फाइबर युक्त खाद्य सामग्री और उनके फायदे – Fiber Rich Foods in Hindi

Written by , MA (Mass Communication) Anuj Joshi MA (Mass Communication)
 • 
 

मानव शरीर में कई प्रकार के पोषक तत्व पाए जाते हैं और सभी की अपनी अलग भूमिका होती है। ये पोषक तत्व हमारे शारीरिक और मानसिक विकास में मदद करते हैं। ऐसा ही एक पोषक तत्व फाइबर है। आपने फाइबर का नाम पहले भी सुना होगा। स्टाइलक्रेज के इस आर्टिकल में हम फाइबर के बारे में विस्तृत जानकारी दे रहे हैं। साथ ही बताएंगे कि यह हमारे लिए किस प्रकार से फायदेमंद हो सकता है और कौन से फाइबर युक्त खाद्य पदार्थ अपनी डाइट में शामिल करने चाहिए।

आइए, सबसे पहले जानते हैं कि फाइबर क्या है।

फाइबर क्या है? – What is Fiber in Hindi

फाइबर खाद्य पदार्थों में पाया जाने वाला न पचने वाला कार्बोहाइड्रेट होता है। इसे घुलनशीलता के आधार पर दो प्रकार से विभाजित किया जा सकता है। फाइबर युक्त खाद्य पदार्थ में अनाज, फल, सब्जियां और फलियां जैसे सेम व मटर आदि शामिल हैं (1)।

  1. घुलनशील फाइबर: यह पानी में घुल जाता है और आंत में पाए जाने वाले अच्छे बैक्टीरिया द्वारा मेंटाबोलाइज (भोजन को ऊर्जा और अपशिष्ट उत्पादों में बदलने के लिए रासायनिक प्रक्रिया) कर लिया जाता है। यह पेट में जाकर जेल यानी गाढ़े तरल पदार्थ में बदल जाता है। यह मल को मुलायम बनाने का काम करता है, ताकि कब्ज की समस्या न हो।
  1. अघुलनशील फाइबर: यह फाइबर पानी में नहीं घुलता है। इसका मतलब यह है कि इस तरह का फाइबर पेट में जाकर न तो टूटता है और न ही रक्त में घुलता है। इससे पेट को साफ रखने में मदद मिलती है।

आगे हम बता रहे हैं कि शरीर में फाइबर की क्या भूमिका है।

शरीर में फाइबर की भूमिका क्या है?

फाइबर आंतों में भोजन को इकट्ठा करके रखता है। फाइबर युक्त आहार के सेवन से भूख कम लगती है, इसलिए यह वजन को नियंत्रित करने में मदद कर सकता है। यह पाचन शक्ति को मजबूत करने के साथ-साथ कब्ज जैसी समस्या को रोकने में मदद कर सकता है। साथ ही यह डायवर्टिकलोसिस (आंत में सूजन या संक्रमण का होना), मधुमेह और हृदय रोग से बचाने में भी फायदेमंद हो सकता है (1)।

यहां हम बता रहे हैं कि शरीर में फाइबर की कितनी मात्रा जरूरी है।

किसे फाइबर की कितनी आवश्यकता है?

फाइबर की मात्रा महिला और पुरुष दोनों के लिए अगल-अलग बताई गई है, जो इस प्रकार है (2):

महिलाओं के लिए: महिलाएं एक दिन में 21 से 25 ग्राम तक फाइबर का सेवन कर सकती हैं।

पुरुषों के लिए: पुरुष एक दिन में 30 से 38 ग्राम तक फाइबर का सेवन कर सकते हैं।

ये मात्रा अलग-अलग शोध के आधार पर दी गई है। बेहतर होगा कि आप अपनी डाइट में फाइबर को शामिल करने के पहले डॉक्टर से संपर्क करें। ऐसा इसलिए, क्योंकि सभी की शारीरिक संरचना अलग-अलग होती है। इसलिए, हर किसी की पोषक तत्वों की जरूरत अलग-अलग हो सकती है।

