भिंडी का जूस पीने के फायदे और नुकसान – 10 Benefits of Okra Juice in Hindi

भिंडी का स्वाद तो हर किसी ने चखा होगा। वहीं मुमकिन है कि यह कई लोगों की पसंदीदा सब्जियों में से एक हो। मगर, क्या आपको मालूम है कि भिंडी सेहत और स्वास्थ्य के लिए भी काफी उपयोगी मानी जाती है। ऐसे में भिंडी के सभी फायदे पाने के लिए भिंडी का जूस यानी ओकरा जूस पीना बेहतर तरीका हो सकता है। दरअसल, भिंडी को पानी के साथ पीस कर ही भिंडी का जूस तैयार किया जाता है। इस वजह से भिंडी के अधिकतर पोषक तत्व भिंडी के जूस में मौजूद रहते हैं। यही कारण है कि स्टाइलक्रेज के इस लेख में हम ओकरा जूस का उपयोग करने का तरीका बताने के साथ ही विस्तार से भिंडी का जूस पीने के फायदे भी समझाने का प्रयास कर रहे हैं।
शुरू करते हैं लेख
तो आइए सबसे पहले हम भिंडी का जूस पीने के फायदे जान लेते हैं।
विषय सूची
भिंडी का जूस पीने के फायदे – Benefits of Okra Juice in Hindi
यहां हम क्रमवार भिंडी का जूस पीने के फायदे बताने जा रहे हैं, जिनके माध्यम से सेहत और स्वास्थ्य के लिए इसकी उपयोगिता को आसानी से समझा जा सकता है। इसके साथ ही यह समझना भी जरूरी है कि भिंडी का जूस नीचे दी गई समस्याओं में राहत पहुंचा सकता है, लेकिन यह उनका उपचार नहीं है। पूर्ण उपचार डॉक्टरी परामर्श पर ही निर्भर करता है। तो आइए लेख में आगे बढ़कर जान लेते हैं कि भिंडी का जूस किन-किन समस्याओं में सहायक हो सकता है।
1. एनीमिया
ओकरा जूस का उपयोग करने से शरीर में खून की कमी (एनीमिया) दूर की जा सकता है। भिंडी में मौजूद विटामिन के, आयरन और फोलेट की मात्रा शरीर में हीमोग्लोबिन के निर्माण और लाल रक्त कोशिकाओं के उत्पादन को बढ़ावा देने में मदद कर सकते हैं। साथ ही ये खून को गाढ़ा करने में सहायक हो सकते हैं। इस वजह से भिंडी को प्राकृतिक तौर पर एनीमिया का उपचार करने में प्रभावकारी माना जा सकता है (1)। चूंकि भिंडी का जूस भिंडी को पानी के साथ पीसकर तैयार किया जाता है। इस आधार पर यह माना जा सकता है कि भिंडी का जूस एनीमिया की समस्या से राहत दिलाने में मददगार साबित हो सकता है।
2. गले में खराश और खांसी
वायरल संक्रमण, एलर्जी या गले में बैक्टीरिया के विकास के कारण गले में खराश और खांसी की समस्या हो सकती है, जिसके उपचार में एंटी बैक्टीरियल गुण प्रभावी माने जाते हैं (2)। वहीं, भिंडी के बीजों के अर्क और तेल में एंटी बैक्टीरियल (कीटाणुओं को खत्म करने वाला) प्रभाव होता है, जो गले के कीटाणुओं को खत्म करने में मदद कर सकता है (3)। इसके अलावा एक रिसर्च में भी इसका जिक्र भी मिलता है कि भिंडी के अर्क में मौजूद पेक्टिन नामक खास तत्व के कारण भिंडी का इस्तेमाल खांसी और खराश की स्थिति में राहत पहुंचा सकता है (4)। इस आधार पर यह माना जा सकता है कि भिंडी का जूस गले की खराश और खांसी में लाभकारी साबित हो सकता है।
3. मधुमेह
मधुमेह (डायबिटीज) के उपचार में भी भिंडी लाभकारी हो सकती है। दरअसल, एनसीबीआई (National Center for Biotechnology Information) पर मौजूद एक शोध के अनुसार, भिंडी का अर्क शुगर की मात्रा और सीरम लिपिड को कम करने में मदद कर सकता है (5)। वहीं एक अन्य रिसर्च भी यह पुष्टि करता है कि भिंडी के अर्क का एंटीऑक्सीडेंट प्रभाव ऑक्सीडेटिव तनाव को कम कर इंसुलिन के उत्पादन को बढ़ा सकता है। इस तरह यह गर्भकालीन मधुमेह से बचाव करने में सहायक है (6)। इसी आधार पर ओकरा जूस का उपयोग मधुमेह रोगियों के लिए फायदेमंद माना जा सकता है।
4. दस्त का इलाज करने में मदद करे
