Medically Reviewed By Neha Srivastava, PG Diploma In Dietetics & Hospital Food Services
Written by , (शिक्षा- एमए इन जर्नलिज्म मीडिया कम्युनिकेशन)

शलजम की गिनती चुनिंदा गुणकारी सब्जियों में की जाती है। इसके अंदर कई जरूरी पोषक तत्व पाए जाते हैं, जो
हमारे शरीर के लिए लाभकारी साबित हो सकते हैं। कई वैज्ञानिक अध्ययनों में इसके स्वास्थ्य लाभ के विषय में जानकारी मिलती है। यही वजह है कि स्टाइलक्रेज के इस लेख में हम शलजम के फायदे और नुकसान के बारे में जानकारी लेकर आए हैं। इसके अलावा, यहां हम आपको इसके पौष्टिक तत्वों के बारे में भी बताएंगे। इसके अलावा, इसके सेवन के विभिन्न तरीके भी इस लेख में साझा किए गए हैं। शलजम खाने के फायदे जानने के लिए लेख को अंत तक जरूर पढ़ें।

शुरू करते हैं लेख

चलिए सबसे पहले जान लेते हैं कि आखिर टर्निप है क्या।

शलजम क्या है?

शलजम एक प्रकार की सब्जी है। इसका वैज्ञानिक नाम ब्रेसिका रापा (Brassica Rapa) है। यह कई आकार और रंगों का होता है। वहीं, पैदावार के मामले में बवेरियन शलजम (Bavarian turnips) को इसकी सबसे अच्छी किस्म माना जाता है। यहीं नहीं, सेवन के लिए इसकी पत्तियों का भी उपयोग किया जाता है। सेहत के लिए इसे लाभदायक माना गया है। यह विटामिन-सी, विटामिन-ई, फाइबर और पोटेशियम जैसे कई जरूरी पोषक तत्वों से समृद्ध होता है (1) (2)। लेख में नीचे शलजम के फायदे विस्तार से बताए गए हैं।

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अब हम आपको शलजम के फायदे बता रहे हैं।

शलजम के फायदे – Benefits of Turnip (Shalgam) in Hindi

शलजम खाने में जितना स्वादिष्ट है, उतने ही इसके स्वास्थ्य लाभ भी हैं। यहां हम आपको क्रमवार तरीके से बताएंगे कि शलजम के फायदे क्या-क्या हैं। लेकिन, उससे पहले यह स्पष्ट कर दें कि शलजम किसी भी बीमारी का इलाज नहीं है। यह केवल समस्या से बचाव और उसके लक्षणों को कम करने में कुछ हद तक मददगार हो सकता है। अब पढ़ें आगे:

1. इम्यून सिस्टम को मजबूत करने के लिए

एक स्वस्थ जीवन जीने के लिए इम्यून सिस्टम का मजबूत होना जरूरी है (3)। इसलिए, इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाए रखने के लिए इम्यून बूस्टिंग फूड्स में शलजम को शामिल किया जा सकता है। दरअसल, एक वैज्ञानिक शोध में शलजम में इम्यूनोलॉजिकल प्रभाव का जिक्र मिलता है, जो इम्युनिटी बढ़ाने में मददगार हो सकते हैं (4)। वहीं, इसमें विटामिन-सी की मात्रा पाई जाती है और विटामिन-सी रोग-प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में मददगार हो सकता है (2) (5)। फिलहाल, इम्यून सिस्टम को मजबूत करने के लिए शलजम के फायदे किस प्रकार काम करते हैं, इसे लेकर अभी और शोध किए जाने की आवश्यकता है।

2. हृदय स्वास्थ्य के लिए

ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस, मधुमेह और इंफ्लेमेशन को हृदय रोग का जोखिम कारक माना गया हैं (6) (7)। वहीं, एनसीबीआई (National Center for Biotechnology Information) के एक शोध के मुताबिक, शलजम में एंटीऑक्सीडेंट (ऑक्सीडेटिव तनाव से बचाने वाला), एंटीडायबिटिक (डायबिटिज से बचाव करने वाला) और एंटी-इंफ्लामेटरी (सूजन को कम करने वाला) गुण मौजूद होते हैं, जो इन समस्याओं और बीमारियों से होने वाले हृदय रोग के जोखिम को कम करने में मदद सकते हैं (8)। वहीं, एक अन्य रिसर्च के मुताबिक, शलजम में फ्लेवोनोइड्स और फाइटोन्यूट्रिएंट्स मौजूद होते हैं, जो हृदय संबंधी बीमारियों के जोखिम को कम करने में मदद कर सकते हैं (9)।