फाइबर को जानने के बाद यहां हम फाइबर युक्त खाद्य पदार्थों के बारे में बता रहे हैं।

फाइबर युक्त खाद्य पदार्थ – Fiber Rich Foods in Hindi

यहां हम फाइबर युक्त आहार के बारे में बता रहे हैं। साथ ही यह जानकारी भी दी जाएगी कि फाइबर युक्त खाद्य पदार्थों के सेवन के क्या-क्या लाभ हो सकते हैं।

1. सब्जियां

एनसीबीआई (नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इंफार्मेशन) की वेबसाइट पर प्रकाशित एक शोध के अनुसार, सब्जियां कई प्रकार के पोषक तत्वों का अच्छा स्रोत होती हैं। इसलिए, ये सेहत के लिए फायदेमंद होती हैं। इन्हीं पोषक तत्वों में फाइबर भी शामिल है (3)। यहां हम कुछ सब्जियों के बारे में बता रहे हैं, जिनमें फाइबर की अच्छी मात्रा पाई जाती है। फाइबर युक्त आहार में शामिल ये सब्जियां स्वास्थ्य के लिए लाभदायक हैं।

  • कच्चा केला : एनसीबीआई की वेबसाइट पर प्रकाशित एक शोध के अनुसार, कच्चे केले में फाइबर, विटामिन-सी, विटामिन-बी 6, प्रोविटामिन-ए, पोटैशियम, फास्फोरस, मैग्नीशियम, जिंक व फेनोलिक जैसे कई पोषक तत्व पाए जाते हैं। इसलिए, सेहत के लिए कच्चे केले के फायदे कई सारे हैं। इन फायदों में वजन को कम करना, अच्छी पाचन क्षमता, गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल (आंत) की समस्या को दूर करना व शुगर को नियंत्रित करना शामिल है (4)। फाइबर युक्त भोजन के तहत इसका उपयोग सब्जी बनाने के लिए कर सकते हैं।

फाइबर की मात्रा: प्रति 100 ग्राम में 2.6 ग्राम (5)।

  • लौकी : अच्छे स्वास्थ्य के लिए लौकी और उसका जूस फायदेमंद हो सकता है। इसमें फाइबर के साथ-साथ आयरन, फास्फोरस, पोटैशियम, जिंक, मैग्नीशियम, कॉपर, सोडियम, विटामिन-सी, थायमिन, राइबोफ्लेविन, नियासिन, विटामिन-बी6, पैंटोथेनिक एसिड व विटामिन-ई पाया जाता है। ये सभी पोषक तत्व सेहत के लिए कई प्रकार से फायदेमंद हो सकते हैं। इसमें मौजूद फाइबर कब्ज, पेट फूलना और बवासीर की समस्या को दूर करने में मदद कर सकता है। जहां एक ओर वजन घटाने के लिए लौकी का जूस लाभदायक हो सकता है, तो वहीं इस जूस और तिल के तेल का मिश्रण गंजेपन (बालों के झड़ने) में लाभकारी परिणाम दे सकता है। अनिद्रा, मिर्गी और अन्य रोगों के उपचार में भी ये बेहतर प्रभाव दिखा सकता है। इसके अलावा, यह पथरी की समस्या में मददगार हो सकता है। माना जाता है कि लगभग 4-6 महीनों तक लौकी के रस के नियमित सेवन से हृदय के रोगों से छुटकारा पाया जा सकता है (6)। लौकी का सब्जी, हलवे या फिर जूस के रूप में सेवन किया जा सकता है।

