हींग के फायदे, उपयोग और नुकसान – Hing (Asafoetida) Benefits and Side Effects in Hindi

Written by , MA (Journalism & Media Communication) Puja Kumari MA (Journalism & Media Communication)
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रसोई घर में मौजूद मसाले खाने का स्वाद बढ़ाने के साथ ही कई तरह की समस्याओं से दूर रखने में भी मदद करते हैं। ऐसा ही एक मसाला हींग है, जिसके बारे में हम इस लेख में विस्तार से जानेंगे। हींग कई तरह के औषधीय गुणों से समृद्ध होती है, जो कई तरह के रोगों को दूर रखने के साथ-साथ उनके इलाज में भी सहायक साबित हो सकती है। फिर भी इसे किसी रोग का सटीक इलाज समझना सही नहीं होगा। हम अपने इस लेख में हींग के औषधीय गुण और हींग खाने के फायदे की जानकारी दे रहे हैं। इसके अलावा, हींग के नुकसान किस तरह के हो सकते हैं, यह भी बताएंगे।

नीचे विस्तार से पढ़ें

चलिए, अब जानते हैं कि हींग के फायदे किस तरह के हो सकते हैं।

हींग के फायदे – Benefits of Hing (Asafoetida) in Hindi

हींग के सेवन से शारीरिक और मानसिक दोनों तरह के स्वास्थ्य लाभ हो सकते हैं, जिनमें से कुछ इस प्रकार हो सकते हैं।

1. हिस्टीरिया से राहत

यह एक तरह की मानसिक समस्या होती है। इसके कारण व्यक्ति अधिक चिंता और तनाव का शिकार हो सकता है (1)। नेशनल सेंटर फॉर बायो टेक्नोलॉजी इंफार्मेशन (एनसीबीआई) की वेबसाइट पर इस संबंध में एक रिसर्च पेपर पब्लिश है। इस वैज्ञानिक अध्ययन में बताया गया है कि हींग को हिस्टीरिया के उपचार में आयुर्वेदिक दवाई के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है (2)। इस शोध में यह नहीं बताया गया है कि हींग के कौन-से गुण के कारण हिस्टीरिया का इलाज हो सकता है। इसलिए, अभी इस संबंध में और रिसर्च किया जा रहा है।

2. ब्रोंकाइटिस और अस्थमा के लिए

ब्रोंकाइटिस और अस्थमा जैसे श्वसन की समस्या से छुटकारा दिलाने में भी हींग के फायदे हो सकते हैं। इन दोनों समस्याओं के उत्पन्न होने का मुख्य कारण श्वसन नली में सूजन का होना हो सकता है। इसे दूर करने के लिए एंटी- इंफ्लेमेटरी गतिविधि मदद कर सकता है (3)। वहीं, हींग में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण भी पाए जाते हैं, जिस कारण यह ब्रोंकाइटिस और अस्थमा जैसी समस्या को ठीक कर सकता है (2)। इसलिए, ऐसा कहा जा सकता है कि हींग खाने के फायदे ब्रोंकाइटिस और अस्थमा से राहत दिला सकता है।

3. काली खांसी

जिन लोगों को खांसी की अधिक समस्या होती है, वो हींग का उपयोग करके खांसी से राहत पा सकते हैं। एनसीबीआई की वेबसाइट पर प्रकाशित एक मेडिकल स्टडी के मुताबिक, हींग के औषधीय गुण के कारण काली खांसी के इलाज में इसका इस्तेमाल वर्षों से किया जा रहा है। फिलहाल, इस बात का अभी तक सही तरह से पता नहीं चल पाया है कि हींग के कौन-से गुण इस इलाज में मुख्य भूमिका निभाते हैं। इसलिए, इसकी पुष्टि के लिए कई वैज्ञानिक शोध किए जा रहे हैं (2)

4. रक्तचाप को कम करने के लिए

जिन लोगों को उच्च रक्तचाप की समस्या है, उनके लिए हींग के गुण दवा का काम कर सकते हैं। इस संबंध में किए गए एक वैज्ञानिक शोध के मुताबिक, हींग में एंटीहाइपरटेंसिव गतिविधि पाई जाती है। इस गुण के कारण हींग रक्तचाप को नियंत्रित करने में मदद कर सकती है। इसकी पुष्टि एनसीबीआई की वेबसाइट पर मौजूद शोध से होती है (2)। ऐसे में हींग का उपयोग रक्तचाप को कम कर सकता है।

