
गर्भावस्था में अरंडी का तेल इस्तेमाल करना सुरक्षित है या नहीं – Castor Oil in Pregnancy in Hindi
एक नए जीवन को जन्म देना हर महिला की ख्वाहिश होती है, लेकिन नौ महीने धैर्य और खास देखभाल की जरूरत होती है। इसलिए, ज्यादातर कपल गर्भावस्था को लेकर चिंतित रहते हैं। स्टाइलक्रेज की यह कोशिश रहती है कि गर्भावस्था के दौरान की जो भी शंकाएं हैं, उनका समाधान वैज्ञानिक आधार पर खोजा जाए। इसी क्रम में हम जानेंगे कि अरंडी का तेल गर्भवती और गर्भस्थ शिशु के लिए सुरक्षित है या नहीं? इस आर्टिकल में यह भी बताया गया है कि गर्भावस्था में अरंडी का तेल के नुकसान किस तरह से गर्भावस्था को प्रभावित कर सकते हैं।
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आइए, सबसे पहले जानते हैं कि प्रेगनेंसी में अरंडी के तेल का सेवन सुरक्षित है या नहीं।
विषय सूची
क्या गर्भावस्था में अरंडी का तेल लेना सुरक्षित है?
गर्भावस्था में अरंडी के तेल का इस्तेमाल प्रसव शुरू होने के लिए किया जाता है, जोकि सुरक्षित तरीका नहीं है। एनसीबीआई (नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इंफॉर्मेशन) की वेबसाइट पर प्रकाशित एक शोध के अनुसार, कैस्टर ऑयल का सेवन करने से 24 घंटे के भीतर प्रसव पीड़ा शुरू करने की संभावना बढ़ सकती है (1)। इस आधार पर यह कहा जा सकता है कि अरंडी का तेल समय से पूर्व प्रसव का जोखिम पैदा कर सकता है।
वहीं, एक अन्य शोध यह कहता है कि अरंडी के तेल का प्रसव काल पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता है, इसलिए इसके इस्तेमाल को लेकर कोई सटीक आधार उपलब्ध नहीं हैं (2)। फिर भी इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता कि अरंडी का तेल लेबर पैन को बढ़ावा देता है। ऐसे में गर्भावस्था में अरंडी का तेल डॉक्टर से पूछकर ही लेना चाहिए, क्योंकि प्रसव को अप्राकृतिक रूप से बढ़ाने पर कई प्रकार के जोखिम पैदा हो सकते हैं। इसमें गर्भाशय का क्षतिग्रस्त होना और गर्भनाल का शिशु से पहले बाहर आ जाना (अम्बिलिकल कॉर्ड प्रोलैप्स) आदि शामिल है (3)।
आगे है और जानकारी
लेख के अगले हिस्से में जानते हैं कि प्रेगनेंसी में अरंडी का तेल कब-कब इस्तेमाल किया जा सकता है।
प्रेगनेंसी में अरंडी के तेल का इस्तेमाल – Uses of Castor Oil in Pregnancy in Hindi
बेशक, गर्भावस्था में अरंडी का तेल उपयोग करना सही नहीं है, लेकिन कुछ परिस्थितियों में इसका इस्तेमाल किया जा सकता है। आइए, कुछ ऐसी ही अवस्थाओं के बारे में जानते हैं।
1. प्रसव पीड़ा के लिए अरंडी का तेल
जैसा कि लेख में पहले भी बताया गया है कि गर्भावस्था में अरंडी के तेल का इस्तेमाल प्रसव पीड़ा शुरू करने के लिए किया जाता है। इसका सेवन करने 24 घंटे बाद प्रसव पीड़ा शुरू हो सकती है। अगर गर्भावस्था पूरी होने पर भी प्रसव पीड़ा शुरू न हो, तो विशेषज्ञ की देखरेख में अरंडी का तेल इस्तेमाल किया जा सकता है (1)।
2. स्ट्रेच मार्क्स के लिए अरंडी का तेल
अरंडी के तेल में त्वचा को नमी देने वाले (हाइड्रेटिंग) गुण पाए जाते हैं, जो गर्भावस्था के दौरान त्वचा पर दिखाई देने वाले स्ट्रेच मार्क्स की स्थिति में सुधार कर सकते हैं। किसी भी प्रकार के जोखिम या साइड इफेक्ट से बचने के लिए इसे त्वचा पर लगाने से पहले त्वचा रोग विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें (4)।
पढ़ते रहें यह आर्टिकल
आइए, अब आगे जानते हैं कि गर्भावस्था में अरंडी के तेल का सेवन कैसे किया जाता है।
गर्भावस्था के आहार में अरंडी का तेल कैसे शामिल करें?