फाइबर की मात्रा: प्रति 100 ग्राम में 4.45 ग्राम (6)।

  • ग्वार फली : हो सकता है कि कई लोगों ने ग्वार फली की सब्जी न खाई हो। अगर खाई भी है, तो हम बता दें कि सब्जी के रूप में उपयोग होने वाली ग्वार फली के फायदे सेहत के लिए कई प्रकार से हो सकते हैं। इसमें प्रोटीन, कुल फैट, कार्बोहाइड्रेट, फाइबर, मिनरल्स, कैल्शियम और सोडियम जैसे कई प्रकार के पोषक तत्व पाए जाते हैं (7)। एनसीबीआई की वेबसाइट पर प्रकाशित एक शोध के अनुसार, ग्वार फली के सेवन से मधुमेह, कोलेस्ट्राॅल व हृदय की बीमारी जैसी कई समस्याओं से बचने या फिर उनके लक्षणों को कम करने में मदद मिल सकती है (8)। इसका सेवन पाउडर, सब्जी और जूस के रूप में कर सकते हैं।

फाइबर की मात्रा: प्रति 100 ग्राम में 77.3 ग्राम (7)।

  • कद्दू : कद्दू की सब्जी से लेकर खीर तक बनाई जाती है। अच्छी सेहत के लिए कद्दू फायदेमंद हो सकता है। कद्दू प्रोटीन, शुगर, कैल्शियम, आयरन, मैग्नीशियम, फास्फोरस, पोटैशियम, सोडियम, विटामिन-सी, थायमिन, विटामिन-बी6 विटामिन बी, विटामिन-ए और विटामिन-ई जैसे पोषक तत्वों से भरपूर होता है (9)। इसके अलावा, एनीसीबीआई की वेबसाइट पर प्रकाशित शोध के अनुसार, कद्दू में एंटी-डायबिटिक, एंटीऑक्सीडेंट, एंटी-कार्सिनोजेनिक (anti-carcinogenic) यानी कैंसर को फैलने से रोकने में मदद करने वाला गुण, एंटी-इंफ्लेमेटरी और अन्य कई महत्वपूर्ण गुण शामिल हैं। ये सभी गुण अच्छे स्वास्थ्य के लिए लाभदायक हो सकते हैं (10)। ये सभी पोषक तत्व हमारे दैनिक पोषण के लिए आवश्यक हो सकते हैं। इसका उपयोग सब्जी बनाने के साथ-साथ खीर बनाने और मिठाई बनाने के लिए कर सकते हैं।

फाइबर की मात्रा: प्रति 100 ग्राम में 0.5 ग्राम (9)।

  • ब्रोकली : ब्रोकली ऐसी सब्जी है, जो गोभी के परिवार से संबंधित है। एनीसीबीआई की वेबसाइट पर प्रकाशित शोध के अनुसार, ब्रोकली में कार्बोहाइड्रेट, आयरन, विटामिन-ई और सी व कई अन्य तरह के पोषक तत्व भारी मात्रा में पाए जाते हैं, जो सेहत के लिए अच्छे होते हैं (11)। ये पोषक तत्व सेहत के लिए ब्रोकली को फायदेमंद बनाते हैं। साथ ही कई समस्याओं को दूर करने में फायदेमंद भी हो सकते हैं। इसलिए, ब्रोकली का सेवन सब्जी और जूस बनाकर कर सकते हैं।

फाइबर की मात्रा: प्रति 100 ग्राम में 2.6 ग्राम (12)।

सब्जियों के बाद हम कुछ ऐसे फलों के बारे में बता रहे हैं, जो फाइबर के अच्छे स्रोत हैं।

2. फल

फलों भी फाइबर की अच्छी मात्रा पाई जाती है। आप फलों को ऐसे ही या फिर जूस के रूप में सेवन कर सकते हैं। फलों में मौजूद फाइबर न सिर्फ वजन कम करने में फायदेमंद हो सकता है, बल्कि अच्छी सेहत के लिए भी लाभदायक हो सकता है (13)। यहां हम कुछ ऐसे फलों के बारे में बता रहे हैं, जो फाइबर में तो भरपूर होते ही हैं, साथ ही स्वास्थ्य के लिए भी फायदेमंद हो सकते हैं।

