
जरूरत से ज्यादा ग्रीन टी पीने के नुकसान – Green Tea Side Effects in Hindi
भारत में ग्रीन टी पीने का चलन काफी तेजी से बढ़ रहा है। अधिकतर लोग ग्रीन टी को स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद मानते हैं, जो कि काफी हद तक सच भी है। वहीं, इन फायदों के चक्कर में कई लोग इसका जरूरत से ज्यादा सेवन करने लगते हैं, जो स्वास्थ्य के लिए सही नहीं है। ग्रीन टी का अधिक मात्रा में सेवन ग्रीन टी के नुकसान को बुलावा दे सकता है। इसी बात को ध्यान में रखते हुए स्टाइलक्रेज के इस लेख का विषय ग्रीन टी पीने के नुकसान को चुना गया है। ग्रीन टी साइड इफेक्ट्स बताने से हमारा उद्देश्य इसके उपयोग संबंधी जागरूकता को बढ़ाना है। ग्रीन टी के नुकसान जानने के लिए पढ़ते रहें यह लेख।
ग्रीन टी के नुकसान से पहले जान लेते हैं कि ग्रीन टी क्या होती है?
विषय सूची
ग्रीन टी क्या होता है?
ग्रीन टी एक खास प्रकार की चाय है, जो कैमेलिया साइनेन्सिस (Camellia Sinensis) नामक पौधे की पत्तियों से बनाई जाती है। भारत के साथ-साथ चीन, जापान और थाईलैंड में इस चाय का चलन काफी ज्यादा है। इसमें काली और ओलोंग चाय के मुकाबले ज्यादा कैटेचिन पाया जाता है, जो एक प्रकार का एंटीऑक्सीडेंट होता है। इस चाय में मौजूद विटामिन और मिनरल इसकी एंटीऑक्सीडेंट क्षमता को बढ़ाने का काम करते हैं। स्वास्थ्य के लिए ग्रीन टी के फायदे कई हैं। इसमें एंटी-कैंसर, एंटी-एजिंग और एंटी-डायबिटीक जैसे गुण भी मौजूद होते हैं (1)। वहीं, इसका अधिक मात्रा में किया गया सेवन स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है और नीचे बताई जा रहीं समस्याओं की वजह बन सकता है।
लेख के इस भाग में पढ़ें ग्रीन टी साइड इफेक्ट्स।
ग्रीन टी पीने के नुकसान – Side Effects of Green Tea in Hindi
- अत्यधिक कैफीन – ग्रीन टी स्वास्थ्य के लिए लाभकारी हो सकती है, लेकिन यह नहीं भूलना चाहिए कि ग्रीन टी में कैफीन मौजूद होता है। प्रति 100 ग्राम ग्रीन टी में 12 मिलीग्राम कैफीन होता है (2)। कैफीन एक कड़वा तत्व होता है, जो प्राकृतिक तरीके से चाय के साथ कई अन्य खाद्य पदार्थों में पाया जाता है (3)। कैफीन का अत्यधिक सेवन स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव डाल सकता है। कैफीन की अधिक मात्रा चक्कर आना, अनिद्रा, निर्जलीकरण, मतली, उल्टी और बेचैनी जैसी समस्याओं का कारण बन सकती है (4)।
- आयरन की कमी – डब्ल्यूएचओ (WHO) के अनुसार एनीमिया दुनिया भर में 1.62 बिलियन लोगों को प्रभावित करता है (5)। आयरन की कमी एनीमिया के मुख्य कारणों में से एक है और ग्रीन का अधिक सेवन शरीर में आयरन की कमी का कारण बन सकता है। दरअसल, एनसीबीआई (The National Center for Biotechnology Information) की वेबसाइट पर प्रकाशित इससे संबंधित एक शोध में यह बात सामने आई है। शोध में कहा गया है कि चाय का अधिक सेवन शरीर में आयरन के अवशोषण को बाधित कर सकता है, जिससे आयरन की कमी हो सकती है और एनीमिया का जोखिम बढ़ सकता है (6) (7)।
- मांसपेशियों की कमजोरी का कारण – ग्रीन टी पीने के नुकसान में मांसपेशियों की कमजोरी भी शामिल है। इस बात की जानकारी एनसीबीआई की वेबसाइट पर उपलब्ध एक केस स्टडी से मिलती है, जिसमें एक 49 वर्षीय व्यक्ति को कुछ दिनों से मांसपेशियों की कमजोरी की शिकायत थी। रक्त की जांच के दौरान व्यक्ति में हाइपोकैलीमिया (खून में पोटेशियम की कमी) की पुष्टि की गई, जिसकी वजह से मांसपेशियों में दर्द हो रहा था। हालांकि, डॉक्टर द्वारा पोटेशियम के सप्लीमेंट से जल्द ही उसकी स्थिति में सुधार देखा गया।
मेडिकल जांच के दौरान जब उसके खान-पान संबंधी जानकारी हासिल की गई, तो पता चला कि मांसपेशियों में कमजोरी होने से दो हफ्ते पहले वो ग्रीन टी के अर्क से बने पेय पदार्थों का अधिक मात्रा में सेवन कर रहा था। केस स्टडी से पता चला कि ग्रीन टी में मौजूद कैफीन के अत्यधिक सेवन से हाइपोकैलीमिया का जोखिम बढ़ सकता है (8)। ऐसे में हमारी यही राय है कि ग्रीन टी का सेवन संतुलित मात्रा में करें।
