नाद योग करने का तरीका और फायदे – Nada Yoga Steps And Benefits in Hindi

Written by , MA (Mass Communication) Anuj Joshi MA (Mass Communication)
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बदलते मौसम और बिगड़ती जीवनशैली के कारण लोग आसानी से बीमारियों की चपेट में आ सकते हैं। इससे बचाव के लिए जरूरी है स्वस्थ रहना और इसके लिए योग साधना से अच्छा विकल्प कुछ नहीं हो सकता। खासकर, उस योग से, जिसमें संगीत घुला हो। यही कारण है कि स्टाइलक्रेज इस लेख में हम नाद योग से जुड़ी जानकारी लेकर आए हैं। यहां हम बेहद ही सरल शब्दों में समझाएंगे की नादयोग क्या होता है और इसे कैसे किया जाता है। इसके साथ ही यहां हम नाद योग के फायदे भी बताएंगे। तो चलिए शुरू करते हैं लेख और जानते हैं नाद योग के लाभ।

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लेख में सबसे पहले जानेंगे कि नाद योग क्या होता है।

नाद योग क्या है – What is Nada Yoga in Hindi

अगर सरल शब्दों में कहें, तो नादयोग एक प्रकार का संगीत ध्यान है। दरअसल, नाद का मतलब होता है ध्वनि या आवाज, जिसकी मदद से इस योग को किया जाता है। नाद योग शरीर, मन और आत्मा के बीच तालमेल स्थापित कर प्राकृतिक रूप से शारीरिक समस्याओं के साथ-साथ मनोवैज्ञानिक समस्याओं से छुटकारा पाने में मदद कर सकता है (1)। वहीं, अगर शब्दों को विभाजित कर इसके अर्थों को समझें तो ‘ना’ का मतलब होता है – सांस और ‘दा’ का अर्थ होता है – ऊर्जा (2) (3)। नाद योग साधना के जरिए ध्वनि के माध्यम से शरीर में नई ऊर्जा का विकास किया जा सकता है। आगे नाद योग करने के लाभ बताए गए हैं।

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अब जानिए नाद योग के प्रकार।

नाद योग के प्रकार – Types of Nada Yoga in Hindi

नाद योग को समझने के बाद यहां हम नाद योग साधना के प्रकार बता रहे हैं। बता दें इसे ध्वनि के आधार पर विभाजित किया जा सकता है, जो निम्नलिखित हैं (2) (3) :

  • अनाहत नाद : अनाहत नाद का अर्थ वैसी ध्वनि से होता है, जो एकाग्र होने पर सुनाई देती है। इसे नाद योग के अभ्यास के माध्यम से सुना जा सकता है। यह ध्वनि कानों से नहीं सुनी जा सकती, बल्कि इसे एकाग्र होकर महसूस किया जा सकता है।
  • आहत नाद : आहत का अर्थ वैसी ध्वनि से होता है, जिसे पैदा किया जाता है। जैसे – चलने की आवाज या किसी चीज के गिरने की आवाज।

इसके अलावा, एक अन्य रिसर्च में नाद के चार रूपों को बताया गया है, जो निम्नलिखित हैं (2) :

  • पारा (Para) : यह एक प्रकार की आध्यात्मिक ध्वनि है, जिसे सर्वश्रेष्ट माना गया है। इसे उच्च चेतना की स्थिति में सुना जा सकता है।
  • पश्यन्ती (Pasyanti) :  यह बौद्धिक चेतना की ध्वनि है।
  • मध्यमा (Madhyama) : यह सांस से उत्पन्न होने वाली ध्वनि है।
  • वैखरी (Vaikhari) : यह एक ऐसी ध्वनि है, जो कान से सुनाई देने योग्य होती हैं।

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नाद योग के प्रकार जानने के बाद आगे नाद योग के फायदे जानिए।

नाद योग के फायदे – Benefits of Nada Yoga in Hindi

संगीत और ध्वनि के माध्यम से किए जाने वाले नाद योग के फायदे कई सारे हैं। तो चलिए क्रमवार तरीके से जान लीजिए नाद योग के लाभ :

1. चिंता और अवसाद कम करने में सहायक

अवसाद और चिंता की स्थिति से जूझ रहे लोगों के लिए नाद योग लाभकारी हो सकता है। दरअसल, नाद योग पर हुए एक शोध से इस बात की जानकारी मिलती है कि चिंता और अवसाद को कम करने में यह सहायक हो सकता है। यह शोध कोरोना काल में चिंता और अवसाद की समस्या को झेल रहे लोगों पर किया गया, जिसमें इस बात की पुष्टि होती है कि नाद योग साधना करके चिंता और अवसाद को कम किया जा सकता है (2)।

2. इम्यून सिस्टम के लिए

नाद योग के रूप में ध्यान लगाने के फायदे में स्वस्थ इम्यून सिस्टम भी शामिल है। इम्यून सिस्टम शरीर का एक महत्वपूर्ण हिस्सा माना जाता है, जो शरीर को बीमारियों से बचाने में मदद करता है। इसलिए, इम्यून सिस्टम का मजबूत रहना जरूरी है। इसके लिए नाद योग साधना फायदेमंद साबित हो सकती है।

