पैर में ऐंठन के कारण, लक्षण और घरेलू उपाय – Leg Cramps Causes, Symptoms and Home Remedies in Hindi

Written by , BA (Journalism & Media Communication) Saral Jain BA (Journalism & Media Communication)
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पैरों में ऐंठन होना एक आम समस्या है, जो किसी को भी हो सकती है। यही वजह है कि आमतौर पर लोग इस समस्या को नजरअंदाज कर देते हैं। कई बार इस लापरवाही के चलते कुछ जोखिम उठाने पड़ सकते हैं। ऐसे में इस परेशानी से राहत पाने और इसे बढ़ने से रोकने के लिए जानकारी होना आवश्यक है। स्टाइलक्रेज के इस लेख में हम पैर में ऐंठन के लक्षण, कारण और टांगों में ऐंठन के लिए घरेलू उपाय बता रहे हैं।

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आइए, सबसे पहले जानते हैं कि आखिर पैरों में ऐंठन होना क्या होता है।

पैर में ऐंठन क्या है – What is Leg Cramps in Hindi

जब पैरों की मांसपेशियों में अचानक से जकड़न होने लगे, तो उसे पैरों में ऐंठन होना कहा जाता है। इस दौरान तेज दर्द महसूस होने लगता है (1)। यह समस्या आमतौर पर पैरों के निचले हिस्से (पिंडलियों) और जांघों में हो सकती है (2)। इस स्थिति में प्रभावित हिस्से को छूने पर गांठ भी महसूस हो सकती है। पैरों में ऐंठन की यह परेशानी कुछ सेकंड से लेकर कुछ मिनट तक बनी रह सकती है (1)। पैरों में ऐंठन की वजह से होने वाला दर्द अधिकांश रात के समय में होता है। पैरो में ऐंठन की इस समस्या को चार्ली हार्स के नाम से भी जाना जाता है (3)।

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अब हम पैरों में ऐंठन के कारण और जोखिम कारक की बात करेंगे

पैर में ऐंठन के कारण और जोखिम कारक – Causes and Risk Factors of Leg Cramps in Hindi

जब शरीर में पर्याप्त मात्रा में पोटेशियम और कैल्शियम की कमी हो जाती है या फिर मांसपेशियों पर अधिक दबाव पड़ने लगता है, तो पैरों में ऐंठन की समस्या उत्पन्न हो सकती है। इसके अलावा, ये परेशानी अक्सर खिलाड़ियों और एक्सरसाइज करने वालों में ज्यादा देखी जा सकती है (4)। आगे लेख में हम पैर में ऐंठन होने के कारण और जोखिम कारक बता रहे हैं, जो कुछ इस प्रकार हैं (5) (6)।

टांगों में ऐंठन होने के आम कारण

  • शरीर में मैग्नीशियम, सोडियम, पोटेशियम या कैल्शियम की कमी
  • मासपेशियों में अधिक खिंचाव होना
  • पीठ या गर्दन की नस दबना या रीढ़ की हड्डी में चोट लगना
  • पर्याप्त मात्रा में मांसपेशियों तक खून का प्रवाह न होना
  • डिहाइड्रेशन (पानी की कमी) होना

टांगो में ऐंठन के जोखिम कारक (4)

  • शराब का सेवन
  • किडनी खराब होना
  • कुछ दवाइयों का सेवन
  • महिलाओं में महावारी के दौरान
  • गर्भावस्था के कारण
  • अधिक वजन होना
  • डायलिसिस की वजह से
  • हाइपोथायरायडिज्म (थायराइड का कम बनना)
  • नर्व डिसऑर्डर

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अब बारी है पैर में ऐंठन के लक्षण के बारे में जानने की।

पैर में ऐंठन के लक्षण – Symptoms of Leg Cramps in Hindi

टांगों में ऐंठन के लक्षण कुछ खास नहीं हैं, क्योंकि ऐंठन खुद में ही एक लक्षण माना जाता है। हां, इस दौरान होने वाली कुछ स्थितियों को टांगों में ऐंठन के लक्षण के रूप में देखा जा सकता है (1)।

