मूली के पत्ते के फायदे और नुकसान – Radish Leaves Benefits and Side Effects in Hindi

Written by , MA (Journalism & Media Communication) Puja Kumari MA (Journalism & Media Communication)
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मूली से बना स्वादिष्ट सलाद खाना ज्यादातर लोग पसंद करते हैं। वहीं, ऐसे भी बहुत से लोग हैं, जिन्हें मूली के हरे-भरे पत्तों से बनी साग-सब्जी का सेवन करना अच्छा लगता है। मूली के पत्ते स्वादिष्ट होने के साथ ही हमारी सेहत के लिए भी बेहद लाभकारी होते हैं। इसी वजह से हम यहां मूली के पत्ते खाने के फायदे के बारे में बता रहे हैं। साथ ही मूली के पत्तों के उपयोग और सावधानी के तौर पर मूली के पत्ते के नुकसान भी बताएंगे। बस, तो मूली के पत्तों को बारे में विश्वसनीय जानकारी पाने के लिए लेख को अंत तक पढ़ें।

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सबसे पहले बताते हैं कि मूली के पत्ते क्या होते हैं।

मूली के पत्ते क्या हैं?

मूली के ऊपरी हिस्से को मूली के पत्ते कहा जाता है। यह एक किस्म की हरी सब्जी होती है, जिसका साग बनाकर अक्सर लोग खाते हैं। मूली के पत्ते पौष्टिक होने के साथ ही स्वाद में बेहतरीन होते हैं। इसका साग बनाने के साथ ही कई अन्य तरीकों से भी उपयोग में लाया जाता है, जिसके बारे में लेख में आगे विस्तार से चर्चा करेंगे। इससे पहले हम मूली के पत्ते खाने के फायदे के बारे में बता रहे हैं।

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लेख के अगले हिस्से में हम मूली के पत्ते के फायदे के बारे में बता रहे हैं।

मूली के पत्ते के फायदे – Benefits of Radish Leaves in Hindi

मूली के पत्ते के फायदे किस तरह से शरीर को हो सकते हैं, इसकी पूरी जानकारी यहां दी गई है। बस ध्यान दें कि मूली के पत्ते किसी गंभीर बीमारी का इलाज नहीं हैं, बल्कि स्वस्थ रहने का एक तरीका है। शारीरिक समस्याओं से बचे रहने के लिए इसका सेवन किया जा सकता है। चलिए, पढ़ते हैं नीचे मूली के पत्तों के फायदे के बारे में।

1. इम्यूनिटी के लिए मूली के पत्ते खाने के फायदे

इम्यूनिटी को बढ़ाने में मूली के पत्ते मदद कर सकते हैं। दरअसल, मूली के पत्तों में आयरन और फास्फोरस जैसे मिनरल्स होते हैं, जो प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत कर सकते हैं। इसके अलावा, रोग प्रतिरोधक क्षमता के लिए आवश्यक खनिज विटामिन-सी, ए और थियामिन भी इसमें होते हैं (1)। वहीं, मूली के पत्तों में प्रोटियोग्लाइकेन (Proteoglycan) और एंटीजेनिक निर्धारक (Determinant) नामक अणु होते हैं, जिन्हें इम्यूनिटी के लिए जरूरी माना जाता है (2)। इस आधार पर मूली के पत्तों का सेवन इम्यूनिटी को बूस्ट करने के लिए बेहतर माना जा सकता है।

2. पाइल्स के लिए बेनिफिट्स ऑफ रैडिश लीव्ज

बेनिफिट्स ऑफ रैडिश लीव्ज की अगली जानकारी में बवासीर का इलाज शामिल है। एक रिसर्च के अनुसार, मूली के पत्ते सूजन और इंफ्लेमेशन जैसी समस्या कम कर सकते हैं। इसके लिए आहार में मूली के हरे पत्तों या फिर मूली के सूखे पत्तों के चूर्ण का सेवन कर सकते हैं। पाइल्स के घरेलू उपचार के तौर पर चूर्ण में बराबर मात्रा में चीनी और पानी मिलाकर सेवन करने की सलाह दी जाती है। साथ ही, इस पेस्ट को प्रभावित हिस्से में लगा भी सकते हैं (1)।