3. कैंसर के जोखिम को कम करने के लिए

कैंसर के जोखिम से बचने के लिए भी शलजम खाने के फायदे कुछ हद तक मददगार हो सकते हैं। एक शोध के मुताबिक, टर्निप में सक्रिय रूप से एंटी-कैंसर गुण मौजूद होते हैं (10)। बता दें कि एंटी-कैंसर गुण कैंसर से बचाव में और कैंसर कोशिकाओं के विस्तार को रोकने में कुछ हद तक मददगार हो सकते हैं। वहीं, हम स्पष्ट कर दें कि कैंसर एक गंभीर बीमारी है। इसलिए, डॉक्टर से इसका इलाज करवाना जरूरी है। सिर्फ घरेलू नुस्खों के जरिए इस बीमारी का इलाज संभव नहीं है।

4. ब्लड प्रेशर को कम करने के लिए

ब्लड प्रेशर के बढ़ने से कई बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है, जिसमें हृदय से जुड़े रोग भी शामिल हो सकते हैं (11)। वहीं, शलजम का सेवन ब्लड प्रेशर के बढ़ने के जोखिम को कम करने में मदद कर सकता है, क्योंकि इसमें पोटेशियम की मात्रा पाई जाती है। यह पोषक तत्व ब्लड प्रेशर को रेगुलेट करने में और उसे नियंत्रित करने में मदद कर सकता है (2)। ध्यान रहे कि ब्लड प्रेशर की बढ़ी हुई स्थिति में डॉक्टर से सलाह अवश्य लें।

5. वजन घटाने के लिए

वजन घटाने के लिए टर्निप को आहार में शामिल किया जा सकता है। दरअसल, इससे जुड़े एक शोध में साफ जिक्र मिलता है कि यह मोटापे के जोखिम को कम करने में मदद कर सकता है। डॉक्टर की मानें, तो इसमें हाई फाइबर और लो कैलोरीज होता है, जो वजन को नियंत्रित रखने का काम करता है (12)। फाइबर का सेवन वजन को नियंत्रित करने का काम कर सकता है (2) (13)। फिलहाल, इस विषय पर अभी और शोध किए जाने की आवश्यकता है। । 

6. आंखों के स्वास्थ्य के लिए

आंखों को स्वस्थ रखने के लिए भी शलजम का उपयोग किया जा सकता है। इससे जुड़े एक शोध से पता चलता है कि शलजम की हरी पत्तियों में ल्यूटिन (lutein) और जियाजैंथिन (zeaxanthin) नामक दो कंपाउंड मौजूद होते हैं, जो आंखों को स्वस्थ रखने में मदद कर सकते हैं। इसके अलावा, ये दो कंपाउंड उम्र के साथ होने वाली मैक्यूलर डिजनरेशन (नेत्र रोग, जो अंधेपन का कारण बन सकता है) की बीमारी के जोखिम को भी कम करने में मदद कर सकते हैं (14) (15)। इस आधार पर यह कहा जा सकता है कि आंखों के स्वास्थ्य के लिए शलजम के फायदे देखे जा सकते हैं।

7. हड्डियों के स्वास्थ्य लिए

हड्डियों के अच्छे स्वास्थ्य के लिए भी शलजम का सेवन लाभदायक परिणाम दिखा सकता है। दरअसल, एनसीबीआई की वेबसाइट पर प्रकाशित एक शोध से इस बात की जानकारी मिलती है कि शलजम में कैल्शियम की पर्याप्त मात्रा पाई जाती है। वहीं, हड्डियों के निर्माण और उनको मजबूत रखने में कैल्शियम अहम भूमिका निभाता है (16)। ऐसे में हम कह सकते हैं कि हड्डियों को स्वस्थ रखने के लिए शलजम का सेवन फायदेमंद साबित हो सकता है।