  • पैर के पीछे की मांसपेशियों (पिड़लियों) में ऐंठन होना
  • पिंड़लियों में अचानक तेज दर्द उठना
  • प्रभावित हिस्से को छूने पर गांठ महसूस होना
  • कुछ मामलों में सुन्नता और प्रभावित हिस्से में जलन होना

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पैर में ऐंठन के लक्षण के बाद अब पैर में ऐंठन के लिए घरेलू उपाय जानते हैं।

पैर में ऐंठन के लिए घरेलू उपाय – Home Remedies for Leg Cramps in Hindi

पैर में ऐंठन के लक्षण के बाद अब हम पैर में ऐंठन की समस्या में राहत प्रदान करने वाले कुछ घरेलू उपायों के बारे में बता रहे हैं, जो कुछ इस प्रकार हैं।

1. बेकिंग सोडा

सामग्री :

  • एक टी स्पून बेकिंग सोडा
  • एक गिलास पानी

कैसे करें उपयोग :

  • एक गिलास पानी में एक चौथाई चम्मच बेकिंग सोडा अच्छे से मिला लें
  • मिलाने के बाद तुरंत इस पानी का सेवन करें।
  • पैरों में ऐंठन होने के दौरान इसे पीना ज्यादा लाभकारी हो सकता है।

कैसे है लाभदायक :

टांगों में ऐंठन के लक्षण कई बार शरीर में सोडियम की मात्रा कम होने की वजह से भी उत्पन्न हो सकते हैं (6)। ऐसे में बेकिंग सोडा का सेवन शरीर में सोडियम की कमी के प्रभाव को काफी हद तक कम करने में कारगर हो सकता है (7)। इसी आधार पर यह कहा जा सकता है कि टांगों में ऐंठन के लक्षण को कम करने में बेकिंग सोडा का सेवन लाभकारी हो सकता है

2. पैरों की मसाज

सामग्री :

  • नारियल या जैतून तेल

कैसे करें उपयोग :

  • ऐंठन होने वाले पैरों को ज्यादा से ज्यादा फैलाएं।
  • अब प्रभावित हिस्से पर तेल से मसाज करें।
  • इसके बाद गुनगुने पानी से स्नान करें।

कैसे है लाभदायक :

पैरों की ऐंठन में राहत पाने के लिए मसाज भी कर सकते हैं। इस दौरान मांसपेशियों में होने वाली मसल टेंशन यानी तनाव की स्थिति को दूर करने में मालिश को प्रभावकारी माना जाता है। इस दौरान पैरों को थोड़ा स्ट्रेच करने के बाद ही मालिश की जानी चाहिए। इससे प्रभावित मांसपेशियों का तनाव दूर हो सकता है (8)।

3. अचार का रस

सामग्री :

  • एक चौथाई छोटा कप अचार का रस

कैसे करें उपयोग :

  • अचार के रस का सेवन करें।
  • इसे रोजाना एक बार पी सकते हैं।

कैसे है लाभदायक :

एक रिसर्च पेपर के मुताबिक, अचार का रस पैरों में होने वाली ऐंठन को कम करने में कारगर हो सकता है। शोध में कहा गया है कि इलेक्ट्रोलाइट और फ्लूइड बैलेंस से अचार के रस को जोड़कर नहीं देखा जा सकता। इसका असर अल्फा मोटर न्यूरोन यानी तंत्रिका से जुड़ा हो सकता है, लेकिन इसकी स्पष्टता के लिए अधिक शोध करने की आवश्यकता है (9)।

4. एप्सम सॉल्ट बाथ

सामग्री :

  • 1 बाल्टी गुनगुना पानी

कैसे करें उपयोग :

  • 1 बाल्टी गुनगुने पानी में एक टेबल स्पून एप्सम सॉल्ट को मिलाएं।
  • फिर इस पानी से स्नान कर लें।

कैसे है लाभदायक :

