पादहस्तासन के फायदे और करने का तरीका – Padahastasana Steps And Benefits in Hindi

Written by , MA (Mass Communication) Anuj Joshi MA (Mass Communication)
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शरीर को बीमारियाें और अन्य समस्याओं से बचाने के लिए न सिर्फ दवाई, बल्कि प्राचीन शैली याेग भी कारगर साबित हो सकता है। इस विषय पर कई वैज्ञानिक शोध भी हुए हैं, जिनमें योग को फायदेमंद पाया गया है। इसलिए, अब स्वस्थ रहने के लिए योग भारतीयों की ही नहीं, बल्कि विदेशियों की भी पहली पसंद बन गया है। वैसे तो योगासन कई प्रकार के हैं, लेकिन उनमें से कुछ प्रचलित योग में से एक पादहस्तासन भी है। इसी वजह से स्टाइलक्रेज के इस लेख में हम पादहस्तासन योग करने के फायदे और पादहस्तासन योग करने का तरीका विस्तार से बता रहे हैं।

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पादहस्तासन योग के लाभ जानने से पहले हम बता रहे हैं कि पादहस्तासन योग क्या है।

पादहस्तासन क्या है? – What is Padahastasana in hindi

पादहस्तासन दो शब्दों से मिलकर बना है। पहला है पाद यानी पैर और दूसरा हस्त यानी हाथ। इसी वजह से इसे पादहस्तासन कहा जाता है। इस योगासन में आगे की ओर झुककर हाथ और पैर को सटाया जाता है। इंग्लिश में इस योगासन को हैंड टू फीट कहा जाता है। इस मुद्रा में कुछ देर बने रहने से शरीर को कई प्रकार के लाभ हो सकते हैं, जिनके बारे में हम नीचे बता रहे हैं। आइए, पढ़ते हैं पदहस्तासन के फायदे क्या हैं।

आगे विस्तार से पढ़ें

लेख के अगले भाग में पादहस्तासन योग के लाभ के बारे में बता रहे हैं।

पादहस्तासन करने के फायदे – Benefits of Padahastasana in hindi

वैज्ञानिकों द्वारा किए गए शोध में पाया गया कि पादहस्तासन योग करने के फायदे कई सारे हैं। इसी वजह से कुछ रिसर्च पेपर और स्टडी के आधार पर हम नीचे पादहस्तासन योग के लाभ के बारे में बता रहे हैं।

1. अच्छे पाचन के लिए पादहस्तासन योग के लाभ

पादहस्तासन योग पाचन में सुधार कर सकता है। एनसीबीआई (नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इनफॉर्मेशन) की वेबसाइट पर प्रकाशित एक शोध में कहा गया है कि कई योगासनों के साथ पादहस्तान योग करने से इर्रिटेबल बॉउल सिंड्रोम यानी आंतों संबंधी समस्या को कुछ हद तक कम किया जा सकता है। आंत संबंधी समस्याओं में से ही एक पाचन भी है (1)। इसके अलावा, एक अन्य आयुर्वेदिक मेडिकल जर्नल में बताया गया है कि पादहस्तासन करने से अब्डोमिनल विस्करा (पेट, आंत, लिवर आदि अंग) में खिंचाव पैदा है और ब्लड फ्लो बढ़ाता है, जिस वजह से पाचन बेहतर हो सकता है (2)।

2. तनाव को दूर करने के लिए पादहस्तासन योग करने के फायदे

पादहस्तासन योग शरीर के साथ ही मन को भी तनाव मुक्त कर शांत रखने में मदद कर सकता है। एक शोध के अनुसार, योग से रिलेक्सेशन का एहसास होता है और शरीर का संतुलन बनता है, जिसकी मदद से तनाव दूर हो सकता है। मेडिकल स्टूडेंट्स पर हुए इस रिसर्च में पाया गया है कि स्ट्रेस को कम करने और स्वास्थ्य को बढ़ावा देने के लिए 15 मिनट तक विभिन्न योगासन के साथ पादहस्तासन करने से तनाव के स्तर को कम किया जा सकता है। इस अध्ययन के मुताबिक योग करने से मनोवैज्ञानिक और शारीरिक लाभ दोनों होते हैं और यह मांसपेशियों की ताकत को भी बढ़ा सकता है (3)।