8. फेफड़ों की स्वास्थ्य के लिए

फेफड़ों को स्वस्थ रखने के लिए भी शलजम का सेवन कुछ हद तक फायदेमंद हो सकता है। दरअसल, एक शोध में जिक्र मिलता है कि शलजम का सेवन फेफड़े के कैंसर से बचाव का काम कर सकता है। हालांकि, इसकी कार्यप्रणाली को लेकर शोध में किसी प्रकार का जिक्र नहीं किया गया है (17)। वहीं, यह और किस प्रकार फेफड़ों के स्वास्थ्य के लिए लाभकारी हो सकता है, इसे लेकर अभी और शोध किए जाने की आवश्यकता है।

9. आंतों के लिए

आंतों की समस्या से राहत पाने के लिए भी शलजम के फायदे देखे जा सकते हैं। दरअसल, इसका सेवन डायवर्टीकुलिटिस (इसमें आंतों की दीवार के साथ असामान्य थैली का निर्माण होने लगता है) नामक आंतों से जुड़े संक्रमण में फायदेमंद साबित हो सकता है। वहीं, इस समस्या में फाइबर युक्त आहार के सेवन की सलाह दी जाती है और शलजम में फाइबर की अच्छी मात्रा पाई जाती (18)। हालांकि, यह और किस प्रकार आंतों के लिए लाभकारी सिद्ध हो सकता है, इसे लेकर फिलहाल और शोध की आवश्यकता है।

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10. लिवर और किडनी के लिए

शलजम का उपयोग लिवर और किडनी को स्वस्थ बनाए रखने के लिए भी किया जा सकता है। एक रिसर्च के मुताबिक, शलजम हेपेटोप्रोटेक्टिव (लिवर को नुकसान से बचाने वाला) और नेफ्रोप्रोटेक्टिव (किडनी को नुकसान से बचाने वाला) प्रभाव प्रदर्शित कर सकता है, जो लिवर और किडनी की रक्षा करने में मदद कर सकते हैं। वहीं, इस शोध में इस बात का भी जिक्र मिलता है कि शलजम के औषधीय गुण के कारण इसका इस्तेमाल लिवर और किडनी से जुड़ी बीमारियों में किया जा सकता है (19)। फिलहाल, इस विषय में अभी और शोध किए जाने की आवश्यकता है।

11. मधुमेह के लिए

शलजम के हाई फाइबर और लो ग्लाइसेमिक इंडेक्स के कारण मधुमेह की समस्या में भी लाभकारी साबित हो सकता है। एनसीबीआई के एक शोध के मुताबिक, शलजम के अर्क में एंटीडायबिटिक (डायबिटिज को कम करने वाला) गुण मौजूद होता है। साथ ही इसमें यह भी बताया गया है कि यह इंसुलिन को बढ़ाकर ग्लूकोज के स्तर को नियंत्रित करने में मदद कर सकता है (20)। जिससे मधुमेह की समस्या से राहत मिल सकती है।

12. एनीमिया की समस्या में लाभकारी

एनीमिया की समस्या में भी शलजम के फायदे देखे जा सकते हैं। दरअसल, आयरन की कमी से एनीमिया (लाल रक्त कोशिकाओं की कमी) का समस्या हो सकती है (21)। वहीं, टर्निप में विटामिन सी की अच्छी मात्रा होती है, जो आयरन के अवशोषण को बढ़ाने का काम कर सकता है (3)। इस आधार पर यह माना जा सकता है कि शलजम का सेवन आयरन की कमी से होने वाले एनिमिया के जोखिम को कुछ हद तक कम कर सकता है।

13. ऑस्टियोपोरोसिस को रोकने में लाभकारी

ऑस्टियोपोरोसिस से बचाव में शलजम खाने के फायदे देखे जा सकते हैं। दरअसल, ऑस्टियोपोरोसिस एक ऐसी समस्या है, जिसमें हड्डियां कमजोर और पतली हो जाती हैं (22)। ऐसी स्थिति में शलजम का सेवन लाभकारी हो सकता है। दरअसल, टर्निप में विटामिन-के मौजूद होता है, जो हड्डियों के फ्रैक्चर होने के जोखिमों को कम करने के साथ-साथ कैल्शियम को भी संतुलित कर सकता है, जो हड्डियों के लिए जरूरी माना जाता है। यही नहीं, विटामिन-के हड्डियों के घनत्व को भी बढ़ाने में मदद कर सकता है (23)। इसके अलावा, एक अन्य शोध में यह भी बताया गया है कि शलजम का तेल ऑस्टियोपोरोसिस के उपचार में सहायक हो सकता है (24)।

