Medically Reviewed By Neelanjana Singh, RD
Written by , (शिक्षा- एमए इन जर्नलिज्म मीडिया कम्युनिकेशन)

मछली खाने के फायदों से आप बखूबी परिचित होंगे, लेकिन मछली का तेल भी आपके शरीर के लिए वरदान साबित हो सकता है। जी हां, मछली का तेल औषधीय गुणों से भरपूर होता है। इसमें मौजूद पोषक तत्व जानलेवा बीमारियों से बचाने के साथ-साथ त्वचा के स्वास्थ्य को भी बरकरार रखने का काम करते हैं, लेकिन फिश ऑयल की गंध की वजह से कई लोग इसे उपयोग में नहीं लाते। वहीं, आप स्टालक्रेज के इस लेख को पढ़ने के बाद इसकी गंध को कम करके मछली के तेल का उपयोग कर सकेंगे। इस लेख में हम आपको मछली के तेल के फायदे के साथ ही कई अन्य जरूरी जानकारी देंगे। मछली के तेल से संबंधित सभी तथ्यात्मक बातें जानने के लिए आप इस लेख को अंत तक जरूर पढ़ें।

मछली का तेल क्‍या है? – What is Fish Oil in Hindi

फिश ऑयल मछली के ऊतकों यानी टिश्यू से बनाए जाने वाला तेल होता है। मछली के तेल में ओमेगा-3 फैटी एसिड, इकोसैपेंटेनोइक एसिड (EPA) और डोकोसाहेक्सैनोइक एसिड (DHA) होते हैं (1)। ओमेगा-3 से समृद्ध होने की वजह से फिश ऑयल को ओमेगा-3 ऑयल भी कहा जाता है। बाजार में आप मछली के तेल की बोतल या बतौर कैप्सूल खरीद सकते हैं।

आइए, अब मछली के तेल के फायदे विस्तार से जानते हैं।

मछली के तेल के फायदे – Benefits of Fish Oil in Hindi

शरीर के लिए मछली के तेल के फायदे अनेक हैं। नीचे जानिए शरीर के लिए मछली के तेल के फायदे।

1. हृदय स्वास्थ्य

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मछली का तेल हृदय संबंधी रोगों को रोकने में मदद कर सकता है। साथ ही हृदय प्रणाली (कार्डियोवास्कुलर सिस्टम) के सुचारू रूप से कार्य को सुनिश्चित करता है। दरअसल, मछली का तेल ट्राइग्लिसराइड (लिपिड फैट) के स्तर को कम करता है, जिससे हृदय संबंधी रोगों का खतरा कम हो सकता है। इसमें मौजूद ओमेगा-3 फैटी एसिड रक्त के स्तर को कम करके हृदय रोगों को रोकने और ठीक करने में मदद करता है। इसके सेवन से धमनियों में ब्लॉकेज, प्लाक और एथेरोस्क्लेरोसिस (Atherosclerosis) का बढ़ना कम हो सकता है। साथ ही यह दिल के दौरे के जोखिम को भी कम कर सकता है (2)

2. हड्डी स्वास्थ्य

मछली के तेल का सेवन हड्डियों को स्वस्थ रख सकता है। यह हड्डी संबंधी रोग ऑस्टियोपोरोसिस (Osteoporosis) यानी कमजोर हड्डियों को ठीक करने में मदद कर सकता है। इसका सेवन आपकी हड्डियों के घनत्व यानी डेंसिटी को बढ़ाता है और हड्डियों के कम होते घनत्व को रोकने में मदद करता है। ओमेगा-3 फैटी एसिड मछली के तेल में मौजूद होता है। यह फैटी एसिड हड्डियों और उनके आसपास के टिश्यू में मौजूद खनिजों की मात्रा को नियंत्रित करता है, जिससे हड्डियां मजबूत होती हैं। मछली के तेल के सेवन से गठिया का दर्द भी कम हो सकता है (3)

