आयोडीन के फायदे, स्रोत और नुकसान – Iodine Benefits and Side Effects in Hindi

अन्य खाद्य पदार्थों के साथ ही शरीर के लिए आयोडीन युक्त खाद्य पदार्थ भी आवश्यक है। हालांकि, कई बार लोग आयोडीन के फायदे से जुड़ी जानकारियों से वंचित रह जाते हैं। ऐसे में स्टाइलक्रेज का यह लेख खासतौर पर, आयोडीन के फायदे और इससे जुड़ी अन्य जानकारियों को ध्यान में रखकर लिखा गया है। आयोडीन की कमी के लक्षण भी बताए गए हैं। साथ ही यहां आयोडीन की कमी से होने वाले रोग के जोखिम को कम करने के लिए आयोडीन युक्त खाद्य पदार्थ की भी जानकारी दी गई है। तो आयोडीन से जुड़ी अधिक से अधिक जानकारी के लिए लेख को अंत तक पढ़ें।
लेख विस्तार से पढ़ें
सबसे पहले जानते हैं कि आखिर आयोडीन होता क्या है।
विषय सूची
आयोडीन क्या है? – What Is Iodine & Why Is It Important in Hindi
आयोडीन एक तरह का खनिज यानी मिनरल है, जो कुछ खाद्य पदार्थों में पाया जाता है। शरीर के लिए यह मिनरल काफी जरूरी होता है। इस मिनरल की मदद से ही बॉडी थायराइड हार्मोन बनाती है। यह हार्मोन शरीर में चयापचय (मेटाबॉलिज्म) के साथ ही अन्य महत्वपूर्ण कार्यों को नियंत्रित करता है। यही नहीं, मस्तिष्क और हड्डियों के विकास के लिए भी आयोडीन की जरूरत पड़ती है (1)।
आयोडीन की कमी होने पर थायराइड हार्मोन का उत्पादन शरीर की जरूरत के हिसाब से नहीं हो पाता है, जिसके कारण मांसपेशियों, हृदय, लिवर, किडनी और विकासशील मस्तिष्क पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है (2)। यही कारण है कि जरूरी मिनरल्स में आयोडीन को भी गिना जाता है। इसके फायदे लेख में आगे पढ़ें।
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आयोडीन क्या है, यह आप जान गए हैं। अब आगे बढ़ते हुए आयोडीन के फायदे जान लीजिए।
आयोडीन के फायदे – Health Benefits of Iodine in Hindi
शरीर के लिए आयोडीन के फायदे कई सारे हैं। ऐसे में लेख के इस भाग में हम शरीर के लिए आयोडीन के कुछ मुख्य फायदों के बारे में जानकारी दे रहे हैं। तो आयोडीन के फायदे कुछ इस प्रकार हैं:
1. थायराइड स्वास्थ्य के लिए
आयोडीन के फायदे में सबसे पहले ही थायराइड हार्मोंन का संतुलित रहना है। आयोडीन मिनरल का मुख्य कार्य ही थायराइड हार्मोन का उत्पादन है। इसी वजह से इसे थायराइड हेल्थ के लिए जरूरी माना जाता है। शरीर में सही मात्रा में आयोडीन होने से थायराइड हार्मोन का जरूरत के अनुसार उत्पादन होता है और थायराइड ग्रंथि भी स्वस्थ रहती है। अगर शरीर में आयोडीन की मात्रा कम या ज्यादा हो जाती है, तो यह ग्रंथि बढ़ जाती है, जिसे घेंघा कहा जाता है (2)।
2. गोइटर के जोखिम को कम करे
आहार में आयोडीन की कमी के कारण जब थायराइड ग्रंथि बढ़ती है, तो उसे एंडेमिक गोइटर (Endemic goiter – घेंघा) कहा जाता है। बताया जाता है आयोडीन का सेवन जब लगातार 50 माइक्रोग्राम प्रति दिन से कम होता है, तो परिणामस्वरूप घेंघा होता है। ऐसे में आयोडीन युक्त खाद्य पदार्थ का सेवन करके घेंघा के जोखिम से बचा जा सकता है (2)।
3. थाइरोइड कैंसर के जोखिम को कम करे
