हाई प्रोटीन डाइट और उसके फायदे – High Protein Diet in Hindi

Written by , MA (Mass Communication) Anuj Joshi MA (Mass Communication)
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शरीर के बेहतर विकास के लिए पोषक तत्वों से भरपूर आहार की आवश्यकता होती है। इस कारण डॉक्टर भी शरीर को स्वस्थ और तंदुरुस्त रखने के लिए संतुलित भोजन लेने की सलाह देते हैं। मगर, क्या आप जानते हैं कि प्रत्येक पोषक तत्व की एक अलग अहमियत होती है और सभी पोषक तत्वों में प्रोटीन हमारे शरीर के विकास और मजबूती के लिए अधिक अहम माना जाता है। यही वजह है कि स्टाइलक्रेज के इस आर्टिकल में हम हाई प्रोटीन डाइट के बारे में विस्तार से बता रहे हैं। ताकि हाई प्रोटीन डाइट के फायदे और हाई प्रोटीन युक्त खाद्य पदार्थों के विषय में आसानी से समझा जा सके।

शुरू करते हैं लेख

तो आइए आर्टिकल में सबसे पहले हम शरीर के लिए प्रोटीन की अहमियत को समझ लेते हैं।

हाई प्रोटीन शरीर के लिए किस प्रकार से फायदेमंद है – How Do High-Protein Diets Work For Overall Body Health In Hindi?

प्रोटीन हमारे शरीर की प्रत्येक कोशिका में मौजूद होता है। यह मुख्य रूप से हड्डियों, मांसपेशियों, त्वचा के निर्माण और उन्हें स्वस्थ्य बनाए रखने के लिए आवश्यक माना जाता है। ऐसे में प्रत्येक व्यक्ति को प्रोटीन युक्त खाद्यों को लेने की सलाह दी जाती है (1)। वहीं उम्र और शरीर के वजन के हिसाब से प्रत्येक व्यक्ति के लिए प्रोटीन की आवश्यक मात्रा अलग-अलग हो सकती है। ऐसे में व्यस्कों को 0.8 ग्राम प्रोटीन प्रति किलो, किशारों को 1.0 ग्राम प्रोटीन प्रतिकिलो और बच्चों को 1.5 ग्राम प्रोटीन प्रतिकिलो शारीरिक वजन के अनुसार चाहिए होता है (2)। इस आधार पर यह माना जा सकता है कि हाई प्रोटीन शरीर के लिए फायदेमंद होने के साथ-साथ बहुत आवश्यक होता है।

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हाई प्रोटीन की भूमिका के बाद अब हम हाई प्रोटीन डाइट प्लान के बारे में बता रहे हैं।

हाई प्रोटीन डाइट –  Diet Plan with High Protein Food in Hindi

यहां हम एक हाई प्रोटीन फूड्स का नूमना आहार चार्ट दे रहे हैं, जिसके माध्यम से यह समझने में मदद मिल सकती है कि हाई प्रोटीन खाद्यों को आहार में किस प्रकार शामिल किया जा सकता है।

समयक्या खाएं
सुबह उठते ही दो मशरूम पराठा, एक चम्मच टमाटर चटनी, दो अंडे की भुर्जी या चार इडली आधा कप सांभर, एक चम्मच टमाटर चटनी, दो अंडे का सफेद हिस्सा या चार ब्रेड के साथ तैयार चिकन सैंडविच और एक कप क्रीम निकला हुआ दूध।
नाश्ताएक कप भुनी हुई सब्जियों के साथ एक कटोरी दही या एक कप केला और बादाम का शेक या एक कप उबला हुआ चना।
ब्रंचएक मुट्ठी नट्स जैसे मूंगफली, काजू, बादाम या एक कटोरी फ्रूट सलाद।
दोपहर का खानाएक कप चावल, तीन रोटी, एक कटोरी फिश मसाला या एक कप चावल, सोया करी, आधा कटोरी भिन्डी की सब्जी, कम वसा युक्त आधा कटोरी दही या आधा कप चिकन करी, आधा कप पलक की सब्जी, आधा कटोरी कम वसा युक्त दही और एक कटोरी चावल।
शाम का नाश्ताएक गिलास दूध, कुछ नट्स  या एक कटोरी फ्रूट सलाद और दही या मूंगफली के साथ तैयार ब्राउन राइस और एक कप लाइट चाय।
रात का खानातीन रोटी और आधा कप मिक्स वेज करी या आधा कप बीन्स की सब्जी और एक कप उपमा या तीन रोटी और भिन्डी की सब्जी।

