काली चाय पीने के फायदे और नुकसान – Black Tea Benefits and Side Effects in Hindi

Medically reviewed by Neelanjana Singh, RD Neelanjana Singh Neelanjana SinghRD
Written by , MA (Journalism & Media Communication) Puja Kumari MA (Journalism & Media Communication)
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आमतौर पर सभी चाय की चुस्कियों के साथ ही दिन की शुरुआत करना पसंद करते हैं। अगर पीने वालों से इसकी वजह पूछी जाए, तो जवाब मिल सकता है कि इससे शरीर में ताजगी और स्फूर्ति आती है। खैर, यह तो एक आम जानकारी है, लेकिन क्या आपको पता है कि अगर चाय से दूध और चीनी हटा दें, तो यह ‘ब्लैक टी’ यानी काली चाय कहलाती है। यह काली चाय सामान्य चाय के मुकाबले न केवल फायदेमंद है, बल्कि सेहत पर भी लाभकारी प्रभाव डाल सकती है। इतना ही नहीं त्वचा और बालों के लिए भी यह काफी हद तक फायदेमंद है। वहीं, ऐसे कई लोग हैं, जो ब्लैक टी बेहद शौक से पीते हैं, लेकिन इसके गुणों से अंजान हैं। यही वजह है कि स्टाइलक्रेज के इस लेख में हम काली चाय पीने के फायदे बता रहे हैं।

लेख में आगे हम काली चाय के लाभ पर बात करेंगे, लेकिन उससे पहले आइए इसके प्रकार जान लेते हैं।

काली चाय के प्रकार – Types of Black Tea in Hindi

जानकारों की माने तो किसी भी चाय को काली चाय के रूप में तैयार किया जा सकता है। अंतर बस इसे तैयार करने के तरीके का होता है। बता दें कि चीन में सभी प्रकार की काली चाय तैयार करने के लिए कैमेलिया सिनेन्सिस (Camellia sinensis) नाम के पौधे का इस्तेमाल किया जाता है। वहीं, भारत में काली चाय के प्रकार बनाने के लिए कैमेलिया एसैमिका (Camellia assamica) नाम के पौधे को इस्तेमाल में लाया जाता है। ऐसे में जलवायु और क्षेत्र के आधार इसके कई प्रकार देखने को मिलते हैं। वहीं, काली चाय के साथ कुछ अन्य सामग्रियों के मिश्रण के आधार पर भी इसके कुछ खास प्रकार चलन में हैं, जिनके बारे में नीचे बताया गया है।

1. उत्पादन क्षेत्र के अनुसार काली चाय के प्रकार :

  • लैपसैंग सुचोंग (Lapsang Souchong)
  • फुजियन मिनहोंग (Fujian Minhong)
  • अन्हुई कीमुन (Anhui Keemun)
  • युनान डियनहोंग (Yunnan Dianhong)
  • दार्जलिंग ब्लैक टी (Darjeeling Black Tea)
  • असम ब्लैक टी (Assam Black Tea)
  • सेयलोन ब्लैक टी (Ceylon Black Tea)
  • नीलगिरी ब्लैक टी (Nilgiri Black Tea)
  • केनयान ब्लैक टी (Kenyan Black Tea)

2. मिश्रित सामग्रियों (Blend with other ingredients) के आधार पर काली चाय के प्रकार

  • अर्ल ग्रे ब्लैक टी (Earl Grey Black Tea)
  • इंग्लिश ब्रेकफास्ट (English Breakfast)
  • आयरिश ब्रेकफास्ट (Irish Breakfast)
  • चाय टी (Chai Tea)
  • आफ्टरनून टी (Afternoon Tea)
  • रोज ब्लैक टी (Rose Black Tea)
  • राशियन कैरावान (Russian Caravan)

प्रकार के बाद लेख के अगले भाग में हम काली चाय पीने के फायदे बता रहे हैं।

काली चाय पीने के फायदे – Benefits of Black Tea in Hindi

काली चाय पीने के फायदे कई हैं, जिनमें सीखने और याद रखने की क्षमता का विकास के साथ-साथ मानसिक सतर्कता भी शामिल है। साथ ही यह कई स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं जैसे – सिरदर्द, ब्लडप्रेशर, हार्टअटैक, ओस्टियोपोरेसिस (हड्डियों का कमजोर होना) और पार्किंसंस रोग (शरीर में कंपन की स्थिति) जैसी कई समस्याओं में सकारात्मक प्रभाव प्रदर्शित कर सकती है। इनके बारे में हम लेख में विस्तार से बताएंगे। साथ ही हम यहां स्पष्ट कर दें कि इस लेख में बताए गए काली चाय के फायदों पर अभी अधिक वैज्ञानिक शोध उपलब्ध नहीं हैं (1)

