जोड़ों में दर्द के कारण, लक्षण और घरेलू उपाय – Joint Pain Causes, Symptoms and Home Remedies in Hindi

जोड़ों में दर्द होना आम समस्या है। सामान्य तौर पर यह परेशानी बढ़ती उम्र, खेलकूद के समय लचक या मोच और सोते समय मांसपेशियों के खिंचाव के कारण हो सकती है। साथ ही जोड़ों का दर्द कुछ बीमारियों का संकेत भी होता है। जी हां, जोड़ों का दर्द अपने आप में कोई बीमारी नहीं, बल्कि कुछ बीमारियों का एक लक्षण है। इसी वजह से हम स्टाइलक्रेज के इस लेख में जोड़ों के दर्द के कारण और जोड़ों में दर्द का घरेलू उपचार की जानकारी दे रहे हैं। अगर किसी की समस्या गंभीर है, तो इन उपायों के साथ-साथ मेडिकल ट्रीटमेंट भी करवाएं और संतुलित आहार का सेवन भी जरूर करें।
स्क्रॉल करें
लेख के सबसे पहले भाग में जानिए कि जोड़ों में दर्द का मतलब क्या होता है।
विषय सूची
जोड़ों में दर्द क्या है – What is Joint Pain in Hindi
जोड़ों के दर्द को चिकित्सकीय भाषा में अर्थराल्जिया कहा जाता है, जो एक साथ एक से ज्यादा जोड़ों को प्रभावित कर सकता है। हम ऊपर बता ही चुके हैं कि जोड़ों में दर्द अपने आप में किसी प्रकार की बीमारी नहीं है, बल्कि अन्य बीमारियों का लक्षण है (1)। कई बार जोड़ों के दर्द का कारण चोट लगना, सूजन या डीजेनरेटिव रोग हो सकते हैं (2)।
पढ़ते रहें लेख
जोड़ों में दर्द का मतलब जानने के बाद आगे जानिए जोड़ों में दर्द के लक्षण क्या हो सकते हैं।
जोड़ों में दर्द के लक्षण – Symptoms of Joint Pain in Hindi
जोड़ों का दर्द वैसे अपने आप ही एक तरह का लक्षण है। फिर भी जोड़ा के दर्द में कुछ इस तरह के लक्षण नजर आ सकते हैं (3) :
- सूजन
- जोड़ों के आसपास गर्माहट महसूस होना
- जोड़ों में असहजता का एहसास होना
- लालपन
- चलने या हिलाने पर जोड़ों में दर्द होना
आगे पढ़ें
जोड़ों में दर्द के लक्षण के बाद जानते हैं जोड़ों और हड्डियों में दर्द के कारण क्या-क्या हैं।
जोड़ों में दर्द के कारण – Causes of Joint Pain in Hindi
जोड़ों में दर्द के कारण कारण एक नहीं, बल्कि कई हो सकते हैं, जैसे (3):
- रूमेटाइड गठिया (टिश्यू में सूजन) या ल्यूपस (एक प्रकार का ऑटोइम्यून रोग)
- बर्साइटिस (हड्डियों और मांसपेशियों के बीच मौजूद तरल पदार्थ से भरी थैली में सूजन)
- घुटनों में टिश्यू की क्षति (इंटीरियर नी पेन)
- गाउट (खून में यूरिक एसिड बढ़ जाने से जोड़ों में सूजन)
- वायरल संक्रमण
- फ्रैक्चर
- पुराना ऑस्टियोआर्थराइटिस
- ऑस्टियोमाइलाइटिस (हड्डियों में संक्रमण)
- सेप्टिक अर्थराइटिस (जोड़ों में संक्रमण)
- टेंडन यानी हड्डी और मांशपेशियों को जोड़ने वाले टिश्यू में सूजन
- असाधारण तरीके से खिंचाव या मोच
पढ़ना जारी रखें
जोड़ों में दर्द के कारण के बाद लेख के अगले भाग में जानिए जोड़ों का दर्द दूर करने के घरेलू उपाय क्या हैं।
जोड़ों के दर्द से राहत के घरेलू उपाय – 10 Effective Home Remedies for Joint Pain in Hindi
जोड़ों और घुटनों का दर्द बढ़ने से पहले इसका मेडिकल ट्रीटमेंट करवाना जरूरी है। चिकित्सकीय इलाज के साथ-साथ नीचे बताए गए उपाय जोड़ों के दर्द का घरेलू उपचार करने में मदद कर सकते हैं।
