Written by , (शिक्षा- बैचलर ऑफ जर्नलिज्म एंड मीडिया कम्युनिकेशन)

पिनवॉर्म एक प्रकार के कीड़े होते हैं, जो संक्रमित व्यक्ति की आंत में रह कर शरीर में संक्रमण फैलाते हैं। इन कीड़ों को मेडिकल भाषा में एंटोबियस वर्मीक्यूलरिस (Enterobius vermicularis) कहा जाता है। पिनवॉर्म लगभग डेढ़ इंच लंबे होते हैं और आसानी से दिख सकते हैं। ये एक प्रकार के परजीवी (parasites) होते हैं, जो आपके शरीर के पोषण पर जीवित रहते हैं। हालांकि, ये किसी को भी हो सकते हैं, लेकिन ज्यादातर पिनवॉर्म बच्चों में पाए जाते हैं (1) (2)। स्टाइलक्रेज के इस लेख में हम आपको इस समस्या से जुड़ी हर जानकारी देने की कोशिश करेंगे। हम आपको बताएंगे कि पिनवॉर्म होने के कारण क्या हैं और इसके लक्षण क्या हैं। साथ ही, इस लेख के जरिए आप पिनवॉर्म से बचने के उपाय के बारे में भी जान पाएंगे।

विस्तार से पढ़ें

आइए, सबसे पहले आपको बता दें कि पिनवॉर्म होने के कारण क्या-क्या हो सकते हैं।

विषय सूची :

पिनवॉर्म होने के कारण – Causes of Pinworms in Hindi

जैसा कि हम बता चुके हैं कि यह एक प्रकार का संक्रमण होता है। ऐसे में संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आना पिनवॉर्म होने का कारण बन सकता है। जब संक्रमित व्यक्ति सोता है, तो उस दौरान मादा पिनवॉर्म, आंत से निकल कर मलद्वार के आसपास की त्वचा पर अंडे देती हैं, जिससे उस अंग में खुजली होती है। ऐसे में जब संक्रमित व्यक्ति (खासकर बच्चा) खुजलाता है, तो ये अंडे उसके नाखून और उंगलियों में चिपक जाते हैं और नीचे बताए गए तरीकों से फैल सकते हैं (1):

  • जब संक्रमित बच्चा बाथरूम का उपयोग करने के बाद हाथ न धोए और अपने खिलौनों या अन्य चीजों को छुए।
  • पिनवॉर्म संक्रमित व्यक्ति के बिस्तर और कपड़ों से भी फैल सकते हैं।
  • हवा और संक्रमित भोजन में भी इनके अंडे होना पिनवॉर्म होने का कारण हो सकते हैं।

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पिनवॉर्म होने का कारण के बाद उन लक्षणों की बात करते हैं, जिनसे पिनवॉर्म होने का पता चल सकता है।

पिनवॉर्म के लक्षण – Symptoms of Pinworms in Hindi

पिनवॉर्म होने के कारण संक्रमित व्यक्ति को कुछ लक्षणों का सामना करना पड़ सकता है। नीचे जानिए पिनवॉर्म के लक्षण (1):

  • मलद्वार के आसपास खुजली
  • चिड़चिड़ापन
  • सोने में समस्या
  • घबराहट
  • बैचैनी
  • भूख में कमी
  • महिलाओं को योनि के आसपास खुजली और जलन (अगर पिनवॉर्म योनि के आसपास हैं)

जारी रखें पढ़ना

पिनवॉर्म के लक्षण जानने के बाद, लेख के अगले भाग में जानिये पिनवॉर्म का घरेलू उपाय।

पिनवॉर्म कम करने के लिए घरेलू उपाय – Home Remedies for Pinworms in Hindi

नीचे हम क्रमवार पिनवॉर्म के लिए घरेलू उपचार बता रहे हैं। इनकी मदद से कुछ हद तक इस समस्या को कम किया जा सकता है। वहीं, इन घरेलू नुस्खों को पिनवॉर्म का डॉक्टरी उपचार न समझें। अब पढ़ें आगे :