  • सेब : कहा जाता है कि रोजाना एक सेब का सेवन कई बीमारियों को दूर करने में फायदेमंद हो सकता है। सेब का उपयोग अच्छी सेहत के लिए लाभदायक हो सकता है। एनसीबीआई पर प्रकाशित एक शोध के अनुसार, इसमें मधुमेह, हृदय रोग व अस्थमा जैसी समस्या को दूर करने के गुण पाए जाते हैं। इसके अलावा, इसमें पाया जाने वाला एंटी-ऑक्सीडेंट गुण आक्सीडेटिव स्ट्रेस को कम कर शरीर को स्वस्थ रखने का काम कर सकता है। इसके अलावा, सेब में विटामिन-ई, विटामिन-सी, रेटिनोल और बीटा-कैरोटीन जैसे पोषक तत्व पाए जाते हैं, जो स्वास्थ्य के लिए कई प्रकार से फायदेमंद हो सकते हैं (14)। सेब का सेवन साबुत कर सकते हैं, इसका जूस बनाकर पी सकते हैं या फिर फ्रूट सलाद में डालकर खा सकते हैं।

फाइबर की मात्रा: प्रति 100 ग्राम में 2.4 ग्राम (15)।

  • कटहल : पके हुए कटहल की गिनती सबसे बढ़े फलों में की जाती है। यह खाने में जितना मीठा होता है, उतना ही फायदेमंद भी। एनसीबीआई की वेबसाइट पर प्रकाशित एक शोध के अनुसार, इसमें फाइबर के साथ-साथ कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, विटामिन, खनिज और फाइटोकेमिकल्स जैसे पोषक तत्व भी होते हैं। इसके अलावा, कटहल में एंटीकार्सिनोजेनिक (कैंसर को बड़ने से रोकने वाला गुण), एंटी माइक्रोबियल, एंटीफंगल, एंटी-इंफ्लेमेटरी, घाव भरने और हाइपोग्लाइसेमिक के गुण पाए जाते हैं। इन पोषक तत्वों और गुणों के कारण कटहल का उपयोग चिकित्सा में बड़े पैमाने पर किया जाता है (16)। पके हुए कटहल का पीला गूदा आराम से सीधा ही खाया जा सकता है। इसके अलावा, इसका उपयोग अचार बनाने के लिए भी कर सकते हैं।

फाइबर की मात्रा: प्रति 100 ग्राम में 1.5 ग्राम (17)।

  • तरबूज : एनसीबीआई की वेबसाइट पर प्रकाशित एक शोध के अनुसार, तरबूज का उपयोग सेहत के लिए कई प्रकार से फायदेमंद हो सकता है। तरबूज हृदय रोग, उच्च रक्तचाप व टाइप 2 मधुमेह की समस्या को पैदा करने वाले मोटापे को नियंत्रित करने में कारगर हो सकता है। साथ ही यह हृदय से संबंधित समस्याओं से बचाने में भी लाभदायक हो सकता है। इसके अलावा, इसमें विटामिन-ए, विटामिन-सी, फाइबर, पोटैशियम, लाइकोपीन व कैरोटीनॉयड जैसे पोषक तत्व पाए जाते हैं, जो अच्छी सेहत के लिए लाभदायक हो सकते हैं (18)। आप प्रतिदिन थोड़ी-सी मात्रा में तरबूज का सेवन कर सकते हैं।

फाइबर की मात्रा: प्रति 100 ग्राम में 0.4 ग्राम (19)।

  • अनार : अनार का सेवन कई शारीरिक समस्याओं को दूर करने के लिए किया जा सकता है। एनसीबीआई पर प्रकाशित एक शोध के अनुसार, अनार में एंटीऑक्सीडेंट, एंटीइंफ्लेमेटरी और एंटीकार्सिनोजेनिक गुण पाए जाते हैं। अनार में पाए जाने वाले ये गुण उच्च रक्तचाप, उच्च कोलेस्ट्रॉल, ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस, हाइपरग्लाइसेमिया और सूजन संबंधी बीमारियों और उनके लक्षण को कम करने में मददगार हो सकते हैं। सेब में फाइबर के साथ-साथ कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, विटामिन, कैल्शियम, आयरन, मैग्नीशियम, फास्फोरस व पोटैशियम जैसे पोषक तत्व सेहत पर सकारात्मक प्रभाव डाल सकते हैं (20)। अनार का उपयोग जूस के रूप में व इसके दानों को सलाद में मिलाकर भी उपयोग कर सकते हैं।