1. मसाज
सामग्री:
- लैवेंडर या ऑरेगैनो ऑयल की कुछ बूंदें
कैसे करें इस्तेमाल:
- लैवेंडर या ऑरेगैनो ऑयल की कुछ बूंदों को प्रभावित जगह पर लगाएं।
- फिर हल्के हाथों से उस हिस्से की मसाज करें।
- ऐसा दर्द होने पर या फिर हफ्ते में तीन बार कर सकते हैं।
कैसे हैं लाभदायक:
एनसीबीआई (नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इंफॉर्मेशन) की ओर से प्रकाशित शोध के अनुसार, लैवेंडर ऑयल से की गई अरोमाथेरेपी मसाज ऑस्टियोअर्थराइटिस (घुटनों का दर्द) से आराम दिलाने में मददगार साबित हो सकती है (4)। जोड़ों में दर्द का घरेलू उपचार करने के लिए ऑरेगैनो ऑयल का उपयोग भी किया जा सकता है। ऑरेगैनो के कारवाक्रोल फिनोल कंपाउंड में एंटीइंफ्लेमेटरी गुण होता है, जो जोड़ों के दर्द के कारण होने वाली सूजन को कम करने में सहायक हो सकता है (5)।
2. हॉट एंड कोल्ड कम्प्रेस
सामग्री :
- हॉट एंड कोल्ड कम्प्रेस बैग
कैसे करें इस्तेमाल:
- हॉट एंड कोल्ड कम्प्रेस बैग से प्रभावित हिस्सों की सिकाई करें।
कैसे हैं लाभदायक:
हॉट एंड कोल्ड कम्प्रेस से जोड़ों में दर्द पर ठंडा और गर्म दोनों प्रभाव एक साथ पड़ता है। कोल्ड थेरेपी से जोड़ों के दर्द, सूजन और मांसपेशियों की अकड़न को कम किया जा सकता है। वहीं, हीट थेरेपी टिश्यू से इलास्टिसिटी बढ़ती है, जिससे जोड़ों का दर्द कम हो सकता है। ये दोनों थेरेपी शरीर में रक्त संचार को बढ़ाती हैं, जिससे दर्द को कम करने में मदद मिल सकती है (6)।
3. लहसुन
सामग्री :
- लहसुन की 10 कलियां
- 5 चम्मच सरसों का तेल
कैसे करें इस्तेमाल:
- लहसुन की कलियों को सिलबट्टे की मदद से कूट लें।
- एक छोटे पैन में सरसों का तेल डालें और उसमें कुचले हुए लहसुन को डालकर गर्म कर लें।
- जब लहसुन का रंग भूरा हो जाए, तो गैस बंद कर दें और तेल को गुनगुना होने के लिए रख दें।
- गुनगुना होने के बाद इस लहसुन के तेल से प्रभावित जोड़ों पर लगभग 20 मिनट तक मसाज करें।
- मसाज करने के बाद कुछ देर आराम करें।
- इच्छा हो तो अंत में गुनगुने पानी से नहा भी सकते लें।
कैसे है लाभदायक:
लहसुन का उपयोग जोड़ों का दर्द को दूर करने के लिए किया जा सकता है। एक शोध में पाया गया है कि एलियम परिवार की सब्जियां हिप्स जॉइंट के दर्द को कम करने में मदद कर सकती हैं, जिसमें लहसुन भी शामिल है। इसे कूटने या काटने पर एलिसिन (Allicin) कंपाउंड एक्टिव होता है। यह कुछ अन्य बायोएक्टिव कंपाउंड के साथ मिलकर हिप्स जॉइंट के दर्द को कम कर सकता है (7)।
इसके अलावा, मोटापे के कारण घुटनों के दर्द से परेशान महिलाओं पर किए गए शोध में भी कहा गया है कि लहसुन जोड़ों के दर्द को कम कर सकता है। शोध में इस बात की पुष्टि की गई की लहसुन सप्लीमेंट में
पाए जाने वाले एंटीइंफ्लामेटरी और एनाल्जेसिक गुण दर्द की स्थिति में सुधार ला सकते हैं (8)।
4. प्याज
सामग्री :
- आधा प्याज
कैसे करें इस्तेमाल :
- रोजाना प्याज का सेवन आहार के साथ किया जा सकता है।