लेख के अगले भाग में अब हम आपको सेहत के लिए काली चाय के फायदे बताने जा रहे हैं।

सेहत/स्वास्थ्य के लिए काली चाय के फायदे – Health Benefits of Black Tea in Hindi

1. हृदय स्वास्थ्य के लिए लाभकारी

काली चाय के लाभ में हृदय को स्वस्थ बनाए रखना शामिल है। एनसीबीआई (National Center for Biotechnology Information) ने अपनी वेबसाइट पर इसी संबंध में बोस्टन यूनिवर्सिटी ऑफ मेडिसिन के एक रिसर्च को प्रकाशित किया है। इस शोध में माना गया है कि काली चाय के सेवन से हृदय संबंधी जोखिमों को काफी हद तक दूर रखने में मदद मिल सकती है (2)। वहीं, एक अन्य शोध में भी इस बात का जिक्र मिलता है कि काली चाय में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट गुण धमनी से जुड़े हृदय विकार में सहायक साबित हो सकता है (3)। इस आधार पर यह कहा जा सकता है कि काली चाय को नियमित इस्तेमाल में लाकर हृदय स्वास्थ्य को बरकरार रखने में मदद मिल सकती है। बशर्ते, इसके साथ संतुलित दिनचर्या व खान-पान का ध्यान भी रखा जाए। वहीं, अगर किसी को हृदय संबंधी रोग है, तो उसे डॉक्टर की सलाह पर दवा का सेवन जरूर करना चाहिए। साथ ही एक बार डॉक्टर से जरूर पूछ लेना चाहिए कि इस अवस्था में प्रतिदिन कितने कप ब्लैक टी पीनी चाहिए।

2. डायबिटीज नियंत्रण में मददगार

डायबिटीज की समस्या के जोखिमों को दूर रखने के साथ ही काली चाय ब्लड शुगर से बचाए रखने में भी मदद कर सकती है। दरअसल, विशेषज्ञों के मुताबिक काली चाय में थियाफ्लेविंस (theaflavins) नाम का पॉलीफेनॉल पाया जाता है, जिसमें एंटीडायबिटिक प्रभाव होता है। यह इंसुलिन की सक्रियता को बढ़ाकर ब्लड शुगर को कम करने में सहायता कर सकता है (4)। इस तथ्य के आधार पर यह माना जा सकता है कि डायबिटीज की समस्या से बचने के लिए काली चाय का सेवन सहायक साबित हो सकता है। हां, अगर कोई डायबिटीज से ग्रस्त है, तो वह डॉक्टर की ओर से दी गई दवा का सेवन बंद न करे।

3. प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाए

शरीर की प्रतिरोधक क्षमता में सुधार करने के लिए भी काली चाय को उपयोग में लाया जा सकता है। एनसीबीआई की वेबसाइट पर प्रकाशित एक शोध के अनुसार, काली चाय में प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने वाले गुण पाए जाते हैं। इस गुण के कारण काली चाय स्वास्थ्य को बेहतर बनाए रखने में सकारात्मक परिणाम प्रदर्शित कर सकती है। वहीं, शोध में इस बात का भी जिक्र मिलता है कि काली चाय का प्रभाव प्रत्येक व्यक्ति पर उसकी प्रतिरोधक क्षमता की स्थिति पर निर्भर करता है (5)। इस आधार पर यह तो माना जा सकता है कि काली चाय शरीर की प्रतिरोधक क्षमता में सुधार लाने का काम कर सकती है, लेकिन हर व्यक्ति पर इसका एक जैसा ही प्रभाव देखने को मिले, इस बारे में निश्चित तौर पर कहना संभव नहीं है।

