कृष्णा फल (पैशन फ्रूट) के 13 फायदे, उपयोग और नुकसान – Passion Fruit Benefits and Side Effects in Hindi

Written by , MA (Journalism & Media Communication) Puja Kumari MA (Journalism & Media Communication)
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पैशन फ्रूट, कई लोगों के लिए एक नया फल हो सकता है। ऐसे में अगर इसे नहीं पहचान पा रहे हैं, तो चलिए इसे थोड़ा आसान करते हैं। यह दिखने में पीले या बैंगनी रंग का होता है, जिसे भारत में कृष्णा फल के नाम से जाना जाता है। स्वास्थ्य के लिए पैशन फ्रूट के फायदे कई सारे हैं। यही वजह है कि हम स्टाइलक्रेज के इस लेख में आपको कृष्णा फल के फायदे बता रहे हैं। साथ ही कृष्णा फल के नुकसान से बचाव के लिए इसके उपयोग का सही तरीका भी आप जानेंगे। तो पैशन फ्रूट के फायदे और इससे जुड़ी हर जरूरी जानकारी के लिए लेख को अंत तक पढ़ें।

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सबसे पहले हम पैशन फ्रूट या कृष्णा फल क्या है, यह विस्तार से बता रहे हैं।

कृष्णा फल (पैशन फ्रूट) क्या है? – What is Passion Fruit in Hindi

पैशन फ्रूट या कृष्णा फल को वैज्ञानिक भाषा में पैसिफ्लोरा एडुलिस सिम्स (Passiflora Edulis Sims) कहते हैं। यह एक ब्राजीलियन फल है, जो पैसिफ्लोरेसी (Passifloraceae) परिवार का है। ब्राजील के अलावा, यह दक्षिण अमेरिका, कैरिबियन, दक्षिण फ्लोरिडा, दक्षिण अफ्रीका और एशिया में भी उगाया जाता है। इसके विभिन्न प्रजातियों में से पीला और बैंगनी रंग का फल प्रमुख तौर पर पाया जाता है। पीले, बैंगनी, लाल या काले रंग का यह फल आकार में गोल या अंडाकार होता है, जो बाहर से सख्त और चिकना होता है। पीले रंग का कृष्णा फल 6 से 12 सेंटीमीटर लंबा और 4 से 7 सेंटीमीटर में मोटा होता है।

इसका छिलका पीला, सख्त और मोटा होता है। इसके बीज भूरे रंग के होते हैं और गूदा अम्लीय और खुशबूदार होता है। वहीं, बैंगनी रंग का कृष्णा फल आकार में छोटा होता है और इसका छिलका बैंगनी रंग का होता है और बीज काले रंग के। पीले या बैंगनी रंग के इस फल को ‘फलों का राजा’, ‘मरकुजा’, लव फ्रूट’ और ‘फ्रूट लवर’ भी कहा जाता है (1)।

कुछ स्थानीय भाषा में इसे ग्रैनाडिला (Granadilla), पर्च (Parcha), पर्चिता (Parchita), पैराचिटमाराकुया (Parchitamaracuya), सीबे (Ceibey) भी कहा जाता है (2)। स्वास्थ्य के लिहाज से बात करें, तो इस फल में विटामिन ए, सी के साथ ही डायटरी फाइबर और मिनरल्स भी होते हैं। कृष्णा फल के फायदे के लिए लोग पारंपरिक उपचार से लेकर कॉस्मेटिक बनाने तक में कृष्णा फल का उपयोग किया जाता रहा है (1)। इसके स्वास्थ्य लाभ क्या हो सकते हैं, यह हम अगले भाग में विस्तार से बताएंगे।

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अब पढ़ें पैशन फ्रूट के फायदे क्या-क्या हैं।

कृष्णा फल (पैशन फ्रूट) के फायदे – Benefits of Passion Fruit in Hindi

लेख के इस भाग में हम कृष्णा फल के फायदे विस्तार पूर्वक साझा कर रहे हैं। इसका कौन सा गुण किस बीमारी में मदद कर सकता है यह हम नीचे क्रमवार बता रहे हैं। हम यह स्पष्ट कर दें कि पैशन फ्रूट का सेवन बीमारियों का इलाज नहीं, बल्कि बचाव और लक्षणों को कम करने में सहायक हो सकता है। वहीं, किसी गंभीर स्वास्थ्य समस्या के लिए डॉक्टरी इलाज को ही प्राथमिकता दें। चलिए अब जानते हैं पैशन फ्रूट के फायदे जो कुछ इस प्रकार हैं:

1. मधुमेह के लिए

अध्ययनों के अनुसार, पैशन फ्रूट में मौजूद फिनोल (Phenols) और फ्लेवोनोइड (Flavonoids) जैसे तत्व हाइपोग्लाइसेमिक (Hypoglycemic – खून में शुगर घटाने वाला) प्रभाव प्रदर्शित करते हैं। इस आधार पर माना जा सकता है कि कृष्णा फल रक्त में शुगर कम करके टाइप 2 मधुमेह की समस्या के लिए उपयोगी हो सकता है। वहीं, इस रिसर्च पेपर में कृष्णा फल के छिलके से बने सप्लीमेंट की भी बात की गई है, जिस आधार पर इसका छिलका भी मधुमेह के लिए लाभकारी हो सकता है (2)। ऐसे में यह कहना गलत नहीं होगा कि कृष्णा फल का सेवन करके मधुमेह के जोखिम को कम किया जा सकता है। वहीं, ध्यान रहे कि अगर डायबिटीज की दवा का सेवन कर रहे हैं तो मधुमेह की डाइट में इसे शामिल करने से पहले डॉक्टरी सलाह भी जरूर लें।

2. हृदय स्वास्थ्य के लिए

हृदय स्वास्थ्य बेहतर करने में भी कृष्णा फल के फायदे हो सकते हैं। इसमें पोटेशियम की समृद्ध मात्रा होती है। यह शरीर में इलेक्ट्रोलाइट (Electrolyte – एक प्रकार का तरल पदार्थ) संतुलन और पूरे शरीर की मांसपेशियों के कार्य को नियंत्रित कर सकता है, जिसमें हृदय की मांसपेशियां भी शामिल हैं। साथ ही इसका छिलका भी हृदय स्वास्थ्य के लिए प्रभावकारी हो सकता है। खासतौर यह मधुमेह के मरीजों में हृदय रोग के जोखिम को कम करने में सहायक हो सकता है। इस आधार पर पैशन फ्रूट का यह गुण हृदय की मांसपेशियां नियंत्रित करके हृदय की गति (Heartbeat) संतुलित बनाए रखने में भी मदद कर सकता है। साथ ही इसमें फाइबर मौजूद होता है, जो अच्छे कोलेस्ट्रॉल (HDL) को बढ़ाने में और हानिकारक कोलेस्ट्रॉल (LDL) को कम करने में सहायक हो सकता है (2)।

बता दें कि कोलेस्ट्रॉल का बढ़ना भी हृदय रोग का जोखिम कारक हो सकता है (3)। इसके अलावा, एनसीबीआई (नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इंफॉर्मेशन) पर प्रकाशित एक शोध के अनुसार, इसके रस में एस्कॉर्बिक एसिड और एंटीऑक्सीडेंट गुण भी होते हैं, जो हृदय रोग के जोखिम को कम करने में प्रभावकारी हो सकते हैं (4)।

3. कैंसर का जोखिम कम करे

पैशन फ्रूट के जूस में एंटी कैंसर गुण होता है, जो गैस्ट्रिक कैंसर से बचाव कर सकता है। इसके अलावा, पैशन फ्रूट में विटामिन ए और सी हैं जो एंटीऑक्सीडेंट प्रभाव प्रदर्शित कर फ्री रेडिकल्स (हानिकारक मुक्त कण) को बेअसर करके कैंसर से सुरक्षा प्रदान कर सकते हैं। इसमें मौजूद फ्लेवोनोइड्स भी शरीर को कैंसर से बचाने में मदद कर सकते हैं (2)। हालांकि, कैंसर एक गंभीर बीमारी है, ऐसे में इसके इलाज के लिए डॉक्टरी चिकित्सा को ही प्राथमिकता दें। हां, डॉक्टरी सलाह पर इसे आहार का हिस्सा बनाया जा सकता है।

4. रक्त परिसंचरण (ब्लड सर्कुलेशन) में सुधार करे

पैशन फ्रूट के बीज में पिसेटानॉल (Piceatannol) और स्किर्पुसिन बी (Scirpusin B) नामक कंपाउंड होते हैं। यह हृदय रोगों के साथ रक्त वाहिकाओं की देखरेख में मदद कर सकते हैं। ये एक प्रकार के पॉलीफेनोल्स होते हैं, जिनमें एंटीऑक्सीडेंट और रक्त वाहिकाओं को आराम पहुंचाने वाला वैसोरेलैक्सिंग (Vasorelaxing) गुण होते हैं (5)।

वहीं, ऐसा माना जाता है कि वैसोरेलैक्सिंग प्रभाव रक्त वाहिकाओं को आराम पहुंचाने के साथ ही ब्लड सर्कुलेशन को भी बढ़ा सकता है (6)। इस आधार पर ऐसा कहा जा सकता है कि इसका यह गुण रक्त परिसंचरण बेहतर करने में मददगार हो सकता है।

5. वजन घटाए

वजन घटाने के उपाय में भी पैशन फ्रूट के फायदे देखे जा सकते हैं। दरअसल, पैशन फ्रूट के छिलके के आटे के अर्क में एंटीऑक्सीडेंट गुण होता है। इसका यह गुण आसानी से शरीर के बढ़े हुए वजन, वसा के जमाव व ग्लूकोज टॉलरेंस में सुधार कर सकता है। जिस वजह से यह वजन बढ़ाने वाले खाद्य (Cafeteria Diet) के कारण हुए चयापचय संबंधी विकार दूर करने में मदद कर सकता है (7)। ऐसे में इस फल को वजन घटाने की डाइट में शामिल करना लाभकारी हो सकता है। हालांकि, इसके साथ संतुलित आहार और वजन घटाने के लिए एक्सरसाइज व योग भी आवश्यक है।

6. पाचन के लिए

पैशन फ्रूट में मौजूद फाइबर मल त्याग की प्रक्रिया आसान करके पाचन तंत्र को साफ करने में मदद कर सकता है। साथ ही कृष्णा फल का जूस पाचन क्रिया को बढ़ाने में मदद करने के साथ-साथ गैस्ट्रिक कैंसर के जोखिम को भी कम करने में सहायक हो सकता है। इतना ही नहीं, कृष्‍णा फल का सेवन कब्ज से राहत पाने के लिए भी किया जा सकता है (2)।

7. नींद के लिए

पैशन फ्रूट और उसके फूल में मौजूद फ्लेवोनॉयड्स (Flavonoids) में मस्तिष्क को शांत करने वाला (Sedative) प्रभाव होता है। साथ ही यह अनिद्रा की समस्या दूर कर सकता है (1)। इतना ही नहीं, पैशन फ्रूट में मांसपेशियों को आराम (Muscle-Relaxant Properties) पहुंचाने का भी गुण होता है (8)। इसके अलावा, कृष्णा फल चिंता (Anxiety) की समस्या और अन्य मानसिक परेशानियां कम करके भी नींद बढ़ाने में मदद कर सकता है (9)। इस आधार पर कहा जा सकता है कि अच्छी नींद के लिए घरेलू उपाय के तौर पर कृष्णा फल को आहार में शामिल करना लाभकारी हो सकता है। हालांकि, अगर नींद से जुड़ी समस्या गंभीर है, तो डॉक्टरी सलाह लें।

8. इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए

एनसीबीआई के शोध के अनुसार, इसके फल और जूस का इस्तेमाल प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करने (Strengthening Immunity) के लिए किया जा सकता है (1)। इसके अलावा, पैशन फ्रूट को इम्यूनिटी बढ़ाने वाले फलों की लिस्ट में भी शामिल किया जाता है। दरअसल, इस फल में विटामिन ए और सी के साथ ही बीटा कैरोटीन जैसे पोषक तत्व होते हैं, जो इम्यूनिटी बढ़ाने में लाभकारी माने जा सकते हैं (9)। वहीं, अगर इसमें शामिल विटामिन सी के गुणों की बात करें, तो विटामिन सी एक प्रकार का एंटीऑक्सीडेंट होता है, जो शरीर में आयरन के अवशोषण को बढ़ावा देने के साथ-साथ रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में मदद कर सकता है (10)।

9 गर्भावस्था के लिए

गर्भावस्था में होने वाले हार्मोनल बदलाव न सिर्फ पाचन तंत्र को धीमा कर सकते हैं, बल्कि मलाशय पर भी दबाव बना सकता है। जिस वजह से गर्भावस्था में कब्ज की समस्या हो सकती है। ऐसे में इसके उपचार में कब्ज युक्त आहार खाना लाभकारी हो सकता है (11)। वहीं, कृष्णा फल का नाम डायटरी फाइबर फ्रूट्स की लिस्ट में भी शामिल है। यही वजह है कृष्‍णा फल के फायदे में अगली जानकारी गर्भावस्था से जुड़ी है। इसके फाइबर के गुण बॉवेल मूवमेंट को बेहतर बनाकर कब्ज, इरिटेबल बॉवेल सिंड्रोम और बॉवेल कैंसर जैसी समस्याओं से बचाव कर सकता है (12)। इसके अलावा, हमने ऊपर पहले ही जानकारी दी है कि लोग पैशन फ्रूट का सेवन कब्ज की समस्या से राहत पाने के लिए करते आ रहे हैं। इस आधार पर गर्भवती महिलाएं कब्ज से बचाव करने के लिए पैशन फ्रूट का सेवन कर सकती हैं।

इसके अलावा, गर्भावस्था के पहले और दौरान भी महिलाओं के शारीरिक स्वास्थ्य के लिए फोलेट आवश्यक तत्व माना जाता है। वहीं, पैशन फ्रूट में फोलेट की भी मात्रा होती है। जो भ्रूण के विकास और साथ ही शिशुओं में न्यूरल ट्यूब डिफेक्ट (Neural Tube Defects) के जोखिम को भी कम सकता है (13)।

नोट : कुछ अध्ययनों के अनुसार, पैशन फ्रूट का फूल गर्भावस्था के लिए जोखिम भरा हो सकता है (14)। ऐसे में बेहतर है कि गर्भवती महिलाएं कृष्णा फल का सेवन करने से पहले डॉक्टरी सलाह भी जरूर लें।

10. मजबूत हड्डियों के लिए

पैशन फ्रूट के फायदे हड्डियों के स्वास्थ्य में भी प्रभाकारी हो सकते हैं। दरअसल, ऑस्टियोआर्थराइटिस (Osteoarthritis – हड्डियों से जुड़ी बीमारी) के रोगियों पर किए गए अध्ययन में पाया गया कि इसके फल के छिलके के अर्क का एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण ऑस्टियोआर्थराइटिस के कारण होने वाले हड्डियों में दर्द, जकड़न जैसे अन्य लक्षणों में सुधार कर सकता है (1)। वहीं, जैसा कि लेख में बता चुके हैं कि इसमें सोडियम, पोटेशियम और मैग्नीशियम जैसे मिनरल्स होते हैं, जो हड्डियों के घनत्व को बनाए रखने में मदद कर सकते हैं और ऑस्टियोपोरोसिस से बचाव करने में प्रभावकारी हो सकते हैं (15)।

11. अस्थमा के लिए

सांस संबंधी बीमारियों के उपचार के लिए भी कृष्णा फल के फायदे देखे जा सकते हैं। इसके अर्क में मौजूद बायो फ्लेवोनोइड्स (Bioflavonoids) श्वसन प्रणाली पर सकारात्मक प्रभाव डाल सकते है। एनसीबीआई की वेबसाइट पर प्रकाशित शोध में इस बात की पुष्टि हुई है कि कृष्णा फल के छिलके के अर्क के सेवन से अस्थमा के मरीजों के लक्षणों जैसे – घरघराहट और खांसी की समस्या और सांस फूलने की समस्या में सुधार देखा गया है (16)। ऐसे में यह कहना गलत नहीं होगा कि अस्थमा या खांसी के साथ ही विभिन्न कीटाणुओं के कारण गले से जुड़ी समस्या का घरेलू उपचार करने में कृष्णा फल का जूस पीना लाभकारी हो सकता है।

12. याददाश्त के लिए

लंबे समय से चली आ रही अनिद्रा की समस्या मस्तिष्क के कार्य को प्रभावित कर सकती है, जो अल्जाइमर रोग (भूलने की बीमारी) का कारण भी बन सकती है (17)। वहीं, कृष्णा फल में विटेक्सिन (Vitexin) नामक एक घटक होता है, जो नींद की गुणवत्ता बढ़ा सकता है। यह सीखने, याद रखने और मनोदशा में होने वाले बदलाव को नियंत्रित करने वाली कुछ न्यूरॉन्स कोशिकाओं (Hippocampal Neurogenesis) को भी बढ़ावा दे सकता है। इससे याददाश्त में सुधार हो सकता है और अल्जाइमर रोग का जोखिम कम हो सकता है (18)। ऐसे में कह सकते हैं कि पैशन फ्रूट के फायदे में चिंता जैसी मानसिक समस्याओं को कम करके संज्ञानात्मक स्वास्थ्य और याददाश्त में सुधार करना भी शामिल है।

13. त्वचा के लिए

अंदरूनी शारीरिक स्वास्थ्य के साथ ही शरीर का बाहरी रूप स्वस्थ रहना भी जरूरी है। यहां पर बाहरी स्वास्थ्य से हमारा मतलब स्वस्थ त्वचा से है। कुछ अध्ययनों में इसका जिक्र मिलता है कि पैशन फ्रूट के फायदे त्वचा को पोषण प्रदान करने में भी मदद कर सकते हैं। साथ ही यह बढ़ती उम्र की समस्याएं भी कम कर सकता है। जिस वजह से इसके बीज से बने तेल का इस्तेमाल त्वचा को पोषण देने वाले, एंटी-रिंकल्स (झुर्रियां )व त्वचा की रंगत निखारने वाली क्रीम (Whitening) के रूप में भी किया जा सकता है (1)। साथ ही इसमें एंटी फंगल और एंटी इंफ्लेमेटरी गुण भी होते हैं, जो कई प्रकार के फंगल इंफेक्शन और स्किन इन्फ्लेमेशन यानी त्वचा के सूजन से जुड़ी समस्या के उपचार में प्रभावकारी हो सकते हैं (19)।

आगे पढ़ें

इस भाग में हम कृष्णा फल में मौजूद पौष्टिक तत्व और उनकी मात्रा की जानकारी दे रहे है।

कृष्णा फल (पैशन फ्रूट) के पौष्टिक तत्व – Passion Fruit Nutritional Value in Hindi

नीचे हम प्रति 100 ग्राम की मात्रा में कृष्णा फल में शामिल पौष्टिक तत्वों की मात्रा बता रहे हैं। जो कुछ इस प्रकार हैं (20):

पौष्टिक तत्वमात्रा प्रति 100 ग्राम
पानी72.9 g
ऊर्जा97 kcal
ऊर्जा406 kJ
प्रोटीन2.2 g
टोटल लिपिड (फेट)0.7 g
ऐश0.8 g
कार्बोहाइड्रेट23.4 g
फाइबर, टोटल डाइटरी10.4 g
शुगर11.2 g
कैल्शियम12 mg
आयरन1.6 mg
मैग्नीशियम29 mg
फास्फोरस68 mg
पोटेशियम348 mg
सोडियम28 mg
जिंक0.1 mg
कॉपर0.086 mg
सिलेनियम0.6 µg
विटामिन सी, टोटल एस्कॉर्बिक एसिड30 mg
राइबोफ्लेविन0.13 mg
नियासिन1.5 mg
विटामिन बी60.1 mg
फोलेट, टोटल14 µg
कोलीन, टोटल7.6 mg
विटामिन ए (आरएई)64 µg
कैरेटिन, बीटा743 µg
क्रिप्टॉक्सेन्थिन, बीटा41 µg
विटामिन ए (IU)1270 IU
विटामिन ई (अल्फा-टोकोफेरोल)0.02 mg
विटामिन के (फिलोक्विनोन)0.07 µg
फैटी एसिड, टोटल सैचुरेटेड0.059 g
फैटी एसिड, टोटल मोनोसैचुरेटेड0.086 g
फैटी एसिड, टोटल पॉलीअनसैचुरेटेड0.411 g

पढ़ते रहें

पैशन फ्रूट का उपयोग कब और कैसे करें, यह जानने के लिए नीचे पढ़ें।

कृष्णा फल (पैशन फ्रूट) का उपयोग – How to Use Passion Fruit in Hindi

पैशन फ्रूट या कृष्णा फल का सेवन करने से पहले उसे अच्छे से धोना न भूलें। आप इसे किस तरह से अपने आहार में शामिल करके खा सकते हैं, इसके कई तरीके हमने यहां पर बताए हैं, जानने के लिए नीचे स्क्रॉल करें (1)।

कैसे खाएं :

  • पैशन फ्रूट का ताजा फल धोकर खा सकते हैं।
  • इसके ताजे फल का जूस बनाकर भी पी सकते हैं।
  • पैशन फ्रूट का सेवन विभिन्न बेकरी उत्पाद जैसे:- केक, आईस क्रीम, जैम, जेली बनाने के लिए भी किया जा सकता है।
  • कृष्णा फल को दही के साथ भी खाया जा सकता है।
  • पैशन फ्रूट का सेवन कई तरह के पेय जैसे:- चाय, सिरका या सूप बनाने के लिए भी किया जा सकता है।
  • कृष्णा फल के फायदे पाने के लिए मसाला सॉस बनाने में भी इसका इस्तेमाल किया जा सकता है।
  • इसके फल के पतले टुकड़े करके इसे फ्रूट सलाद में भी शामिल किया जा सकता है।
  • डॉक्टरी सलाह पर इसका सप्लीमेंट भी लिया जा सकता है।

कब खाएं :

  • पैशन फ्रूट का सेवन सुबह के समय नाश्ते में किया जा सकता है।
  • दोपहर के भोजन के बाद भी इसके जूस का सेवन कर सकते हैं।
  • रात के भोजन के समय सलाद बनाकर भी इसका सेवन किया जा सकता है।

कितना खाएं :

प्रतिदिन छोटे से मध्यम आकार (10 से 15 ग्राम) के एक कृष्णा फल का सेवन किया जा सकता है (1)। हालांकि, उम्र और स्वास्थ्य स्थिति के अनुसार इसके सेवन की मात्रा में बदलाव हो सकता है। इसलिए बेहतर है इसके सेवन से पहले इसकी मात्रा के बारे में डॉक्टरी सलाह भी ली जाए।

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आगे हमने कृष्णा फल खरीदने और इसके रखरखाव से जुड़ी जानकारी साझा की है।

कृष्णा फल (पैशन फ्रूट) का चयन कैसे करें और लंबे समय तक सुरक्षित कैसे रखें?

कृष्णा फल को हमेशा ताजा ही खाएं। लंबे समय तक इसे सुरक्षित रखना है तो इसे पॉलिथीन बैग में रख कर 7 से 9 डिग्री सेल्सियस के तापमान पर फ्रिज में स्टोर करके रख सकते हैं। इस तरह इसे 3 हफ्तों के लिए स्टोर करके रखा जा सकता है (21)।

अंत तक पढ़ें

चलिए, अंत में कृष्‍णा फल के नुकसान भी जानते हैं।

कृष्णा फल (पैशन फ्रूट) के नुकसान – Side Effects of Passion Fruit in Hindi

कृष्‍णा फल के नुकसान समझने के लिए आप यह भाग पढ़ें। यहां कृष्‍णा फल के नुकसान की जानकारी विस्तार से दी गई है।

  • विषाक्तता – पैशन फ्रूट में सेयानोजेनिक ग्लाइकोसाइड्स (Cyanogenic Glycosides) नामक कंपाउंड भी होता है। यह एक प्रकार का जहरीला रसायन होता है, जिस वजह से इसके अधिक सेवन से कुछ मामलों में पैशन फ्रूट विषाक्तता का कारण भी बन सकता है (24)।
  • लो शुगर होना – जैसा लेख में बता चुके हैं कि पैशन फ्रूट के फायदे खून में मौजूद रक्त का स्तर घटाने में मदद कर सकता है (2)। ऐसे में मधुमेह की दवाइयों के सेवन के साथ कृष्णा फल का सेवन शुगर की मात्रा को जरूरत से ज्यादा कम कर सकता है। इसलिए मधुमेह रोगी इसके सेवन से पहले डॉक्टरी सलाह भी जरूर लें और नियमित अपने शुगर लेवल की जांच करते रहें।