- इसके अलावा, प्याज को बारीक पीसकर लेप के रूप में प्रभावित स्थान पर लगाया जा सकता है।
कैसे है लाभदायक :
प्याज का उपयोग जॉइंट पेन की समस्या में फायदेमंद हो सकता है। इस विषय पर हुई रिसर्च के अनुसार, प्याज में एंटी इंफ्लेमेटरी गुण होता है। यह ऑस्टियोआर्थराइटिस यानी एक प्रकार के गठिया के कारण होने वाली सूजन और दर्द को कम करता है (9)। वहीं, एक अन्य रिसर्च से भी इस बात की जानकारी है कि जॉइंट पेन में प्याज का सेवन फायदेमंद हो सकता है (10)।
5. एप्सम सॉल्ट
सामग्री :
- दो कप एप्सम सॉल्ट
- एक बाथटब गुनगुना पानी
कैसे करें इस्तेमाल:
- एक बाथटब गुनगुने पानी में दो कप एप्सम सॉल्ट मिला लें।
- लगभग 15-20 मिनट तक इस बाथटब में बैठें।
- बाद में सादे पानी से नहा लें।
कैसे है लाभदायक:
एप्सम सॉल्ट का उपयोग दर्द निवारक के रूप में किया जा सकता है। इसे मैग्नीशियम सल्फेट के नाम से भी जाना जाता है। इंसानों पर की गई रिसर्च से इस बात की पुष्टि होती है। रिसर्च में इस बात का जिक्र है कि एप्सम सॉल्ट एनाल्जेसिक एजेंट यानी दर्द को कम करने वाले पदार्थ की तरह काम कर सकता है। इससे मांसपेशियों का दर्द व अकड़न दोनों से आराम मिल सकती है। इसके अलावा, एप्सम सॉल्ट से जोड़ों की सूजन को भी कम किया जा सकता है (11)।
6. मेथी के बीज
सामग्री:
- 2 चम्मच मेथी दाना
- 1 गिलास पानी
कैसे करें इस्तेमाल:
- एक गिलास पानी में दो चम्मच मेथी दाना डालें।
- इसे रात भर भिगो कर रखें।
- दूसरे दिन इस पानी को छान लें और छने पानी का सेवन करें।
- इसके अलावा, भीगी हुई मेथी को पीसकर पेस्ट बना लें।
- इस पेस्ट को प्रभावित स्थान पर लगा सकते हैं।
कैसे है लाभदायक:
घुटने और अन्य जॉइंट पेन में मेथी के बीज का उपयोग किया जा सकता है। एक अध्ययन के अनुसार, मेथी के बीज में एंटी-इंफ्लेमेटरी और एनाल्जेसिक प्रभाव होते हैं। ये दोनों प्रभाव घुटने की सूजन के साथ ही जोड़ों के दर्द का घरेलू इलाज करने में लाभदायक हो सकते हैं (12) (13)।
7. हल्दी
सामग्री:
- 1 चम्मच हल्दी
- 1 गिलास दूध
कैसे करें इस्तेमाल:
- एक गिलास गर्म दूध में एक चम्मच हल्दी डालकर अच्छी तरह मिलाएं।
- इस मिश्रण का सेवन सोने से पहले रोज कर सकते हैं।
- इसके अलावा, हल्दी का पेस्ट बनाकर इसे प्रभावित जगह पर लगा सकते हैं।
कैसे है लाभदायक:
हल्दी के उपयोग से भी जोड़ों के दर्द का घरेलू इलाज हो सकता है। इस विषय पर हुई रिसर्च से जानकारी मिलती है कि हल्दी में पाए जाने वाला करक्यूमिन घटक जोड़ों के दर्द में फायदेमंद हो सकता है। दरअसल, करक्यूमिन में दर्द निवारक और एंटी इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं। ये दोनों गुण दर्द और सूजन से छुटकारा दिलाने में मददगार हाे सकते हैं (14)।
8. अदरक
सामग्री:
- 1 इंच अदरक का टुकड़ा
- 1 कप पानी
कैसे करें इस्तेमाल:
- एक कप पानी में अदरक कूटकर मिला लें।
- अब इसे 5 मिनट तक उबालें।
- फिर जब मिश्रण ठंडा हो जाए, तो एक साफ कपड़े को अदरक के पानी में डुबोएं।
- अब इस कपड़े से प्रभावित हिस्से को लपेट कर कुछ देर के लिए ऐसे ही छोड़ दें।
