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क्या आपकी त्वचा का रंग धीरे-धीरे पीला हो रहा है, आपकी आंखें भी पीली नजर आ रही हैं और नाखूनों में भी पीलापन साफ नजर आ रहा है? दोस्तों, अगर ऐसा है, तो ये लक्षण जॉन्डिस के हैं, जिसे पीलिया के नाम से भी जाना जाता है। यह एक गंभीर बीमारी है, जो लीवर को बुरी तरह प्रभावित कर अन्य शारीरिक समस्याओं का कारण बन सकती है। इस लेख में हमारे साथ जानिए पीलिया के कारण और पीलिया का उपचार करने के सबसे सटीक घरेलू नुस्खों के बारे में, लेकिन सबसे पहले जानते हैं कि पीलिया होता क्या है?
विषय सूची
पीलिया क्या होता है – What is Jaundice in Hindi
पीलिया एक शारीरिक समस्या है, जिसमें त्वचा, आंखों और नाखूनों का रंग पीला होने लगता है। दरअसल, यह समस्या रक्त में बिलीरुबिन नामक पीले रंग के द्रव के बढ़ जाने की कारण होती है (1)। जॉन्डिस जैसे-जैसे बढ़ता है, पीला रंग और गहरा होते जाता है। नीचे जानिए पीलिया कैसे होता है।
पीलिया होने का कारण – Causes of Jaundice in Hindi
पीलिया होने के पीछे निम्नलिखित कारण जिम्मेदार हो सकते हैं (1) :
- रक्त से जुड़ा रोग
- आनुवंशिक विकार
- लीवर से जुड़ी बीमारियां जैसे हेपेटाइटिस या सिरोसिस
- पित्त नलिकाओं की रुकावट
- संक्रमण
- दवाई का दुष्प्रभाव
पीलिया कैसे होता है जानने के बाद आगे जानिए पीलिया के लक्षण।
पीलिया के लक्षण – Symptoms of Jaundice in Hindi
किसी व्यक्ति को जॉन्डिस है, उसकी पहचान निम्नलिखित लक्षणों के माध्यम से की जा सकती है (2)-
- त्वचा और आंखों के सफेद हिस्से का पीला होना
- मुंह के अंदर पीला रंग
- गहरे या भूरे रंग का मूत्र
- पीला या मिट्टी के रंग का मल
पीलिया के कारण और पीलिया के लक्षण के बाद आइए जान लेते हैं, पीलिया के प्रकार।
पीलिया के प्रकार – Types of Jaundice in Hindi
जॉन्डिस की स्थिति के अनुसार पीलिया को निम्नलिखित रूपों में बांटा जा सकता है (3) –
- प्री-हेपेटिक जॉन्डिस : रक्त से लीवर में जाने से पहले बिलीरुबिन का टूटना। पीलिया की इस अवस्था को प्री-हेपेटिक जॉन्डिस कहा जाता है।
- इंट्रा-हेपेटिक जॉन्डिस : पीलिया की वो अवस्था जब लीवर बिलीरुबिन (पीला रंगद्रव) को मेटाबॉलाइज करने की क्षमता खो देता है।
- पोस्ट-हेपेटिक जॉन्डिस : इस प्रकार का पीलिया तब होता है, जब शरीर से बिलीरुबिन की निकासी में रुकावट आती है।
पीलिया के लक्षण, कारण और प्रकार जानने के बाद आइए अब जान लेते हैं पीलिया के लिए घरेलू उपाय।
पीलिया कम करने के लिए घरेलू उपाय – Home Remedies for Jaundice (Piliya) in Hindi
1. सूर्य की रोशनी
पीलिया के उपचार में सूर्य की रोशनी एक प्रभावी भूमिका अदा कर सकती है। यह पीलिया का अनोखा इलाज है। खासकर, नवजात शिशु में जॉन्डिस (neonatal jaundice) को ठीक करने में सनलाइट ज्यादा कारगर पाई गई है (4)।
2. नींबू का जूस
सामग्री :
- आधा नींबू
- एक गिलास पानी
- शहद एक चम्मच
कैसे करें इस्तेमाल :
- एक गिलास पानी में आधे नींबू का रस मिलाएं।
- अब इसमें एक चम्मच शहद मिलाएं और पिएं।
