात्रा प्रति 100 ग्राम
पानी1.37 ग्राम
एनर्जी598 केसीएल
प्रोटीन7.79 ग्राम
टोटल लिपिड (फैट)42.63 ग्राम
ऐश2.32 ग्राम
कार्बोहाइड्रेट45.9 ग्राम
फाइबर10.9 ग्राम
शुगर23.99 ग्राम
कैल्शियम73 मिलीग्राम
आयरन11.9 मिलीग्राम
मैग्नीशियम228 मिलीग्राम
फास्फोरस308 मिलीग्राम
पोटेशियम715 मिलीग्राम
सोडियम20 मिलीग्राम
जिंक3.31 मिलीग्राम
कॉपर1.766 मिलीग्राम
मैंगनीज1.948 मिलीग्राम
सेलेनियम6.8 माइक्रोग्राम
थियामिन0.034 मिलीग्राम
राइबोफ्लेविन0.078 मिलीग्राम
नियासिन1.054 मिलीग्राम
पैंटोथैनिक एसिड0.418 मिलीग्राम
विटामिन बी-60.038 मिलीग्राम
विटामिन बी-120.28 माइक्रोग्राम
विटामिन ए, आरएई2 माइक्रोग्राम
कैरोटीन, बीटा19 माइक्रोग्राम
कैरोटीन, अल्फा7 माइक्रोग्राम
क्रिप्टो जैंथिन, बीटा1 माइक्रोग्राम
विटामिन ए, आईयू39 आईयू
विटामिन ई (अल्फा-टोकोफेरोल)0.59 मिलीग्राम
विटामिन के (फिलोक्विनोन-phylloquinone)7.3 माइक्रोग्राम
फैटी एसिड, टोटल सैचुरेटेड24.489 ग्राम
फैटी एसिड, टोटल मोनोअनसैचुरेटेड12.781 ग्राम
फैटी एसिड, टोटल पॉलीअनसैचुरेटेड1.257 ग्राम
फैटी एसिड, टोटल ट्रांस0.03 ग्राम
कोलेस्ट्रॉल3 मिलीग्राम
कैफीन80 मिलीग्राम
थियोब्रोमाइन802 मिलीग्राम

लेख में आगे बढ़ें

इस लेख के अगले भाग में जानिए कि डार्क चॉकलेट और मिल्क चॉकलेट में कौन ज्यादा बेहतर है।

मिल्क चॉकलेट और डार्क चॉकलेट – कौन बेहतर है?

ऊपर हमने पाठकों को डार्क चॉकलेट के फायदे बताएं, जिन्हें पढ़कर आसानी से समझा जा सकता है कि डार्क चॉकलेट कितनी फायदेमंद है। दोस्तों, कई मायनों में डार्क चॉकलेट मिल्क चॉकलेट से ज्यादा बेहतर है। इसमें मिल्क चॉकलेट की तुलना में ज्यादा मात्रा में कोको (50-90%) मौजूद होता है। कोको मस्तिष्क स्वास्थ्य और याददाश्त में सुधार करने के साथ-साथ मूड को भी बेहतर बना सकता है (28)। इसके साथ ही यह सूजन की समस्या से भी बचाव कर सकता है। साथ ही यह फ्लैवनॉल से भरपूर होता है, जो कई शारीरिक और मानसिक समस्याओं से बचाव कर सकता है (8)। वहीं डार्क चॉकलेट खासतौर पर बढ़ती उम्र के लोगों के लिए अधिक उपयोगी हो सकती है (29) (30)। ऐसे में स्वास्थ्य के नजरिए से डार्क चॉकलेट को अधिक बेहतर माना जा सकता है (8)

अंत तक पढ़ें लेख

फायदे के साथ डार्क चॉकलेट के नुकसान भी हो सकते हैं। लेख के इस भाग में हम इसी बारे में जानकारी दे रहे हैं।

डार्क चॉकलेट खाने के नुकसान – Side Effects of Dark Chocolate in Hindi

डार्क चॉकलेट खाने के फायदे और नुकसान दोनों हैं, इसलिए फायदे जानने के बाद लोग ज्यादा इसका सेवन न करने लगें, इसलिए यहां हम डार्क चॉकलेट खाने के नुकसान की भी जानकारी दे रहे हैं। दरअसल, डार्क चॉकलेट में कैफीन की मात्रा अधिक होती है। ऐसे में इसके अधिक सेवन से नीचे बताई गई समस्याएं हो सकती हैं (31):