गर्भावस्था के आहार में अरंडी के तेल को शामिल करने के लिए कुछ बातों का ध्यान रखना ,जरूरी है, जैसे –
गर्भावस्था में अरंडी का तेल कब इस्तेमाल करें?
गर्भावस्था में अरंडी के तेल का इस्तेमाल 40-41वें सप्ताह के बीच किया जाता है। इस समय तक शिशु पूर्ण विकसित हो जाता है। इस समय अगर अरंडी के तेल से डिलीवरी होती है, तो वह समय से पूर्व डिलीवरी नहीं कही जाएगी (5)।
गर्भावस्था में अरंडी का तेल कैसे इस्तेमाल करें?
- गर्भावस्था में अरंडी के तेल का सेवन सीधे किया जा सकता है या इसे किसी गुनगुने पानी के साथ भी पिया जा सकता है।
- इसका स्वाद पसंद न हो, तो इसे किसी फ्रूट जूस या पसंदीदा पेय में मिलाकर पिया जा सकता है।
- अरंडी के तेल का स्वाद भुलाने के लिए इसके सेवन के तुरंत बाद पसंदीदा पेय भी पी सकते हैं।
- अरंडी के तेल का सेवन करने के बाद पर्याप्त मात्रा में पानी का सेवन करें, क्योंकि यह एक लैक्सेटिव है, जो पानी की कमी का कारण बन सकता है।
- गर्भावस्था में अरंडी का तेल का इस्तेमाल करने से पहले अरंडी के तेल के पैक पर लिखे दिशानिर्देश को ध्यान से पढ़ें और उनका पालन करें। इसका सेवन करने से पहले हमेशा डॉक्टर से पूछ लें।
गर्भावस्था में अरंडी का तेल कितनी मात्रा में इस्तेमाल करें?
अगर बात करें कि अरंडी के तेल की कितनी मात्रा उपयोगी है, तो इसके लिए कोई वैज्ञानिक प्रमाण मौजूद नहीं है। इसके उपयोग की मात्रा समस्या और स्वास्थ्य पर निर्भर करती है। एक शोध में प्रसव पीड़ा को शुरू करने के लिए 60 मिली तेल को 200 मिली गर्म पानी के साथ दिया गया था। फिर भी इसके जोखिम को देखते हुए कोई मात्रा निश्चित करना सही नहीं होगा। इस बारे में डॉक्टर की सलाह लेना सही रहेगा (5)।
नीचे है और जानकारी
आइए, अब एक नजर डालते हैं अरंडी के तेल के नुकसान पर।
गर्भावस्था में अरंडी के तेल के नुकसान- Side Effects of Castor Oil in Pregnancy in Hindi
देखा जाए तो गर्भावस्था में अरंडी के तेल के फायदे कम और नुकसान ज्यादा हैं। नीचे जानते हैं कि अरंडी का तेल किस तरह के नुकसान का कारण बन सकता है।
- गर्भवती में पानी की कमी : अरंडी का तेल एक प्रभावशाली लैक्सेटिव है, जिसके कारण कई बार अधिक मल त्याग की स्थिति पैदा हो सकती है। ऐसा होने पर इलेक्ट्रोलाइट असंतुलन, एसिड विकार या निर्जलीकरण (पानी की कमी) का जोखिम पैदा हो सकता है (6)।
- प्रसव के दौरान अधिक पीड़ा : अरंडी का तेल प्रसव के दौरान अधिक पीड़ा का भी कारण बन सकता है। हम लेख में जान चुके हैं कि अरंडी का तेल प्रसव शुरू कर सकता है और यह अधिक पीड़ा का कारण बन सकता है। प्रसव पीड़ा को अगर अप्राकृतिक तरीके से बढ़ाया जाता है, तो यह प्रसव को जटिल और अधिक पीड़ादायक बना सकता है (7)।
