Medically Reviewed By Dr. Zeel Gandhi, BAMS
Written by , (शिक्षा- बैचलर ऑफ जर्नलिज्म एंड मीडिया कम्युनिकेशन)

पीरियड्स यानी मासिक धर्म हर महिला के शरीर की प्राकृतिक क्रिया है। कभी-कभी महिलाओं को मासिक धर्म में देरी की समस्या से भी गुजरना पड़ता है। पीरियड्स में देरी होने से यह कई बार पीड़ादायक हो जाता है और पार्टी, पूजा व त्योहार का सारा मजा किरकिरा कर देता है। यूं तो आजकल महिलाएं दवाइयों से पीरियड्स को जल्दी या देरी से लाने की कोशिश करती हैं, लेकिन इनका असर स्वास्थ्य पर भी पड़ सकता है। ऐसे में महिलाओं को दवाइयों की जगह सही समय पर पीरियड्स लाने के नुस्खे आजमाने चाहिए। स्टाइलक्रेज के इस लेख में हम पीरियड्स समय पर लाने के उपाय बता रहे हैं।

शुरू करते हैं लेख

विषय सूची


    अब विस्तार से मासिक धर्म में देरी के बारे में जानते हैं। 

    मुझे पीरियड्स देरी से क्यों आते हैं – Why Is My Period So Late

    मासिक धर्म न आने व देरी से आने का एकमात्र कारण यह नहीं है कि आप गर्भवती हैं। गर्भावस्था के अलावा भी कई कारणों से मासिक धर्म नहीं होते या यूं कहें कि देरी से होते हैं। इसमें हॉर्मोन में होने वाले बदलाव से लेकर खराब दिनचर्या शामिल है, जिनके बारे में हम आपको आगे विस्तार से बता रहे हैं (1)

    स्क्रॉल करें

    अब विस्तार से बात करते हैं मासिक धर्म में देरी के कारण के बारे में।

    मासिक धर्म में देरी के कारण – Common Causes for Late Periods in Hindi

    मासिक धर्म में देरी होने के कारण जानकर इस परेशानी को दूर किया जा सकता है। इसके कारण कुछ इस प्रकार हैं (2) (3) (4)

    • हॉर्मोन में बदलाव
    • तनाव
    • धूम्रपान
    • पीसीओएस (पॉलिस्टिक ओवरी सिंड्रोम)
    • पोषक तत्व की कमी
    • चिंता और मिर्गी के दौरे की दवाई
    • थायराइड
    • खून में प्रोलैक्टिन हॉर्मोन की उच्च मात्रा
    • पेल्विक इन्फ्लेमेटरी डिजीज यानी प्रजनन अंगों का संक्रमण
    • टाइप 1 और टाइप 2 डायबिटीज
    • मोटापे के कारण बनने वाला एस्ट्रोजन हॉर्मोन

    लक्षण जानें

    पीरियड्स से जुड़ी अन्य जरूरी जानकारी के लिए लेख का अगला हिस्सा पढ़ें।

    मासिक धर्म आने के लक्षण – Symptoms Your Period Is Coming in Hindi 

    महिलाओं के लिए पीरियड्स का समय आसान नहीं होता, बल्कि पीरियड्स आने के कुछ दिन पहले से ही उनमें पीरियड्स के कुछ लक्षण नजर आने लगते हैं। यह कुछ इस प्रकार हैं :

    • भूख न लगना – कुछ महिलाओं को पीरियड्स के पहले या पीरियड्स के दौरान खाने की इच्छा नहीं होती है (5)
    • मूड स्विंग्स होना – पीरियड्स से पहले महिलाओं के व्यवहार में भी परिवर्तन होता है (5)। कई महिलाएं चिड़चिड़ी हो जाती हैं और कुछ ज्यादा भावुक हो जाती हैं (6)
    • ऐंठन होना – पीरियड्स होने का एक लक्षण दर्द भी है (5)। कई महिलाओं को पीरियड्स के दौरान पेट, कमर और शरीर के निचले हिस्से में ऐंठन की समस्या होती है (6)
    • सिरदर्द और उल्टी होना – कुछ महिलाओं को पीरियड्स के कुछ दिन पहले से ही सिरदर्द की भी शिकायत होने लगती है। सिरदर्द के अलावा कुछ महिलाओं को उल्टी भी होती है (6)
    • शरीर का अतिसंवेदनशील होना – पीरियड्स से पहले हॉर्मोनल बदलाव के कारण शरीर संवेदनशील हो जाता है। कुछ महिलाओं को स्तनों में दर्द और असहजता महसूस होती है (6)

