
क्या गर्भावस्था में पपीता खाना सुरक्षित है? – Papaya for Pregnancy in Hindi
गर्भावस्था का समय महिला के साथ-साथ गर्भ में पल रहे भ्रूण के लिए नाजुक होता है। इस स्थिति में दोनों को पर्याप्त देखभाल के साथ ही अच्छे पोषण की भी जरूरत होती है। अच्छे पोषण के लिए फल व सब्जियों पर खास ध्यान दिया जाता है, लेकिन क्या गर्भावस्था में सभी फल व सब्जियां सुरक्षित होती हैं? कुछ ऐसा ही संदेह पपीते को लेकर है। कई लोगों के अनुसार पपीते को गर्भावस्था के लिए सुरक्षित नहीं माना जाता है। अब इस बात में कितनी सच्चाई है, यह जानने के लिए स्टाइलक्रेज के इस आर्टिकल में हम जानेंगे कि क्या प्रेगनेंसी में पपीता खाना चाहिए? अगर हां, तो कैसे? साथ ही यह भी जानेंगे कि गर्भावस्था के दौरान पपीता खाने से किस-किस प्रकार के प्रभाव नजर आ सकते हैं। साथ ही यह जानना भी जरूरी है कि सभी की गर्भावस्था अलग-अलग होती है। इसलिए, पपीता हर किसी को सूट करे संभव नहीं है।
आर्टिकल में सबसे पहले हम यह जानते हैं कि प्रेगनेंसी में पपीता खाना सुरक्षित है या नहीं।
क्या गर्भावस्था में पपीता खाना सुरक्षित है?
अभी तक सभी की यही मान्यता रही है कि गर्भावस्था के दाैरान पपीते या पपीते के पत्ते का सेवन करने से गर्भपात हो सकता है या फिर भ्रूण को नुकसान हो सकता है। ऐसे में सवाल यह उठता है कि क्या प्रेगनेंसी में पपीता खाना चाहिए? एनीसीबीआई (नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इंफार्मेशन) ने गर्भावस्था में पपीता खाने के संबंध में एक रिसर्च पेपर प्रकाशित किया है। यह शोध चूहों पर किया गया था। रिसर्च के दौरान पाया गया कि पका हुआ पपीता खाने से किसी प्रकार का दुष्प्रभाव नजर नहीं आए। इसलिए, इस आधार पर कहा जा सकता है कि गर्भावस्था में पपीता खाना सुरक्षित हो सकता है। साथ ही शोध में इस बात की भी पुष्टि की गई है कि प्रेगनेंसी में कच्चा पपीता नहीं खाना चाहिए, क्योंकि उसके हानिकारक परिणाम देखने मिल सकते हैं (1)। इस वैज्ञानिक प्रमाण के बावजूद हम यही कहेंगे कि पके हुए पपीते का सेवन डॉक्टर से पूछकर ही करना चाहिए।
यह तो स्पष्ट हो गया कि प्रेगनेंसी में पपीता खा सकते हैं। आगे हम प्रेगनेंसी में पपीता खाने के फायदे बता रहे हैं।
प्रेगनेंसी में पपीता खाने के फायदे- Benefits of Eating Papaya in Pregnancy In Hindi
प्रेगनेंसी में पपीता खा सकते हैं, यह जानने के बाद मन में तमाम तरह के सवाल उठना लाजमी है कि प्रेगनेंसी में पपीता खाने के लाभ क्या-क्या हो सकते हैं। यहां हम कुछ ऐसे ही प्रमुख फायदों के बारे में विस्तार से बता रहे हैं।
1. रोग प्रतिरोध क्षमता को बेहतर करे
गर्भावस्था में पपीता खाना प्रतिरक्षा प्रणाली को बेहतर करने का सुरक्षित तरीका हो सकता है। जर्नल ऑफ मेडिसिनल प्लांट्स स्टडी के शोध के अनुसार, पपीते में एंटीऑक्सीडेंट के साथ ही विटामिन-ए और विटामिन-सी भी पाया जाता है। पपीते में पाए जाने वाले ये पाेषक तत्व खांसी और जुकाम जैसी कई बीमारियों से लड़ने और उनके प्रभाव को कम करने के लिए प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ा सकते हैं (2)।
2. मधुमेह में पपीते के फायदे