3. डायबिटीज के लिए

डायबिटीज से परेशान लोग मूली के पत्तों को अपनी डाइट में शामिल कर सकते हैं। मूली के पत्तों का पानी से बना अर्क अल्फा – ग्लूकोसाइडेज (α-glucosidase) गतिविधि को बाधित करके डायबिटीज की परेशानी को कम कर सकता है। इसका यह एंजाइमेटिक निषेध प्रभाव शरीर में ग्लूकोज की मात्रा को कम करके मधुमेह के प्रबंधन और रोकथाम में सहायक हो सकता है (3)। इसी वजह से डायबिटीज से जूझ रहे लोगों को मूली के पत्तों को डाइट में शामिल करने की सलाह दी जाती है (1)।

4. पीलिया में मूली के पत्ते खाने के फायदे

पीलिया को ठीक करने में दवा के साथ ही आहार भी काफी अहम भूमिका निभाता है। एक रिसर्च पेपर में कहा गया है कि पीलिया में उबले हुए और बिना मसाले की सब्जियों को शामिल करना चाहिए, जिसमें मूली के पत्ते भी अहम भूमिका निभा सकते हैं (4)। भारतीय सरकार की स्वास्थ्य संबंधी पोर्टल में भी इस बात का जिक्र है। इसमें लिखा है कि मूली के पत्ते का करीब आधा लीटर रस प्रतिदिन पीने से लगभग दस दिनों में पीलिया रोग से छुटकारा मिल सकता है (5)।

5. अर्थराइटिस

मूली के पत्ते के फायदे में अर्थराइटिस में आराम दिलाना भी शामिल है। एक वैज्ञानिक अध्ययन में इस बात की पुष्टि होती है। शोध के मुताबिक मूली के पत्तों में लूटोलिन होता है, जो एंटी-इंफ्लेमेटरी गतिविधि को प्रदर्शित करता है। यह प्रभाव अर्थराइटिस से राहत पाने में मदद कर सकता है (6)।

इसके अलावा, मूली के पत्तों में कौमारिक एसिड भी होता है (7)। रिसर्च के मुताबिक, यह एसिड एंटी-अर्थराइटिस प्रभाव दिखाता है (6)। इसी वजह से मूली के पत्तों को अर्थराइटिस के लिए फायदेमंद माना जाता है।

6. ब्लड प्रेशर को रखे नियंत्रित

ब्लड प्रेशर को कम करने में भी मूली के पत्तों की मदद ली जा सकती है। जी हां, इसमें एंटीहाइपरटेंसिव प्रभाव पाया जाता है। चूहों पर किए गए अध्ययन में पाया गया है कि यह निट्रिक ऑक्साइड के सीरम कन्सन्ट्रेशन और एंटीऑक्सीडेंट गतिविधियों को बढ़ाने का काम करता है। इसी विशेषता की वजह से यह एंटीहाइपरटेंसिव यानी उच्च रक्तचाप नियंत्रण का गुण प्रदर्शित करने में मदद कर सकता है (8)।

7. पाचन के लिए मूली के पत्ते खाने के फायदे

मूली के पत्ते पाचन को बेहतर करने के लिए भी जाने जाते हैं। बताया जाता है कि पौराणिक समय से मूली के अर्क का इस्तेमाल पाचन संबंधित परेशानियों के लिए किया जाता रहा है (9)। इसके अलावा, मूली के पत्तों में मौजूद फाइबर गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल फंक्शन को बेहतर करने में भी मदद कर सकता है। बता दें कि पाचन क्रिया भी इसी का एक हिस्सा है (10)।

8. फाइबर से भरपूर

मूली के पत्तों में बहुत फाइबर होता है। एक रिसर्च में भी इस बात का जिक्र है। शोध में कहा गया है कि मूली के पत्तों के पाउडर में फाइबर की अधिक मात्रा होती है। बता दें, फाइबर पेट के स्वास्थ्य को बनाए रखने में मदद कर सकता है (11) (10)।