3. डायबिटीज

एक वैज्ञानिक शोध के अनुसार, फिश ऑयल सप्लीमेंट इंसुलिन सेंसिटिविटी को बढ़ाकर टाइप-2 डायबिटीज से पीड़ित मरीजों को लिए फायदेमंद साबित हो सकता है। फिलहाल, इस पर अभी और शोध की आवश्यकता है (4)

4. प्रतिरक्षा प्रणाली और चयापचय दर में सुधार

हमारी प्रतिरक्षा प्रणाली को बैक्टीरिया-वायरस से बचाने और मजबूत बनाने में मछली का तेल मददगार साबित हो सकता है। यह शरीर में ऑटोइम्यून डिसऑर्डर को कम करता है। ऑटोइम्यून एक ऐसी स्थिति होती है, जब प्रतिरक्षा प्रणाली स्वयं स्वस्थ कोशिकाओं को नष्ट करने का काम करती है (5)। इसके अलावा, यह आपके चयापचय को बढ़ावा देता है, जो न केवल आपके शरीर को स्वस्थ रखता है, बल्कि वसा को तेजी से नष्ट करने में भी मदद करता है (6)

5. गठिया के दर्द को कम करे

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मछली का तेल गठिया के कारण होने वाले दर्द को कम करने में सहायक पाया गया है। अध्ययन के मुताबिक,  मछली के तेल में मौजूद एंटीइंफ्लेमेटरी गुण व ओमेगा-3 ईपीए जोड़ों के दर्द को कम कर सकता है। इसलिए, इसका इस्तेमाल गठिया का दर्द दूर करने के लिए इस्तेमाल होने वाली एंटीइंफ्लेमेटरी ड्रग की जगह किया जा सकता है। मछली का तेल हमारे शरीर से इंटरल्यूकिन-1 यानी IL-1 (साइटाकिन्स यानी प्रोटीन का समुह) को भी कम करता है, जिसकी वजह से गठिया व जोड़ों से संबंधित परेशानी पैदा होती है (7) (8)

6. डिप्रेशन और एंग्जाइटी (अवसाद और चिंता)

डिप्रेशन और चिंता से मुक्ति पाने के लिए भी मछली का तेल फायदेमंद साबित हो सकता है। दरअसल, इसमें मौजूद ओमेगा-3 फैटी एसिड मूड को ठीक करने में सहायक पाया गया है, जिससे आपका तनाव और डिप्रेशन कम हो सकता है (9) (10)

7. आंखों के लिए लाभदायक

मछली के तेल के फायदे में नेत्र विकार से बचना भी शामिल है। इसका सेवन उम्र के साथ बढ़ती आंखों की समस्याओं को कम करने में सहायक पाया गया है। इसकी वजह मछली के तेल में मौजूद भरपूर ओमेगा-3 फैटी एसिड है (11)

8. प्रजनन क्षमता में सुधार

मछली के तेल का सेवन प्रजनन क्षमता में सुधार कर सकता है। दरअसल, ओमेगा-3 पॉलीअनसेचुरेटेड फैटी एसिड शुक्राणु कोशिकाओं (स्पर्म सेल्स) को बढ़ाने का काम कर सकता है, जिससे पुरुष प्रजनन क्षमता को बेहतर बनाने में मदद मिल सकती है (12) महिलाओं की प्रजनन शक्ति को भी बेहतर बनाने में फिश ऑयल सहायक माना जाता है, हालांकि, इस पर अभी सटीक वैज्ञानिक प्रमाण उपलब्ध नहीं है

9. मस्तिष्क स्वास्थ्य

शारीरिक स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए हम कई जतन करते हैं, लेकिन मानसिक स्वास्थ्य को इतना महत्व नहीं देते हैं। आप महज मछली के तेल का सेवन करके मानसिक स्वास्थ्य को बनाए रख सकते हैं। जैसे कि हम आपको बता चुके हैं कि मछली के तेल में मौजूद ओमेगा-3 फैटी एसिड अवसाद और तनाव को कम कर सकता है। इसी तरह ये अन्य मानसिक विकारों से निपटने में सहायक साबित हो सकता है। फिश ऑयल आपकी घटती स्मरण शक्ति को रोकते हुए आपकी याददाश्त को बढ़ाने में भी मदद कर सकता है (13)

10. कैंसर

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कैंसर जैसी घातक बीमारी के लिए भी मछली के तेल का सेवन फायदेमंद माना जाता है। ओमेगा-3 फैटी एसिड से समृद्ध होने के कारण, यह हमारे शरीर में सामान्य और स्वस्थ कोशिकाओं के विकास को बढ़ावा देता हैं। इसका सेवन ब्रेस्ट, कोलन और प्रोस्टेट कैंसर से बचाव का काम कर सकता है (14) (15) (16)

11. ब्लड प्रेशर

मछली का तेल रक्तचाप के स्तर को नियंत्रित करने में मदद करता है। इसमें मौजूद इकोसैपेंटेनोइक एसिड (EPA) और डोकोसाहेक्सैनोइक एसिड (DHA) आपके ब्लड प्रेशर को कम करने में मदद कर सकते हैं, जिसकी मदद से आप खुद को हृदय संबंधी बीमारियों से बचा सकते हैं (17) (18)

12. प्रेग्नेंसी की जटिलताओं को कम करे

मछली का तेल गर्भावस्था से जुड़ी जटिलताओं को कम करके आपको और आपके गर्भस्थ शिशु को स्वस्थ बनाने का काम कर सकता है। जैसी कि हमने ऊपर आपको बताया है कि मछली का तेल ओमेगा-3 फैटी एसिड से भरपूर होता है। इसमें डोकोसाहेकोएनिक एसिड (डीएचए) होता है, जो भ्रूण के समग्र विकास में मदद करता है। इससे समय पूर्व प्रसव होने के खतरे से भी बचा जा सकता है (19)

13. वजन घटाने में सहायक

मछली के तेल के फायदे में वजन घटाना भी शामिल है। इसमें मौजूद डीएचए और ईपीए नामक तत्व महिलाओं को परफेक्ट बॉडी शेप बनाए रखने और पुरुषों के बढ़ते वजन को नियंत्रित करने में मदद कर सकता है। एक शोध के मुताबिक, 6 ग्राम रोजाना मछली का तेल शरीर से अतिरिक्त फैट को कम करने में मदद कर सकता है (20)

14. किडनी की समस्या को दूर करे

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मछली के तेल का उपयोग आप किडनी से संबंधित परेशानी के खतरे को कम करने के लिए भी कर सकते हैं। मछली के तेल में पाया जाने वाला ओमेगा-3 फैटी एसिड गुर्दे से संबंधित जोखिम कारको को कम करने की क्षमता रखता है (21)

15. ट्राइग्लिसराइड

ट्राइग्लिसराइड एक विशेष प्रकार का वसा (Fat) है, जो हमारे रक्तप्रवाह में भरपूर मात्रा में पाया जा सकता है। जब रक्त में मौजूद ट्राइग्लिसराइड की मात्रा मानक स्तरों से अधिक हो जाती है, तो हम मधुमेह और हृदय रोग सहित विभिन्न मेटाबॉलिक सिंड्रोम की चपेट में आ जाते हैं (22)। ऐसी स्थितियों में मछली के तेल में मौजूद ओमेगा-3 फैटी एसिड ट्राइग्लिसराइड के स्तर को काफी कम कर सकता है (23)

16. प्रदूषण से शरीर को बचाए

शहरों में रहने वाले लोगों को प्रदूषण की वजह से श्वास और फेफड़े संबंधी बीमारियां ज्यादा होती हैं। ऐसे में प्रदूषण से फिश ऑयल आपके शरीर को बचा सकता है। दरअसल, मछली के तेल में मौजूद विटामिन-डी आपके शरीर को प्रदूषण से बचाता है, जिस वजह से आप कई गंभीर बीमारियों से बच सकते हैं (24)  (25)