- इसके अलावा, रोजाना अदरक की चाय का सेवन भी किया जा सकता है।
कैसे है लाभदायक:
सेहत के लिए अदरक का उपयोग पारंपरिक चिकित्सा के साथ ही आधुनिक चिकित्सा पद्धति में जोड़ों के दर्द का इलाज करने के लिए किया जाता है। इस विषय पर हुई एक रिसर्च से इस बात की पुष्टि होती है कि अदरक में एंटी इंफ्लेमेटरी और एनाल्जेसिक गुण होते हैं, जो सूजन और दर्द को कम करने का काम कर सकते हैं (15)।
9. बिच्छू बूटी (नेटल लीफ)
सामग्री:
- थोड़ी-सी ताजी बिच्छू बूटी की पत्तियां
कैसे करें इस्तेमाल:
- बिच्छू बूटी को दर्द से प्रभावित जोड़ पर लगाएं।
- इसके अलावा, बिच्छू बूटी की सब्जी बनाकर या पानी में इसके पत्तों को उबालकर इसकी चाय पी सकते हैं।
कैसे है लाभदायक:
जोड़ो में दर्द का घरेलू इलाज करने के लिए बिच्छू बूटी यानी नेटल लीफ) का उपयोग किया जा सकता है। एक रिसर्च के मुताबिक, बिच्छू के पत्तों पर मौजूद छोटे-छोटे रेशे जब सीधे त्वचा के संपर्क में आते हैं, तो उससे होने वाली झनझनाहट से जोड़ों के दर्द से राहत मिल सकती है (16)।
दरअसल, बिच्छू बूटी के पत्तों में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होता है, जिसके कारण यह इंफ्लेमेटरी रोग, जैसे ऑस्टियोअर्थराइटिस से राहत दिलाने में मदद कर सकती है। इस बीमारी का एक लक्षण जोड़ों का दर्द भी है (17)। इसी आधार पर बिच्छू बूटी को जोड़ों के दर्द में लाभदायक माना जाता है। बस ध्यान दें कि बिच्छू पत्ती को स्पर्श से शरीर में एलर्जी भी हो सकती है (18)। ऐसा होने पर डॉक्टर से संपर्क करें
10. लाल मिर्च
सामग्री:
- तीन बड़ा चम्मच लाल मिर्च पाउडर
- एक कप जैतून का तेल
- आधा कप पेराफिन वेक्स
- एक डबल बॉयलर
कैसे करें इस्तेमाल:
- एक कप जैतून के तेल में तीन बड़े चम्मच लाल मिर्च मिलाएं।
- इस मिश्रण को मध्यम आंच पर लगभग 10 मिनट तक एक डबल बॉयलर में गर्म करें।
- इसे लगातार हिलाते हुए इसमें आधा कप वेक्स मिला लें।
- वेक्स के पूरी तरह से घुल जाने तक मिश्रण को हिलाते रहें।
- अच्छी तरह से मिल जाने पर मिश्रण को हल्का ठंडा होने दें।
- उसके बाद मिश्रण को प्रभावित हिस्से पर लगाएं।
- इस मिश्रण का उपयोग डेढ़ सप्ताह तक किया जा सकता है।
कैसे है लाभदायक:
लाल मिर्च का उपयोग जोड़ों में दर्द के इलाज में भी फायदेमंद हो सकता है। शोध के अनुसार, लाल मिर्च में पाए जाने वाला कैप्साइसिन नामक कंपाउंड दर्द को दूर करने में मददगार हो सकता है। कैपेसिसिन में एंटी इंफ्लेमेटरी और एनाल्जेसिक प्रभाव होते हैं। इन गुणों के कारण लाल मिर्च को जोड़ों में दर्द में एक प्राकृतिक दर्द निवारक के रूप में उपयोग किया जा सकता है (19)।
11. व्यायाम और योग
कई लोगों का मानना है कि जोड़ों में दर्द के दौरान एक्सरसाइज करने से समस्या बढ़ सकती है, लेकिन ऐसा नहीं है। मिनियापोलिस मेडिकल स्कूल विश्वविद्यालय के एक शोध में यह पाया गया है कि जोड़ों के दर्द को एक्सरसाइज कर सकता है और इससे शारीरिक गतिविधियों में सहजता हो सकती है। साथ ही मांसपेशियों को मजबूती मिल सकती है (20)। बस एक्सरसाइज करने से पहले डॉक्टर से परामर्श जरूर करें। मरीज की अवस्था को देखकर डॉक्टर बेहतर एक्सरसाइज का सुझाव दे सकते हैं।