कुछ गर्भवती महिलाओं को मधुमेह होने की समस्या रहती है। इससे निपटने के लिए पपीते का सेवन किया जा सकता है। एक शोध के अनुसार, पपीता विटामिन, प्रोटीन, पॉलीसेकेराइड, लेक्टिन, सैपोनिन और फ्लेवोनोइड से भरपूर होता है और ये सभी कंपाउंड मधुमेह से बचाने में मदद कर सकते हैं (3)। एक अन्य शोध में पाया गया कि पपीते में फाइबर पाया जाता है। इसे ग्लाइसेमिक इंडेक्स (रक्त में मौजूद शुगर के स्तर को मापने की इकाई) में मध्यम स्तर पर रखा गया है। इसका मतलब यह है कि पपीता शुगर के स्तर को बढ़ने से रोकने और इसे नियंत्रित करने में मददगार हो सकता है (4)।
3. मार्निंग सिकनेस की अवस्था में लाभदायक
प्रारंभिक गर्भावस्था के दौरान मतली और उल्टी की समस्या एक आम बात है। इसे मेडिकल भाषा में मॉर्निंग सिकनेस कहा जाता है, क्योंकि ऐसा अक्सर सुबह होते है, लेकिन कुछ गर्भवती महिलाओं को यह समस्या दिनभर रह सकती है (5)। डिपार्टमेंट ऑफ फूड साइंस एंड न्यूट्रीशियन द्वारा किए गए शोध में पाया गया कि भोजन के बाद पपीते के सेवन से पाचन में सुधार हो सकता है। पपीते के सेवन से इसमें पाए जाने वाले पोषक तत्व और गुणों के कारण गर्भवती महिलाओं में मतली, उल्टी और मॉर्निंग सिकनेस को रोकने में मदद मिल सकती है (6)। हालांकि, अभी यह शोध का विषय है कि ये समस्याएं पपीते में पाए जाने वाले किन गुणों के कारण दूर हो सकती हैं।
4. फोलिक एसिड से भरपूर
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, गर्भावस्था के दौरान फोलेट (फोलिक एसिड) की जरूरत होती है। यह शिशुओं को न्यूरल ट्यूब दोष (मस्तिष्क या रीढ़ की हड्डी के जन्म दोष) और गर्भवती महिला को एनीमिया से बचाने में मदद कर सकता है। इस समस्या को दूर करने और फोलिक की अच्छी मात्रा प्राप्त करने के लिए पपीते का सेवन लाभदायक हो सकता है। मैक्सिको में किये गये शोध के अनुसार, पपीता में फोलेट पाया जाता है। इसके सेवन से गर्भवती महिलाएं फाेलेट को आसानी से प्राप्त कर सकती हैं (7)। एक मध्यम आकार के पपीते में लगभग 116 मिलीग्राम फोलिक एसिड की मात्रा पाई जाती है (8)।
गर्भावस्था में पके पपीते से होने वाले लाभ जानने के बाद अब हम कच्चे पपीते से होने वाले नुकसान के बारे में बात करते हैं।
गर्भावस्था में कच्चा पपीता खाने के जोखिम कारक
जहां एक ओर गर्भावस्था में पपीता फायदेमंद हो सकता है, तो वहीं कच्चे पपीते का सेवन कई प्रकार के जोखिमों का कारण बन सकता है। यहां हम कच्चे पपीते से होने वाले जोखिम कारकों के बारे में ही बता रहे हैं।
- एनसीबीआई की वेबसाइट पर प्रकाशित चूहों पर किए गए एक शोध के अनुसार, कच्चे पपीते में लेटेक्स (latex) नामक कंपाउंड पाया जाता है। यह गर्भाशय की मांसपेशियों को संकुचित करने का कारण बन सकता है, जिसे गर्भावस्था में असुरक्षित माना जाता है (1)।
- कच्चे पपीते में एंटीफर्टिलिटी गुण पाए जाते हैं, जिस कारण यह गर्भधारण करने में बाधा उत्पन्न करने के साथ ही गर्भपात की समस्या का कारण बन सकता है (9)।
- एक वेबसाइट पर प्रकाशित शोध के अनुसार पपीता एक दूधिया लेटेक्स सैप का उत्पादन करता है, जिसमें पपाइन और काइमोपैन शामिल हैं। ये यौगिक त्वचा संबंधी कई परेशानी का कारण बन सकते हैं। इसके अलावा, जिनकी त्वचा संवेदनशील होती है या फिर जिन्हें लेटेक्स एलर्जी की समस्या है उन्हें कच्चे पपीते के कारण एलर्जी होने की आशंका रहती है (10)।