- कमजोर हड्डियां – हड्डियों का कमजोर होना भी ग्रीन टी साइड इफेक्ट्स में से एक हो सकता है। जैसा कि हमने ऊपर जानकारी दी है कि ग्रीन टी में कैफीन मौजूद होता है। ऐसे में ग्रीन टी के अत्यधिक सेवन का असर हड्डियों पर भी हो सकता है। दरअसल, कैफीन के स्वास्थ्य प्रभावों पर किए गए अध्ययन के अनुसार, कैफीन के अधिक सेवन से शरीर में कैल्शियम का अवशोषण बाधित हो सकता है। जिसके प्रभाव से हड्डियां पतली हो सकती हैं और परिणामस्वरूप ऑस्टियोपोरोसिस (Osteoporosis) जैसी हड्डी की बीमारी हो सकती है (9)।
इतना ही नहीं, इससे संबंधित एक अन्य शोध में पोस्टमेनॉपॉजल महिलाओं में कैफीन के अत्यधिक सेवन से रीढ़ की हड्डी में कमजोरी के लक्षण देखे गए हैं। ऐसे में हम यही सलाह देंगे कि हड्डियों की समस्या से बचाव के लिए ग्रीन टी का सेवन संतुलित तरीके से ही करें (10)।
- लिवर संबंधी समस्या – एक अध्ययन के अनुसार, कुछ मामलों में ग्रीन टी, लिवर डैमेज का कारण बन सकती है। इससे पीछे इसमें मौजूद ईजीसीजी (EGCG – एक प्रकार कैटेचिन) हो सकता है, जो हेपटोटोक्सिसिटी (लिवर के लिए विषाक्त) प्रभाव प्रदर्शित कर सकता है। फिलहाल, इस विषय पर अभी और शोध की आवश्यकता है (11)।
- गर्ड – गर्ड (GERD – Gastroesophageal Reflux Disease) एक ऐसी स्थिति है जिसमें पेट में मौजूद तत्व भोजन की नली में आ जाते हैं। यह एक प्रकार की पाचन संबंधी समस्या है, जिसमें सीने में जलन की समस्या भी हो सकती है (12)। अगर बात करें ग्रीन टी के नुकसान की तो जापान के वैज्ञानिकों ने पाया कि ग्रीन टी के अत्यधिक सेवन और सुस्त जीवनशैली के कारण जीईआरडी का जोखिम बढ़ सकता है (13)। वहीं, एशियाई आबादी पर किए गए एक अन्य अध्ययन में पाया गया कि चाय में मौजूद थियोफिलाइन नामक एक घटक घातक एसिड रिफ्लक्स का कारण हो सकता है (14)।
- डिहाइड्रेशन – ग्रीन टी साइड इफेक्ट्स में डिहाइड्रेशन भी शामिल है। दरअसल, यह प्राकृतिक ड्यूरेटिक (Diuretic, मूत्रवर्धक) की तरह काम कर सकती है। अगर जरूरत से ज्यादा ग्रीन टी का सेवन किया गया तो बार-बार पेशाब लगने की समस्या हो सकती है, जिससे डिहाइड्रेशन हो सकता है (15)। ऐसे में बेहतर है कि ग्रीन टी का सेवन संतुलित मात्रा में किया जाए।
- पेट की समस्या – ग्रीन टी पीने से पेट की समस्या भी हो सकती है। दरअसल, ग्रीन टी में मौजूद कैफीन इसका कारण हो सकता है। कैफीन का जरूरत से ज्यादा सेवन पेट खराब या पेट की अन्य समस्या का कारण हो सकता है (3)। एक दिन में अगर पांच कप से ज्यादा ग्रीन टी का सेवन किया जाए तो पेट में दर्द या पेट खराब जैसी समस्या हो सकती है (15) (16)। अगर किसी को पहले से ही पेट संबंधी परेशानी है तो वो इसका सेवन डॉक्टर की सलाह के बाद ही करें।
- चक्कर आना और उल्टी – ग्रीन टी के नुकसान में चक्कर आने की समस्या और उल्टी भी शामिल है। इसका भी कारण ग्रीन टी में मौजूद कैफीन को माना जा सकता है। दरअसल, अत्यधिक कैफीन के सेवन से तंत्रिका तंत्र पर गलत प्रभाव पड़ सकता है, जिस कारण चक्कर आना, बेचैनी, भ्रम और अनिद्रा जैसी समस्या हो सकती है। इसके साथ यह मतली या उल्टी जैसी परेशानी का कारण भी बन सकता है (15)।
- गर्भावस्था में हानिकारक – गर्भावस्था के दौरान कैफीन युक्त पेय पदार्थों के सेवन से पहले डॉक्टरी सलाह आवश्यक है। कैफीन गर्भवती के खून में मिलकर प्लेसेंटा में जा सकता है, जिसका गलत प्रभाव भ्रूण पर पड़ सकता है। अधिक कैफीन का सेवन भ्रूण के विकास में बाधा बन सकता है (9)। गर्भावस्था के दौरान 300 मिलीग्राम से अधिक कैफीन का सेवन न सिर्फ गर्भवती में हाई ब्लड प्रेशर का खतरा पैदा कर सकता है बल्कि गर्भावस्था की अवधि को भी बढ़ा सकता है (17)। फिलहाल, इसमें अभी और शोध की आवश्यकता है।
आगे जानते हैं कि ग्रीन टी पीने के नुकसान से बचने के लिए एक दिन में कितनी मात्रा में ग्रीन टी का सेवन किया जाना चाहिए।
एक दिन में कितनी मात्रा में ग्रीन टी का सेवन करना चाहिए?
