जामुन के पत्ते के फायदे और नुकसान – Jamun Leaves Benefits and Side Effects in Hindi

Written by , MA (Journalism & Media Communication) Puja Kumari MA (Journalism & Media Communication)
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कई ऐसे पेड़ हैं जिनके सभी हिस्से को उपयोगी माना जाता है। चाहे, वह पेड़ का फल, फुल, पत्ते, टहनी या जड़ हो। यह लोगों को कई तरह के फायदे पहुंचाने का काम कर सकता है। ऐसे ही उपयोगी पेड़ की लिस्ट में जामुन भी शामिल है। इसका न सिर्फ फल, बल्कि जामुन के पत्ते भी काफी उपयोगी हो सकते हैं। जामुन के पत्तों के उपयोग से कई बीमारियों के लक्षणों को कम किया जा सकता है और रोगों से बचा जा सकता है। तो स्टाइलक्रेज के इस लेख में हम न सिर्फ जामुन के पत्ते के फायदे से जुड़ी जानकारी देंगे, बल्कि जामुन के पत्तों का उपयोग और नुकसान की जानकारी भी साझा करेंगे।

नीचे है पूरी जानकारी

इस लेख की शुरुआत जामुन के पत्ते क्या है, यह बताते हुए करेंगे।

जामुन के पत्ते क्या है?

जामुन के पेड़ की गिनती औषधीय पेड़ों में होती है, जो कई गुणों से समृद्ध होता है (1)। जामुन के पत्ते लंबे और हरे रंग के होते हैं। जामुन के पत्ते की विशेषता अनेक हैं जैसे – इसमें एंटी-हाइपरग्लिसेमिक, एंटीबैक्टीरियल गुण होने के साथ-साथ ये दांतों के लिए, अल्सर के लिए और अन्य स्वास्थ्य समस्याओं के लिए उपयोगी हो सकते हैं (2)। जामुन के पत्ते के फायदे के बारे में आगे लेख में विस्तार से बताया जा रहा है।

नीचे मुख्य जानकारी है

आइए, अब जानते हैं कि जामुन के पत्ते खाने के फायदे के बारे में।

जामुन के पत्ते के फायदे – Benefits of Jamun Leaves in Hindi

जैसे जामुन के लाभ कई सारे हैं, वैसे ही जामुन के पत्ते के फायदे की वजह से इसे कई रोगों से बचाव या उनके लक्षणों को कम करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। तो जामुन का पत्ता किन रोगों से बचाव के लिए उपयोगी हो सकता है, इसके बारे में हम नीचे विस्तार से बता रहे हैं:

1.मधुमेह में राहत

मधुमेह को नियंत्रित करने के लिए जामुन के पत्ते का उपयोग कर सकते हैं। इस संबंध में प्रकाशित एक मेडिकल रिसर्च में पाया गया है कि जामुन के पत्तों में एंटी-हाइपरग्लिसेमिक प्रभाव मौजूद होते हैं। एंटीहाइपरग्लिसेमिक प्रभाव ब्लड शुगर को कम करने के लिए जाना जाता है, जिससे कि मधुमेह को कम करने में सहायता मिल सकती है। शोध में डायबिटीज को कम करने के लिए जामुन के पत्तों के चाय का इस्तेमाल किया गया है (3)। इस आधार पर यह कहा जा सकता है कि डायबिटीज (मधुमेह) के आहार में जामुन के पत्तों की चाय को शामिल करना अच्छा विकल्प हो सकता है।

2.अल्सर के लिए

अल्सर की समस्या को कम करने के लिए जामुन के पत्ते के फायदे देखे जा सकते हैं। दरअसल, जामुन की पत्तों को अल्सर के इलाज के लिए दवा के तौर पर इस्तेमाल किया जाता रहा है (4)। वहीं, मुंह के अल्सर के लिए घरेलू उपाय के तौर पर जामुन के ताजा पत्तों को चबाकर कुल्ला कर लेने से फायदा हो सकता है (2)।