3. रक्त संचार के लिए

पादहस्तासन करने के फायदे में रक्त संचार में सुधार भी शामिल है। जैसा कि हम ऊपर भी बता चुके हैं कि पादहस्तासन योग रक्त प्रवाह को बढ़ाता है, जिससे रक्त संचार भी बेहतर हो सकता है (2)। एनसीबीआई पर प्रकाशित रिसर्च में भी पाया गया है कि रोजाना योग करने से रक्त संचार बढ़ता है। साथ ही योग ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने में लाभदायक हो सकता है। खासकर, आगे झुकने वाले योगासन (पादहस्तासन) उच्च बीपी से पीड़ित व्यक्तियों के लिए फायदेमंद साबित हो सकते हैं (4)।

4. लंबाई बढ़ाने के लिए पादहस्तासन योग करने के फायदे

लंबाई बढ़ाने में भी पादहस्तासन सहायक हो सकता है। माना जाता है कि इस योगासन को करने से लंबाई में फर्क देखा जा सकता है, लेकिन लंबाई बढ़ाने के लिए रोजाना पादहस्तासन को करना होगा। थोड़े समय में इसे करना छोड़ देने से लाभ मिलना मुश्किल है। हाइट बढ़ाने के लिए योग करने के फायदे देखने के लिए लंबे समय तक इसे अपनी जीवनशैली का हिस्सा बनाए रखना होगा (5)।

पादहस्तासन योग के लाभ के बाद जानते हैं पादहस्तासन योग करने का तरीका ।

पादहस्तासन योग करने का तरीका – Steps to do Padahastasana in Hindi

कुछ आसान स्टेप्स को फॉलो करके आप पादहस्तासन कर सकते हैं। नीचे हम आपको विस्तार से पादहस्तासन योग करने का तरीका बता रहे हैं ।

  • सबसे पहले साफ और समतल जगह पर योगमैट बिछाएं।
  • अब दोनों पैराें को जोड़कर सीधे खडे़ जो जाएं।
  • इस दौरान हाथों को भी बिल्कुल सीधा रखें।
  • फिर सांस लेते हुए दोनों हाथों को ऊपर की ओर उठाएं।
  • अब कुछ सेकंड रुक कर आराम से सांस छोड़ते हुए कमर से आगे की ओर झुकें।
  • फिर दोनों हथेलियों को दोनों पैरों के बगल में जमीन से सटाने की कोशिश करें।
  • इस दौरान हथेलियां को जमीन से और घुटनों को सीधा रखने का प्रयास करें।
  • साथ ही माथे को घुटनों से लगाने की कोशिश करें।
  • फिर कुछ सेकंड इसी अवस्था में बना रहें और सामान्य गति से सांस लेते रहें।
  • ध्यान रहे कि कमर से नीचे की ओर का हिस्सा मुड़ा हुआ न हो।
  • अब आराम-आराम से सांस लेते हुए ऊपर उठ जाएं और हाथों को ऊपर ले जाते हुए पीछे झुकने की कोशिश करें।
  • इसके बाद सांस छोड़ते हुए आगे की तरफ झुकें।
  • इस प्रकार पादहस्तासन को दो से तीन बार दोहरा सकते हैं।

आगे है जरूरी जानकारी

अब हम पहली बार पादहस्तासन करने वालों के लिए कुछ खास टिप्स दे रहे हैं।

शुरुआती लोगों के लिए पादहस्तासन टिप्स – Beginner’s Tips to do Padahastasana in Hindi