5. मिर्गी की स्थिति में सहायक

मिर्गी के दौरे न्यूरोट्रांसमीटर सिस्टम में जटिलता के कारण आते हैं। विशेषज्ञों के अनुसार, इस समस्या का इलाज करना आसान नहीं है। एक शोध से पता चला है कि मिर्गी के इलाज में कुछ पौधों के आयुर्वेदिक गुण मददगार हो सकते हैं, जिनमें हींग भी शामिल है। हींग का उपयोग करने से मिर्गी की समस्या से कुछ हद तक राहत पहुंचा सकता है। हींग में एंटी-कॉन्वल्सेंट (anti-convulsant) गुण होते हैं, जो मिर्गी की दवा के रूप में काम कर सकते हैं (4)। इसलिए, ऐसा कहा जा सकता है कि हींग खाने के फायदे मिर्गी की स्थिति में सुधार कर सकते हैं।

6. पेट दर्द से छुटकारा

हींग के गुण पेट दर्द का निदान कर सकते हैं। इस संबंध में एनसीबीआई की वेबसाइट पर एक वैज्ञानिक शोध उपलब्ध है। इस शोध में कहा गया है कि हींग में एनाल्जेसिक गुण पाए जाते हैं, जिसे दर्द निवारक के रूप में भी जाना जाता है। इसलिए, यह पेट के दर्द को कम कर सकता है। साथ ही यह पाचन के लिए भी फायदेमंद हो सकता है, जिसके बारे में आगे विस्तार से जानेंगे (5)

7. पाचन के लिए

कई तरह के मसाले डाइजेस्टिव एंजाइम गतिविधि से समृद्ध होते हैं, जिनमें हींग का नाम भी शामिल है। हींग पैंक्रिअटिक डाइजेस्टिकव एंजाइम पर प्रभाव डाल सकता है। इसका सकारात्मक असर पाचन एंजाइम पर पड़ सकता है, जिससे पाचन क्रिया को उत्तेजित किया जा सकता है। इसलिए, यह खाने को जल्दी पचाने का काम कर सकता है (5)। लिहाजा, हींग खाने के फायदे पाचन के लिए हो सकते हैं।

8. एंटीऑक्सीडेंट

कई तरह के छोटे-बड़े शारीरिक और मानसिक समस्याओं को दूर रखने में एंटीऑक्सीडेंट प्रभाव की महत्वपूर्ण भूमिका हो सकती है। एनसीबीआई की वेबसाइट पर प्रकाशित एक वैज्ञानिक अध्ययन के मुताबिक, हींग में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट याददाशत की क्षमता को बढ़ाने का काम कर सकता है। इसके अलावा, यह ऑक्सीडेटिव डैमेज और ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस को कम करने का काम कर सकता है (5)। ऑक्सीडेटिव डैमेज और ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस के कारण डायबिटीज, मेटाबॉलिक डिसऑर्डर, एथेरोस्क्लेरोसिस, उच्च रक्तचाप, कार्डियोमायोपैथी, कैंसर और कंजेस्टिव हार्ट फेलियर जैसे कई अन्य समस्याएं हो सकती है (6)।इसलिए, हींग खाने के फायदे के फायदे एंटी ऑक्सीडेंट के रूप में हो सकते हैं।

9. एंटीफंगल के रूप में

हींग का उपयोग कर फंगस की समस्या से निजात पाया जा सकता है। एक मेडिकल रिसर्च के अनुसार, हींग में ट्राइकोफाइटन के खिलाफ एंटीफंगल गतिविधि देखी गई है। ट्राइकोफाइटन एक तरह का फंगस होता है, जो त्वचा में रिंगवार्म (दाद) और खुजली का कारण बन सकता है (7)। ऐसे में हींग के फायदे की लिस्ट में एंटी फंगल भी शामिल है।

10. एंटीडायबिटिक

मधुमेह ऐसी समस्या है, जिससे पीड़ित व्यक्ति को अपने खान-पान का बहुत ध्यान रखना पड़ता है। वहीं, मधुमेह की समस्या से जूझ रहे व्यक्ति के लिए हींग का सेवन किसी दवाई से कम नहीं होगा। एक वैज्ञानिक शोध के अनुसार, हींग के अर्क में एंटीडायबिटिक एक्टिविटी पाए जाती है, जो मधुमेह से प्रभावित पैंक्रिअटिक बी सेल (अग्नाशय के कोशिकाओं) के खिलाफ प्रभाव डाल सकती है। इसके अलावा, हींग रक्त शुगर को कम करने और सीरम इंसुलिन लेवल को बढ़ाने का काम कर सकती है। इससे मधुमेह की स्थिति में सुधार हो सकता है (7)

