Written by , (शिक्षा- एमए इन मास कम्युनिकेशन)

आज के वक्त में दवाइयों से ज्यादा योग प्रचलित हो रहा है। भले ही किसी बीमारी से बचाव का यह सालों पुराना नुस्खा हो, लेकिन अभी भी कई लोग फिर से खुद को स्वस्थ बनाने के लिए योग को चुन रहे हैं। दर्द, रोग प्रतिरोधक क्षमता में सुधार या फिर चिंता की समस्या हो, योग हर मर्ज के इलाज के तौर पर इस्तेमाल किया जा रहा है। देखा जाए, तो मानसिक और शारीरिक रूप से स्वस्थ रहने के लिए योग आज लगभग हर किसी की जिंदगी का हिस्सा बन चुका है। इसी बात को ध्यान में रखते हुए हम स्टाइलक्रेज के इस लेख में घुटने के लिए योग कितना फायदेमंद हो सकता है, यह बताने जा रहे हैं। साथ ही यहां, आप जानेंगे कि घुटनों के दर्द के लिए योग में कौन-कौन से योगासन शामिल हैं। घुटनों के दर्द के लिए योग के बारे में जानने के लिए जुड़े रहिए हमारे साथ।

विस्तार से पढ़ें लेख

सबसे पहले जानते हैं कि घुटनों के दर्द के लिए योग कैसे असरदार हो सकता है।

घुटनों का दर्द कम करने में योग कैसे मदद करता है? – How Yoga Helps in Knee Pain in Hindi

अगर घुटनों के दर्द के लिए योग की बात की जाए, तो एनसीबीआई की वेबसाइट पर प्रकाशित एक स्टडी में योग को ऑस्टियोअर्थराइटिस (Osteoarthritis) में प्रभावी माना गया है। ऑस्टियोअर्थराइटिस गठिया के सबसे सामान्य प्रकारों में से एक है। यह शरीर के किसी भी जोड़ को प्रभावित कर सकता है, लेकिन इसमें घुटने सबसे ज्यादा प्रभावित होते हैं।

ऐसे में जोड़ों के दर्द के मरीजों को योग थेरेपी दी गई, जिसके बाद उनके दर्द में काफी सुधार पाया गया। इस थेरेपी में शारीरिक आसन (आसन), श्वास अभ्यास (प्राणायाम) व ध्यान शामिल थे। शोध में माना गया कि योग थेरेपी कार्टिलेज में प्रोटिओग्लाइकन (एक प्रकार का प्रोटीन) को बढ़ा सकता है, जिससे कार्टिलेज के नुकसान से बचाव हो सकता है। अगर आसान शब्दों में समझा जाए, तो यह मांसपेशियों की मजबूती के लिए मददगार हो सकता है। अगर दवाइयों के साथ योग को दिनचर्या में शामिल किया जाए, तो यह घुटनों के दर्द के लिए असरदार हो सकता है (1)।

जानिए योग का तरीका

अब जानते हैं कि कौन-कौन से योगासन घुटनों के दर्द के लिए उपयोगी हो सकते हैं।

घुटनों के दर्द के लिए योग – 7 Best Yoga for Knee Pain in Hindi

घुटनों के दर्द के लिए योग असरदार तो हो सकता है, लेकिन इसके लिए सही योग का चुनाव करना भी जरूरी है। गलत योग दर्द को बढ़ा भी सकता है। ऐसे में हम यहां कुछ योग बता रहे हैं, जो खासतौर से घुटने के दर्द के लिए हैं। इसके साथ ही यहां हम घुटने के लिए योग करने का सही तरीका भी बता रहे हैं। घुटने के लिए योग कुछ इस प्रकार हैं :

1. घुटने के लिए योग – वीरासन

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घुटनों के दर्द के लिए योग में शामिल यहां यहां पहला नाम ‘वीरासन’ का है। यह दो शब्दों को मिलकर बना है, ‘वीर’ यानी बहादुर और ‘आसन’ मतलब बैठना। यह संस्कृत भाषा का शब्द है और माना जाता है कि पहले के जमाने में योद्धा युद्ध के बाद इसी मुद्रा में बैठते थे, ताकि वो आराम भी कर सके और चौकन्ने भी रह सकें। इसे अंग्रेजी में ‘हीरो पोज’ कहा जाता है। किसी भी दर्द से लड़ने के लिए व्यक्ति को युद्ध के हीरो की तरह अंदर से मजबूत होना जरूरी है। ऐसे में माना जाता है कि यह योग शरीर और मन दोनों को शक्ति दे सकता है। आगे जानेंगे इसे करने का तरीका।

