Written by , (शिक्षा- एमए इन जर्नलिज्म मीडिया कम्युनिकेशन)

हर व्यक्ति स्वस्थ रहने के लिए कई तरह के पोषक तत्वों से भरपूर खाद्य पदार्थ का सेवन करता है। ये खाद्य पदार्थ न सिर्फ व्यक्ति के शरीर को पोषण देते हैं, बल्कि उन्हें कई तरह की बीमारियों से बचाए रखने में भी मदद करते हैं। ऐसे पोषक तत्वों से समृद्ध खाद्य पदार्थ की लिस्ट में काले तिल का नाम भी शामिल है। जी हां, काला तिल आकार में भले ही छोटा है, लेकिन इससे शरीर को कई बड़े-बड़े लाभ हो सकते हैं। इन फायदों से जुड़ी पूरी जानकारी पाने के लिए स्टाइलक्रेज के इस आर्टिकल को पढ़ें। यहां हमने काले तिल का उपयोग और काले तिल के फायदे के साथ ही काले तिल के नुकसान के बारे में विस्तार से बताया है।

शुरू करते हैं लेख

काले तिल के फायदे से पहले यह जान लेते हैं कि काले तिल क्‍या हैं।

काले तिल क्‍या हैं ?

तिल को उनके रंगों के आधार पर बांटा गया है। तिल के विभिन्न प्रकार में से काला तिल भी एक है। काला तिल एक प्रकार का छोटा बीज है, जिसका वैज्ञानिक नाम सीसमम इंडीकम (Sesamum Indicum) है (1)। यह लगभग हर घर की रसोई में मौजूद होता है। इसके फ्लेवर से किसी भी व्यंजन के स्वाद को बढ़ाया जा सकता है। इसके साथ ही कई समस्याओं के घरेलू उपचार में भी यह मदद कर सकता है। आगे इसी के बारे में विस्तार से जानिए।

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लेख के अगले भाग में हम काले तिल के फायदे से जुड़ी जानकारी दे रहे हैं।

काले तिल के फायदे – 8 Benefits of Black Sesame Seeds in Hindi

काले तिल का सेवन हमें कई प्रकार के रोगों से बचाव करने में मदद कर सकता है। बस ध्यान दें कि यह किसी भी बीमारी का इलाज नहीं है, बल्कि उनके लक्षणों से थोड़ी राहत पाने और शरीर को स्वस्थ रखने में एक भूमिका निभा सकता है। चलिए, आगे विस्तार से काले तिल के फायदे जान लेते हैं :

1. एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर

काले तिल को एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर माना जाता है। चंद्रशेखर आजाद यूनिवर्सिटी ऑफ एग्रीकल्चर एंड टेक्नोलॉजी, कानपुर द्वारा किए गए एक शोध में भी इस बता की पुष्टि हुई है। रिसर्च पेपर में कहा गया है कि काले तिल में सेसमोलिन और सेसमिन नामक लिगनेन कंपाउंड होते हैं, जो एंटीऑक्सीडेंट प्रभाव दिखाते हैं। इनमें मौजूद सेसमिन के एंटीऑक्सीडेंट प्रभाव के कारण लीवर को ऑक्सीडेटिव डैमेज से बचाने में भी मदद मिल सकती है (2)।

2. रक्तचाप में सुधार

काले तिल के फायदे में रक्तचाप को नियंत्रित करना भी शामिल है। एनसीबीआई (नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इंफॉर्मेशन) द्वारा पब्लिश एक मेडिकल रिसर्च में भी इस बात का जिक्र मिलता है। शोध में कहा गया है कि उच्च रक्तचाप से ग्रसित लोगों की डाइट में रोजाना काले तिल को शामिल करने से फर्क नजर आया (3)।

