
हनुमान फल के फायदे, उपयोग और नुकसान – Soursop (Hanuman Phal) Benefits and Side Effects in Hindi
आप कई फलों से भली प्रकार परिचित होंगे, लेकिन क्या आपने कभी हनुमान फल का नाम सुना है। बेशक बहुत कम ही लोग होंगे जिन्हें इस फल के बारे में पता हो। आकर्षक रंग-रूप और मन मोह लेने वाले स्वाद के साथ इस फल में कई औषधीय गुण विद्यमान होते हैं। यही गुण हनुमान फल को कई गंभीर समस्याओं से राहत पाने का एक बेहतरीन विकल्प बनाते हैं। इन्हीं विशेषताओं से प्रेरित होकर स्टाइलक्रेज के इस लेख में हम आपको हनुमान फल क्या है और हनुमान फल के फायदे के बारे में बताने जा रहे हैं। साथ ही इस लेख में हनुमान फल के उपयोग के विषय में भी बताया जाएगा। हालांकि, आपको यह ध्यान रखना होगा कि हनुमान फल कुछ समस्याओं में राहत जरूर दिला सकता है, लेकिन इसे उस समस्या का उपचार नहीं माना जा सकता।
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तो आइए सबसे पहले लेख में हम हनुमान फल क्या है? इस बारे में जान लेते हैं।
विषय सूची
हनुमान फल क्या है – What is Soursop in Hindi?
हनुमान फल कस्टर्ड एप्पल (Custard Apple) के परिवार से संबंधित एक फल है। इसका वैज्ञानिक नाम एनोना मूरिकाटा (Annona muricata) है। इसके पेड़ मुख्य रूप से मैक्सिको, कैरेबियन और दक्षिणी अमेरिका में पाए जाते हैं। अपनी बढ़ती लोकप्रियता के कारण ही यह फल अब पूरी दुनिया में देखा जाने लगा है। इस फल की बाहरी त्वचा हरे रंग की होती है, जिस पर कांटे के समान दिखने वाले उभार पाए जाते हैं। अंदर से यह फल सफेद गूदेदार होता है, जिसमें ढेर सारे बीज मौजूद होते हैं। खाने में इसका स्वाद हल्का खट्टा-मीठा होता है, जो स्ट्रॉबेरी और अनानास के मिश्रण जैसा प्रतीत होता है।
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हनुमान फल क्या है, जानने के बाद अब हम आपको हनुमान फल के फायदे से जुड़ी जानकारी देने जा रहे हैं।
हनुमान फल के फायदे – Benefits of Soursop (Hanuman Phal) in Hindi
1. आंखों के लिए लाभकारी
हनुमान फल खाने के फायदे में एक यह भी है कि इससे आंखों के स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए भी मदद मिल सकती है। वजह यह है की इसमें विटामिन-सी और बीटा-केरोटिन जैसे खास तत्वों के साथ ही विटामिन-ए भी पाया जाता है। ये संयुक्त रूप से आंखों के स्वास्थ्य को बनाए रखने में मददगार साबित हो सकते हैं। विशेषज्ञों के मुताबिक जहां एक ओर विटामिन-सी और बीटा-केरोटिन एक एंटीऑक्सीडेंट (मुक्त कणों को नष्ट करने वाला) की भूमिका निभाते हुए शरीर में मौजूद विभिन्न कोशिकाओं की क्षति को होने से रोकते हैं। वहीं, दूसरी ओर विटामिन ए सीधे तौर पर आंखों से जुड़े कई जोखिमों को कम करने में कारगर साबित होता है (1)। इस आधार पर यह कहना गलत नहीं होगा कि हनुमान फल का उपयोग कर आंखों के स्वास्थ्य को बनाए रखने में मदद मिल सकती है।
2. कैंसर से करे बचाव
हनुमान फल खाने के फायदे कैंसर से बचाव में भी देखे जा सकते हैं। ऑक्सफोर्ड जर्नल द्वारा किए गया एक शोध इस बात की पुष्टि करता है। शोध में पाया गया कि हनुमान फल में अन्य औषधीय गुणों के साथ ही एंटीकैंसर (कैंसर के प्रभाव को कम करने वाला) गुण पाया जाता है। साथ ही शोध में इस बात का भी जिक्र मिलता है कि हनुमान फल का उपयोग मुख्य रूप से प्रोस्टेट कैंसर (स्पर्म ग्रंथि में कैंसर), कोरेक्टल कैंसर (बड़ी आंत का कैंसर) और स्तन कैंसर से बचाव में भी किया जा सकता है (2)। हालांकि, कैंसर एक गंभीर बीमारी है, जिसका डॉक्टरी इलाज अतिआवश्यक है।
