Written by , (शिक्षा- बैचलर ऑफ जर्नलिज्म एंड मीडिया कम्युनिकेशन)

चना को हमेशा से ही पौष्टिक आहार की श्रेणी में गिना गया है। इसका सेवन प्रेगनेंसी में करना कितना सुरक्षित है, यह समझने के लिए इस लेख को पढ़ें। यहां रिसर्च के आधार पर हम प्रेगनेंसी में चना का सेवन करने के फायदे और सावधानी के तौर पर इससे होने वाले नुकसान की जानकारी दे रहे हैं। साथ ही इसे डाइट में शामिल करने के तरीके के बारे भी आप इस लेख से जान पाएंगे। बस तो प्रेगनेंसी में चने खाने के फायदे और हानिकारक प्रभाव के साथ ही अन्य बातों को जानने के लिए अंत तक पढ़ें यह आर्टिकल।

शुरू करते हैं लेख

सबसे पहले जानते हैं कि प्रेगनेंसी में चने का सेवन सुरक्षित है या नहीं।

प्रेगनेंसी में चना का सेवन सुरक्षित है या नहीं – Is it Safe to Eat Chana While Pregnant?

हां, प्रेगनेंसी में चना का सेवन सुरक्षित हो सकता है। चना कई सारे पौष्टिक तत्वों से समृद्ध होता है। एक रिसर्च पेपर में बताया गया है कि भुने हुए काले चने आयरन से भरपूर होते हैं, इसलिए ये प्रेगनेंसी के लिए अच्छे होते हैं (1)। इसके अलावा, गर्भावस्था के लिए जरूरी पोषक तत्वों में एनर्जी, प्रोटीन, कैल्शियम, आयरन. फाइबर और विटामिन सी भी शामिल हैं (2)। इन सभी न्यूट्रिएंट्स की मात्रा काले चने में भरपूर होती है (3)। लिहाजा, ऐसा कहा जा सकता है कि गर्भावस्था के लिए चना का सेवन अच्छा होता है।

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लेख में आगे बढ़ते हुए पढ़िए कि गर्भावस्था में चने खाने के फायदे क्या-क्या हैं।

प्रेगनेंसी में चने खाने के फायदे – Benefits of Eating Chana During Pregnancy In Hindi

गर्भावस्था में चने खाने के फायदे कई हैं। इसमें मौजूद पोषक तत्व और गुण किस तरह से गर्भावस्था के लिए फायदेमंद होते हैं, यह आगे जानिए।

1. मधुमेह

चने का सेवन मधुमेह को नियंत्रित करने के लिए भी अच्छा हो सकता है। इससे संबंधित एक शोध में पाया गया है कि चना शरीर में अतिरिक्त ब्लड शुगर को बनने नहीं देता है। दरअसल, चने में रेसिस्टेंट स्टार्च और ऐमिलोज (स्टार्च का एक प्रकार) होते हैं। इन दोनों की वजह से आंत में ग्लूकोज की मात्रा कम हो सकती है, जिसके कारण रक्त में भी शुगर की मात्रा बढ़ती नहीं है (4)। इतना ही नहीं, यह लो ग्लाइसेमिक इंडेक्स खाद्य पदार्थ है। लो जीआई खाद्य पदार्थ से शरीर में ग्लूकोज जल्दी नहीं बनता है। यह एक तरह का माप है, जो यह बताता है कि शरीर कितनी जल्दी ग्लूकोज बनाता है (5)।

2. अस्थमा

प्रेगनेंसी में चने खाने के फायदे में अस्थमा भी शामिल है। इससे संबंधित एक रिसर्च पेपर की मानें, तो कई गर्भवतियों को अस्थमा की समस्या होती है। इस परेशानी से बचने के लिए आहार में फाइबर और एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर खाद्य पदार्थ को आहार में शामिल करना चाहिए (6)। चना फाइबर और एंटीऑक्सीडेंट युक्त होता है, इसलिए इसे अस्थमा के लिए अच्छा माना जा सकता है (4)।

3. कब्ज

गर्भावस्था के दौर में तकरीबन 11 से 38 प्रतिशत महिलाओं को कब्ज संबंधी परेशानी होती है (7)। इस कब्ज से राहत पाने में भी चना फायदेमंद हो सकता है। रिसर्च बताती हैं कि आहार में फाइबर की कमी होने के कारण कब्ज की समस्या पैदा हो सकती है (8)। ऐसे में गर्भवतियां चने का सेवन कर सकती हैं। चने में फाइबर की अच्छी मात्रा होती है (4)। इस आधार पर कहा जा सकता है कि कब्ज की समस्या में चने का सेवन लाभदायक साबित हो सकता है। चने के साथ ही पानी की भी मात्रा लेते रहें (7)।