करने का तरीका :

  • सबसे पहले समतल जमीन पर योग मैट बिछा लें।
  • अब योग मैट पर आप घुटनों के बल बैठ जाएं।
  • अपने हाथों को सामान्य तरीके से अपने घुटनों पर रखें।
  • अब अपने दोनों घुटनों को करीब लाएं।
  • ऐसे करने से दोनों पैरों के बीच दूरी बन जाएगी।
  • ध्यान रहे, दूरी इतनी होनी चाहिए कि दोनों पैरों के बीच आराम से आपके नितम्ब (हिप्स) आ सके।
  • अब अपने दोनों टखनों को जांघों से बाहर की तरफ रखें।
  • फिर धीरे-धीरे अपने नितम्ब को जमीन पर रखने की कोशिश करें।
  • अगर पहली बार कोई यह योग मुद्रा कर रहा है, तो हिप्स के नीचे छोटा तकिया रख सकते हैं।
  • जब आप पूरी तरह वीरासन योग मुद्रा में आ जाए, तो इसी मुद्रा में कम से कम 30 सेकंड तक रहने की कोशिश करें।
  • फिर धीरे-धीरे सामान्य मुद्रा में आएं।
  • इस पूरी प्रक्रिया को अपनी सुविधा के अनुसार दो से तीन बार दोहराएं (2)।

2. घुटने के लिए योग – मलासन

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वीरासन की तरह ही ‘मलासन’ भी संस्कृत से लिया गया योग है। इस आसन में मल त्याग करने की मुद्रा में बैठने का प्रयास किया जाता है। इसे अंग्रेजी में ‘गारलैंड पोज’ कहा जाता है। यह हठयोग का भाग है (3)। एनसीबीआई की वेबसाइट पर प्रकाशित एक स्टडी के अनुसार, हठयोग को घुटनों के ऑस्टियोअर्थराइटिस (Knee Osteoarthritis) के लिए उपयोगी पाया गया है। हठयोग करने के बाद मरीजों में घुटनों के दर्द में काफी आराम देखा गया है (4)। वहीं, अगर मलासन की बात की जाए, तो माना जाता है कि ‘मलासन’ पैरों में रक्तसंचार को बेहतर बनाने के साथ-साथ पीठ और कमर के लिए भी उपयोगी हो सकता है।

करने का तरीका :

  • सबसे पहले किसी साफ और शांत जगह पर योग मैट बिछा लें।
  • अब उस पर सीधे खड़े हो जाएं।
  • फिर दोनों पैरों के बीच थोड़ी दूरी बनाएं।
  • उसके बाद दोनों हाथों को प्रार्थना की मुद्रा में ले आएं।
  • हाथों को प्रार्थना की मुद्रा में रखते हुए सीने के सामने लाएं।
  • ध्यान रहे इस दौरान आपके हाथ सीधे रहने चाहिए।
  • अब धीरे-धीरे नीचे बैठें, यह मुद्रा मलत्याग करने की स्थिति जैसी होती है।
  • इस स्थिति में आने के बाद सांस छोड़ते हुए आगे की ओर थोड़ा झुकें।
  • ध्यान रहे, इस अवस्था में आने के बाद दोनों कोहनियों को दोनों जांघों के बीच 90 डिग्री एंगल पर रखें।
  • अब थोड़ी देर इस अवस्था में रहकर सामान्य तरीके से सांस लेते रहें।
  • फिर धीरे-धीरे सामान्य अवस्था में आने के बाद सीधे खड़े हो जाएं।

3. घुटनों के दर्द के लिए योग – मकरासन

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‘मकरासन’ एक संस्कृत शब्द है, जिसे अंग्रेजी में ‘क्रोकोडाइल पोज’ कहा जाता है। यहां ‘मकर’ का मतलब ‘मगरमच्छ’ और ‘आसन’ का मतलब बैठने की मुद्रा से है। इस आसन में व्यक्ति नदी में मौजूद मगरमच्छ की तरह शांत मुद्रा में पेट के बल लेटता है। यह आसन खासकर कमर और श्वसन प्रणाली के लिए उपयोगी माना जाता है (5)। वहीं, यह मुद्रा पैर की मांसपेशियों और घुटनों को आराम देने के लिए भी उपयुक्त मानी जाती है। इसलिए, इसे भी घुटनों में दर्द के लिए अभ्यास में लाया जा सकता है। जो पहली बार यह योगासन कर रहा है, उसके लिए भी इसे करना आसान हो सकता है।

करने का तरीका :