3. सूजन से दिलाए छुटकारा
जर्नल ऑफ मेडिसिनल फूड द्वारा किए गए एक शोध से इस बात का प्रमाण मिलता है कि हनुमान फल को सूजन से राहत पाने के लिए भी उपयोग में लाया जा सकता है। दरअसल, हनुमान फल के एनाल्जेसिक (दर्दनिवारक) और एंटी इन्फ्लामेट्री (सूजन कम करने वाला) प्रभाव की जांच करने के उद्देश्य से चूहों पर एक शोध किया गया। शोध में में हनुमान फल के सकारात्मक प्रभाव देखने को मिले (3)। इस आधार पर यह माना जा सकता है कि सूजन और दर्द की समस्या में भी हनुमान फल के लाभ हासिल किए जा सकते हैं।
4. इन्फेक्शन को रखे दूर
इन्फेक्शन की समस्या में भी हनुमान फल के लाभ सहायक साबित हो सकते हैं। एनसीबीआई (National Center for Biotechnology Information) की वेबसाइट पर प्रकाशित एक शोध में इस बात को माना गया है। विशेषज्ञों के मुताबिक हनुमान फल में वायरस और परजीवियों के द्वारा होने वाले संक्रमण की रोकथाम करने की क्षमता पाई जाती है (4)। इस तथ्य को देखते हुए यह कहना गलत नहीं होगा कि कुछ सामान्य वायरस और परजीवियों से होने वाले संक्रमण से बचाव के तौर पर हनुमान फल का उपयोग किया जा सकता है।
5. डायबिटीज में सहायक
हनुमान फल खाने के फायदे डायबिटीज की समस्या से ग्रस्त रोगियों के लिए भी सहायक साबित हो सकते हैं। इस बात का प्रमाण बायो-केमेस्ट्री रिसर्च इंटरनेशनल द्वारा किए गए शोध से मिलता है। शोध में माना गया कि हनुमान फल के अर्क में टाइप टू डायबिटीज के जोखिम कारक (जैसे:- अल्फा-अम्लेज और अल्फा-ग्लूकोसाइड) को कम करने की क्षमता पाई जाती है। बता दें अल्फा-अम्लेज और अल्फा-ग्लूकोसाइड दो मुख्य एंजाइम हैं, जो खाद्य से ग्लूकोज को अलग कर शरीर में शुगर की पूर्ती करते हैं। इसी क्षमता के कारण यह फल एंटीडायबिटिक (ब्लड शुगर कम करने वाला) प्रभाव प्रदर्शित करता है (5)। ऐसे में यह कहना गलत नहीं होगा कि डायबिटीज की समस्या से जूझ रहे लोगों के लिए भी हनुमान फल काफी फायदेमंद साबित हो सकता है।
6. किडनी और लिवर को रखे स्वस्थ
हनुमान फल का उपयोग किडनी और लिवर के स्वास्थ्य को बनाए रखने में भी सहायक साबित हो सकता है। विशेषज्ञों के मुताबिक इस फल में मौजूद औषधीय गुणों के कारण यह लिवर और किडनी की कार्य क्षमता में सुधार कर सकता है। साथ ही यह इन अंगों से संबंधित कुछ समस्याओं के प्रभाव को कम करने में भी मददगार साबित हो सकता है (6)। हालांकि, यह लिवर और किडनी स्वास्थ्य के लिए कितना प्रभावी है, इस संबंध में अभी और शोध किए जाने की आवश्यकता है।
7. श्वसन तंत्र की कार्यक्षमता सुधारे
श्वसन तंत्र से संबंधित समस्याओं में भी हनुमान फल का उपयोग लाभदायक साबित हो सकता है। दरअसल, इस फल से संबंधित एक शोध में जिक्र मिलता है कि कई देशों में इस फल का उपयोग खांसी जैसी समस्या के लिए किया जाता है (7)। हालांकि, यह कितना प्रभावी होगा, इसपर और शोध की आवश्यकता है। वहीं, दूसरी ओर विषय विशेषज्ञों का भी मानना है कि हनुमान फल का उपयोग अस्थमा की बीमारी और सांस लेने में तकलीफ जैसी कुछ समस्याओं में राहत पहुंचाने का काम कर सकता है (8)। इस आधार पर यह कहा जा सकता है कि श्वसन तंत्र के स्वास्थ्य को बनाए रखने में भी हनुमान फल के लाभ हासिल किए जा सकते हैं।