11. त्वचा के लिए

हींग का उपयोग त्वचा के लिए फायदेमंद साबित हो सकता है। एनसीबीआई की वेबसाइट पर पब्लिश एक वैज्ञानिक रिसर्च में दिया हुआ है कि हींग में त्वचा को लाभ पहुंचाने वाले कई गुण पाए जाते हैं। इनमें फेरुलिक एसिड मुख्य होता है, जो एक तरह का एंटी ऑक्सीडेंट होता है। शोध में पाया गया है कि फेरुलिक एसिड चोट को ठीक करने वाली कोशिकाओं को सक्रिय कर सकता है। साथ ही यह त्वचा को सूरज की यूवी किरणों से सुरक्षा प्रदान कर सकता है। इसके अलावा, त्वचा को जलन और डैमेज से भी छुटकारा दिला सकता है (8)

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आइए, अब जानते हैं कि हींग का उपयोग कैसे किया जा सकता है।

हींग का उपयोग – How to Use Hing (Asafoetida) in Hindi

शायद आपको यह पता न हो कि हींग को कई तरह से उपयोग किया जा सकता है, जो इस प्रकार है:

कैसे करें सेवन:

  • हींग को गुनगुने पानी में मिलकर सेवन कर सकते हैं।
  • सब्जी बनाते समय इस्तेमाल किया जा सकता है।
  • दाल में तड़का लगाने के लिए हींग का इस्तेमाल किया जा सकता है।
  • हींग को गुड़ के साथ मिलकर खाया जा सकता है
  • हींग को शहद और अदरक के रस में मिलकर सेवन किया जा सकता है।

कब करें सेवन:

  • हींग को पानी में मिलकर सुबह सेवन किया जा सकता है।
  • हींग को दाल और सब्जी के तड़के में इस्तेमाल कर दोपहर और रात के भोजन में खाया जा सकता है।
  • गुड़ के साथ मिलाकर रात को भोजन के बाद इसका सेवन कर सकते हैं।

कितना करें सेवन:

  • हींग को हमेशा कम मात्रा में लेना चाहिए, लेकिन इसकी निश्चित सीमित मात्रा के संबंध के संबंध में अभी कोई शोध उपलब्ध नहीं है। इसलिए, हींग के सेवन की उचित मात्रा जानने के लिए आहार विशेषज्ञ की सलाह लें।

नीचे भी पढ़ें

हींग के फायदे के बाद अब हम हींग के नुकसान की जानकारी दे रहे हैं।

हींग के नुकसान – Side Effects of Hing in Hindi

हींग के औषधीय गुण के कारण इसे सीमित मात्रा में लेने की सलाह दी जाती है। वहीं, अधिक मात्रा में लेने से इस तरह के नुकसान हो सकते हैं (5)

  • इसकी अधिक मात्रा मुंह में सूजन का कारण बन सकती है।
  • इससे पेट संबंधी कुछ समस्या उत्पन्न हो सकता है, जिनमें पेट फूलना और दस्त शामिल है
  • हींग को अधिक मात्रा में उपयोग करने से सिरदर्द भी हो सकता है।
  • हींग को गर्भावस्था के दौरान न लेने की सलाह दी जाती है।

खाद्य पदार्थ को स्वादिष्ट बनाने में जितनी अहम भूमिका हींग की होती है, उतना ही स्वास्थ्य पर हींग खाने के फायदे भी हो सकते हैं। इन स्वास्थ्य लाभ के पीछे हींग के औषधीय गुण हैं, लेकिन पाठक को यह ध्यान में रखना होगा कि इसे अधिक मात्रा में लेने पर हींग के नुकसान भी हो सकते हैं। खासकर, गर्भवती महिला और बच्चों के आहार में हींग को शामिल करने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लेनी चाहिए। हम उम्मीद करते हैं कि हमारे इस लेख में दी गई जानकारी पाठक के लिए उपयोगी साबित होगी।

References

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  1. Women And Hysteria In The History Of Mental Health
    https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC3480686/
  2. Ferula asafoetida: Traditional uses and pharmacological activity
    https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC3459456/
  3. Effectiveness of anti-inflammatory treatment versus antibiotic therapy and placebo for patients with non-complicated acute bronchitis with purulent sputum. The BAAP Study protocol
    https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC3141809/
  4. Anticonvulsant Effect of Ferula Assa-Foetida Oleo Gum Resin on Chemical and Amygdala-Kindled Rats
    https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC4158650/
  5. Biological activities and medicinal properties of Asafoetida: A review
    https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC5506628/
  6. Oxidative Stress: Harms and Benefits for Human Health
    https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC5551541/
  7. Ferula foetida“Hing”: A Review
    https://www.rjpbcs.com/pdf/2012_3(2)/%5B92%5D.pdf
  8. Effects of Oleo Gum Resin of Ferula assa-foetida L. on Senescence in Human Dermal Fibroblasts
    https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC5633674/
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