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जीवन का सफर बहुत ही लंबा होता है। जिसमें हमें हर तरह के लोग मिलते हैं। इनमें से कुछ लोगों से हम प्यार करने लगते हैं, तो कुछ लोगों से हमारा मन मुटाव भी हो जाता है। वहीं, कुछ लोगों के लिए हम दयालु भी हो जाते हैं, तो कुछ लोगों के प्रति हम स्वार्थी भी बन जाते हैं। हालांकि, किसी के अंदर स्वार्थ की भावना कोई अच्छी बात नहीं है, लेकिन कभी-कभी हालात ऐसे आ जाते हैं, जब इंसान ही इंसान की मदद करने से पीछे हट जाता है। ऐसी ही स्थिती के लिए स्टाइक्रेज के इस लेख में हम स्वार्थ पर शायरी लेकर आए हैं, जो उस समय के लिए सटीक बैठती है। यहां हमने 65 से भी अधिक स्वार्थ शायरी प्रस्तुत की हैं, जो आपको जरूरी पसंद आएंगी।
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तो चलिए शुरू करते हैं स्वार्थ पर शायरी।
65+ स्वार्थ पर शायरी : Matlabi Quotes In Hindi | Selfish Status In Hindi
नीचे क्रमवार पढ़ें स्वार्थ शायरी। इनमें से जो भी आपको अच्छी लगे, उसे सेल्फिश हिंदी सटेट्स के तौर पर आप सोशल मीडिया पर शेयर कर सकते हैं।
- जिसका दिल भरता गया, वो मुंह फेरते गए हमसे,
और लोग कहते हैं कि हम बेगाने से क्यों हो गए हैं।
- कभी तारीफों के समंदर में गोते लगाओ,
पता चलेगा कितनी गहरी है मतलबी लोगों की दुनिया।
- मुझे मतलबी कहने से पहले,
उन लोगों से मेरी कद्र जरूर पूछ लेना,
जो कभी मुझे अपना कहते थे।
- रिश्ते संवारने में मैं ऐसा क्या झुका,
कि लोगों ने झुकना ही मेरी औकात समझ ली।
- कुछ इस तरह मैनें भी बदल लिए हैं जिंदगी के उसूल,
जो याद करेगा, अब वही याद रहेगा।
- मेरी जिंदगी में हर शख्स कुछ इस तरह उस्ताद निकले,
मैं हंस कर मिलता रहा और वो सबक देते गए।
- गलती थी मेरी, चाहने वालों पर घमंड मेरा,
पता चला है कि सबने चाहा मुझे सिर्फ अपनी जरूरत के लिए।
- मैंने देखा है पत्थर दिल को रोते हुए,
आज भी सोचता हूं कि पहाड़ों में ही क्यों बहते हैं झरने सारे।
- एक सच खुद के लिए,
अब अपने ही अपनों को अपना नहीं समझते।
- स्वार्थ से बने हर रिश्ते टूट जाते हैं,
डाल दो अगर उसमें प्यार,
तो, टूटे रिश्ते भी जुड़ जाते हैं।
- ये दुनिया बहुत मतलबी है जनाब,
जब मुफ्त में यहां कफन नहीं बिकता,
तो बिना गम के प्यार मिलने की उम्मीद कैसी।
- जब देखोगे दुनिया करीब से,
तो हर रिश्ते लगेंगे अजीब से।
- याद रखना यारों, जरूरत से ज्यादा अच्छा बनोगे,
तो जरूरत से ज्यादा इस्तेमाल किए जाआगो।
- हुनर भी वहां मात खाता है,
जहां अनुभव की भट्टी में जलने वाले सिक्के,
दुनिया का भाव लगाते हैं।
- क्या कहूं अब, किसे अच्छा, किसे बुरा लगा मैं,
जिसकी जैसी सोच थी, उसने उतना ही पहचाना मुझे।
पढ़ते रहें स्वार्थ पर शायरी