इसके अलावा, मोटापा और बढ़ती चर्बी के कारण भी जोड़ों में दर्द हो सकता है। मोटापा से होने वाले जोड़ों के दर्द को दूर करने के लिए वजन को नियंत्रित करना जरूरी है (21)। इसके लिए भी रोजाना व्यायाम और योग थेरेपी को बेहतर माना गया है। योग थेरेपी से मांसपेशियों में खिंचाव आता है और यह जोड़ों को गतिशील बना सकते हैं। योग के अंतर्गत आसन, ध्यान और प्राणायाम तकनीक को अपनाकर जोड़ों के दर्द को दूर किया जा सकता है (22)।
पढ़ना जारी रखें
जोड़ों के दर्द के घरेलू उपाय के बाद जानते हैं कि जोड़ों के दर्द के निदान के बारे में।
जोड़ों का दर्द की पहचान कैसे की जा सकती है – How to diagnose joint pain in hindi
जोड़ों के दर्द के निदान के लिए आमतौर पर डॉक्टर निम्न सवाल पूछ सकते हैं और कुछ खास परीक्षण की सलाह दे सकते हैं (3) :
- मेडिकल हिस्ट्री यानी पूर्व में हुई बीमारियों को जानना
- जोड़ों के दर्द से संबंधित दवाओं और टेस्ट की जानकारी लेना
- शारीरिक परीक्षण
- जोड़ों के एक्स-रे
- ऑटोइम्यून विकारों की जांच के लिए रक्त परीक्षण
- सी-रिएक्टिव प्रोटीन टेस्ट
- सीबीसी यानी कंपलीट ब्लड काउंट या फिर सिर्फ व्हाइट सेल काउंट
- सेडिमेंटेशन रेट टेस्ट, जिससे शरीर में सूजन की जांच की जाती है
इलाज पढ़ें
जोड़ों में दर्द के निदान के बाद अब हम बता रहे हैं कि जोड़ों के दर्द का इलाज कैसे किया जा सकता है।
जोड़ों में दर्द का इलाज – Joint Pain Treatment in Hindi
जोड़ों के दर्द का घरेलू उपाय करने के साथ-साथ जरूरत पड़ने पर इसका चिकित्सकीय इलाज करवाना भी आवश्यक है। नीचे जानिए कि इसके लिए डॉक्टर कौन सी दवा या इलाज का सुझाव दे सकते हैं (3)।
- नॉन-स्टेरायडल एंटी इंफ्लेमेटरी ड्रग्स (NSAIDS)
- जोड़ों में कॉर्टिकोस्टेरॉइड (Corticosteroid) इंजेक्शन
- संक्रमण के कारण होने वाली समस्या में एंटीबायोटिक
- सर्जिकल ड्रेनेज, जिसमें अस्पताल में भर्ती होना पड़ता है
- मांसपेशियों और जोड़ों के लिए फिजिकल थेरेपी
लेख में बने रहें
आर्टिकल के इस हिस्से में हम जोड़ों में दर्द के जोखिम कारक और जटिलताओं के बारे में बता रहे हैं।
जोड़ों में दर्द के जोखिम कारक और जटिलताएं- Joint Pain Risk and Complications in Hindi
जोड़ों के दर्द को बढ़ाने वाले कई जोखिम कारक हो सकते हैं। यहां हम आपको बता रहे हैं कि जोड़ों में दर्द के जोखिम कारक और जटिलताएं क्या-क्या हो सकती हैं।
जोखिम कारक (23):
- फैमिली हिस्ट्री: यदि परिवार में माता पिता को जोड़ों के दर्द की समस्या है, तो बच्चों को भी यह बीमारी होने का जोखिम होता है।
- बढ़ती उम्र: बढ़ती उम्र भी जोड़ों का दर्द का जोखिम कारक होता है।
- लिंग: जोड़ों के दर्द की समस्या पुरुषों के मुकाबले महिलाओं में अधिक होती है।
- चोट: किसी भी प्रकार की पुरानी चोट जोड़ों के दर्द का एक प्रमुख कारण बन सकती है।