दरअसल, काले तिल में मौजूद लिगनेन के एंटीऑक्सीडेंट प्रभाव के कारण लोगों का ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस कम हुआ, जिसके परिणाम स्वरूप लोगों के रक्तचाप में भी सुधार पाया गया। इसी आधार पर रिसर्च में कहा गया है कि काले तिल में रक्तचाप को नियंत्रित करने वाला एंटीहाइपरटेंसिव प्रभाव हो सकता है (3)।

3. एंटी-कैंसर गुण से समृद्ध

कैंसर की समस्या को होने से रोकने के लिए काले तिल का सेवन सहायक साबित हो सकता है। एनसीबीआई की वेबसाइट पर प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, काले तिल में मौजूद लिगनेन कंपाउंड में एंटी-कैंसर प्रभाव होता है। इससे कैंसर सेल्स को बढ़ने से रोकने मेंं मदद मिल सकती है(4)।

रिसर्च में तिल के इस एंटी-कैंसर गुण को लंग कैंसर, ब्रेस्ट कैंसर, प्रोस्टेट कैंसर, कोलन कैंसर, लिवर कैंसर और ब्लड कैंसर से बचाव में मददगार माना गया है (4)। यहां हम स्पष्ट कर दें कि काले तिल से कैंसर का इलाज नहीं हो सकता है, इसलिए इस गंभीर बीमारी की चपेट में आते ही डॉक्टर से इलाज करवाना जरूरी है।

4. इम्यूनिटी के लिए

काले तिल का उपयोग शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के लिए भी किया जा सकता है। इस संबंध में पब्लिश एक मेडिकल रिसर्च की मानें, तो काले तिल में पाए जाने वाला कॉपर शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट की तरह कार्य करता है। इस प्रभाव से इम्यून सिस्टम को मजबूत करने में मदद मिल सकती है (2)।

5. हृदय स्वास्थ्य के लिए

काले तिल खाने के फायदे में हृदय स्वास्थ्य को भी गिना जाता है। इससे जुड़ी एक मेडिकल रिसर्च में दिया हुआ है कि काले तिल में सेसोलियन और सेसमिन पाए जाते हैं। ये दोनों यौगिक कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने और हृदय स्वास्थ्य में सुधार करने में मदद कर सकते हैं (2)। एक अन्य वैज्ञानिक शोध के मुताबिक, काले तिल रक्तचाप को कम करके भी हृदय रोग के जोखिम से बचा सकते हैं (3)।

6. मधुमेह नियंत्रित करने के लिए

अगर किसी को मधुमेह की समस्या है, तो काले तिल लाभकारी हो सकते हैं। एक वैज्ञानिक शोध के अनुसार, काले तिल को मधुमेह के उपचार में इस्तेमाल किया जा सकता है। इसके लिए काले तिल में पाए जाने वाले एंटी-डायबिटिक गुण सहायक हो सकता है। इस प्रभाव को ब्लड शुगर के स्तर को कंट्रोल करने के लिए जाना जाता है (5)। इसी वजह से काले खाने तिल के फायदे में मधुमेह के स्तर को नियंत्रित करना भी शामिल किया जा सकता है।

7. त्वचा के लिए

काले तिल के फायदे त्वचा को स्वस्थ बनाने के लिए भी हो सकते है। इस संबंध में प्रकाशित वैज्ञानिक शोध के मुताबिक, काले तिल में सेसमिन और सेसमोलिन नामक यौगिक शरीर में विटामिन ई की मात्रा को बढ़ा सकते हैं। विटामिन ई त्वचा को स्वस्थ रखने के लिए जरूरी माना जाता है। इसके अलावा, काले तिल के उपयोग से स्किन को जवां रखने और त्वचा रोग से बचे रहने में भी मदद मिल सकती है (6)।

8. बालों को स्वस्थ रखने में सहायक

काले तिल के फायदे बालों के लिए हो सकते हैं। एक रिसर्च पेपर के मुताबिक, विटामिन बी और आयरन की कमी के कारण बाल समय से पहले सफेद और झड़ने लगते हैं। वहीं, काले तिल में मौजूद ये दोनों पोषक तत्व बालों का झड़ना और सफेद होना दोनों कम कर सकते हैं (6)। इसी लिहाज से काले तिल को बालों के लिए फायदेमंद माना जा सकता है।

