Written by , (शिक्षा- बैचलर ऑफ जर्नलिज्म एंड मीडिया कम्युनिकेशन)

खराब खानपान, बिगड़ती दिनचर्या और लापरवाही के कारण कई तरह की स्वास्थ्य समस्याएं होती हैं। इन्हीं समस्याओं में से एक हर्निया भी है। यह शारीरिक परेशानी अचानक नहीं, बल्कि कुछ पुरानी बीमारी, खराब दिनचर्या या अनुचित खानपान के कारण धीरे-धीरे पनपती है। अगर इसपर भी ध्यान न दिया जाए, तो समस्या और भी गंभीर हो जाती है। ऐसे में हर्निया से जुड़ी सभी जरूरी जानकारी के बारे में पता होना चाहिए। इसी मकसद के साथ स्टाइलक्रेज के इस आर्टिकल में हमने हर्निया के कारण, लक्षण और हर्निया के इलाज के बारे में बताया है। यहां हर्निया बीमारी के डॉक्टरी इलाज के साथ ही इसके लक्षणों को कुछ कम करने के लिए हर्निया के घरेलू उपाय की भी जानकारी दी गई है।

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आर्टिकल में सबसे पहले जानते हैं कि हर्निया क्या है।

हर्निया क्या है – What is Hernia in Hindi

हर्निया एक चिकित्सकीय स्थिति है। मेडिकल भाषा में बात करें, तो हर्निया एक तरह की थैली (Sac) है, जो एब्डोमिनल कैविटी (पेरिटोनियम) से बनती है। यह सैक बैली वॉल के किसी छेद से या कमजोर हिस्से से बाहर निकलती है, जो मांसपेशियों को घेरे रहती है (1)। इस बाहर निकले अंग को हर्निया कहा जाता है। हर्निया को कमजोर मांसपेशियों और स्ट्रेनिंगस यानी जोर लगाने का संयोजन माना जाता है, इसलिए भारी चीजें उठाने वालों को हर्निया का जोखिम रहता है (2)।

पढ़ते रहिए लेख

हर्निया क्या है के बाद आगे जानिए कि हर्निया के प्रकार क्या-क्या हो सकते हैं।

हर्निया के प्रकार – Types of Hernia in Hindi

हर्निया के कई प्रकार हैं, जिनके बारे में हम आगे विस्तार से बता रहे हैं (3)।

  • इनगुइनल हर्निया – इस तरह का हर्निया पेट और जांघ के मध्य वाले भाग (Groin) के कमजोर हिस्से में होता है। यह हर्निया का सबसे आम प्रकार है, जो अधिकतर पुरुषों को प्रभावित करता है।
  • फेमोरल हर्निया – इस प्रकार का हर्निया ग्रोइन (Groin) के पास जांघ के ऊपर वाले हिस्से में होता है। यह हर्निया महिलाओं को ज्यादा होता है।
  • इनसीजनल हर्नियापेट की पहले कभी सर्जरी हई है, तो इनसीजनल हर्निया होने का जोखिम बढ़ सकता है। सर्जरी के कारण पेट की मांसपेशी कमजोर हो जाती है, जो इस प्रकार के हर्निया का कारण बन सकती है।
  • अम्बिलिकल हर्निया – यह हर्निया नाभि के पास एब्डॉमिनल वॉल के कमजोर भाग में होता है। अम्बिलिकल हर्निया शिशु और अधिक वजन वाले लोगों को होना आम है।
  • एपीगैस्ट्रिक हर्निया – इस प्रकार का हर्निया ब्रेस्ट बोन और नाभि के मध्य एब्डॉमिनल वॉल को प्रभावित करता है।
  • डायफ्रेग्मेटिक हर्निया– यह हर्निया थोड़ा अलग होता है, क्योंकि यह बाहर की ओर नहीं दिखता है। इस हर्निया के दौरान डायाफ्राम (फेफड़ों और हृदय के ठीक नीचे स्थित गुंबद आकार की मांसपेशी) का अंतराल (गैप) बढ़ जाता है। साथ ही पेट का कुछ हिस्सा चेस्ट की तरफ बढ़ने लगता है।

लक्षण पढ़ें

अब हम आपको बता रहे हैं कि हर्निया के लक्षण क्या-क्या हो सकते हैं।

हर्निया के लक्षण – Symptoms of Hernia in Hindi

हर्निया के शुरुआती लक्षण की जानकारी से इससे बचाव और इलाज में मदद मिल सकती है। नीचे जानिए कि हर्निया होने पर क्या संकेत नजर आते हैं (3) (1):

