Written by , (शिक्षा- एमए इन मास कम्युनिकेशन)

योग ऐसी क्रिया है, जो आपको मानसिक और शारीरिक रूप से सक्षम बनाती है। इससे कार्य करने की क्षमता में सुधार होता है। साथ ही यह कई गंभीर बीमारियों से बचाने में भी मदद करता है। योग को उसके लाभ, विशेषताओं और पड़ने वाले प्रभाव के आधार पर कई भागों में विभाजित किया गया है, जिनमें से एक है हठयोग। स्टाइलक्रेज के इस लेख में हम आपको हठयोग करने का तरीका और हठ योग के लाभ के साथ ही हठयोग क्या है, इसके बारे में विस्तार से बताएंगे। हठयोग का फायदा तभी हो सकता है, जब इसे किसी विशेषज्ञ की देखरेख में किया जाए। साथ ही संतुलित जीवनशैली का पालन किया जाए।

हठयोग के फायदे और प्रकार जानने से पहले आइए हम हठयोग क्या है, थोड़ा इस बारे में जान लेते हैं।

हठयोग क्या है? – What Is Hatha Yoga in Hindi

हठयोग को समझने और समझाने के लिए दो प्रकार की परिभाषाओं को उपयोग में लाया जाता है। इनमें से एक परिभाषा प्राचीन है और एक मॉडर्न यानी नई है। हम आपको दोनों के माध्यम से हठ योग को समझाने की कोशिश करेंगे (1)।

हठयोग की प्राचीन परिभाषा- हठयोग दो शब्दों के मेल से बना है। इसमें ‘ह’ शब्द को सूर्य से जोड़कर देखा जाता है। वहीं ‘ठ’ शब्द को चन्द्र से जोड़ा गया है। इस प्रकार में शरीर में मौजूद चन्द्र (शीतलता का प्रतीक) और सूर्य (ऊर्जा का प्रतीक) की शक्ति को संतुलित करने के उद्देश्य से किए जाने वाले योग को हठयोग कहा जाता है। इसके माध्यम से शरीर को कई तरह की बीमारियों से बचाने की क्षमता प्राप्त होती है।

हठयोग की नई परिभाषा- वहीं, हठयोग की नई परिभाषा की बात करें, तो यह प्राचीन परिभाषा से अलग है। नई परिभाषा के तहत हठ को बल और हिंसा से जोड़कर देखा गया है, यानी योग का ऐसा प्रकार जिसमें कुछ विशेष क्रियाओं के द्वारा शरीर को कष्ट देकर उसे सहने की क्षमता का विकास करना। इसके तहत यह माना जाता है कि कुछ विशेष अभ्यास के माध्यम से शरीर की सहनशक्ति को बढ़ाकर आत्मशक्ति (प्रतिरोधक क्षमता) को बढ़ाने में मदद मिलती है।

हठयोग क्या है, यह जानने के बाद अब हम हठ योग के फायदे के बारे में बात करेंगे।

हठयोग के फायदे – Benefits of Hatha Yoga in Hindi

हठ योग के फायदे कई हैं, जिनमें से कुछ के बारे में हम आपको बता रहे हैं।

1. प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाए

माना जाता है कि हठयोग के माध्यम से शरीर की कई विशेष ग्रंथियां उत्तेजित होती हैं और वह शरीर के लिए लाभकारी हार्मोन्स को बढ़ाने में मदद कर सकती हैं। इस तरह शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ सकती है और शरीर कई गंभीर बीमारियों से खुद को बचाने में सक्षम हो सकता है (1)।

2. तनाव को करे दूर

योग को तनाव दूर करने का एक उत्तम विकल्प माना गया है। वहीं, हठ योग भी मन को शांत करता है। यह चिंता और तनाव जैसे मानसिक समस्याओं से मुक्ति दिलाने में मदद करता है (1)।

