
क्या गर्भावस्था में अनार खाना सुरक्षित है? – Pomegranate For Pregnancy in Hindi
प्रेगनेंसी के दौरान अन्य खाद्य पदार्थों के साथ फलों का सेवन भी जरूरी माना जाता है। पोषक तत्वों से भरपूर फल गर्भवती के साथ-साथ होने वाले बच्चे के विकास के लिए भी आवश्यक माने जाते हैं। इसी बात को ध्यान में रखते हुए स्टाइलक्रेज के इस लेख में हम गर्भावस्था में अनार खाने के फायदे बताने जा रहे हैं। आप यहां जान पाएंगे कि क्या गर्भावस्था में अनार खाना सुरक्षित है या नहीं ? साथ ही प्रेगनेंसी में अनार खाने के फायदे क्या-क्या हो सकते हैं, इस संबंध में भी जानकारी दी जाएगी। यहां एक बात ध्यान में रखें कि अनार लेख में बताई गई किसी भी समस्या का इलाज नहीं है, लेकिन यह इनके उपचार में सहायक भूमिका जरूर निभा सकता है।
सबसे पहले जानते हैं कि गर्भावस्था में अनार या अनार के रस का सेवन सुरक्षित है या नहीं।
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क्या गर्भावस्था में अनार और इसका रस लेना सुरक्षित है?
हां, प्रेगनेंसी में अनार या अनार के रस का सेवन सुरक्षित है। यह कई पोषक तत्वों से समृद्ध होता है, जो गर्भवती और भ्रूण को कई तरीके से फायदा पहुंचा सकता है। एक शोध के अनुसार, अनार एंटीऑक्सीडेंट गुणों से भरपूर होता है, जो प्लेसेंटा (गर्भावस्था में भ्रूण को पोषण देने वाला जरूरी अंग) पर सुरक्षित प्रभाव डालता है। इसमें कुछ मात्रा में फोलेट भी मौजूद होता है, जो शिशु जन्म दोष से बचाव कर सकता है। इतना ही नहीं, अनार रक्त को साफ कर सकता है और मूत्र मार्ग में हानिकारक बैक्टीरिया के प्रवेश को रोक कर यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन के जोखिम को कम कर सकता है। इसके साथ ही यह रोग प्रतिरोधक क्षमता में भी सुधार कर सकता है (1)। इनके अलावा भी इसके कई फायदे हैं, जिन्हें नीचे विस्तार से बताया गया है।
नोट – हर किसी की गर्भावस्था एक जैसी नहीं होती है, इसलिए बेहतर है कि गर्भवती इसके सेवन से पहले एक बार डॉक्टर की भी राय जरूर लें।
अब जानते हैं गर्भावस्था में अनार खाने के फायदे क्या-क्या हो सकते हैं।
प्रेगनेंसी में अनार खाने के फायदे – Benefits of Eating Pomegranate in Pregnancy In Hindi
नीचे पढ़ें प्रेगनेंसी में अनार खाने के फायदे
1.ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस
गर्भावस्था के दौरान गर्भ में पल रहे भ्रूण के विकास में प्लेसेंटा का प्रमुख योगदान होता है। यह मां से भ्रूण को ऑक्सीजन और पोषक तत्व प्रदान करता है (2) (3)। गर्भावस्था एक ऐसा चरण है जब शरीर में ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस में वृद्धि हो सकती है, साथ ही साथ प्लेसेंटा भी ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस को बढ़ा सकता है। ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस बढ़ने से मधुमेह और प्रीक्लेम्पसिया (गर्भावस्था में रक्तचाप का अचानक बढ़ना) जैसी जटिलताएं उत्पन्न हो सकती हैं (4)। साथ ही साथ यह गर्भपात का कारण भी बन सकता है (5)।
ऐसे में जरूरी है कि इस समस्या के जोखिम से बचाव किया जाए। गर्भावस्था में अनार का सेवन कर गर्भवती ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस के नुकसान से खुद को और भ्रूण को बचा सकती है। दरअसल, इस संबंध में एक शोध एनसीबीआई (National Center for Biotechnology Information) की वेबसाइट पर उपलब्ध है। शोध के अनुसार अनार का रस प्लेसेंटल ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस को कम करने में मदद कर सकता है। इसका कारण अनार में मौजूद पुनिकालागिन (Punicalagin – एक प्रकार का पॉलीफेनोल) हो सकता है। ऐसे में इस शोध से अनुमान लगाया जा सकता है कि गर्भावस्था में अनार का सेवन प्लेसेंटा को सुरक्षा प्रदान कर सकता है (6)।
2. एनीमिया
गर्भावस्था के दौरान आयरन की कमी होना सामान्य है, जो एनीमिया का कारण बन सकता है (7)। ऐसे में जरूरी है कि गर्भावस्था के दौरान आयरन युक्त खाद्य पदार्थों को शामिल किया जाए। आयरन युक्त आहार में गर्भवती अनार को शामिल कर सकती है। अनार अन्य पोषक तत्वों के साथ आयरन से भी समृद्ध होता है (8)। इसके अलावा, इस संबंध में उपलब्ध एक शोध से पता चलता है कि अनार लाल रक्त कोशिकाओं को बढ़ने में मदद कर सकता है (9)। फिलहाल, इसमें अभी और शोध की आवश्यकता है।
