Written by , (शिक्षा- बैचलर ऑफ जर्नलिज्म एंड मीडिया कम्युनिकेशन)

लंबे समय तक अगर एक ही मुद्रा में बैठे रहें, तो इसके कारण हाथों-पैरों में सुन्नपन हो सकता है। जिसके बाद हाथ-पैरों में झनझनाहट हो सकती है। वहीं, जब तक ये अंग सुन्न रहते हैं, उनका इस्तेमाल भी नहीं किया जा सकता है। अगर किसी के साथ ऐसी समस्या अक्सर होती रहती है, तो उन्हें यह लेख जरूर पढ़नी चाहिए। स्टाइलक्रेज के इस लेख में हम हाथ-पैर सुन्न होना क्या है, इसके कारण, लक्षण और हाथ पैर सुन्न होने का इलाज बताने वाले हैं। साथ ही, हाथ पैर सुन्न होने के घरेलू उपचार कैसे किए जा सकते हैं, इसकी जानकारी भी यहां पा सकते हैं।

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लेख में सबसे पहले जानते हैं हाथों-पैरों में सुन्नपन क्या है।

हाथ-पैरों का सुन्न होना क्या है?

हाथों-पैरों का सुन्न होना एक असामान्य संवेदना होती है, जो शरीर के किसी भी अंग में हो सकती है। लेकिन, ऐसी स्थिति अक्सर हाथों-पैरों और उंगलियों में महसूस हो सकती है। अंग्रेजी में इसे नंबनेस, पेरेस्टेसिया, सेंसरी लॉस, लॉस ऑफ सेंसेशन और पिंस एंड नीडल्स सेंसेशन के नाम से भी जाना जाता है (1)। लेख में आगे इस विषय में विस्तारपूर्वक जानकारी दी गई है।

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अब बात करते हैं हाथ-पैरों का सुन्न होना किन कारणों से हो सकता है।

क्यों पड़ जाते हैं हाथ-पैर सुन्न : सुन्नपन होने के कारण – Causes of Numbness in Hindi

हाथ-पैर सुन्न होना या शरीर के अन्य अंग सुन्न होने के पीछे कई कारण जिम्मेदार हो सकते हैं, जिन्हें नीचे विस्तारपूर्वक बताया गया है (1):

  • लंबे समय तक एक ही स्थिति में बैठे या खड़े रहना
  • नर्व (Nerve) से जुड़ी चोट
  • रीढ़ की नर्व पर दवाब पड़ना
  • रक्त वाहिकाओं के बढ़ने से, ट्यूमर या संक्रमण के कारण पेरिफेरल नर्व (नर्वस सिस्टम का भाग) पर दवाब पड़ना
  • हर्पीज जोस्टर (एक प्रकार का वायरल संक्रमण)
  • अन्य संक्रमण जैसे एचआईवी/एड्स,टीबी या कुष्ठ रोग होना
  •  शरीर में कैल्शियम, पोटेशियम या सोडियम का स्तर असामान्य होना
  •  शरीर में विटामिन बी1, बी6, बी12 या फोलिक एसिड की मात्रा में कमी होना
  • शराब, तंबाकू या कीमोथेरेपी ड्रग के कारण नर्व डैमेज होना
  • रेडिएशन थेरेपी
  • किसी जानवर के काटने पर
  • किसी कीट के काटने पर
  • सी-फूड विषाक्तता

साथ ही, कई स्वास्थ्य समस्याओं की वजह से भी  हाथ-पैर सुन्न हो सकते हैं – जैसे:

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आगे बढ़ते हैं और जानते हैं हाथ-पैरों में सुन्नपन होने के लक्षण। 

हाथ-पैरों में सुन्नपन होने के लक्षण – Symptoms Of Numbness in Hindi

हाथ-पैर सुन्न होना किसी शारीरिक समस्या या बीमारी का लक्षण हो सकता है, जिनके बारे में हम ऊपर जिक्र कर चुके हैं। हालांकि, हाथ-पैर सुन्न होने पर निम्नलिखित लक्षण महसूस किये जा सकते हैं (4):