17. सूरज की परा बैंगनी किरणों से बचाए

इस भागदौड़ भरी जिंदगी में धूप में बाहर निकलना ही पड़ता है। ऐसे में अक्सर यूवी किरणों की वजह से सनबर्न और टैन हो जाता है। इसके अलावा, कई अन्य चेहरे से संबंधित बीमारी और एजिंग भी होने की आशंका होती है, जिन्हें मछली के तेल में मौजूद डीएसए और ईपीए की मदद से काफी हद तक कम किया जा सकता है (26) (27)

18. अटेंशन डेफिसिट हाइपरएक्टिविटी डिसऑर्डर (एडीएचडी) के उपचार में सहायक

18. अटेंशन डेफिसिट हाइपरएक्टिविटी डिसऑर्डर (एडीएचडी) के उपचार में सहायक
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अटेंशन डेफिसिट हाइपरएक्टिविटी डिसऑर्डर (एडीएचडी) बच्चों में होने वाली एकाग्रता की कमी और अतिसंवेदनशीलता है। इसके उपचार में मछली के तेल में मौजूद ओमेगा-3 फैटी एसिड, इकोसैपेंटेनोइक एसिड (EPA) और डोकोसाहेक्सैनोइक एसिड (DHA)  को सहायक माना जा सकता है। हालांकि, इसको लेकर अभी अध्ययन की आवश्यकता है (28) (29)। जैसा कि हम आपको ऊपर बता चुके हैं कि मछली का तेल मस्तिष्क को स्वस्थ बनाने में मददगार साबित हो सकता है, इसलिए एडीएचडी में भी मछली के तेल को फायदेमंद माना जाता है। फिलहाल, इसका कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है।

19. एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण

मछली के तेल में आवश्यक फैटी एसिड यानी ओमेगा-3 प्रचुर मात्रा में होते हैं। इसके साथ ही मछली का तेल एंटी-इंफ्लेमेटरी गुणों से भरपूर होता है, जो हमारे शरीर में इंफ्लेमेशन की वजह से होने वाली कई बीमारियों से बचाने में मदद करता है (30)। इंफ्लेमेशन की वजह से होने वाली बीमारियों में अर्थराइटिस, सोरायसिस (त्वचा रोग) आदि शामिल हैं (31)

20. सेहतमंद त्वचा

मछली के तेल के कैप्सूल त्वचा को बेहतर बनाकर आपकी सुंदरता को बढ़ाने में मदद कर सकते हैं। इसमें मौजूद ओमेगा-3 पॉलीअनसेचुरेटेड फैटी एसिड (PUFA) का उपयोग त्वचा के कई रोगों के इलाज और रोकथाम के लिए किया जाता है। यह मुंहासे, त्वचा पर पड़ने वाले रैशेज, लालिमा और अन्य त्वचा से संबंधित समस्याओं पर प्रभावी असर दिखा सकता है (32) (33)

21. स्वास्थ्य बाल

मछली के तेल के फायदे यकीनन कई हैं। यह त्वचा के साथ ही बालों के स्वास्थ्य को भी बनाए रखता है। फिश ऑयल में मौजूद ओमेगा-3 फैटी एसिड की वजह से बाल हेल्दी होते हैं। यह बालों की स्थिति को बेहतर बनाने में मदद करता है (34)

मछली के तेल के फायदे जानने के बाद जान लेते हैं कि इसमें मौजूद पौष्टिक तत्वों के बारे में।

मछली का तेल के पौष्टिक तत्व – Fish Oil Nutritional Value in Hindi

मछली के तेल के फायदे पढ़ने के बाद आपको पता तो चल ही गया होगा कि मछली का तेल पोषक तत्वों का खजाना है। नीचे पढ़िए कि प्रति 100 ग्राम मछली के तेल में कितनी मात्रा में पोषक तत्व मौजूद होते हैं (35) 

पोषक तत्वमात्रा प्रति 100 ग्राम
ऊर्जा902kcal
कुल फैट100g
विटामिन
विटामिन ए, RAE30000µg
विटामिन ए, IU100000IU
विटामिन डी, (डी2+डी3)250µg
विटामिन डी10000IU
लिपिड
फैटी एसिड, सैचुरेटेड22.608g
फैटी एसिड, कुल मोनोअनसैचुरेटेड 46.711g
फैटी एसिड, कुल पॉलीअनसैचुरेटेड22.541g
कोलेस्ट्रॉल570mg