14. याददाश्त को बेहतर बनाने के लिए

याददाश्त को मजबूत बनाने के लिए भी शलजम का उपयोग किया जा सकता है। दरअसल, टर्निप में कोलीन (choline) मौजूद होता है (25)। बता दें कि कोलीन स्मरण शक्ति को बेहतर बनाने के साथ-साथ मस्तिष्क के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है (26)। एनसीबीआई की शोध के मुताबिक, कोलीन दृश्य और मौखिक याददाश्त (verbal and visual memory) में सुधार कर सकता है (27)। वहीं, एक अन्य शोध के मुताबिक, यह भ्रूण में मस्तिष्क और स्मृति विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है और न्यूरल ट्यूब डिफेक्ट (जन्म दोष) के विकास के जोखिम को कम कर सकता है (28)।

15. गर्भावस्था के दौरान फायदेमंद

डब्ल्यूएचओ (WHO) की रिपोर्ट में गर्भावस्था के दौरान जरूरी खाद्य पदार्थों में शलजम खाने का भी जिक्र मिलता है। दरअसल, इसमें फोलेट के साथ आयरन भी मौजूद होता है, जो गर्भावस्था के दौरान एनीमिया की समस्या (लाल रक्त कोशिकाओं की कमी) के जोखिम को कम करने में मदद कर सकते हैं (25) (29)। इसके अलावा, फोलेट होने वाले बच्चे में न्यूरल ट्यूब डिफेक्ट (जन्म दोष, जो रीढ़ और मस्तिष्क को प्रभावित करता है) से भी बचाव का काम कर सकता है (30)। इस आधार पर यह माना जा सकता है कि गर्भावस्था के दौरान शलजम का सेवन फायदेमंद हो सकता है।

16. एंटीमाइक्रोबियल गुण

शलजम के फायदे की अगर बात करें, तो यह बैक्टीरिया और फंगस को पनपने से रोकने में मदद कर सकता है। इस बात की जानकारी एनसीबीआई की वेबसाइट पर प्रकाशित एक रिसर्च से मिलती है। इस शोध के अनुसार, शलजम में एंटी माइक्रोबियल गुण मौजूद होते हैं, जो कई प्रकार के बैक्टीरिया (जैसे – बेसिलस सुबटिलिस और ई.कोलाई) और फंगी (कैनडीडा अल्बिकन्स एवं एस्परजिलस नाइजर) को पनपने से रोकने में मदद कर सकते हैं (31)।

17. त्वचा के लिए

त्वचा के अच्छे स्वास्थ्य के लिए भी शलजम के औषधीय गुण काम कर सकते हैं। शलजम में विटामिन-सी की पर्याप्त मात्रा पाई जाती है और यह एक शक्तिशाली एंटी-ऑक्सीडेंट का भी मुख्य स्रोत है, जो मुक्त कणों से लड़ने में मदद कर सकता है (32)। विटामिन-सी त्वचा को चमकदार बनाने में मदद कर सकता है। यही नहीं, विटामिन-सी समय से पहले त्वचा पर एजिंग के प्रभाव को रोकने में भी सहायक सिद्ध हो सकता है। इसके अलावा, त्वचा को पुनर्जीवित करने और त्वचा से दाग-धब्बों को हटाने में भी विटामिन सी महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है (33)। इसके लिए शलजम को जूस के रूप में इस्तेमाल कर सकते हैं।

18. बालों के लिए

आहार में शलजम का सेवन बालों की देखभाल में मदद कर सकता है। दरअसल, शलजम में जिंक, मैग्नीशियम और आयरन की मात्रा पाई जाती है और ये पोषक तत्व बालों के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं (25), (34)। हालांकि, सीधे तौर पर बालों के लिए शलजम कितना फायदेमंद साबित हो सकता है, इसे लेकर अभी और शोध किए जाने की आवश्यकता है।

अभी बाकी है जानकारी

आइए, अब लेख के अगले भाग में जानते हैं कि इसमें कौन-कौन से पोषक तत्व पाए जाते हैं।

शलजम के पौष्टिक तत्व – Turnip (Shalgam) Nutritional Value in Hindi

शलजम खाने के फायदे जानने के बाद यहां हम आपको टर्निप के पौष्टिक तत्वों की जानकारी दे रहे हैं (25):

