हाइपोनेट्रिमिया के कारण, लक्षण और इलाज – Hyponatremia in Hindi

इस बदलती लाइफस्टाइल में खानपान में लापरवाही व समय के अभाव के कारण लोगों को कई तरह की स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ जाता है। कई बार तो लोग ऐसी समस्या से जूझते हैं, जिसके बारे में उन्होंने शायद ही पहले कभी सुना हो। उनमें से एक समस्या है हाइपोनेट्रिमिया। यह समस्या किसी को भी हो सकती है। ऐसे में हाइपोनेट्रिमिया के कारण व हाइपोनेट्रिमिया का इलाज के बारे में जानना आवश्यक है, जिसकी जानकारी यहां मौजूद है।
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सबसे पहले जानेंगे हाइपोनेट्रिमिया क्या है।
विषय सूची
हाइपोनेट्रिमिया क्या है – What is Hyponatremia in Hindi
रक्त में सोडियम का स्तर निम्न होने को चिकित्सकिय भाषा में हाइपोनेट्रेमिया कहा जाता है। सोडियम अधिकतर कोशिकाओं के बाहर शरीर के तरल पदार्थ में पाया जाता है। सोडियम एक इलेक्ट्रोलाइट यानी खनिज है, जो ब्लड प्रेशर को मेंटेन करने के लिए बहुत जरूरी माना जाता है।
नसों, मांसपेशियों और शरीर के अन्य ऊतकों के ठीक से काम करने के लिए सोडियम की भी आवश्यकता होती है। जब कोशिकाओं के बाहर तरल पदार्थों में सोडियम की मात्रा सामान्य से कम हो जाती है, तो स्तर को संतुलित करने के लिए पानी कोशिकाओं में चला जाता है। बहुत अधिक पानी होने के कारण कोशिकाएं फूल जाती हैं, जिसमें विशेष रूप से मस्तिष्क की कोशिकाएं प्रभावित होती हैं (1)।
एनसीबीआई (नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इंफॉर्मेशन) की वेबसाइट पर प्रकाशित शोध में हाइपोनेट्रिमिया को परिभाषित करते हुए बताया गया है कि शरीर में सोडियम की मात्रा 2)।
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हाइपोनेट्रिमिया क्या है, के बाद हाइपोनेट्रिमिया के कारण जानेंगे।
हाइपोनेट्रिमिया के कारण – Causes of Hyponatremia in Hindi
हाइपोनेट्रिमिया के कारण शरीर में सोडियम से जुड़ी समस्या होने लगती है। दरअसल, हाइपोनेट्रिमिया की समस्या में शरीर में सोडियम का स्तर कम हो जाता है। आइए, अब जानते हैं कि हाइपोनेट्रिमिया होने का कारण क्या है (1) (3)।
- दस्त की समस्या
- मूत्रवर्धक दवाइओं के सेवन से पेशाब अधिक होना व मूत्र के माध्यम से सोडियम का नुकसान
- हार्ट फेलियर
- किडनी रोग
- लीवर सिरोसिस
- अनुचित एंटीडाययूरेटिक हार्मोन स्राव का सिंड्रोम
- पसीना आना
- उल्टी आना
अब जानें लक्षण
आगे जानते हैं हाइपोनेट्रिमिया के लक्षण के बारे में।
हाइपोनेट्रिमिया के लक्षण – Symptoms of Hyponatremia in Hindi
हाइपोनेट्रिमिया के लक्षण कई हो सकते हैं, जिनके बारे में हम नीचे बता रहे हैं (1):
- हाइपोनेट्रिमिया से पीड़ित व्यक्ति में भ्रम, चिड़चिड़ापन, बेचैनी जैसे लक्षण दिखाई दे सकते हैं।
- बेहोशी की समस्या भी हाइपोनेट्रिमिया में हो सकती है।
- थकान महसूस हो सकती है।
- हाइपोनेट्रिमिया के लक्षण में सिरदर्द भी शामिल है।
- भूख में कमी का एहसास हो सकती है।
- मांसपेशियों में कमजोरी या ऐंठन की शिकायत हो सकती है।
- मतली या फिर उल्टी भी हो सकती है।
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हाइपोनेट्रिमिया के लक्षण के बाद अब बारी है इसके जोखिम कारकों को जानने की।
हाइपोनेट्रिमिया के जोखिम कारक – Risk Factors of Hyponatremia in Hindi
हाइपोनेट्रिमिया के जोखिम कारक कई हैं, जिसके बारे में हम नीचे बताने जा रहे हैं (4)।
- बढ़ती उम्र के साथ पानी को बाहर निकालने की क्षमता कम हो जाती है, जिसके कारण हाइपोनेट्रिमिया का जोखिम बढ़ सकता है।
- पुरानी बीमारियां भी हाइपोनेट्रिमिया का जोखिम कारक बन सकती हैं।
- शरीर का वजन कम होना भी हाइपोनेट्रिमिया का जोखिम कारक माना जा सकता है।
- आहार में सोडियम की मात्रा कम होना भी हाइपोनेट्रिमिया का खतरा बढ़ा सकता है।
- कुछ विशेष प्रकार की दवाएं भी हाइपोनेट्रिमिया के जोखिम को बढ़ा सकती हैं।
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अब जानें हाइपोनेट्रिमिया का निदान कैसे हो सकता है।
हाइपोनेट्रिमिया का निदान : Diagnosis of Hyponatremia in Hindi
हाइपोनेट्रिमिया के निदान के लिए डॉक्टर निम्नलिखित सवाल पूछ सकते हैं व खास परीक्षण की सलाह भी दे सकते हैं (1)।