4. एनीमिया

प्रेगनेंसी में होने वाली आम समस्याओं में से एक एनीमिया भी है। भारत में 65 से 75 प्रतिशत महिलाओं को यह समस्या होती है। इस समस्या के कारण जच्चा और बच्चा दोनों को जान का खतरा होने का जोखिम होता है। रिसर्च में बताया गया है कि एनीमिया अधिकतर महिलाओं को आयरन की कमी के कारण होता है (9)। यह पोषक तत्व यानी आयरन काले चने में अच्छी मात्रा में पाया जाता है। इसी वजह से प्रेगनेंसी में काले चने खाने के फायदे में एनीमिया को भी गिना जाता है (10)।

एनीमिया से बचाव को भी प्रेगनेंसी में चने खाने के फायदे में गिना जाता है

लेख में बने रहें

प्रेगनेंसी में चने खाने के फायदे के बाद इसके उपयोग जान लेते हैं।

गर्भावस्था में चने को अपने आहार में कैसे शामिल करें

गर्भावस्था में चने खाने के फायदे के तभी होते हैं, जब प्रेगनेंसी में चने को आहार में सही तरीके से शामिल किया जाए। प्रेगनेंसी में चने को आहार में कुछ इस प्रकार जोड़ा जा सकता।

  • चने को उबालकर इसकी दाल बनाकर खा सकते हैं।
  • आलू और उबले चले मिलाकर इसकी सब्जी बनाई जा सकती है।
  • चने को उबालकर उसमें कटी हुई प्याज, खीरा, धनिया डालकर खाया जा सकता है।
  • चने को भूनकर या भुने हुए चने खरीद कर उसमें थोड़ा नमक डालकर खा सकते हैं।
  • भुने हुए चने को गुड़ के साथ खाया जा सकता है।

आगे नुकसान पढ़ें

लेख में आगे बढ़ते हुए प्रेगनेंसी में चने खाने के नुकसान जान लेते हैं।

प्रेगनेंसी में चने खाने के नुकसान- Side Effects of Eating Chana While Pregnant In Hindi

प्रेगनेंसी के समय चने को आहार में शामिल करने के कई तरीके हो सकते हैं। यह तरीके कुछ इस प्रकार हैं।

  • चने से कुछ लोगों को एलर्जी हो सकती है, इसलिए इससे एलर्जिक लोगों को काले चने का सेवन नहीं करना चाहिए (11)।
  • इसमें फाइबर की अच्छी मात्रा होती है। ऐसे में इसकी अधिकता होने से पेट फूलने और अन्य पेट संबंधी समस्याएं हो सकती हैं (12)।

इसमें कोई शक नहीं कि प्रेगनेंसी में चना खाने के फायदे कई हैं। बस इसके नुकसान पर एक नजर डालकर चने को गर्भवती अपनी डाइट में शामिल कर सकती हैं। लेख में चना का उपयोग करने के कई तरीके भी बताए गए हैं। उनके अनुसार भी गर्भवती चने को डाइट में शामिल कर सकती हैं। बस इसका अत्यधिक सेवन से बचें, अन्यथा चना के लाभ की जगह नुकसान हो सकता है।

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

चने किसे नहीं खाना चाहिए?

काले चने में फाइबर अधिक होता है, इसलिए इसका ज्यादा सेवन करने से पेट फूलने की समस्या हो सकती है। ऐसे में पेट संबंधी परेशानी वालों को अधिक चने नहीं खाने चाहिए (12)।

प्रेगनेंसी के समय चना का सेवन कब शुरू कर सकते हैं?

साबुत दाल और चना जैसे खाद्य पदार्थ पूरी प्रेगनेंसी के दौरान खा सकते हैं, क्योंकि यह गर्भावस्था की डाइट का अहम हिस्सा होते हैं (13)।

कितने चने का सेवन लाभदायक हो सकता है?

हर हफ्ते 150 से 200 ग्राम चना का सेवन फायदेमंद साबित हो सकता है (14)।

प्रेगनेंसी में भुने चने खाने के फायदे होते हैं?

हां, प्रेगनेंसी में भुने चने खाने के फायदे भी होते हैं।

Sources

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