  • प्रभावित अंग में जलन या चुभन वाली संवेदनाएं होना।
  • बिना किसी दर्द के हाथ या पैर का सुन्न होना या खुजली होना।
  • सुन्नपन का असर रहने तक प्रभावित अंग का ठीक से काम न कर पाना। जैसे पैरों में सुन्नपन होने पर चलने में दिक्कत हो सकती है।

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अब जानते हैं हाथों पैरों में सुन्नपन को दूर करने के घरेलू उपाय।

हाथ-पैर सुन्न पड़ जाएं, तो अपनाएं ये घरेलू उपचार – Home Treatment To Treat Numbness in Hindi

आमतौर पर हाथ-पैरों में सुन्नपन थोड़ी देर बाद अपने आप ठीक हो जाता है। वहीं, अगर ऐसा बार-बार होता है, तो हाथों-पैरों में सुन्नपन दूर करने के लिए नीचे बताए गए कुछ घरेलू उपायों को करना लाभकारी हो सकता है। ध्यान रखें कि ये घरेलू उपाय सुन्नपन का इलाज नहीं हैं। ये केवल इससे कुछ हद तक आराम दिलाने में मदद कर सकते हैं। अब पढ़ें आगे:

1. शहद और दालचीनी का उपाय

सामग्री :

  • आधा चम्मच दालचीनी का पाउडर
  • एक चम्मच शहद

उपयोग का तरीका :

  • सबसे पहले दालचीनी पाउडर और शहद का मिश्रण तैयार कर लें।
  • फिर आधा चम्मच इस मिश्रण का सेवन करें।
  • आराम न मिलने तक इस उपाय को एक-दो हफ्ते तक किया जा सकता है।

कैसे फायदेमंद है :

शहद और दालचीनी का मिश्रण सुन्नपन की समस्या से बचाव और इससे आराम दिलाने में मदद कर सकते हैं। दरअसल, एक शोध में साफ जिक्र मिलता है कि शहद के फायदे नर्वस सिस्टम को सुरक्षित रखने और इसमें सुधार का काम कर सकते हैं (5)। वहीं, हम ऊपर बता चुके हैं कि नर्वस सिस्टम से जुड़ी समस्या (नर्व पर दवाब या चोट) से कारण भी सुन्नपन की समस्या हो सकती है। इसके अलावा, दालचीनी का सेवन माइग्रेन की समस्या में आराम दिलाने का काम कर सकता है, जो कि सुन्नपन का एक जोखिम कारक है (6)। इस आधार पर हम कह सकते हैं कि शहद और दालचीनी का मिश्रण हाथों पैरों में सुन्नपन को दूर करने में कुछ हद तक मददगार हो सकता है।

2. अंगों की मसाज करना

मालिश करना भी हाथों पैरों में सुन्नपन का एक कारगर घरेलू इलाज हो सकता है। दरअसल, एनसीबीआई (National Center for Biotechnology Information) की वेबसाइट पर थोरैसिक आउटलेट सिंड्रोम से पीड़ित मरीज पर किया गया एक शोध प्रकाशित है। शोध में मसाज को सुन्नपन के लक्षणों को कम करने में कारगर पाया गया है (7)। बता दें कि थोरैसिक आउटलेट सिंड्रोम तब होता है, जब गले के नीचे मौजूद रक्त-वाहिकाओं या नर्व पर दवाब पड़ता है और इसके कारण कंधे, गले और बांह में दर्द होता है (8)।

3. हल्दी

सामग्री :

  • 1 चम्मच हल्दी पाउडर
  • 1 गिलास दूध

उपयोग का तरीका :

  • एक गिलास गुनगुने दूध में आधा चम्मच हल्दी मिलाकर सेवन करें।
  • ऐसा रोजाना रात में सोने से पहले कर सकते हैं।

कैसे फायदेमंद है :