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चलिए, अब जानते है काले तिल के पौष्टिक तत्व में क्या-क्या शामिल है।

काले तिल के पौष्टिक तत्व – Black Sesame Seeds Nutritional Value in Hindi

काले तिल गुणों का खजाना है। इसमें कई तरह के पोषक तत्व मौजूद होते हैं, जिसके बारे में आसानी से समझाने के लिए नीचे एक टेबल दी गई है (7):

पोषक तत्वमूल्य प्रति 100 g
ऊर्जा714 kcal
प्रोटीन22.86 g
टोटल लिपिड (फैट)64. 29 g
कार्बोहाइड्रेट28. 57 g
फाइबर14. 3 g
कैल्शियम, Ca1286 mg
आयरन, Fe19. 29 mg
मैग्नीशियम, Mg457 mg
फास्फोरस, P786 mg
पोटैशियम, k607 mg
जिंक, Zn9.64 mg
कॉपर, Cu5.286 mg
मैंगनीज, Mn3 mg
थायमिन1 mg
राइबोफ्लेविन0.243 mg
नियासिन5.714 mg
फोलेट114 µg
फैटी एसिड्स, टोटल सैचुरेटेड8.93 g
फैटी एसिड्स, टोटल मोनोअनसैचुरेटेड24.29 g
फैटी एसिड्स, टोटल पॉलीअनसैचुरेटेड28.57 g

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अब हम आगे काले तिल के उपयोग के बारे में बता रहे हैं।

काले तिल का उपयोग – How to Use Black Sesame Seeds in Hindi

काले तिल को कई तरह से उपयोग किया जा सकता है, जिससे कि इसके स्वाद के साथ-साथ पोषक तत्वों का भी लाभ लिया जा सके। इसे खाने के कुछ तरीके हम नीचे दे रहे हैं:

कैसे खाएं 

  • काले तिल को मुरुक्कू में मिलाकर खाया जा सकता है।
  • इसे तंदूरी नान और कुलचे में बनाते समय इस्तेमाल में ला सकते हैं।
  • काले तिल की कुछ मात्रा साधारण तरीके से लिया जा सकता है।
  • इसकी थोड़ी सी मात्रा को सलाद के ऊपर डालकर खा सकते हैं।
  • काले तिल के तेल का उपयोग कर सकते हैं
  • ताहिनी बनाते समय काले तिल का भी इस्तेमाल किया जा सकता है।
  • लड्डू बनाते समय थोड़ा काला तिल मिला सकते हैं।
  • काले तिल को कुकीज बनाते समय डालकर सेवन किया जा सकता है।

कब खाएं

  • इससे बने मुरुक्कू को सुबह चाय के साथ खा सकते हैं।
  • दोपहर के खाने में काले तिल को उपयोग कर बनाए गए नान या कुलचे का सेवन कर सकते हैं।
  • शाम को इसके उपयोग से बने कुकीज या लड्डू का सेवन कर सकते हैं।

कितना खाएं 

  • हर दिन एक चम्मच या 25 से 50 ग्राम तक काले तिल खाया जा सकता है (8)। अगर किसी तरह की शारीरिक समस्या है, तो काले तिल की सही मात्रा जानने के लिए डायटीशियन की मदद ले सकते हैं।

आगे है जरूरी जानकारी

इस लेख के अगले हिस्से में काले तिल का चयन और ज्यादा दिनों तक सुरक्षित रखने का तरीका बता रहे हैं।

काले तिल का चयन और लंबे समय तक सुरक्षित रखना

क्या किसी के मन में यह उलझन होती है कि काले तिल का चुनाव कैसे करें और उसे ज्यादा दिनों तक सुरक्षित कैसे रखें। अगर हां, तो लेख के इस भाग में आपकी सारी उलझन सुलझ जाएंगी।