कितनी बार करें :
पीलिया के लिए इस उपाय को रोजाना तीन से चार बार किया जा सकता है।
कैसे है लाभदायक :
पीलिया की दवा के रूप में नींबू के रस का सेवन किया जा सकता है। नींबू के रस के शक्तिशाली एंटीइंफ्लेमेटरी गुण पित्त नलिकाओं (bile ducts) को खोलने में मदद करते हैं (5)। इसके अलावा, नींबू लीवर के बेहतर स्वास्थ्य को बढ़ावा देने का काम भी करता है (6)।
3. टमाटर
सामग्री :
- दो-तीन टमाटर
- एक कप पानी
कैसे करें इस्तेमाल :
- एक पैन में पानी डालें और टमाटर को थोड़ी देर उबालें।
- टमाटर को बाहर निकालें और टमाटर की त्वचा को हटा दें।
- उबले हुए टमाटर को पैन में रखे पानी के साथ अच्छी तरह मिलाएं।
- अब टमाटर के रस को धीरे-धीरे पिएं।
कितनी बार करें :
हर सुबह एक बार इस रस को जरूर पिएं।
कैसे है लाभदायक :
टमाटर में लाइकोपीन नामक एक यौगिक होता है, जो एक शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट है और लीवर को डिटॉक्सिफाई करने में मदद करता है। पीलिया से उपचार में यह सहयोगी भूमिका निभा सकता है (7)।
[ पढ़े: टमाटर के 25 फायदे, उपयोग और नुकसान ]
4. आवंला
सामग्री :
- दो से तीन आंवले
- एक कप पानी
- शहद एक चम्मच
कैसे करें इस्तेमाल :
- एक सॉस पैन में आंवले को उबालें।
- बचे हुए पानी के साथ आंवला के गूदे को मिलाएं।
- मिश्रण ठंडा होने पर इसमें एक चम्मच शहद मिलाएं और सेवन करें।
कितनी बार करें :
पीलिया की दवा के रूप में आंवले का यह उपाय रोजाना दो से तीन बार करें।
कैसे है लाभदायक :
पीलिया के उपचार के लिए आंवले का इस्तेमाल लंबे समय से किया जा रहा है। यह विटामिन-सी और कई अन्य पोषक तत्वों में समृद्ध है। यह शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट है, जो लीवर को बेहतर करने का काम करता है (8)।
5. गन्ने का जूस
सामग्री :
- एक-दो गिलास गन्ने का जूस
कैसे करें इस्तेमाल :
गन्ने का रस पिएं।
कितनी बार करें :
जब तक आप ठीक न हो जाएं रोजाना गन्ने के जूस का सेवन करें।
कैसे है लाभदायक :
गन्ने का जूस पीलिया को ठीक करने का बेहतरीन उपाय है। गन्ने का जूस पाचन में मदद करने के साथ-साथ लीवर की कार्यप्रणाली को सुचारू रूप से चलाने में मदद करता है (5)।
6. जौ का पानी
सामग्री :
- एक चम्मच भुने हुए जौ के बीज का पाउडर
- एक गिलास पानी
- एक चम्मच शहद
कैसे करें इस्तेमाल :
- एक गिलास पानी में जौ के पाउडर को डालें और अच्छी तरह मिलाएं।
- अब इसमें एक चम्मच शहद मिलाएं और मिश्रण को तुरंत पिएं।
कितनी बार करें :
पीलिया के लिए रोजाना एक बार इस उपाय को करें।
कैसे है लाभदायक :
जौ में मूत्रवर्धक और एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं, जो विषाक्त पदार्थों के साथ-साथ बिलीरुबिन के स्तर को कम करने में मदद करते हैं। पीलिया के लिए यह प्रभावी उपाय हो सकता है (9)।
[ पढ़े: जौ के 26 फायदे, उपयोग और नुकसान ]
7. पपीता
सामग्री :
- एक चम्मच पपीते के पत्तों का पेस्ट
- एक चम्मच शहद
कैसे करें इस्तेमाल :
- पपीते के पत्तों के पेस्ट को शहद के साथ मिलाएं और सेवन करें।