- मोटापा: अतिरिक्त वजन के कारण भी जोड़ों के दर्द का जोखिम हो सकता है। यह घुटनों, कूल्हों और रीढ़ के दर्द का कारण बन सकता है।
- अल्कोहल और धूम्रपान: अल्कोहल और धूम्रपान भी जोड़ों में दर्द के जोखिम को बढ़ा सकता है।
जटिलताएं (24):
- जोड़ों के दर्द के कारण दैनिक कार्य प्रभावित हो सकते हैं।
- अपने हाथों और घुटनों को मोड़ने में परेशानी हो सकती है।
- माना जाता है कि जिन्हें जोड़ों के दर्द की समस्या होती है, उनकी प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर हाे सकती है।
- इम्यूनिटी कमजोर होने से संक्रमण का खतरा रहता है, जिसके कारण साइनस, कान का संक्रमण, ब्रोंकाइटिस और निमोनिया जैसे रोग हो सकते हैं।
पढ़ते रहें लेख
आर्टिकल के इस हिस्से में हम आपको बता रहे हैं कि जोड़ों के दर्द में किस तरह का भोजन लेना चाहिए।
जोड़ों का दर्द होने पर किस तरह का भोजन करना चाहिए?
जोड़ों के दर्द के दौरान पोषक तत्वों से भरपूर खाद्य पदार्थों को भोजन में शामिल करना चाहिए। क्या हैं वो खाद्य पदार्थ, जिनसे घुटने के जोड़ों के दर्द से राहत मिल सकती है जानने के लिए नीचे पढ़ें (25):
- सब्जी: पालक, टमाटर, सोयाबीन और आलू।
- फलों: सूखा आलूबुखारा, लाल अंगूर, आम, अंगूर, सेब, चकोतरा, संतरा, ब्लूबेरी और खट्टे फल।
- मसाले: काली मिर्च, अदरक, गरम मसाले, जीरा, तेजपत्ता, दालचीनी, लाल शिमला मिर्च, लौंग, जायफल और लाल मिर्च।
- अनाज: गेहूं, जई, मक्का, और साबुत अनाज।
- चाय: रूइबोस (Rooibos) टी और ग्रीन टी।
- अन्य: कोको, मुलेठी।
स्क्रॉल करें
जाेड़ों के दर्द के दौरान लिए जाने वाले भोजन के बाद जानते हैं जोड़ों के दर्द से बचाव के टिप्स।
जोड़ों में दर्द से बचाव –Lifestyle Changes to Prevent Joint Pain in Hindi
नीचे बताई गई बातों को ध्यान में रखकर, जोड़ों के दर्द से बचा जा सकता है (26) :
- अपने आहार में फल, सब्जियां, साबुत अनाज और पोषक तत्वों से भरपूर खाद्य पदार्थ शामिल करें।
- अपने आहार में नमक, शक्कर और फैट वाले आहार की मात्रा संतुलित रखें।
- अधिक वजन वाले लोगों को वजन कम करने पर काम करना चाहिए।
- शारीरिक रूप से एक्टिव रहना चाहिए।
- दैनिक जीवन में एक्सरसाइज और अन्य शारीरिक गतिविधियों को करते रहना चाहिए।
- बार-बार जोड़ों को मोड़ने से बचना चाहिए।
- खेलते समय कोशिश करें कि चोट न लगे। साथ ही कुछ ऐसी चीजें पहनकर खेल सकते हैं, जो चोट लगने से बचाव करें।
लेख के जरिए आप जान ही गए होंगे कि जोड़ों में दर्द ऐसी समस्या है, जो सावधानी न बरतने पर किसी को भी हो सकती है। इससे बचाव के लिए आप जोड़ों में दर्द के घरेलू उपचार की मदद ले सकते हैं। साथ ही लेख में बताए गए खाद्य पदार्थों को भी डाइट में शामिल किया जा सकता है। ध्यान रखिए कि यहां बताए गए उपाय जोड़ों के दर्द के लक्षण कम करने में मदद कर सकते हैं, लेकिन ये इसका मेडिकल ट्रीटमेंट नहीं हैं। इसी वजह से ट्रीटमेंट के लिए डॉक्टर से संपर्क करना जरूरी है। समय पर ऐसा न करने से यह समस्या बढ़ भी सकती है।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल:
जोड़ों में दर्द के कारण क्या हो सकते हैं?