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8. पेट को रखे स्वस्थ
पाचन स्वास्थ्य को बनाए रखने के साथ-साथ हनुमान फल खाने के फायदे पेट से जुड़ी कई समस्याओं से राहत पाने के लिए भी हासिल किए जा सकते हैं। विशेषज्ञों के मुताबिक हनुमान फल में प्रचुर मात्रा में फाइबर पाया जाता है, जो कि पाचन स्वास्थ्य के लिए लाभकारी भूमिका अदा करता है। वहीं, दूसरी ओर यह पेट की खराबी के कारण होने वाली पेट में ऐंठन और दर्द की समस्या के साथ ही बवासीर की समस्या में भी राहत पहुंचा सकता है (6)। इस आधार पर यह माना जा सकता है कि पेट से संबंधित होने वाले विकारों को दूर कर हनुमान फल पेट के स्वास्थ्य को बनाए रखने में मदद कर सकता है।
9. प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करे
कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली वाले लोगों के लिए भी हनुमान फल फायदेमंद साबित हो सकता है। विशेषज्ञों के मुताबिक इस फल में बीटा-कैरोटीन नाम का एक खास तत्व पाया जाता है। यह तत्व मुक्त कणों के प्रभाव को कम करने के साथ-साथ प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में मदद कर सकता है। इससे व्यक्ति की संक्रमण व संक्रमण के कारण होने वाले रोगों से लड़ने की क्षमता में विस्तार होता है (1)। इस आधार पर यह कहना गलत नहीं होगा कि हनुमान फल का सेवन कर शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करने मदद मिल सकती है।
10. बुखार से दिलाए आराम
इंटरनेशनल जर्नल ऑफ मॉलिक्यूलर साइंसेज द्वारा किए गए एक शोध में इस बात का जिक्र मिलता है कि हनुमान फल के लाभ में बुखार को कम करना भी शामिल है। शोध में माना गया कि हनुमान फल में एंटीमलेरियल और एंटीपैरासिटिक (परजीवी को नष्ट करने वाला) प्रभाव मौजूद होता है। साथ ही यह सामान्य बुखार को भी कम करने में सहायक है (9)। इस आधार पर यह कहा जा सकता है कि बुखार से राहत पाने के लिए भी हनुमान फल का उपयोग किया जा सकता है।
11. हाइपरटेंशन में सहायक
हनुमान फल का उपयोग हाइपरटेंशन यानी बढ़े हुए ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने में भी मददगार साबित हो सकता है। एनसीबीआई की वेबसाइट पर प्रकाशित एक शोध के आधार पर यह बात प्रमाणित होती है। शोध में शामिल किए गए मरीजों को तीन महीने तक दिन में 200 ग्राम हनुमान फल का जूस प्रतिदिन दिया गया। फलस्वरूप, निष्कर्ष में विषय विशेषज्ञों ने माना कि हनुमान फल का सेवन कर बढ़े हुए ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने में मदद मिल सकती है (10)। इस तथ्य को देखते हुए यह कहना गलत न होगा कि हाइपरटेंशन की समस्या में हनुमान फल एक बेहतर विकल्प के तौर पर इस्तेमाल में लाया जा सकता है।
12. गठिया से दिलाए छुटकारा
जैसा कि हम आपको लेख में पहले ही बता चुके हैं कि हनुमान फल में एनाल्जेसिक (दर्दनिवारक) और एंटी इन्फ्लामेट्री (सूजन को कम करने वाला) प्रभाव पाया जाता है। विशेषज्ञों के मुताबिक इन्हीं दोनों प्रभाव की मौजूदगी के कारण यह फल गठिया के कारण होने वाले जोड़ों के दर्द और मांसपेशियों में सूजन की समस्या को दूर करने में मदद कर सकता है (3)। इस आधार पर हम यह कह सकते हैं कि हनुमान फल को गठिया से राहत पाने के लिए भी इस्तेमाल में लाया जा सकता है।
13. त्वचा के लिए लाभकारी