हाथों पैरों में सुन्नपन के लिए दूध के साथ हल्दी के फायदे भी काम कर सकते हैं। दरअसल, इससे जुड़े एक शोध में जिक्र मिलता है कि हल्दी में मौजूद करक्यूमिन केंद्रीय तंत्रिका से जुड़े विकारों के उपचार में सहायक हो सकता है। वहीं, हम ऊपर बता चुके हैं कि नर्वस सिस्टम से जुड़ी समस्या के कारण भी शरीर में सुन्नपन की समस्या हो सकती है (9)। वहीं, एक अन्य शोध के अनुसार, दूध के फायदे स्ट्रोक के जोखिम को कम करने में मदद कर सकते हैं, जो कि हाथों पैरों में सुन्नपन का एक कारण हो सकता है (10)

4. नारियल तेल और जायफल का चूर्ण

सामग्री :

  • 50 ग्राम नारियल का तेल
  • 2 ग्राम जायफल का चूर्ण

उपयोग का तरीका :

  • नारियल तेल में जायफल का चूर्ण मिलाकर इसका लेप बनाएं।
  •  फिर इस लेप को प्रभावित अंग पर लगाएं।
  • ऐसा समस्या के दौरान रात में सोने से पहले किया जा सकता है।

कैसे फायदेमंद है :

नारियल तेल के साथ जायफल का इस्तेमाल भी सुन्नपन की समस्या में लाभकारी हो सकता है। जैसा कि हमने ऊपर बताया कि नसों मे सूजन की वजह से ब्लड सर्कुलेशन में कमी आ सकती है, जिससे सुन्नपन की समस्या हो सकती है। वहीं, एक शोध में साफ जिक्र मिलता है कि जायफल में एंटी इंफ्लेमेटरी (सूजन को कम करने वाला) प्रभाव पाया जाता है, जो नसों की सूजन को कम कर सुन्नपन की समस्या में राहत दिलाने में मदद कर सकता है (11)। वहीं, नारियल तेल में एंटी-इंफ्लेमेटरी के साथ एनाल्जेसिक प्रभाव भी पाए जाते हैं, जो नसों से जुड़ी सूजन और दर्द को कम करने में मददगार हो सकते हैं। इससे सुन्नपन की समस्या में आराम मिल सकता है (12)

5. जिन्कगो बाइलोबा हर्बल टी

सामग्री :

  • 1 से 2 चम्मच जिन्कगो बाइलोबा चायपत्ती
  • 1 कप पानी
  • 1 चम्मच शहद

उपयोग का तरीका :

  • एक कप पानी में जिन्कगो बाइलोबा चायपत्ती डालें।
  • अब इसे अच्छी तरह पांच मिनट तक उबालें।
  • फिर इसे कप में छान लें और ठंडा होने के लिए रख दें।
  • जब यह गुनगुना हो जाए, तो इसमें शहद मिलाकर पिएं।
  • दिन भर में एक से दो कप इस चाय का सेवन किया जा सकता है।

कैसे फायदेमंद है :

जिन्कगो बाइलोबा का उपयोग भी हाथ-पैर का सुन्न होना कम कर सकता है। दरअसल, इसमें न्यूरोप्रोटेक्टिव प्रभाव पाया जाता है, जो नर्वस सिस्टम को सुरक्षित रखने में मदद कर सकता है। वहीं, हम बता चुके हैं कि नर्वस सिस्टम से जुड़ी समस्या (नर्व पर दवाब या चोट) की वजह से भी सुन्नपन की समस्या हो सकती है (13)। इसके लिए जिन्कगो बाइलोबा की चाय का सेवन रोजाना किया जा सकता है।

6. सोंठ और लहसुन का पेस्ट

सामग्री :

  • 2-3 लहसुन की कच्ची कलियां
  • 1 चम्मच सोंठ

उपयोग का तरीका :

  • लहसुन की कलियों का पेस्ट बनाएं और उसे सोंठ मिलाएं।
  • अब इसे चटनी की तरह खा सकते हैं।
  • हफ्ते 2 से 3 बार इस चटनी का सेवन किया जा सकता है।