  • सबसे पहले साफ-समतल जमीन पर योग मैट बिछा लें।
  • अब आराम से उस पर पेट के बल लेट जाएं।
  • पैरों को सीधा रखेंगे और दोनों पैरों के बीच समान दूरी रखें।
  • अब अपने सीने और सिर को हल्का ऊपर उठाएं।
  • फिर कोहनियों को जमीन पर टिका लें और हथेली को ऊपर की तरफ सीधा रखें।
  • फिर ठोड़ी को हथेली पर रखें।
  • अब आंखें बंद कर इस मुद्रा में सामान्य तरीके से सांस लें।
  • अपने मन से सारी चिंताओं को भूलकर आसन पर ध्यान केंद्रित करने की कोशिश करें।
  • इस आसन को आप रोज अपनी सुविधा के अनुसार कर सकते हैं।

4. घुटने के लिए योग – उत्थित पार्श्वकोणासन

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यह भी हठयोग का एक भाग है (6)। जैसे कि हमने पहले ही जानकारी दी है कि शोध में हठयोग को घुटनों के दर्द के लिए उपयोगी माना गया है (4)। अगर बात करें उत्थित पार्श्वकोणासन की, तो उत्थित यानी प्रसारित या फैला हुआ, पार्श्व यानी एक तरफ, कोण यानी कोना और आसन मतलब पोज। इसे अंग्रेजी में साइड एंगल पोज भी कहा जाता है। माना जाता है कि यह योग पीठ, कमर व पैर के साथ-साथ पेट के लिए भी उपयोगी हो सकता है। इसके नाम के उच्चारण के साथ-साथ इसे करना भी थोड़ा मुश्किल हो सकता है।

करने का तरीका :

  • सबसे पहले एक समतल जमीन पर योग मैट बिछा लें।
  • अब उस पर सीधे खड़े हो जाएं।
  • फिर दोनों पैरों को एक दूसरे से दूर फैला लें।
  • अब दाहिने पैर के पंजे को दाहिने तरफ ही बाहर की तरफ मोड़ें।
  • उसके बाद दाहिने पैर के घुटने को धीरे-धीरे मोड़ें और उसी मुद्रा में नीचे की ओर बैठें।
  • अब अपने दाएं हाथ को दाएं पैर के पास जमीन पर रखें और बाएं हाथ को ऊपर की ओर सीधा 90 डिग्री की एंगल में रखने की कोशिश करें।
  • फिर इसी मुद्रा में सामान्य तरीके से सांस लेते हुए बने रहें।
  • इसके बाद धीरे-धीरे पहले की सामान्य स्थिति में आ जाएं।
  • ठीक इसी तरह आप बाएं तरफ भी इस मुद्रा को करें।

5. घुटनों के दर्द के लिए योग – पर्श्वोत्तनासन

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पर्श्वोत्तनास को अंग्रेजी में पिरामिड पोज कहते हैं। घुटनों के दर्द के लिए व्यायाम या योग की बात की जाए, तो यह भी अन्य आसनों की तरह महत्वपूर्ण आसन है। इसे करने से पैर, टखनों, जांघ और घुटनों को मजबूती मिल सकती है (7)। ध्यान रहे कि यह आसान खाली पेट किया जाए, ऐसे में सुबह इस आसन को करने का सबसे बेहतर वक्त हो सकता है। यह आसन उत्थित पार्श्वकोणासन से मिलता-जुलता ही है।

करने का तरीका :

  • सबसे पहले साफ-समतल जमीन पर योग मैट या चादर बिछा लें।
  • अब उस पर सीधे खड़े हो जाएं।
  • फिर अपने दाहिने पैर को आगे की ओर बढ़ाकर 45 डिग्री की एंगल पर रखें।
  • वहीं, अपने दोनों हाथों को पीठ के पीछे की ओर प्रार्थना की मुद्रा में ले आएं।
  • अब बिना घुटनों को मोड़े हुए आगे की ओर झुकें।
  • अगर आप हाथ पीछे की ओर रखकर ऐसा नहीं कर पा रहे हैं, तो कोई बात नहीं है।
  • आप आगे की ओर झुकने के दौरान दोनों हाथों को नीचे जमीन से सटा सकते हैं।
  • बस ध्यान रहे कि इस दौरान आपके घुटने नहीं मुड़ने चाहिए।
  • अब थोड़ी देर इस मुद्रा में रहें और फिर धीरे-धीरे अपनी सामान्य मुद्रा में वापस आ जाएं।