4. हड्डियों की मजबूती बनाए रखे

विशेषज्ञों के मुताबिक काली चाय का सेवन करने से उम्र के साथ होने वाली हड्डियों की कमजोरी को दूर करने में मदद मिल सकती है (1)। वहीं, एक अन्य शोध में ब्लैक टी की जगह सिर्फ चाय के उपयोग से ओस्टियोपोरेसिस (हड्डियों का कमजोर होना) की समस्या से बचे रहने का जिक्र मिलता है। आखिरकार, काली चाय किस प्रकार हड्डियों को मजबूत बनाए रखने में मदद करती है, इस संबंध में और वैज्ञानिक शोध की जरूरत है (6)

5. पाचन तंत्र के लिए सहायक

पाचन तंत्र को ठीक रखने के लिए भी काली चाय का सेवन फायदेमंद साबित हो सकता है। वजह यह है कि काली चाय में कैटेचिन नाम का एक खास तत्व पाया जाता है (7)। वहीं, एनसीबीआई की ओर से प्रकाशित रिसर्च पेपर से भी इस बात की पुष्टि होती है कि कैटेचिन इंफ्लेमेटरी बाउल डिजीज यानी सूजन के कारण होने वाली पेट से जुड़ी समस्याओं को कुछ कम करने में मदद कर सकता है (8)। ऐसे में यह कहना गलत नहीं होगा कि काली चाय का उपयोग पाचन तंत्र को बेहतर बनाए रखने में मदद कर सकता है।

6. कोलेस्ट्रॉल को कम करे

अमेरिका के एक रिसर्च सेंटर द्वारा किए गए शोध के मुताबिक, काली चाय कोलेस्ट्रॉल के स्तर को सामान्य बनाए रखने में मदद कर सकती है। शोध में पाया गया है कि अगर संतुलित और कम वसा वाले आहार के साथ काली चाय का सेवन किया जाए, तो कोलेस्ट्रॉल को संतुलित करने में सकारात्मक परिणाम नजर आ सकते हैं (9)। इस आधार पर यह माना जा सकता है कि बढ़े हुए कोलेस्ट्रॉल को संतुलित करने के लिए काली चाय को उपयुक्त विकल्प के तौर पर इस्तेमाल किया जा सकता है।

7. वजन नियंत्रण में सहायक

चीन के एक रिसर्च इंस्टिट्यूट द्वारा काली चाय पर किए गए शोध में पाया गया कि इसमें मौजूद पॉलीफेनॉल्स बिना किसी दुष्परिणाम के एंटीओबेसिटी (मोटापा कम करने वाला) प्रभाव प्रदर्शित कर सकते हैं। साथ ही यह मोटापे के कारण पैदा होने वाले जोखिमों को दूर करने में भी सहायक साबित हो सकते हैं। इस कारण यह माना जा सकता है कि वजन को नियंत्रित करने में काली चाय का उपयोग सहायक साबित हो सकता है (10)

8. अस्थमा में दिलाए आराम

विशेषज्ञों के मुताबिक काली चाय का उपयोग अस्थमा की समस्या में कुछ हद तक मददगार साबित हो सकता है। कारण यह है कि काली चाय में थियोफिलीन (Theophylline) नाम का एक खास रसायन पाया जाता है, जो अस्थमा के उपचार में प्रयोग होता है। हालांकि, इसकी अधिक मात्रा के कारण इसके कुछ दुष्प्रभाव भी देखने को मिल सकते हैं, लेकिन चाय में थियोफिलीन न्यूनतम मात्रा में होने के कारण इसे सुरक्षित माना जा सकता है (11)। ऐसे में यह कहा जा सकता है कि अगर संतुलित मात्रा में चाय का सेवन किया जाए, तो अस्थमा के कुछ लक्षणों से राहत पाई जा सकती है।

9. तनाव से दिलाए मुक्ति

तनाव की स्थिति में भी काली चाय का इस्तेमाल लाभदायक साबित हो सकता है। दरअसल, लंदन विश्विद्यालय द्वारा इस संबंध में किए गए एक शोध में पाया गया कि चाय का सेवन कर तनाव को कम करने में कुछ मदद मिल सकती है (12)