पहली बार पादहस्तासन योग कर रहे हैं, तो कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी है। क्या हैं, वो बातें नीचे विस्तार से पढ़ें।

  • पहली बार इस योगासन को योग गुरु या फिर स्पेशलिस्ट की रेखदेख में ही करें।
  • फिर अभ्यस्त होने के बाद इसे अपने आप भी कर सकते हैं, लेकिन आसन को एक दम सही करने की कोशिश में शरीर पर ज्यादा जोर न डालें।
  • शुरुआत में शरीर को उतना ही मोड़े, जितना वो मुड़ पाए। अधिक जोर लगाने पर मोच आ सकती है।
  • अगर कभी मोच या फिर चोट लग जाए, तो उसके ठीक होने के बाद ही योगसान करें।
  • किसी भी प्रकार की शारीरिक कमजोरी होने पर यह योगासन न करें। जब लगे कि आप आसानी से आगे और पीछे की ओर झुक सकते हैं, तभी इसे करें।
  • वरना चक्कर आने का डर बना रहेगा।
  • खाना खाने के बाद इस योगासन को करने से बचें। योगासन करने का सबसे बेहतर समय सुबह खाली पेट होता है।

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आर्टिकल के अगले भाग में पादहस्तासन योग से जुड़ी सावधानियां पर एक नजर डाल लेते हैं।

पादहस्तासन योग के लिए कुछ सावधानियां – Precautions for Padahastasana In Hindi

पादहस्तासन योग करते समय कुछ सावधानियां बरती जानी चाहिए। यहां हम आपको ऐसी ही कुछ सावधानियों के बारे में बता रहे हैं।

  • पीठ में दर्द या चोट होने पर इस आसन को न करें।
  • यह आसन करते समय अगर पीठ में दर्द होने लगे, तो विशेषज्ञ की सलाह पर या दर्द ठीक होने पर ही इसे करें।
  • हृदय संबंधी समस्या, हर्निया और पेट में सूजन होने वालों को यह आसन न करने की सलाह दी जाती है।
  • गर्भावस्था के दौरान भी पादहस्तासन नहीं करना चाहिए।
  • हाल ही में अगर घुटने या पेट का ऑपरेशन हुआ हो, तो इस योगासन को न करें।
  • अल्सर रोगियों को भी पादहस्तासन न करने की सलाह दी जाती है।

आर्टिकल में आपने पादहस्तासन योग के बारे में विस्तार से जान लिया है। अब इस आसन को करने से पहले यहां बताई गई विधि और सावधानियों को ध्यान से पढ़ें, तभी पादहस्तासन योग को आप बेहतर तरीके से कर पाएंगे। बस एक बात का ध्यान दें कि योगासन को लंबे समय तक किया जाना चाहिए। कुछ दिन ही पादहस्तासन करके आप किसी चमत्कार की उम्मीद नहीं कर सकते। यह शरीर को स्वस्थ रखने की ऐसी शैली है, जिसे जीवन का नियमित हिस्सा बनाने पर ही स्वास्थ्य लाभ मिलते हैं। बस, तो शरीर में स्फूर्ति लाने और स्वस्थ रहने के लिए अपनाए योग, क्योंकि निरोग रहने की योग से बेहतर कुंजी कुछ और नहीं है।

References

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  1. Irritable Bowel Syndrome: Yoga as Remedial Therapy
    https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC4438173/
  2. EFFECT OF YOGASANA ON DIGESTIVE SYSTEM
    http://www.iamj.in/posts/images/upload/727_733.pdf
  3. Yoga: A Strategy to Cope up Stress and Enhance Wellbeing Among Medical Students
    https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC4866479/
  4. Yoga Practice Improves the Body Mass Index and Blood Pressure: A Randomized Controlled Trial
    https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC5433109/
  5. METHODOLOGY
    https://shodhganga.inflibnet.ac.in/bitstream/10603/260863/10/10_chapter%203.pdf
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