कैसे फायदेमंद है :

लहसुन और सोंठ का मिश्रण भी सुन्नपन की समस्या में फायदेमंद साबित हो सकता है। दरअसल, एक शोध में साफ जिक्र मिलता है कि लहसुन का उपयोग ब्लड फ्लो को बढ़ाने में मदद कर सकता है (14)। वहीं, हम पहले ही बता चुके हैं कि ब्लड फ्लों की कमी के कारण भी सुन्नपन की समस्या उत्पन्न हो सकती है। इसके अलावा, सोंठ (अदरक चूर्ण) का उपयोग भी लाभकारी हो सकता है। दरअसल, अदरक में एंटी-इंफ्लेमेटरी प्रभाव पाए जाते हैं, जो नसों की सूजन को कम कर ब्लड सर्कुलेशन में मददगार हो सकते हैं (15)

7. एप्सम साल्ट

सामग्री :

  •  2-3 चम्मच एप्सम साल्ट
  • आवश्यकतानुसार गुनगुना पानी

उपयोग का तरीका :

  • एक टब में गुनगुना पानी भरें और उसमें एप्सम साल्ट मिलाएं।
  • अब इसमें सुन्नपन से प्रभावित पैर या हाथ को थोड़ी देर डुबोकर रखें।
  • चाहें, तो इस पानी से नहा भी सकते हैं।

कैसे फायदेमंद है :

हाथ पैर का सुन्न होना दूर करने के लिए एप्सम सॉल्ट (मैग्नीशियम सल्फेट) का इस्तेमाल किया जा सकता है। दरअसल, एक शोध में जिक्र मिलता है कि सूजन से जुड़ी समस्याओं में मैग्नीशियम सॉल्ट प्रभावी हो सकता है (16)। इस आधार पर हम कह सकते हैं कि यह नसों की सूजन को कम करने में भी प्रभावी हो सकता है, जिससे ब्लड सर्कुलेशन में मदद मिल सकती है और फलस्वरूप, इससे होने वाली सुन्नपन की समस्या में आराम मिल सकता है।

8. गर्म सेंक

सामग्री :

  • एक गर्म पानी का बैग (हीटिंग बैग)
  • आवश्यकतानुसार गर्म पानी

उपयोग का तरीका :

  • हीटिंग बैग में गर्म पानी डालें और उसका ढक्कन ठीक से बंद कर दें।
  • अब इससे प्रभावित अंग की सिकाई करें।
  • यह उपाय सुन्नता होने के दौरान किया जा सकता है।

कैसे फायदेमंद है :

हाथों-पैरों में होने वाली सुन्नपन की समस्या को दूर करने के लिए गर्म सेंक का उपाय भी किया जा सकता है। दरअसल, एक शोध में जिक्र मिलता है कि वार्म कंप्रेस यानी गर्म सेंक से शरीर के अंगों में रक्त संचार बढ़ाने में मदद मिल सकती है (17)। वहीं, हम बता चुके हैं कि रक्त संचार में कमी आने से भी हाथो-पैरों में सुन्नपन हो सकता है। ऐसे में हम कह सकते हैं कि गर्म सेंक की मदद से लेफ्ट हैंड सुन्न होना या अन्य अंगों में सुन्नपन की समस्या को बहुत हद तक कम किया जा सकता है।

9. बर्फ की सिकाई

सामग्री :

  • बर्फ के कुछ टुकड़े
  •  एक कॉटन का रूमाल

उपयोग का तरीका :

  • रूमाल या कॉटन के किसी कपड़े में बर्फ के टुकड़ों को लपेटें और इसे प्रभावित स्थान पर लगाएं।
  • दो-दो मिनट के अंतराल में लगभग 10-15 मिनट प्रभावित जगह की सिकाई करें।
  • जब भी सुन्नपन की समस्या हो, तो यह उपाय किया जा सकता है।