नोट: ऊपर दिया गया हाई प्रोटीन फूड्स आहार चार्ट केवल एक नमूना मात्र है। व्यक्ति के शारीरिक वजन, ऊंचाई और उम्र के अलावा स्वास्थ्य स्थितियों को देखते हुए इसमें संभावित परिवर्तन किए जा सकते हैं। इसलिए इसे इस्तेमाल में लाने से पूर्व एक बार डॉक्टर से परामर्श जरूर कर लें।

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यहां अब हम हाई प्रोटीन डाइट के फायदे समझने का प्रयास करेंगे।

हाई प्रोटीन डाइट के फायदे – Benefits Of High Protein Diet For Body in Hindi

यहां हम क्रमवार हाई प्रोटीन फूड्स के फायदे बताने जा रहे हैं। ताकि शरीर के लिए इसकी उपयोगिता को बेहतर तरीके से समझा जा सके।

1. मांसपेशियों को मजबूत बनाए

सामान्य तौर पर हर किसी ने सुना होगा कि अच्छी मसल्स चाहिए तो भोजन में प्रोटीन युक्त खाद्य पदार्थो को शामिल करना बहुत जरूरी है। वहीं जिम जाने वाले लोग भी मजबूत मांसपेशियों के लिए डाइट में  प्रोटीन शेक का सेवन करते हैं। यह बात प्रोटीन डाइट पर आधारित एक शोध में भी मानी गई है। एनसीबीआई (National Center for Biotechnology Information) की वेबसाइट पर प्रकाशित इस शोध में जिक्र मिलता है कि प्रोटीन युक्त आहार मांसपेशियों को मजबूत बनाने का काम कर सकता है। साथ ही यह शारीरिक कार्यक्षमता को बढ़ावा देने में भी मदद कर सकता है (3)।

2. हड्डियों को मजबूती प्रदान करे

मांसपेशियों के साथ ही हाई प्राेटीन हड्डियों को मजबूत करने में भी फायदेमंद हो सकता है। यह बात एक रिसर्च से सीधे तौर पर स्पष्ट होती है। रिसर्च में माना गया है कि हाई प्रोटीन हड्डियों के स्वास्थ्य को बनाए रखने में अहम भूमिका निभा सकता है। दरअसल, यह आंतों में कैल्शियम के अवशोषण को बढ़ाता है और  पैराथाइरॉइड हार्मोन (पैराथायराइड ग्रंथियों द्वारा बनाया जाने वाला एक हार्मोन) को कम करता है। पैराथाइरॉइड हार्मोन की अधिक मात्रा रक्त में कैल्शियम का स्तर अधिक और फास्फोरस का स्तर कम कर सकती है। इससे हड्डियों के टिश्यू को नुकसान हो सकता है। इसके साथ ही प्रोटीन मांसपेशियों की शक्ति और क्षमता में सुधार करता है। ऐसे में यह सभी कारक संयुक्त रूप से हड्डियों के स्वास्थ्य को बनाए रखने में मददगार साबित हो सकते हैं (4)।

3. घाव भरने में सहायक

हाई प्रोटीन का सेवन घाव भरने की प्रक्रिया को बढ़ाने में भी मददगार हो सकता है। यह बात घाव भरने से जुड़े एनसीबीआई पर प्रकाशित एक शोध से साफ होती है। शोध में जिक्र मिलता है कि घाव भरने के लिए संतुलित आहार और अच्छे पोषण की आवश्यकता होती है। खराब पोषण घाव भरने की क्षमता को कम करने के साथ ही घाव भरने के समय को लम्बा खींच सकता है। वहीं प्रोटीन की कमी के कारण कोलेजन (एक प्रकार का प्रोटीन) का गठन और घाव के जल्दी भरने की स्थिति में कमी आती है। इस वजह से घाव भरने में समय लग सकता है (5)। इस तथ्य को देखते हुए हाई प्रोटीन डाइट को घाव भरने में मददगार माना जा सकता है।