शरीर में आयोडीन की कमी होने से थायराइड कैंसर होने का खतरा रहता है। इससे बचने के लिए पर्याप्त मात्रा में आयोडीन का सेवन करते रहना चाहिए (3)। यही नहीं, थायराइड कैंसर होने पर आयोडीन को इसके उपचार के लिए भी उपयोग में लाया जाता है (4)।
इससे संबंधित एक रिसर्च पेपर में बताया गया है कि रेडियोएक्टिव आयोडीन का इस्तेमाल करके थायराइड कैंसर के प्रबंधन में मदद मिल सकती है। रेडियोएक्टिव आयोडीन का उपयोग ट्यूमर का पता लगने पर और थायराइड कैंसर का इलाज थायरॉयडेक्टॉमी सर्जरी से करने के बाद भी किया जाता है (4)। हालांकि, हम यह स्पष्ट कर दें कि किसी भी तरह का कैंसर गंभीर स्वास्थ्य समस्या है। ऐसे में इसके इलाज के लिए घरेलू उपाय या खाद्य पदार्थों पर निर्भर न रहें, बल्कि मेडिकल ट्रीटमेंट और डॉक्टरी परामर्श के अनुसार कार्य करें।
4. शिशु के मस्तिष्क विकास के लिए
गर्भावस्था के लिए भी आयोडीन को काफी जरूरी माना जाता है। इसकी पर्याप्त आपूर्ति से भ्रूण के मस्तिष्क का विकास होता है, अन्यथा दिमाग को नुकसान पहुंच सकता है। रिसर्च के अनुसार, मेटरनल थायरोक्सिन (T4) हार्मोन का उत्पादन गर्भावस्था के शुरुआत में ठीक से नहीं हुआ तो शिशु में न्यूरोलॉजिकल यानी मस्तिष्क संबंधी विकलांगता हो सकती है (5)। साथ ही यह शिशु की बौद्धिक क्षमता को बढ़ाने के लिए भी जरूरी माना जाता है (6)।
5. जन्म के वक्त शिशु के वजन में सुधार
मस्तिष्क विकास के अलावा, आयोडीन शिशु में लो बर्थ वेट का जोखिम भी कम कर सकता है। दरअसल, एनसीबीआई की वेबसाइट पर प्रकाशित एक शोध में आयोडीन की कमी, हाइपोथायरायडिज्म (थायरॉइड हार्मोन की कमी) की स्थिति और नवजात के वजन के बीच संबंध पाया गया है (7)।
वहीं, एनसीबीआई की ही वेबसाइट पर प्रकाशित एक अन्य शोध के मुताबिक, गॉइटर प्रभावित जगहों पर जब गर्भवती को आयोडीन का सप्लिमेंट दिया गया, तो उनके होने वाले शिशु के वजन में इसका सकारात्मक प्रभाव देखने को मिला (8)। इस आधार पर कहा जा सकता है कि शिशु में लो बर्थ वेट के जोखिम को कम करने के लिए आयोडीन युक्त खाद्य पदार्थों को आहार में शामिल करना अच्छा विकल्प हो सकता है।
6. फाइब्रोसाइटिक स्तन रोग के लिए
आयोडीन के फायदे में फाइब्रोसाइटिक स्तन रोग के लक्षणों से आराम देना भी शामिल है। इस समस्या में स्तनों में गांठ पड़ जाती है, जिस कारण महिला को स्तनों में दर्द का एहसास होता है (1)। यह मुख्य रूप से पीरियड्स के दौरान और प्रजनन आयु की महिलाओं को प्रभावित करता है, लेकिन कुछ मामलों में यह रजोनिवृत्ति के दौरान भी हो सकता है। इस समस्या में महिला को स्तनों में दर्द, भारीपन व असहजता जैसे लक्षण महसूस हो सकते हैं (9)।
वहीं, आयोडीन की उच्च खुराक इस समस्या के लक्षणों को कुछ हद तक कम करने के लिए उपयोगी हो सकती है। हालांकि, इसकी पुष्टि के लिए अधिक अध्ययन आवश्यक है। अगर कोई महिला इस समस्या से पीड़ित है तो वह डॉक्टर से सलाह के बाद अपने डाइट में सप्लिमेंट भी शामिल कर सकती है (1)।
7. पानी को कीटाणुरहित करने के लिए