    पढ़ते रहें यह लेख

    अब बात करते हैं पीरियड्स जल्दी लाने के तरीकों के बारे में।

    पीरियड्स (मासिक धर्म) लाने के घरेलू उपाय/ देरी से पीरिययड्स आने के उपाय – Home Remedies for Periods Problem in Hindi

    वैसे तो माहवारी लाने की दवाएं भी होती हैं, लेकिन यहां हम मासिक धर्म सही समय पर लाने के कुछ घरेलू उपायों के बारे में बता रहे हैं। इनकी मदद से मासिक धर्म से जुड़ी परेशानियों, जैसे – दर्द व अनियमितता आदि को कम किया जा सकता है। 

    1. सौंफ

    सामग्री :

    • एक चम्मच सौंफ
    • चार कप पानी

    उपयोग का तरीका :

    • एक बर्तन में पानी और सौंफ डालकर उसे पांच से दस मिनट तक उबालें।
    • फिर इसे छानकर पानी को ठंडा कर लें।
    • इस मिश्रण को दिन भर थोड़ी-थोड़ी देर बाद पीते रहें।

    कैसे लाभदायक है :

    सौंफ खाने के फायदे के बारे में सभी जानते हैं, लेकिन क्या आपको पता है कि पीरियड्स समय पर लाने में भी सौंफ मददगार हो सकता है। दरअसल, सौंफ एस्ट्रोजेनिक एजेंट की तरह काम करता है, जिससे मासिक धर्म को जल्दी लाने में मदद मिल सकती है (7)

    साथ ही सौंफ में एम्मेनागॉग (Emmenagogue) प्रभाव होता है, जो ब्लड फ्लो को बढ़ाता है। इस इफेक्ट के कारण पीरियड्स समय पर आ सकते हैं (7)। यह गर्भाशय में पैदा होने वाले संकुचन को भी कम करता है, जिससे मासिक धर्म के दौरान होने वाले दर्द से भी राहत मिल सकती है (8)। इस आधार पर सौंफ को पीरियड लाने का उपाय माना जा सकता है।

    2. पपीता

    सामग्री :

    • एक कटोरी कच्चा पपीता

    उपयोग का तरीका :

    • मासिक धर्म की तारीख से एक-दो हफ्ते पहले पपीता खाना शुरू कर दें।
    • जब तक पीरियड्स न आएं, तब तक इसे खा सकते हैं।

    कैसे लाभदायक है :

    हरे पपीते में गर्भाशय की मांसपेशियों के संकुचन को नियंत्रित करने का गुण होता है। इससे मासिक धर्म समय पर हो सकते हैं। साथ ही अगर किसी का मासिक धर्म चक्र तनाव के कारण रुक जाता है, तब भी कच्चा पपीता पीरियड्स को रेगुलर करने में मदद कर सकता है (9)

    3. हल्दी 

    सामग्री :

    • एक चम्मच हल्दी पाउडर
    • एक गिलास गर्म पानी

    उपयोग का तरीका :

    • एक गिलास गर्म पानी में एक चम्मच हल्दी पाउडर डालें।
    • अब इन दोनों को अच्छे से मिला लें।
    • पीरियड्स की डेट से 10-15 दिन पहले इसे रोज पिएं।

    कैसे लाभदायक है :

    मासिक धर्म न आने में हल्दी का उपयोग भी किया जा सकता है। हल्दी को वर्षों से आयुर्वेदिक औषधि के रूप में मासिक धर्म नियमित करने के लिए इस्तेमाल किया जाता रहा है (10)। दरअसल, हल्दी में एम्मेनागॉग (Emmenagogue) प्रभाव होता है, जो ब्लड फ्लो को बढ़ा सकता है। इसके अलावा, यह हॉर्मोन्स को बैलेंस करने और पीरियड्स के दर्द को कम करने में सहायक हो सकता है (9)