4. मानसिक स्वास्थ के लिए उपयोगी

शरीर में लंबे समय तक प्रोटीन की कमी के कारण मस्तिष्क पर बुरा असर देखने को मिल सकता है। इसमें दिमागी काम-काज बाधित हो सकता है। इस बात को एनसीबीआई की वेबसाइट पर प्रकाशित एक शोध में स्पष्ट रूप से स्वीकार किया गया है। शोध में माना गया है कि प्रोटीन की कमी के कारण बढ़ती उम्र में होने वाली अल्जाइमर की समस्या (यादाश्त संबंधी मानसिक विकार) का जोखिम बढ़ सकता है। वहीं उचित मात्रा में प्रोटीन की पूर्ति इस समस्या के जोखिम को कम करने में मदद कर सकती है। साथ ही दिमागी कार्यक्षमता को भी बढ़ावा दे सकती है (6)। ऐसे में यह कहना गलत नहीं होगा कि हाई प्रोटीन डाइट मनोस्थिति को सुधार कर दिमागी कार्यक्षमता को बढ़ावा देने में मदद कर सकती है।

5. वजन नियंत्रण में मददगार

मोटापे की समस्या से परेशान होने वाले लोगों के लिए प्रोटीन एक वरदान साबित हो सकता है। रिसर्च कहते हैं कि वजन कम करने के लिए प्रोटीन युक्त आहार एक बेहतर विकल्प हो सकता है। दरअसल, हाई प्रोटीन आहार को पचाने में सामान्य खाद्यों के मुकाबले अधिक समय लगता है। इस कारण लंबे समय तक पेट भरा हुआ महसूस होता है और भूख कम लगती है। इसके अलावा यह शरीर को काम करने के लिए पर्याप्त ऊर्जा प्रदान करने में भी मदद करता है (7)। इस आधार पर यह माना जा सकता है कि वजन नियंत्रण करने के उपाय के तौर पर हाई प्रोटीन डाइट प्रभावी साबित हो सकती है।

6. प्रतिरक्षा प्रणाली में सुधार करे

भोजन में प्राेटीन की अच्छी मात्रा प्रतिरक्षा प्रणाली में सुधार करने में भी मददगार हो सकती है। वैज्ञानिक अध्ययनों के माध्यम से इस बात की पुष्टी होती है। प्रोटीन से संबंधित एक शोध में जिक्र मिलता है कि रक्त कोशिकाओं के साथ ही प्रोटीन भी प्रतिरक्षा प्रणाली में अहम् भूमिका निभाता है। दरअसल, प्रोटीन शरीर में एंटीबॉडी (हानिकारक बैक्टीरिया और वायरस के खिलाफ लड़ने वाला प्रोटीन का एक रूप) बनाने में मदद करता है। इस तरह यह शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को सुधारने में भी सहायक माना जा सकता है (8)।

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लेख के अगले भाग में हम हाई प्रोटीन फूड्स में शामिल किए जाने वाले खाद्यों के बारे में जानेंगे। 

हाई प्रोटीन खाद्य पदार्थ क्या खाएं और क्या नहीं- Foods to include and exclude In High Protein diet In Hindi

हम यहां कुछ ऐसे खाद्य पदार्थों के बारे में बता रहे हैं, जिन्हें हाई प्रोटीन डाइट में शामिल किया जा सकता है। साथ ही यहां हम हाई प्रोटीन वाले ऐसे खाद्यों के बारे में भी जानेंगे, जिन्हें हाई प्रोटीन डाइट में न शामिल करने की सलाह दी जाती है (9)।