कैसे फायदेमंद है :

कोल्ड थेरेपी की मदद से भी सुन्नपन की समस्या में आराम मिल सकता है। दरअसल, यह सूजन को कम करने के साथ-साथ मांसपेशियों की ऐंठन में भी फायदेमंद साबित हो सकती है। वहीं, हम लेख में कई बार बता चुके हैं कि सूजन को कम करने वाला प्रभाव किस प्रकार सुन्नपन की समस्या में लाभकारी हो सकता है। वहीं, इसी शोध में जिक्र मिलता है कि यह ब्लड फ्लो को भी कम कर सकती है और ब्लड फ्लो की कमी को सुन्नपन का जोखिम कारक माना गया है। इसलिए, सुन्नपन के लिए इसका उपयोग करने से पहले डॉक्टरी सलाह जरूर लें (18)।

और भी पढ़ें

लेख में अब जानते हैं हाथ पैर सुन्न होने का इलाज करने के अन्य तरीके क्या हो सकते हैं।

हाथों-पैरों में सुन्नता के उपचार के अन्य तरीके

हाथ पैर सुन्न होने का इलाज करने के अन्य तरीकों के तौर पर निम्न बिंदुओं का ध्यान रखा सकता है, जिसमें शामिल हैंः

  1. सुन्नता होने का सही कारण पता लगाएं। जैसे – अगर हाथों-पैरों में सुन्नता का कारण मधुमेह या कोई अन्य शारीरिक बीमारी है, तो उसका उचित उपचार करके इसका इलाज किया जा सकता है।
  2. हेल्दी लाइफस्टाइल अपनाएं और नियमित तौर पर एक्सरसाइज करें। दरअसल, एक शोध में जिक्र मिलता है कि एक्सरसाइज, ब्लड सर्कुलेशन को बढ़ाने में मददगार हो सकती है (19)। इससे ब्लड फ्लों की कमी से होने वाली सुन्नपन की समस्या के जोखिम से बचा जा सकता है।
  3. हर दिन योग करें। दरअसल, योग का नियमित अभ्यास ब्लड फ्लो को बढ़ाने में मदद कर सकता है, जिससे सुन्नपन के जोखिम से बचा जा सकता है (20)। इसके लिए डॉक्टर की सलाह और अनुभवी योग ट्रेनर की मदद ली जा सकती है।
  4. रोजाना ग्रीन टी का सेवन किया जा सकता है। दरअसल, एक शोध में साफ जिक्र मिलता है कि रेड और ब्लैक टी के मुकाबले ग्रीन टी में अधिक न्यूरोप्रोटेक्टिव क्षमता पाई जाती है (21)। वहीं, न्यूरोप्रोटेक्टिव प्रभाव नर्वस सिस्टम को सुरक्षित रखने में मदद कर सकता है। इससे नर्वस सिस्टम से जुड़ी सुन्नपन की समस्या में आराम मिल सकता है।
  5. जैसा कि हमने बताया कि माइग्रेन की वजह से भी सुन्नपन की समस्या हो सकती है। ऐसे में कॉफी का सेवन किया जा सकता है। दरअसल, एक शोध में साफ जिक्र मिलता है कि कैफीन (कॉफी में मौजूद मुख्य तत्व), माइग्रेन में आराम पहुंचाने का काम कर सकता है (22)।

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आगे बढ़ते हैं और बात करते हैं नंबनेस दूर करने के लिए क्या खाएं। 

हाथों-पैरों की नंबनेस (Numbness) दूर करने के लिए उत्तम खाद्य पदार्थ – Foods To Reduce Numbness in Hindi

जैसा कि हम बचा चुके हैं कि शरीर में कुछ जरूरी पोषक तत्वों की कमी के कारण भी सुन्नपन की समस्या हो सकती है। ऐसे में उन जरूरी पोषक तत्वों से समृद्ध खाद्य पदार्थों का सेवन कर इसके जोखिम से बचा जा सकता है। नीचे इस विषय में विस्तारपूर्वक जानकारी दी गई है:

