Medically Reviewed By Neha Srivastava, PG Diploma In Dietetics & Hospital Food Services
Written by , (शिक्षा- एमए इन जर्नलिज्म मीडिया कम्युनिकेशन)

गुलकंद का नाम सुनते ही आपके दिमाग में किसी खुशबूदार और मीठे खाद्य पदार्थ का चित्र उभरने लगता होगा। ऐसा होना लाजमी भी है। गुलाब की पंखुड़ियों से बना गुलकंद देखने और खाने में जितना अच्छा लगता है, उतनी ही प्यारी इसकी खुशबू होती है। गुलकंद एक मुरब्बे की तरह दिखता है। इसका प्रयोग खाने में कई प्रकार से किया जाता है। गुलकंद के फायदे स्वास्थ्य समस्या में भी मदद कर सकते हैं। स्टाइलक्रेज के इस लेख में हम आपको गुलकंद का उपयोग और गुलकंद के नुकसान के बारे में जानकारी दे रहे हैं। जानिए शरीर की विभिन्न परेशानियों के लिए गुलकंद किस प्रकार लाभ पहुंचा सकता है।

आइए, अब सबसे पहले जानते हैं कि गुलकंद है क्या?

गुलकंद क्या है? – What is Gulkand in Hindi

गुलकंद को गुलाब से बनी पंखुड़ियों का मुरब्बा भी कहा जाता है। इसे गुलाब के फूल की ताजी पंखुड़ियों से तैयार करते हैं। इसको बनाते समय स्वाद के लिए इसमें चीनी का इस्तेमाल भी किया जाता है। इसका सेवन ज्यादातर गर्मियों में करते हैं, जिससे शरीर को ठंडक पहुंचाई जा सके। इसके मीठे स्वाद और अच्छी सुगंध की वजह से इसे कई स्वादिष्ट खाद्य पदार्थों में भी इस्तेमाल किया जाता है।

गुलकंद क्या है यह तो आप जान गए। आइए, अब जानते हैं कि गुलकंद के फायदे क्या-क्या हैं।

गुलकंद के फायदे – Benefits of Gulkand in Hindi

गुलकंद के विभिन्न स्वास्थ्य फायदों को नीचे क्रमवार तरीके से बताया गया है। कृपया नीचे बताई जा रही जानकारी को ध्यान से पढ़िए।

1. वजन घटाने के लिए

गुलकंद के औषधीय गुण को देखते हुए वजन घटाने के लिए गुलकंद का सेवन किया जा सकता है। गुलकंद को तैयार करने के लिए गुलाब की पत्तियों का उपयोग किया जाता है, जिनमें फैट नहीं होता (1)। इसलिए, लो-फैट वाले खाद्य पदार्थों का सेवन वजन घटाने के लिए उपयोग किया जा सकता है (2)। हालांकि, वजन घटाने के लिए गुलकंद कितना कारगर हो सकता है, इस पर और शोध की आवश्यकता है।

2. मुंह के छालों के लिए

मुंह के छालों से आप कभी न कभी जरूर परेशान हुए होंगे। इस समस्या में भी गुलकंद के फायदे देखे जा सकते हैं। गुलकंद में विटामिन-बी समूह की मात्रा पाई जाती है (1)। एक वैज्ञानिक शोध के अनुसार, विटामिन बी कॉम्प्लेक्स की कमी से मुंह में छाले हो सकते हैं। इसे ठीक करने के लिए विटामिन-बी की पूर्ति फायदेमंद साबित हो सकती है (3)। विटामिन बी कॉम्प्लेक्स की कमी के अलावा अन्य स्थितियों में गुलकुंद किस प्रकार छालों के लिए कारगर हो सकता है, इस पर अभी और शोध की आवश्यकता है।

[ पढ़े: मुंह में छाले होने के कारण, लक्षण और उपचार ]