    4. अदरक 

    सामग्री :

    • आधा चम्मच अदरक का रस
    • एक चौथाई चम्मच शहद

    उपयोग का तरीका :

    • पहले अदरक के टुकड़े का रस निकाल लें।
    • अब इसमें शहद मिला लें।
    • इस मिश्रण को मासिक धर्म होने की डेट से एक हफ्ते पहले खाना शुरू करें।

    कैसे लाभदायक है :

    अदरक का उपयोग कई तरह की स्वास्थ्य समस्याओं के लिए घरेलू उपाय के तौर पर किया जाता रहा है। ऐसे में अनियमित या देरी से पीरियड आने की परेशानी में भी इसका उपयोग किया जा सकता है। एक रिसर्च पेपर में यह पाया गया है कि आयुर्वेद में काफी समय से अदरक का इस्तेमाल मासिक धर्म में होने वाली देरी को दूर करने के लिए किया जाता रहा है (9)। हालांकि, यह स्पष्ट नहीं है कि ऐसा इसके कौन से गुण के कारण होता है।

    5. दालचीनी

    सामग्री :

    • आधा चम्मच दालचीनी पाउडर
    • एक गिलास दूध

    उपयोग का तरीका :

    • दोनों सामग्रियों को मिला लें।
    • अब इसे रोजाना पिएं।
    • वैकल्पिक रूप से पीरियड्स आने से पहले दालचीनी की चाय भी पी सकते हैं।

    कैसे लाभदायक है :

    दालचीनी शरीर के तापमान को बढ़ाती है, जिससे पीरियड्स के समय पर या फिर जल्दी होने की संभावना बढ़ सकती है। साथ ही इसमें हाइड्रोक्सीचैल्कोन (Hydroxychalcone) कंपाउंड होता है, जो पीरियड्स को नियमित करने में सहायक हो सकता है (9)

    दालचीनी पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम यानी पीसीओए के कारण अनियमित होने वाले मासिक चक्र को भी ठीक कर सकती है (11)। यहां तक कि दालचीनी के उपयोग से मासिक धर्म में होने वाले दर्द को कम करने और अधिक रक्तस्त्राव को कंट्रोल करने में भी मदद मिल सकती है (12)। इस तरह दालचीनी को पीरियड लाने का उपाय में शामिल किया जा सकता है।

    6. गाजर 

    सामग्रीः

    • दो ताजा गाजर

    उपयोग का तरीका :

    • गाजर को काटकर उसे पीस लें।
    • अब इसे छानकर जूस निकाल लें।
    • रोजाना इसी तरह जूस निकालकर पिएं।
    • वैकल्पिक रूप से रोजाना गाजर को काटकर भी खा सकते हैं।

    कैसे लाभदायक है :

    गाजर में बीटा-कैरोटीन और कैरोटीन जैसे तत्व होते हैं। इनकी कमी के कारण मासिक धर्म अनियमित हो जाते हैं। इसी वजह से गाजर पीरियड्स को रेगुलेट करने में मदद कर सकता है (13)। इसके अलावा, गाजर के बीज भी पीरियड्स समय पर लाने में मदद कर सकते हैं (14)। यही कारण है कि गाजर को रुका हुआ पीरियड लाने की दवा माना जाता है।

    7. तिल के बीज

    सामग्री :

    • 60 ग्राम तिल के बीज का पाउडर
    • एक छोटा चम्मच शहद

    उपयोग का तरीका :

    • दोनों सामग्रियों को अच्छे से मिला लें।
    • अब रोजाना दिन में एक बार इसे नाश्ते से पहले खाएं।

    कैसे लाभदायक है :

    तिल के बीज का पाउडर का सेवन करने से मासिक चक्र समय पर आ सकता है। रिसर्च पेपर के मुताबिक, यह ऑलिगोमेनोरिया (Oligomenorrhea) यानी अनियमित मासिक धर्म को लाने में मदद कर सकता है (7)