जैसा की हमने ऊपर लेख में बताया है कि पैरों में ऐंठन की समस्या शरीर में इलेक्ट्रोलाइट्स के असंतुलित होने का कारण बन सकता है (5)। ऐसे में एप्सम सॉल्ट के पानी से नहाने से शरीर में मैग्नीशियम का स्तर संतुलित हो सकता है (10)। इसी आधार पर कहा जा सकता है कि पैरों की ऐंठन की समस्या से राहत पाने के लिए एप्सम सॉल्ट लाभकारी हो सकता है।

5. विटामिन

सामग्री :

  • विटामिन युक्त खाद्य पदार्थ
  • डॉक्टर की सलाह पर सप्लीमेंट्स

कैसे करें उपयोग :

  • दिन के तीनों आहार में विटामिन युक्त खाद्य सामग्री को शामिल करें।
  • डॉक्टर ने सप्लीमेंट्स लेने के लिए कहा है, तो सही समय पर उनका सेवन करें।

कैसे है लाभदायक :

पैरों में ऐंठन की समस्या शरीर में विटामिन डी, बी 6 और ई की कमी के कारण हो सकती है (2)। साथ ही विटामिन-सी को भी पैरों की ऐंठन को कम करने में कारगार माना जाता है (11)। ऐसे में इन सभी विटामिन युक्त आहार को अपनी डाइट में शामिल करके पैरों की ऐंठन से बच सकते हैं। बस इस बात का खास ख्याल रखें कि इनके सप्लीमेंट्स का सेवन बिना डॉक्टरी सलाह के नहीं करना चाहिए।

6. एसेंशियल ऑयल

सामग्री :

  • आवश्यकतानुसार एसेंशियल ऑयल जैसे कि लैवेंडर ऑयल
  • एक से दो बूंद नारियल तेल

कैसे करना है उपयोग :

  • दोनों तेल को एक बर्तन में मिक्स करके हथेली पर निकाल लें।
  • अब मांसपेशियों पर हल्के हाथों से एसेंशियल ऑयल से धीरे-धीरे मालिश करें।
  • डिफ्यूजर में डालकर इसकी अरोमाथेरेपी भी ले सकते हैं यानी इसे सूंघ सकते हैं।

कैसे है लाभदायक :

एसेंशियल तेल में लैवेंडर ऑयल का इस्तेमाल मांसपेशियों में हो रहे दर्द में फायदेमंद हो सकता है। एक अध्ययन में इस बात का जिक्र मिलता है कि नियमित तौर पर एसेंशियल ऑयल से प्रभावित हिस्से पर मसाज करने से मांसपेशियों में हो रहे दर्द से राहत मिल सकती है। साथ ही अरोमाथेरेपी को भी एक अच्छा विकल्प माना जाता है (12)। ऐसे में टांगों में ऐंठन से बचाव के लिए एसेंशियल तेल को उपयोग में ला सकते हैं।

7. साबुन

सामग्री :

  • एक साबुन
  • पैरों में बांधने के लिए एक पट्टी या कपड़ा

कैसे करें उपयोग :

  • साबुन को एक कपड़े में लपेटकर सोने से पहले प्रभावित पैर को बांध लें।
  • अगले दिन सुबह साबुन को बाहर निकाल लें।
  • यह प्रक्रिया अगली रात दोबरा दोहराएं।

कैसे है लाभदायक :

पैरों में ऐंठन की समस्या से राहत पाने के लिए लोग पैरों में साबुन के साथ लपेटा हुआ कपड़ा भी बांधते हैं। लोकमान्यता है कि इससे पैर में होने वाली ऐंठन से राहत मिल सकती है। हालांकि, इस उपाय का कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है।

8. गर्म या ठंडा पैक

सामग्री :

  • एक गर्म या ठंडा पैक
  • पैक मौजूद न हो तो 8 से 10 बर्फ
  • एक प्लास्टिक बैग और तौलिया

कैसे करें उपयोग :