- प्रभू से है एक ही कामना,
किसी के अंदर न हो स्वार्थ की भावना।
- दुनिया का है ये कड़वा सच,
जब तक मतलब है, तब तक ही रिश्ते हैं।
- हर इंसान के अंदर छिपा होता है स्वार्थीपन,
तभी तो सभी का एक दूसरे से होता है अपनापन।
- जो एक बार देकर, लाख बार उपकार जताते हैं,
आजकल मेरा उनसे कोई वास्ता नहीं।
- उनके बदले हुए तरीकों से जाना है मैंने,
कि अब उनके जरूरत का प्यादा नहीं हूं मैं।
- उसे अपना दुख बताकर समय बर्बाद मत करना,
जो आपकी खामोशी समझने के काबिल नहीं।
- स्वार्थी स्वभाव ही काफी है लोगों को छोड़ने के लिए,
क्योंकि उनसे लगाई उम्मीदें सिर्फ निराशा ही देती हैं।
- दुनिया का उसूल याद रखना,
जब तक काम है, तब तक नाम है, वरना दूर से ही प्रणाम है।
- भावनाओं की बुनाई में ही रिश्ते सिलना,
क्योंकि स्वार्थी रिश्ते अक्सर टूट जाते हैं।
- अच्छे लोग साथ देंगे और बुरे लोग सबक देंगे,
इसलिए जिंदगी में हर किसी को अहमियत जरूर देना।
- वो लोग कहां हैं जो रोते थे गैरों के लिए,
अब तो अपनों को रूला कर मुस्कुराते हैं लोग।
- क्या चाल कहें जमाने की गालिब,
मैंने हाल पूछा उनसे और वो बोल पड़े अब कौन सी आफत आन पड़ी।
- किसी की आफत किसी के गले आन पड़ी है,
मैं ठहरा स्वार्थी मानुष, मुझे क्या किसी की पड़ी है।
- अगर अपनी भावनाओं का सम्मान करना है,
तो उसे जाहिर न करें, जिसे आपकी जरूरत नहीं।
- दुनिया में लोगों को है एक ही काम,
जिनसे मतलब बस उन्हीं को सलाम।
पढ़ते रहें सेल्फिश हिंदी शायरी
- उस दिन जन्मों के टूटे रिश्ते भी जुड़ जाएंगे,
जिस दिन उन्हें आपसे काम होगा।
- खुद को इतना बदल लिया है मैंने,
कि अब लोग तरसते हैं मुझे पहले जैसा देखने के लिए।
- हर रिश्ते में भरोसा ही आधार है,
लेकिन जहां, स्वार्थ आ जाए फिर वो रिश्ता ही बेकार है।
- खुद को होशियार समझना अच्छी बात है,
लेकिन हमें मूर्ख न समझना एक अच्छी कला है।
- अपनी बेबसी पर कुछ इस तरह रोया हूं मैं,
सबकी तन्हाई दूर की और इस मोड़ पर तन्हा खड़ा हूं मैं।
- मैं लोगों से अपनी बुराई पर शिकवा नहीं करता,
क्योंकि रिश्ते न समझने वालों से मैं ज्यादा उम्मीद नहीं करता।
- मतलब होता है तभी तो जुबान से निकलती है मिठी बातें,
वरना, इसके खत्म होते ही इंसान है बदल जाते।
- कुछ यूं बारिश की बौछार बन गया हूं मैं,
समंदर के पानी जैसे रिश्तों से घिरा तो हूं, पर बूंदों की तरह की अकेला हूं मैं।
- तजुर्बा बता रहा हूं अपना,
ये दुनिया ‘प्यार’ या ‘दोस्ती’ से नहीं, ‘मतलबी लोगों’ से है चलती।
- स्वार्थ की इस दुनिया में चैन की नींद कहां,
यहां लोग आंखें मूंद लेने पर ही दफनाने की बात करते हैं।
- खुद को खुदा न समझना कभी,
क्योंकि टूटेगा तू भी कभी अकेले तारे की तरह।
- जहर में भी उतना जहर कहां,
जितना मैंने लोगों के अंदर है देखा।