  • पेट दर्द
  • सीने में जलन
  • पेट में दबाव या खिंचाव
  • पाचन की समस्या
  • मतली
  • उल्टी
  • निगलने में परेशानी
  • सांस लेने में दिक्कत
  • गैस पास करने में समस्या होना
  • मल त्यागने में कठिनाई

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हर्निया के लक्षण के बाद हर्निया के कारण को जानने के लिए लेख के अगले भाग को पढ़ें।

हर्निया के कारण – Causes of Hernia in Hindi

हर्निया के शुरुआती लक्षण की जानकारी के बाद हम हर्निया के कुछ कारण बता रहे हैं। हर्निया के कारण और जोखिम कारक दोनों में काफी समानता है, जिनकी चर्चा हम लेख में आगे करेंगे (3) (1)।

  • ऊतक और मांसपेशियों का कमजोर होना
  • वजन बढ़ना
  • तनाव के कारण हर्निया का आकार बढ़ना
  • गर्भावस्था
  • पुराना कब्ज
  • पुरानी खांसी
  • सिस्टिक फाइब्रोसिस यानी फेफड़ों और पाचन तंत्र संबंधी आनुवंशिक बीमारी
  • बढ़े हुए प्रोस्टेट
  • पेशाब करते समय जोर लगाना
  • अतिरिक्त भार उठाना
  • पेट में तरल पदार्थ का इकट्ठा होना (Ascites)
  • पेरिटोनियल डायलिसिस यह रक्त से अपशिष्ट उत्पादों को हटाने का एक तरीका है
  • खराब पोषण
  • धूम्रपान
  • क्षमता से अधिक कार्य करना
  • अंडकोष की समस्या होने पर

लेख में बने रहिए

नीचे जानिए इस समस्या को कम करने वाले कुछ हर्निया के देसी इलाज और घरेलू नुस्खे।

हर्निया के लिए घरेलू उपाय – Home Remedies for Hernia in Hindi

हर्निया से बचाव के लिए कुछ घरेलू उपचार की मदद ली जा सकती है। इसी वजह से आगे हम हर्निया के घरेलू उपचार के बारे में बता रहे हैं। बस ध्यान दें कि ये हर्निया के देसी इलाज डॉक्टरी ट्रीटमेंट का विकल्प नहीं हैं। हां, हर्निया के लक्षणों को कम करने और इसकी चपेट में आने से बचने के लिए इन घरेलू उपचार की मदद ली जा सकती है।

1. एलोवेरा

सामग्री:

  • एलोवेरा जूस

उपयोग की विधि:

  • खाना खाने के लगभग 15 से 20 मिनट पहले आधा कप एलोवेरा जूस पी लें।
  • दिन में एक से दो बार इसका सेवन करें।

कैसे है लाभदायक:

हर्निया (इनगुइनल हर्निया) होने के कारणों में कब्ज भी शामिल है (4)। ऐसे में एलोवेरा जूस का उपयोग करके कब्ज की समस्या को दूर किया जा सकता है। दरअसल, एलोवेरा में लेक्सेटिव गुण होता है, जो मल निकासी में मदद कर सकता है (5)। ऐसे में कहा जा सकता है कि एलोवारा कब्ज जैसी समस्या को दूर करके हर्निया के जोखिम से बचा सकता है

इसके अलावा, एलोवेरा का उपयोग हर्निया की सर्जरी के बाद घाव भरने के लिए भी किया जा सकता है। एलोवेरा के अर्क में मौजूद एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटी-माइक्रोबियल प्रभाव के कारण यह सर्जरी के घाव को भरने में मददगार माना जाता है (6)।

2. बेकिंग सोडा

सामग्री:

  • आधा चम्मच बेकिंग सोडा
  • एक गिलास पानी

उपयोग की विधि:

  • एक गिलास पानी में आधा चम्मच बेकिंग सोडा घोलकर पी लें।
  • दिन में एक बार इसका उपयोग कर सकते हैं।
  • उच्च रक्तचाप की स्थिति में इसका सेवन करने से परहेज करना चाहिए।

कैसे है लाभदायक:

हर्निया की समस्या में बेकिंग सोडा का उपयोग किया जा सकता है। दरअसल, बेकिंग सोडा एंटासिड की तरह कार्य करके शरीर के एसिड को न्यूट्रलाइज करता है। इसके परिणाम स्वरूप अपच से भी राहत मिल सकती है (7)। अपच को हर्निया का शुरुआती लक्षण और कारण दोनों ही माना जाता है (3)। ऐसे में एक गिलास पानी में आधा चम्मच बेकिंग सोडा मिलाकर पी सकते हैं (7)। बस ध्यान दें कि इसका ज्यादा इस्तेमाल करने से कई शारीरिक परेशानियां हो सकती हैं, इसलिए इसका उपयोग संभल कर करें।