त्वचा के लिए भी हनुमान फल लाभकारी हो सकता है। जर्नल ऑफ क्लिनिकल एंड डायग्नोस्टिक रिसर्च द्वारा किए गए एक शोध से इस बात की पुष्टि होती है। शोध में माना गया कि हनुमान फल के अर्क में अन्य औषधीय गुणों के साथ एंटीमाइक्रोबियल (बैक्टीरिया नष्ट करने वाला) और एंटीफंगल (फंगस नष्ट करने वाला) प्रभाव भी मौजूद होता है। यह दोनों प्रभाव सीधे तौर पर त्वचा से संबंधित हैं (11)। इस आधार पर यह कहना गलत नहीं होगा कि बैक्टीरिया और फंगस के संक्रमण से त्वचा की रक्षा के लिए हनुमान फल के अर्क का उपयोग लाभकारी साबित हो सकता है। फिलहाल, सीधे तौर पर यह त्वचा के लिए कैसे लाभदायक है, इसपर अभी और शोध किए जाने की आवश्यकता है।
14. बालों के लिए लाभदायक
बालों के लिए हनुमान फल फायदेमंद है, इस बात का सीधा कोई प्रमाण तो उपलब्ध नहीं है। हां, यह जरूर है कि अपने एंटीफंगल गुण की वजह से यह फंगस इन्फेक्शन के कारण बाल झड़ने की समस्या में कुछ हद तक राहत जरूर पहुंचा सकता है। दरअसल, हनुमान फल में एंटीफंगल गुण पाया जाता है, इस बारे में हम लेख में पहले ही बता चुके हैं (11)। वहीं, विशेषज्ञों के मुताबिक बाल झड़ने की समस्या के मुख्य कारणों में से एक फंगल इन्फेक्शन भी हैं (12)। इस आधार पर यह कहा जा सकता है कि फंगस की वजह से किसी को बाल झड़ने की समस्या है तो ऐसे में हनुमान फल का उपयोग कुछ हद लाभदायक साबित हो सकता है।
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हनुमान फल के फायदे के बाद अब हम आपको हनुमान फल के पौष्टिक तत्व से जुड़ी जानकारी देने जा रहे हैं।
हनुमान फल के पौष्टिक तत्व – Soursop (Hanuman Phal) Nutritional Value in Hindi
नीचे दिए गए चार्ट की सहायता से आप हनुमान फल के पोषक तत्वों के बारे में विस्तार से जान सकते हैं (13)।
पोषक तत्व | यूनिट | मात्रा प्रति 100 ग्राम |
---|---|---|
पानी | g | 81.16 |
एनर्जी | Kcal | 66 |
प्रोटीन | g | 1 |
टोटल लिपिड (फैट) | g | 0.3 |
कार्बोहाइड्रेट | g | 16.84 |
फाइबर (टोटल डायट्री) | g | 3.3 |
शुगर | g | 13.54 |
मिनरल | ||
कैल्शियम | mg | 14 |
आयरन | mg | 0.6 |
मैग्नीशियम | mg | 21 |
फास्फोरस | mg | 27 |
पोटेशियम | mg | 278 |
सोडियम | mg | 14 |
जिंक | mg | 0.1 |
कॉपर | mg | 0.086 |
सेलेनियम | µg | 0.6 |
विटामिन | ||
विटामिन सी | mg | 20.6 |
थियामिन | mg | 0.07 |
राइबोफ्लेविन | mg | 0.05 |
नियासिन | mg | 0.9 |
विटामिन बी-6 | mg | 0.059 |
फोलेट (डीएफई) | µg | 14 |
विटामिन ए (आईयू) | IU | 2 |
विटामिन ई | mg | 0.08 |
विटामिन के | µg | 0.4 |
लिपिड | ||
फैटी एसिड (सैचुरेटेड) | g | 0.051 |
फैटी एसिड(मोनोअनसैचुरेटेड) | g | 0.09 |
फैटी एसिड (पॉलीसैचुरेटेड) | g | 0.069 |
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लेख के अगले भाग में अब हम आपको हनुमान फल के उपयोग के बारे में जानकारी देंगे।
हनुमान फल का उपयोग – How to Use Soursop in Hindi
हनुमान फल के उपयोग की बात करें तो प्रतिदिन आधे कप तक कटे हुए हनुमान फल को खाने के लिए इस्तेमाल में लाया जा सकता है। वहीं, इससे सेवन की सटीक मात्रा जानने के लिए डायटीशियन से संपर्क किया जा सकता है। यह तो हो गई मात्रा की बात, आइए अब हम निम्न बिन्दुओं के माध्यम से हनुमान फल को उपयोग में लाने के तरीकों के बारे में भी समझ लेते हैं, जो कुछ इस प्रकार हैं।
