Written by , (शिक्षा- एमए इन जर्नलिज्म मीडिया कम्युनिकेशन)

चाय की चुस्की के साथ दिन की शुरुआत दिन को ताजगी से भर देती है। इसलिए लोग सुबह के वक्त चाय पीना जरूर पसंद करते हैं। अब चाय कौन से पीनी है, यह लोगों की व्यक्तिगत रुचि पर निर्भर करता है। आज कई प्रकार की चाय चलन में हैं, जिनमें दूध वाली चाय के साथ-साथ ग्रीन टी, ब्लैक टी और लेमन टी शामिल हैं। मगर, इनदिनों मसाला चाय का इस्तेमाल भी तेजी से बढ़ा है। यही वजह है कि स्टाइलक्रेज के इस लेख में हम आपको मसाला चाय पीने के फायदे विस्तार से बता रहे हैं। साथ ही आपको यहां मसाला चाय पीने के नुकसान से भी अवगत कराया जाएगा, जो इसके अधिक सेवन के कारण नजर आ सकते हैं।

शुरू करते हैं लेख

मसाला चाय पीने के फायदे जानने से पहले मसाला चाय क्या है, थोड़ा इस बारे में जान लेते हैं।

मसाला चाय क्या है?

मसाला चाय का नाम ही इस चाय को परिभाषित करने के लिए पर्याप्त है। दरअसल, इस चाय को बनाने के लिए दालचीनी, लौंग, काली मिर्च, सौंफ, इलायची, अदरक और तुलसी जैसे घरेलू मसालों को चाय के साथ उबाला जाता है। यही वजह है कि इस चाय को मसाला चाय कहकर पुकारा जाता है। वहीं मसाले वाली चाय का उपयोग करने वाले कुछ लोग इसके विशेष स्वाद के कारण इसे मसाला चस्का चाय भी कहते हैं। इसमें शामिल किए जाने वाले मसालों के कारण इस चाय में इन मसालों के औषधीय गुण भी आ जाते हैं। इस कारण सेहत और स्वास्थ्य के नजरिए से मसाला चाय के लाभ कई माने गए हैं, जिनके बारे में लेख में आगे चलकर हम विस्तार से जानेंगे।

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यहां हम स्वास्थ्य संबंधी मसाला चाय के फायदे समझने का प्रयास करेंगे।

मसाला चाय पीने के फायदे – Benefits of Masala Tea in Hindi

मसाले वाली चाय का उपयोग करने से पूर्व मसाला चाय के लाभ जान लेना बहुत जरूरी है। वजह यह है कि मसाला चाय पीने के फायदे जानने के बाद ही आप इस चाय की सही उपयोगिता समझ पाएंगे। मगर, यह जान लेना भी जरूरी ही कि लेख में शामिल की जाने वाली समस्याओं में मसाला चाय केवल राहत पहुंचा सकती है, यह किसी समस्या का उपचार नहीं है। समस्या का पूर्ण इलाज डॉक्टरी परामर्श पर ही निर्भर करता है। तो आइये लेख में आगे बढ़कर हम विस्तार से मसाला चाय पीने फायदे जान लेते हैं।

1. पाचन में सहायक

मसाला चाय के फायदे पाचन स्वास्थ्य को बनाए रखने में मददगार हो सकते हैं। यह बात चाय और उसे बनाने में शामिल किए जाने वाले कुछ मसालों के औषधीय गुणों पर किए गए अलग-अलग शोध से स्पष्ट होती है। दरअसल, एनसीबीआई (National Center for Biotechnology Information) पर प्रकाशित एक शोध के मुताबिक, काली चाय में कैटेचिन नाम का एक खास तत्व पाया जाता है (1)यह तत्व इंफ्लेमेटरी बाउल डिजीज यानी सूजन के कारण होने वाली पेट से जुड़ी समस्याओं को ठीक करने में मदद कर सकता है (2) इसके अलावा मसाला चाय को बनाने में इस्तेमाल किए जाने वाले मसालों में शामिल अदरक, लौंग, इलायची, काली मिर्च और चक्र फूल पाचन स्वास्थ्य को बढ़ावा देने में सहायक माने जाते हैं (3)। इस आधार पर यह कहना गलत नहीं होगा कि मसाला चाय के लाभ पाचन को सुधारने के उपाय के तौर पर प्रभावी हो सकते हैं।