ओकरा जूस का उपयोग कर दस्त (डायरिया) की समस्या को कम करने में मदद मिल सकती है। इस बात की पुष्टि भिंडी के औषधीय गुणों पर किए गए एक शोध से होती है। शोध में माना गया है कि भिंडी के अर्क में अन्य औषधीय गुणों के साथ एंटी-डायरियल (दस्त से राहत दिलाने वाला) प्रभाव पाया जाता है (7)। इस तथ्य को देखते हुए यह कहा जा सकता है कि दस्त से राहत पाने के लिए भी भिंडी के जूस का उपयोग किया जा सकता है।
5. कोलेस्ट्रॉल का स्तर कम करे
बढ़ा हुआ कोलेस्ट्रॉल का स्तर कम करने में भिंडी के जूस का उपयोग किया जा सकता है। भिंडी के ताजे फलों के जूस में फाइबर की समृद्ध मात्रा होती है, जो कोलेस्ट्रॉल कम करने में प्रभावी हो सकता है। इसके अलावा भिंडी का घुलनशील फाइबर कोलेस्ट्रॉल के सीरम स्तर को कम करके ह्रदय रोगों के जोखिम से बचाव करने में भी अहम भूमिका निभा सकता है (8)। इससे यह साबित होता है कि ओकरा जूस का उपयोग करने से खराब कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम किया जा सकता है।
6. कब्ज से राहत प्रदान करे
कब्ज की समस्या (कठोर मल) के उपचार में भी भिंडी का सेवन लाभकारी हो सकता है। इस संबंध में प्रकाशित एक रिसर्च के अनुसार, भिंडी में एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर फ्लेवोनोइड और डाइटरी फाइबर मौजूद होते हैं। यह तत्व आंतों के अंदर की शिराओं के सिकुड़ने की क्रिया (Peristalsis) को उत्तेजित करके कब्ज की समस्या को दूर करने में मदद कर सकते हैं (9)। ऐसे में ओकरा जूस का उपयोग कब्ज की समस्या में भी कारगर माना जा सकता है।
7. प्रतिरक्षा प्रणाली को बेहतर बनाने में मदद करे
कच्ची भिंडी में अर्क में पॉलीसैकराइड (Polysaccharide – एक प्रकार का कार्बोहाइड्रेट) होता है, जो प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाने में मदद कर सकता है। दरअसल, इसका यह प्रभाव प्रतिरक्षा प्रणाली को दबाने वाले टी-सेल्स (Regulatory T Cells) को कम कर सकता है। वहीं प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ावा देने वाले प्रोटीन इंटरलेयुकिन (Interleukin) को बढ़ाने में भी यह सहायक है (10)। इससे प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाए रखने में मदद मिल सकती है।
8. अस्थमा का जोखिम कम करे
ओकरा जूस का उपयोग करना अस्थमा के उपचार में भी लाभकारी हो सकता है। दरअसल, भिंडी में मौजूद विटामिन सी के साथ इसके एंटीइंफ्लामेटरी और एंटीऑक्सीडेंट गुण अस्थमा की रोकथाम करने में मदद कर सकते हैं। इतना ही नहीं, यह अस्थमा के लक्षणों को कम करने के साथ ही अस्थमा अटैक के जोखिम को भी कम कर सकता है (1)। इस आधार पर भिंडी के जूस का उपयोग अस्थमा की समस्या में भी प्रभावी माना जा सकता है।
9. हड्डियों को मजबूत करे
भिंडी में मौजूद विटामिन के की मात्रा न सिर्फ खून को गाढ़ा कर सकती है, बल्कि हड्डियों के घनत्व (Bone Mineral Density) को बढ़ाने में भी मदद कर सकती है। कुछ अध्ययनों के अनुसार, विटामिन के हड्डियों में कैल्शियम के अवशोषण को बढ़ावा दे सकता है। इससे हड्डियां मजबूत बन सकती हैं। इस वजह से ओकरा जूस का उपयोग करना हड्डियों को मजबूत बनाने और ऑस्टियोपोरोसिस (Osteoporosis) के जोखिम की रोकथाम में प्रभावकारी माना जा सकता है (1)।
10. त्वचा के स्वास्थ्य में सुधार लाए
भिंडी से जुड़े एक शोध पाया गया है कि भिंडी में विटामिन सी होता है, जो एंटीऑक्सीडेंट प्रभाव प्रदर्शित करता है। इसका यह गुण शरीर के ऊतकों (टिश्यू) के निर्माण और उनकी मरम्मत करने में मदद कर सकता है। साथ ही यह त्वचा को हुए नुकसान को कम करके उसे फिर से जवां बनाने में भी मदद कर सकता है। इसके अलावा भिंडी में बीटा कैरोटीन और विटामिन ए भी होते हैं, जो त्वचा की सेहत को बढ़ाने के साथ ही त्वचा से जुड़ी कई समस्याओं को दूर करने में भी फायदेमंद हो सकते हैं (8)।