तो दोस्तों, अगर आप किसी पोषण से भरपूर फल की तलाश में हैं, तो कृष्णा फल के फायदे के लिए कृष्णा फल का सेवन अच्छा विकल्प हो सकता है। इस लेख में हमने पैशन फ्रूट के फायदे के साथ ही कृष्णा फल के नुकसान की भी जानकारी विस्तार से दी है। अगर आप स्वास्थ्य के लिए पैशन फ्रूट के लाभ पाना चाहते हैं, तो उचित मात्रा में इसका सेवन कर सकते हैं। साथ ही इसे अपने आहार में विभिन्न रूप से शामिल भी कर सकते हैं। वहीं, अगर किसी को स्वास्थ्य संबंधी कोई गंभीर समस्या हो या नए खाद्य पदार्थों से एलर्जी की परेशानी रही हो तो इसका सेवन करने से पहले डॉक्टरी सलाह जरूर लें। उम्मीद है यह लेख आपको पसंद आया होगा। तो इसे अन्य लोगों के साथ साझा कर हर किसी को पैशन फ्रूट से जुड़ी जानकारी से अवगत कराएं।

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

क्या मैं हर रोज पैशन फ्रूट खा सकता हूं?

सीमित मात्रा में आप हर रोज इस फल का सेवन कर सकते हैं (1)। हालांकि, अगर किसी को स्वास्थ्य संबंधी समस्या हो तो इसके सेवन से पहल डॉक्टरी सलाह जरूर लें। साथ ही उम्र के हिसाब से इसकी मात्रा से जुड़ी जानकारी के लिए विशेषज्ञ की सलाह ले सकते हैं।

पैशन फ्रूट की तासीर कैसी होती है?

पैशन फ्रूट की तासीर कैसी होती है, इस बारे में उचित अध्ययन मौजूद नहीं हैं। हालांकि, इसे ठंडी तासीर माना जाता है।

यह कैसे पता करें कि कृष्णा फल अब खाने योग्य हो गया है?

कच्चा पैशन फ्रूट हरा रंग का होता है। जब इसका हरा रंग पीला, बैंगनी या लाल हो जाए, तो यह पक जाता है और इसे खाने योग्य माना जा सकता है। आमतौर पर, फूल लगने के 70 से 80 दिनों में इसका फल खाने योग्य तैयार हो जाता है (21)।

कृष्णा फल के पौधे को बड़ा होने में कितना समय लगता है?

बीज के जरिए उगाए गए पैशन फ्रूट के पौधे में फल लगने में 10 से 12 महीने तक का समय लग सकता है (2)।

कृष्णा फल को अन्य भाषाओं में किन नामों से जाना जाता है?

कृष्णा फल को अलग-अलग स्थानीय भाषाओं में ग्रैनाडिला, पर्च, पर्चिता, पैराचिटमारैकुइया, सीबे, जैसे नामों से जाना जाता है (2)।

क्या पैशन फ्रूट एक सीजनल फ्रूट यानी मौसमी फल है?

हां, कृष्णा फल एक सीजनल फ्रूट है। इसके पौधों में फूल लगने के दो समय होते हैं, पहला मई से जून के बीच और दूसरा सितंबर से अक्टूबर के बीच का। जो आमतौर पर जलवायु की स्थिति पर निर्भर करते हैं (21)। इस वजह से इसे सीजन फल माना जा सकता है।

क्या पैशन फ्रूट सांस संबंधी बीमारियों के इलाज में मदद कर सकता है?

पैशन फ्रूट के फायदे सांस से संबंधित कई बीमारियों शामिल है, जैसे – खांसी, अस्थमा, गले से घरघराहट की आवाज आना और अन्य गले के संक्रमण (16)। हालांकि, पैशन फ्रूट के सेवन से इनसे बचाव या समस्या थोड़ी कम हो सकती है। वहीं, अगर परेशानी ज्यादा हो तो डॉक्टरी सलाह जरूर लें।

References

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