6. घुटनों के दर्द के लिए योग – त्रिकोणासन

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यह भी हठयोग श्रेणी का आसन है और जैसे कि हमने बताया है कि हठयोग को घुटनों के दर्द के लिए उपयोगी पाया गया है (4)। त्रिकोणासन भी संस्कृत से लिया गया शब्द है, जिसे दो शब्दों को मिलाकर बनाया गया है। ‘त्रिकोण’ मतलब तीन कोनों वाला और आसन मतलब ‘बैठने की मुद्रा’। इसका मतलब है, तीन कोनों वाला आसन। यह घुटनों को मजबूत और स्थिर करने में और असुतंलन की समस्या से राहत दिलाने में सहायक हो सकता है। साथ ही यह योग पैरों की अकड़न को भी दूर करने में मददगार साबित हो सकता है (8)। आगे पढ़ें त्रिकोणासन करने का तरीका

करने का तरीका :

  • सबसे पहले ऊपर बताए गए योगासनों की तरह ही योग मैट का उपयोग करें।
  • अब ताड़ासन की मुद्रा में यानी मैट पर सीधे खड़े हो जाएं।
  • फिर अपने दोनों पैरों के बीच करीब दो फिट की दूरी बना लें।
  • अब लंबी गहरी सांस लें और फिर सांस को धीरे-धीरे छोड़ते हुए शरीर को दाईं ओर झुकाएं। साथ ही दाएं हाथ को पंजे के पास जमीन पर सटाएं।
  • ध्यान रहे इस दौरान आपके घुटने मुड़े नहीं, बल्कि सीधे रहे।
  • वहीं, बाएं हाथ को ऊपर की तरफ कान से सीधे सटाएं और नजरें बाएं हाथ की उंगलियों पर टिकाएं।
  • अब इस मुद्रा में कुछ सेकंड तक रहने का प्रयास करें।
  • फिर धीरे-धीरे सामान्य अवस्था में आ जाएं।
  • अब यही प्रक्रिया दूसरी तरफ से भी दोहराएं।

7. घुटनों के दर्द के लिए योग – गरुड़ासन

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घुटने के दर्द के लिए सबसे अच्छे योग में से एक है ‘गरुड़ासन’। यह आसन गरुड़ पक्षी के नाम पर रखा गया है, जिसे भगवान विष्णु का वाहन माना जाता है। कहा जाता है कि जब कोई व्यक्ति इस आसन को करता है, तो वो गरुड़ पक्षी की तरह दिखने लगता है। इसे अंग्रजी में ईगल पोज कहा जाता है। यह पैरों और जांघ को मजबूती प्रदान कर सकता है और दर्द से आराम दे सकता है। घुटनों में किसी प्रकार का दर्द, गठिया या किसी अन्य तरह के जोड़ों के दर्द के लिए यह योग सहायक हो सकता है (9)। इतना ही नहीं मोटापा कम करने के लिए आसन में भी इसका नाम शामिल है। आगे जानते हैं इस आसन को करने की विधि के बारे में।

गरुड़ासन करने का तरीका :

  • सबसे पहले एक साफ-समतल जमीन पर मैट बिछा लें।
  • अब उस पर सीधे खड़े हो जाएं।
  • फिर दाएं घुटने को थोड़ा मोड़ें और बाएं पैर पर खड़े होने का प्रयास करें।
  • अब दाएं पैर को बाएं पैर के सामने से घुमाते हुए पीछे की ओर ले जाएं।
  • इस अवस्था में दाईं जांघ आपकी बाईं जांघ होनी चाहिए।
  • अब इस मुद्रा में रहते हुए अपने दोनों हाथों को आगे की ओर ले आएं।
  • फिर अपने दोनों बाजुओं को कोहनी से मोड़ते हुए क्रॉस करें।
  • ध्यान रहे, हाथों को क्रॉस मुद्रा में लाने के दौरान दाएं बाजू को बाएं बाजू पर रखें।
  • फिर इसी मुद्रा में रहते हुए दोनों हाथों को प्रणाम की मुद्रा में लाने की कोशिश करें।
  • अब जितनी देर हो सके इस पोज में रहें और फिर कुछ सेकंड बाद धीरे-धीरे अपनी प्रारंभिक सामान्य मुद्रा में आ जाएं।
  • अपनी सुविधा के अनुसार इस आसन को रोज करें।

बने रहें हमारे साथ

तो ये थे घुटने के लिए योग की छोटी-सी सूची।

घुटनों के दर्द के लिए योग करते वक्त बरती जाने वाली सावधानियां

घुटने के लिए योग के बाद अब बारी आती है, इनसे जुड़ी कुछ सावधानियों के बारे में चर्चा करने की। हो सकता है कि कुछ लोगों को घुटने के लिए योग करते वक्त मुश्किलों का सामना करना पड़े। खासतौर से ऐसे लोग, जो पहली बार योग कर रहे हों। ऐसे में घुटने के लिए योग करते वक्त कुछ सावधानियों पर गौर करना भी जरूरी है। तो घुटने के लिए योग से जुड़ी सावधानियां कुछ इस प्रकार हैं :