फाइबर की मात्रा: प्रति 100 ग्राम में 4 ग्राम (21)।

फलों और उनमें पाए जाने वाले पोषक तत्व के फायदों के बाद आगे हम फलियां व दाल के फायदों के बारे में बता रहे हैं।

3. फलियां और दाल

फाइबर युक्त भोजन के रूप में फलियां और दाल का सेवन सेहत के लिए कई प्रकार के फायदेमंद हो सकता है। एनसीबीआई की वेबसाइट पर प्रकाशित एक शोध के अनुसार, इनमें फाइबर, प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, विटामिन-बी, आयरन, कॉपर, मैग्नीशियम, मैंगनीज, जिंक और फॉस्फोरस जैसे पोषक तत्व होते हैं। साथ ही इनका सेवन हृदय रोग, उच्च रक्तचाप, स्ट्रोक और टाइप 2 डायबिटीज जैसी समस्याओं को कम करने में फायदेमंद हो सकता है। फलियाें और दाल के कुछ सामान्य प्रकारों में किडनी बीन्स, ग्रेट नॉर्दर्न बीन्स, नेवी बीन्स, फावा बीन्स, क्रैनबेरी बीन्स, ब्लैक बीन्स, पिंटो बीन्स, सोयाबीन, ब्लैक-आइड मटर व छोले और दालें शामिल हैं (22)।

फाइबर की मात्रा: शोध में पाया गया है कि आधा कप फलियों में लगभग 7 से 9 ग्राम फाइबर की मात्रा हो सकती है (22)। यहां पर हम कुछ फलियों और दालों के साथ ही उनमें पाई जाने वाली फाइबर की मात्रा के बारे में बता रहे हैं (2)।

फलियां और दालमात्राफाइबर की मात्रा
दाल1 कप15.6 ग्राम
ब्लैक बीन्स1 कप15.0 ग्राम
लीमा बीन्स1 कप13.2 ग्राम
पके हुए बीन्स1 कप10.4 ग्राम
बादाम24 नट्स3.3 ग्राम
पिस्ता47 नट्स2.9 ग्राम
मूंगफली28 नट्स2.3 ग्राम
काजू18 नट्स0.9 ग्राम

फलियों और दाल को जानने के बाद अब नट्स और सीड्स का सेवन करने से होने वाले फायदों के बारे में बात करते हैं।

4. नट्स और सीड्स

फलियाें और दालों के जैसे ही नट्स और सीड्स का सेवन से भी कई प्रकार की बीमारियों से बचा जा सकता है। एनसीबीआई की वेबसाइट पर प्रकाशित एक शोध के अनुसार, नट्स में प्रोटीन, फाइबर, खनिज, टोकोफेरोल (विटामिन-ई का एक प्रकार), फाइटोस्टेरोल और फैनोलिक जैसे पोषक तत्व पाए जाते हैं। ये पोषक तत्व मधुमेह, हृदय रोग, पथरी, उच्च रक्तचाप, कोलेस्ट्रॉल और सूजन जैसी कई समस्याओं को दूर रखने में मदद कर सकते हैं। सबसे लोकप्रिय नट्स में बादाम, हेजलनट्स, अखरोट व पिस्ता शामिल हैं। इसके अलावा, पाइन नट्स, काजू, पेकान, मैकडामिया, मूंगफली और ब्राजील नट्स भी सेहत के लिए लाभकारी हैं (23)।

फाइबर की मात्रा: 100 ग्राम नट्स व सीड्स में 4 ग्राम से 11 ग्राम तक फाइबर की मात्रा हो सकती है। यहां हम अलग-अलग नट्स और बीजों में पाई जाने वाली फाइबर की मात्रा बता रहे हैं (23)।