9. कैंसर की रोकथाम के लिए

कैंसर से बचाव के लिए मूली के पत्तों का सेवन फायदेमंद माना जाता है। एनसीबीआई पर उपलब्ध एक शोध के मुताबिक, मूली में ग्लूकोसाइनोलेट्स, फाइटोकेमिकल्स और एन्थोसायनिन जैसे कपाउंड्स मौजूद होते हैं। ये कपाउंड्स शरीर में कैंसर की कोशिकाओं को बढ़ने से रोकने में अहम भूमिका निभा सकते हैं (12)। इस तरह मूली के पत्तों का सेवन कैंसर के जोखिम को काफी हद तक कम कर सकता है।

10. लिवर के लिए

लिवर को स्वस्थ रखने के लिए भी मूली के पत्तों का सेवन किया जा सकता है। दरअसल, इसमें हेपेटोप्रोटेक्टिव गुण मौजूद होता है, जो लिवर के स्वास्थ्य को बनाए रखने में सहायक हो सकता है। इसी गुण की वजह से मुली के पत्तों का इस्तेमाल लिवर से संबंधित परेशानियों से बचाव के लिए किया जा सकता है (12)।

नीचे है जरूरी जानकारी

आगे हम मूली के पत्ते के पौष्टिक तत्वों के बारे में बता रहे हैं।

मूली के पत्ते के पौष्टिक तत्व – Radish Leaves Nutritional Value in Hindi

मूली की पत्तियों को इसकी जड़ यानी मूली से भी पोषक बताया जाता है। इसमें उच्च स्तर के प्रोटीन, कैल्शियम और एस्कॉर्बिक एसिड (विटामिन-सी) होते हैं। साथ ही टोटल फिनोल भी जड़ के मुकाबले मूली के पत्तों में दो-गुना होता है। इसमें एंटीऑक्सीडेंट क्षमता भी पाई जाती है (12)। इनके अलावा, इसमें आयरन, फोलिक एसिड और फॉस्फोरस जैसे खनिज भी मौजूद हैं (1)।

अंत तक पढ़ें

अब जानते हैं मूली के पत्ते का उपयोग करने का तरीका।

मूली के पत्ते का उपयोग – How to Use Radish Leaves in Hindi

मूली के पत्ते के फायदे के साथ ही इसके उपयोग का तरीका पता होना भी जरूरी है। इसी वजह से हम आगे मूली के पत्ता का उपयोग करने के तरीकों के बारे में बता रहे हैं।

  • मूली के पत्ते का उपयोग करने का सबसे आसान तरीका इसका साग बनाना है। इसे काटकर साग बना सकते है।
  • मूली के पत्तों को उबालकर और फिर पीसकर भी बना सकते हैं। इसे काफुली व काफली कहा जाता है।
  • मूली के पत्ता का उपयोग सूप बनाने में भी किया जा सकता है
  • मूली के पत्तों का जूस बनाकर पी सकते हैं।
  • इसकी भरवा रोटी भी बनाई जा सकती है।
  • मूली के पत्तों का सलाद बनाकर खा सकते हैं।
  • मिक्स वेज बनाने में इसका इस्तेमाल कर सकते हैं।
  • मूली के पत्ते की सब्जी भी बनाई जाती है।

सेवन की सुरक्षित मात्रा: पीलिया के लिए एक दिन में मूली के पत्ते का आधा लिटर जूस पीने की सलाह दी जाती है। वहीं, इसके साग व अन्य सामग्रियों से जुड़ी प्रतिदिन की खुराक को लेकर कोई सटीक जानकारी उपलब्ध नहीं है। वैसे, दिन भर में इसे अपने एक आहार का हिस्सा बना सकते हैं। अधिक जानकारी के लिए आहार विशेषज्ञ से संपर्क करना बेहतर होगा।

बने रहें हमारे साथ

लेख के अगले भाग में हम मूली के पत्तों को सुरक्षित रखने का तरीका बता रहे हैं।

मूली के पत्ते को लंबे समय तक सुरक्षित कैसे रखें

नीचे आपको मूली के पत्तों को लंबे समय तक कैसे सुरक्षित रखें, इससे जुड़ी जानकारी दे रहे हैं:

  • मूली के पत्तों को लंबे समय तक सुरक्षित रखने के लिए सबसे पहले उसे मूली से अलग कर लें।
  • अब उसमें लगी मिट्टी को अच्छे से झाड़ लें। अब इसे ऐसे ही फ्रिज में सब्जी रखने वाले बॉक्स में डाल दें।
  • लंबे समय तक इसका इस्तेमाल करना हो, तो एक नमी युक्त कपड़े में लपेटकर रख सकते हैं। ध्यान दें कपड़ा गिला न हो, उसमें बस नमी हो।
  • कुछ लोग पत्तों को धोकर फ्रिज में डाल देते हैं। ऐसा न करें, इससे पत्ते जल्दी खराब हो सकते हैं।

आगे नुकसान पढ़ें

अब मूली के पत्ते खाने के नुकसान पर एक नजर डाल लेते हैं।

मूली के पत्ते के नुकसान – Side Effects of Radish Leaves in Hindi

मूली के पत्ते खाने के फायदे के साथ ही मूली के पत्ते खाने के नुकसान भी हो सकते हैं। हालांकि, मूली के पत्ते खाने के नुकसान पर ज्यादा शोध मौजूद नहीं है। फिर भी हम मूली के पत्तों के कुछ सामान्य नुकसान के बारे में बता रहे हैं।

  • संवेदनशील लोगों को मूली के पत्ते खाने के नुकसान हो सकते हैं। इसके पत्ते एलर्जी और त्वचा में सूजन पैदा कर सकते हैं। इस पौधे की पत्तियों में ग्लूकोपरिन (Glucoparin) होता है, जो एलर्जी का कारण बन सकता है (2)। हालांकि, यह पत्तों के संपर्क में आने से होता है। इसे खाने से एलर्जी होती है या नहीं यह स्पष्ट नहीं है।
  • जैसे कि हमने ऊपर बताया है कि यह मधुमेह को कम कर सकता है। ऐसे में कम ब्लड ग्लूकोज वालों को इसका सेवन करने से ऊर्जा की कमी का एहसास हो सकता है (3)।
  • लो बीपी वालों को भी इसका सेवन संयमित मात्रा में ही करना चाहिए, क्योंकि इसमें ब्लड प्रेशर कम करने का गुण होता है (8)।

मूली के पत्तों के फायदे और नुकसान दोनों ही आप जान चुके हैं। यहां दी गई जानकारी से स्पष्ट हो ही गया होगा कि मूली से ज्यादा गुणकारी इसके पत्ते होते हैं। शायद इसी वजह से बड़े-बुजुर्ग हमेशा मूली के साथ इनके पत्तों का भी इस्तेमाल करने की सलाह देते हैं। अब अगर कभी आप मूली खरीदकर लाएं, तो उनके पत्तों को यूं ही न फेंक दें। उसका साग या सूप बनाकर जरूर पिएं। उम्मीद करते हैं मूली के पत्तों पर आधारित यह लेख आपके लिए ज्ञानवर्धक साबित होगा।

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल:

क्या मूली के पत्ते मधुमेह के लिए अच्छे हैं?

हां, मूली के पत्ते में एंटी-डायबिटीक प्रभाव होते हैं, जो मधुमेह को नियंत्रित करने में सहायक हो सकते हैं (3)।

मूली के पत्ते कैसे दिखते हैं?

मूली के पत्ते अन्य हरी सब्जी की तरह ही दिखते हैं। यह थोड़े, लंबे और पतले हो सकते हैं। परिपक्व मूली के पत्ते हल्के खुरदुरे और उग रही मूली के पत्ते मुलायम होते हैं।

क्या मूली के पत्ते जहरीले होते हैं?

नहीं, मूली के पत्ते जहरीले नहीं होते हैं। हालांकि, संवेदनशील लोगों के लिए इसका सेवन नुकसानदायक हो सकता है (2 )।

क्या मैं मूली के पत्तों का रस निकाल कर पी सकता हूं?