1. सेब का सिरका

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सामग्री:
  • एक गिलास पानी
  • दो छोटे चम्मच सेब का सिरका
  • शहद (वैकल्पिक)
विधि:
  • एक गिलास पानी में दो छोटे चम्मच सेब का सिरका मिला लें।
  • चाहें, तो स्वाद के लिए थोड़ा-सा शहद भी मिला सकते हैं।
  • इस घोल का सेवन दिन में दो बार करें।
कैसे काम करता है:

सेब के सिरके का उपयोग पिनवॉर्म का घरेलू उपचार करने के लिए के लिए किया जा सकता है। इसमें एंटी माइक्रोबियल पाए जाते हैं, जो न सिर्फ पिनवॉर्म को खत्म करते हैं, बल्कि उन्हें दोबारा बढ़ने से भी रोकते हैं (3)। एक शोध में पाया गया है कि एंटी माइक्रोबियल गुण पैरासाइट को खत्म करने में मददगार साबित हो सकते हैं (4)।

2. नारियल का तेल

सामग्री:
  • एक से दो चम्मच वर्जिन नारियल का तेल
विधि:
  • खाना बनाने में वर्जिन नारियल के तेल का उपयोग कर सकते हैं।
  • हर रात सोने से पहले संक्रमित क्षेत्र पर नारियल का तेल लगा सकते हैं।
कैसे काम करता है:

नारियल के तेल में एंटी माइक्रोबियल गुण होते हैं, संक्रमण फैलाने वाले जीवाणु को रोकने में मदद करते हैं। इसमें एंटी बैक्टीरियल गुण भी पाए जाते हैं, जो बैक्टीरिया को खत्म करने में मदद करते हैं (5)। ये पिनवॉर्म होने के कारण हो रही जलन और खुजली को भी कम करने में मदद कर सकता है।

3. लहसुन

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सामग्री:
  • एक से दो लहसुन की कलियां
विधि:
  • रोज एक से दो लहसुन की कलियों को चबाएं।
कैसे काम करता है:

पिनवॉर्म का घरेलू उपचार करने के लिए लहसुन की कली का सेवन किया जा सकता है। इसके एंटीमाइक्रोबियल गुण पिनवॉर्म के जीवाणु से निजात दिलाने में मदद कर सकते हैं (4) (6)। हालांकि, यह कितना प्रभावशाली होगा, इस पर अभी और शोध की आवश्यकता है (7)।

4. गर्म पानी

सामग्री:
  • गर्म पानी (आवश्यकतानुसार)
  • साबुन और सर्फ
  • डेटॉल (वैकल्पिक)
विधि:
  • किसी संक्रमित चीज/व्यक्ति को छूने के बाद अपने हाथों को अच्छी तरह धोएं।
  • चादर और कपड़ों को गर्म पानी में डाल कर अच्छे से धोएं।
  • बाथरूम को गर्म पानी में सर्फ को मिक्स करके अच्छी तरह धोएं।
  • चाहें, तो गर्म पानी में डेटॉल भी मिला सकते हैं।
कैसे काम करता है:

पिनवॉर्म होने के कारण बैक्टीरिया कपड़ों और बिस्तर की चादर पर भी लग जाते हैं। ऐसे में गर्म पानी से नहाना, कपड़े और चादर धोना मददगार साबित हो सकता है। साथ ही पिनवॉर्म के अंडों को पनपने का मौका नहीं मिलता है और संक्रमण नहीं फैलता है (8)।

5. एसेंशियल ऑइल

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सामग्री:
  • एक दो बूंद टी ट्री ऑयल
  • एक से दो चम्मच नारियल तेल
विधि:
  • दोनों सामग्रियों को अच्छी तरह मिलाकर संक्रमित क्षेत्र पर लगाएं।
  • इस प्रक्रिया को हर रात सोने से पहले दोहराएं।
कैसे काम करता है:

पिनवॉर्म के लक्षण से आराम पाने के लिए नारियल के तेल के फायदे के बारे में तो हम बता चुके हैं।इसी के साथ टी ट्री ऑयल का भी उपयोग कर सकते हैं। टी ट्री ऑयल में भी एंटी माइक्रोबियल गुण पाए जाते हैं, जो कई प्रकार के बैक्टीरिया से होने वाले संक्रमण से आराम दिला सकते हैं (4) (9)।

6. ग्रेपफ्रूट बीज का अर्क

सामग्री:
  • ग्रेपफ्रूट बीज के अर्क का सप्लीमेंट
विधि:
  • रोज ग्रेपफ्रूट बीज के अर्क का सप्लीमेंट का सेवन करें।
  • इसकी मात्रा के बारे में अपने डॉक्टर से परामर्श करें।
कैसे काम करता है:

शोध में पाया गया है कि ग्रेपफ्रूट बीज का इथेनॉल अर्क संक्रमण फैलाने वाले बैक्टीरिया के खिलाफ एंटी माइक्रोबियल गुण की तरह काम कर सकता है। यह पेट में संक्रमण फैलाने वाले बैक्टीरिया व यीस्ट को खत्म कर सकता है और पिनवॉर्म से राहत पाने में मदद कर सकता है  (10)।

7. लेमन जूस

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सामग्री:
  • आधे नींबू का रस
  • एक गिलास पानी
  • शहद (वैकल्पिक)
विधि:
  • एक गिलास पानी में आधे नींबू का रस मिला लें।
  • इस घोल को प्रतिदिन एक बार पिएं।
  • चाहें, तो स्वाद के लिए इसमें शहद भी मिला सकते हैं।
कैसे काम करता है:

नींबू के रस में एंटी बैक्टीरियल गुण होते हैं, जो सात प्रकार के बैक्टीरिया से लड़ने में प्रभावी साबित हुए हैं (11)। लेमन जूस विटामिन-सी से भरपूर होता है,जो शरीर में ऑक्सिडेटिव स्ट्रेस को कम कर सकता है और संक्रमण से राहत दिलाने में मदद कर सकता है।  इसलिए, पिनवॉर्म का घरेलू उपचार करने के लिए लेमन जूस का इस्तेमाल किया जा सकता है (12) (13)।

8. अनानास का रस

सामग्री:
  • एक चौथाई अनानास
  • आधा गिलास पानी
विधि:
  • अनानास को छील कर, उसे छोटे-छोटे टुकड़ों में काट लें।
  • इन टुकड़ों को ब्लेंडर पानी के साथ डालकर मिक्स कर लें।
  • अब अनानास के जूस को एक गिलास में निकाल कर उसका सेवन करें।
कैसे काम करता है:

नींबू के रस की तरह अनानास में भी विटामिन-सी पाया जाता है (14)। जैसा कि हम ऊपर बता चुके हैं कि विटामिन-सी में एंटीऑक्सीडेंट गुण होता है, जो शरीर में ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस के प्रभाव को कम कर सकता है। इससे संक्रमण को जल्दी ठीक करने में मदद मिलती है। लगभग 148 शोध में यह पाया गया है कि विटामिन-सी बैक्टीरिया, वायरस और प्रोटोजोआ (परजीवी) की वजह से होने वाले संक्रमण से राहत पाने में मदद कर सकता है (13)।

9. गाजर का जूस

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सामग्री:
  • तीन से चार गाजर
विधि:
  • गाजर को अच्छी तरह से धोकर छील लें।
  • अब उसके टुकड़े कर लें और ब्लेंडर में डाल कर पीस लें।
  • गाजर के जूस को गिलास में निकाल कर उसका सेवन करें।
  • चाहें, तो गाजर का सेवन सलाद के तौर पर भी कर सकते हैं।
कैसे काम करता है:

पिनवॉर्म से बचने के उपाय में गाजर का भी उपयोग कर सकते हैं। गाजर शरीर में बाइल एसिड (पाचक एसिड) का उत्पादन बढ़ा सकता है (15)। साथ ही यह क्रूड फाइबर का अच्छा स्रोत होता है और पाचन क्रिया को बेहतर कर सकता है (16)। इससे मल प्रवाह बेहतर हो सकता है और ऐसा माना जाता है कि पिनवॉर्म मल के जरिए बाहर निकल सकते हैं (17)।

10. रबिंग अल्कोहल

सामग्री:
  • रबिंग अल्कोहल
  • रूई
विधि:
  • रूई की सहायता से थोड़े-से रबिंग एल्कोहल को संक्रमण प्रभावित मलद्वार पर लगाएं।
  • जितनी बार भी बाथरूम जाएं, इस प्रक्रिया को दोहराएं।
कैसे काम करता है :

अल्कोहल में एंटी-माइक्रोबियल गुण होते हैं, जो कई प्रकार के माइक्रो जीवाणु को खत्म करने में मदद करते हैं। इसके स्किन एंटीसेप्टिक की तरह उपयोग किये जाने की वजह से यह कहा जा सकता है कि संक्रमण प्रभावित मलद्वार पर रबिंग अल्कोहल लगाने से आपको पिनवॉर्म के अंडों से निजात पाने में मदद मिल सकती है (4) (18)।

11. कद्दू के बीज

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सामग्री:
  • एक कप कद्दू के कच्चे बीज
  • आधा कप नारियल का दूध
  • आधा कप पानी
विधि:
  • तीनो सामग्रियों को एक साथ ब्लेंडर में पीसकर पेस्ट बना लें।
  • पिनवॉर्म खत्म न होने तक रोज सुबह खाली पेट इस पेस्ट का सेवन करें।
कैसे काम करता है:

पिनवॉर्म का घरेलू उपचार करने में कद्दू के बीज में पाए जाने वाला कुकुरबिटासिन (Cucurbitacin) कंपाउंड काम कर सकता है। यह कंपाउंड एंटीपैरासाइट और एंथेल्मिंटिक (पैरासाइट कीड़ों को मारने वाला) एजेंट की तरह काम कर सकता है। यह कंपाउंड पेट के कीड़ों को खत्म कर सकता है। इस प्रकार यह पिनवॉर्म और पिनवॉर्म के लक्षण से आराम दिलाने में मदद कर सकता है (19)।

12. वैसलीन

सामग्री :
  • वैसलीन
विधि:
  • रात को सोने से पहले प्रभावित मलद्वार पर वैसलीन लगाएं।
  • पिनवॉर्म से पूरी तरह राहत न मिल जाने तक यह प्रक्रिया हर रात को दोहराएं।
कैसे काम करता है:

वैसलीन के उपयोग से पिनवॉर्म होने के कारण हो रही खुजली और जलन से आराम मिल सकता है (20)।

13. करेला का जूस

सामग्री:
  • एक या दो करेले
  • एक कप पानी
  • शहद (वैकल्पिक)
विधि:
  • करेले के टुकड़े करके उसे एक कप पानी मे मिला कर ब्लेंड कर लें।
  • इस जूस को एक गिलास में निकाल कर उसका सेवन करें।
  • चाहें, तो स्वाद के लिए इसमें शहद भी मिला सकते हैं।
कैसे काम करता है:

करेले में एंटीपैरासाइट और एंथेल्मिंटिक गुण पाए जाते हैं, जो पिनवॉर्म संक्रमण के जीवाणु को खत्म करने में लाभदायक साबित हो सकते हैं (21)।

14. दही

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सामग्री:
  • एक कप दही
विधि:
  • रोज एक कप दही का सेवन करें।
कैसे काम करता है:

दही में मौजूद लैक्टोबैसिलस प्रोबायोटिक (Lactobacillus probiotic) शरीर में बैक्टीरिया, वायरस और कई प्रकार के जीवाणु को पनपने से रोकता है। साथ ही यह लैक्टिक एसिड की मदद से आंत का पीएच बैलेंस बनाए रखता है, जो इन जीवाणुओं को बढ़ने से रोकता है (22)।

15. वर्मवुड चाय

सामग्री:
  • वर्मवुड अर्क की तीन से चार बूंदें
  • एक कप गर्म पानी
  • शहद (वैकल्पिक)
विधि:
  • एक कप गर्म पानी में वर्मवुड अर्क की तीन से चार बूंदें मिलाएं।
  • चाहें, तो स्वाद के लिए इसमें एक चम्मच शहद भी मिला सकते हैं।
  • इस चाय का सेवन दिन में दो बार करें।
कैसे काम करता है:

वर्मवुड चाय पीने से पिनवॉर्म से राहत मिल सकती है। आर्टीमीसिया एनुआ के नाम से भी जाने जाने वाली इस चाय में एंटीमाइक्रोबियल गुण पाए जाते हैं, जो पिनवॉर्म का घरेलू उपचार करने में मदद कर सकते हैं (4) (23)।

16. अरंडी का तेल

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सामग्री:
  • एक चम्मच अरंडी का तेल
  • एक कप गर्म पानी
विधि:
  • एक कप गर्म पानी में एक चम्मच अरंडी का तेल मिला कर उसका सेवन करें।
  • इस घोल का दिन में एक बार सेवन करें।
कैसे काम करता है:

पिनवॉर्म का घरेलू उपचार करने में अरंडी के तेल का उपयोग किया जा सकता है। शोध में पाया गया है कि इसमें एंटीमाइक्रोबियल गुण होते हैं, जो पैरासाइट को खत्म करने के काम कर सकते हैं (24)। जैसा कि हम लेख में कई बार बता चुके हैं कि पिनवॉर्म का इलाज करने में एंटीमाइक्रोबियल गुण मददगार हो सकते हैं (4)।

17. प्याज का पानी

सामग्री:
  • एक मध्यम आकार का प्याज
  • एक बोतल पानी
विधि:
  • प्याज को छील कर, उसे गोलाकार काट लें।
  • प्याज के टुकड़ों को एक बाउल में रखें और फिर पानी डाल दें।
  • इसे रात भर के लिए बाउल को रहने दें (लगभग 12 घंटों के लिए)।
  • लगभग 12 घंटों के बाद पानी को छान लें।
  • अब इस पानी का सेवन करें।
कैसे काम करता है:

प्याज का पानी पीने के साथ-साथ, इसे सलाद में शामिल करना भी पिनवॉर्म का घरेलू उपचार करने में मदद कर सकता है। एक स्टडी में पाया गया है कि प्याज में पैरासाइट को खत्म करने के लिए एंटीमाइक्रोबियल गुण पाए जाते हैं, जो पिनवॉर्म से जल्द राहत दिलाने में मदद कर सकते हैं (25) (4)।

लेख के अगले भाग में जानिए कि पिनवॉर्म के इलाज के दौरान किस प्रकार के आहार से दूर रहना चाहिए।

पिनवॉर्म के लिए आहार – Diet For Pinworms In Hindi

अगर पिनवॉर्म या पिनवॉर्म से लक्षण से ग्रसित हैं, तो नीचे बताए गए खाद्य सामग्रियों से दूरी बनाए रखें। शोध में पाया गया है कि ये खाद्य पदार्थ आंत में कीड़ों का खतरा बढ़ा सकते हैं (26) (27):

  • आम
  • केला
  • टमाटर
  • एवोकाडो
  • गाजर
  • शिमला मिर्च
  • सलाद पत्ते (Lettuce)
  • हरे प्याज
  • अजमोद (Parsley)