कितनी बार करें :
- इस उपाय को एक या दो हफ्ते तक रोजाना दो बार करें।
कैसे है फायदेमंद :
पीलिया रोग के लिए पपीते के पत्तों के पेस्ट के साथ शहद मिलाकर खाया जा सकता है। यह एक कारगर घरेलू इलाज है, जिसका इस्तेमाल लंबे समय से किया जा रहा है (5)।
8. नीम
सामग्री :
- एक चौथाई चम्मच नीम के पत्तों का पाउडर
- एक चौथाई चम्मच का आधा अजवाइन पाउडर
- चुटकी भर नमक
कैसे करें इस्तेमाल :
- सभी सामग्रियों को आपस में मिलाएं और फांक लें और ऊपर से आधा कप गुनगुना पानी पिएं।
कैसे है लाभदायक :
पीलिया रोग के लिए नीम प्रभावी उपाय है। नमक के साथ नीम और अजवाइन का चूर्ण पाचन तंत्र के साथ-साथ लीवर को स्वस्थ रखने का काम कर सकता है(5)।
9. हल्दी
सामग्री :
- एक गिलास गुनगुना पानी
- चुटकी भर हल्दी
कैसे करें इस्तेमाल :
- एक गिलास गुनगुने पानी में चुटकी भर हल्दी मिलाएं और पिएं।
कैसे है लाभदायक :
पीलिया के इलाज के लिए हल्दी एक प्रभावी घरेलू उपाय है। जॉन्डिस के उपचार के लिए इस नुस्खे का इस्तेमाल लंबे समय से किया जा रहा है (5)।
10. रोजमेरी या लेमन एसेंशियल ऑयल
सामग्री :
- तेल की 12 बूंदें
- नारियल या ऑलिव ऑयल 30ml
कैसे करें इस्तेमाल :
- रोजमेरी या लेमन एसेंशियल ऑयल को नालियल या ऑलिव ऑयल के साथ मिलाएं।
- अब उस तेल को अपने पेट और लीवर के क्षेत्र के ऊपर लगाएं और धीरे-धीरे मालिश करें।
कितनी बार करें :
जब तक स्थिति में सुधार नहीं दिखाई देता, रोजाना इस उपाय को करें।
कैसे है लाभदायक :
पीलिया का इलाज करने के लिए रोजमेरी और लेमन एसेंशियल ऑयल फायदेमंद साबित हो सकते हैं। रोजमेरी का तेल लीवर को स्वस्थ रखने का काम कर सकता है। इसके डिटॉक्सिफाइंग और हेपटोप्रोटेक्टीव प्रभाव को देखते हुए इसे पीलिया के इलाज के लिए प्रभावी माना गया है (10)।
वहीं, नींबू को अपने एंटीऑक्सीडेंट गुणों के लिए जाना जाता है, जो लीवर से जुड़ी परेशानियों पर प्रभावी रूप से काम कर सकता है (6)।
11. बकरी का दूध
सामग्री :
- एक कप बकरी का दूध
कैसे करें इस्तेमाल :
- एक कप बकरी के दूध को गर्म करें और ठंडा करके पिएं।
कितनी बार करें :
जल्द ठीक होने के लिए रोजाना इस उपाय को करें।
कैसे है लाभदायक :
पीलिया की दवा के रूप में बकरी के दूध का सेवन किया जा सकता है। बकरी के दूध को गाय के दूध का सटीक विकल्प माना गया है। एक वैज्ञानिक शोध के अनुसार, बकरी का दूध लीवर से जुड़े जोखिम और गट माइक्रोबायोटा (आंतों में रहने वाले सूक्ष्म जीव) में आए असंतुलन में सुधार करने में मदद कर सकता है। इसके अलावा, यह लीवर से जुड़ी अन्य समस्याओं को भी ठीक करने का काम कर सकता है (11)।
12. हरे अंगूर का जूस
सामग्री :
- एक कप हरे अंगूर का रस
कैसे करें इस्तेमाल :
- एक कप हरे अंगूर के रस का सेवन करें।
कितनी बार करें :
रोजाना इस उपाय को करें।
कैसे है लाभदायक :
पीलिया का इलाज करने के लिए अंगूर का रस प्रभावी उपाय हो सकता है। अंगूर का रस हेपटोप्रोटेक्टीव और एंटीऑक्सीडेंट गुणों से समृद्ध होता है, जो लीवर से जुड़ी बीमारियों को दूर करने का काम कर सकता है (12)।