3. दालचीनी

सामग्री:

  • आधा चम्मच दालचीनी पाउडर
  • एक कप पानी

उपयोग की विधि:

  • पानी में दालचीनी पाउडर को मिलाकर पानी गर्म करें।
  • बर्तन को ढककर कुछ मिनट के लिए उबलने दें।
  • फिर इसे चाय की तरह सेवन करें।
  • दालचीनी को आप दैनिक भोजन में कभी भी दिन में दो बार दे सकते हैं।

कैसे है लाभदायक:

दालचीनी के उपयोग से हर्निया की समस्या से राहत पाई जा सकती है। दरअसल, कब्ज हर्निया का कारण हो सकता है। ऐसे में उच्च फाइबर युक्त खाद्य पदार्थ से कब्ज की समस्या को दूर करके हर्निया से बचा जा सकता है (4)। दरअसल, दालचीनी में फाइबर की भरपूर मात्रा में पाई जाती है (8)। दालचीनी का उपयोग हर्निया में किया जा सकता है, लेकिन इस पर प्रत्यक्ष शोध उपलब्ध नहीं है।

4. सेब का सिरका

सामग्री:

  • एक चम्मच सेब का सिरका
  • एक गिलास पानी

उपयोग की विधि:

  • पानी को हल्का गर्म करके सेब का सिरका मिला लें।
  • फिर इसे खाने से लगभग 5 मिनट पहले पी लें।
  • दिन में एक बार इसका सेवन किया जा सकता है।

कैसे है लाभदायक:

सेब का सिरका पेट की समस्या को राहत पहुंचाने में मदद करता है। भोजन से ठीक पहले लिया गया सेब के सिरके की छोटी सी मात्रा पाचन को सुधारने वाले जूस यानी डाइजेस्टिव जूस के उत्पादन को बढ़ा सकता है (9)। इससे हर्निया के पेट संबंधी लक्षणों को दूर करने में मदद मिल सकती है। वैसे सीधे तौर पर सेब का सिरका हर्निया के लिए कितना कारगर होगा, इस पर सटीक वैज्ञानिक प्रमाण उपलब्ध नहीं है।

5. गर्म पानी

सामग्री:

  • एक गिलास पानी

उपयोग की विधि:

  • पानी को गुनगुना करके पी लें।
  • प्रतिदिन सुबह इस उपाय का पालन करें।

कैसे है लाभदायक:

सुबह उठकर गर्म पानी पीने के लाभ में पेट को साफ रखना भी शामिल। ऐसा करके गर्म पानी कब्ज को कुछ कम कर सकता है। जी हां, इससे मल त्याग में आसानी होती है और कब्ज की परेशानी से राहत मिल सकती है (10)। हम ऊपर बता ही चुके हैं कि हर्निया कब्ज व पेट में समस्या के कारण होता है। ऐसे में सुबह गर्म पानी के सेवन को हर्निया में फायदेमंद माना जाता है

6. कैमोमाइल चाय

सामग्री:

  • एक चम्मच कैमोमाइल पाउडर
  • एक कप पानी
  • शहद वैकल्पिक

उपयोग की विधि:

  • पानी में कैमोमाइल पाउडर मिलाकर तीन से चार मिनट तक गर्म करें।
  • फिर इसे छानकर इसमें शहद मिलाकर पी लें।
  • दिन में दो बार इसका उपयोग किया जा सकता है।

कैसे है लाभदायक:

एक अध्ययन के अनुसार, कैमोमाइल चाय का उपयोग गैस्ट्रिक समस्या के लिए किया जा सकता है, क्योंकि इसमें फ्लेवोनोइड्स होते हैं। फ्लेवोनोइड्स में गैस्ट्रिक प्रोटेक्टिव प्रभाव होता है (11)। इससे हर्निया की समस्या से निपटने में मदद मिल सकती है।

इसके अलावा, कैमोमाइल टी का उपयोग पारंपरिक रूप से पाचन विकार, पेट की खराबी, पेट फूलने की समस्या के लिए किया जाता रहा है। साथ ही इसमें एंटासिड प्रभाव भी होता है, जो एसिडिटी की समस्या में फायदेमंद हो सकता है (12)। इनमें से कुछ हर्निया के लक्षण और कुछ इसके कारण हैं, इसलिए इसे हर्निया के लिए फायदेमंद माना जाता है।

7. अदरक

सामग्री:

  • आवश्यकतानुसार अदरक
  • एक कप पानी
  • शहद (वैकल्पिक)

उपयोग की विधि:

  • अदरक कूटकर पानी में डालें।
  • अब पानी को तीन से चार मिनट उबालें।
  • समय पूरा होने पर इसे छानें और शहद मिला लें।
  • इस मिश्रण का सेवन दिन में दो बार कर सकते हैं।

कैसे है लाभदायक:

अदरक का उपयोग हर्निया के इलाज में मददगार हो सकता है। अदरक को एसिडिटी और अपच की समस्या में लाभकारी माना जाता है (13)। इसके अलावा, अदरक में एंटीएमेटिक यानी कि मतली और उल्टी को रोकने वाला प्रभाव भी पाया जाता है, जो हार्निया का एक लक्षण है (14)। ऐसा में कहा जा सकता है कि अदरक हर्निया के लक्षणों को ठीक करने में प्रभावी हो सकता है।

जोखिम कारक जानिए

हर्निया के घरेलू उपचार के बाद आगे पढ़िए कि हर्निया के जोखिम कारक क्या-क्या हैं।

हर्निया के जोखिम कारक – Risk Factors of Hernia in Hindi

कई ऐसे कारक हैं, जो हर्निया के खतरे को बढ़ाते हैं। ये जोखिम कारक कुछ इस प्रकार हैं (3):

  • भारी वजन उठाना
  • गर्भावस्था
  • कब्ज
  • मोटापा
  • सर्जरी या चोट प्रभावित क्षेत्र
  • धूम्रपान

आगे और जानकारी है

हर्निया के जोखिम कारकों के बाद जानते हैं कि हर्निया का निदान किस प्रकार से किया जा सकता है।

हर्निया का निदान कैसे किया जा सकता है – How To Diagnose Hernia in Hindi

हर्निया की स्थिति का निदान करने के लिए सबसे पहले शारीरिक जांच की जाती है। इस दौरान, डॉक्टर पेट या कमर क्षेत्र में उभार की जांच करते है, जो व्यक्ति के खड़े होने, खांसने या खिंचाव होने पर बड़ा हो सकता है। साथ ही नीचे दिए गए तरीकों को भी डॉक्टर अपना सकते हैं (1)।

  • शारीरिक परीक्षण के समय शिशुओं और बच्चों में हर्निया आसानी से नहीं दिखता है। इसी वजह से डॉक्टर बच्चे की जांच तब करते हैं, जब वो दर्द के कारण रोता है या खांसता है।
  • अल्ट्रासाउंड से भी हर्निया की समस्या का पता लगाया जा सकता है
  • सीटी स्कैन के जरिए भी हर्निया का निदान किया जा सकता है।
  • यदि हर्निया की वजह से आंतों में ब्लॉकेज होती है, तो डॉक्टर पेट का एक्स-रे करने की सलाह दे सकते हैं।

नीचे पढ़ें इलाज

लेख के अगले भाग में हम हर्निया के लिए कुछ और इलाज के बारे में बताएंगे।

हर्निया का इलाज – Treatment of Hernia in Hindi

अगर घरेलू उपचार का उपयोग करके हर्निया की समस्या दूर नहीं हो रही है, तो डॉक्टरी इलाज का सहारा भी ले सकते हैं। इन्हें हम नीचे बिंदुओं के माध्यम से बता रहे हैं:

  • दवाई का उपयोग : हर्निया के लक्षणों से आराम पाने के लिए दवाओं का भी उपयोग किया जा सकता है। दवाई पेट में एसिड और एसिड रिफ्लक्स के लक्षणों को कम करने का काम कर सकती हैं। इन दवाइयों में एंटासिड, एच-2 रिसेप्टर ब्लॉकर्स एंटाजोनिस्ट और प्रोटीन पंप इन्हिबिटर दवाएं शामिल हैं (15)।
  • सर्जरी : हर्निया का अंतिम उपचार सर्जरी से किया जाता है। सर्जरी के दौरान हर्निया को शरीर से अलग कर दिया जाता है। साथ ही पेट की मांसपेशियों को मजबूत करने और हर्निया को वापस आने से रोकने के लिए सिंथेटिक जाल भी लगाया जा सकता है (3)।

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हर्निया के उपचार के बाद जानते हैं कि हर्निया में क्या खाएं और क्या नहीं।

हर्निया में क्या खाना चाहिए – What to eat / What to Avoid during Hernia in Hindi

हर्निया के दौरान कुछ ऐसे खाद्य हैं, जिनका सेवन करने से इस समस्या से निजात पाने में मदद मिल सकती है। खासकर, हर्निया होने पर लो-एसिड और फाइबर युक्त खाद्य पदार्थ को डाइट में शामिल करना चाहिए (16) (17)।