हाई प्रोटीन डाइट में शामिल किए जाने वाले खाद्य कुछ इस प्रकार हैं :

  • मछली या मुर्गी का मांस
  • बड़ा अंडा
  • टोफू
  • पकी हुई फलियाँ या दाल
  • कम वसा वाली डेयरी भी प्रोटीन का एक अच्छा स्रोत है।
  • साबुत अनाज
  • पिंटो बीन्स, ब्लैक बीन्स, किडनी बीन्स, दाल, स्प्लिट मटर और गार्बानो बीन्स।
  • बादाम, हेजलनट्स, मूंगफली, पीनट बटर, सूरजमुखी के बीज, या अखरोट।
  • टेम्पेह और अन्य सोया प्रोटीन उत्पाद
  • कम वसा वाले डेयरी प्रोडक्ट्स

हाई प्रोटीन डाइट में शामिल न किए जाने वाले खाद्य कुछ इस प्रकार हैं :

  • लंबे समय तक अत्याधिक वसा युक्त मांस (रेड मीट) का सेवन कैंसर, हड्डी और कैल्शियम के विकार, लिवर विकार और कोरोनरी धमनी की बीमारी पैदा कर सकता है (2)
  • जिन लोगों को लैक्टोज इंटोरलेंट की समस्या है, उन्हें दूध के सेवन से परहेज करना चाहिए। वजह यह है कि इसके कारण पेट में दर्द, सूजन, गुड़गुड़ाहट, मतली, दस्त और कब्ज की समस्या हो सकती है (10)।
  • कार्बोहाइड्रेट युक्त खाद्य पदार्थ, रिफाइंड चीनी, पेस्ट्री, कुकीज,और बेक्ड आलू का सेवन करने से भी बचना चाहिए। वजह यह है कि यह मौखिक स्वस्थ्य के साथ ही इंसुलिन की सक्रियता को भी बाधित कर सकता है। इस कारण डायबिटीज और हृदय संबंधित जोखिम बढ़ सकते हैं (11)।

अंत तक पढ़ें लेख

अंत में अब हम हाई प्रोटीन फूड्स के नुकसान के बारे में बात करेंगे।

हाई प्रोटीन के सेवन के दुष्प्रभाव- Cons Of High Protein Diet In Hindi

हाई प्रोटीन डाइट के फायदे के साथ ही कुछ नुकसान भी हो सकते हैं, जिनके बारे में जानना जरूरी है। यह नुकसान कुछ इस प्रकार देखने को मिल सकते हैं (12) (2):

  • लंबे समय तक हाई प्रोटीन डाइट के सेवन से चयापचय की समस्याएं पैदा हो सकती हैं।
  • इसके अधिक सेवन से क्लीनिकल परेशानियां जैसे लिवर, किडनी और हड्डियों के विकार भी हो सकते हैं।
  • इसके अलावा कम वजन वाले लोगों के लिए भी हाई प्रोटीन डाइट हानिकारक हो सकती है, क्योंकि इसका सेवन वजन को घटाने में योगदान करता है।
  • हाई प्रोटीन डाइट कोरोनरी हृदय रोग (धमनी से संबंधित समस्या) के जोखिम में वृद्धि का कारण भी बन सकती है।
  • इसका अधिक सेवन कैंसर के जोखिम को भी बढ़ा सकता है।

प्रोटीन युक्त खाद्यों और उनके फायदे को बारे में तो अब आप अच्छे से जान गए होंगे। ऐसे में हाई प्रोटीन डाइट के लाभ हासिल करने के लिए लेख में दिए खाद्यों को आप आहार में शामिल कर सकते हैं। इससे न केवल शरीर को पर्याप्त मात्रा में प्रोटीन मिल सकेगा बल्कि शरीर को स्वस्थ बनाए रखने में भी मदद मिलेगी। उम्मीद है, बेहतर स्वास्थ्य को बनाए रखने में यह लेख सभी के लिए मददगार होगा। ऐसे ही अन्य लेख पढ़ने के लिए हमारी वेबसाइट स्टाइलक्रेज पर विजिट करते रहें।

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

हाई प्रोटीन आहार के बारे में विज्ञान क्या कहता है?