विषय से जुड़े एक शोध में जिक्र मिलता है कि नाद योग का ध्यान लगाने वालों में प्रतिरक्षा प्रणाली में सुधार हो सकता है। इसके अलावा, उनके मस्तिष्क में सकारात्मक परिवर्तन हो सकता है (1)। हालांकि, इसकी कार्यप्रणाली को लेकर अभी और शोध किए जाने की आवश्यकता है।   

3. हृदय के लिए

जैसा कि हमने बताया कि नाद योग एक प्रकार का ध्यान है। अध्ययनों की मानें, तो नाद योग का दैनिक अभ्यास करने से ब्लड सर्कुलेशन में सुधार हो सकता है। साथ ही यह हृदय की गति को नियंत्रित रखने के साथ-साथ हृदय को स्वस्थ बनाए रखने में मददगार साबित हो सकता है।

वहीं, शोध में इस बात का भी जिक्र मिलता है कि रोजाना नादयोग का ध्यान एथेरोसिलेरोसिस (धमनी की दीवारों पर फैट, कोलेस्ट्रॉल और अन्य पदार्थों का जमना) के जोखिमों को कम कर सकता है (1)। बता दें कि एथेरोसिलेरोसिस को हृदय रोग का एक कारण माना गया है (4)।

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4. बेहतर याददाश्त के लिए

एक उम्र के बाद याददाश्त कम होना शुरू हो सकती है। ऐसे में स्मृति को बेहतर बनाने के लिए नाद योग करना फायदेमंद हो सकता है। इस बात की पुष्टि इस विषय पर हुए एक रिसर्च में होती है। रिसर्च के अनुसार, रोजाना 20 मिनट तक नाद योग साधना के रूप में ध्यान लगाने से स्मृति के साथ-साथ मस्तिष्क की कार्यप्रणाली में सुधार हो सकता है (1)। यही कारण है कि स्मृति को मजबूत बनाने के लिए नाद योग लाभकारी माना जा सकता है। 

5. बेहतर नींद के लिए

अगर कोई नींद न आने की समस्या से परेशान है, रात को अच्छी नींद के लिए भी नाद योग के फायदे देखे जा सकते हैं। दरअसल, एक अध्ययन से पता चलता है कि रोजाना 10 मिनट तक नाद योग साधना करने से नींद की गुणवत्ता और उसके समय को बढ़ाने में मदद मिल सकती है।

इसके अलावा, इस शोध में इस बात का भी जिक्र मिलता है कि जो लोग नादयोग का ध्यान लगाते हैं, वो लोग उन लोगों के मुकाबले अधिक सोते हैं, जो ध्यान नहीं लगाते हैं(1)। इस आधार पर यह कहा जा सकता है कि नींद की समस्या से जूझ रहे लोगों के लिए नाद योग फायदेमंद हो सकता है।  

6. तनाव कम करने के लिए

तनाव यानी स्ट्रेस दूर करने के लिए योग के तौर पर नादयोग का अभ्यास किया जा सकता है। जी हां, इस बात की पुष्टि इससे जुड़े रिसर्च से होती है। इस शोध के अनुसार, नाद योग साधना के रूप में ध्यान लगाने से शरीर में स्ट्रेस हार्मोन का उत्पादन कम हो सकता है, जिससे तनाव में कमी आ सकती है(1)।

इसके अलावा, एक अन्य शोध में भी इस बात की जानकारी मिलती है कि संगीत के माध्यम से तनाव के स्तर को कम किया जा सकता है (2)। इस आधार पर यह माना जा सकता है कि तनाव को दूर करने के लिए संगीत के माध्यम से किया जाने वाला नादयोग फायदेमंद हो सकता है।

बने रहें हमारे साथ

लेख के इस हिस्से में नाद योग करने का तरीका जानिए।

नाद योग करने का तरीका – Steps to do Nada Yoga in Hindi

किसी भी योग को करने के लिए उसका सही तरीका पता होना चाहिए, तभी इसका लाभ मिल सकता है। इसलिए, नाद योग करने का तरीका भी जानना बेहद जरूरी है। तो चलिए, नाद योग के लाभ पाने के लिए जानते हैं कि इस योग को कैसे किया जाता है :

  • नाद योग का अभ्यास करने के लिए सबसे पहले एक ऐसा स्थान चुनें, जो एकदम शांत हो।
  • फिर योग मैट बिछा लें और बैठ जाएं। इसके लिए चाहें, तो पैरों को क्रॉस कर बैठ सकते हैं या फिर सुखासन, पद्मासन या वज्रासन करने का तरीका भी अपना सकते हैं।
  • इसके बाद एक निर्मल संगीत (वाद्य संगीत) बजाएं।
  • इस दौरान अपने हाथों को ज्ञान मुद्रा में घुटनों पर रखें।
  • अब आंखें बंद कर गहरी सांस भरे और उसे धीरे-धीरे छोड़ें।
  • इसके बाद संगीत की ओर अपना ध्यान केंद्रित करें।
  • कोशिश करें कि इस दौरान संगीत के अलावा और किसी चीज पर ध्यान न जाए।
  • कम से कम 20 से 30 मिनट तक इसी तरह ध्यान लगाएं।
  • इसके बाद अपनी हथेलियों को रगड़ कर आंखों पर रखें।
  • अब धीरे-धीरे आंखें खोलें और अपनी प्रारंभिक अवस्था में आ जाएं।
  • इस योग का अभ्यास रोजाना करें।