- सबसे पहले स्वास्थ्य प्रदाता शारीरिक परीक्षण कर सकते हैं। इस दौरान शारीरिक लक्षणों और अन्य बीमारियों के बारे में पूछा जा सकता है।
- हाइपोनेट्रिमिया का पता लगाने के लिए रक्त और पेशाब के परीक्षण की सलाह दी जा सकती है
- कुछ लैब टेस्ट जैसे कि कॉप्रिहेंसिव मेटाबॉलिक पैनल, ऑस्मोलैलिटी ब्लड टेस्ट, यूरिन ऑस्मोलैलिटी के लिए कह सकते हैं।
- मूत्र सोडियम की जांच की सलाह दे सकते हैं।
आगे जानें इलाज
निदान के बाद अब जानते हैं हाइपोनेट्रिमिया का इलाज।
हाइपोनेट्रिमिया का इलाज – Treatment of Hyponatremia in Hindi
डॉक्टर हाइपोनेट्रिमिया का इलाज जीवन शैली में कुछ बदलाव कर या फिर दवाइयों की मदद से कर सकते हैं, जो प्रत्येक व्यक्ति के लिए अलग हो सकता है। आइए, नीचे जानते हैं हाइपोनेट्रिमिया का इलाज कैसे होता है (1):
- सबसे पहले डॉक्टर शरीर में कम सोडियम के कारण का निदान और उपचार करेंगे।
- अगर इस स्थिति का कारण कैंसर है, तो ट्यूमर को हटाने के लिए रेडिशन, कीमोथेरेपी या सर्जरी का उपयोग कर सोडियम असंतुलन को ठीक करने का प्रयास कर सकते हैं।
- डॉक्टर नस के माध्यम से तरल पदार्थ दे सकते हैं।
- हाइपोनेट्रिमिया का इलाज करने के लिए स्वास्थ्य प्रदाता कुछ दवाइयों का सुझाव भी दे सकते हैं।
- आवश्यक मात्रा में पानी का सेवन करते रहने की सलाह दे सकते हैं।
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लेख के आखिरी भाग में जानते हैं कि हाइपोनेट्रिमिया से बचने के उपाय क्या हैं।
हाइपोनेट्रिमिया से बचने के उपाय – Prevention Tips for Hyponatremia in Hindi
हाइपोनेट्रिमिया का इलाज बताने के बाद हम यहां हाइपोनेट्रिमिया से बचने के उपाय बता रहे हैं (1)।
- हाइपोनेट्रिमिया से बचने के उपाय में सबसे जरूरी सोडियम लेवल कम होने वाली स्थिति का इलाज करना है।
- यदि खेलते हैं या फिर किसी अन्य शारीरिक गतिविधि में हिस्सा लेते हैं, तो शरीर के सोडियम स्तर को संतुलित रखने के लिए स्पोर्ट्स ड्रिंक जैसे तरल पदार्थ का सेवन करें, जिनमें इलेक्ट्रोलाइट्स हों।
- अगर किसी ऐसी दवा का सेवन कर रहे हैं, जिससे सोडियम का स्तर कम हो सकता है, तो डॉक्टर से तुरंत संपर्क करें।
- हाइपोनेट्रिमिया के लक्षण दिख रहे हों, तो बिना देर किए तुरंत डॉक्टर से इलाज कराएं।
हाइपोनेट्रिमिया को हल्के में लेकर अनदेखा न करें, क्योंकि ये गंभीर समस्या भी उत्पन्न कर सकता है। लेख में हाइपोनेट्रिमिया का इलाज बताया गया है, जिसे अपनाकर इस परेशानी से काफी हद तक राहत पाई जा सकती है। हालांकि, हाइपोनेट्रिमिया के लक्षण को पहचानने के बाद तुरंत डॉक्टर से संपर्क जरूर करें। इससे हाइपोनेट्रिमिया के कारण को समझने और सटीक उपचार कराने में मदद मिलेगी।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
डॉक्टर से कब सलाह लें?
जब शरीर का सोडियम स्तर बहुत अधिक गिर जाता है, तो यह एक जानलेवा स्थिति भी साबित हो सकती है। अगर सोडियम का स्तर लो है, तो बिना देर किए तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। इसके लिए हाइपोनेट्रिमिया के लक्षण पर गौर करें जैसे कि भ्रम, बेहोशी, बेचैनी, भूख में कमी, थकान, आदि (1)।
क्या हाइपोनेट्रिमिया ठीक हो सकता है?
हां, बिल्कुल शरीर में सोडियम के स्तर को संतुलित कर हाइपोनेट्रिमिया को ठीक किया जा सकता है (1)। ऐसे में हाइपोनेट्रिमिया के लक्षण दिखते ही सही समय पर इलाज कराएं।
हाइपोनेट्रिमिया से कौन सा अंग सबसे अधिक प्रभावित हो सकता है?
हाइपोनेट्रिमिया में कोशिकाओं के बाहर तरल पदार्थों में सोडियम की मात्रा सामान्य से कम हो जाती है, जिसे संतुलित करने के लिए पानी कोशिकाओं में चला जाता है। इससे कोशिकाएं फूल जाती हैं। ऐसी स्थिति में विशेषरूप से मस्तिष्क की कोशिकाएं सूजन के प्रति संवेदनशील हो जाती हैं (1)।
संदर्भ (Sources)
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- Low blood sodium
https://medlineplus.gov/ency/article/000394.htm - Hyponatremia: A practical approach
https://www.researchgate.net/publication/267754145_Hyponatremia_A_practical_approach - Hyponatremia
https://www.ncbi.nlm.nih.gov/books/NBK470386/ - Pathophysiology Impact and Management of Hyponatremia
https://cdn.mdedge.com/files/s3fs-public/pdfs/journals/1932_ftp.pdf