पलाश के 13 फायदे, उपयोग और नुकसान – Palash (Butea Monosperma) Benefits, Uses and Side Effects in Hindi

Written by , MA (Journalism & Media Communication) Puja Kumari MA (Journalism & Media Communication)
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फूल हम सभी को बेहद पसंद होते हैं। उनकी भीनी खुशबू, उनका खूबसूरत रंग सभी के मन को भाता है। भगवान को चढ़ाने से लेकर विभिन्न दवाइयों तक फूलों का उपयोग कई तरह से किया जा सकता है। इनमें गुलाब, कमल, गेंदा आदि के अलावा एक और फूल का नाम शामिल है, जिसके बारे में ज्यादा लोग नहीं जानते हैं। यह है पलाश का फूल। पलाश के फूल के फायदे से ज्यादा लोग वाकिफ नहीं हैं और इस कारण स्टाइलक्रेज के इस लेख में हम इस विषय पर आपको सभी जानकारी देने की कोशिश करेंगे।

आइए शुरू करें लेख

लेख में सबसे पहले जानिए पलाश का फूल क्या होता है।

पलाश क्या है?

यह फबासी परिवार का एक फूल है, जिसका वैज्ञानिक नाम ब्यूटिया मोनोस्पर्मा (Butea monosperma) है। यह भारत में आसानी से किसी भी स्थान पर मिल जाता है। पलाश के फूल के अलावा इसकी पत्तियां, छाल व बीज का उपयोग भी विभिन्न दवाइयों के रूप में किया जाता है। पलाश के औषधीय गुणों के कारण इससे बनी दवाइयों का इस्तेमाल त्रिदोष में वात और कफ का उपचार करने के लिए किया जाता है। इसके अलावा, पलाश में और भी कई गुण होते हैं, जिनके बारे में लेख में आगे विस्तार से बताया गया है (1)।

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लेख में आगे पलाश के औषधीय गुणों के बारे में जानते हैं।

पलाश के औषधीय गुण

आयुर्वेद में पलाश के पौधे के विभिन्न भागों के भिन्न-भिन्न औषधीय गुणों का उल्लेख मिलता है। पलाश से संबंधित एक शोध से जानकारी मिलती है कि इसकी जड़ में कृमिनाशक (आंत के कीड़ों को साफ करने वाला), एफ्रोडिसिएक (यौन इच्छा बढ़ाने वाला), एनाल्जेसिक (दर्द को कम करने वाला) जैसे गुण होते हैं। इसके अलावा, पलाश के बीजों में एंटीडायबिटिक प्रभाव पाया जाता है, जो मधुमेह की समस्या को कुछ हद तक नियंत्रित करने में सहायक हो सकता है (2)।

वहीं, पलाश की जड़ में ड्यूरेटिक यानी मूत्रवर्धक गुण मौजूद होता है। इसका यह प्रभाव शरीर के ऊतकों से अतिरिक्त पानी और नमक को यूरिन के रास्ते से बाहर निकाल सकता है। इसके अलावा, पलाश में सूजन को कम करने का प्रभाव भी देखा गया है। ऐसे में माना जा सकता है कि इसका प्रयोग सूजन संबंधित परेशानियों से राहत पाने के लिए भी उपयोगी हो सकता है (3)।

आगे है और जानकारी

लेख के अगले भाग में जानिए पलाश के फूल के फायदे और उससे जुड़ी अन्य जानकारी।

पलाश के फायदे – Benefits of Palash in Hindi

जैसा कि हमने ऊपर भी बताया कि पलाश का पौधा विभिन्न औषधीय गुणों से भरपूर होता है (2)। इन्हीं गुणों के आधार पर लेख में आगे पलाश से शरीर को होने वाले फायदों से जुड़ी जानकारी दे रहे हैं। बस इस बात का ख्याल रखें कि यह किसी भी बीमारी का पूर्ण इलाज नहीं है। यह आपको स्वस्थ रखने के साथ कुछ बीमारियों से बचाव में मदद कर सकता है। चलिए, जानते हैं पलाश के फायदों के बारे में।