2. डायबिटीज को करे नियंत्रित

डायबिटीज की समस्या में मसाले वाली चाय का उपयोग लाभकारी हो सकता है। ऐसा इसलिए क्योंकि चाय में थियाफ्लेविंस (theaflavins) नाम का पॉलीफेनॉल तत्व पाया जाता है, जिसमें एंटीडायबिटिक (ब्लड शुगर कम करने वाला) गुण होता है (4)। वहीं मसाला चाय में इस्तेमाल की जाने वाली दालचीनी और अदरक भी एंटीडायबिटिक गुण से समृद्ध होती है (5)। इस लिहाज से डायबिटीज को नियंत्रित करने में भी मसाला चाय को अधिक प्रभावी माना जा सकता है।

3. सर्दी से राहत दिलाए

सर्दी की समस्या से राहत पाने में भी मसाला चाय के फायदे कारगर माने जा सकते हैं। यह बात चाय से संबंधित एनसीबीआई पर प्रकाशित एक शोध से स्पष्ट होती है। शोध में जिक्र मिलता है कि चाय में मौजूद कैटेचिन सर्दी पैदा करने वाले जोखिम कारकों को दूर करने में मदद कर सकता है। इसमें इन्फ्लूएंजा वायरस भी शामिल है (6)। वहीं मसाला चाय में मुख्य रूप से इस्तेमाल की जाने वाली दालचीनी और काली मिर्च भी अपनी गर्म तासीर के कारण सर्दी से बचाव करने में सहायक हो सकती है (7)

4. कैंसर के जोखिम को कम करे

लेख में आपको पहले ही बताया जा चुका है कि मसाला चाय में मुख्य सामग्रियों के रूप में तुलसी इलायची, दालचीनी और अदरक का उपयोग किया जाता है। वहीं यह सभी सामग्रियां कैंसर के जोखिम को कम करने में सहायक मानी जाती है (8)इसके अलावा चाय में भी कीमोप्रिवेंटिव यानी कैंसर और ट्यूमर से बचाव करने वाले गुण पाए जाएं हैं, जो मुख्य रूप से गर्भाशय और मूत्राशय के कैंसर के जोखिम को कम करने में अधिक प्रभावी माने जाते हैं (9) इस आधार पर माना जा सकता है कि मसाला चाय के फायदे कुछ हद तक कैंसर के मरीजों को राहत दिलाने में मदद कर सकते हैं। फिर भी यह समझना आवश्यक है कि कैंसर एक जानलेवा और घातक बीमारी है। इसलिए इसका इलाज डॉक्टरी परामर्श पर ही निर्भर करता है।

5. ऊर्जा प्रदान करे

इस बात से तो सभी वाकिफ हैं कि चाय को एक बेहतरीन एनर्जी ड्रिंक माना जाता है (10)। वहीं मसाला चाय में इस्तेमाल की जाने वाली अदरक और काली मिर्च भी इस मामले में कुछ कम नहीं है। इनका उपयोग खाद्य से मिलने वाली ऊर्जा की उपापचय प्रक्रिया को बढ़ावा दे सकता है, जिससे तुरंत ऊर्जा प्राप्ति का अनुभव हो सकता है (11)। इस आधार पर त्वरित ऊर्जा प्राप्त करने के लिए मसालेदार चाय के फायदे प्रभावी माने जा सकते हैं।

6. दूर करे सूजन की समस्या

आंतरिक या बाहरी सूजन की समस्या को दूर करने में भी मसाला चाय के फायदे असरदार हो सकते हैं। दो आग-अलग शोध से यह बात स्पष्ट होती है। चाय से संबंधित एक शोध बताता है कि इसमें एंटीइन्फ्लामेट्री (सूजन कम करने वाला) प्रभाव पाया जाता है (12)। वहीं काली मिर्च, इलायची, अदरक, लौंग और दालचीनी जैसी मसाला चाय में इस्तेमाल की जाने वाली सामग्रियां भी जोड़ों और मांसपेशियों में सूजन का कारण मानी जाने वाली अर्थराइटिस की समस्या में राहत दिलाने का काम कर सकती हैं (13)। इस आधार पर मसाला चाय को शारीरिक सूजन में भी लाभकारी माना जा सकता है।