अभी बाकी है जानकारी

पहली बार नाद योग करने वालों के लिए कुछ टिप्स नीचे बताए गए हैं।

शुरुआती लोगों के लिए नाद योग करने की टिप्स – Beginner’s Tip to do Nada Yoga in Hindi

यहां हम कुछ ऐसे टिप्स बता रहे हैं, जो पहली बार नाद योग का अभ्यास करने वालों के लिए मददगार साबित हो सकते हैं :

  • नाद योग के लिए शांत जगह का ही चुनाव करें, इससे ध्यान केंद्रित करने में मदद मिलेगी।
  • नाद योग के लिए केवल मधुर संगीत का ही चुनाव करें।
  • शाम का वक्त (6 बजे) नाद योग करने का सही समय माना जाता है।
  • नाद योग साधना के लिए आरामदायक कपड़े पहनें।
  • शुरुआत में 10 मिनट तक करें और इसके बाद धीरे-धीरे इसके समय को बढ़ा सकते हैं।

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अंत में जानिए नाद योग करते समय बरती जाने वाली सावधानियां।

नाद योग के लिए कुछ सावधानियां – Precautions for Nada Yoga in Hindi

नाद योग साधना करने के लिए कुछ सावधानियां बरतनी भी जरूरी है। क्या हैं वो सावधानियां, यह हम आपको नीचे बता रहे हैं :

  • नाद योग के लिए उच्च स्वर वाले संगीत का प्रयोग न करें, इससे ध्यान लगाने में कठिनाई हो सकती है।
  • शोर-शराबे वाली जगहों पर भी नाद योग साधना नहीं करना चाहिए।
  • नाद योग करने से पहले समतल जगह का चुनाव करें।
  • अगर किसी को कमर में दर्द की शिकायत है, तो वैसे लोगों को इस योग से परहेज करना चाहिए या फिर अगर वो इस योग को करते हैं, तो ज्यादा देर इसे न करें।
  • इसके अलावा, जिनके घुटने में किसी प्रकार की सर्जरी हुई है, वैसे लोगों को भी इस योग से परहेज करना चाहिए।    

लेख के माध्यम से यह स्पष्ट हो गया होगा कि नाद योग करने के फायदे क्या हैं और इसे कैसे किया जाता है। तो अब आप आसानी से इस योग को अपनी दिनचर्या में शामिल कर सकते हैं। बस इसे करते समय आर्टिकल में बताई गई सावधानियों को ध्यान में जरूर रखें। अब हम उम्मीद करते हैं कि लेख में बताया गया यह योग आपके लिए लाभकारी साबित होगा। योग और अन्य स्वास्थ्य संबंधी जानकारी प्राप्त करने के लिए जुड़े रहें स्टाइलक्रेज के साथ।

नाद योग किसे नहीं करना चाहिए?

नाद योग उन लोगों को नहीं करना चाहिए, जिनके घुटनों की सर्जरी हुई हो या फिर कमर में असहनीय दर्द की शिकायत हो।

हम कितनी बार नाद योग कर सकते हैं?

नाद योग को रोजाना एक बार (शाम 6 बजे) 20 मिनट के लिए किया जा सकता है।

क्या नाद योग एकाग्रता में सुधार कर सकता है?

हां, नाद योग एक प्रकार का ध्यान है, इससे एकाग्रता में सुधार करने में मदद मिल सकती है।

क्या नाद योग मन को शांत कर सकता है?

जैसा कि हमने लेख में बताया कि नाद योग तनाव को कम कर सकता है (1)। ऐसे में यह माना जा सकता है कि नाद योग मन को शांत करने में प्रभावी हो सकता है।

अनाहत नाद योग क्या है?

अनाहत नाद योग, नाद योग का ही एक भाग है। इसमें अनाहत नाद यानी ध्वनि का ध्यान किया जाता है, जिसे बस एकाग्र होकर सुना जा सकता है (2)।

References

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  1. Nada Yoga – A Contemporary Analysis: Review Study
    https://www.ijsr.net/archive/v9i5/SR20429142727.pdf
  2. Effectiveness Of Nada Yoga During Quarantine Anxiety
    http://shabdbooks.com/gallery/18-may-2020.pdf
  3. नादानुसंधान का महत्व एवं जीवन की साथर्कता
    https://www.ijspr.com/citations/v59n1/IJSPR_5901_30321.pdf
  4. Atherosclerosis
    https://medlineplus.gov/atherosclerosis.html
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