3.गर्भावस्था में जटिलताओं को कम करने के लिए
हर महिला की गर्भावस्था एक जैसी नहीं होती है। ऐसे में कुछ महिलाओं को गर्भावस्था के दौरान कुछ जटिलताओं का खतरा हो सकता है। इस स्थिति में अनार या अनार के जूस का सेवन गर्भावस्था में होने वाली जटिलताओं के जोखिम को कम कर सकता है। दरअसल, प्रेगनेंसी में ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस कई समस्याओं का कारण बन सकता है, जिसमें प्रीक्लेम्पसिया, गर्भपात, भ्रूण के विकास में बाधा या समयपूर्व प्रसव शामिल हैं (10)। यहां अनार के फायदे देखे जा सकते हैं। एनसीबीआई की वेबसाइट पर प्रकाशित, प्रीक्लेम्पसिया (प्रेगनेंसी में अचानक रक्तचाप का बढ़ना) के मरीजों पर किए गए एक शोध से पता चलता है कि अनार का जूस ऑक्सिडेटिव स्ट्रेस को कम करने में मदद कर सकता है (11)।
4. भ्रूण के विकास के लिए
अनार या अनार का रस न सिर्फ गर्भवती के लिए बल्कि गर्भ में पल रहे भ्रूण के लिए भी लाभकारी हो सकता है। इस संबंध में प्रकाशित एक शोध में यह बात सामने आई है। दरअसल, इसमें एक खास तत्व फोलेट पाया जाता है, जो शिशुओं में होने वाले जन्म दोष के खतरे को कम कर सकता है (1)। फोलेट भ्रूण के मेरुदण्ड और मस्तिष्क विकास में मदद करता है (12)। ऐसे में गर्भावस्था के दौरान फोलेट युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन जरूरी हो जाता है (13) (14)।
अब जब गर्भावस्था में अनार खाने के फायदे पता चल ही चुके हैं तो अब बारी आती है इसे डाइट में शामिल करने की।
गर्भावस्था के दौरान आहार में अनार को कैसे शामिल करें?
नीचे बताए गए तरीकों से गर्भवती अनार को अपने आहार में शामिल कर सकती है –
- फ्रूट सलाद में अन्य फलों के साथ अनार का सेवन किया जा सकता है।
- अनार के दानों को सीधे भी खाया जा सकता है।
- गर्भवती अनार का जूस भी पी सकती हैं।
- अनार की स्मूदी या शेक बनाकर सेवन किया जा सकता है।
नोट : अनार का सेवन सुबह नाश्ते में या दोपहर के भोजन के बाद किया जा सकता है। वहीं, मात्रा की बात करें तो बेहतर है इसे कम मात्रा में खाना। फिलहाल, इसकी मात्रा के बारे में कोई ठोस वैज्ञानिक प्रमाण मौजूद नहीं है। इन दोनों विषयों को लेकर डॉक्टरी सलाह लेना अच्छा विचार होगा। डॉक्टर गर्भवती के स्वास्थ्य के अनुसार इसके सेवन के बारे में सलाह देंगे।
लेख के अंत में जानिए अनार खाने के नुकसान क्या-क्या हो सकते हैं?
गर्भावस्था में अनार खाने के नुकसान- Side Effects of Pomegranate in Pregnancy In Hindi
एक शोध के अनुसार अनार से एलर्जी की समस्या हो सकती है (15)। फिलहाल, इस पर अभी और अध्ययन की जरूरत है। बेहतर है कि गर्भवती सावधानी के तौर पर अनार का सेवन संतुलित मात्रा में ही करें। साथ ही डॉक्टरी परामर्श भी जरूर लें। इससे प्रेगनेंसी में अनार खाने के नुकसान को कम किया जा सकता है।
आशा करते हैं कि गर्भावस्था में अनार खाने के फायदे जानने के बाद महिलाओं को प्रेगनेंसी में इसके सेवन से जुड़ी उलझनें दूर हो गई होंगी। अनार एक पौष्टिक फल है और इसका संतुलित मात्रा में सेवन गर्भवती और भ्रूण दोनों के लिए लाभदायक हो सकता है। लेख में इसके उपयोग के विभिन्न तरीके भी बताए गए हैं, जो आपके लिए मददगार साबित होंगे। इसके अलावा, लेख से जुड़ा अगर आपके मन में कोई सवाल या सुझाव है, तो आप कमेंट बॉक्स की मदद ले सकते हैं। साथ ही आप चाहें तो गर्भावस्था में अनार से जुड़ा अपना अनुभव भी हमारे साथ साझा कर सकती हैं।
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Arpita Biswas
अर्पिता ने पटना विश्वविद्यालय से मास कम्यूनिकेशन में स्नातक किया है। इन्होंने 2014 से अपने लेखन करियर की शुरुआत की थी। इनके अभी तक 1000 से भी ज्यादा आर्टिकल पब्लिश हो चुके हैं। अर्पिता को विभिन्न विषयों पर लिखना पसंद है, लेकिन उनकी विशेष रूचि हेल्थ और घरेलू उपचारों पर लिखना है। उन्हें अपने काम के साथ एक्सपेरिमेंट करना और मल्टी-टास्किंग काम करना पसंद है। इन्हें लेखन के अलावा डांसिंग का भी शौक है। इन्हें खाली समय में मूवी व कार्टून देखना और गाने सुनना पसंद है।ताज़े आलेख