3. आंखों के लिए

आंखों के लिए भी गुलकंद के फायदे देखे जा सकते हैं। दरअसल, गुलकंद की तासीर ठंडी होती है। विशेषज्ञों के द्वारा जारी की गई एक शोध रिपोर्ट में बताया गया है कि गुलकंद का सेवन करने से आंखों में होने वाली सूजन और आंखों के लाल होने की समस्या का इलाज किया जा सकता है (4)।

4. पेट की गैस के लिए

गैस जैसी समस्या को ठीक करने में भी गुलकंद के फायदे देखे जा सकते हैं। जैसा कि हमने आपको बताया कि गुलकंद को गुलाब की पत्तियों से बनाया जाता है, जो बहुत ही गुणकारी मानी जाती हैं। माना जाता है कि गुलाब (Rosa Damascena) का इस्तेमाल पाचन तंत्र को सुधारने और कब्ज जैसी समस्या को ठीक करने के लिए किया जा सकता है, जिसका फायदा पेट की गैस से निजात पाने में भी देखा जा सकता है, क्योंकि गैस की समस्या का एक मुख्य कारण अपच (Indigestion) भी है। हालांकि, गुलाब के बाकी प्रकार इस समस्या को ठीक करने में कितने कारगर होंगे, इस पर और शोध की आवश्यकता है (5)।

5. थकान और मानसिक तनाव में लाभदायक

गुलकंद के फायदे थकान और तनाव को कम करने में भी फायदेमंद हो सकते हैं। दरअसल, गुलकंद एक प्रभावी एंटीऑक्सीडेंट और शरीर को ऊर्जावान बनाने के रूप में कार्य करता है। यह तंत्रिका तंत्र को शांत रहने में मदद करता है और तनाव दूर करता है। इसके अलावा, गुलकंद का ठंडा प्रभाव थकान दूर करने में भी मददगार साबित हो सकता है (4)।

6. हृदय स्वास्थ्य के लिए

हृदय स्वास्थ्य के लिए भी गुलकंद के फायदे देखे जा सकते हैं। गुलाब की पत्तियों से बने गुलकंद में मैग्नीशियम पाया जाता है (1)। मैग्नीशियम ब्लड प्रेशर और ब्लड ग्लूकोज के स्तर को कंट्रोल करने के लिए सक्रिय रूप से कार्य कर सकता है। साथ ही यह हृदय को सुचारू रूप से कार्य करने में मदद कर सकता है, जिससे हमारे हृदय को स्वस्थ बनाए रखने में मदद मिल सकती है (6)।

7. कब्ज

अगर आप कब्ज की समस्या से निजात पाना चाहते हैं, तो गुलकंद का सेवन इसके उपचार में आपकी मदद कर सकता है। जैसा कि ऊपर बताया गया है गुलाब की पत्तियों से बने गुलकंद में मैग्नीशियम पाया जाता है (1)। एक वैज्ञानिक अध्ययन के अनुसार, मैग्नीशियम का सेवन करके कब्ज की समस्या को दूर किया जा सकता है, क्योंकि यह लैक्सेटिव प्रभाव को प्रदर्शित करता है (7)।

8. याददाश्त के लिए

याददाश्त बढ़ाने के लिए भी गुलकंद का इस्तेमाल फायदेमंद साबित हो सकता है। दरअसल, गुलकंद में एंटी-ऑक्सीडेंट गुण पाए जाते हैं (4)। एक वैज्ञानिक रिपोर्ट के आधार पर यह बताया गया है कि एंटी-ऑक्सीडेंट गुण सीखने और याददाश्त क्षमता को बेहतर बनाए रखने के लिए सकारात्मक असर दिखा सकता है (8)।

9. त्वचा

ऐसा माना जाता है कि गुलकंद का सेवन त्वचा संबंधी कई समस्याओं जैसे मुंहासों और व्हाइटहेड्स से छुटकारा दिलाने में मदद कर सकता है। हालांकि, इस तथ्य की पुष्टि के लिए ठोस प्रमाण उपलब्ध नहीं है। इसलिए, त्वचा के लिए गुलकंद का इस्तेमाल करने से पहले एक बार त्वचा विशेषज्ञ से परामर्श जरूर कर लें।