कच्चे पपीते के दुष्प्रभाव जानने के बाद आर्टिकल में आगे हम गर्भावस्था में पपीता खाने से होने वाले नुकसान के बारे में बता रहे हैं।
गर्भावस्था में पपीता खाने के दुष्प्रभाव
कुछ शोधों के अनुसार गर्भावस्था में पपीता खाने के दुष्प्रभाव भी हो सकते हैं, जो इस प्रकार हैं:
- ब्रिटेन की यूनिवर्सिटी ऑफ ससेक्स के शोधकर्ताओं ने शोध में पाया कि तीन दिन तक लगातार पपीते का सेवन गर्भपात का कारण बन सकता है (11)।
- ब्रिटेन की यूनिवर्सिटी ऑफ ससेक्स के शोधकर्ताओं ने शोध में यह भी पाया कि पीपते में पपाइन (Papain) नामक रसायन पाया जाता है, जो भ्रूण के विकास को रोक सकता है (11)। साथ ही पपाइन भ्रूण के लिए टॉक्सिक यानी जहर का काम भी कर सकता है (12)।
- भोजन से पहले और बाद में पपीता का सेवन रक्त शर्करा के स्तर को कम कर सकता है। इसलिए्, अगर कोई गर्भवती महिला मधुमेह की दवा ले रही है, तो उसे डॉक्टर की सलाह पर ही पपीते का सेवन करना चाहिए (12)।
दोस्तों, आपने इस आर्टिकल में जाना कि अगर गर्भावस्था में पपीता लिया जाता है, तो उसके क्या-क्या परिणाम हो सकते हैं। साथ ही क्या गर्भावस्था में पपीता खाना चाहिए, इसका जवाब आपको इस आर्टिकल के माध्यम से मिल ही गया होगा। यह तो स्पष्ट हो गया है कि जहां पपीता गर्भवती महिला और भ्रूण के लिए फायदेमंद है, वहीं दूसरी ओर इसके अधिक सेवन से कई नुकसान भी जुड़े हैं। अगर आप गर्भावस्था में पपीता खाना चाहती हैं या फिर इसे अपनी डाइट में शामिल करना चाहती हैं, तो बेहतर होगा कि पहले डॉक्टर से सलाह ली जाए। अगर आपके मन में अभी भी पपीते को लेकर कोई सवाल है, तो उसे नीचे दिए कमेंट बॉक्स के जरिए हमारे साथ साझा करें। हम उस संबंध में विशेषज्ञों की राय आपके साथ शेयर करेंगे।
और पढ़े:
- क्या गर्भावस्था में नारियल पानी पीना सुरक्षित है?
- गर्भावस्था में शतावरी खाना सुरक्षित है या नहीं
- क्या गर्भावस्था में करेला खाना सुरक्षित है?
- प्रेग्नेंसी में सीने में जलन और एसिडिटी
The following two tabs change content below.Latest posts by Saral Jain (see all)
- प्रेगनेंसी में सेब खाना चाहिए या नहीं | Apple In Pregnancy in Hindi - January 8, 2021
- वृक्षासन करने के फायदे और तरीका – Vrikshasana (Tree Pose) Benefits And Steps in Hindi - January 6, 2021
- 50+ Best Memories Quotes In Hindi – यादों की बारात शायरी - January 6, 2021
- बालों को घना कैसे करें? अपनाएं ये आसान टिप्स – Tips For Thick Hair In Hindi - January 5, 2021
- कच्चे आम के फायदे, उपयोग और नुकसान – Raw Mango Benefits and Side Effects in Hindi - January 4, 2021
Saral Jain
सरल जैन ने श्री रामानन्दाचार्य संस्कृत विश्वविद्यालय, राजस्थान से संस्कृत और जैन दर्शन में बीए और डॉ. सी. वी. रमन विश्वविद्यालय, छत्तीसगढ़ से पत्रकारिता में बीए किया है। सरल को इलेक्ट्रानिक मीडिया का लगभग 8 वर्षों का एवं प्रिंट मीडिया का एक साल का अनुभव है। इन्होंने 3 साल तक टीवी चैनल के कई कार्यक्रमों में एंकर की भूमिका भी निभाई है। इन्हें फोटोग्राफी, वीडियोग्राफी, एडवंचर व वाइल्ड लाइफ शूट, कैंपिंग व घूमना पसंद है। सरल जैन संस्कृत, हिंदी, अंग्रेजी, गुजराती, मराठी व कन्नड़ भाषाओं के जानकार हैं।ताज़े आलेख