Written by , (एमए इन मास कम्युनिकेशन)

डर काे जीतकर ही चुनाौतियों का सामना किया जाता है। मगर कुछ लोग काम शुरू करने से पहले ही डर कर हार मान लेते हैं। ऐसे डरे-सहमे लोग अपनी सपनों की मंजिल से दूर ही रह जाते हैं। इससे बचने का एक ही तरीका है और वो है डर का सामना करना। तभी तो कहा जाता है कि डर के आगे ही जीत खड़ी होती है। इसी वजह से आज हम डर पर सुविचार लेकर आए हैं। साथ ही यहां डर पर शायरी भी मौजूद हैं, जिनकी मदद से डर पर जीत हासिल की जा सकती है। यही नहीं, आपको इस लेख में डर पर कोट्स भी पढ़ने को मिलेंगे।

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लेख की शुरुआत करते हैं डर पर शायरी के साथ, तो बने रहें अंत तक।

65+ डर पर शायरी : Fear Quotes In Hindi | Fear Shayari In Hindi | भय पर अनमोल विचार

डर को जीतना इतना मुश्किल काम भी नहीं है। बस जरूरत है, तो थोड़ी-सी हिम्मत जुटाने की। इसमें आपकी मदद करेंगे, इस लेख में दिए गए भय पर अनमोल विचार और डर शायरी।

  1. डर तो सिर्फ और सिर्फ दिमाग के अंदर है,
    जो उससे जीत जाए वो ही सिकंदर है।
  1. मैं भी डर गया था मुश्किलें देख,
    फिर आगे बढ़ गया मंजिलें देख,
    खुद राहें मुझे मिलती चली गईं,
    मुश्किलें हार गईं मेरा हौसला देख।
  1. जिसने डर की वजह से मैदान छोड़ दिया,
    उसकी किस्मत ने उसका साथ छोड़ दिया।
  1. थोड़ा-सा तो डर हर दिल में होना चाहिए,
    कठिनाइयों को देख कर नहीं रोना चाहिए।
  1. मंजिल की खोज में जो पहले ही डर जाते हैं,
    अपने मुकाम से वो बहुत दूर चले जाते हैं।
  1. मन में डर से शुरू जिनका सफर होता है,
    उस शख्स का हर जज्बा बेअसर होता है।
  1. जो लोग किसी मुसीबत से नहीं डरते हैं,
    सिर्फ वो ही हर चुनौती का सामना करते हैं।
  1. डर का सफलता से कोई वास्ता होता नहीं,
    जिंदगी में मंजिल का कोई रास्ता होता नहीं।
  1. पहले जैसा उनके अंदर कोई मंजर ही नहीं लगता,
    वो बदले ऐसे की अब खुदा का डर ही नहीं लगता।
  1. शुरुआत करने वालों का डर अपने आप दूर हो जाता है,
    ख्वाबों की उड़ान जो भरते हैं, उनका हर सपना सच हो जाता है।

पढ़ते रहें डर पर शायरी

  1. जाने हर कोई जिंदगी के किस दौर से गुजर रहा है,
    जिसे जानते हैं उस चेहरे से हर कोई डर रहा है।
  1. बातों में जिनकी मिठास रहती है,
    जिनपर खुद से ज्यादा विश्वास रहता है,
    डर कर रहो ऐसे लोगों से थोड़ा ज्यादा,
    आपको गिराने का हथियार उनके पास रहता है।
  1. अपने लक्ष्य को पाने से कभी नहीं डरना चाहिए,
    दूसरों को नीचा दिखाने का काम नहीं करना चाहिए।
  1. अब तो आदमी को आदमी से डर लगने लगा है,
    क्योंकि अब इंसान में शैतान घर करने लगा है
  1. वो अपने पद का फायदा उठाने लगे हैं,
    कमजोर लोगों को अब वो डराने लगे हैं।
  1. डरते क्यों जाते हो तुम रात के होने से,
    दूर हो जाता है अंधेरा सुबह होने से।
  1. तेरे रोने से डरते हैं,
    तुझे खोने से डरते हैं,
    बिछड़ना लिखा है जिसमें हमारा,
    हाथ की उस लकीर से डरते हैं।
  1. हाथ में सत्ता हो तो किसी से डर नहीं लगता,
    दूसरों को दगा देने वालों का जमीर नहीं जगता।
  1. हारने के डर से मेहनत करना नहीं छोड़ना,
    जो साथ दे तुम्हारा उसका साथ नहीं छोड़ना।
  1. किस-किस पर यकीन करें,
    अब तो हर एक से दिल डरता है,
    खुद ही बना लो अपना एक जहान,
    यहां दोस्त ही पीठ पर वार करता है।