    बताया जाता है कि यह पीरियड्स से संबंधित हॉर्मोन पर भी सकारात्मक प्रभाव दिखाता है। यह मासिक धर्म न आने वाली महिलाओं में रक्तस्राव को प्रेरित करके इसे नियमित बनाए रखने में मदद कर सकता है । इसलिए, मासिक धर्म ठीक करने के उपाय में तिल के बीज का नाम भी शामिल है।

    8. अजवायन के पत्ते (Parsley) 

    सामग्री :

    • 6 ग्राम सूखे अजवायन के पत्ते
    • उबला हुआ पीने का पानी

    उपयोग का तरीका :

    • सूखे अजवायन के पत्ते उबलते गर्म पानी में डाल दें और इस पानी को छानकर दिनभर में तीन बार लें।
    • इसे मासिक धर्म की तारीख से दस दिन पहले पीना शुरू कर दें।

    कैसे लाभदायक है :

    अजवायन का उपयोग एमेनोरिया से राहत पाने के लिए भी किया जा सकता है। दरअसल, मासिक धर्म का आना जब अचानक बंद हो जाता है, तो उसे एमेनोरिया (Amenorrhea) कहा जाता है (15)। एक रिसर्च पेपर के मुताबिक, इस परेशानी को अजवायन का सेवन करके दूर किया किया जा सकता है। साथ ही यह मासिक धर्म में होने वाले दर्द यानी डिसमेनोरिया को भी कम करने में फायदेमंद साबित हो सकता है (16)। रिसर्च में अजवायन का कौन-सा गुण इसमें मदद करता है इसका जिक्र नहीं किया गया है।

    9. अनानास 

    सामग्रीः

    • एक छिला हुआ अनानास

    उपयोग का तरीका :

    • अनानास को बारीक काटकर इसका जूस निकाल लें।
    • वैकल्पिक रूप से रोजाना एक कटोरी कटा हुआ अनानास खा सकते हैं।
    • पीरियड्स आने के कुछ दिन पहले रोज दोपहर में अनानस खाएं या जूस पिएं।

    कैसे लाभदायक है :

    सेहत के लिए अनानास के फायदे कई सारे हैं। उन्हीं में पीरियड्स की समस्या को दूर करना भी शामिल है। इसके उपयोग से मासिक धर्म में होने वाली देरी को दूर किया जा सकता है (17)। साथ ही अनानास का रस माहवारी के दौरान होने वाले दर्द से भी राहत दिला सकता है (18)। यह फायदेमंद है, यह तो रिसर्च कहती हैं, लेकिन कौन-से तत्व के कारण ऐसा होता है यह स्पष्ट नहीं है।

    10. एलोवेरा 

    सामग्री:

    उपयोग का तरीका :

    • मासिक धर्म की डेट के एक से दो हफ्ते पहले से इसे पिएं।
    • पीरियड्स न आने तक इसे पी सकते हैं।

    कैसे लाभदायक है :

    एलोवेरा जूस या एलोवेरा के फायदे सेहत के लिए कई सारे हैं। इन्हीं में से एक फायदा है अनियमित पीरियड्स की स्थिति में सुधार। एक रिसर्च पेपर में एलोवेरा को एमीनोरेया यानी पीरियड्स न होने की समस्या में उपयोगी पाया गया है। दरअसल, यह हॉर्मोन्स को रेगुलेट करके फायदा पहुंचाता है (19)

    ऐसे में अगर मासिक धर्म में देरी होने से परेशान हैं, तो एलोवेरा को एक औषधि के रूप में सेवन करके इसके परिणाम को अनुभव कर सकते हैं। अगर किसी को एलोवेरा से एलर्जी है, तो इसके उपयोग से बचें।

    11. अनार

    सामग्री :

    • एक कटोरी छिला हुआ अनार

    उपयोग का तरीका :

    • दैनिक आहार में अनार को शामिल करें।

    कैसे लाभदायक है : 