आयोडीन का उपयोग सिर्फ स्वास्थ्य के लिए ही नहीं, बल्कि पानी को कीटाणुरहित करने के लिए भी किया जा सकता है। यात्रा के दौरान, ऐसे जगहों पर काम के दौरान जहां म्युनिसिपल पानी पीना सुरक्षित न लगे, वहां आयोडीन से पानी को कीटाणुरहित करने का विकल्प उपयोगी हो सकता है। हां, पानी को डिसइंफेक्टेंट करने का तरीका और पानी में आयोडीन की खुराक का खास ध्यान रखना जरूरी है (10)। वहीं, गर्भवती महिलाएं, आयोडीन के प्रति संवेदनशील और थाइरोइड की समस्या से पीड़ित व्यक्ति आयोडीन डिसइंफेक्टेंट पानी के सेवन बचें (11)।
8. संक्रमण के लिए आयोडीन
आयोडीन के फायदे संक्रमण से बचाव के लिए भी किया जा सकता है। दरअसल, पॉविडोन आयोडीन (Povidone iodine – PVP-I) एक एंटीसेप्टिक और रोगाणुरोधी एजेंट है। इसका उपयोग कटने, हल्के-फुल्के घाव या जलने के इलाज के लिए किया जा सकता है (12)। हालांकि, बेहतर है घाव पर इसके उपयोग से पहले डॉक्टरी सलाह भी ली जाए।
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अब जानिए आयोडीन की पूर्ति के लिए डाइट में शामिल किए जाने वाले आयोडीन युक्त खाद्य पदार्थ कौन से हैं।
आयोडीन युक्त खाद्य पदार्थ – Iodine Rich Foods in Hindi
आयोडीन के फायदे पाने के लिए आयोडीन युक्त खाद्य पदार्थों के बारे में जानना जरूरी है। ऐसे में हम नीचे आयोडीन युक्त खाद्य पदार्थ के बारे में बता रहे हैं (1)।
- मछली (कॉड और टूना)
- समुद्री शैवाल (सीवीड)
- अन्य सीफूड
- दूध
- दही
- पनीर
- चीज
- आयोडीन युक्त नमक
आगे और जानकारी है
अब लेख के इस भाग में जानिए कि शरीर को कितनी आयोडीन की जरूरत होती है।
आपको आयोडीन की कितनी आवश्यकता है – Iodine dosage in Hindi
आयोडीन की आवश्यकता शरीर को उम्र और अवस्था के हिसाब से अलग-अलग होती है। इसी वजह से हम नीचे चार्ट के माध्यम से आयोडीन की आवश्यकता से जुड़ी जानकारी दे रहे हैं (1)।
लाइफ स्टेज | मात्रा |
जन्म से 6 महीने | 110 mcg |
शिशु 7-12 महीने | 130 mcg |
बच्चे 1-8 साल | 90 mcg |
बच्चे 9-13 साल | 120 mcg |
किशोर 14-18 साल | 150 mcg |
वयस्क | 150 mcg |
गर्भवती किशोर और महिलाएं | 220 mcg |
स्तनपान कराने वाले किशोर और महिलाएं | 290 mcg |
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आयोडीन की मात्रा के बाद अब आयोडीन की कमी के लक्षणों के बारे में जान लेते हैं।
आयोडीन की कमी के लक्षण – Iodine deficiency symptoms in Hindi
शरीर में आयोडीन की कमी है, इसकी पुष्टि के लिए आयोडीन की कमी के लक्षण का पता होना जरूरी है। ऐसे में लेख के इस भाग में हम आयोडीन की कमी के लक्षणों के बारे में जानेंगे। तो आयोडीन की कमी के लक्षण कुछ इस प्रकार हैं (13) (14) (1):
- घेंघा
- ब्रेन डैमेज
- मानसिक मंदता (मेंटल रिटार्डेशन)
- गर्भपात
- शिशु की मृत्यु
- थकान
- वजन बढ़ना
- सर्दी सहने में परेशानी
- जोड़ों और मांसपेशियों में दर्द
- शुष्क त्वचा
- बालों का पतला होना
- भारी या अनियमित मासिक धर्म या प्रजनन संबंधी समस्याएं
- धीमी हृदय गति
- डिप्रेशन
- बच्चों में औसत से कम आईक्यू
- काम करने और सोचने की क्षमता में कमी
- बौद्धिक अक्षमता
- यौन विकास में विलम्ब
बने रहें
आयोडीन की कमी के लक्षण जानने के बाद, अब बारी आती है आयोडीन की कमी से होने वाले रोग के बारे में जानने की।
आयोडीन की कमी से रोग – Iodine deficiency disease in Hindi
बता दें कि आयोडीन की कमी से होने वाले रोग कुछ हद तक आयोडीन की कमी के लक्षण से मिलते-जुलते हैं। ऐसे में आयोडीन की कमी से होने वाले रोग कुछ इस प्रकार हैं (2):
- घेंघा या गोईटर – गोइटर में बढ़े हुए थायरॉयड ग्रंथि के कारण गर्दन में सूजन होने की समस्या हो जाती है। इसका आकार छोटी गांठ से लेकर बड़ी गर्दन की गांठ तक हो सकती है (15)।
- हाइपोथायरायडिज्म – यह उस स्थिति में होती है, जब थायरॉइड ग्रंथि थायरॉइड हार्मोन का सही मात्रा में उत्पादन नहीं कर पाते हैं। इस स्थिति को अंडरऐक्टिव थायरॉइड भी कहा जाता है (16)।
- क्रेटिनिज्म – आयोडीन की कमी से भ्रूण में मानसिक व शारीरिक विकलांगता का जोखिम बढ़ सकता है। इस स्थिति को क्रेटिनिज्म (Cretinism) कहा जाता है। ऐसे में इससे बचाव के लिए गर्भावस्था के दौरान डॉक्टर गर्भवती को आयोडीन युक्त खाद्य पदार्थ या आयोडीन सप्लीमेंट लेने की सलाह दे सकते हैं (17)।
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आयोडीन की कमी से होने वाले रोग के बारे में जानने के बाद अब आयोडीन के उपयोग के बारे में भी जानना जरूरी हैं।
आयोडीन का उपयोग कैसे करें – How to use Iodine in Hindi
आयोडीन की कमी से होने वाले रोग से बचाव के लिए इसके उपयोग से जुड़ी जानकारी होना भी जरूरी है। ऐसे में लेख के इस भाग में हम आयोडीन के उपयोग से जुड़ी जानकारियां साझा कर रहे हैं। तो आयोडीन का उपयोग या सेवन कुछ इस प्रकार करें (18):
- आयोडीन युक्त नमक को खाने में शामिल करें।
- आयोडीन युक्त खाद्य पदार्थ, जैसे – सीफूड, डेयरी प्रोडक्ट को आहार में शामिल करें।
- कुछ मामलों में डॉक्टर आयोडीन सप्लीमेंट लेने की सलाह भी दे सकते हैं।
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आयोडीन युक्त खाद्य पदार्थ और आयोडीन से जुड़ी जरूरी जानकारियों के बाद अब आयोडीन के नुकसान से जुड़ी जानकारी भी जरूरी है।
शरीर में अधिक मात्रा में आयोडीन से नुकसान : Side Effects of Iodine in Hindi
इसमें कोई दो राय नहीं है कि शरीर के लिए आयोडीन या आयोडीन युक्त खाद्य पदार्थ आवश्यक हैं, लेकिन इसकी अधिकता नुकसान का भी कारण बन सकती है। आयोडीन नमक के नुकसान भी देखने को मिल सकते हैं। ऐसे में आयोडीन से नुकसान क्या हो सकते हैं, उसकी जानकारी नीचे दी गई है (1)।
- थायरॉइड ग्रंथि में सूजन।
- थायरॉइड कैंसर।
- मुंह, गले व पेट में जलन।
- पेट में दर्द।
- बुखार आना।
- मतली की समस्या।
- उल्टी होना।
- पल्स कमजोर होना।
- दस्त या डायरिया की समस्या।
तो ये थे आयोडीन के फायदे, जिसकी जानकारी हर किसी को होनी चाहिए। अब तो आप समझ ही गए होंगे कि आयोडीन की कमी से होने वाले रोग से बचाव के लिए आयोडीन युक्त खाद्य पदार्थ को डाइट में शामिल करना कितना आवश्यक है। ऐसे में सीमित मात्रा में आयोडीन युक्त खाद्य पदार्थ को अपने आहार में शामिल करें। साथ ही इसकी मात्रा का ध्यान जरूर रखें क्योंकि पाठकों के साथ पारदर्शिता रखते हुए हमने आयोडीन के नुकसान की जानकारी भी साझा की है। इसे अन्य लोगों के साथ भी शेयर करें, ताकि सभी को आयोडीन की कमी से होने वाले रोग और आयोडीन के महत्व के बारे में जानकारी मिल सके।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
आयोडीन की कितनी मात्रा शरीर के लिए सामान्य से अधिक है?
