
मधुमेह के लिए एलोवेरा का उपयोग – Aloe Vera For Diabetes in Hindi
सालों से आयुर्वेद में इस्तेमाल किए जाने वाला एलोवेरा अपने औषधीय गुणों के लिए जाना जाता है। खासकर, डायबिटीज में ग्लूकोज के स्तर को नियंत्रित करने के लिए एलोवेरा का उपयोग काफी चलन में है। ऐसे में स्टाइलक्रेज के इस लेख में हम बताएंगे कि घृतकुमारी यानी एलोवेरा डायबिटीज के लिए फायदेमंद है या नहीं। अगर हां, तो किस प्रकार यह मधुमेह को नियंत्रित करने में सहायक भूमिका निभा सकता है और इसका उपयोग कैसे किया जा सकता है। इसके अलावा, लेख में मधुमेह में एलोवेरा खाने के नुकसान के बारे में भी बताया जाएगा।
चलिए, सबसे पहले यह जान लेते हैं कि मधुमेह के लिए एलोवेरा का उपयोग करने से शुगर कैसे नियंत्रित हो सकता है।
विषय सूची
कैसे एलोवेरा मधुमेह को प्रबंधित करने में मदद करता है?
मधुमेह के लिए एलोवेरा जूस को लेकर किए गए अध्ययनों के अनुसार, एलोवेरा के जूस का नियमित सेवन डायबिटीज के मरीजों के रक्त शर्करा को नियंत्रित करने में मदद कर सकता है (1) (2)। नीचे हम विस्तार से बता रहे हैं कि किस तरह एलोवेरा जूस डायबिटीज को नियंत्रित करने और इसके लक्षण को कम करने में मदद कर सकता है।
- शोधकर्ताओं ने एलोवेरा पर किए गये रिसर्च में पाया कि इसमें हाइपोग्लाइसेमिक (ग्लूकोज को कम करने वाला) प्रभाव होता है। इसमें यह प्रभाव ऐसमैनन (Acemannan) नामक तत्व की वजह से पाया जाता है (3)।
- एलोवेरा में अन्य यौगिक भी होते हैं जैसे कि हाइड्रोफिलिक फाइबर, ग्लूकोमानन और फाइटोस्टेरॉल जो रक्त शर्करा को कम करने में मदद कर सकते हैं (3)
- कई अध्ययन प्रमाणित करते हैं कि एलोवेरा ग्लूकोज लेवल को कम कर सकता है। एनसीबीआई (National Center for Biotechnology Information) की वेबसाइट पर भी एलोवेरा और डायबिटीज से संबंधित चूहों पर की गई कई रिसर्च मौजूद हैं। उनमें से एक रिसर्च में कहा गया है कि एलोवेरा के ग्लूकोज स्तर को कम करने वाले गुण को उसके एंटीऑक्सीडेंट प्रक्रिया से समझा जा सकता है (4)। दरअसल, ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस भी डायबिटीज की वजह बनता है (5)।
मधुमेह रोगियों के लिए एलोवेरा कैसे फायदेमंद होता है, यह आप जान गए हैं। चलिए, अब जानते हैं कि मधुमेह के लिए एलोवेरा का उपयोग कैसे किया जा सकता है।
डायबिटीज को नियंत्रित करने के लिए एलोवेरा का उपयोग कैसे करें?