- अन्य फलों की तरह ही हनुमान फल को भी आप काट कर सीधे सुबह या शाम के नाश्ते में खाने के लिए उपयोग में ला सकते हैं।
- आप चाहें तो फ्रूट सलाद में इसे मिक्स करके भी खाने के लिए उपयोग में ला सकते हैं।
- केक या पुडिंग बनाकर भी आप इसे उपयोग में ला सकते हैं।
- आप चाहें इसे आइसक्रीम या डेजर्ट के रूप में भी इस्तेमाल में ला सकते हैं।
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हनुमान फल के उपयोग के बाद लेख के अगले भाग में हम आपको हनुमान फल कहां से खरीदें इस बारे में बताएंगे।
हनुमान फल कहां से खरीदें? – Where to Buy Soursop in Hindi
हनुमान फल को खरीदने की बात करें तो आज अपने खास गुणों के कारण इसकी पूरी दुनिया में मांग बढ़ गई है। ऐसे में आप इसे लोकल फ्रूट मार्केट से खरीद सकते हैं। अगर लोकल मार्केट में तलाशने पर यह नहीं मिलता है तो मॉल में मौजूद फ्रूट स्टोर से आप आसानी से खरीद सकते हैं। वहीं, ऑनलाइन भी हनुमान फल आसानी से खरीदा जा सकता है। आप चाहें तो बाजार में उपलब्ध जूस या इससे बने अन्य उत्पादों को उपयोग में लाकर भी हनुमान फल का लाभ उठा सकते हैं।
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लेख के अगले भाग में अब हम हनुमान फल के चुनाव और इसे सुरक्षित रखने के तरीके के बारे में बात करेंगे।
हनुमान फल का चयन कैसे करें और लंबे समय तक सुरक्षित कैसे रखें?
निम्न बिन्दुओं के माध्यम से आप हनुमान फल के चुनाव और इसे सुरक्षित रखने के विषय में जानकारी हासिल कर सकते हैं।
- चयन के लिए आपको सुनिश्चित करना होगा कि फल की बाहरी सतह पर कोई दाग धब्बा मौजूद न हो।
- वहीं, हनुमान फल खरीदते समय आपको इस बात को भी ध्यान में रखना होगा कि फल पर कांटेनुमा उभार साफ और स्पष्ट दिखाई दे रहे हों और फल की बाहरी त्वचा गाढ़े हरे रंग की हो।
- अगर बात करें इसे सुरक्षित रखने की तो इसे पकने तक कमरे में सामान्य तापमान पर रखा जा सकता है।
- वहीं, एक बार फल पूरी तरह पाक जाने के बाद इसे फ्रिज में रख, दो से तीन दिन तक सुरक्षित रखा जा सकता है।
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आगे लेख में अब हम आपको हनुमान फल के नुकसान से जुड़ी कुछ जरूरी जानकारी देंगे।
हनुमान फल के नुकसान – Side Effects of Soursop (Hanuman Phal) in Hindi
ऊपर लेख में आपने हनुमान फल से होने वाले फायदों के बारे में जाना। बता दें कि फायदों के साथ ही कुछ विशेष परिस्थितियों में हनुमान फल के नुकसान भी देखने को मिल सकते हैं, जो कुछ इस प्रकार हैं (6)।
- गर्भावस्था के दौरान इस फल को बिलकुल भी उपयोग में नहीं लाना चाहिए। कारण यह है कि इस दौरान हनुमान फल का उपयोग गर्भाशय संकुचन का कारण बन सकता है, जो मां और बच्चे दोनों के लिए ही हानिकारक है।
- जैसा की आपको लेख में पहले ही बताया जा चुका है कि यह ब्लड प्रेशर को कम करने में मदद कर सकता है। इसलिए, लो ब्लड प्रेशर की शिकायत वाले लोगों को इस फल के सेवन से बचना चाहिए। साथ ही हाई ब्लड प्रेशर वाले अगर नियमित दवा का सेवन करते हैं तो उन्हें इस फल के उपयोग से पहले एक बार अपने डॉक्टर से परामर्श जरूर ले लेना चाहिए।
- वैसे तो यह पाचन स्वास्थ्य के लिए लाभकारी हैं, लेकिन एंटीमाइक्रोबियल गुण के कारण इसका जरूरत से अधिक सेवन पाचन स्वास्थ्य के लिए हानिकारक साबित हो सकता है। विशेषज्ञों के मुताबिक इस गुण के कारण हनुमान फल का अधिक सेवन पेट के लिए लाभकारी बैक्टीरिया को भी नष्ट कर सकता है।