लेख के इस भाग में आपको गुलकंद खाने के तरीके के बारे में बताया जा रहा है।

गुलकंद खाने का तरीका – How To Eat Gulkand in Hindi

गुलकंद को निम्न प्रकार से खाने में इस्तेमाल किया जा सकता है।

  • गुलकंद को ब्रेड के साथ खाने में इस्तेमाल किया जाता है।
  • गुलकंद को दूध के साथ उबालकर पीने में इस्तेमाल किया जा सकता है।
  • गुलकंद को सीधे तौर पर भी खाया जा सकता है।
  • गर्मियों में गुलकंद को पानी के साथ इस्तेमाल किया जा सकता है।
  • गुलकंद को लड्डू के रूप में भी खाया जा सकता है।

कब खाएं : इसे सुबह और शाम के नाश्ते में खाया जा सकता है। अगर आप कब्ज की समस्या से पीड़ित हैं, तो रात को सोने से पहले इसका सेवन कर सकते हैं।

कितना खाएं : दिनभर में एक से दो बार, 1-2 चम्मच गुलकंद को खाया जा सकता है।

आइए, अब जानते हैं कि गुलकंद को घर में किस तरह से बनाया जा सकता है।

गुलकंद बनाने की विधि – How To Make Gulkand in Hindi

आप गुलकंद को बड़ी आसानी से घर में बना सकते हैं। इसके लिए नीचे बताई जा रही विधि को ध्यान से पढ़िए।

सामग्री :
  • 250 ग्राम गुलाब की पंखुड़ियां
  • पिसी हुई मिश्री लगभग 250 ग्राम
  • एक छोटा चम्मच पीसी हुई इलायची
  • आधा चम्मच पीसी हुई सौंफ
बनाने की विधि :
  • सबसे पहले गुलाब की पंखुड़ियों को एक कपड़े पर फैला कर अच्छी तरह धो लें।
  • पानी सूख जाने पर पंखुड़ियों को चौडें आकार वाले बर्तन में रखें।
  • अब इस बर्तन में रखी गई गुलाब की पंखुड़ियों पर मिश्री डालकर हाथों से अच्छी तरह स्मैश कर लें।
  • अब इसमें ऊपर से पीसी हुई इलायची और पीसी हुई सौंफ मिलाकर कांच के एक बर्तन में बंद कर दें।
  • इसे आठ से दस दिनों तक धूप में रखें और बीच-बीच में इसे हिलाते रहें।
  • मिश्री से रस निकल जाने के बाद, गुलाब की पंखुड़ियां इसमें पिघल जाएंगी।
  • अब आपका गुलकंद लगभग तैयार हो चुका है। इसे आप खाने के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं।गुलकंद के जितने फायदे हैं, तो वहीं उसके कुछ संभावित नुकसान भी हैं, जिसके बारे में आपको नीचे बता रहे हैं।

चलिए, अब जानते हैं गुलकंद के साइड इफेक्ट्स के बारे में।

गुलकंद के नुकसान – Side Effects of Gulkand in Hindi

गुलकंद को बनाने में किसी प्रकार के रसायन का इस्तेमाल नहीं किया जाता है। इसलिए, इसके नुकसान न के बराबर हैं। हां, गुलकंद को तैयार करने में शुगर का इस्तेमाल किया जाता है (4)।

अभी आपने पढ़ा कि कैसे घरों में साधारण रूप से लगाए जाने वाले फूलों में से एक गुलाब आपके लिए गुलकंद के रूप में कितना फायदेमंद हो सकता है। हालांकि, इसके सेवन से जुड़ी हुई कुछ सावधानियों का भी खास ख्याल रखने की आवश्यकता है। गुलकंद के फायदे को देखते हुए आप इसे खाने के लिए बेझिझक होकर इस्तेमाल कर सकते हैं। हम उम्मीद करते है कि यह लेख आपके लिए लाभदायक साबित होगा। इस आर्टिकल को ज्यादा से ज्यादा शेयर करके, कुंदरू के लाभ से अन्य लोगों को भी अवगत कराएं।

Sources

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