  • दर्द से प्रभावित पैर को स्ट्रेच करें।
  • दर्द हो रही मांसपेशियों पर गर्म या ठंडा पैक लगाएं।
  • पैक न हो, तो प्लास्टिक बैग में बर्फ डालकर उसे प्रभावित हिस्से पर रखें।
  • गर्म सेंक करनी हो, तो तौलिये को गर्म करके ऐंठन वाले हिस्से में एक से दो मिनट तक रखें और फिर हटा दें।
  • यह प्रक्रिया को तीन बार तक दोहरा सकते हैं।

ऐसे है लाभदायक :

पैर में ऐंठन होने पर गर्म और ठंडा पैक दोनों ही काम आ सकता है। गर्म पैक तब लगाया जाता है, जब हाल ही में पैर में ऐंठन शुरू हुई हो। साथ ही ठंडा पैक तब लाभदायक होता है, जब पैरों का दर्द हल्का होने लगे। इस बात की पुष्टि मेडलाइन प्लस द्वारा पब्लिश एक जानकारी से होती है (4)।

 9. सेब का सिरका

सामग्री :

  • 2 चम्मच एप्पल साइडर विनेगर
  • 1 गिलास गर्म पानी

कैसे करें उपयोग :

  • दो चम्मच एप्पल साइडर विनेगर एक गिलास गुनगुने पानी में मिलाएं।
  • इस मिश्रण का सेवन दिन में एक बार कर सकते हैं।

कैसे हैं लाभदायक :

सेब के सिरके में पोटेशियम की भरपूर मात्रा मौजूद होती है। रिसर्च पेपर में कहा गया है कि यह मिनरल ऐंठन से बचाव करने में सहायक हो सकता है (13)। हम ऊपर भी बता ही चुके हैं कि पैरों में ऐंठन अक्सर इलेक्ट्रोलाइट्स के असंतुलन के कारण होती है। सेब के सिरके में जरूरी इलेक्ट्रोलाइट यानी पोटेशियम होता है। ऐसे में सेब का सिरका पैर में ऐंठन को कम करके राहत प्रदान कर सकता है।

10. हल्दी

सामग्री :

  • 1 बड़ा चम्मच हल्दी पाउडर
  • नारियल का तेल (आवश्यकतानुसार)

कैसे करें उपयोग :

  • एक चम्मच हल्दी पाउडर लें और उसमें थोड़ा सा नारियल का तेल मिलाएं।
  • हल्दी-नारियल तेल के पेस्ट को प्रभावित मांसपेशियों पर लगाएं और धीरे-धीरे मालिश करें।
  • इसे धोने से पहले लगभग 30 मिनट तक लगा रहने दें।
  • वैकल्पिक रूप से एक गिलास गर्म दूध में एक चम्मच हल्दी पाउडर मिलाकर रोजाना सेवन कर सकते हैं।

कैसे हैं लाभदायक :

पैरों में ऐंठन की समस्या में हल्दी का उपयोग लाभकारी माना जा सकता है। हल्दी में एंटी-इंफ्लामेटरी प्रभाव मौजूद होता है (11)। एंटी-इंफ्लामेटरी इफेक्ट की वजह से कुछ हद तक दर्द से राहत पाने में मदद मिल सकती है (14)। ऐसे में यह कहा जा सकता है कि पैरों में ऐंठन के कारण हो रहे दर्द में हल्दी का उपयोग लाभकारी हो सकता है।

11. दालचीनी

सामग्री :

  • चुटकी भर दालचीनी पाउडर
  • 1 चम्मच शहद
  • आधा कप गुनगुना पानी

कैसे करें उपयोग :

  • एक गिलास गुनगुने पानी में चुटकी भर दालचीनी पाउडर और शहद मिलाएं।
  • इसके बाद इस मिश्रण का सेवन करें।
  • इसका सेवन दिन में दो बार सुबह-शाम कर सकते हैं।

कैसे हैं लाभदायक :

दालचीनी एक औषधीय पौधा है, जिसके तमाम लाभ होते हैं। इसमें एंटी-इंफ्लामेटरी गुण पाया जाता है (15)। इसका यह प्रभाव दर्द से कुछ हद तक राहत दिलाने में मददगार हो सकता है (16) । इसके अलावा, शहद में दर्द को कम करने वाला एनाल्जेसिक प्रभाव होता है (17)। ऐसे में दालचीनी और शहद का घरेलू उपयोग टांगों में ऐंठन का इलाज के लिए कारगर हो सकता है