13. लहसुन
सामग्री :
- तीन-चार लौंग की कलियां
कैसे करें इस्तेमाल :
- दैनिक आहार में लहसुन का प्रयोग करें।
- इसके अलावा आप सीधे भी लहसुन का सेवन कर सकते हैं।
कितनी बार करें :
पीलिया के लिए रोजाना यह उपाय करें।
कैसे है लाभदायक :
पीलिया का इलाज करने के लिए लहसुन एक प्रभावी विकल्प माना गया है। यह एक आयुर्वेदिक औषधि है, जो लीवर को डिटॉक्सिफाई करने में मदद कर सकता है (13)। इससे पीलिया रोग को ठीक करने में मदद मिल सकती है।
14. अदरक
सामग्री :
- आधा चम्मच अदरक कुचला हुआ
- एक कप पानी
कैसे करें इस्तेमाल :
- पानी को उबालने के लिए रखें और उसमें अदरक मिलाएं।
- एक कप में अदरक के पानी को छान लें।
- अब चाय की तरह इस पेय का सेवन करें।
कितनी बार करें :
पीलिया के लिए रोजाना इस उपाय को करें।
कैसे है लाभदायक :
पीलिया का इलाज करने के लिए अदरक को शामिल किया जा सकता है। यह एक प्रभावी जड़ी-बूटी है, जो लीवर में फैट के जमाव को रोकने में मदद कर सकती है (14)।
[ पढ़े: अदरक के 24 फायदे, उपयोग और नुकसान ]
15. विटामिन-डी
वैज्ञानिक शोध के अनुसार, शरीर में विटामिन-डी की कमी लीवर से जुड़ी गंभीर बीमारियों का कारण बन सकती है (15)। इसकी पूर्ति के लिए आप विटामिन-डी युक्त आहार जैसे कि अंडे की जर्दी, सैल्मन-टूना जैसी मछलियां, चीज़ व मशरूम आदि का सेवन कर सकते हैं (16)।
16. दही
सामग्री :
- एक कटोरी सादा दही
कैसे करें इस्तेमाल :
- रोजाना एक कटोरी सादे दही का सेवन करें।
कितनी बार करें :
इस उपाय को आप रोजाना कर सकते हैं।
कैसे है लाभदायक :
पीलिया के घरेलू उपाय के रूप में दही का सेवन किया जा सकता है। यह प्रोबायोटिक युक्त होता है और एक वैज्ञानिक शोध के अनुसार, प्रोबायोटिक शिशुओं में पीलिया की रोकथाम के लिए प्रभावी उपचार साबित हो सकता है (17)।
17. तुलसी
सामग्री :
- तुलसी के 10-12 पत्ते
कैसे करें इस्तेमाल :
- तुलसी के 10-12 पत्तों को चबा-चबाकर खाएं।
कितनी बार करें :
इस उपाय को आप रोजाना दिन में तीन बार करें।
कैसे है लाभदायक :
तुलसी के पत्तों को सेवन एक सटीक पीलिया का आयुर्वेदिक इलाज है। तुलसी अपने हेपटोप्रोटेक्टीव गुणों से पीलिया को जल्द ठीक करने का काम कर सकती है (18), (5)।
18. ओरिगैनो
सामग्री :
- एक-दो चम्मच ओरिगैनो की पत्तियां
- एक कप पानी
कैसे करें इस्तेमाल :
- एक कप पानी में एक से दो चम्मच ओरिगैनो की पत्तियां मिलाएं और तीन-चार मिनट तक उबालें।
- एक कप में ओरिगैनो के पानी को छान लें।
- हल्का ठंडा होने पर इस पेय को चाय की तरह पिएं।
कितनी बार करें :
इस उपाय को रोजाान तीन से चार बार करें।
कैसे है लाभदायक :
पीलिया रोग के लिए ओरिगैनो का इस्तेमाल किया जा सकता है। यह विटामिन-सी से समृद्ध होता है और विटामिन-सी लीवर में फैट के जमाव को रोकर लीवर को स्वस्थ रखने का काम कर सकता है (19), (20)।
पीलिया के घरेलू उपाय के बाद अब नीचे जानिए पीलिया रोग के लिए आहार।
पीलिया के लिए आहार – Diet For Jaundice In Hindi