फिलहाल, इस संबंध में अभी और वैज्ञानिक शोध की आवश्यकता है, जिससे कि यह स्पष्ट हो सके कि इसमें मौजूद कौन सा गुण मददगार होता है। ऐसे में सामान्य अल्सर या इससे बचाव के लिए जामुन के पत्तों का उपयोग किया जा सकता है। वहीं, अगर किसी को अल्सर की गंभीर समस्या के लक्षण महसूस हो तो बेहतर है इस बारे में डॉक्टर से परामर्श लेने के बाद ही जामुन के पत्तों का उपयोग करें और डॉक्टरी चिकित्सा को प्राथमिकता दें।

3.रक्त संचार में सुधार

जामुन के पत्तों का लाभ रक्त संचार को बेहतर करने के लिए भी हो सकता है। एनसीबीआई (नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इंफॉर्मेशन) की वेबसाइट पर पब्लिश मेडिकल रिसर्च की मानें, तो एंटीऑक्सीडेंट का सेवन रक्त संचार में सुधार करने का काम कर सकता है (5)। वहीं, एक दूसरे शोध में जामुन के पत्ते में एंटीऑक्सीडेंट गुण होने की पुष्टि हुई है (3)। वहीं, एंटीऑक्सीडेंट के फायदे सिर्फ रक्त संचार तक ही सीमित नहीं है, बल्कि यह कोशिकाओं की क्षति और शरीर को बीमारियों से बचाने में भी सहायक हो सकता है (6)। ऐसे में एंटीऑक्सीडेंट युक्त आहार में जामुन के पत्तों को शामिल करना अच्छा विकल्प हो सकता है।

4.बुखार के लिए

जामुन के पत्ते का उपयोग कर बुखार को कम कर सकते हैं। इस बात की पुष्टि एक वैज्ञानिक अध्ययन में भी हुई है। इस अध्ययन में बताया गया है कि जामुन के पत्ते को बुखार के उपचार में इस्तेमाल किया जाता है (7)। जामुन के पत्ते का कौन सा गुण बुखार को कम करने में सहायक हो सकता है, इस विषय में अभी और शोध की आवश्यकता है। हलांकी, जामुन के पत्तों में एंटी वायरल गुण मौजूद होते हैं (3)। ऐसे में इस गुण के आधार पर यह मान सकते हैं कि हल्के-फुल्के बुखार के लिए जामुन के पत्तों का उपयोग किया जा सकता है। वहीं, अगर बुखार बार-बार हो तो बेहतर है इस विषय में डॉक्टर की राय भी ली जाए।

5.कैंसर से बचाव

कैंसर जैसे गंभीर बीमारी को दूर रखने में भी जामुन का पत्ता अहम भूमिका निभा सकता है। एनसीबीआई की वेबसाइट पर प्रकाशित रिसर्च की मानें, तो जामुन के पेड़ के कई हिस्से को कैंसर से बचाव के लिए उपयोगी माना है (8)। एक दूसरे वैज्ञानिक शोध के अनुसार, जामुन के पत्ते में फ्लेवोनोइड होते हैं, जो एंटी कैंसर प्रभाव को प्रदर्शित करते हैं। ऐसे में इससे कैंसर के जोखिम को कम किया जा सकता है (9)। ऐसे में कैंसर से बचाव के लिए जामुन के पत्तों का उपयोग लाभकारी हो सकता है। वहीं, हम यह स्पष्ट कर दें कि कैंसर एक गंभीर बीमारी है और जामुन के पत्ते इसका इलाज नहीं है, कैंसर के इलाज के लिए डॉक्टरी चिकित्सा को प्राथमिकता देना जरूरी है।

6.पाचन के लिए

अगर कोई पाचन से जुड़ी समस्या से परेशान है, तो उनके लिए जामुन के पत्ते का उपयोग फायदेमंद साबित हो सकता है। एनसीबीआई की वेबसाइट पर पब्लिश मेडिकल रिसर्च की मानें, तो जामुन के पेड़ के कई भाग को पाचन की समस्या को बेहतर करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। भारत के कई जगहों में अपच की समस्या में जामुन की ताजा पत्तियों को पीसकर बकरी के दूध के साथ सेवन किया जाता है (8)। इस आधार पर कहा जा सकता है कि जामुन का पत्ता पाचन क्रिया में सुधार कर सकता है। फिलहाल, इस संबंध में वैज्ञानिक शोध का अभाव है।

7.उच्च रक्तचाप में नियंत्रण

बढ़ते रक्तचाप को संतुलन में करने के लिए जामुन के पत्ते के फायदे हो सकते हैं। दरअसल, एक रिसर्च में इस बात का जिक्र मिलता है कि जामुन का छाल और इसके पत्ते से रक्तचाप को नियंत्रित किया जा सकता है (10)। इसके अलावा, एनसीबीआई की वेबसाइट पर प्रकाशित एक शोध में इस बात का जिक्र मिलता है कि जामुन के पत्तों में मौजूद हाइड्रो अल्कोहलिक अर्क (Hydroalcoholic extract) एंटी-हाइपरटेंसिव प्रभाव को दर्शा सकता है, जिससे रक्तचाप को कम किया जा सकता है (11)। ऐसे में हाई ब्लड प्रेशर के जोखिम को कम करने के लिए और ब्लड प्रेशर नियंत्रित रखने के लिए जामुन के पत्तों का उपयोग किया जा सकता है। वहीं, हाई ब्लड प्रेशर डाइट में डॉक्टरी सलाह के अनुसार जामुन के पत्ते को शामिल किया जा सकता है।

8.दस्त से राहत

दस्त से राहत पाने के लिए भी जामुन के पत्ते खाने के फायदे हो सकते हैं। दस्त में जामुन के पत्तों का लाभ इसमें मौजूद एंटी-डायरिया गुण के कारण हो सकता है (12)। दस्त के लिए जामुन के पत्तों का उपयोग आयुर्वेदिक दवा के तौर पर किया जाता रहा है। ऐसे में डायरिया से बचाव के लिए या डायरिया के हल्के-फुल्के समस्या के लिए जामुन के पत्तों का उपयोग किया जा सकता है। वहीं, अगर समस्या ज्यादा हो तो घरेलू उपाय पर निर्भर न रहते हुए डॉक्टरी चिकित्सा को प्राथमिकता देना बेहतर है।

9.पेचिश से राहत

डिसेंट्री यानी पेचिश एक ऐसी स्थिति है, जो बैक्टीरिया और पैरासाइट संक्रमण के कारण हो सकता है। इस समस्या में व्यक्ति को बार-बार मल त्यागने की जरूरत महसूस होती है। इस समस्या के कारण मल के साथ रक्त और बलगम भी आ सकता है। इस दौरान पीड़ित को शौच के समय दर्द या ऐंठन भी एहसास हो सकता है (13)। इस समस्या से परेशान व्यक्ति के लिए जामुन के पत्तों का उपयोग लाभकारी हो सकता है। दरअसल, जामुन के पत्ते में एंटी-डिसेंट्री प्रभाव पाया जाता है, जो पेचिश की समस्या को कुछ हद तक कम कर सकता है (12)। पेचिश की समस्या में इसकी गंभीरता का ध्यान रखें, अगर परेशानी ज्यादा हो तो डॉक्टरी इलाज कराने से पीछे न हटें।

पढ़ना जारी रखें

इस लेख के अगले भाग में जामुन के पत्ते की विशेषता यानी इसके पोषक तत्वों के बारे में बताने जा रहे हैं।

जामुन के पत्ते के पौष्टिक तत्व – Jamun Leaves Nutritional Value in Hindi

एनसीबीआई की वेबसाइट पर पब्लिश रिसर्च के आधार पर हमने यहां जामुन के पत्ते में मौजूद पोषक तत्वों की जानकारी दी है। जामुन के पत्ते में फ्लेवोनोल ग्लाइकोसाइड्स (Flavonol glycosides), क्वेरसेटिन (Quercetin), मायरिसेटिन (Myricetin), मायरीसिटिन (Myricitin), मायरिसेटिन 3-ओ-4-एसिटाइल-एल-रेमनोप्रानोसाइड (Myricetin 3-O-4-acetyl-L-rhamnopyranoside), ट्राइसेपेनोइड्स (Triterpenoids), एस्टेरेज (Esterase), गैलॉयल कार्बोक्सिलेज (galloyl carboxylase) और टैनिन (Tannin) जैसे पोषक पाए जाते हैं (8)। वहीं, इसके पत्ते में एंटीऑक्सीडेंट, एंटी वायरल, एंटी बैक्टीरियल और एंटी इन्फ्लेमेशन गुण मौजूद होते हैं (3)।

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आगे जानिए, जामुन के पत्तों का उपयोग किस प्रकार से किया जा सकता है।

जामुन के पत्ते का उपयोग – How to Use Jamun Leaves in Hindi

बहुत ही कम लोगों को यह पता है कि जामुन के पत्तों का उपयोग कई तरह से किया जा सकता है। ऐसे में जामुन के पत्ते के उपयोग से जुड़ी जानकारी नीचे दी जा रही है:

कैसे उपयोग करें

  • जामुन के कुछ ताजे पत्ते को चबा सकते हैं।
  • जामुन के पत्तों को चाय में इस्तेमाल कर सेवन किया जा सकता है।
  • जामुन के बीज की तरह ही इसके सूखे पत्तों से बनाए गए चूर्ण का सेवन किया जा सकता है।
  • जामुन के चूर्ण को दूध या शहद में मिलाकर ले सकते हैं।
  • जामुन के पत्तों के रस से कुल्ला किया जा सकता है। इससे मुंह को स्वस्थ रखा जा सकता है।
  • जामुन के पत्तों की चटनी बनाकर सेवन कर सकते हैं।

कब उपयोग करें

  • जौमुन के पत्तों से बनी चाय को सुबह या शाम किसी एक समय पी सकते हैं।
  • जामुन के पत्तों से बने चूर्ण को दिन में एक बार सेवन कर सकते हैं। बेहतर है इसका चूर्ण लेने से पहले एक बार विशेषज्ञ की राय भी ली जाए।

कितना उपयोग करें

  • जामुन के पत्तों का उपयोग सीमित मात्रा में करना बेहतर होगा। इसे कितनी मात्रा में लेना है, इसपर कोई वैज्ञानिक शोध उपलब्ध नहीं है। हर व्यक्ति के उम्र और स्वास्थ्य के अनुसार इसकी मात्रा तय की जा सकती है। ऐसे में इसे लेने की सही मात्रा जानने के लिए विशेषज्ञ से संपर्क करें। साथ ही जामुन के पत्तों के सेवन से पहले डॉक्टर से भी सलाह लें।

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चलिए, अब जानते है कि जामुन के पत्ते को अधिक समय तक सुरक्षित किस प्रकार रखा जा सकता है।

जामुन के पत्ते को लम्बे समय तक सुरक्षित कैसे रखें?

जामुन के पत्तों को पेड़ से तोड़ने के बाद अधिक समय तक सुरक्षित रखने के लिए कई उपाय अपनाने पड़ सकते हैं। इन उपायों के बारे में नीचे कुछ बिंदुओं की मदद से जानकारी दी जा रही है:

  • जामुन के पत्ते को सुरक्षित रखने के लिए ताजा पत्तों का चयन करें। इसे आवश्यकता अनुसार ही लें।
  • इन्हें हल्के गीले कपड़े में लपेटकर रख सकते हैं।
  • इन्हें कपड़े में लपेटकर फ्रीज या घर के ठंडे कमरे में रखा जा सकता है।
  • अगर घर में जामुन का पेड़ है, तो जरूरत के समय ही इसके पत्ते को तोड़कर उपयोग करें।