मछली का तेल का उपयोग – How to Use Fish Oil in Hindi

मछली के तेल के फायदे जानने के बाद आइए जानते हैं कि आप कैसे इसे अपने आहार में शामिल कर सकते हैं – (36)

  • मछली के तेल का स्वाद और गंध की वजह से इसका इस्तेमाल अधिकतर कैप्सूल के रूप में ही किया जाता है।
  • मछली के तेल की गंध को पुदीना और खट्टी चीजों को मिलाकर कम किया जा सकता है।
  • आप मछली के तेल को संतरे, सेब या टमाटर के जूस के साथ ले सकते हैं।

कितना खाना चाहिए :

मछली के तेल में ओमेगा-3 डीएचए और ओमेगा-3 ईपीए एसिड मौजूद होते हैं। इसलिए, हम आपको शरीर के लिए प्रतिदिन जरूरी डीएचए और ईपीए की मात्रा के बारे में बताएंगे। आम तौर पर EPA और DHA को मिलाकर 3 ग्राम प्रतिदिन से ज्यादा नहीं लेने की सलाह दी जाती है, जिसमें आहार से मिलने वाला 2 ग्राम/ दिन भी शामिल है।

कई बार डॉक्टर ट्राइग्लिसराइड्स (लिपिड) को कम करने के लिए ओमेगा-3 की अधिक मात्रा की सलाह दे सकते हैं (37)। वैसे आपको अपनी शारीरिक जरूरत के हिसाब से इसका सेवन करना चाहिए, जिसके बारे में आपको सटीक जानकारी डॉक्टर ही दे सकता है।

मछली के तेल के फायदे और मछली के तेल के उपयोग तो हम आपको ऊपर लेख में बता ही चुके हैं, लेकिन क्या आपको पता है कि मछली के तेल के नुकसान भी कई हैं। आगे हम उसी बारे में बता रहे हैं।

मछली के तेल के नुकसान – Side Effects of Fish Oil in Hindi

मछली का तेल हमारे स्वास्थ्य के लिए चमत्कारी साबित हो सकता है, लेकिन मछली के तेल के फायदे के साथ ही कुछ नुकसान भी हैं। आपको मछली के तेल को अपनी दिनचर्या में शामिल करने से पहले इसके नुकसान के बारे में भी जान लेना चाहिए (38) (39)

  • मुंह का स्वाद बिगड़ना
  • बदबूदार पसीना
  • सिरदर्द
  • हृदय में जलन
  • जी मिचलाना
  • दस्त
  • रक्त के थक्के को प्रभावित करने वाली दवाओं पर असर
  • यदि हाल ही में सर्जरी हुई है तो मछली के तेल का उपयोग न करें
  • ब्लीडिंग डिसऑर्डर है तो इसका इस्तेमाल न करें
  • प्रेग्नेंसी और ब्रेस्टफीडिंग क दौरान डॉक्टर से परामर्श लिए बिना फिश ऑयल का सेवन करने से परहेज करें।

आर्टिकल को पढ़ने के बाद आप समझ ही गए होंगे की मछली का तेल सेहत के लिए कितना जरूरी है। अगर इसके स्वाद की वजह से अब तक आप इसके सेवन से बच रहे थे, तो इस लेख में दिए गए उपायों की मदद से आप मछली के तेल को अपनी खुराक में शामिल कर सकते हैं। बस इसकी मात्रा का ध्यान रखें, क्योंकि मछली के तेल के फायदे तो हैं, लेकिन यह आपके शरीर को कुछ नुकसान भी पहुंचा सकता है। फिश ऑयल को संतुलित मात्रा में अपनी डाइट में शामिल कर खुद को सेहतमंद रखें और इस जानकारी को दोस्तों के साथ शेयर करना न भूलें।

Sources

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