- अपर्याप्त मां का दूध : अरंडी के तेल को दूध का प्रवाह रोकने वाला पदार्थ माना गया है। ये भी कहते हैं कि अरंडी का तेल एक गैलेक्टोगोग्स है यानी दूध का उत्पादन बढ़ाने वाला प्राकृतिक तत्व है। ये सभी लोकमान्यताएं हैं, जिनका कोई वैज्ञानिक आधार नहीं है। इसलिए, अरंडी का तेल मां के दूध के उत्पादन को कैसे प्रभावित करता है, इस पर शोध किए जाने की जरूरत है (8)।
- गर्भपात की आशंका : गर्भावस्था में अरंडी के तेल का यह सबसे बड़ा जोखिम है। इसका इस्तेमाल अगर गर्भावधि पूरी होने से पहले किया जाए, तो यह समय से पहले ही गर्भाशय संकुचन शुरू करके प्रीटर्म डिलीवरी का कारण बन सकता है (6)। साथ ही गर्भावस्था के शुरुआती दिनों में इसका भारी मात्रा में सेवन गर्भपात का कारण भी बन सकता है (9)।
इस लेख में आपने जाना कि गर्भावस्था में अरंडी का तेल लेना सुरक्षित नहीं है। गर्भावस्था में अरंडी का तेल न सिर्फ समय पूर्व प्रसव का कारण बन सकता है, बल्कि कुछ मामलों में इससे गर्भपात भी हो सकता है। इन सभी जानकारियों से पता चलता है कि गर्भावस्था में अरंडी का तेल का इस्तेमाल सावधानी से करना चाहिए, बल्कि इसे इस्तेमाल न ही करें तो बेहतर है। गर्भावस्था में अरंडी का तेल के नुकसान से बचने के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह जरूर लें। उम्मीद करते हैं कि स्टाइलक्रेज के माध्यम से दी गई ये जानकारी आपको पसंद आई होगी। इस आर्टिकल को अधिक से अधिक शेयर जरूर करें।
9 संदर्भ (Sources):
- Use of castor oil in pregnancies at term
https://pubmed.ncbi.nlm.nih.gov/10631825/#:~:text=When%20castor%20oil%20was%20successful,in%20pregnancy%20is%20underreported%20worldwide. - Castor oil for induction of labour: not harmful, not helpful
https://pubmed.ncbi.nlm.nih.gov/19780733/ - Complications of induction of labour
https://www.ncbi.nlm.nih.gov/books/NBK53624/ - Striae Distensae (Stretch Marks) and Different Modalities of Therapy: An Update
https://onlinelibrary.wiley.com/doi/10.1111/j.1524-4725.2009.01094.x - Castor oil for induction of labour: a retrospective study
https://pubmed.ncbi.nlm.nih.gov/28618920/ - Castor Oil
https://www.ncbi.nlm.nih.gov/books/NBK551626/ - Saying “No” to Induction
https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC1595289/ - Castor
https://www.ncbi.nlm.nih.gov/books/NBK501875/#:~:text=Summary%20of%20Use%20during%20Lactation&text=Castor%20oil%20is%20a%20strong,reportedly%20used%20as%20a%20galactogogue.&text=Because%20of%20a%20lack%20of,be%20preferred%20in%20nursing%20mothers. - Ricinus communis (castor) : An overview
http://www.ijrpp.com/sites/default/files/articles/IJRPP_14_711_136-144.pdf

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