- अगर किसी फल या खाद्य से एलर्जी की समस्या हो तो इसका सेवन डॉक्टर की सलाह के बाद ही करें।
उम्मीद करते हैं कि हनुमान फल के उपयोग और इसके फायदे जानने के बाद, अब आप अच्छी तरह समझ गए होंगे कि यह कितना लाभकारी है। तो फिर देर किस बात की, लेख में बताए गए इसे उपयोग में लाने के तरीकों पर नजर डालिए और अपने आहार में हनुमान फल को शामिल कर इसके लाभ उठाइए। हम आशा करते हैं कि औषधीय गुण और पोषक तत्वों से भरपूर यह फल आपकी कई शारीरिक समस्याओं का समाधान बनेगा। इसके साथ ही हनुमान फल के नुकसान से जुड़ी बातों पर भी जरूर ध्यान दें, ताकि आप इससे होने वाले दुष्परिणामों को खुद से दूर रख सकें।
13 sources
- Nutrient, Phytochemical Composition and Sensory Evaluation Of Soursop (Annona muricata) Pulp and Drink in South Eastern Nigeria.
http://citeseerx.ist.psu.edu/viewdoc/download;jsessionid=1DBD9BDA21EA1EF8325536902848159C?doi=10.1.1.419.543&rep=rep1&type=pdf - Emerging therapeutic potential of graviola and its constituents in cancers
https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC5888937/ - Mechanisms of Analgesic and Anti-Inflammatory Properties of Annona muricata Linn. (Annonaceae) Fruit Extract in Rodents
https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC4259190/ - Cancer: Forbidden cures?
https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC4319340/ - Distribution of Phenolic Contents, Antidiabetic Potentials, Antihypertensive Properties, and Antioxidative Effects of Soursop (Annona muricata L.) Fruit Parts In Vitro
https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC4693006/ - BIO-CHEMICAL COMPOSITIONAL ANALYSIS OF ANNONA MURICATA: A MIRACLE FRUIT’S REVIEW
https://www.academia.edu/6961603/BIOCHEMICAL_COMPOSITIONAL_ANALYSIS_OF_ANNONA_MURICATA_A_MIRACLE_FRUIT_S_REVIEW - Emerging therapeutic potential of graviola and its constituents in cancers
https://academic.oup.com/carcin/article/39/4/522/4859483 - 13 benefits of Jackfruit Sabrang (soursop) for human health
https://www.academia.edu/37398921/13_benefits_of_Jackfruit_Sabrang_soursop_for_human_health - Annona muricata (Annonaceae): A Review of Its Traditional Uses, Isolated Acetogenins and Biological Activities
https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC4519917/ - The effects of soursop supplementation on blood pressure, serum uric acid, and kidney function in a prehypertensive population in accordance with the 2017 ACC/AHA guideline.
https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pubmed/31462727 - Anti-microbial Efficacy of Soursop Leaf Extract (Annona muricata) on Oral Pathogens: An In-vitro Study
https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC5198446/ - Trichomycoses
https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC2938571/ - Soursop, raw
https://fdc.nal.usda.gov/fdc-app.html#/food-details/167761/nutrients

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