विटामिन बी : शरीर में विटामिन बी की कमी से भी सुन्नता की समस्या हो सकती है। इसलिए, शरीर में विटामिन बी की पूर्ति के लिए इससे समृद्ध खाद्य पदार्थों का सेवन किया जा सकता है, जिसमें अंडा, मछली, डेयरी उत्पाद व पत्तेदार हरी सब्जियां शामिल हैं (23)

डेयरी प्रोडक्ट : कैल्शियम की कमी के कारण भी हाथ-पैर सुन्न हो सकते हैं (1)। ऐसे में दूध व दूध से बने उत्पादों का सेवन लाभकारी माना जा सकता है, क्योंकि ये कैल्शियम से समृद्ध होते हैं (24)

सूजन कम करने वाले खाद्य पदार्थ : एंटी-इंफ्लेमेटरी (सूजन कम करने वाला) आहार की मदद से भी इस समस्या से बचाव किया जा सकता है। इसके लिए आहार में वसायुक्त मछली, चिया के बीज, ऑलिव ऑयल और नट्स जैसे खाद्य पदार्थ शामिल कर सकते हैं (25)

पोटेशियम युक्त खाद्य पदार्थ : शरीर में पोटेशियम की कमी होने पर भी हाथों-पैरों में सुन्नता की समस्या हो सकती है। इससे बचाव के लिए पोटेशियम युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन किया जा सकता है, जैसे – आलू, मांस, मछली, दूध, दही, सोयाबीन और नट्स आदि (26)

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आगे जानते हैं कि हाथों-पैरों में सुन्नपन की समस्या होने पर डॉक्टरी सलाह कब लेनी चाहिए।

सुन्न होना /नंबनेस (Numbness दूर करने के लिए डॉक्टर की सलाह कब लेनी चाहिए?

हाथों पैरों में सुन्नपन की समस्या होने पर इन स्थितियों में डॉक्टरी सलाह लेनी जरूरी हो सकती है (1) :

  • हाथों पैरों में सुन्नपन होने के दौरान चलने-फिरने में परेशानी होना
  • सिर, गर्दन या पीठ में चोट लगने के बाद सुन्नता या झुनझुनी होना
  • हाथ या पैर की गति को नियंत्रित न कर पाना
  • मूत्राशय पर नियंत्रण न रहना
  • शरीर पर रैशेज होना
  • हाथों पैरों में सुन्नपन होने पर भ्रम या बेहोशी होना
  • हाथों पैरों में सुन्नपन होने पर बोलने, सुनने या देखने में परेशानी होना
  • गर्दन, कलाई या उंगलियों में तेज दर्द होना
  • नंबनेस होने पर चक्कर आना या मांसपेशियों में ऐंठन होना

पढ़ते रहें लेख

चलिए, अब बात करते हैं हाथों पैरों में सुन्नपन का इलाज कैसे किया जा सकता है।  

सुन्न होना /नंबनेस (Numbness) का इलाज कैसे किया जाता है – Numbness in Hands and Feet treatment in Hindi

अगर हाथों-पैरों में सुन्नपन की समस्या गंभीर है, तो डॉक्टर निम्नलिखित तरीके से इलाज कर सकते हैं (1): जिसकी जानकारी हम नीचे दे रहे हैं:

दवाइयों का सेवन : डॉक्टर एंटी-इंफ्लेमेटरी दवाइयों के सेवन की सलाह दे सकते हैं। इसके अलावा, अगर हाथों पैरों में सुन्नपन के साथ दर्द की शिकायत है, तो कुछ दर्द निवारक दवाइयां भी दे सकते हैं।

विटामिन की खुराक : अगर शरीर में विटामिन बी या किसी अन्य विटामिन की कमी के कारण हाथों पैरों में सुन्नपन की समस्या हो रही है, तो ऐसे में डॉक्टर जरूरी विटामिन सप्लीमेंट्स की खुराक दे सकते हैं।