जाेड़ाें में दर्द के कारण कई हो सकते हैं, जैसे मोटापा, सूजन, फ्रैक्चर, ऑस्टियोअर्थराइटिस आदि। इन सभी के बारे में हमने लेख में ऊपर विस्तार से बताया है।
मुझे जोड़ों के दर्द के लिए डॉक्टर के पास कब जाना चाहिए?
जब जोड़ों के दर्द का घरेलू उपायों से राहत न मिले या फिर जोड़ों में सूजन, दर्द और लालिमा दिखाई देने लगे, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
क्या वायरस आपके जोड़ों के दर्द का कारण बन सकता है?
हां, वायरल संक्रमण भी जोड़ों में दर्द का एक कारण हो सकता है (3)।
जोड़ों के दर्द को कैसे कम किया जा सकता है?
ऊपर दिए गए घरेलू उपचार और कुछ व्यायाम के द्वारा जोड़ों के दर्द को दूर किया जा सकता है। यदि फिर भी दर्द दूर न हो, तो डॉक्टर के द्वारा बताया गया उपचार की मदद से सहायता मिल सकती है।
क्या स्ट्रेस से जोड़ों का दर्द हो सकता है?
हां, स्ट्रेस जोड़ों के दर्द का जोखिम कारक हो सकता है (21)।
क्या जोड़ों के दर्द से किसी व्यक्ति की मौत हो सकती है?
नहीं, जोड़ों का दर्द बीमारी का एक लक्षण है, इसलिए इससे मौत नहीं होती है। हां, इससे क्वालिटी ऑफ लाइफ कम हो सकती है। इसके अलावा, इससे मौत होना या न होना बीमारी की गंभीरता पर भी निर्भर करता है, जैसे कि ऑस्टियोअर्थराइटिस के कारण मौत हो सकती है, जिसका एक लक्षण जोड़ों का दर्द भी है (27)।
ल्यूपस जोड़ों का दर्द होने पर क्या महसूस होता है?
ल्यूपस जोड़ों का दर्द होने पर सूजन और जकड़न जैसे कई लक्षण महसूस हो सकते हैं (28)।
जोड़ों के दर्द के लिए सबसे अच्छा विटामिन कौन सा है?
जोड़ों के दर्द के लिए सबसे अच्छे विटामिन में विटामिन-सी और विटामिन-डी को माना जा सकता है (29), (30)।
ऑटोइम्यून बीमारियों के कारण जोड़ों में दर्द होता है?
हां, ऑटोइम्यून बीमारियां जोड़ों के दर्द का कारण हैं (31)।
जोड़ों के दर्द में कौन सा तेल उपयोग कर सकते हैं?
जोड़ों के दर्द में कई प्रकार के तेल फायदेमंद हो सकते हैं, उदाहरण के रूप में हम ऊपर बता ही चुके हैं, जैसे – ऑरेगैनो ऑयल और लैवेंडर ऑयल।
Sources
Stylecraze has strict sourcing guidelines and relies on peer-reviewed studies, academic research institutions, and medical associations. We avoid using tertiary references. You can learn more about how we ensure our content is accurate and current by reading our editorial policy.