    अनार एक पौष्टिक फल है, जिसका उपयोग कई स्वास्थ्य समस्याओं के लिए किया जा सकता है। ऐसे में मासिक धर्म में देरी की समस्या में भी यह उपयोगी हो सकता है। दरअसल, एमेनोरिया के मरीजों को इस समस्या से राहत के लिए अनार का सेवन करने की सलाह दी जा सकती है। ऐसे में यह मान सकते हैं कि पीरियड्स सही समय पर लाने में अनार फायदेमंद हो सकता है (17)। फिलहाल, यह किस तरह इसमें फायदा करता है इस पर अधिक शोध की आवश्यकता है।

    12. पोषक तत्व

    जैसे कि हमने पहले ही जानकारी दे दी है कि पोषक तत्वों की कमी भी पीरियड्स में देरी या अनियमित पीरियड का कारण हो सकती है (4)। ऐसे में पौष्टिक आहार को डाइट में शामिल करके इस परेशानी को कम किया जा सकता है (20)। इसके अलावा, पीरियड्स होने के पहले दिखने वाले लक्षणों के लिए भी पोषक तत्व उपयोगी हो सकते हैं (21)। ऐसे में अपने डाइट में ज्यादा से ज्यादा फलों और हरी सब्जियों को शामिल किया जा सकता है।

    13 . गर्म पानी का सेक

    पीरियड्स से एक-दो हफ्ते पहले निचले पेट पर गर्म पानी का सेक लेना भी उपयोगी हो सकता है। ऐसा माना जाता है कि गर्म पानी का सेक लेने से पीरियड्स जल्दी आ सकते हैं। इसके अलावा, इस स्थिति में गर्म पानी का सेवन भी लाभकारी हो सकता है। इतना ही नहीं, लोगों का यह भी मानना है कि इससे पीरियड्स के दर्द से भी काफी हद तक आराम मिल सकता है, लेकिन इस विषय पर वैज्ञानिक शोध की कमी है।

    नीचे भी पढ़ें

    पीरियड्स लेट होने पर घरेलू उपाय से समस्या हल न हो, तो डॉक्टर की सलाह लेना भी जरूरी है। 

    सही समय पर पीरियड्स लाने के लिए डॉक्टर की सलाह कब लेनी चाहिए 

    लेट पीरियड्स आने पर कब चिकित्सक से परामर्श लेना चाहिए, इसके बारे में जानना भी आवश्यक है। इसी वजह से हम आगे बता रहे हैं कि डॉक्टर से संपर्क कब करना चाहिए (3) (1)

    • सामान्य चक्र होने के बाद अगर अनियमित पीरियड्स होने शुरू हो जाएं।
    • मासिक चक्र की सीमा 24 दिन की तुलना में अधिक या 38 दिन की तुलना में कम हो जाए।
    • अगर काफी महीने से पीरियड्स नहीं हो रहे हों और गर्भवती भी न हों।
    • एक से ज्यादा पीरियड्स मिस होने पर।
    • यदि गंभीर दर्द या परेशानी में हैं, तो स्त्री रोग विशेषज्ञ से मिलना चाहिए।

    आगे और भी जानें

    आगे जानते हैं कि योग पीरियड्स लाने में फायदेमंद हो सकता है या नहीं। 

    सही समय पर पीरियड्स लाने के लिए योगासन – Yoga Asanas to Get Periods Sooner in Hindi

     ऐसे कई योगासन हैं, जिन्हें करने से शरीर में रक्त संचरण अच्छे से होता है। इससे पीरियड्स सही समय में लाने में मदद मिल सकती है। साथ ही योग स्ट्रेस को दूर करके और शरीर को रिलैक्स करके मासिक धर्म को नियमित करने में मदद कर सकता है। ऐसे ही कुछ योगासन के बारे में हम नीचे बता रहे हैं (9)

    1. मत्स्यासन – Matsyasana

    Matsyasana

    Image: Shutterstock

    मत्स्यासन को इंग्लिश में फिश पोज (Fish Pose) कहा जाता है। इस दौरान शरीर का आकार भी मछली जैसा दिखता है। यह पेट के श्रोणि यानी पेल्विस (पेट और जांघ) वाले हिस्से में रक्त की आपूर्ति को बढ़ाता है। इससे मासिक धर्म से संबंधित परेशानियों को दूर करने  में मदद मिल सकती है (22)