नट्स और सीड्सफाइबर की मात्रा
(प्रति 100 ग्राम में)
बादाम8.8 ग्राम
ब्राजील नट (सूखे)8.5 ग्राम
काजू5.9 ग्राम
हेजलनट्स10.4 ग्राम
मैकडामिया नट्स6.0 ग्राम
मूंगफली8.5 ग्राम
पेकान8.4 ग्राम
पाइन नट्स (सूखे)3.7 ग्राम
पिस्ता9.0 ग्राम
अखरोट6.4 ग्राम

फाइबर युक्त खाद्य पदार्थ में अब हम ग्रेन, सीरियल्स, स्नैक्स और पास्ता के बारे में बता रहे हैं।

5. ग्रेन व सीरियल्स

अगर ग्रेन व सीरियल्स का सेवन भी सीमित मात्रा में किया जाए, तो इनसे कई प्रकार के स्वास्थ्य लाभ मिल सकते हैं। एनसीबीआई की वेबसाइट पर प्रकाशित एक शोध के अनुसार, इनमें प्रोटीन, फाइबर व आयरन जैसे पोषक तत्व अच्छी मात्रा में पाए जाते हैं। इसलिए, इनका सेवन करने से मोटापे के खतरे, टाइप 2 मधुमेह, हृदय रोग और कोलोरेक्टल कैंसर होने की आशंका को कम करने में मदद मिल सकती है (24)। नीचे हम विभिन्न प्रकार के ग्रेन व सीरियल्स में पाए जाने वाले फाइबर की मात्रा के बारे में बता रहे हैं (2)।

ग्रेन व सीरियल्समात्राफाइबर की मात्रा
दलिया1 कप4.0 ग्राम
रोटी1 स्लाइस1.9 ग्राम
ब्रेड (साबुत अनाज)1 स्लाइस1.9 ग्राम
ब्रेड (मिश्रित अनाज)1 स्लाइस1.7 ग्राम

फाइबर युक्त खाद्य पदार्थ की जानकारी के बाद यहां पर हम कुछ खास फाइबर सप्लीमेंट के बारे में बता रहे हैं।

क्या फाइबर सप्लीमेंट सेहत के लिए फायदेमंद हो सकते हैं?

एनसीबीआई की वेबसाइट पर प्रकाशित एक शोध के अनुसार, फाइबर के सप्लीमेंट्स स्वास्थ्य के लिए उतने लाभदायक नहीं हैं, जितने कि फाइबर युक्त आहार होते हैं। यूं तो बाजार में फाइबर के कई सप्लीमेंट्स मौजूद हैं, लेकिन इनमें से कुछ ही स्वास्थ्य के लिए अच्छे होते हैं (25)।

लेख के अंतिम भाग में हम फाइबर से होने वाले कुछ नुकसानों के बारे में बता रहे हैं।

शरीर में अधिक मात्रा में फाइबर होने के दुष्प्रभाव

फाइबर युक्त खाद्य पदार्थों के सेवन के लाभ इसके सही मात्रा में सेवन करने से ही मिल सकते हैं। इसका अधिक मात्रा में सेवन निम्न समस्याओं का कारण बन सकता है (26) (27)।

  • गैस।
  • सूजन।
  • पेट में ऐंठन।
  • डायरिया।
  • मल की निकासी में कठिनाई।
  • गुदा से खून बहना।
  • पेट फूलना या पेट दर्द

लेख के माध्यम से आप यह तो समझ ही गए होंगे कि फाइबर पाचन के साथ ही कई अन्य स्वास्थ्य लाभ के लिए कितना महत्वपूर्ण है। इसे आहार के माध्यम से लिया जाना सबसे फायदेमंद माना जाता है। यही वजह है कि डॉक्टर सप्लीमेंट्स की जगह खाद्य पदार्थों के माध्यम से ही फाइबर लेने की सलाह देते हैं। फाइबर न सिर्फ पेट को ठीक रखता है, बल्कि अन्य स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से भी बचाकर रखता है।

Was this article helpful?
thumbsupthumbsdown
The following two tabs change content below.

ताज़े आलेख