7. वजन नियंत्रण में सहायक

मसाला चाय के फायदे में बढ़ते वजन को नियंत्रित करना भी शामिल है। यही वजह है कि इसे मोटापा कम करने के उपाय के रूप में भी इस्तेमाल में लाया जा सकता है। दरअसल, चाय में मौजूद पॉलीफिनोल्स एंटीओबेसिटी (वजन कम करने वाला) प्रभाव प्रदर्शित करते हैं (14)वहीं मसाला चाय को बनाने के लिए उपयोग में लाई जाने वाली अदरक, काली मिर्च और दालचीनी भी उपापचय प्रक्रिया को सुधार कर बढ़ते वजन को नियंत्रित करने में मदद कर सकती है (15) ऐसे में कहना गलत नहीं होगा कि बढ़ते हुए वजन को कम करने में भी मसाला चाय के लाभ हासिल किए जा सकते हैं।

8. उपापचय प्रक्रिया को सुधारे

बेहतर स्वास्थ्य के लिए उपापचय प्रक्रिया का सुचारू रूप से काम करना काफी आवश्यक मन जाता है। वजह यह है कि इस प्रक्रिया के बिगड़ने की स्थिति में हाई लिपिड, हाई शुगर, हाई बीपी और मोटापा जैसी गंभीर समस्याएं प्रभावित कर सकती है। ऐसे में इन समस्याओं को दूर रखने और उपापचय प्रक्रिया को मजबूत करने में मसाला चाय में इस्तेमाल की जाने वाली दालचीनी, इलायची, काली मिर्च लौंग और अदरक काफी उपयोगी हो सकती है (16)। वहीं चाय मौजूद सेलेनियम भी शारीरिक उपापचय प्रक्रिया को व्यवस्थित रखने में मदद करता है (17)। इस आधार पर मसाला चाय पीने के फायदे उपापचय प्रक्रिया को नियंत्रित रखने में भी सहायक माने जा सकते हैं।

लेख में आगे बढ़ें

मसालेदार चाय के फायदे जानने के बाद अब हम मसाला चाय के पोषक तत्वों के बारे में बताएंगे।

मसाला चाय के पौष्टिक तत्व – Masala Tea Nutritional Value in Hindi

नीचे दिए गए चार्ट के माध्यम से मसाला चाय के पोषक तत्वों के बारे में आसानी से जाना जा सकता है (18)

पोषकतत्वयूनिटमात्राप्रति 100 ग्राम
एनर्जीKcal455
प्रोटीनg9.09
टोटललिपिड (फैट)g11.36
कार्बोहाइड्रेटg77.27
शुगरg59.09
मिनरल
कैल्शियमmg91
आयरनmg1.64
सोडियमmg250
लिपिड
फैटीएसिड (सैचुरेटेड)g9.09

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लेख के अगले भाग में अब हम मसाला चाय का उपयोग कैसे किया जाए, यह बताएंगे।

मसाला चाय का उपयोग – How to Use Masala Tea in Hindi

मसाला चाय का उपयोग करने की बात की जाए, तो इसे सामान्य चाय के विकल्प के तौर पर एक-एक कप सुबह और शाम को नाश्ते के समय पीने के लिए इस्तेमाल में लाया जा सकता है। अब रही इसे बनाने की बात, तो इसके लिए आप बाजार में उपलब्ध मसाला चाय का इस्तेमाल कर सकते हैं। वहीं मसाला चाय तैयार करने के लिए चाय बनाने का मसाला तैयार कर इसे आप घर पर भी बना सकते हैं। तो आइए सामान्य रूप से चाय मसाला कैसे और कितनी मात्रा में तैयार कर मसाला चाय बनाई जा सकती है, यह जान लेते हैं।

चाय मसाला बनाने के लिए रेसिपी :

सामग्री :

  • एक छोटा चम्मच काली चाय
  • दो लौंग
  • एक चुटकी से भी कम पिसी काली मिर्च
  • करीब आधा इंच दालचीनी का टुकड़ा
  • आधा चम्मच सौंफ
  • लॉन्ग पीपर (पिपली) का एक छोटा टुकड़ा
  • बारीक कटी आधा चम्मच अदरक
  • एक छोटी इलायची
  • एक चम्मच शहद (मिठास के लिए)

मसाला चाय बनाने का तरीका : 

  • मसाला चाय बनाने के लिए सबसे पहले किसी बर्तन में दो कप पानी गर्म कर लें।
  • जब पानी गर्म हो जाए, तो इसमें चाय पत्ती डाल दें।
  • करीब एक मिनट बाद इकठ्ठा किया हुआ सारा चाय का मसाला एक साथ पीसकर डाल दें।
  • इसके बाद करीब पांच मिनट तक इसे अच्छे से उबालें।
  • जब सभी मसालों का अर्क चाय में अच्छी तरह मिल जाए, तो इसे किसी कप में निकाल लें।