    विधि:

    • समतल जगह पर चटाई बिछा लें और पीठ के सहारे लेट जाएं।
    • अब दोनों पैर मोड़ लें और हाथों से टखनों को पकड़ लें।
    • अब गहरी सांस लें और सीने और गर्दन वाले हिस्से को ऊपर की ओर उठाएं।
    • ध्यान दें कि इस दौरान सिर जमीन से सटा ही रहेगा।
    • इस अवस्था के दौरान शरीर का भार सिर पर न डालें और सामान्य रूप से सांस लेते रहें।
    • कुछ सेकंड इस मुद्रा में रहें और फिर प्रारंभिक स्थिति में आ जाएं।
    • इस योगासन को तीन से चार बार कर सकते हैं।

    सावधानियांः

    • मत्स्यासन को करने से पहले पेट एकदम खाली होना चाहिए।
    • अगर कोई शारीरिक बीमारी है, तो आसन करने से पहले चिकित्सक की सलाह लें।

    2. हलासन

    Hallasan

    Image: Shutterstock

    हलासन के दौरान शरीर का आकार किसान के ‘हल’ जैसा दिखता है, जिस वजह इसे हलासन कहा जाता है। यह योगासन अनियमित पीरियड्स, इस दौरान होने वाले दर्द और अधिक ब्लड फ्लो को कम करने में फायदेमंद हो सकता है (9)

    विधि:

    • सबसे पहले समतल जगह पर एक योग मैट बिछा लें।
    • अब इस पर पीठ के बल सीधे लेट जाएं।
    • फिर अपने दोनों हाथों को शरीर से चिपका लें। इस दौरान हथेलियां जमीन की तरफ होंगी।
    • अब सांस लेते हुए पैरों को सीधे ऊपर की ओर उठाएं। ध्यान रहे कि पैर घुटनों से मुड़े नहीं।
    • अगर इस दौरान पैर ठीक तरीके से न उठें, तो हाथ से कमर को सहारा दें।
    • अब सांस छोड़ते हुए टांगों को धीरे-धीरे सिर के ऊपर से पीछे की तरफ ले जाएं।
    • फिर पैरों के अंगूठों से जमीन को छूने की कोशिश करें।
    • अब हाथों को कमर से हटाकर जमीन पर सीधा रखें और सामान्य गति से सांस लेते हुए मुद्रा में बने रहें।
    • कुछ सेकंड इस मुद्रा में रहने के बाद सांस लेते हु धीरे-धीरे पहले की अवस्था में वापस आ जाएं।
    • इस योगासन को तीन से चार बार तक किया जा सकता है।

     सावधानियांः

    • हर्निया के मरीज इस आसन को न करें।
    • बढ़े हुए रक्तचाप वालों को यह आसन करने से बचना चाहिए।

    3. धनुरासन – Dhanurasana

    Dhanurasana

    Image: Shutterstock

    धनुरासन को इंग्लिश में बो पोज (Bow Pose) कहा जाता है। इस दौरान शरीर का आकार धनुर यानी धनुष जैसा दिखता है। इसे पीरियड्स को नियमित करने में सहायक माना जाता है (23)। यह योगासन बॉडी रिलैक्स करने और तनाव को कम करके पीरियड्स आने में देरी को दूर कर सकता है (9)

    विधि:

    • किसी साफ जगह पर एक चटाई बिछाएं।
    • अब उस पर उल्टा यानी पेट के बल लेट जाएं।
    • फिर घुटनों को मोड़ें और दोनों हाथों से टखनों को मजबूती से पकड़ें।
    • अब सांस लेते हुए अपने सिर, सीने और जांघ को ऊपर की ओर उठाएं।
    • इस मुद्रा में शरीर धनुष जैसा दिखेगा।
    • सामान्य रूप से सांस लेते हुए क्षमता के अनुसार इस मुद्रा में बने रहें।
    • अब धीरे-धीरे सांस छोड़ते हुए प्रारंभिक मुद्रा में आ जाएं।
    • आप इस आसन को तीन से चार बार कर सकते हैं।

    सावधानियां:

    • दिल के मरीज यह आसन करने से बचें।
    • हाई बीपी वालों को यह आसान विशेषज्ञ की रेखदेख में ही करना चाहिए।
    • अगर पथरी की शिकायत हो, तो इसे न करें।
    • साइटिका से ग्रस्त व्यक्ति भी इसे करने से पहले विशेषज्ञ से सलाह लें।

    4. मालासन

    मालासन

    Image: Shutterstock

     मालासन को गारलैंड पोज (Garland Pose) भी कहते हैं। इसमें दोनों घुटनों को मोड़कर हिप्स को जमीन पर टिकाए बिना पैरों के भार बैठना होता है। यह योगासन पीसीओएस जैसे सिंड्रोम की समस्या को कम कर सकता है। हम ऊपर बता ही चुके हैं कि इस सिंड्रोम के कारण पीरियड्स अनियमित होते हैं (24)

    विधि:

    • सबसे पहले अपने घुटनों को मोड़कर ऐसे बैठ जाएं, जैसे आप किसी स्टूल या चौकी पर बैठे हों।
    • इस दौरान दोनों पैर जमीन से टिके और नितम्ब हवा में होने चाहिए।
    • ऐसे बैठने के बाद दोनों कोहनियों को अपने घुटनों पर टिका लें।
    • अब दोनों हाथों की हथेलियों को जोड़कर नमस्कार मुद्रा बनाएं।
    • इस दौरान धीरे-धीरे सांस लेते और छोड़ते रहें।
    • तीन से चार मिनट तक इस अवस्था में बैठें।
    • अब धीरे-धीरे हाथों को खोलते हुए प्रारंभिक मुद्रा में आ जाएं।
    • इसे तीन से चार बार दोहरा भी सकते हैं।

    सावधानियाः

    • अगर घुटनों में चोट या किसी का प्रकार का दर्द हो, तो इस आसन को न करें।
    • कमर दर्द से परेशान लोगों को भी इस आसन को करने से बचना चाहिए।

    5. शवासन

    savasanam

    Image: Shutterstock

    शवासन दो शब्दों से मिलकर बना है, शव और आसन। इस योगासन के दौरान व्यक्ति बिना हिलेडुले लेटा रहता है, इसलिए इसे शवासन कहा जाता है। यह स्ट्रेस को कम करने और पीरियड्स के दर्द को कम करने में मदद कर सकता है (22)

    विधि:

    • सबसे पहले मैट पर पीठ के बल लेट जाएं।
    • अब अपनी आंखें बंद कर लें।
    • अपने दोनों पैरों को एक दूसरे से थोड़ी दूरी पर रखें।
    • ध्यान रहे कि हाथ भी शरीर से थोड़ी दूरी पर हों।
    • इस दौरान पूरा शरीर रिलैक्स होना चाहिए और धीरे-धीरे सांस लेते और छोड़ते रहें।
    • अब पूरा ध्यान अपनी सांसों पर लगाएं।
    • इसे 5 से 10 मिनट तक कर सकते हैं।

    नोट : इन योगासनों को पीरियड्स की तय तिथि से कुछ दिन पहले रोज सुबह उठकर करें। अगर पहली बार योगासन कर रहे हैं, तो योगाचार्य की देखरेख में ही करें।

    पढ़ते रहें यह लेख

    आगे हम पीरियड्स लाने के टिप्स बता रहे हैं।

    पीरियड्स लाने के लिए कुछ और टिप्स – Other Tips to Get Periods Faster in Hindi

    मासिक धर्म समय पर लाने के उपायों के अलावा कुछ और टिप्स भी हैं, जिससे मासिक धर्म में देरी की समस्या को कुछ हद तक कम किया जा सकता है। यह टिप्स कुछ इस प्रकार हैं:

    • व्यायाम करें जैसे – दौड़ना, स्क्वाट्स, स्किपिंग और डांस आदि।
    • तनाव से दूर रहें, क्योंकि कभी-कभी तनाव के कारण हॉर्मोंस पर प्रभाव पड़ता है और पीरियड्स सही समय पर नहीं आते हैं।
    • सही पौष्टिक आहार का सेवन करें।