12. शहद

सामग्री :

  • दो चम्मच शहद

कैसे करें उपयोग :

  • रोजाना दो चम्मच शहद का सेवन करें।
  • अधिक लाभ के लिए सेब के सिरके के साथ शहद का सेवन कर सकते हैं।

कैसे है लाभदायक :

टांगों में ऐंठन के लिए घरेलू उपाय में शहद का सेवन फायदेमंद माना जा सकता है। एनसीबीआई के एक रिसर्च पेपर के अनुसार, शहद में दर्द को कम करने वाला एनाल्जेसिक गुण मौजूद होता है (17)। यह गुण पैरों में होने वाले ऐंठन से जुड़े दर्द को कम करने में लाभकारी माना जा सकता है।

अगर सेब के सिरके की बात करें, तो इसमें एंटी-इंप्लेमेटरी गुण के साथ दर्द की तीव्रता को कम करने वाला एंटीनोसिसेप्टिव प्रभाव भी पाया जाता है (18)। ऐसे में घरेलू उपायों में टांगों में ऐंठन का इलाज करने के लिए शहद उपयोगी माना जा सकता है।

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आगे हम टांगों में ऐंठन का इलाज बताने जा रहे हैं।

पैर में ऐंठन का इलाज – Treatment of Leg Cramps in Hindi

यूं तो पैर में ऐंठन का इलाज जरूरी नहीं होता है। हां, कुछ मामलों में ऐंठन के कारणों के आधार कुछ इलाज किए जा सकते हैं, जो इस प्रकार हैं (4) (5)।

1. पैरों की गतिविधि : पैरों में ऐंठन है, तो प्रभावित मांसपेशियों को स्ट्रेच करें। साथ ही हल्के हाथों से मसाज करें। इस दौरान पैर को स्ट्रेस करते हुए हल्की एक्सरसाइज भी कर सकते हैं।

2. सिकाई करना : गर्माहट देने से मांसपेशियों में ऐंठन कम हो सकती है। साथ ही इस दौरान ऐंठन से होने वाले दर्द को कम करने के लिए बर्फ की सिकाई मददगार हो सकती है।

3. दवाईयों का सेवन : पैर में ऐंठन के हिसाब से डॉक्टर नॉनस्टेरॉयडल एंटी-इंफ्लेमेटरी दवाएं लेने की सलाह दे सकते हैं। इससे पैरों में हो रहे दर्द को कम करने में मदद मिल सकती है।

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अब पढ़िए पैरों में ऐंठन होने पर डाइट में आहार के बारे में बताने जा रहे हैं।

पैरों की ऐंठन में क्या खाना चाहिए – Diet Tips for Leg Cramps in Hindi

चार्ली हार्स की समस्या में सोडियम, पोटेशियम, कैल्शियम और मैग्नीशियम युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन करना लाभकारी हो सकता है (2)। नीचे लेख में हम पैरों में ऐंठन की समस्या में इन पोषक तत्वों से युक्त आहार की जानकारी देने जा रहे हैं (19)।

  • फल और सब्जियों का जूस
  • सोडा और एनर्जी ड्रिंक
  • कॉफी और ग्रीन/ब्लैक टी
  • फलियां
  • व्हाइट ब्रेड
  • रोटी
  • साबुत अनाज
  • आलू
  • डेयरी उत्पाद (दूध, पनीर, मक्खन आदि)
  • नट्स
  • अंडा
  • मांस और मछली

बने रहें हमारे साथ

लेख के अंत में हम टांगों में ऐंठन से बचाव के बारे में बता रहे हैं।

टांगों में ऐंठन से बचाव – Prevention Tips for Leg Cramps in Hindi

निम्नलिखित तरीकों को अपनाकर पैरों में ऐंठन से बचाव किया जा सकता है (4) (8)।

मिनरल्स युक्त आहार का सेवन : मांसपेशियों में ऐंठन की समस्या से राहत पाने के लिए मिनरल्स युक्त आहार को अपने भोजन में शामिल कर सकते हैं।