3. तंत्रिका तंत्र को करे ठीक

मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य के साथ-साथ हठ योग के फायदे में तंत्रिका तंत्र को ठीक करना भी शामिल है। इसके अभ्यास से रक्त संचार में सुधार होता है, जिससे नसों के तनाव में कमी आ सकती है (1)।

4. हड्डियों की मजबूती के लिए

हड्डियों के लिए भी हठ योग के लाभ माने गए हैं। इसके माध्यम से हड्डियां मजबूत होती हो सकती हैं। साथ ही यह हड्डियों से संबंधित विकार जैसे ऑस्टियोपोरोसिस (हड्डियों का कमजोर होना) को दूर करने में सहायक माना जाता है (2)।

5. पीठ दर्द में दिलाए राहत

हठ योग हड्डियों के घनत्व को बढ़ाकर उन्हें मजबूती प्रदान करने में मदद करता है (2)। साथ ही यह मांसपेशियों से संबंधित दर्द को दूर करने में भी सहायक साबित हो सकता है (1)। ये दोनों ही पीठ दर्द का कारण हो सकते हैं, इसलिए यह कहा जा सकता है कि हठयोग के माध्यम से पीठ दर्द से छुटकारा पाया जा सकता है।

6. हृदय स्वास्थ्य के लिए लाभदायक

हृदय स्वास्थ्य के लिए भी हठयोग को लाभदायक माना गया है। दरअसल, यह ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने और दिल की धड़कन को संतुलित करने के साथ-साथ वजन को कम करने में भी सहायक हो सकता है। ये तीनों ही हृदय संबंधी बीमारियों के लिए बड़े जोखिम कारक माने गए हैं। इस कारण यह कहना गलत नहीं होगा कि हृदय स्वास्थ्य को बनाए रखने में हठयोग फायदेमंद साबित हो सकता है (1)।

7. बेदाग और दमकती त्वचा के लिए

हठयोग का अभ्यास तनाव को कम कर साइटोकिन नामक हार्मोन का उत्पादन करता है, तो त्वचा को रिपेयर कर उसे बेदाग और चमकदार बनाने में मदद करता है (1)। इस कारण यह कहना गलत नहीं होगा कि त्वचा स्वास्थ्य के लिए भी हठ योग के लाभ हासिल किए जा सकते हैं।

हठ योग के फायदे के बाद अब हम आपको इसके कुछ प्रकार के साथ हठयोग करने का तरीका भी बताएंगे।

हठयोग में किए जाने वाले योगासन – Types of Yogasana for Hatha Yoga in Hindi

हठयोग करने का तरीका जानने के लिए इससे संबंधित कुछ आसनों को जानना जरूरी है। आइए, इससे संबंधित आसान और उन्हें करने की प्रक्रिया के बारे में थोड़ा जान लेते हैं।

1. वृक्षासन (ट्री-पोज)

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करने का तरीका:
  • सबसे पहले आप योग मैट बिछाकर सीधे खड़े हो जाएं।
  • अब आप अपने दोनों पैरों के बीच की जगह को कम करें।
  • अब अपने दाएं पैर को मोड़ते हुए उठाएं और दाएं हाथ से पंजे को पकड़ लें।
  • अब पंजे को हाथ से सहारा देते हुए उसे बाएं पैर के ऊपरी भाग यानी जांघ पर रखें।
  • ध्यान रहे, ऐसा करते वक्त आपका मुड़ा हुआ पैर बाएं पैर के साथ समकोण बना रहा हो।
  • अब दोनों हाथों को छाती के पास लाकर नमस्कार की मुद्रा में आ जाएं।
  • अब हाथों को जोड़े रखकर छाती से धीरे-धीरे ऊपर उठाते हुए सिर के ऊपर ले जाएं।
  • ध्यान रहे कि सिर के ऊपर हाथ जाने की स्थिति में आपकी दोनों भुजाएं कान को स्पर्श करें।
  • जितना हो सके कुछ मिनट तक इस अवस्था में बने रहने का प्रयास करें।
  • बाद में अपनी प्रारंभिक अवस्था में वापस लौट आएं और इस प्रक्रिया को बाएं पैर के साथ फिर दोहराएं।
  • इस तरह इस आसन का एक चक्र पूरा होता है।
  • एक बार में इस आसन के करीब चार से पांच चक्र दोहराएं जा सकते हैं।