हां, मूली के पत्तों का रस निकालकर पिया जा सकता है।

क्या मूली के पत्ते फ्रिज में रख सकते हैं?

हां, मूली के पत्तों का ज्यादा दिनों तक इस्तेमाल करने के लिए इन्हें फ्रिज किया जा सकता है। हां, फ्रिजर से निकालने के कुछ घंटों बाद ही इसे बनाना होगा, वरना यह बहुत मुलायम होकर इस्तेमाल करने लायक नहीं रहेंगे। हो सके, तो इसे नॉर्मल तरीके से फ्रिज में रखें। वैसे मूली के पत्तों का उपयोग ताजा करना ही बेहतर होता है।

क्या मूली के पत्ते किडनी के लिए अच्छे हैं?

नहीं, मूली की गिनती ऑक्सालेट वाले खाद्य में होती है। इस वजह से मली के पत्तों का सेवन किडनी स्टोन के जोखिम को बढ़ा सकता है (13)।

ब्लड को प्यूरीफाई करने के लिए मूली के पत्ते कैसे फायदेमंद हैं?

एक शोध में इस बात का जिक्र मितला है कि मूली और इसके अलग-अलग भागों में सोधना गुण मौजूद होता है, जो खून को साफ करने के साथ शरीर से हानिकारक टॉक्सिन को बाहर निकालने में सहायक हो सकता है (14)। बता दें, सोधना शरीर को डिटॉक्स करने की एक आयुर्वेदिक प्रक्रिया है।

References

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  1. Development and formulation of instant soup mix from sprouted horse gram and radish leaves
    https://www.homesciencejournal.com/archives/2017/vol3issue1/PartF/3-1-62.pdf
  2. Raphanus sativus (Radish): Their Chemistry and Biology
    https://www.researchgate.net/publication/8261995_Raphanus_sativus_Radish_Their_Chemistry_and_Biology
  3. Radish (Raphanus sativus) and Diabetes
    https://www.mdpi.com/2072-6643/9/9/1014/htm
  4. Plant based folk treatments from North East India for jaundice. (An overview)
    https://www.researchgate.net/profile/Lovely-Rahaman/publication/308886655_Plant_based_folk_treatments_from_North_East_India_for_jaundice_An_overview/links/57f4a5b808ae91deaa5ae588/Plant-based-folk-treatments-from-North-East-India-for-jaundice-An-overview.pdf
  5. Yarqaan (Jaundice)
    https://www.nhp.gov.in/yarqaan-jaundice_mtl
  6. Role of hesperdin luteolin and coumaric acid in arthritis management: A Review
    https://www.journalofsports.com/pdf/2018/vol3issue2/PartZ/3-2-272-480.pdf
  7. Chemical characterization and antioxidant capacity of red radish (Raphanus sativus L.) leaves and roots
    https://www.sciencedirect.com/science/article/abs/pii/S1756464615002224
  8. The antihypertensive effect of ethyl acetate extract of radish leaves in spontaneously hypertensive rats
    https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC3439574/
  9. Deciphering the Nutraceutical Potential of Raphanus sativus—A Comprehensive Overview
    https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC6412475/
  10. Effect of Radish Leaves Powder on the Gastrointestinal Function and Fecal Triglyceride and Sterol Excretion in Rats Fed a Hypercholesterolemic Diet [2008]
    https://agris.fao.org/agris-search/search.do?recordID=KR2009001541
  11. Characterization of dehydrated functional fractional radish leaf powder
    https://www.scholarsresearchlibrary.com/articles/characterization-of-dehydrated-functional-fractional-radish-leaf-powder.pdf
  12. Deciphering the Nutraceutical Potential of Raphanus sativus—A Comprehensive Overview
    https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC6412475/
  13. Oxalates in some Indian green leafy vegetables
    https://www.researchgate.net/publication/5517631_Oxalates_in_some_Indian_green_leafy_vegetables
  14. A SAFE BODY THROUGH MOOLAKA –RAPHANUS SATIVUS LINN
    http://www.iamj.in/posts/images/upload/3090_3096.pdf
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