पानी का सेवन : पानी का सेवन भी ऐंठन की समस्या को कम कर सकता है। सादे पानी की जगह उसमें हल्का नमक मिलाकर या स्पोर्ट्स ड्रिंक भी पी सकते हैं। इससे शरीर में फ्लूइड बैलेंस होता है। एक्सरसाइज करते समय भी थोड़ा तरल पदार्थ जरूर पिएं।

व्यायाम में बदलाव : किस तरह के व्यायाम कर रहे हैं, उस पर गौर करें। इसके अलावा, अपने व्यायाम को भी बदल सकते हैं। स्ट्रेचिंग वाले व्यायाम को ही अपनी दिनचर्या में शामिल करें

पोटेशियम लें : पोटेशियम का सेवन करने से भी पैरों के ऐंठन से बचा जा सकता है। इसके लिए संतरे का रस और केले का सेवन करें।

सही फुटवियर : हमेशा सही जूतों का ही चुनाव करें। हील वाली सैंडल पहनते हैं, तो छोटी ही पहनें। हाई हील्स से भी परेशानी हो सकती है।

पैरों में ऐंठन की समस्या से जुड़ी हर तरह की जानकारी इस लेख में दी गई है। इससे राहत पाने के लिए लेख में बताए गए घरेलू उपचारों को अपनाकर दर्द से राहत मिल सकती है। बस घरेलू उपचार को टांगों में ऐंठन का इलाज समझने की भूल न करें। टांगों में ऐंठन के लिए घरेलू उपाय अपनाने से कुछ हदतक ही राहत मिल सकती है। गंभीर स्थिति में डॉक्टर से फौरन संपर्क करें।

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

पैर की ऐंठन क्या संकेत करती है?

पैर की ऐंठन शरीर में पर्याप्त मात्रा में पोटेशियम, कैल्शियम जैसे इलोक्ट्रोलेट्स की कम मात्रा की ओर संकेत कर सकती है (4)।

रात में पैर में ऐंठन का क्या मतलब है?

रात के समय पैरों में ऐंठन डिहाइड्रेशन की वजह से हो सकती है (1)।

चार्ली हॉर्स के लिए डॉक्टर से कब संपर्क करना चाहिए?

पैरों में ऐंठन की समस्या का दर्द जब लंबे समय तक रहे या बार-बार हो, तो इस स्थिति में डॉक्टर से संपर्क करें (3)।

क्या चार्ली हॉर्स शुरुआती गर्भावस्था का संकेत है?

हां, चार्ली हॉर्स शुरुआती गर्भावस्था का संंकेत हो सकता है (2)।

क्या चार्ली हॉर्स खून के थक्के का संकेत है?

हां, चार्ली हॉर्स खून के थक्के का संकेत हो सकता है। दरअसल, खून के थक्के जमने पर पैरों में ऐंठन और दर्द दोनों होता है। इसी वजह से चार्ली हॉर्स को डीप वेन थ्राम्बोसिस (खून के थक्के) का संकेत माना जाता है (21)।

चार्ली हॉर्स कितने समय तक रहता है?

चार्ली हॉर्स कुछ सेकंड या कुछ मिनट तक बना रह सकता है (1)।

किस विटामिन की कमी से पैरों में गंभीर ऐंठन होती है?

विटामिन डी, बी 6 और ई की कमी के कारण पैरों में गंभीर ऐंठन हो सकती है (2)।

पैरों में ऐंठन की दवा बताएं क्या-क्या हैं?

गर्म और ठंडी सिकाई करने के बावजूद अगर पैरों की ऐंठन से राहत नहीं मिलती, तो डॉक्टर नॉनस्टेरॉइडल एंटी-इंफ्लेमेटरी यानी दर्द और सूजन कम करने वाली दवाओं का उपयोग करने की सलाह दे सकते हैं। इस समस्या की गंभीरता को देखते हुए डॉक्टर एंटी-स्पाज्म दवा भी लेने को कह सकते हैं।

References

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