पीलिया से जल्द निजात पाने के लिए खान-पान पर विशेष ध्यान देना बहुत जरूरी है। नीचे जानिए लीवर को स्वस्थ रखने वाले कुछ चुनिंदा खाद्य पदार्थ, जो पीलिया से जल्द निजात दिलाने में आपकी मदद करेंगे (21)।
- आप गन्ने, तरबूज व अनार आदि का जूस सुबह और शाम पी सकते हैं।
- आप नाश्ते में एवोकाडो, केलाव अंजीर जैसे फलों का सेवन कर सकते हैं।
- दोपहर के भोजन में गेंहू की रोटियों के साथ बिना तेल-मसालों के बनी सब्जी का सेवन कर सकते हैं।
- सब्जियों में आप ब्रोकली, पत्तागोभी, चुकंदर व गाजर आदि को शामिल कर सकते हैं।
पीलिया के लिए आहार के बार में जानने के बाद अब नीचे जानिए पीलिया के कुछ जोखिम कारक और जटिलताएं।
पीलिया के जोखिम और जटिलताएं – Jaundice Risks & Complications in Hindi
जैसा कि हमने ऊपर बताया है कि पीलिया एक गंभीर बीमारी है, अगर इसका इलाज समय रहते नहीं किया जाए, तो यह अन्य शारीरिक समस्याओं का कारण बन सकता है। नीचे जानिए पीलिया के कुछ जोखिम कारक और जटिलताएं (22)-
- सेरेब्रल पाल्सी – दिमागी अक्षमता की वजह से चलने-फिरने की क्रियाओं पर नियंत्रण खोना।
- बहरापन
- बिलीरुबिन का स्तर बढ़ जाने से ब्रेन डैमेज
पीलिया रोग के जोखिम और जटिलताओं के बाद चलिए अब जान लेते हैं पीलिया में क्या न खाएं।
पीलिया से बचने के उपाय – Prevention Tips for Jaundice in Hindi
पीलिया जैसी लीवर बीमारियों से बचने के लिए आप नीचे बताई जा रही सावधानियों का पालन जरूर करें –
- अल्कहोल के सेवन से बचें।
- जंक फूड और तेल-मसाले वाले भोजन का सेवन न करें।
- पौष्टिक आहार को दैनिक जीवन में जगह दें।
- फलों के जूस पिएं।
- वजन को नियंत्रित रखें।
दोस्तों, पीलिया एक गंभीर शारीरिक समस्या है, जो किसी भी उम्र के व्यक्ति को अपनी चपेट में ले सकती है। इसलिए, जरूरी है कि हम इससे संबंधित जानकारी अपने पास रखें। अगर आप स्वयं में या परिवार के किसी अन्य सदस्य में पीलिया के बताए गए लक्षण देखते हैं, तो तुरंत इसके इलाज में जुट जाइए। लेख में बताए गए घरेलू नुस्खे पीलिया के रोकथाम के लिए प्रभावी माने गए हैं, जिन्हें आप अपना सकते हैं। आशा है कि यह लेख आपके लिए मददगार साबित होगा। समस्या से जुड़े सुझाव या अन्य जानकारी के लिए आप नीचे कमेंट कर सकते हैं।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
बच्चों में पीलिया कब तक रह सकता है?
अगर नवजात स्वस्थ है, तो आपको घबराने की जरूरत नहीं है। स्वस्थ नवजात का पीलिया एक हफ्ते में ठीक हो सकता है। वहीं, दूसरी ओर जन्म से समय से ही अवस्थ चल रहे शिशु में पीलिया कब तक रहेगा, यह बताना मुश्किल है (23)।
शिशु पीलिया के साथ क्यों पैदा होते हैं?
शिशु के शरीर में बिलीरुबिन का स्तर अधिक हो सकता है, जिसकी वजह से वो पीलिया की चपेट में आ सकते हैं (23)।
पीलिया के इलाज के लिए शिशु को कितने समय तक धूप में रखना चाहिए?
शिशुओं में पीलिया के इलाज के लिए उन्हें बंद शीशे की खिड़की के माध्यम से सूर्य की रोशनी का स्पर्श कुछ मिनटों के लिए रोजाना कराया जा सकता है। ध्यान रखें कि इस दौरान बच्चे को कोई असुविधा न हो।
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