- Arthralgia
https://www.ncbi.nlm.nih.gov/books/NBK303/ - Joint pain
https://pubmed.ncbi.nlm.nih.gov/19363606/ - Joint pain
https://medlineplus.gov/ency/article/003261.htm - Effect of aromatherapy massage with lavender essential oil on pain in patients with osteoarthritis of the knee: A randomized controlled clinical trial
https://pubmed.ncbi.nlm.nih.gov/27863613/ - Carvacrol ameliorates inflammatory response in interleukin 1β-stimulated human chondrocytes
https://pubmed.ncbi.nlm.nih.gov/29257341/ - Mechanisms and efficacy of heat and cold therapies for musculoskeletal injury
https://pubmed.ncbi.nlm.nih.gov/25526231/ - Dietary garlic and hip osteoarthritis: evidence of a protective effect and putative mechanism of action
https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC3018463/ - The effect of a garlic supplement on the pro-inflammatory adipocytokines, resistin and tumor necrosis factor-alpha, and on pain severity, in overweight or obese women with knee osteoarthritis
https://pubmed.ncbi.nlm.nih.gov/30195882/ - Allium cepa: A traditional medicinal herb and its health benefits
https://www.jocpr.com/articles/allium-cepa-a-traditional-medicinal-herb-and-its-health-benefits.pdf - Anti-inflammatory Diet In Rheumatoid Arthritis (ADIRA)—a randomized, controlled crossover trial indicating effects on disease activity
https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC7266686/ - Analgesic effect of intra-articular magnesium sulphate compared with bupivacaine after knee arthroscopic menisectomy
https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC4293873/ - A mechanistic approach to HPLC analysis, antinociceptive, anti-inflammatory and postoperative analgesic activities of panch phoron in mice
https://pubmed.ncbi.nlm.nih.gov/32228549/ - Anti-inflammatory activity of fenugreek ( Trigonella foenum-graecum Linn) seed petroleum ether extract
https://pubmed.ncbi.nlm.nih.gov/27756958/ - Efficacy of Turmeric Extracts and Curcumin for Alleviating the Symptoms of Joint Arthritis: A Systematic Review and Meta-Analysis of Randomized Clinical Trials
https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC5003001/ - Analgesic and anti-inflammatory activities of [6]-gingerol
https://pubmed.ncbi.nlm.nih.gov/15588672/ - Urtica spp.: Ordinary Plants with Extraordinary Properties
https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC6100552/ - Lipophilic stinging nettle extracts possess potent anti-inflammatory activity, are not cytotoxic and may be superior to traditional tinctures for treating inflammatory disorders
https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC3529973/ - Topical herbal therapies for treating osteoarthritis
https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC4105203/ - Topical capsaicin for pain management: therapeutic potential and mechanisms of action of the new high-concentration capsaicin 8% patch
https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC3169333/ - Exercise for arthritis
https://pubmed.ncbi.nlm.nih.gov/8149442/ - Obesity and pain
https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC4590160/ - Effect of integrated yoga therapy on pain, morning stiffness and anxiety in osteoarthritis of the knee joint: A randomized control study
https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC3276929/ - Risk Factors
https://www.cdc.gov/arthritis/basics/risk-factors.htm - Frequently Asked Questions (FAQs)
https://www.cdc.gov/arthritis/basics/faqs.htm#risk - The role of diet in rheumatoid arthritis
https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC6142028/ - Arthritis Prevention, Diagnosis and Treatment
https://www.nj.gov/humanservices/doas/home/arthritis.html - All cause and disease specific mortality in patients with knee or hip osteoarthritis: population based cohort study
https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC3050438/ - Systemic Lupus Erythematosus (Lupus)
https://www.niams.nih.gov/health-topics/lupus#tab-symptoms - The role of vitamin C in the treatment of pain: new insights
https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC5391567/#:~:text=This%20data%20suggests%20that%20vitamin,administration%20in%20patients%20with%20arthritis. - Vitamin D and Bone Health; Potential Mechanisms
https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC3257679/ - Autoimmune Diseases
https://www.niams.nih.gov/health-topics/autoimmune-diseases#tab-overview
और पढ़े: