Medically Reviewed By Neelanjana Singh, RD
Written by , (शिक्षा- एमए इन जर्नलिज्म मीडिया कम्युनिकेशन)

भारत को जड़ी-बूटियों के मामले में एक समृद्ध देश माना जाता है। सदियों से यहां आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति की मदद से विभिन्न बीमारियों का इलाज किया जा रहा है। इस उपचार पद्धति की खास बात यह है कि इसमें प्राकृतिक सामग्रियों का उपयोग किया जाता है, जिसमें औषधि गुणों से समृद्ध पौधों की अहम भूमिका होती है। इन्हीं पौधों में शामिल है, कालमेघ। यह एक गुणकारी पौधा है, जो कई शारीरिक समस्याओं से निजात दिलाने में मदद कर सकता है। स्टाइलक्रेज के इस लेख में हम आपको कालमेघ के फायदे से लेकर कालमेघ का उपयोग और कालमेघ के नुकसान के बारे में बताने जा रहे हैं। इसलिए, स्वास्थ्य के लिए उपयोगी माने जाने वाले इस पौधे की खासियत को ध्यान से पढ़िए।

आइए सबसे पहले जानते हैं कि कालमेघ क्या है ?

कालमेघ क्‍या है – What is Kalmegh in Hindi

कालमेघ एक ऐसा पौधा है, जो ज्यादातर घर के आस-पास या फिर जंगली इलाकों में पाया जाता है। कालमेघ का वैज्ञानिक नाम एंड्रोग्राफिस पैनिकुलाटा (Andrographis Paniculata) है। यह पौधा हरे रंग का होता है और इसकी पत्तियों की बनावट मिर्च के पौधों जैसी होती है। इसके स्वास्थ्य फायदों को देखते हुए अब नर्सरी में भी यह देखा जाने लगा है। इसकी पत्तियों का स्वाद कड़वा होता है। कालमेघ को कालनाथ, महातिक्त और ग्रीन चिरेता (Green Chiretta) के नाम से भी जाना जाता है।

अब लेख के इस भाग में हम आपको कालमेघ के स्वास्थ्य फायदों के बारे में जानकारी देंगे।

कालमेघ के फायदे – Benefits of Kalmegh in Hindi

कालमेघ के फायदे समझने के लिए कृपया नीचे दी जा रही जानकारी को ध्यानपूर्वक पढ़िए।

1. डायबिटीज के लिए

कालमेघ एक जड़ी बूटी है और इसके औषधीय उपयोग को देखते हुए दक्षिण पूर्व एशियाई देशों में व्यापक रूप से इसकी खेती की जाती है। इसका उपयोग डायबिटीज की समस्या से बचने के लिए भी किया जा सकता है। दरअसल, कालमेघ में एंटी-डायबेटिक गुण पाए जाते हैं, जो डायबिटीज की स्थिति में आपको सुरक्षा प्रदान कर सकते हैं। चूहों पर किए गए एक वैज्ञानिक अध्ययन के अनुसार भी यह देखा गया की कालमेघ के पौधे का अर्क का सेवन टाइप 1 डायबिटीज के खिलाफ प्रभावी रूप से कार्य कर सकता है (1)

2. हृदय स्वास्थ्य के लिए

हृदय को स्वस्थ बनाए रखने के लिए कालमेघ का सेवन किया जा सकता है। ऐसा इसलिए मुमकिन है क्योंकि कालमेघ में एंटीथ्रोम्बोटिक क्रिया (Antithrombotic Action – रक्त के थक्कों को रोकने की क्रिया) पाई जाती है। एक वैज्ञानिक अध्ययन के अनुसार यह बताया गया कि यह क्रिया धमनियों का पतला कर रक्त प्रवाह में काफी सुधार कर सकती है। इससे हृदय रोग के होने का खतरा कम होता है (2)

3. कैंसर की स्थिति में

कैंसर की स्थिति में और इसके कारण होने वाले जोखिम से बचने के लिए भी कालमेघ के पौधे का इस्तेमाल किया जा सकता है। ऐसा इसलिए मुमकिन है क्योंकि इसमें एंटी-कैंसर गुण पाया जाता है।

इसके साथ-साथ कालमेघ में एंड्रोग्राफोलाइड (Andrographolide) नामक बायोएक्टिव भी पाया जाते हैं, जो ल्यूकेमिया (Leukemia – एक प्रकार का ब्लड कैंसर) स्तन कैंसर, फेफड़ों के कैंसर और मेलेनोमा कोशिकाओं (Melanoma Cells – कैंसर का एक प्रकार) सहित अन्य विभिन्न तरह के कैंसर से बचाव करने के लिए सक्रिय रूप से कार्य करता है (3)

4. अनिद्रा की समस्या में

अनिद्रा की समस्या कई कारणों से पनप सकती है, जिसमें चिंता (Stress) को मुख्य रूप से गिना जाता है (4)। इस समस्या से बचने के लिए कालमेघ का सेवन फायदेमंद साबित हो सकता है।

ऐसा इसलिए मुमकिन है, क्योंकि कालमेघ एक एंटी-स्ट्रेस एजेंट की तरह कार्य करता है, जो स्ट्रेस को दूर कर अनिद्रा की समस्या से छुटकारा दिला सकता है (5)

5. रोग-प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए

रोग-प्रतिरोधक क्षमता हमारे शरीर को स्वस्थ बनाए रखने के लिए बेहद जरूरी होती है। रोग-प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत बनाने के लिए भी कालमेघ का सेवन किया जा सकता है। कालमेघ में इम्यूनोमॉड्यूलेटरी गुण पाया जाता है। जबकि यह गुण प्रतिरक्षा क्षमता को बढ़ाने के लिए सक्रिय रूप से कार्य कर सकता है (6)

6. कॉमन कोल्ड से बचने के लिए

कॉमन कोल्ड और इंफ्लूएंजा की समस्या से बचने के लिए भी कालमेघ का इस्तेमाल फायदेमंद हो सकता है। वैज्ञानिकों के द्वारा किए गए एक अध्ययन के अनुसार यह बताया गया कि कालमेघ का उपयोग कॉमन कोल्ड से बचने के लिए किया जा सकता है (2)। हालांकि, यह किस प्रकार कॉमन कोल्ड की समस्या को ठीक करता है, इस पर अभी अधिक वैज्ञानिक प्रमाण की आवश्यकता है।

7. वायरल संक्रमण में

वायरल संक्रमण से बचने के लिए कालमेघ का सेवन किया जा सकता है। दरअसल, कालमेघ में एंटी-वायरल गुण पाए जाते हैं, जो वायरल संक्रमण को रोकने में सहायता करता है। इसके लिए डॉक्टरी परामर्श पर कालमेघ का अर्क लिया जा सकता है (7)

8. लीवर को स्वस्थ रखने के लिए

लीवर का स्वास्थ्य संतुलन बनाए रखने के लिए भी कालमेघ के फायदे देखे जा सकते हैं। इसके लिए कालमेघ की पत्तियों के अर्क का सेवन किया जा सकता है। दरअसल, कालमेघ की पत्तियों में हेपटोप्रोटेक्टिव (Hepatoprotective) गुण पाए जाते हैं। इसके अर्क का सेवन लीवर और रीनल डैमेज (Renal Damage – किडनी डैमेज) से सुरक्षित रखने में मदद कर सकता है (8)

9. घाव भरने के लिए

कालमेघ को एक चिकित्सकीय गुणों वाले पौधे की श्रेणी में गिना जाता है (7)। इसके अतिरिक्त  एक वैज्ञानिक अध्ययन के अनुसार यह बताया गया कि कालमेघ के अर्क का सेवन करके घाव को ठीक किया जा सकता है (9)। हालांकि, यह घाव को किस प्रकार ठीक करता है, इस पर अभी और शोध की आवश्यकता है।