आगे पढ़ें डर पर कोट्स

  1. जो डुबकी लगाने से नहीं डरते,
    वो ही मोती पाते हैं,
    डरते हैं जो कोशिश से,
    वो किनारे पर रह जाते हैं।
  1. अब तो अदाकारों से डर लगने लगा है,
    दुश्मनों से नहीं यारों से डर लगने लगा है।
  1. जो कमजोर होते हैं दिल से,
    तुम उन्हें ही डरा सकोगे,
    मिलेगा जब कोई बराबरी वाला,
    उसका क्या कर सकोगे।
  1. डरोगे जितना तुम, डराएगी तुम्हें उतना ही दुनिया,
    करोगे परवाह गैरों की जितनी, उतना सताएगी दुनिया।
  1. जिनके मन में कुछ करने जा जुनून हो,
    वो कभी भी डरा नहीं करते हैं,
    जो डर जाते हैं लोगाें की बातों से,
    वो कभी कुछ करा नहीं करते हैं।
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  1. अपनी अकड़ को काबू में रखो,
    हम तुमसे बिलकुल डरते नहीं हैं,
    दोस्त हो तुम हमारे सामने से बता रहे हैं,
    हम पीठ पर वार करते नही हैं।
  1. सफलता के सफर में निडर होकर,
    कोई-कोई ही भाग लेता है,
    डर जाता है जाे असफलता से
    वो कोशिश करने के पहले ही भाग जाता है।
  1. डर जाता हूं उन लोगों से,
    जो बातों में मिठास और दिलों में जहर रखते हैं,
    संभल कर रहना पड़ता है हर दम उनसे,
    वो ही आंखों में प्यार और दिमाग में कहर रखते हैं।
  1. लोगों काे अपना बनाओ,
    हर प्रीत तुम्हारी होगी,
    नफरत को दूर कर आगे बढ़ो,
    हर जीत तुम्हारी होगी।
  1. जो भी समय से डर कर चले, वो इतिहास हो गए,
    अहम में रहे जो अपने, वो शिखर से खाक हो गए।

डर पर सुविचार के लिए बने रहें लेख में

  1. सामने से मोहब्बत और नफरत छिपकर करते हैं,
    इस दुनिया और अपने यारों से हम कितना डरते है।
  1. मुश्किलें कामयाबी के इस सफर में आएंगी,
    तुमको कई परेशानियां दिखाकर डराएंगी,
    रुकने न देना कदमों को सिर्फ चलते रहना,
    यूं ही चलते-चलते एक दिन मंजिल मिल जाएगी।
  1. रुक-रुक कर हर मोड़ पर लोग क्यों संभलते हैं,
    डरते हैं जब इतना तो फिर घर से क्यों निकलते हैं।
  1. जिसके दिल में डर ने घर बना लिया है,
    सबकुछ उसने अपनी गलतियों से गंवा दिया है।
  1. हिम्मत से बढ़ते जाने पर हर जंग जीत जाओगे,
    डर को जीत लिया तो मंजिल को भी पा जाओगे।
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  1. समंदर के तूफानों को जो बिना डरे मात देते हैं,
    किस्मत वाले भी उन लोगों का ही साथ देते हैं।
  1. डरते हैं कि कैसे रंग बदल लेते हैं लोग,
    भरोसा करने वालों को धोखा देते हैं लोग।
  1. सपनों में भी जो डर से जीत जाते हैं,
    वो ही एक दिन मंजिल को पा जाते हैं।
  1. यदि डर लगता है मुश्किलों से,
    फिर भी आगे बढ़ना छोड़ना मत,
    खुद पर करना भरोसा और बढ़ते जाना,
    पर खुद पर किए भरोसे को तोड़ना मत।
  1. निडर होकर जीने वालों को,
    कौन डरा सकता है,
    जिनके दिलों में हो जीतने की भावना,
    उन्हें कौन हरा सकता है।

पढ़ें डर पर कोट्स

  1. वो मनुष्य ही क्या जो मुश्किलों से डर जाए,
    मनुष्य तो वो है, जो हर कठिनाई से लड़ जाए।
  1. अपने डर को न जाने किधर रखते हैं,
    जीत लेते हैं हर जंग जो जिगर रखते हैं।
  1. ऊंचाई को छुओ उन्हें छूने में ही जीने का सार है,
    डरते हैं जो छोटी सी मुसीबत से, उनका जीना बेकार है।
  1. निडरता से रहता हूं मैं,
    मुझे मत आजमाओ,
    मेरे अंदर सोया हुआ शेर है,
    उसे मत जगाओ।
  1. हर रास्ते से गुजर जाते हैं,
    जो डरते नहीं किसी से,
    मुसीबतों से लड़ते हैं वो,
    पर लड़ते नहीं सभी से।
  1. अंधकार कैसा भी हो लेकिन उससे मत डर जाना,
    उम्मीद की रोशनी लेकर हर एक डर से लड़ जाना।
  1. इम्तिहान कैसा भी हो, उसे हंसकर अपना लेना,
    डर को निकालकर दिल से मंजिल को पा लेना।
  1. डर को हराकर जीवन में आगे बढ़ना चाहिए,
    डर कैसा भी हो मन में हर डर से लड़ना चाहिए।
  1. ऊंचाई पर पहुंचने वाले कभी हिम्मत नहीं हारते,
    मार देते हैं डर को लेकिन खुद को नहीं मारते।
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  1. जीत जाता है जो हर डर को,
    वो ही सच्चा सिकंदर है,
    पा लेते हैं वो अपनी मंजिल,
    जज्बा जिनके अंदर है।
  1. लड़ने से पहले दुश्मन से,
    तुम खुद अपने डर को मारो,
    उठो लड़ो और पाओ मंजिल,
    लड़ने से पहले मत हारो।