थेरेपी : कुछ मामलों में डॉक्टर दवाइयों के साथ एक्यूपंक्चर थेरेपी की भी सलाह दे सकते हैं। खासकर तब, जब नंबनेस की वजह कार्पल टनल सिंड्रोम (कलाई की नसों को प्रभावित करने वाली स्थिति) हो। इसके उपचार में एक्यूपंक्चर थेरेपी कारगर हो सकती है (27)

स्प्लिंट : अगर हाथों में सुन्नपन का कारण कार्पल टनल सिंड्रोम है, तो डॉक्टर कलाई पर स्प्लिंट लगाने की सलाह दे सकते हैं। स्प्लिंट एक उपकरण होता है, जो हाथों को सहारा देने में मदद कर सकता है (28)

जीवनशैली में बदलाव : कुछ मामलों में डॉक्टर जीवनशैली में उचित बदलाव लाने की भी सलाह दे सकते हैं। जिसमें डाइटिंग से लेकर शारीरिक क्रियाओं में बदलाव करने की सलाह शामिल हो सकती है।

कारणों के आधार पर : अगर हाथों-पैरों में सुन्नपन का कारण डायबिटीज या कोई अन्य गंभीर बीमारी है, तो डॉक्टर सुन्नपन के कारणों के इलाज की ओर कदम बढ़ा सकते हैं।

अंत तक पढ़ें

अब जानते हैं हाथों-पैरों में सुन्नपन से बचाव के उपाय क्या हो सकते हैं।

हाथों-पैरों में सुन्नपन से बचने के उपाय – Prevention Tips for Numbness in Hands and Feet in Hindi

हाथों पैरों में सुन्नपन से बचाव के उपाय कई हो सकते हैं। हालांकि, इनमें से सबसे सुरक्षित और लाभकारी उपाय क्या हो सकता है, यह पूरी तरह से व्यक्ति की आदतों पर निर्भर कर सकता है। नीचे पढ़ें हाथों पैरों में सुन्नपन से बचाव के कुछ कारगर उपाय:

  • लंबे समय तक एक ही स्थान पर बैठें या खड़ें न रहें।
  • अगर कुर्सी पर बैठ कर घंटों तक काम करना होता है, तो थोड़ी-थोड़ी देर में बैठने की मुद्रा बदलते रहें।
  •  काम के दौरान कुछ घंटों के अंतराल में ब्रेक लें और 5 से 10 मिनट तक चलें।
  •  काम के बीच में ब्रेक लेकर स्ट्रेचिंग करते रहें।
  • अपनी डाइट में पौष्टिक आहारों की मात्रा का खास ध्यान रखें।
  • अल्कोहल और धूम्रपान से दूर रहें।
  • रोजाना योग और एक्सरासइज करें।
  • रात को सोते वक्त करवट बदलते रहें। नरम बिस्तर और तकिये का इस्तेमाल करें।
  • शारीरिक श्रम के साथ-साथ शरीर को आराम भी जरूर दें।

उम्मीद करते हैं कि इस लेख के माध्यम से हाथों पैरों में सुन्नपन की समस्या का कारण और उपचार समझ पाने में मदद मिली होगी। अगर कोई इस समस्या से जूझ रहा है, तो बताए गए सुन्नपन के घरेलू इलाज अपनाए जा सकते हैं। वहीं, घरेलू इलाज अगर काम नहीं कर रहे हैं, तो डॉक्टर से जरूर संपर्क करें। इसके अलावा, इस समस्या से बचे रहने के लिए सुन्नपन से बचने के तरीकों का पालन जरूर करें। चलिए अब अक्सर पूछे जाने वाले पाठकों के सवालों के जवाब जान लेते हैं।

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल:

सुन्नपन के लक्षण क्या हैं?

सुन्नपन अपने आम में ही एक लक्षण है, जो विभिन्न शारीरिक समस्याओं के कारण हो सकता है। वहीं, सुन्न हुए अंग में जलन, चुभन या खुजली को नंबनेस के लक्षण कहा जा सकता है (4)

जागने पर मेरे हाथ सुन्न क्यों रहते हैं?