10. मुंह के स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद

स्ट्रेप्टोकोकस म्यूटन (Streptococcus mutans) जैसे सूक्ष्म जीव मुंह के स्वास्थ्य पर बुरा असर डालते हैं। वहीं, विशेषज्ञों के मुताबिक, काली चाय में एंटीमाइक्रोबियल प्रभाव पाया जाता है, जो इन सुक्ष्म जीवों को कम करने में मदद कर सकता है (13)। इस कारण यह माना जा सकता है कि काली चाय का उपयोग मुंह के स्वास्थ्य को बनाए रखने में मदद कर सकता है।

11. डायरिया से दिलाए आराम

जैसा कि लेख में ऊपर बताया गया है कि काली चाय का उपयोग इंफ्लेमेटरी बाउल डिजीज यानी सूजन के कारण होने वाली पेट से जुड़ी समस्याओं से राहत दिलाने में मददगार साबित हो सकती है। वहीं, इससे संबंधित एक अन्य शोध में इस बात का जिक्र मिलता है कि अगर दवाओं के साथ ब्लैक टी टैबलेट का उपयोग किया जाए, तो डायरिया की समस्या कुछ कम हो सकती है (14)। फिलहाल, इस संबंध में ब्लैक टी पर और शोध किए जाने की जरूरत है।

12. ब्लड प्रेशर को करे नियंत्रित

काली चाय का उपयोग बढ़े हुए ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने में भी लाभदायक साबित हो सकता है। दरअसल, एनसीबीआई की वेबसाइट पर प्रकाशित एक शोध में इस बात का जिक्र मिलता है कि प्रतिदिन दो से तीन से कप काली चाय ब्लड प्रेशर को कम करने में मदद कर सकती है। हालांकि, इसका प्रभाव बहुत ही कम था, लेकिन हृदय स्वास्थ्य की गंभीरता को देखते हुए इसे सकारात्मक दृष्टि से देखा जा सकता है (15)। इस आधार पर यह कहा जा सकता है कि ब्लड प्रेशर की समस्या से पीड़ित लोगों के लिए काली चाय का उपयोग कुछ हद तक लाभकारी साबित हो सकता है।

लेख के अगले भाग में अब हम त्वचा के लिए काली चाय के लाभ बताएंगे।

त्वचा के लिए काली चाय के फायदे – Skin Benefits of Black Tea in Hindi

1. स्किन इंफेकशन से बचाए

काली चाय में कैटेचिन नाम का खास तत्व पाया जाता है। इस तत्व की मौजूदगी के कारण काली चाय में एंटीबैक्टीरियल (जीवाणु को नष्ट करने वाला) और एंटीफंगल (फंगस के खिलाफ लड़ने वाला) गुण पाए जाते हैं (16)। चूंकि, बैक्टीरिया और फंगस त्वचा पर संक्रमण के मुख्य कारणों में शामिल हैं (17), इसलिए यह माना जा सकता है कि स्किन इंफेकशन से जुड़ी समस्याओं में काली चाय के सकारात्मक प्रभाव देखने को मिल सकते हैं।

सामग्री :

  • ताजा इस्तेमाल किया हुआ टी बैग

कैसे इस्तेमाल करें :

  • प्रयोग किए हुए टी-बैग को इंफेक्शन वाली जगह पर 5 से 10 मिनट तक रखें।
  • इस प्रक्रिया का नियमित इस्तेमाल इंफेक्शन पर प्रभावी असर दिखा सकता है।

2. त्वचा को रखे जवां

विशेषज्ञों के मुताबिक समय पूर्व नजर आने वाले बुढ़ापे के लक्षणों को कम करने में काली चाय अहम भूमिका निभा सकती है। दरअसल, काली चाय में पॉलीफेनॉल्स की अच्छी मात्रा पाई जाती हैं, जो एंटीऑक्सीडेंट प्रभाव प्रदर्शित करते हैं। इसी प्रभाव के कारण काली चाय फ्री रेडिकल्स यानी मुक्त कणों के प्रभाव को कम कर, त्वचा को जवां बनाए रखने में सहायक कोलेजन की मात्रा को नियंत्रित रखने में सहायक साबित होती है। साथ ही त्वचा के बेजान और ढीलेपन के कारण आनी वाली झुर्रियों को दूर रखने में भी मदद कर सकती है (17)। ऐसे में यह कहना गलत नहीं होगा कि काली चाय का उपयोग बढ़ती उम्र के प्रभाव को कम करने में मददगार साबित हो सकता है।

सामग्री :