इस तरह काले तिल का चयन करें :

  • तिल का रंग पूरी तरह काला होना चाहिए। कुछ काले तिल ठीक से पके नहीं होते हैं, जिस कारण उनका रंग भूरा दिखाई देता है। ऐसे भूरे रंग के तिल को खरीदने से बचें।
  • अगर तिल पैकेट में है, तो यह सुनिश्चित कर लें कि उनमें छोटी-छोटी फंगस न लगी हो। यह फंगस छोटे छोटे सफेद दाने की तरह दिखाई दे सकती है।

इस तरह काले तिल को लंबे समय तक सुरक्षित रखें:

  • काले तिल को साफ और एयरटाइट डिब्बे में रखकर सुरक्षित रखा जा सकता है।
  • इसे अधिक समय तक सुरक्षित रखने के लिए इसे छिलके के साथ भी रहने दे सकते हैं।
  • काले तिल को समय-समय पर कुछ वक्त के लिए धूप में सुखाकर सुरक्षित रखने में मदद मिल सकती है।
  • इसे भूनकर भी एयरटाइट डब्बे में रखा जा सकता है।

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अब जानते हैं कि काले तिल के नुकसान किस प्रकार हो सकते हैं।

काले तिल के नुकसान – Side Effects of Black Sesame Seeds in Hindi

काले तिल खाने के फायदे तो आपने जान लिए हैं। अब बारी है इसके नुकसान के बारे में जानने की। इसके नुकसान कुछ इस प्रकार हो सकते हैं :

  • कुछ लोगों को तिल के सेवन से एलर्जी होने का जोखिम हो सकता है (9)।
  • काले तिल में एंटी-डायबिटिक प्रभाव होता है। ऐसे में कम शुगर वाले और मधुमेह की दवाई ले रहे लोगों का ब्लड शुगर इसके कारण और कम हो सकता है (5)।
  • अगर कोई गंभीर तरीके से बीमार है, जिसके लिए वो दवाई ले रहा है, तो उन्हें काले तिल के सेवन से पहले डॉक्टर से बात करनी चाहिए

शरीर को स्वस्थ रखने का सबसे अच्छा तरीका सही खानपान और दिनचर्या का होना है। ऐसे में आप अपनी डाइट में काले तिल के साथ ही अन्य पौष्टिक आहार को शामिल कर सकते हैं, जो शरीर में पोषक तत्वों की पूर्ति करने में मदद करेंगे। साथ ही हर दिन कुछ समय के लिए व्यायाम भी जरूर करें। ऐसा करने से बीमारियों से बचने और स्वस्थ रहने में मदद जरूर मिलेगी।

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

क्या काले तिल बालों के विकास में मदद करते हैं?

हां, काले तिल का उपयोग बालों के विकास को बढ़ावा दे सकता है (10)।

क्या काले तिल में आयरन अधिक होते हैं?

हां, काले तिल में आयरन की अधिक मात्रा पाई जाती है (7)।

क्या काले तिल सफेद बालों को ठीक कर सकते हैं?

हां, कुछ रिसर्च बताती हैं कि काले तिल सफेद बालों को काला करने में मदद कर सकता है (11)।

क्या काले तिल धोने की जरूरत होती है?

नहीं, काले तिल को धोने की जरूरत नहीं होती है। फिर भी अगर कोई धोकर इस्तेमाल करना चाहता  है, तो वे धो सकता है।

काले तिल पाउडर का सेवन कैसे करना है?

काले तिल के पाउडर को सूप में मिलाकर पी सकते हैं।

काले तिल को कैसे साफ किया जाता है?

काले तिल को छलनी में रखकर ऊपर से पानी डालकर धो सकते हैं। इसे धोने के बाद कुछ समय के लिए धूप में सूखा दें।

Sources

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