हर उम्र के अनुसार आयोडीन की अलग-अलग मात्रा तय की गई है, जिसकी जानकारी लेख में दी गई है। ऐसे में किसी भी उम्र में आयोडीन की तय की हुई मात्रा से अगर अधिक मात्रा दी गई, तो आयोडीन की अधिकता हो सकती है।
शरीर में आयोडीन अधिक होने पर किन खाद्य पदार्थों से बचना चाहिए?
शरीर में आयोडीन की मात्रा अगर अधिक हो तो आयोडीन युक्त नमक, डेयरी प्रोडक्ट और सी फूड के सेवन से बचना चाहिए। इन सभी खाद्य पदार्थों में आयोडीन की मात्रा अधिक होती है (18)।
आयोडीन की कमी का जोखिम सबसे अधिक किन लोगों में होता है?
गर्भवती व स्तनपान कराने वाली महिलाओं में आयोडीन की कमी का जोखिम अधिक हो सकता है (19)।
क्या आयोडीन सप्लीमेंट सुरक्षित हैं?
आयोडीन को डायटरी सप्लीमेंट के तौर पर आहार के जरिए सेवन किया जा सकता है। वहीं, दवा के रूप में आयोडीन सप्लीमेंट लेने से पहले डॉक्टरी सलाह लेनी जरूरी है। कई बार आयोडीन के सप्लिमेंट अन्य दवाइयों के साथ मिलकर प्रतिक्रिया कर सकते हैं। इसके अलावा, आयोडीन के सप्लीमेंट्स की निर्धारित मात्रा होती है, जो व्यक्ति की उम्र और स्वास्थ्य के आधार पर तय की जाती है (20)।
आयोडीन की कमी को ठीक होने में कितना समय लगता है?
यह व्यक्ति की स्थिति पर निर्भर करता है कि उसमें आयोडीन की कमी की स्थिति कितनी गंभीर है। अगर समस्या ज्यादा गंभीर न हो तो यह कुछ ही दिनों में ठीक हो सकता है।
आयोडीन की कमी से होने वाला रोग क्या है ?
आयोडीन की कमी से होने वाला रोग एक नहीं, बल्कि कई हैं, इनमें शामिल है – घेंघा या गोईटर, हाइपोथायरायडिज्म, क्रेटिनिज्म (21)।
सेंधा नमक में आयोडीन होता है या नहीं?
सेंधा नमक में आयोडीन की मात्रा न के बराबर होती है (22)।
संदर्भ (Sources)
- Iodine
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https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC3074887/ - DOES IODINE CAUSE THYROID CANCER?
https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC6516421/ - Use of Radioactive Iodine for Thyroid Cancer
https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC3352591/ - Iodine deficiency and brain development in the first half of pregnancy
https://pubmed.ncbi.nlm.nih.gov/18053280/ - Iodine consumption and cognitive performance: Confirmation of adequate consumption
https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC6145226/?report=classic - Iodine levels and thyroid hormones in healthy pregnant women and birth weight of their offspring
https://pubmed.ncbi.nlm.nih.gov/19114540/ - Effect of maternal iodine supplementation on thyroid function and birth outcome in goiter endemic areas
https://pubmed.ncbi.nlm.nih.gov/25629792/ - Fibrocystic breasts
https://medlineplus.gov/ency/article/000912.htm - Use of iodine for water disinfection: iodine toxicity and maximum recommended dose.
https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC1638306/ - Infectious Disease Management and Control with Povidone Iodine
https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC6856232/ - A PRACTICAL GUIDE TO THE CORRECTION OF IODINE DEFICIENCY
https://apps.who.int/iris/bitstream/handle/10665/39840/9070785056_eng.pdf?sequence=1&isAllowed=y - Goiter
https://medlineplus.gov/ency/imagepages/17071.htm - Hypothyroidism
https://medlineplus.gov/ency/article/000353.htm - Iodine in pregnancy and lactation
https://www.who.int/elena/titles/bbc/iodine_pregnancy/en/ - Iodine in diet
https://medlineplus.gov/ency/article/002421.htma - Iodine
https://www.betterhealth.vic.gov.au/health/healthyliving/iodine#iodine-deficiency - Iodine
https://ods.od.nih.gov/factsheets/Iodine-HealthProfessional/ - The Iodine Deficiency Disorders
https://www.ncbi.nlm.nih.gov/books/NBK285556/ - HALITE; THE ROCK SALT: ENORMOUS HEALTH BENEFITS
https://wjpr.net/admin/assets/article_issue/1480495868.pdf