  • काली चाय से तैयार आइस क्यूब

कैसे इस्तेमाल करें :

  • काली चाय को फ्रीजर में कुछ देर रखकर जमाकर तैयार किए गए आइस क्यूब को गलने तक चेहरे पर लगाएं।
  • इस प्रक्रिया के नियमित इस्तेमाल से त्वचा की नमी बनी रहेगी। साथ ही त्वचा स्वस्थ्य और चमकदार नजर आती है।

3. अल्ट्रा वायलेट किरणों के प्रभाव से बचाए

लेख में ऊपर बताया गया है कि काली चाय में कैटेचिन नाम का खास तत्व पाया जाता है। इस तत्व में अन्य प्रभावों के साथ एंटीऑक्सीडेंट गुण भी मौजूद होते हैं। इस गुण के कारण यह त्वचा को मुक्त कणों के प्रभाव से बचाकर अल्ट्रा वायलेट किरणों के प्रभाव को कम करने में मदद कर सकता है (17)। इस आधार पर यह माना जा सकता है कि काली चाय का उपयोग सूरज की अल्ट्रा वायलेट किरणों से बचाव करने में भी सहायक साबित हो सकता है।

सामग्री :

  • काली चाय का एक टी बैग
  • एक कप गर्म पानी
  • एक चम्मच शहद स्वाद के लिए (वैकल्पिक)

कैसे करें इस्तेमाल :

  • सबसे पहले एक कप गर्म पानी लें।
  • अब इस पानी में टी बैग डालकर करीब 10 मिनट के लिए ऐसे ही छोड़ दें।
  • समय पूरा होने पर स्वाद के लिए एक चम्मच शहद मिलाएं।
  • अब धीरे-धीरे सिप करके चाय को पिएं।

4. दाग धब्बों को करे दूर

विशेषज्ञों के मुताबिक, काली चाय में अन्य तत्वों के साथ गेलिक एसिड भी उपलब्ध होता है। यह त्वचा के लिए टायरोसिनेस को कम करने वाला (tyrosinase inhibitors) प्रभाव प्रदर्शित करता है। कॉपर युक्त एंजाइम्स को टायरोसिनेस (tyrosinase) कहते हैं, जो मेलेनिन के प्रभाव को बढ़ाकर दाग-धब्बों का कारण बनते हैं (17)। ऐसे में यह कहना बिल्कुल भी गलत नहीं होगा कि त्वचा पर मौजूद दाग-धब्बों से छुटकारा पाने में भी काली चाय मददगार साबित हो सकती है।

सामग्री :

  • दो चम्मच काली चाय
  • आधा कप पानी
  • एक रूई का टुकड़ा

कैसे करें इस्तेमाल :

  • टी पैन में एक कप पानी और दो चम्मच काली चाय डाल कर गैस पर चढ़ाएं।
  • अब इसे उबलने तक गैस पर चढ़ा रहने दें।
  • जब चाय अच्छे से उबल जाए और पानी का रंग गहरा काला दिखने लगे, तो पैन को उतार लें।
  • अब चाय को कप में अलग कर ठंडा होने के लिए रख दें।
  • चाय ठंडी होने पर रूई के टुकड़े की मदद से इसे चेहरे पर लगाएं और करीब 10 से 15 मिनट के लिए ऐसे ही छोड़ दें।
  • समय पूरा होने पर चेहरे को धो लें।

त्वचा के बाद अब हम बालों के संबंध में काली चाय के फायदे जानेंगे।

बालों के लिए काली चाय के फायदे – Hair Benefits of Black Tea in Hindi

1. बाल झड़ने की समस्या करे दूर

अगर किसी को बाल झड़ने की समस्या है, तो इस अवस्था में काली चाय पीन से कुछ फायदा हो सकता है। फिलहाल, इस संबंध में कोई ठोस वैज्ञानिक प्रमाण मौजूद नहीं है, जिसके आधार पर कहा जा सके कि ब्लैक टी टूटते बालों की समस्या को कुछ काम कर सकती है (18)। हालांकि, ट्रायल के तौर पर बालों पर काली चाय को लगाया जा सकता है। बालों पर काली चाय लगाने का नुस्खा हम नीचे दे रहे हैं:

सामग्री :

  • चार से पांच टी बैग
  • एक कटोरा पानी

कैसे इस्तेमाल करें :

  • एक कटोरे में पानी लें और उसमें चार या पांच टी बैग डालकर उबलने तक गैस पर चढ़ा दें।
  • अच्छी तरह उबलने के बाद पानी को किसी अन्य बर्तन में अलग कर लें और ठंडा होने के लिए रख दें।
  • ठंडा होने के बाद इस पाने से सिर की मसाज करते हुए बालों को अच्छे से धोएं।
  • अंत में तौलिए से बालों को लपेट कर करीब एक घंटे के लिए ऐसे ही छोड़ दें।
  • समय पूरा होने के बाद बालों को शैम्पू कर लें।

2. बालों के विकास में सहायक

बालों के विकास के संबंध में किए गए शोध में पाया गया कि काली चाय में मौजूद पॉलीफेनोल्स एलोपेसिया यानी बाल झड़ने की समस्या को कम करने में मदद कर सकते हैं। साथ ही यह बालों के विकास को भी बढ़ावा देने में भी मदद कर सकते हैं (18)। इस आधार पर यह माना जा सकता है कि कली चाय के अर्क को बालों पर लगाने से बालों के विकास में मदद मिल सकती हैं।

सामग्री :

  • एक चम्मच काली चाय
  • चार-पांच तुलसी की पत्तियां
  • एक कप पानी

कैसे इस्तेमाल करें :

  • एक कप पानी में करीब चार से पांच तुलसी की पत्तियां डालकर अच्छे से उबाल लें।
  • चाय तैयार होने के बाद इसे ठंडा होने के लिए रख दें।
  • जब चाय ठंडी हो जाए, तो इस चाय से करीब 10 से 15 मिनट तक मसाज करें।
  • अंत में बालों को शैम्पू कर लें।

लेख के अगले भाग में अब हम काली चाय के पौष्टिक तत्वों के बारे में जानकारी देंगे।

काली चाय के पौष्टिक तत्व – Black Tea Nutritional Value in Hindi

नीचे दिए गए चार्ट के माध्यम से काली चाय के पोषक तत्वों से जुड़ी जानकारी हासिल की जा सकती है (19)

पोषक तत्वमात्रा प्रति 100 ग्राम
पानी99.7 g
एनर्जी1 Kcal
कार्बोहाइड्रेट0.3 g
मिनरल्स
आयरन0.02 mg
मैग्नीशियम3 mg
फास्फोरस1 mg
पोटैशियम37 mg
सोडियम3 mg
जिंक0.02 mg
कॉपर0.01 mg
विटामिन
राइबोफ्लेविन0.014 mg
फोलेट (डीएफई)5 µg
लिपिड
फैटी एसिड (सैचुरेटेड)0.002 g
फैटी एसिड (मोनोअनसैचुरेटेड)0.001 g
फैटी एसिड (पॉलीसैचुरेटेड)0.004 g

काली चाय का उपयोग – How to Use Black Tea in Hindi

अन्य चाय की तरह ही बेहतर स्वास्थ्य के लिए दिन में करीब दो से तीन कप तक काली चाय का सेवन किया जा सकता है (15)। बस आपको यह ध्यान रखना होगा कि इसमें दूध के साथ-साथ इसमें चीनी का भी इस्तेमाल न करें। हां, आप चाहें तो स्वाद के लिए शहद को मिक्स कर सकते हैं। बेशक, वैज्ञानिक शोध में तीन-चार कप ब्लैक टी पीने की पुष्टि की गई है, फिर भी इसकी मात्रा के संबंध में एक बार आहार विशेषज्ञ से जरूर पूछना चाहिए।

अंत में हम काली चाय पीने के नुकसान पर भी एक नजर डाल लेते हैं।

काली चाय पीने के नुकसान – Side Effects of Black Tea in Hindi

किसी भी चीज की अधिकता नुकसान पहुंचाती है। ठीक उसी तरह कैफीन की मौजूदगी के कारण काली चाय पीने के नुकसान देखने को मिल सकते हैं (20)