लेख में आगे बढ़ें
लेख के अगले भाग में अब हम ओकरा जूस का उपयोग करने का तरीका जानेंगे।
ओकरा जूस का उपयोग – How to Use Okra Juice in Hindi
फायदे जानने के बाद अब मन में सवाल आ रहा होगा कि ओकरा जूस का उपयोग कैसे किया जाए, तो यहां हम ओकरा जूस का उपयोग करने के कुछ उपाय बता रहे हैं। यह कुछ इस प्रकार हैं :
- सुबह नाश्ते के समय भिंडी का जूस सीधे पीने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है।
- वहीं चाहें तो कुछ बेरीज को मिलाकर भी ओकरा जूस का उपयोग किया जा सकता है। इससे भिंडी के जूस को अधिक स्वादिष्ट बनाया जा सकता है।
- इसके अलावा भिंडी का जूस गर्म करके इसमें थोड़े से मसाले मिलाकर इसे सूप के रूप में भी इस्तेमाल किया जा सकता है।
कितना पीएं
- एक बार में 7 से 12 सेमी के 4 से 5 भिंडी का जूस बनाकर पी सकते हैं, जिसमें 150 मिली पानी होना चाहिए (11)।
नीचे स्क्रॉल करें
आगे अब हम भिंडी का जूस बनाने की विधि बताएंगे।
भिंडी का जूस बनाने की विधि
भिंडी का जूस बनाने की विधि बहुत ही आसान है। इसके लिए सिर्फ साफ और ताजी हरी भिंडी चाहिए। नीचे हम विस्तार से भिंडी का जूस बनाने का तरीका बता रहे हैं, जो कुछ इस प्रकार है :
सामग्री :
- 3 से 4 ताजी भिंडी (मध्यम आकार की)
- एक कप पानी
ऐसे बनाएं भिंडी का जूस :
- सबसे पहले भिंडी को अच्छे से ताजे पानी में साफ करें।
- फिर उसके दोनों सिरे को थोड़ा काटकर अलग कर दें।
- अब भिंडी के एक से दो छोटे टुकड़े करें।
- फिर उसे मिक्सर में एक कप पानी के साथ डालें और पीस लें।
- फिर तैयार जूस को गिलास में निकालकर पी लें।
अंत तक पढ़ें
लेख के आखिरी भाग में हम भिंडी का जूस पीने के नुकसान की जानकारी दे रहे हैं।
भिंडी का जूस पीने के नुकसान – Side Effects of Okra Juice in Hindi
किसी भी आहार की अधिकता नुकसानदायक साबित हो सकती है। इसी तरह अगर भिंडी का जूस सीमित मात्रा में लिया जाए, तो ही इसके फायदे मिल सकते हैं। वहीं अधिक मात्रा में ओकरा जूस का उपयोग करने से भिंडी का जूस पीने के नुकसान भी नजर आ सकते हैं, जो कुछ इस प्रकार हैं :
- एलर्जी की समस्या – भिंडी के अर्क से कुछ लोगों में एलर्जी हो सकती है (12)। ऐसे में अगर किसी को भिंडी से एलर्जी है, तो उन्हें भिंडी के जूस पीने से बचना चाहिए।
- विषाक्तता – अगर 2000 मिग्रा यानी 2 ग्राम से अधिक मात्रा में भिंडी का सेवन किया जाए, तो यह विषाक्तता का कारण भी बन सकती है (13)। इसलिए इसका अधिक मात्रा में सेवन करने से बचना चाहिए।
- रक्त ग्लूकोज स्तर कम होना – जैसा लेख में बताया गया है कि भिंडी के जूस का सेवन करने से मधुमेह का जोखिम कम किया जा सकता है (5)। ऐसे में मधुमेह की दवा लेने वाले लोगों को ओकरा जूस का उपयोग थोड़ा संभालकर करना चाहिए।
- पेट की समस्या – भिंडी में फ्रुक्टांस (Fructans – एक तरह का कार्बोहाइड्रेट) होता है, जिसकी अधिक मात्रा पेट से जुड़ी समस्याएं जैसे :- दस्त, गैस, ऐंठन और आंतों में सूजन की समस्या पैदा कर सकती है (14)।
- त्वचा की समस्या – भिंडी के अर्क में प्रोटियोलिटिक नामक एंजाइम होता है, जिसके संपर्क में आने से त्वचा पर घाव हो सकते हैं (15)।
- गुर्दे की पथरी – भिंडी में ऑक्सालेट्स (एक प्रकार का यौगिक) होता है, जिसकी मात्रा शरीर में बढ़ने से गुर्दे की पथरी का जोखिम हो सकता है (16) (17)।