कुछ लोग अक्सर एक तरफ करवट लेकर सोते हैं। इसकी वजह से करवट की तरफ वाले हिस्सों पर अधिक दबाव पड़ सकता है और जागने पर वह अंग सुन्न महसूस हो सकता है। इसी वजह से कई बार हाथ भी सुन्न हो सकते हैं। वहीं, इसके अन्य कारण भी हो सकते हैं, इसलिए इस विषय में डॉक्टरी सलाह लें।

क्या नंबनेस होना एक गंभीर समस्या है?

हाथों पैरों का सुन्न हो जाना या नंबनेस सामान्य स्थिति हो सकती है। वहीं, यह अगर किसी गंभीर समस्या या बीमारी (डायबिटीज, कार्पल टनल सिंड्रोम या नस में चोट लगना) के कारण होती है, तो नंबनेस की समस्या गंभीर मानी जा सकती है।

सुन्नता कैसे महसूस होती है?

इससे प्रभावित व्यक्ति हाथों पैरों में जलन, खुजली, झुनझुनी या चुभन महसूस कर सकता है।

हाथों पैरों में सुन्नपन या नंबनेस कब तक रह सकती है?

हाथों पैरों में सुन्नपन या नंबनेस कुछ सेकंड लेकर मिनटों तक रह सकती है।

क्या सुन्नता संक्रमण का संकेत हो सकती है?

कुछ मामलों में इंफेक्शन के कारण पेरिफेरल नर्वस सिस्टम पर दबाव पड़ सकता है। जिसके कारण हाथ-पैर सुन्न हो सकते हैं। इसके अलावा एचआईवी/एड्स जैसे अन्य संक्रमणों के कारण भी हाथ-पैर सुन्न हो सकते हैं (1)

क्या निर्जलीकरण (डिहाइड्रेशन) सुन्नता का कारण बन सकता है?

डिहाइड्रेशन के कारण शरीर में पोटेशियम और सोडियम जैसे इलेक्ट्रोलाइट की कमी हो सकती है (29)। वहीं, शरीर में पोटेशियम और सोडियम की कमी से भी सुन्नपन की समस्या हो सकती है (1)। इस आधार पर हम कह सकते हैं डिहाइड्रेशन के कारण भी हाथ-पैर सुन्न हो सकते हैं।

क्या नींद की कमी के कारण सुन्नता और झुनझुनी हो सकती है?

इससे जुड़ा कोई सटीक वैज्ञानिक शोध उपलब्ध नहीं है, इसलिए अच्छा होगा कि इससे जुड़ी जानकारी डॉक्टर से लें।

हाथ-पैर के सुन्नपन के इलाज के लिए मुझे कौन-से विटामिन लेने चाहिए?

जैसा लेख में हम बता चुकें हैं कि विटामिन बी1, बी6 और बी12 की कमी के कारण सुन्नपन की समस्या हो सकती है। ऐसे में डॉक्टरी सलाह पर इनके सप्लीमेंट लिए जा सकते हैं या इनसे समृद्ध खाद्य पदार्थों का सेवन किया जा सकता है।

मुझे नंबनेस के बारे में कब चिंता करनी चाहिए?

अगर हाथों पैरों में सुन्नपन के साथ थकावट, दर्द या अन्य कोई शारीरिक समस्या सामने आती है, तो यह गंभीर और चिंताजनक स्थिति हो सकती है।

हाथों में नंबनेस से कैसे छुटकारा पाया जा सकता है?

हाथों-पैरों में होने वाली नंबनेस को दूर करने के लिए ऊपर बताए गए घरेलू उपाय अपनाए जा सकते हैं। अगर घरेलू उपायों से लाभ नहीं मिलता है, तो अपनी समस्या डॉक्टर को बताएं और उचित उपचार करवाएं।

Sources

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