  • अनिद्रा
  • सिरदर्द या माइग्रेन
  • सिर चकराना
  • डिहाइड्रेशन
  • चिंता
  • असहज महसूस होना
  • वजन बढ़ना
  • हृदय की गति तेज होना
  • डार्क चॉकलेट खाने के नुकसान की बात करें, तो इसमें थियोब्रोमाइन (Theobromine) नामक तत्व होता है, जिसके अधिक सेवन से भी सिरदर्द और जी मिचलाने की समस्या हो सकती है (32)
  • इसके साथ ही डार्क चॉकलेट के अधिक सेवन से कील-मुंहासों की समस्या हो सकती है (24)
  • चॉकलेट के अधिक सेवन से सीने में जलन की समस्या भी हो सकती है (8)
  • ज्यादा डार्क चॉकलेट खाने के नुकसान में वजन बढ़ना भी शामिल है। दरअसल, डार्क चॉकलेट में कैलोरी अधिक मात्रा में होती है। इसलिए जरूरत से ज्यादा सेवन से वजन बढ़ने का जोखिम भी हो सकता है (8)

उम्मीद करते हैं कि इस लेख के जरिए पाठकों को यह पता चल ही गया होगा कि स्वास्थ्य के लिए डार्क चॉकलेट किस प्रकार फायदेमंद हो सकती है। अगर अभी तक डार्क चॉकलेट को अपने रूटीन में शामिल नहीं किया है, तो अब भी देर नहीं हुई है। इसे दैनिक जीवन में स्थान देकर डार्क चॉकलेट खाने के फायदे उठाए जा सकते हैं। वहीं इसके सेवन की मात्रा का भी ध्यान रखें। अधिक मात्रा में इसका सेवन करने से डार्क चॉकलेट खाने के नुकसान भी सामने आ सकते हैं। इसलिए पाठक सीमित मात्रा में ही डार्क चॉकलेट का सेवन करें। वहीं सेवन के दौरान अगर किसी को असुविधा महसूस हो, तो तुरंत सेवन बंद कर डॉक्टरी परामर्श लें।

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल :

क्या डार्क चॉकलेट में कैफीन होता है?

हां, सामान्य चॉकलेट की तुलना में डार्क चॉकलेट में ज्यादा कैफीन होता है, क्योंकि इसमें कोको होता है। प्रति 100 ग्राम डार्क चॉकलेट में 80 मिलीग्राम कैफीन मौजूद होता है (27)

एक दिन में कितनी डार्क चॉकलेट खा सकते हैं?

शाेध में पाया गया कि 70 प्रतिशत काेको युक्त डार्क चॉकलेट को प्रतिदिन 2 ग्राम तक खा सकते हैं (33)। हालांकि, यह व्यक्ति की उम्र और सेहत पर निर्भर करता है। इसलिए इसे नियमित इस्तेमाल में लाने से पूर्व आपके लिए डार्क चॉकलेट की कितनी मात्रा पर्याप्त है, इस संबंध में डॉक्टर से परमर्श जरूर करें।

क्या रात में डार्क चॉकलेट खा सकते हैं?

नहीं, डार्क चॉकलेट में कैफीन होता है, ऐसे में रात को इसके सेवन से अनिद्रा की समस्या हो सकती है (31)

क्या बच्चों के लिए डार्क चॉकलेट अच्छी है?

एक अध्ययन के अनुसार संतुलित मात्रा में डार्क चॉकलेट का सेवन बच्चों के रक्तचाप को कम करने में फायदेमंद हो सकता है (34)। इसके अलावा इसमें एंटीऑक्सीडेंट की अच्छी मात्रा मौजूद होती है, जो ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस को कम करने और ऑटिज्म स्पेक्ट्रम डिसऑर्डर में फायदेमंद हो सकते हैं। ऑटिज्म स्पेक्ट्रम डिसऑर्डर (एएसडी) एक विकासात्मक विकार है, जो बच्चों में कम्युनिकेशन और व्यवहार को प्रभावित करता है (35)। एक अन्य अध्ययन के अनुसार इसमें कैफीन मौजूद होता है, जिससे बच्चों में सिरदर्द, अनिद्रा और घबराहट जैसी समस्याएं हो सकती हैं। इसके अलावा हो सकता है कि डार्क चॉकलेट का स्वाद भी बच्चों को पसंद न आए (31)

क्या डार्क चॉकलेट वजन बढ़ाने का कारण बन सकती है?

अत्यधिक सेवन से वजन बढ़ने का जोखिम हो सकता है क्योंकि इसमें कैलोरी की उच्च मात्रा होती है (8)

क्या चॉकलेट किडनी के लिए बुरी है?

नहीं, चॉकलेट किडनी के लिए बुरी नहीं है, चॉकलेट में मौजूद पॉलिफिनॉल्स गंभीर किडनी समस्या में फायदेमंद माने गए हैं (36)

क्या डार्क चॉकलेट मुंहासों का कारण बन सकती है?

हां, अधिक मात्रा में चॉकलेट खाने से यह मुंहासों की समस्या बढ़ सकती है (37)

Sources

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