एक दिन में तीन कप तक ग्रीन टी का सेवन किया जा सकता है। एक कप (लगभग 236 ml) गर्म पानी में एक चम्मच ग्रीन टी का इस्तेमाल किया जा सकता है (18)। वहीं, गर्भवती महिला एक से दो छोटे कप कैफीन युक्त पेय पदार्थों के सेवन कर सकती हैं। गर्भवती महिला ध्यान रखें कि वे प्रतिदिन 200mg से ज्यादा कैफीन का सेवन न करें (15)। इसके अलावा, ग्रीन टी में ईजीसीजी (EGCG- एक प्रकार कैटेचिन) भी मौजूद होता है। एनसीबीआई की वेबसाइट पर इससे संबंधित एक शोध में पता चला है कि एक दिन में 338 मिलीग्राम तक का ईजीसीजी का सेवन सुरक्षित हो सकता है (19)।
हालांकि, इस विषय में हमारी राय यह भी है कि भले ही वैज्ञानिक प्रमाण मौजूद है, लेकिन ग्रीन टी के सेवन से पहले एक बार व्यक्ति डॉक्टर की सलाह भी जरूर लें। हर व्यक्ति की सेहत और शरीर की जरूरत एक जैसी नहीं होती है, ऐसे में डॉक्टरी परामर्श लेना भी जरूरी है।
आगे जानते हैं किन लोगों को ग्रीन टी का सेवन नहीं करना चाहिए।
किन लोगों को ग्रीन टी नहीं पीनी चाहिए?
निम्नलिखित समस्याओं से जूझ रहे व्यक्तियों को ग्रीन टी का सेवन नहीं करना चाहिए (20) (21) (6) (22)।
- जिन लोगों को एनीमिया (खून की कमी की समस्या) है, वो ग्रीन टी का सेवन न करें। जैसा कि हमने ऊपर बताया है कि ग्रीन टी शरीर में आयरन के अवशोषण में बाधा डालने का काम कर सकती है।
- हाइपोकैलीमिया (शरीर में पोटेशियम की कमी) से पीड़ित व्यक्तियों को ग्रीन टी का सेवन नहीं करना चाहिए। एनसीबीआई की वेबसाइट पर मौजूद एक केस स्टडी के अनुसार ग्रीन टी हाइपोकैलीमिया का कारण बन सकती है और ऐसे में इसका सेवन समस्या को और भी जटिल बना सकता है।
- अगर कोई व्यक्ति वार्फरिन (Warfarin – रक्त के थक्के को रोकने की दवा) का सेवन कर रहा है तो वो ग्रीन टी के सेवन से बचे। ग्रीन टी में विटामिन-के मौजूद होता है, जो दवा के कार्य पर गलत प्रभाव डाल सकता है।
- हृदय रोग के मरीजों को ग्रीन का सेवन न करने की सलाह दी जाती है।
अति सर्वत्र वर्जयेत्, मतलब किसी भी चीज की अति नुकसानदायक होती है। इसी बात को ध्यान में रखते हुए हमने ग्रीन टी पीने के नुकसान के बारे में जानकारी दी है। इस लेख से हमारा उद्देश्य लोगों के मध्य ग्रीन टी के नुकसान के प्रति जागरूकता बढ़ाना है। ऐसे में ग्रीन टी का सेवन करने से पहले लेख में बताई गई सावधानियों पर गौर जरूर करें। ग्रीन टी के नुकसान से बचने के लिए इसका संतुलित मात्रा में सेवन करें और बताई गई परिस्थितियों में इससे परहेज करें। उम्मीद है कि यह लेख आपके लिए लाभकारी सिद्ध होगा। ग्रीन टी साइड इफेक्ट्स से संबंधित अन्य जानकारी के लिए नीचे दिए गए कमेंट बॉक्स की मदद जरूर लें।

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