अंत तक पढ़ें लेख

लेख के अंत में अब हम मसाला चाय पीने के नुकसान जानेंगे।

मसाला चाय पीने के नुकसान – Side Effects of Masala Tea in Hindi

हालांकि मासाला चाय के फायदे कई हैं, लेकिन इसका अधिक मात्रा में सेवन करने से या चाय में अधिक मात्रा में चाय बनाने का मसाला इस्तेमाल करने से इसके कुछ दुष्परिणाम भी हो सकते हैं। ऐसे में मसाला चाय पीने के नुकसान कुछ इस प्रकार नजर आ सकते हैं :

  • मसाला चाय में इस्तेमाल होने वाली काली मिर्च की अधिक मात्रा के कारण भी मसाला चाय पीने के नुकसान उठाने पड़ सकते हैं। दरअसल, काली मिर्च का अधिक मात्रा में सेवन करने से पेट और आंखों में जलन हो सकती है। वहीं गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं में इसके सेवन से एलर्जी की शिकायत हो सकती है (19)
  • किसी खास दवा के साथ मसाला चाय में उपयोग किए जाने वाले मसाले कभी-कभी दुष्परिणाम प्रदर्शित कर सकते हैं (20) (21)। इसलिए किसी दवा का नियमित सेवन करने वाले लोगों को मसाला चाय का नियमित इस्तेमाल करने से पूर्व डॉक्टर से परामर्श जरूर कर लेना चाहिए।
  • अधिकतर मसालों में एलर्जी पैदा करने वाले तत्व पाए जाते हैं (22)। ऐसे में अगर किसी को किसी खाद्य विशेष से एलर्जी की शिकायत है, तो उसे एक दिन इसे इस्तेमाल करके कुछ दिन तक इसकी एलर्जिक प्रतिक्रिया की जांच कर लेनी चाहिए।
  • वहीं मसाला चाय में काली चाय पत्ती का भी इस्तेमाल किया जाता है। इस कारण इसका अधिक सेवन अनिद्रा और बार-बार पेशाब लगने का भी कारण बन सकता है (23)
  • वहीं कैफीन का अधिक उपयोग चिंता और तनाव की समस्या से जूझ रहे मरीजों के लिए हानिकारक हो सकता है, जो की चाय का मुख्य घटक माना जाता है (24)

लेख के माध्यम से आपने मसाला चाय पीने के फायदे जाने। साथ ही आपको यह भी मालूम हुआ कि मसाला चस्का चाय न केवल अपने स्वाद में अव्वल है, बल्कि काफी स्वास्थ्यवर्धक भी है। ऐसे में अगर आप भी खुद को स्वस्थ्य रखने के लिए इसे नियमत इस्तेमाल में लाना चाहते हैं, तो लेख में दिए इसे बनाने और इस्तेमाल के तरीके को ध्यान से पढ़ें। साथ ही मसाला चाय पीने के नुकसान को भी दिमाग में जरूर रखें। ताकि आप इससे होने वाले संभावित दुष्परिणामों बचे रहें। मुमकिन है, यह लेख आपको पसंद आया होगा। ऐसे में लेख को खुद तक ही सीमित न रखें, बल्कि अन्य परिचित लोगों के साथ भी जरूर शेयर करें।

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

क्या मसाला चाय को रात में पी सकते हैं?

लेख में आपको पहले ही बताया जा चुका है कि मसाला चाय ऊर्जा की उपापचय प्रक्रिया को बढ़कर शरीर को त्वरित ऊर्जा प्रदान कर सकती है। इसलिए इसे रात में न लेने की सलाह दी जाती है (24) (25)

क्या मसाला चाय और आम चाय एक जैसी होती हैं?

नहीं, मसाला आम चाय नहीं होती है। दरअसल, इस चाय को बनाने के लिए चाय पत्ती के साथ ही कई घरेलू मसालों जैसे :- लौंग, दालचीनी, अदरक, काली मिर्च, सौंफ, इलायची और तुलसी का इस्तेमाल किया जाता है। वहीं सामान्य चाय बनाने के लिए केवल चाय पत्ती और दूध को उपयोग में लाया जाता है।

क्या मसाला चाय में कैफीन होता है?

हां, मसाला चाय को बनाने में घरेलू मसालों के साथ ही चाय पत्ती का भी इस्तेमाल किया जाया है, जिसमें कैफीन मौजूद होता है (24)

Sources

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