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आम को फलों का राजा कहा जाता है। क्या बच्चे और क्या बूढ़े, सभी इसे काफी पसंद करते हैं, इसलिए गर्मियां आते ही लोगों को इस फल का बेसब्री से इंतजार रहता है। इसकी मिठास मुंह में कुछ इस तरह घुल जाती है कि बार-बार आम खाने को जी करता है। आम को सीधे काटकर या चूसकर खाना हो व मैंगो शेक बनाकर पीना हो, हर तरीके का अपना ही मजा है। साथ ही कच्चे आम यानी कैरी से बनाने वाले आम पन्ना का तो कोई जवाब ही नहीं। शायद इसी वजह से यह राष्ट्रीय फल आम हर किसी को भाता है। इसी बात को ध्यान में रखते हुए स्टाइलक्रेज सभी आम लवर्स के लिए आम पर शायरी, कोट्स और कविता का बेहतरीन कलेक्शन लेकर आया है।
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आर्टिकल की शुरुआत आम पर कविता और शायरी के साथ करते हैं।
55+ आम पर कविता और शायरी : Lines On Mango in Hindi |Mango Season Quotes | Mango Fruit Quotes
जैसे ही गर्मी का मौसम शुरू होता है सबके जहन में एक ही फल का नाम सबसे ज्यादा आता है और वो है फलों का राजा आम। इस फल के रसीले मीठे स्वाद के बारे में सोचते ही मजा आ जाता है। इस आम के सीजन पर इसकी मिठास को और भी बढ़ाने के लिए हम आपके लिए लाए हैं, आम पर बेहतरीन कविताएं और शायरियां। इन्हें आप अपने परिवार, सगे संबंधियों और दोस्तों के साथ शेयर कर सकते हैं।
- गर्मी का है मौसम आया,
मीठे-मीठे आम ये संग लाया,
पके-पके से आम देख ये मेरा मन ललचाया,
बाजार में इन्हें देख, मैं तो ढेर सारे आम लाया,
दो-दो आम भाई को बांटे, बाकी के आम मैं अकेला खाया,
बच्चा हो या बूढ़ा सबके मन को है ये आम खूब भाता,
मिले जो ये खाने को तो सबका मन खुश हो जाता।
- फलों का राजा ये है कहलाता,
ये मीठा फल है सबको खूब भाता,
इसे देखते ही सबका मन ललचाता,
जिसे भी मिले वो आम को चाव से खाता,
पीला-पीला और बड़ा रसीला है ये आम
मैं आजकल इसे खाता हूं रोज सुबह और शाम,
इसे खाने के लिए बड़े-बड़े छोड़ देते हैं अपना काम,
बच्चों के तो सपनों में भी आता है ये आम।
- कच्चा आम, पक्का आम,
जिधर भी देखो उधर आम ही आम,
बच्चों के मन को भी खूब भाता है आम,
आजकल सपनों में भी आ जाता है आम,
बच्चे गली-गली कहते फिरते हैं आम-आम,
बागों में भी मीठी महक बिखेरे है ये आम,
पत्तों के नीचे कच्चे-पक्के ये प्यारे से आम,
बाग में जाकर तुम ढेर सारे ले आओ आम,
कच्चा आम, पक्का आम,
जिधर भी देखो उधर आम ही आम।
- वो खट्टे-मीठे वो रसीले आम,
वो लंगड़ा, दशहरी, देसी, आम,
दिल करता है खाते रहो सुबह शाम।
- जब आती है गर्मी, पूरा बाजार पीला हो जाता,
देख के इसको मुंह में है पानी आता,
फलों का राजा आम तो है सबको भाता।
- आम तो आखिर आम है,
फलों का राजा इसका नाम है,
मिले जो कच्चा तो ये लाजवाब है,
पका मिले तो इसका न कोई जवाब है,
सबके दिल में ये फल करता राज है,
इसलिए आम का अपना एक अलग स्थान है,
हो चाहे जिसे कोई भी फल पसंद,
पर आम का तो अपना ही अंदाज है।
- गर्मियों का अब है मौसम आया,
संग ये अपने मीठे-मीठे आम लाया,
पीले-पीले आमों को देख,
हर किसी के मुंह में है पानी भर आया,
हर कोई आमों को चखना चाहे,
आम के बिना अब तो रहा न जाए,
बिन आम खाए इक दिन भी चैन न आए,
जब भी कोई मीठे आमों को लाए,
मेरा मन खुशी से भर जाए।
- ये है एक आम का पेड़,
इसमें लगते हैं आम खूब,
ये होते हैं पौष्टिक तत्वों से भरपूर,
जो रखते हैं बीमारियों को दूर,
खट्टे-मीठे स्वाद से ये है सबके मन को भाता,
हरे और पीले से प्यारे रंगों में है ये आता,
स्वाद के कारण ये है फलों का राजा कहलाता।
- जब-जब गर्मी का मौसम आता है,
तब-तब आम ही आम नजर आता है,
सबके मन को यह खूब भाता है,
बाजार में इसे देखते ही मन ललचा जाता है,
फिर उन्हें खरीदे बिना नहीं रहा जाता है,,
इसे देखते ही घरवालों का मन लुभा जाता है,
जब-जब गर्मी का मौसम आता है,
तब-तब आम ही आम नजर आता है।
पढ़ते रहिए आम पर कविताएं और शायरियां
- बगीचे में वो मुस्कुराते आम,
सभी के मन को भाते आम,
बागों में मीठी-मीठी महक लिए,
पेड़ों पर सुस्ताते ये आम,
विटामिन से भरपूर होते हैं ये आम,
बच्चों की सेहत खूब बनाते हैं आम,
प्यारे बच्चों जल्दी-जल्दी आओ,
तुमको आवाज दे बुलाते हैं ये आम।
- माना कि इस दुनिया में फल होते हैं खास तमाम,
कहते हैं पर सभी फलों का राजा है सिर्फ आम,
गर्मियों में ये बाजार में आते, लोगों को बड़ा लुभाते,
सब इसको थैला भरकर अपने घर ले जाते,
क्या दशहरी, क्या चौसा और क्या लंगड़ा आम,
अलग-अलग हैं इसके प्रकार, स्वाद हैं इसके नाना,
जो भी इसको चखे एक बार, उसने बेस्ट है इसे माना।
- मुझे गांव का वो बगीचा याद आता है,
पेड़ों के पत्तों में छिपा वो आम याद आता है,
शहर की शाम क्या खाक शाम होती है,
आंगन में लेटे मुझे आसमान का अकेला चांद याद आता है।
- न जाने कैसे होते हैं वो लोग, जो एक-दूसरे से ऊब जाते हैं,
हम तो आम न सही उसका आचार देखते ही उसके स्वाद में डूब जाते हैं।
- गर्मी से तो हम भी कर लेते कब की बगावत,
देती न जो वो हमें कुदरती आम की दावत।
- इस भरी महफिल में मैं बदनाम होना चाहता हूं,
कोई ऐसा वैसा नहीं दशहरी आम होना चाहता हूं।
- आप तो न जाने कब की हमें छोड़ देती,
अगर आपको ये आम की रिश्वत न मिलती।
- पेड़ पर लगे आम को तोड़े अब एक अरसा हो गया,
लगता है उम्र के साथ बचपन का वो हुनर भी चला गया।
- हर किसी की नजरों में आप खास बने रहिए। अगर आप आम हुए, तो समझिए आचार बना दिए जाओगे।
आगे हैं मैंगो स्टेटस
- दाल-चावल जैसी बोरिंग जिंदगी थी मेरी,
आप आम के अचार की तरह आए और जायका ही बदल दिया।
- गर्मियां आ रही हैं अब तो भरपूर आम दिखेंगे,
क्या गली क्या चौराहा अब तो हर जगह आम बिकेंगे।
- बगीचे में चारों ओर आम की मीठी महक फेल गई,
हम इसकी खुशबू में खोकर सबको भूल गए।
- तू किसी मधुशाला की मदिरा सी,
मैं खेतों के गन्नों का रस प्रिये,
तू अचार के तीखे जायके सी,
मैं गांव के मीठे आम सा प्रिये।
- दिल की सारी रंजिशें अब तो यूं सरेआम हो गईं,
जलेबी-इमरती सब इतराती दिखी, जैसे वो ‘आम’ हो गईं।
- इन कीवी और ड्रेगन फ्रूट के पीछे तुम मत भागो,
जल्दी से दादी के साथ बैठकर मीठे-मीठे आम खा लो।
- शहर में कमाई की जुगत में गांव जाने का वक्त है ही कहां,
इन छुरी कांटों से आम खाने का वो मजा कहां,
गुठलियों को चाटकर, आम को चूसकर आने वाला वो स्वाद अब कहां।
- खाना था मुझे आम पर बो दिया मैंने पेड़ बबूल,
अब तुम ही बताओ दोस्तों कैसे सुधारूं ये भूल।
- ‘आम’ सा लगने वाला ये किस्सा तो सरेआम हो गया,
घर से निकले थे लेकर कैरी, उन तक पहुंचे तो आम हो गया।
- अब तो गांव में लगने वाले वो आम भी अनजाने से लगते हैं,
वो आम के दरख्त भी अब पुरान से लगते हैं,छूट गया कहीं पीछे वो प्यारा बचपन,अब तो शहर से गांव आने को भी जमाने लगते हैं।
- गांव से भेजे आम देखकर बचपन की वो यादें ताजा हो गईं,
जब हम आम यूं गिनकर नहीं, टोकरी भर कर खाते थे।
- ए हवा तू कभी मुसाफिर बनकर मेरे गांव जा आना,
मेरे नाते-रिश्तेदारों और दोस्तों का पता लेती आना,
ठीक घर के सामने है आम का बगीचा, जरा उसे भी देख आना।
- मुझे गर्मियों का वो मंजर याद आता है,
फेंका था जिस पर वो पत्थर वो आम का पेड़ याद आता है।
- समय और रेत के अलावा अगर कोई चीज हाथ से फिसलती है,
तो वो होती है आम की गुठलियां, ये संभाले नहीं संभलती हैं।
- आम तो आखिर आम ही है, तभी तो सभी फलों में सबसे ऊपर इसी का नाम है।
- ये जिंदगी भी आम सी हो गई है,
कभी खट्टी सी, कभी मीठी सी,
कुछ कच्ची सी, कुछ पक्की सी।
- बचपन में आम खाने का अलग ही मजा हुआ करता था,
अपना खाने के बाद और आम के लिए भाइयों से लड़ता था।
आगे पढ़िए मैंगो कोट्स और उसके साथ ही कुछ मैंगो स्टेटस।
- जरा ठहर जा ए जिंदगी,
आम अभी पक रहा है, मिठास की तलाश में।
- बढ़ गए है आम के दाम,
इसे खाए बिना भी नहीं चलता मेरा काम,
जब तक न खाऊं मैं ये रसीले आम,
तब तक नहीं मिलता दिल को आराम।
- हो रहा है जिक्र आज महफिल में फिर से उस शाम का,
आओ मिलें हम फिर उसी बगीचे में, क्योंकि मौसम आ रहा है आम का।
- जो न करते थे कभी बात, अब तो उनके भी पैगाम आने लगे,
वक्त जो बदला अपना, तो मेरे नीम के पेड़ पर भी आम आने लगे।
- बदला मौसम और बदला सा बाग का नजारा लगने लगा,
जो सूखे थे दरख्त उन पर अब खूब सारा बौर दिखने लगा,
बारिश की हल्की बूंदों संग मौसम आम का आने लगा।
- गर्मी से सब करते हैं नफरत, पर आम लगता है सबको प्यारा,
लगा फूलने अब डाली-डाली पर, बौर आम का प्यारा-प्यारा।
- गर्मी के मौसम में जो लू से बचाता है,
ये आम है दोस्तों इसे हर कोई बड़े चाव से खाता है।
पढ़ते रहें मैंगो कोट्स
- भरकर टोकरी आम की लाई है घर से मां,
चलो आज जी भरकर, खाएं इन्हें सब मिलकर,
ऐसा मौका फिर आएगा कहां।
- देखा था जब तुझे तो सोचा था,
आंगन में लगाऊंगा एक आम का पेड़,
खट्टा और मीठा बस तेरे नाम का पेड़।
- फलों के राजा आम से करते हैं हम बेहद प्यार,
इसलिए, हर साल बेसब्री से रहता है गर्मियों का इंतजार।
- रसीले आम की खुशबू आ रही है,
वो खुशबू मुझे अपनी ओर बुला रही है,
अब तो कदम रुक ही नहीं रहे हैं,
चुंबक की तरह आम की तरफ हम खींच रहे हैं।
- गर्मियों में बचपन की यादें फिर से ताजा हो जाती हैं,
जब मां किचन में रसीले आम काटकर खिलाया करती है।
- यूं तो गर्मियों से कुछ खास लगाव नहीं हमें,
वो तो बस आम से प्यार है, इसलिए इंतजार कर लेते हैं।
- बनना है तो ‘आम’ बनो बाकी फल बनने में क्या रखा है,
कच्चा हो तो अचार, पका हो तो जूस बन जाता है,
जब चूस कर फेंक देते हैं लोग, तो नए पौधे का जन्म हो जाता है।
- गए थे अपने क्रश से इजहार-ए-मोहब्बत करने,
उसे छुरी कांटे से आम खाते देख बिना कुछ कहे लौट आए।
- दोस्त भी आम की तरह ही होते हैं,
कुछ मीठे होते हैं, तो कुछ खट्टे होते हैं,
खुशनसीब हैं हम जो हमारी किस्मत में
तुम जैसा रसीला आम नुमा दोस्त आया।
- आम ही तो वो एक लाजवाब फल है,
गर्मियों में जो मेरा आज और कल है,
इसे खाने के बाद सब वाह-वाह करते हैं,
तभी तो सबके सब आम पर मरते हैं।
- जिंदगी में एक सीख गांठ बांध लो, इतना भी आम न बनो कि लोग अचार बना दें।
- तपती धूप में पेड़ों की डाल पर झूलते आम, बचपन की यादें हरी कर देते हैं।
- आम कुछ खट्टे तो कुछ मीठे होते हैं,
गर्मियों में सबका मन ललचाते हैं,
इसका हर रूप है गुणकारी,
तभी ये फलों के राजा कहलाते हैं।
- आम के मौसम का सब इंतजार करते हैं,
गर्मी पड़ेगी इस बात से नहीं डरते हैं,
बाजार में आम आते ही सभी,
आम के भूखों की तरह टूट पड़ते हैं।
- सुनहरा रंग और जुबान में मिठास,
कहतें हैं उसे ‘आम’ पर है वो खास।
इस कायनात में जो कुछ भी प्रकृति द्वारा दिया गया है, वो सब बेशकीमती है। इन्हीं बेशकीमती चीजों में से एक फल आम भी है, जिसका कोई सानी नहीं। ये हमारे लिए फक्र की बात है कि पूरी दुनिया को आम की सैकड़ों किस्में हिंदुस्तान ने दी हैं। तो अब जब भी आप अपनों के साथ आम खाने बैठें, तो इस फल पर गर्व भी महसूस कीजिएगा। साथ ही इस फल के प्रति अपने प्यार को आम पर शायरी या फिर लेख में दिए आम पर कोट्स के माध्यम से जाहिर कर सकते हैं। यहां आम पर कविताएं भी दी गई हैं। इन सबको आप अपने सोशल मीडिया या फिर अन्य प्लेटफॉर्म पर डाल सकते हैं।