2. ताड़ासन (माउंटेन पोज)

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करने का तरीका:
  • सबसे पहले आप योग मैट बिछाकर सीधे खड़े हो जाएं।
  • ध्यान रहे कि इस स्थिति में आपकी गर्दन और कमर एक दम सीधी रहे।
  • अपने दोनों हाथों की उंगलियों को आपस में फंसाकर सिर के ऊपर तक ले जाएं।
  • अब दोनों हथेलियों को आसमान की तरफ करें।
  • फिर अपनी उंगलियों के सहारे पूरे शरीर में खिंचाव पैदा करने का प्रयास करें और एड़ियों को ऊपर उठाएं।
  • सुनिश्चित करें कि ऐसा करते वक्त आपका संतुलन पैरों के पंजों पर रहे।
  • अब इस अवस्था में कुछ मिनट तक बने रहने का प्रयास करें और सामान्य रूप से सांस लेते रहें।
  • इस तरह इस अभ्यास का एक चक्र पूरा होता है।
  • इस आसान के तीन से चार चक्र दोहराएं जा सकते हैं।

3. अधोमुख श्वानासन (डाउनवर्ड-फेसिंग डॉग पोज)

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करने का तरीका:
  • योग मैट बिछाकर सबसे पहले आप वज्रासन में बैठ जाएं।
  • इसके बाद आप आगे की ओर झुकें और हथेलियों को जमीन पर सटाएं।
  • अब गहरी सांस छोड़ते हुए घुटनों को सीधा करें और कमर को ऊपर उठाएं।
  • अब हाथों पर हल्का जोर देते हुए शरीर को थोड़ा पीछे ले जाएं।
  • आप जितना संभव हो सके कमर को ऊपर उठाने की कोशिश करें।
  • ऐसा करते वक्त प्रयास करें कि आपकी एड़ियां जमीन से सटी रहें।
  • अब इसी स्थिति में बने रहकर अपनी नाभि की ओर देखें।
  • इस दौरान शरीर का पूरा वजन आपके हाथों और पैरों पर होना चाहिए।
  • कुछ सेकंड के लिए इसी अवस्था में बने रहने का प्रयास करें और धीरे-धीरे सांस लेते रहें।
  • अंत में गहरी सांस छोड़ते हुए घुटनों को मोड़ें और प्रारंभिक अवस्था में आ जाएं।

4. बद्ध कोणासन (कॉबलर पोज)

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करने का तरीका:
  • सबसे पहले योग मैट बिछाएं और दोनों पैरों को आगे की ओर फैलाकर बैठ जाएं।
  • ध्यान रहे कि इस अवस्था में आपकी कमर बिल्कुल सीधी रहे।
  • अब अपने दोनों घुटनों से मोड़ते हुए पंजों को शरीर के पास तक लाएं।
  • फिर दोनों हाथों की उंगलियों को आपस में फंसाकर पंजों को पकड़ लें और एड़ियों को आपस में मिलाते हुए घुटनों को जमीन के साथ स्पर्श करने का प्रयास करें।
  • ध्यान रहे, ऐसा करते वक्त आप अपने हाथों से दबाव देकर घुटनों को जमीन पर छुआने का प्रयास न करें।
  • जांघ पर जोर देते हुए जितना हो सके घुटनों को जमीन तक ले जाने का प्रयास करें।
  • इस अवस्था में सुनिश्चित करें कि आपकी कमर, गर्दन और रीढ़ बिल्कुल सीधी रहे और कंधे सीधे व पीछे की ओर खिचे हुए हों।
  • अब आप इस मुद्रा में कुछ मिनट तक बने रहने का प्रयास करें।
  • अंत में आप अपनी प्रारंभिक स्थिति में वापस आ जाएं।