  • काली चाय में कैफीन की कुछ मात्रा पाई जाती है। इस कारण इसके अधिक सेवन की वजह से बड़े और बच्चों दोनों में अनिद्रा की समस्या हो सकती है
  • काली चाय में मौजूद कैफीन किडनी के लिए ड्यूरेटिक (मूत्रवर्धक) की तरह काम करता है। इस कारण इसका अधिक सेवन मूत्र में पोटैशियम और सोडियम की मात्रा को बढ़ाकर बार-बार पेशाब आने का कारण बन सकता है।
  • अधिक मात्रा में सेवन के कारण यह दांतों की बाहरी परत इनेमल को नुकसान पहुंचा सकता है। दांतों के ऊपर एक सुरक्षा परत होती है, जिसे इनेमल कहा जाता है। इस परत के नष्ट होने पर दांतों में सेंसटिविटी बढ़ जाती है और दांत कमजोर होने लगते हैं।
  • चिंता या तनाव के मरीजों के लिए कैफीन की अधिक मात्रा हानिकारक हो सकती है। बेशक, ब्लैक टी में कैफीन की मात्रा कम होती है, लेकिन होती जरूर है (21) । इसलिए, काली चाय का अधिक सेवन करने से बचें।
  • वहीं, डायबिटीज के काली चाय के अधिक सेवन से बचें। ऊपर हमने पहले ही जानकारी दी है कि यह ब्लड शुगर लेवल को कम कर सकता है, ऐसे में इसका अधिक सेवन शुगर कम होने का जोखिम बढ़ा सकता है। टैनिन नाम के खास तत्व की मौजूदगी के कारण काली चाय के अधिक सेवन से बचे। टैनिन आयरन और कैल्शियम जैसे पोषक तत्वों के अवशोषण को कम कर सकता है। इसलिए खासतौर पर, भोजन के साथ चाय नहीं लेनी चाहिए।

अगर अभी तक आप ब्लैक टी को सिर्फ स्वाद के लिए पीते आए हैं, तो इस लेख को पढ़ने के बाद आपको काली चाय के लाभ के बारे में भी अच्छी तरह पता चल गया होगा। इसलिए, जब अगली बार काली चाय को पिएं, तो इसके स्वास्थ्य लाभों का न भूलें। साथ ही इस बात का ध्यान भी रखें कि यह किसी बीमारी का इलाज नहीं है। गंभीर अवस्था में डॉक्टर से इलाज करवाना ही सही निर्णय है। हां, आप बीमार न पड़ें, उस काम में यह चाय जरूर आपकी मदद कर सकती है। साथ ही इसका सेवन संतुलित मात्रा में करें, क्योंकि अधिक मात्रा में काली चाय पीने के नुकसान भी हैं। उम्मीद है कि यह लेख आपके लिए उपयोगी साबित होगा। ऐसे ही हेल्थ से जुड़े अन्य आर्टिकल पढ़ने के लिए जुड़े रहिए स्टाइलक्रेज की वेबसाइट से।

References

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  3. Black tea–helpful or harmful? A review of the evidence
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  4. Effects and Mechanisms of Tea for the Prevention and Management of Diabetes Mellitus and Diabetic Complications: An Updated Review
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  5. Regular consumption of black tea increases circulating kynurenine concentrations: A randomized controlled trial
    https://pubmed.ncbi.nlm.nih.gov/26673554/
  6. Association between tea consumption and osteoporosis
    https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC5728912/
  7. Simultaneous Determination of Black Tea-Derived Catechins and Theaflavins in Tissues of Tea Consuming Animals Using Ultra-Performance Liquid-Chromatography Tandem Mass Spectrometry
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  8. Catechins and Their Therapeutic Benefits to Inflammatory Bowel Disease
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  9. Black tea consumption reduces total and LDL cholesterol in mildly hypercholesterolemic adults
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  10. Mechanisms of Body Weight Reduction by Black Tea Polyphenols
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  12. The effects of tea on psychophysiological stress responsivity and post-stress recovery: a randomised double-blind trial
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  13. Influence of black tea on Streptococcus mutans and Lactobacillus levels in saliva in a Saudi cohort
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  15. The Effect of Black Tea on Blood Pressure: A Systematic Review with Meta-Analysis of Randomized Controlled Trials
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  16. Antimicrobial activities of widely consumed herbal teas, alone or in combination with antibiotics: an in vitro study
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    https://medlineplus.gov/ency/article/002445.htm#:~:text=Consuming%20very%20large%20amounts%20of,woman%20with%20painful%2C%20lumpy%20breasts.

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