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पिनवॉर्म होने के कारण, लक्षण व घरेलू उपचार जानने के बाद हम पता करेंगे कि पिनवॉर्म की वजह से किन जटिलताओं का सामना करना पड़ सकता है।

पिनवॉर्म के जोखिम और जटिलताएं – Pinworms Risks & Complications in Hindi

माना जाता है कि पिनवॉर्म की वजह से ज्यादातर जटिलताओं का सामना महिलाओं को करना पड़ता है। अगर पिनवॉर्म का इलाज समय रहते नहीं किया जाए, तो यह मलद्वार से होते हुए योनि में प्रवेश कर सकता है। योनि में प्रवेश करने के बाद पिनवॉर्म गर्भाशय, फैलोपियन ट्यूब और पेल्विक अंगों की ओर बढ़ कर उनमें सूजन पैदा कर सकता है (28)। इसके अलावा, ये यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन (UTI) का खतरा भी बन सकता है (29)। इसलिए, पिनवॉर्म की जटिलताओं से बचने के लिए इसका समय पर इलाज करवाना जरूरी है।

आइए, अब आपको पिनवॉर्म से बचने के कुछ उपायों के बारे में बता दें।

पिनवॉर्म से बचने के उपाय – Prevention Tips for Pinworms in Hindi

अपनी और अपने आसपास की जगह की सफाई न रखना, पिनवॉर्म होने के कारण में से एक मुख्य वजह है। ऐसे में नीचे बताई गई कुछ बातों को ध्यान में रखकर, पिनवॉर्म के संक्रमण से बच सकते हैं (28)।

इसके अलावा, ये यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन (UTI) का खतरा भी बन सकता है (29)। इसलिए, पिनवॉर्म की जटिलताओं से बचने के लिए इसका समय पर इलाज करवाना जरूरी है।

अंत तक पढ़ें

  • जैसा कि हम बता चुके हैं कि मादा पिनवॉर्म रात को अंडे देती है। ऐसे में, जरूरी है कि रोज सुबह मलद्वार और आसपास के अंगों की अच्छी तरह से सफाई करें।
  • अंडरवियर और बिस्तर की चादर को हर रोज बदलें।
  • कपड़ों, चादर व तौलिये आदि को गर्म पानी में धोएं।
  • मलद्वार के आसपास न खुजलाएं।
  • संक्रमण को फैलाने से रोकने के लिए खुद को और खासकर अपने हाथों को साफ रखें।

पिनवॉर्म एक संक्रमण है, जो आसानी से फैलता है। जैसा कि हम ऊपर बता चुके हैं कि यह ज्यादातर बच्चों में होता है। ऐसे में बड़ों को यह ध्यान रखना जरूरी है कि बच्चे के आसपास साफ सफाई बनी रहे। इन सभी बातों के साथ यह भी ध्यान रखना जरूरी है कि आप घर से बाहर भी ऐसी जगह ही खाएं, जो साफ-सुथरी हो। इसके अलावा, पिनवॉर्म होने के कारण हो रही खुजली, जलन और पिनवॉर्म के लक्षणों से राहत पाने के लिए आप इस लेख में बताए गए घरेलू नुस्खों का उपयोग कर सकते हैं। हम उम्मीद करते हैं कि यह लेख आपके लिए मददगार साबित होगा।

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

कैसे बताएं कि मल में कीड़े हैं या नहीं?

पिनवॉर्म लगभग डेढ़ इंच लम्बे सफेद कीड़े होते हैं, जो आसानी से नजर आ जाते हैं।

त्वचा के नीचे कीड़े होने पर कैसा महसूस होता है?

अगर आप अपनी त्वचा के नीचे एक खुजली और रेंगने जैसी सनसनी महसूस करते हैं, तो हो सकता है कि आप कीड़ों से पीड़ित हों। ऐसा होने पर तुरंत अपने डॉक्टर से संपर्क करें।

Sources

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