5. पश्चिमोत्तासन (सीटेड फॉरवर्ड बेंड पोज)

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करने का तरीका:
  • योग मैट बिछाएं और पैरों को आगे की ओर फैलाकर बैठ जाएं।
  • सुनिश्चित करें की इस स्थिति में आपके पैर आपस में सटे हों और घुटने सीधे रहें।
  • इस दौरान गर्दन, रीढ़ और सिर बिलकुल सीधे रहेंगे।
  • अब धीरे-धीरे सांस छोड़ते हुए आप आगे की ओर झुकें और हथेलियों को पैरों की उंगलियों तक ले जाएं।
  • ध्यान रहे, ऐसा करते वक्त आपके पैर सीधे रहें।
  • अब दोनों हाथों से अपने पैरों के अंगूठों को पकड़ने और सिर को घुटनों से सटाने का प्रयास करें।
  • फिर जितना संभव हो, कुछ समय के लिए इसी अवस्था में बने रहने का प्रयास करें।
  • अंत में एक गहरी सांस लेते हुए अपनी प्रारंभिक स्थिति में वापस आ जाएं।

6. सेतु बंधासन (ब्रिज पोज)

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करने का तरीका:
  • आप सबसे योग मैट बिछाकर पहले जमीन पर पीठ के बल लेट जाएं।
  • फिर घुटनों को मोड़ें और अपने पैरों को कूल्हों के नजदीक लाएं।
  • फिर दोनों हाथों को टखनों पर रख उन्हें कसकर पकड़ लें।
  • बाद में एक गहरी सांस लेते हुए कमर को जमीन से ऊपर उठाने का प्रयास करें।
  • इस अवस्था में आने के बाद अपनी ठुड्डी को छाती से लगाएं।
  • अब कुछ मिनट के लिए इसी अवस्था में बने रहने का प्रयास करें और सामान्य गति से सांस लेते रहें।
  • अंत में एक गहरी सांस छोड़ते हुए अपनी प्रारंभिक स्थिति में वापस आ जाएं।

7. बालासन (चाइल्ड पोज)

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करने का तरीका:

  • सबसे पहले आप योग मैट बिछाएं और वज्रासन में बैठ जाएं।
  • अब एक गहरी सांस लेते हुए अपने दोनों हाथों को ऊपर उठाते हुए सिर के ऊपर तक ले जाएं।
  • इसके बाद सांस छोड़ते हुए आगे की ओर झुक जाएं।
  • ध्यान रहे कि आगे की ओर झुकते समय जोर आपके कूल्हों के जोड़ पर आए न कि कमर पर।
  • साथ ही यह भी सुनिश्चित करें कि इस दौरान आपकी हथेलियां, सिर और कोहनी तीनों जमीन को स्पर्श कर रही हों।
  • अब आपने बालासन की मुद्रा हासिल कर ली है। कुछ मिनट तक इसी मुद्रा में बने रहें और धीरे-धीरे सांस लेते रहें।
  • फिर एक गहरी सांस लेते हुए आराम से उठें और हाथों को सिर के ऊपर ले जाएं।
  • इसके बाद अपने हाथों को धीरे से अपनी जांघों पर लाएं और कुछ देर आराम करें।
  • अंत में अपनी प्रारंभिक स्थिति में वापस आ जाएं।

हठयोग करने का तरीका और इसमें अपनाए जाने वाले आसनों को जानने के बाद अब हम इससे संबंधित कुछ सावधानियों के बारे में जानेंगे।

हठयोग के लिए कुछ सावधानियां – Precautions for Hatha Yoga In Hindi

हठयोग को करते वक्त कुछ अहम बातों को ध्यान में रखना चाहिए, जो निम्न प्रकार से हैं।