आगे और जानकारी है

अब हम जामुन के पत्ते के नुकसान किस तरह के हो सकते हैं, इसकी जानकारी देने जा रहे हैं।

जामुन के पत्ते के नुकसान – Side Effects of Jamun Leaves in Hindi

बेशक जामुन के पत्ते फायदेमंद होते हैं, पर कभी-कभी इसके अधिक इस्तेमाल से कुछ नुकसान भी हो सकते हैं। जामुन के पत्ते के नुकसान कुछ इस प्रकार हैं:

  • रक्तचाप का जरूरत से ज्यादा कम होना जामुन के पत्ते के नुकसान में गिनती कर सकते हैं। जैसा कि हमने पहले भी बताया है कि इसके पत्ते में एंटी-हाइपरटेंसिव प्रभाव होते हैं, जो सामान्य रक्तचाप वालों के लिए निम्न रक्तचाप की समस्या उत्पन्न कर सकता है (11)। वहीं, अगर कोई रक्तचाप के दवा का सेवन कर रहा हो तो जामुन के पत्तों के सेवन से पहले एक बार डॉक्टर की सलाह जरूर लें।
  • जामुन के पत्तों में ब्लड शुगर को कम करने की क्षमता भी होती है, जो सामान्य रक्त शुगर वाले में लो ब्लड शुगर की समस्या उत्पन्न कर सकता है (3)।
  • अधिक संवेदनशील त्वचा वाले लोगों को जामुन के पत्ते से एलर्जीक रिएक्शन हो सकता है। फिलहाल, इस संबंध में अभी वैज्ञानिक रिसर्च की आवश्यकता है, लेकिन सावधानी के तौर पर इसके उपयोग से पहले पैच टेस्ट जरूर करें।

जामुन के पत्ते गुणकारी होते हैं, जो सेहत को कई फायदे पहुंचा सकते हैं। इसके सेवन से जुड़े फायदों के बारे में ऊपर दी गई जानकारी से पता चल ही गया होगा। ऐसे में जामुन के पत्ते के फायदे के लिए इसे सीमित मात्रा में उपयोग करें। अगर जरूरत महसूस हो तो बेहतर है जामुन के पत्तों का उपयोग करने से पहले डॉक्टर से सलाह लें। खासकर, छोटे बच्चों और गर्भवतियों को देने से पहले। हम आशा करते हैं कि इस लेख में दी गई जानकारी आपके काम आएगी। आइए अब जानते हैं जामुन के पत्तों से संबंधित पाठकों के सवाल के जवाब।

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल:

क्या जामुन के पत्ते को खा सकते हैं?

जी हां, जामुन के पत्ते को चबा सकते हैं, लेकिन चबाने के बाद पानी से कुल्ला जरूर करें।

क्या जामुन के पत्ते मधुमेह के लिए अच्छा है?

जी हां जामुन के पत्ते मधुमेह के रोगियों के लिए उपयोगी हो सकता है (3)।/p>

क्या जामुन के पत्ते जहरीले होते हैं?

सामान्य तौर पर जामुन के पत्ते जहरीले नहीं होते हैं, लेकिन उनका उपयोग हमेशा अच्छी तरह धोकर ही करना चाहिए। ऐसा इसलिए क्योंकि अगर उनमें गंदगी या कीड़े-मकोड़े होंगे तो यह हानिकारक हो सकता है। वहीं, अगर किसी को एलर्जी की समस्या हो तो उनके लिए इसके उपयोग से पहले डॉक्टरी सलाह लेना आवश्यक है।

क्या मैं जामुन के पत्तों का रस निकाल सकता हूं?

जी हां, जामुन के पत्ते का रस निकालकर इस्तेमाल किया जा सकता है।

क्या जामुन के पत्ते फ्रीज में रख सकते हैं?

जी हां, फ्रीज के सामान्य तापमान में जामुन के पत्ते को रख सकते हैं।

References

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