पौष्टिक तत्वमात्रा प्रति 100 ग्राम
जल91.87g
ऊर्जा28kcal
प्रोटीन0.9g
टोटल लिपिड (फैट)0.1g
कार्बोहाइड्रेट6.43g
फाइबर, कुल डाइटरी1.8g
शुगर टोटल3.8g
कैल्शियम30mg
आयरन0.3mg
मैग्नीशियम11mg
फास्फोरस27mg
पोटैशियम191mg
सोडियम67mg
जिंक0.27mg
कॉपर0.085mg
सेलेनियम0.7μg
विटामिन सी, कुल एस्कॉर्बिक एसिड21mg
थियामिन0.04mg
राइबोफ्लेविन0.03mg
नियासिन0.4mg
विटामिन बी-60.09mg
फोलेट, कुल15μg
विटामिन-ई0.03 mg
फैटी एसिड टोटल सैचुरेटेड0.011g
फैटी एसिड, टोटल मोनोअनसैचुरेटेड0.006g
फैटी एसिड, टोटल पॉलीअनसैचुरेटेड0.053g

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अब हम शलजम का उपयोग कैसे करें, इसकी जानकारी दे रहे हैं।

शलजम का उपयोग – How to Use Turnip (Shalgam) in Hindi

शलजम के औषधीय गुण और उसके फायदे तो आप जान ही गए हैं, चलिए अब हम आपको बताते हैं कि शलजम को इस प्रकार उपयोग किया जा सकता है:

  • शलजम का उपयोग भोजन के साथ सलाद के रूप में किया जा सकता है।
  • दोपहर या रात में शलजम की सब्जी बनाकर खाई जा सकती है।
  • शलजम के जूस का सेवन किया जा सकता है।
  • शलजम के साथ आलू मिलाकर स्वादिष्ट सब्जी बनाई जा सकती है।
  • शलजम का अचार भी बनाया जा सकता है।
  • शाम के सूप में शलजम का उपयोग किया जा सकता है।

मात्रा : एक स्वस्थ व्यक्ति पूरे दिन भर में आधा कप शलजम का सेवन सब्जी के रूप में कर सकता है (29)। हालांकि, व्यक्ति के स्वास्थ्य अनुसार इसकी सही मात्रा में बदलाव हो सकता है। इसलिए, अपने स्वास्थ्य अनुसार इसकी सही मात्रा से जुड़ी जानकारी डॉक्टर से जरूर लें।

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आइए, अब शलजम के नुकसान से भी परिचित हो जाते हैं।

शलजम के नुकसान – Side Effects of Turnip (Shalgam) in Hindi

जैसा कि हमने लेख में बताया कि शलजम पोषक तत्वों से भरपूर होता है, लेकिन इसके स्वास्थ्य लाभ के साथ इसके नुकसान को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है। नीचे जानिए शलजम के नुकसान:

  • शलजम की पत्तियों में फास्फोरस की अधिक मात्रा पाई जाती है, जिसका अधिक मात्रा में सेवन हृदय, किडनी और हड्डियों पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकता है (35), (36)।
  • इसके अलावा, शलजम की पत्तियों में पोटेशियम की भी भरपूर मात्रा पाई जाती है (35)। वहीं, एक रिसर्च के अनुसार, अधिक मात्रा में पोटेशियम का सेवन हाइपरकलेमिया (Hyperkalemia – खून में सामान्य से अधिक पोटेशियम की मात्रा) का कारण बन सकती है। जिस वजह से हृदय गति आसमान्य हो सकती है। साथ ही किडनी फंक्शन भी खराब हो सकता है (37)।
  • जैसा कि हमने लेख में बताया कि शलजम फाइबर से भरपूर होता है। ऐसे में अधिक मात्रा में फाइबर का सेवन पेट फूलने, ऐंठन और गैस की समस्या का कारण बन सकता है (38)।
  • अगर किसी को गैस की समस्या है, तो उसे शलजम से परहेज करना चाहिए (39)।