  • अगर कमर, हाथ या जोड़ों में दर्द की समस्या हो तो हठयोग का अभ्यास न करें।
  • मांसपेशियों में खिंचाव या दर्द होने पर आपको इसके अभ्यास से दूर रहना चाहिए।
  • किसी प्रकार की सर्जरी हुई हो, तो हठयोग को बिल्कुल भी न करें।
  • अगर आप पहली बार इस योग का अभ्यास करने जा रहे हैं, तो प्रशिक्षक की मौजूदगी में ही इसे करें।
  • गर्भवती महिलाओं को हठयोग करने से बचना चाहिए।
  • हठयोग में आप शारीरिक क्रियाओं और सांस लेने की प्रक्रिया पर विशेष ध्यान दें।

अब तो आप हठयोग क्या है, इस बारे में अच्छी तरह से जान गए होंगे। साथ ही आपको इसके आसनों और लाभ से जुड़ी जानकारी भी हासिल हो गई होगी। हठ योग के लाभ जान अगर आप भी इसे अपनी दिनचर्या में शामिल करना चाहते हैं, तो लेख में सुझाए गए हठयोग करने के तरीके बताई गई समस्याओं में काफी हद तक मदद कर सकते हैं। बस इस बात का ध्यान जरूर रखें कि किसी भी समस्या के इलाज के लिए डॉक्टरी परमर्श बहुत जरूरी है। योग स्वस्थ रखने में मदद कर सकता है, लेकिन इसके साथ संतुलित आहार का सेवन करना भी जरूरी है। साथ ही हमेशा योग्य योग प्रशिक्षक की देखरेख में ही इसे करना चाहिए। इस विषय से जुड़ा कोई अन्य सुझाव या सवाल हो तो आप उसे नीचे दिए कमेंट बॉक्स के माध्यम से हम तक पहुंचा सकते हैं।

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

क्या हठयोग का अभ्यास करने के लिए मुझे शाकाहारी होना चाहिए?

शाकाहार और मांसाहार करना आपका निजी फैसला है। इससे योग या हठयोग का कोई लेना देना नहीं है। योग महज एक शारीरिक अभ्यास है, जो आपको शारीरिक और मानसिक शक्ति को बढ़ाने के लिए किया जाता है। हां, यह जरूर है कि योग में खान-पान पर संतुलन बनाने की बात कही जाती है।

सप्ताह में कितनी बार मैं हठयोग का अभ्यास कर सकता हूं?

आप एक घंटे के सत्र से इसे शुरू कर सकते हैं, जिसमें कई आसनों को कुछ समय के अंतराल पर दोहराया जा सकता है। वहीं सप्ताह में आप इसका दो से तीन पर अभ्यास कर सकते हैं। अच्छा होगा इस विषय में किसी योग प्रशिक्षक से बात करें।

हठयोग अन्य शारीरिक व्यायामों से कैसे अलग है?

हठयोग अन्य शारीरिक व्यायामों से बिलकुल अलग है, क्योंकि इसका अभ्यास आपको न केवल शारीरिक, बल्कि मानसिक रूप से भी सक्षम बनाकर कई बीमारियों से लड़ने की ताकत देता है।

हठयोग का अभ्यास करने से 2-3 घंटे पहले हमें खाना क्यों बंद करना पड़ता है?

हठ योग में स्ट्रेचिंग, ट्विस्टिंग और आगे-पीछे झुकना जैसी कई शारीरिक क्रियाएं शामिल हैं, जिनसे पेट पर दबाव पैदा होता है। ऐसे में अगर आपका खाना ठीक से पचा नहीं हो, तो आपको उल्टी या मतली की समस्या हो सकती है। इस कारण योगाभ्यास से दो या तीन घंटे पहले से कुछ भी न खाने की सलाह दी जाती है।

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