डायबिटीज के लिए एलोवेरा का उपयोग जूस के रूप में किया जा सकता है। बाजार में कई तरह के एलोवेरा जूस उपलब्ध हैं, लेकिन ऑर्गेनिक एलोवेरा जूस का ही चयन किया जाना चाहिए। वैसे अगर किसी के घर में एलोवेरा हो तो वो खुद घर में ही मधुमेह के लिए एलोवेरा का जूस बना सकता है। नीचे हम घर में एलोवेरा जूस बनाने की विधि बता रहे हैं:
सामग्री:
- एक एलोवेरा का पत्ता
- आवश्कतानुसार पानी
विधि:
- सबसे पहले एलोवेरा के पत्ते को धोएं।
- फिर एक चाकू की मदद से उसे बीच से काट दें।
- अब एक चम्मच से उसके अंदर मौजूद जेल को बाहर निकाल लें।
- ध्यान रहे कि पत्ते में मौजूद लैटेक्स (एक पीले रंग की परत) एलोवेरा जेल में न हो।
- अब जूस बनाने के लिए दो से तीन चम्मच एलोवेरा जेल में आवश्कतानुसार पानी डालकर करीब दो मिनट तक ब्लैंड करें।
- अच्छे से ब्लैंड होने के बाद इसे गिलास में निकाल लें।
- इस जूस का स्वाद बढ़ाने के लिए नींबू या अदरक भी मिला सकते हैं।
- स्वाद के लिए इसका सेवन अन्य जूस के साथ भी किया जा सकता है।
कुछ लोग एलोवेरा के जूस का सीधे सेवन नहीं कर पाते हैं। ऐसी स्थिति में डायबिटीज के लिए एलोवेरा का उपयोग नीचे दिए गये तरीकों से भी किया जा सकता है (6)।
- मधुमेह के लिए एलोवेरा का उपयोग पाउडर के रूप में भी किया जा सकता है।
- आइसक्रीम के रूप में भी डायबिटीज के लिए एलोवेरी का उपयोग कर सकते हैं। आइसक्रीम बनाते समय कम मात्रा में शहद या शुगर फ्री का इस्तेमाल किया जा सकता है।
- एलोवेरा को दूध में मिलाकर भी पी सकते हैं।
- डायबिटीज के लिए एलोवेरा का उपयोग दही में डालकर खाने के लिए भी किया जा सकता है।
नोट – अगर किसी को स्वास्थ्य संबंधी कोई अन्य भी समस्या है तो मधुमेह के लिए एलोवेरा का इस्तेमाल करने से पहले एक बार डॉक्टरी सलाह जरूर लें।
मधुमेह के लिए एलोवेरा का लाभ जानने के बाद इससे जुड़े नुकसान जानना भी जरूरी है। इसलिए, आगे हम मधुमेह में एलोवेरा खाने के नुकसान के बारे में बता रहे हैं।
मधुमेह में एलोवेरा खाने के नुकसान – Side Effects of Aloe Vera For Diabetes In Hindi
एलोवेरा का उपयोग कई बार शरीर को कुछ नुकसान भी पहुंचा सकता है। नीचे हम मधुमेह में एलोवेरा खाने के नुकसान के बारे में बता रहे हैं (7)।
- डायरिया (दस्त)
- हाइपोकैलीमिया (पोटेशियम का कमी)
- स्यूडोमेलानोसिस कोली (Pseudomelanosis Coli)। इसमें बड़ी आंत के भीतरी हिस्से (Lining) के रंग में बदलाव होता है।
- किडनी (गुर्दा) फेलियर
- फोटोटॉक्सिसिटी और हाइपरसेंसिटिव रिएक्शन यानी त्वचा संबंधी एलर्जी, जिसमें त्वचा में जलन और अन्य समस्याएं हो सकती हैं।
- पेट में मरोड़ (Cramping)
- हीव्स (Hives)। एक तरह की एलर्जी, जिसमें त्वचा लाल हो जाती है और खुजली होने की वजह से सूज जाती है।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
क्या एलोवेरा जूस में चीनी होती है?
व्यावसायिक रूप से तैयार किए जाने वाले एलोवेरा जूस में चीनी या कोई दूसरे स्वीटनर का इस्तेमाल हो सकता है। यही वजह है कि शुगर के लिए एलोवेरा का उपयोग करने के लिए घर पर बने जूस लेने की सलाह दी जाती है।
मधुमेह व शुगर के लिए एलोवेरा का उपयोग कैसे किया जा सकता है, यह तो आप जान ही गए हैं। बस अब डायबिटीज के स्तर को नियंत्रित करने के लिए इसे अपनी दिनचर्या में शामिल कर सकते हैं। ध्यान रहे कि मधुमेह के लिए एलोवेरा का उपयोग इसे पूरी तरह ठीक करने के लिए नहीं बल्कि शुगर लेवल और इससे संबंधित लक्षणों को कम करने के लिए ही किया जा सकता है। डायबिटीज के पूर्ण इलाज के लिए डॉक्टर से संपर्क किया जाना जरूरी है। मधुमेह के लिए एलोवेरा से संबंधित कोई सवाल आपके जहन में हो तो उसे कमेंट बॉक्स के माध्यम से हम तक जरूर पहुंचाएं। हम आपके सवाल का जवाब तथ्यों के आधार पर जरूर देंगे।

Latest posts by vinita pangeni (see all)
- पिम्पल/मुंहासे हटाने के कुछ आसान तरीके – How to Remove Pimples in Hindi - January 13, 2021
- साइनस के लक्षण, कारण और घरेलू इलाज – Sinusitis Symptoms and Home Remedies in Hindi - January 4, 2021
- मछली के तेल के फायदे और नुकसान – Fish Oil Benefits and Side Effects in Hindi - January 4, 2021
- उच्च रक्तचाप (हाई ब्लड प्रेशर) के लक्षण, इलाज और घरेलू उपचार – All About High Blood Pressure (Hypertension) in Hindi - December 31, 2020
- गाय के दूध के 12 फायदे और नुकसान – Cow Milk Benefits and Side Effects in Hindi - December 31, 2020