दोस्तों, इस लेख को पढ़ने के बाद अब आप जान ही गए होंगे कि शलजम के गुण किस प्रकार सेहत के लिए फायदेमंद साबित हो सकते हैं। अब आप चाहें, तो इसे अपने आहार का हिस्सा बनाकर स्वास्थ्य लाभ प्राप्त कर सकते हैं। वहीं, इसके सेवन की मात्रा का भी ध्यान जरूर रखें, क्योंकि इसका अधिक मात्रा में किया गया सेवन बताए गए शलजम के नुकसान का कारण बन सकता है। वहीं, इसके सेवन के बाद अगर कुछ दुष्प्रभाव नजर आएं, तो डॉक्टर से संपर्क जरूर करें। उम्मीद करते हैं कि यह लेख आपके लिए मददगार साबित होगा। अब आगे हम पाठकों द्वारा अक्सर पूछे जाने वाले सवालों के जवाब दे रहे हैं।

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल:

क्या वजन घटाने के लिए शलजम अच्छा है?

हां, वजन घटाने के लिए शलजम अच्छा है। इससे जुड़े एक शोध में बताया गया है कि शलजम मोटापे के जोखिमों को कम कर सकता है (40)। लेख में हमने इस बारे में विस्तार से बताया है।

क्या शलजम आपके लिए आलू से बेहतर है?

शलजम और आलू दोनों के अपने-अपने फायदे हैं। लेख में हमने शलजम के फायदों के बारे में तो बताया ही है। वहीं, स्वास्थ्य के लिए आलू के फायदे भी कई सारे हैं। यह कई गुणों से समृद्ध होता है। जैसे- एंटीऑक्सीडेंट (मुक्त कणों से लड़ने वाला),  एंटी-इंफ्लेमेटरी (सूजन को कम करने वाला), एंटीओबेसिटी (मोटापा नियंत्रित करने वाला), और एंटीडायबिटिक (डायबिटिज से बचाने वाला) (41)।

क्या डायबिटीज वालों के लिए शलजम अच्छा है?

हां, डायबिटीज वालों के लिए शलजम अच्छा है, क्योंकि इसमें एंटीडायबिटिक (डायबिटिज को कम करने वाला) गुण मौजूद होते हैं। लेख में इस बारे में हमने विस्तार से जानकारी दी है।

क्या आप कच्चा शलजम खा सकते हैं?

हां, कच्चे शलजम का सेवन किया जा सकता है। इसे सलाद के तौर पर या फिर सूप में मिलाकर भी सेवन कर सकते हैं।

क्या शलजम त्वचा के लिए अच्छा है?

हां, शलजम त्वचा के लिए अच्छा माना जा सकता है। इसमें विटामिन सी पर्याप्त मात्रा में पाई जाती है, जो कई मायनों में त्वचा के लिए लाभकारी माना जाता है। लेख में इस बारे में हमने विस्तार से बताया है।

क्या शलजम कोलेस्ट्रॉल कम करने के लिए अच्छा है?

हां, शलजम कोलेस्ट्रॉल कम करने के लिए अच्छा माना जा सकता है। एनसीबीआई की वेबसाइट पर पब्लिश एक रिसर्च से पता चलता है कि लाल शलजम में कोलेस्ट्रॉल को कम करने का गुण होता है (42)।

क्या शलजम एक सुपर फूड है?

हां, शलजम एक सुपरफूड है, क्योंकि यह कई गुणों से भरपूर होता है। लेख में हमने इसके गुणों को भी विस्तार से बताया है।

क्या शलजम गैस का कारण बनता है?

दरअसल, शलजम के अधिक सेवन से गैस की समस्या हो सकती है। ऐसे में इसके अधिक सेवन से बचना चाहिए (39)।

क्या शलजम स्टार्च वाली सब्जी मानी जाती है?

नहीं, शलजम स्टार्च वाली सब्जी नहीं मानी जाती है, क्योंकि इसमें कार्बोहाइड्रेट की मात्रा काफी कम होती है (35)। इसे पत्तेदार सब्जियों की श्रेणी में रखा जाता है।

क्या शलजम किडनी स्टोन के लिए अच्छा है?

किडनी स्टोन के लिए शलजम कितना फायदेमंद हो सकता है। इसे लेकर अभी और शोध किए जाने की आवश्यकता है।

शलजम की तासीर कैसी होती है?

शलजम की तासीर थोड़ी गर्म हो सकती है।

क्या शलगम की सब्जी बनती है?

हां, शलगम की सब्जी बनती है।

Sources

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