डर पर शायरी अंत तक पढ़ें

  1. मेहनत करने से जो नहीं डरते,
    वो ही मंजिल को पाते हैं,
    डर को रखकर जेब में अपनी,
    वो इतिहास रचाते हैं।
  1. जीवन उनका ही पावन है,
    जिसने अपने को पहचाना,
    डर को मारी ठाेकर और,
    फिर मंजिल को जाना।
  1. जो छोटे सी मुसीबत से डर जाते हैं,
    उनका जीवन व्यर्थ ही समझो,
    क्या पाएंगे मंजिल को वो,
    उनकाे तो बेअर्थ ही समझो।
  1. जज्बात दिल में ऐसे हो,
    डर की कोई कीमत न हो,
    मंजिल को तुम ऐसे पा लो,
    डर की फिर से हिम्मत न हो।
  1. वक्त जब गर्दिश में होता है,
    तो अपने भी डरा जाते हैं,
    जब वक्त चलता है अपना,
    तो दुश्मन भी पैरों में आ जाते हैं।
  1. उम्मीद की जो डोर को बांध कर रखता है,
    वो डर को जीत के मंजिल का प्याला चखता है।
  1. डर कैसा भी हो उसे हराकर मंजिल को पाना है,
    वजूद क्या है मेरा अब मुझे दुनिया को बताना है।
  1. फासले मंजिल से कितने भी हों,
    हौसले वाले डरते नहीं हैं,
    जो हार जाते हैं फासले देखकर,
    वो मंजिल की ओर बढ़ते नहीं हैं।
  1. मुश्किलों की घड़ी है, खुद पर एतबार करो,
    डर के साए भी चले जाएंगे थोड़ा इंतजार करो।
  1. मेहनत करके बनाओ अपनी पहाचान,
    कदम बढ़ाकर बनाओ अलग निशान,
    जिंदगी को सिर्फ काटो नहीं,
    डर को चीरकर बनाओ अलग मुकाम।
  1. सूरज की तरह चमको,
    अंधकार से मत डरो,
    उठो बड़ों मंजिल की तरफ,
    वक्त बर्बाद मत करो।
  1. कुंडली के तारे भी अपनी जगह बदल देंगे,
    खुद को पहचान कर जिस दिन डर को हरा देंगे।
  1. अपने डर के आगे निकलकर तो देख,
    मंजिल मिलेगी तुझे चलकर तो देख,
    आराम से सोता रहेगा सारा जमाना,
    जमाने से आगे निकल कर तो देख।
  1. ​​​किसी को यूं मत डरा,
    खुद को खुदा मत बता,
    मिट जाएगी हस्ती सबकी,
    अपनी हस्ती पर मत इतरा।
  1. खुद को ऐसे डराकर मायूस तो न कर,
    मंजिल मिलेगी उसकी तलाश तो कर।
  1. हिम्मत से जीत जाते हैं वो चाहे कितनी हो बड़ी जंग,
    डर को हराकर जिसने दिया हो अपनों का संग।
  1. लड़कर जो डर नसीब बदल देते हैं,
    वही इंसान अपनी तकदीर बदल देते हैं,
    मत सोचो कि क्या होगा कल,
    निडर तो कल की तस्वीर बदल देते हैं।
  1. जिनके दिल में जज्बात और खुद पर विश्वास होगा,
    डर होगा दूर और वो मंजिल के पास होगा।
  1. डर को जीतने का कोई अरमान तो जगाओ,
    मंजिल पा जाओगे, अंदर के निडर इंसान को तो जगाओ।

माना जाता है कि डर कहीं बाहर नहीं, बल्कि हमारे ही दिमाग में ही होता है, क्योंकि ये दिमाग की ही उपज होती है। जब इंसान उस भय को जीत लेता है, तो उसे अपनी मंजिल और ऊंचाइयों तक पहुंचने से कोई नहीं रोक सकता। इस लेख में हमने ऐसी ही कई डर पर शायरी लिखी हैं, जिन्हें पढ़कर और दूसरों को सुनाकर अंदर के डर को दूर किया जा सकता है। इन डर की शायरी को आप अपने दोस्तों के साथ भी शेयर करके उन्हें निडर बना सकते हैं।

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