वैज्ञानिकों के अनुसार शरीर की हर कोशिका में प्रोटीन होता है। हड्डियों, मांसपेशियों और त्वचा के निर्माण के लिए प्रोटीन की आवश्यकता होती है। इसके अलावा प्रोटीन एक महत्वपूर्ण पोषक तत्व है, जो मांसपेशियों और हड्डियों का निर्माण करने के साथ ही ऊर्जा भी प्रदान करता है। वहीं प्रोटीन वजन नियंत्रण में भी मदद कर सकता है (1)।

हाई प्रोटीन आहार लेने पर वजन क्यों कम होता है?

प्रोटीन वजन नियंत्रण में मदद कर सकता है, क्योंकि यह पेटा को भरा हुआ और संतुष्ट महसूस करने में मदद करता है (13)। इस कारण कुछ भी खाने की इच्छा नहीं होती है और वजन को कम करने में मदद मिलती है।

हाई प्रोटीन डाइट खाने का शरीर पर क्या प्रभाव पड़ता है?

यदि समय समय पर हाई प्रोटीन युक्त खाद्य पदार्थाें का सेवन किया जाता है तो यह सेहत के लिए फायदेमंद हो सकता है। वहीं इसके विपरीत लंबे समय तक इसका सेवन करने से लिवर, हड्डियों और किडनी से संबंधित समस्याएं हो सकतीं हैं (2)।

हाई प्रोटीन डाइट से कितना वजन कम कर सकते हैं?

हाई प्रोटीन डाइट के माध्यम से वजन को कम किया जा सकता है (1)। हालांकि, यह कह पाना मुश्किल है कि कितना वजन कम किया जा सकता है, क्योंकि प्रत्येक व्यक्ति की शारीरिक स्थिति और दिनचर्या अलग-अलग होती है। वहीं वजन नियंत्रण के लिए खान-पान में सुधार के साथ ही शारीरिक व्यायाम को भी जरूरी माना जाता है।

क्या पीनट बटर में प्रोटीन की अच्छी मात्रा पाई जाती है?

पीनट बटर को प्रोटीन का अच्छा स्रोत माना जाता है (9)

References

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    2. Adverse Effects Associated with Protein Intake above the Recommended Dietary Allowance for Adults
      https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC4045293/#:~:text=Extra%20protein%20is%20not%20used,or%20even%20cancer%20%5B31%5D.
    3. Effects of Adherence to a Higher Protein Diet on Weight Loss, Markers of Health, and Functional Capacity in Older Women Participating in a Resistance-Based Exercise Program
      https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC6115985/
    4. Dietary protein is beneficial to bone health under conditions of adequate calcium intake: an update on clinical research
      https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC4180248/#:~:text=A%20higher%20protein%20diet%20increases,the%20skeleton%20%5B6%E2%96%AA%5D.
    5. The importance of patients’ nutritional status in wound healing
      https://pubmed.ncbi.nlm.nih.gov/12070399/
    6. Dietary Protein and Amino Acid Intake: Links to the Maintenance of Cognitive Health
      https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC6627761/
    7. A high-protein diet for reducing body fat: mechanisms and possible caveats
      https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC4258944/
    8. Immunodeficiency disorders
      https://medlineplus.gov/ency/article/000818.htm
    9. Protein in diet
      https://medlineplus.gov/ency/article/002467.htm
    10. Nutritional management of lactose intolerance: the importance of diet and food labelling
      https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC7318541/
    11. Eat for Life: The Food and Nutrition Board’s Guide to Reducing Your Risk of Chronic Disease
      https://www.ncbi.nlm.nih.gov/books/NBK235012/
    12. Controversies Surrounding High-Protein Diet Intake: Satiating Effect and Kidney and Bone Health1,2
      https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC4424780/#:~:text=Long%2Dterm%20consumption%20of%20a,bone%20mass%20and%20renal%20dysfunction.
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      https://medlineplus.gov/ency/imagepages/19823.htm
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