  • सलाद पत्ते (Lettuce)
  • गाजर
  • पालक
  • शतावरी
  • मशरूम
  • कद्दू
  • आलू
  • ब्रोकली
  • सेब और केले
  • नाशपाती
  • अंजीर
  • ब्राउन राइस
  • पॉपकॉर्न

हर्निया के दौरान कुछ खाद्य पदार्थों से परहेज करना भी जरूरी है। यहां हम ऐसे खाद्य पदार्थों के बारे में बता रहे हैं, जिनका सेवन नहीं करना चाहिए :

  • मसालेदार या तले हुए खाद्य पदार्थ
  • सोडियम में उच्च खाद्य पदार्थ
  • अल्कोहल
  • कैफीन युक्त पेय
  • कोल्ड ड्रिंक
  • फास्ट फूड
  • मांस
  • उच्च वसा वाले आहार
  • लहसुन और प्याज

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आर्टिकल के सबसे आखिर में हम बता रहे हैं कि हर्निया से कैसे बचा जा सकता है।

हर्निया से बचने के उपाय – Prevention Tips for Hernia in Hindi

कुछ उपाय का सहारा लेकर हर्निया की समस्या को दूर रखा जा सकता है, जो कुछ इस प्रकार है (3):

  • अपने वजन का खास ध्यान रखें।
  • धूम्रपान से बचें।
  • भारी वजन उठाने से बचें
  • मसालेदार खाद्य पदार्थों से बचें।

अब आप समझ ही गए होंगे कि हर्निया किस तरह की बीमारी है और इससे बचाव के लिए कौन-कौन से घरेलू उपचार का सहारा लिया जा सकता है। इस लेख में हमने हर्निया की समस्या में किस तरह के आहार फायदेमंद हैं, इसकी भी जानकारी दी है। बेशक, हर्निया गंभीर बीमारी है, लेकिन जरूरी सावधानी और खान-पान पर नियंत्रण रखकर इस समस्या से बचा जा सकता है। यदि किसी को हर्निया की समस्या हो गई है, तो घरेलू उपाय के साथ ही हर्निया के उपचार के लिए डॉक्टर से भी जरूर संपर्क करें।

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

हर्निया की सर्जरी में कितना समय लगता है?

हर्निया की सर्जरी में आमतौर पर 30 से 45 मिनट लग सकते हैं। सर्जरी के बाद 4 से 6 सप्ताह तक भारी सामान को उठाने और मेहनत वाली गतिविधियों से बचना चाहिए।

हर्निया कब तक रह सकता है?

हर्निया अपने आप ठीक नहीं होता है। इसे डॉक्टर द्वारा दी गई दवाई या सर्जरी की मदद से ठीक किया जा सकता है। इसका जितनी जल्दी इलाज होगा उतनी जल्दी इस परेशानी को दूर किया जा सकता है।

क्या व्यायाम से हर्निया को ठीक कर सकते हैं?

नहीं, व्यायाम या फिर कोई भी मेहनत वाली गतिविधि हर्निया की स्थिति को बिगाड़ सकती है।

स्पोर्ट्स हर्निया क्या है?

फुटबॉल, क्रिकेट, रग्बी, आइस हॉकी के कारण पेट के निचले हिस्से यानी पेल्विक में मुड़ने और चोट लगने के कारण होने वाले हर्निया को स्पोर्ट्स हर्निया कहा जाता है (18)।

हर्निया कितना गंभीर हो सकता है?

यदि समय पर हार्निया का उपचार न किया जाए, तो समय के साथ यह और बड़ा हो सकता है। कुछ मामलों में इसके कारण आंतों में रुकावट होना, गंभीर दर्द, मतली और उल्टी हो सकती है (3)।

इनगुइनल हर्निया होने पर मुझे किन खाद्य पदार्थों से बचना चाहिए?

मसालेदार, अम्लीय, तले हुए, कैफीन युक्त व कार्बोनेटेड खाद्य पदार्थों और पेय वंक्षण हर्निया से जुड़े लक्षणों को खराब कर सकते हैं। ऐसे खाद्य व पेय पदार्थों से बचना चाहिए। इसके अलावा, यह भी जान लें कि सर्जरी के बिना वंक्षण हर्निया का उपचार काफी मुश्किल है।

क्या शिशुओं में हर्निया दूर हो जाता है?

हां, शिशुओं में सर्जरी के माध्यम से हर्निया की समस्या को दूर किया जा सकता है (19)।।

Sources

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