  • हमेशा योग साफ और समतल जमीन पर ही करें।
  • ध्यान रहे आस-पास कीड़े-मकोड़े न हो।
  • शोर से दूर योग की जगह का चुनाव करें।
  • कोशिश करें कि योग खाली पेट ही करें।
  • योग का सबसे उत्तम समय सुबह हो सकता है, क्योंकि इस समय व्यक्ति का मन शांत और शरीर रिलैक्स होता है।
  • गर्भवती इन योगासनों को करने से पहले डॉक्टरी सलाह लें।
  • अगर किसी को कमर या पीठ में तेज दर्द, स्लिप डिस्क या अन्य स्वास्थ्य संबंधी परेशानी हो, तो योग न करें। हो सके तो डॉक्टरी सलाह पर ही योग या अन्य व्यायाम करें।
  • योग करने से पहले अपने शरीर को अच्छे से स्ट्रेच करें और मन को शांत करें।
  • किसी भी योग को करते वक्त अपने शरीर से जोर जबरदस्ती या शरीर पर दबाव न दें।
  • जितना हो सके उतना ही योग करें, शरीर पर जोर न दें।
  • योग के दौरान शरीर को सहारा देने वाली वस्तुओं जैसे – तकिया या कंबल का उपयोग कर सकते हैं (2)।
  • पहली बार योग करने वाले लोग विशेषज्ञों की देखरेख में ही योग करें।
  • शरीर में अगर थोड़ी भी असुविधा महसूस हो, तो योग न करें।
  • अगर योग करने के बाद दर्द तेज महसूस हो, तो तुरंत डॉक्टरी सलाह लें।

ये थे घुटनों के दर्द के लिए योग। यहां हमने आपकी सुविधा के लिए हर योग को करने की विधि भी बताई है। तो यहां बताए गए तरीकों से इनमें से आसान योग का चुनाव कर घर में आजमा सकते हैं। हां, अगर किसी की समस्या गंभीर है या कोई व्यक्ति पहली बार योग कर रहा है, तो घुटनों के दर्द के लिए योग करने से पहले डॉक्टरी सलाह लें। साथ ही घुटनों के दर्द के लिए योग के साथ-साथ डॉक्टर द्वारा दी गई दवाइयों का भी सेवन नियमित करते रहें। हमने लेख के शुरूआत में ही जानकारी दी थी कि सिर्फ योग ही नहीं, बल्कि सही उपचार भी घुटनों के दर्द के लिए जरूरी है। इन सभी बातों को ध्यान में रखते हुए अपनी दिनचर्या में घुटनों के दर्द के लिए योग को शामिल करें।

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

क्या योग घुटने के दर्द का स्थायी समाधान है?

जरूरी नहीं है। यह घुटने के दर्द की तीव्रता और दर्द कितना पुराना है इस पर निर्भर करता है। योग घुटने के दर्द के लिए उपयोगी हो सकता है, लेकिन इसके साथ सही चिकित्सा भी जरूरी है (1)। हां, अगर दर्द के शुरूआत में ही योग किया जाए, तो हो सकता है दर्द ठीक हो जाए।

योग के दौरान मेरे घुटनों में दर्द क्यों होता है?

योग के दौरान घुटनों में दर्द होने के कारण कई सारे हो सकते हैं, जैसे –
गलत तरीके से योग करना।
घुटनों में किसी प्रकार की अंदरूनी चोट।
योग करते वक्त पैर को बहुत ज्यादा खींचना या घुटनों पर जोर डालना।

घुटने के दर्द के लिए कौन सा योग सबसे अच्छा है?

यहां लेख में दिए गए सभी योगासन घुटनों के लिए उपयोगी हो सकते हैं।

कौन से योगासन घुटनों के दर्द में नहीं करने चाहिए?

कपोतासन यानी पिजन पोज और पद्मासन यानी लोटस पोज करने से बचें, क्योंकि इन्हें करने से घुटनों में चोट लग सकती है (2)। इसके अलावा, ऐसे योग न करें, जिससे संतुलन बिगड़ने या गिरने का डर हो।

क्या कपोतासन योग यानी पिजन पोज घुटनों के लिए हानिकारक हो सकता है?

हां, इसे करते वक्त घुटनों में चोट लग सकती है, इसलिए घुटने के लिए योग में इसे शामिल न करें (2)।

Sources

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