    सही समय पर पीरियड्स लाने के नुस्खे काफी आसान हैं। लेख में बताए गए इन सभी उपायों को अपना कर मासिक चक्र को समय पर लाया जा सकता है। इनके दुष्प्रभाव भी नहीं हैं, इसलिए इन्हें बेझिझक इस्तेमाल किया जा सकता है। हां, अगर इनमें से किसी भी चीज से एलर्जी हो, तो उसका उपयोग न करें। इन घरेलू उपायों के अलावा मासिक धर्म में देरी और अनियमितता को दूर करने के लिए लेख में दिए गए टिप्स भी अपना सकते हैं। अगर मासिक धर्म समय पर लाने के उपाय काम न करें, तो डॉक्टर से संपर्क जरूर करें।

    अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

    सही समय पर पीरियड्स लाने के लिए व्यायाम?

    सही समय पर पीरियड्स लाने के लिए आप वज्रासन, बद्धकोणासन, पश्चिमोत्तासन और धनुरासन कर सकते हैं (8)। इसके अलावा, लेख में ऊपर बताए गए योगासन भी कर सकते हैं।

    अगर समय पर पीरियड्स नहीं आ रहे हैं, तो क्या खाएं?

    ऊपर हम बता ही चुके हैं कि समय पर पीरियड्स लाने के लिए कॉफी, हल्दी व दालचीनी जैसी कई चीजों का उपयोग किया जा सकता है।

    पीरियड्स होने के कितने समय बाद गर्भवती होने की संभावना होती है?

    पीरियड्स होने के करीब 14 दिन बाद गर्भवती होने की संभावना अधिक होती है। सामान्य तौर पर मासिक धर्म का चक्र 28 दिनों का होता है। प्रत्येक मासिक चक्र के दौरान लगभग 6 दिन ऐसे होते हैं, जब महिला गर्भधारण कर सकती है (25)

    गर्भपात के बाद मासिक धर्म कब आना शुरू होते हैं?

    गर्भपात के बाद 25 से 64 दिन के अंदर मासिक धर्म आ सकते हैं। यह स्थिति गर्भावस्था की अवधि के हिसाब से अलग-अलग हो सकती है (26)

    गर्भाधारण न करने के लिए पीरियड्स को समय पर कैसे लाएं?

    बाजार में कई ऐसी दवा हैं, जिनसे 5 मिनट में मासिक धर्म लाया जा सकता है। इन दवाओं के कुछ साइड इफेक्ट भी हो सकते हैं, इसलिए इस मामले में चिकित्सक की सलाह लेनी चाहिए (27)

    पीरियड कितने दिन लेट हो सकता है?

    महिलाओं में मासिक चक्र नियमित होना चाहिए। सामान्यतः यह 28, 29 या 30 दिनों का होता है। पीरियड्स का थोड़ा बहुत आगे पीछे होना नॉर्मल है। कुछ स्वास्थ्य स्थितियों के चलते पीरियड साइकिल प्रभावित हो सकती है, जिसके बारे में लेख में ऊपर बताया गया है। पीरियड्स कितने दिन लेट हो सकता है, यह इसके कारण पर निर्भर करता है।

    कौन सी दवा 5 मिनट में मासिक धर्म ला सकती है?

    मासिक धर्म लाने के लिए कई दवाएं बाजार में उपलब्ध हैं, लेकिन इनका इस्तेमाल डॉक्टर के परामर्श के बाद करना ही बेहतर होगा। खुद से किसी दवा का सेवन करने की गलती न करें।

    5 मिनट में मासिक धर्म लाने के घरेलू उपाय क्या हैं?

    लेख में बताए गए घरेलू उपाय मासिक धर्म लाने में मदद कर सकते हैं। लेकिन घरेलू उपायों के जरिए 5 मिनट में पीरियड्स लाना मुनासिब नहीं है।

    Sources

    Articles on StyleCraze are backed by verified information from peer-reviewed and academic research papers, reputed organizations, research institutions, and medical associations to ensure accuracy and relevance. Check out our editorial policy for further details.
    Was this article helpful?
    thumbsupthumbsdown
    The following two tabs change content below.

    ताज़े आलेख