- मेरे खर्चों से ज्यादा लोगों के किरदार हैं महंगे,
क्या कहूं अब कि स्वार्थ ही मेरे हक में बचा।
- मैं स्वार्थी ऐसे ही नहीं बना,
एक मुस्कुराहट से मैंने सौ दर्द छिपाना है सीखा।
- जब सांसें थी, तो किसी ने हाल न पूछा,
अब सांसें थम क्या गईं, वजह पूछने वालों की लाइन ही लग गई।
और हैं स्वार्थ शायरी
- वैसे रिश्तों को निभाने से हमेशा बचना,
जिसमें छिपी हो स्वार्थ की भावना।
- शुक्र है रब तेरा, जो तूने मुझे स्वार्थी बनाया,
वरना लोगों की इस भीड़ में मेरा भी वजूद कहीं गुम होता।
- जमाना खिलाफ हुआ, तो क्या हुआ,
मैं आज भी जिंदगी अपने ही अंदाज में जीता हूं।
- रिश्तों के मैदान-ए-जंग में मजबूत कर लेना अपनी पीठ यारों,
शाबाशी मिले न मिले ‘खंजर’ जरूर मिलेंगे।
- रिश्तों की भीड़ में किसी को अकेला देखना,
तो समझ जाना कि वह दिल और जुबान से सच्चा है।
- यूं अपना दर्द बयां न करना किसी के सामने,
यकीन मानों, तमाशा बनने में देरी नहीं लगेगी।
- कितने भी हमदर्द बन जाओ,
लेकिन लोग कंधा देने सिर्फ श्मशान में ही आएंगे।
- मेरे अच्छे वक्त ने दुनिया को मेरा हाल दिया,
अब मेरे बुरे वक्त में मुझे दुनिया का हाल दिया।
- रिश्तों के बाजार में हजारों रिश्तों को तराशा,
नतीजा एक ही रहा, जरूरत है तो रिश्ते हैं।
- इस मतलबी दुनिया में हर कदम होश में रखना,
यहां लोग दफन कर भूल जाते हैं कि कब्र कौन सी थी।
- एक बात याद रखना यारों, अपना कभी छोड़कर जाता नहीं,
और जो जाए, तो वो अपना होता नहीं।
- कोई अगर बुरे वक्त में साथ छोड़ दे, तो उसका बुरा न मानना,
क्योंकि उन्हें भरोसा होता है कि तू अकेले ही मुसीबतों से निपट सकता है।
- अक्सर मतलब खत्म होने पर लोग,
नाम और हाल दोनों ही भूल जाते हैं।
- केवल अपने स्वार्थ के लिए रिश्ते निभाना,
यही तो है मतलबी दुनिया का फसाना।
- वक्त पलटने दो जरा,
जो भूल गया है तुम्हें, वो भी हंसकर याद करेगा तुम्हें।
- मिलावट का दौर भी क्या खूब चला,
इंसानों के किरदार में भेड़ियों का शोर है।
- मैं हर रिश्ता दिल से निभाता हूं जरूर,
क्योंकि अर्थी के लिए चार कंधे भी चाहिए होते हैं।
- स्वार्थ की दुनिया में अपना वजूद मत ढूंढना,
जरा पूछो इन नदियों का हाल जो समुंदर में मिल वजूद हैं खोजती।
- यही हाल है इस दुनिया का,
आदमी ही आदमी को डस रहा,
यह देख कोने में बैठा सांप भी हंस रहा।
- हर एक शख्स, पूछ कर आजमा सकता है कि कौन तेरा है यहां,
मैंने तो मान लिया है, स्वार्थ से चल रही इस दुनिया में बस मतलब की रिश्तेदारी है।
- आंख-मिचौली का खेल है जिंदगी,
तभी तो स्वार्थ छिपा है हर सलाम के पीछे।
- ‘स्वार्थ’ तेरा शुक्रिया करूं कैसे अदा मैं,
लोगों के इस मेले को तूने ही तो संवारा है।
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