11. अपच (Indigestion) की समस्या में

अगर आप अपच की समस्या से परेशान हैं, तो इस समस्या का हल भी आपको कालमेघ के जरिए मिल सकता है। कालमेघ में ऐसे विशेष गुण पाए जाते हैं, जो अपच की समस्या को दूर कर सकते हैं (10)। हालांकि, वैज्ञानिकों के द्वारा अभी भी अध्ययन किया जा रहा है कि यह किस प्रकार अपच की समस्या को दूर करने में मदद करता है।

आइए अब लेख के अगले भाग में जानते हैं कि कालमेघ को किस प्रकार उपयोग किया जा सकता है।

कालमेघ का उपयोग – How to Use Kalmegh in Hindi

कालमेघ को निम्न प्रकार से उपयोग किया जा सकता है-

  • कालमेघ चूर्ण का सेवन पानी के साथ किया जा सकता है।
  • इसकी पत्तियों के अर्क का सेवन किया जा सकता है।
  • इसकी पत्तियों के पेस्ट को घाव पर लगाया जा सकता है।
  • कालमेघ की पत्तियों को ब्लेंडर में पानी के साथ घोल कर जूस के रूप में पी सकते हैं।

कब खाएं : कालमेघ का सेवन आप दिन में किसी भी समय कर सकते हैं।

कितना खाएं :दिनभर में एक चम्मच कालमेघ चूर्ण का सेवन किया जा सकता है। दिन में कालमेघ की ¼ टेबलस्पून या ½ टेबलस्पून की दो खुराक ले सकते हैं। इसके अलावा, कालमेघ की आठ से दस पत्तियों को एक कप पानी के साथ जूस बनाकर भी सेवन किया जा सकता है। कालमेघ के कैप्सूल भी बाजार में उपलब्ध हैं। हालांकि, कालमेघ की सटीक मात्रा का सेवन जानने के लिए एक बार आहार विशेषज्ञ की सलाह अवश्य लें।

कालमेघ के सेवन से आपको कुछ स्थितियों में नुकसान भी हो सकता है, जिसके बारे में आपको नीचे जानकारी दी जा रही है।

कालमेघ के नुकसान – Side Effects of Kalmegh in Hindi

कालमेघ के नुकसान कुछ इस प्रकार हैं (11)

  • इसका अत्यधिक मात्रा में किया गया सेवन एलर्जी उत्पन्न कर सकता है।
  • दूसरी दवाओं के साथ कालमेघ का सेवन इंरैक्ट कर सकता है। इसलिए यदि आप किसी दवा का सेवन कर रहे हैं तो कालमेघ को लेने से पहले अपने चिकित्सक से परामर्श लें।
  • कालमेघ का अधिक सेवन लो बीपी और लो शुगर का कारण बन सकता है। इसलिए समय समय पर बीपी और शुगर लेवल मॉनिटर करते रहें।
  • इसके अधिक सेवन से भूख में कमी आ सकती है।
  • गर्भावस्था और ब्रेस्टफीडिंग के दौरान कालमेघ चूर्ण के सेवन से बचने की सलाह दी गई है।

कालमेघ का पौधा, जिसे अभी तक आप एक जंगली पौधा समझ रहे होंगे, उसके फायदों को जानने के बाद अब आप इसका इस्तेमाल कर सकते हैं। इसके सेवन से जुड़ी मात्रा के बारे एक बार आहार विशेषज्ञ से जरूर मिलें। कालमेघ के स्वास्थ्य फायदों को पढ़ने के बाद अगर आपको या आपके किसी करीबी को इसके सेवन से कोई लाभ मिलता है, तो उसका अनुभव हमारे साथ जरूर शेयर करें। इसके अलावा, अगर आपके मन में कालमेघ से जुड़ा कोई सवाल हो तो आप कॉमेंट बॉक्स द्वारा बेझिझक हमारे साथ साझा करें।

Sources

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