- खून का गाढ़ा होना – भिंडी में विटामिन के की भी मात्रा होती है, जो शरीर में खून को गाढ़ा (कोएग्युलेशन) करने का काम करता है (18)। इस लिहाज से अगर कोई रक्त को गाढ़ा करने वाली दवा या खून को पतला करने वाली दवा का सेवन कर रहे हैं, तो उन्हें भिंडी का जूस पीने के नुकसान हो सकते हैं। इसलिए ऐसी स्थिति में अपने डॉक्टर की सलाह अवश्य लें।
तो दोस्तों इस लेख की मदद से हमने आपको ओकरा जूस का उपयोग क्यों करना चाहिए, इस बारे में कई तथ्यात्मक बातें बताईं। इससे यह स्पष्ट होता है कि भिंडी का जूस पीने के फायदे स्वास्थ्य के लिए कई मामलों में लाभकारी हो सकते हैं। हालांकि, भिंडी का पानी या जूस कुछ मामलों में परेशानी का कारण भी बन सकता है। इसलिए भिंडी का जूस पीने के नुकसान से बचे रहने के लिए आहार में इसे संतुलित मात्रा में ही शामिल करें। उम्मीद करते हैं कि ओकरा जूस के इतने गुणों को जानने के बाद आप इसे अपने आहार में शामिल करने का मन जरूर बनाएंगे। ऐसे में इस लेख को अपने तक ही सीमित न रख अन्य लोगों के साथ भी जरूर साझा करें।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
क्या मैं दिन में भिंडी का जूस पी सकता हूं?
हां, ओकरा जूस दिन में पिया जा सकता है।
क्या हम खाली पेट भिंडी का जूस पी सकते हैं?
हां, खाली पेट भी ओकरा जूस पिया जा सकता है। एक रिसर्च पेपर के अनुसार खाली पेट भिंडी का जूस पीने से ब्लड शुगर के स्तर में कमी पाई जा सकती है (19)।
क्या हम रोज भिंडी का पानी पी सकते हैं?
लेख में ओकरा जूस या भिंडी का पानी पीना कई शारीरिक समस्याओं में उपयोगी बताया गया है। ऐसे में इसे नियमित इस्तेमाल में लाना लाभकारी माना जा सकता है। बशर्ते इसे संतुलित मात्रा में ही लिया जाए।
क्या भिंडी का जूस त्वचा के लिए अच्छा है?
हां, ओकरा जूस त्वचा के लिए लाभकारी माना जा सकता है। दरअसल, इस विषय की जानकारी हम लेख में पहले ही दे चुके हैं कि भिंडी का सेवन करने के लिए त्वचा की कोशिकाओं की देखभाल करने में मदद मिल सकती है। साथ ही यह त्वचा को जवां बनाए रखने और त्वचा से जुड़ी कई समस्याओं को दूर रखने में भी सहायक है (8)।
Sources
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- Okra and its various applications in Drug Delivery, Food Technology , Health Care and Pharmacological Aspects – A Review
https://www.jpsr.pharmainfo.in/Documents/Volumes/vol11issue06/jpsr11061905.pdf - Throat Disorders
https://medlineplus.gov/throatdisorders.html - Okra in Food Field: Nutritional Value, Health Benefits and Effects of Processing Methods on Quality
https://www.researchgate.net/publication/337715456_Okra_in_Food_Field_Nutritional_Value_Health_Benefits_and_Effects_of_Processing_Methods_on_Quality - Survey and evaluation of okra pectin extracted at different maturity stages
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http://citeseerx.ist.psu.edu/viewdoc/download?doi=10.1.1.1003.1293&rep=rep1&type=pdf - Hypoglycemic effect of okra aqueous extract on streptozotocin-induced diabetic rats
https://www.scielo.br/scielo.php?pid=S0101-20612020005010207&script=sci_arttext - Dual role of immunomodulation by crude polysaccharide from okra against carcinogenic liver injury in mice
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https://rfppl.co.in/subscription/upload_pdf/gomathi-a–cphn-1602137777.pdf