1.मधुमेह के लिए

पलाश के फायदे में सबसे पहला नंबर डायबिटीज का आता है। दरअसल, पलाश के इथेनॉल अर्क में एंटीहाइपरग्लिसेमिक गुण होते हैं, जो मधुमेह को नियंत्रित करने में मदद कर सकते हैं। लैब में चूहों पर किए गए शोध के आधार पर बताया जाता है कि दो हफ्ते तक 200 मिलीग्राम पलाश का उपयोग करने से ब्लड शुगर और सीरम कोलेस्ट्रोल नियंत्रित किया जा सकता है। साथ ही अच्छे कोलेस्ट्रोल को बेहतर करने में मदद मिल सकती है। यह शोध एनसीबीआई (नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नॉलोजी इंफॉर्मेशन) की साइट पर उपलब्ध है (4)।

2.सूजन में पलाश के फूल के फायदे

अगर शरीर में किसी भी कारण से सूजन आ जाए, तो उससे आराम पाने के लिए पलाश के फायदे देखे जा सकते हैं। एनसीबीआई की ओर से प्रकाशित एक शोध में यह पाया गया है कि पलाश के फूल में मेथनॉलिक अर्क होता है। इस अर्क में एंटीइंफ्लेमेटरी गुण पाए जाते हैं। ये घाव के कारण होने वाली सूजन को कम करने में सहायक हो सकते हैं (5)। वहीं, इसमें मौजूद ब्यूटिन, ब्यूट्रिन, आइसो ब्यूट्रिन और आइसोकोरोप्सिन नामक तत्व भी सूजन को कम करने में मदद कर सकते हैं (1)।

3.पेट दर्द में राहत

पलाश के फायदे में पेट दर्द से निजात पाना भी शामिल है। एक शोध में साफ तौर से इस बात का जिक्र मिलता है कि पलाश के बीज का उपयोग पेट से जुड़ी समस्याओं से राहत दिलाने में मदद कर सकता है। वहीं, पेट से जुड़े विकारों में राहत दिलाने के साथ पलाश के बीज पेट के कीड़े का उपचार करने में भी सहायक हो सकते हैं (6)। फिलहाल, इसकी कार्यप्रणाली पर अभी और विस्तृत रूप से शोध की आवश्यकता है।

4.बुखार में पलाश के फायदे

जब शरीर का तापमान सामान्य से अधिक होता है, तो उसे बुखार कहा जाता है। साथ ही शरीर में किसी तरह के वायरस या बैक्टीरिया के कारण संक्रमण हो जाता है, तो भी बुखार हो सकता है (7)। बुखार से आराम पाने में भी पलाश के फूल के फायदे देखे जा सकते हैं। एक शोध में इस बात का जिक्र मिलता है कि पलाश के फूल कई अन्य शारीरिक समस्याओं के साथ-साथ क्रोनिक बुखार से आराम पाने में भी सहायक हो सकते हैं (8)। हालांकि, इसके पीछे पलाश का कौन-सा गुण काम करता है, इसे लेकर अभी और शोध की आवश्यकता है।

5.रक्त साफ करने में सहायक

रक्त में गंदगी के कारण मुंहासे, रैशेज, एलर्जी आदि परेशानी हो सकती हैं। वहीं, रक्त को साफ करने के लिए किसी दवा की जगह हर्बल चीजों का इस्तेमाल करना सही रहता है (9)। ऐसी ही एक हर्बल औषधि है पलाश की छाल। पलाश की छाल ब्लड प्यूरिफायर की तरह काम करती है और खून साफ कर, कई स्वास्थ्य संबंधित परेशानियों से बचाव में मदद कर सकती है (8)। इस तरह पलाश ब्लड को प्यूरिफाई करने में उपयोगी साबित हो सकता है।

6.कुष्ठ रोग में लाभदायक

कुष्ठ रोग यानी लेप्रोसी के इलाज के लिए भी पलाश के फूल के फायदे देखे जा सकते हैं। यह रोग एक तरह के संक्रमण, माइकोबैक्टेरियम लेप्री नामक बैक्टीरिया से होता है। इस रोग में नसों, मांसपेशियों और त्वचा पर प्रभाव पड़ सकता है (10)। इसके उपचार में पलाश के फूल कुछ हद तक मददगार हो सकते हैं। आयुर्वेद की माने तों पलाश के फूल में एंटीलेप्रोटिक प्रभाव होता है, जो कुष्ठ रोग से निजात दिलाने में मददगार हो सकता है (11)।

7.पाइल्स में लाभकारी

मलद्वार या मलाशय के आसपास की नसों में होने वाली सूजन को पाइल्स कहा जाता है (12)। एनसीबीआई पर प्रकाशित शोध की मानें, तो पलाश के सूखे हुए फूल के पाउडर में कई जरूरी खनिज तत्व पाए जाते हैं जिनमें से एक है मैंगनीज। यह बवासीर के इलाज में कुछ हद तक सहायक हो सकता है (1)। इसलिए, पाइल्स से राहत पाने के लिए भी पलाश के फायदे देखे जा सकते हैं।

8.घेंघा यानी गॉइटर में फायदेमंद

घेंघा या गॉइटर ऐस बीमारी है, जिसमें थायराइड ग्लैंड बढ़ जाता है और सूजन आ जाती है (13)। इस समस्या से आराम पाने के लिए भी पलाश के फायदे उठाए जा सकते हैं। शोध की मानें तो पलाश की छाल का जूस घेंघा का उपचार करने में मदद कर सकता है (8)। वहीं, इसमें थायराइड हार्मोन को नियंत्रित करने का गुण भी होता है (14)। अभी इस संबंध में वैज्ञानिक और अध्ययन कर रहे हैं।

9.दाद में पलाश का उपयोग

दाद एक तरह का संक्रमण होता है, जो फंगस के कारण होता है (15)। इसके लिए पलाश का उपयोग करना फायदेमंद हो सकता है। एक शोध में बताया गया है कि पलाश के पेड़ से निकलने वाला रस यानी पलाश का गोंद दाद के प्रभाव को कम कर सकता है (3)। इसके साथ ही पलाश की छाल में एंटीफंगल गुण भी पाया जाता है, जो संक्रमण फैलाने वाले फंगस को खत्म करने में सहायक हो सकता है (16)। इस तरह से माना जा सकता है कि पलाश के गोंद के फायदे दाद में लाभकारी हो सकते हैं।

10.यौन शक्ति बढ़ाए

यौन शक्ति बढ़ाने में भी पलाश का इस्तेमाल लाभकारी हो सकता है। दरअसल, पलाश के अर्क में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट गुण ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस को कम करके इस समस्या से आराम दिला सकता है। साथ ही यह नाइट्रिक ऑक्साइड और एंड्रोजन के स्तर को भी बढ़ाता है, जिससे पुरुषों में यौन की समस्या से आराम मिल सकता है (17)। ऐसे में यह कहा जा सकता है कि पलाश के फूल के फायदे यौन शक्ति और उससे जुड़ी अन्य समस्याओं में लाभकारी हो सकते हैं।

11.सर्दी-खांसी में राहत

पलाश के फायदे सर्दी खांसी से राहत पाने के लिए भी देखे जा सकते हैं। एक शोध में साफतौर से यह बताया गया है कि पलाश की छाल का काढ़ा सर्दी खांसी से निजात दिलाने में मददगार हो सकता है (3)। वहीं, एक अन्य शोध में इस बात का जिक्र मिलता है कि पलाश की पत्तियों को भिगोकर उसका पानी पीने से कोल्ड और कफ से राहत मिल सकती है (18)। ऐसे में सर्दी-खांसी की परेशानी में पलाश के पत्ते के फायदे देखे जा सकते हैं।

12.त्वचा के लिए फायदेमंद

त्वचा संबंधित परेशानियों के लिए पलाश के संपूर्ण हिस्सों का विभिन्न तरीको से उपयोग किया जा सकता है। दरअसल, एक शोध में बताया गया है कि पलाश के फूलों का उपयोग त्वचा से जुड़ी समस्याओं को ठीक कर सकता है (18)। वहीं, एक अन्य शोध में इस बात का जिक्र है कि पलाश के पत्तों के अर्क से तैयार क्रीम त्वचा को सूर्य की हानिकारक किरणों से सुरक्षा प्रदान करने में सहायक हो सकती है (19)। इस आधार पर त्वचा के लिए भी पलाश के फायदे हासिल किए जा सकते हैं।

13.बालों के लिए फायदेमंद

बालों के लिए भी पलाश के फायदे देखे जा सकते हैं। एक शोध के अनुसार, पलाश के फूल में एंटीऑक्सीडेंट गुण मौजूद होता है, जो बालों के रोम में मौजूद मुक्त कणों को दूर करने के साथ बालों को झड़ने से रोक सकता है। इसके अलावा, यह बालों के एनाजेन अवस्था को सक्रिय रखने के साथ टेलोजन फेज को घटा सकता है, जिससे हेयर फॉल की समस्या काफी हद तक कम हो सकती है (20)। बता दें, कि एनाजेन चरण में बाल रोम से बढ़ना शुरू होते हैं और टेलोजन में बाल झड़ते हैं। ऐसे में पलाश के फूलों का इस्तेमाल बालों के लिए लाभकारी माना जा सकता है।

आगे पढ़ें

लेख के अगले भाग में आप जानेंगे कि पलाश का उपयोग किस प्रकार किया जा सकता है।

पलाश का उपयोग – How to Use Palash in Hindi

नीचे बताए गए विभिन्न तरीकों से पलाश का उपयोग किया जा सकता है।

  • पलाश के फूलों को सुखाकर, उसका पाउडर बनाकर सेवन किया जा सकता है
  • पलाश के कुछ फूलों को रातभर भिगोकर अगली सुबह उस पानी का सेवन कर सकते हैं।
  • पलाश का उपयोग करने के लिए इसके बीजों को सरसों के तेल में गरम करके, इस तेल से मालिश कर जा सकती है।
  • पलाश के सप्लीमेंट्स दवा के तौर पर लिए जा सकते हैं।
  • बाजार में पलाश की पत्तियों का जूस, इसकी छाल, फूल एवं बीज का पाउडर और एसेंशियल ऑयल उपलब्ध होता है।

अंत तक पढ़ें लेख

लेख के इस भाग में पलाश का उपयोग करते समय बरती जाने वाली सावधानियों के बारे में जानेंगे।

पलाश लेने से पहले सावधानियां

पलाश का उपयोग करते समय नीचे दी गई बातों का ध्यान अवश्य रखें।

  • गर्भवती और स्तनपान करवाने वाली महिलाएं इसका सेवन करने से पहले डॉक्टर से परामर्श अवश्य कर लें।
  • अगर किसी बीमारी के लिए एलोपेथिक दवा का सेवन कर रहे हैं, तो पलाश का उपयोग करने से पहले डॉक्टर से परामर्श जरूर कर लें।
  • पलाश के फूल का उपयोग करने से पहले उसे गर्म पानी से अच्छी तरह धो लें, ताकि उसकी सारी गंदगी निकल जाए।

बन रहें हमारे साथ

आगे जानिए इसकी खुराक से जुड़ी कुछ जानकारी।

पलाश की खुराक

यह इस बात पर निर्भर करता है कि पलाश का उपयोग किस लिए किया जा रहा है। साथ ही पलाश की खुराक व्यक्ति की उम्र, स्वास्थ्य और अन्य कई कारकों पर निर्भर करती है। अगर इसका सेवन किसी खास बीमारी या पोषक तत्व के लिए किया जा रहा है, तो उपयोग से पहले इसकी उचित खुराक के बारे में आहार विशेषज्ञ से सलाह लेना उचित रहेगा (19)।

अंत में पढ़ें

लेख के इस भाग में साइड इफेक्ट ऑफ पलाश इन हिंदी के बारे में बता रहे हैं।

पलाश के नुकसान – Side Effects of Palash in Hindi

आमतौर पर पलाश का उपयोग कई मामलों में फायदेमंद है, लेकिन कुछ मामलों में इसका इस्तेमाल नुकसान का कारण बन सकता है। इसलिए, यहां हम पलाश के नुकसान के बारे में बता रहे हैं, जो कुछ इस प्रकार हैं:

  • पलाश के बीजों में गर्भ निरोधक गुण होता है, जो गर्भ धारण करने में समस्या उत्पन्न कर सकता है (18)।
  • पलाश में शुक्राणु के प्रभाव को कम करने के गुण होते हैं, ऐसे में पुरुषों को इसके इस्तेमाल से पहले डॉक्टरी सलाह लेनी चाहिए (18)।
  • संवेदनशील लोगों को पलाश के सेवन से एलर्जी की शिकायत हो सकती है।

लेख को पढ़ने के बाद आप समझ गए होंगे कि होली का रंग बनाने के अलावा पलाश के फूल के फायदे अन्य भी हैं। पलाश के फूल, जड़ और इसके अन्य भागों का उपयोग आप कई शारीरिक समस्याओं से लाभ पाने के लिए उठा सकते हैं। पलाश के फायदे के साथ याद रखिए कि हर सिक्के के दो पहलु होते हैं। पलाश के नुकसान पर भले ही ज्यादा जानकारी उपलब्ध नहीं है, लेकिन अपनी सुरक्षा को मद्देनजर रखते हुए इसका उपयोग सावधानी से करना ही उचित होगा। हम आशा करते हैं कि पलाश का उपयोग करने की जानकारी पर लिखा हमारा यह लेख आपको पसंद आया होगा।

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

क्या पलाश दस्त की समस्या में मददगार हो सकता है?

हां, पलाश की छाल में एंटी-डायरियल गुण मौजूद होता है, जो दस्त की समस्या से राहत प्रदान कर सकता है (18)।

क्या पेट के कीड़ों के लिए पलाश का इस्तेमाल किया जा सकता है?

हां बिल्कुल, पलाश की जड़ की छाल में कृमिनाशक गुण मौजूद होता है, जो आंतों से कीड़ों को साफ करने में सहायक हो सकता है (2)।

क्या त्वचा संबंधित परेशानियों के लिए पलाश का उपयोग किया जा सकता है?

जी हां, त्वचा संबंधित परेशानियों के लिए पलाश फूल का इस्तेमाल उपयोगी हो सकता है (18)। इसके बारे में लेख में ऊपर विस्तार से जानकारी दी गई है।

मोतियाबिंद से बचाव में पलाश कैसे फायदेमंद हो सकता है ?

एक शोध में इस बात का जिक्र मिलता है कि पलाश की जड़ के अर्क को आंखों में डालने से मोतियाबिंद की समस्या से राहत मिल सकती है (21)। ऐसे में मोतियाबिंद से बचाव के लिए पलाश को उपयोगी माना जा सकता है।

क्या सफेद पलाश का पेड़ सेहत के लिए फायदेमंद है?

लेख में बताए गए पलाश के गुण सफेद पलाश के पेड़ में भी पाए जाते हैं। ऐसे में माना जा सकता है कि सफेद पलाश का पेड़ भी कई स्वास्थ लाभ प्रदान कर सकता है।

References

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  2. Effect of Butea monosperma Lam. leaves and bark extracts on blood glucose in streptozotocin-induced severely diabetic rats
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  3. Butea monosperma (Lam.)Taubert: A Review
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  7. Fever
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  20. Effect of Trigonella foenum-graecum Linn. (seeds) and Butea monosperma Lam. (flowers) on chemotherapy-induced alopecia
    https://www.researchgate.net/publication/312163056_Effect_of_Trigonella_foenum-graecum_Linn_seeds_and_Butea_monosperma_Lam_flowers_on_chemotherapy-induced_alopecia
  21. Clinical study of netra shalaka with palash moolark and trifla churna for the treatment weak eye sight & cataract
    https://www.researchgate.net/publication/329962217_Clinical_study_of_netra_shalaka_with_palash_moolark_and_trifla_churna_for_the_treatment_weak_eye_sight_cataract
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