शतावरी के 19 फायदे, उपयोग और नुकसान – Asparagus Benefits, Uses and Side Effects in Hindi

Medically reviewed by Neha Srivastava, MSc (Life Sciences) Neha Srivastava Neha SrivastavaMSc (Life Sciences)
Written by , MA (Journalism & Media Communication) Puja Kumari MA (Journalism & Media Communication)
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स्वास्थ्य के लिए जड़ी-बूटियों का इस्तेमाल लंबे समय से किया जा रहा है। ये प्राकृतिक औषधियां शरीर से जुड़ी हर समस्या का इलाज करने में सक्षम मानी जाती हैं। इसी क्रम में हम आपको एक ऐसी खास जड़ी-बूटी के बारे में जानकारी देने जा रहे हैं, जो आपको कई शारीरिक परेशानियों से निजात दिलाने का काम कर सकती है। स्टाइलक्रेज के इस लेख में हमारे साथ जानिए शतावरी के औषधीय गुणों के बारे में। जानिए यह आपके स्वास्थ्य के लिए किस प्रकार लाभकारी हो सकती है।

सबसे पहले आइए जान लेते हैं कि शतावरी होती क्या है।

शतावरी क्या हैं? – What is Asparagus in Hindi

शतावरी एक जड़ी-बूटी है। इसे आमतौर पर शतावर के नाम से जाना जाता है। अन्य भाषा, जैसे संस्कृत में इसे शतमूली और अंग्रेजी में एस्पेरेगस (Asparagus) के नाम से भी जाना जाता है। इसका वैज्ञानिक नाम एस्पेरेगस रेसिमोसस (Asparagus racemosus) है। शतावरी के गुण में कई ऐसे फायदे मौजूद होते हैं, जो हमारी दिनचर्या को बेहतर बनाने में मदद कर सकते हैं। भारतीय में इसका इस्तेमाल औषधि के रूप में सदियों से किया जा रहा है। खासकर, महिलाओं से संबंधित समस्याओं में इसका इस्तेमाल सबसे ज्यादा होता है।

आइए अब जानते हैं, शतावरी के कितने प्रकार हैं, जिसका उपयोग किया जा सकता है।

शतावरी के प्रकार – Types of Asparagus in Hindi

शतावरी के फायदे से पहले यह जान लेना बेहद जरूरी है, कि शतावरी के कितने प्रकार हैं और कौन सा प्रकार सबसे ज्यादा फायदेमंद हो सकता है। बात करें भारत की, तो यहां हरी और बैंगनी रंग की शतावरी ज्यादा देखने को मिलती है। वैसे, शतावरी तीन प्रकार की होती हैं, जिनके बारे में नीचे आपको पूरी जानकारी दी जाएगी (1)।

हरी शतावरी : हरी शतावरी मुख्य रूप से भारत में ज्यादा देखने को मिल सकती है। आपको बता दें कि हरे और सफेद रंग की शतावरी दोनों एक ही होती हैं। लेकिन, इनमें सामान्य भिन्नता होने के कारण इन्हें अलग-अलग नाम से जाना जाता है। एक वैज्ञानिक शोध के मुताबिक, हरी शतावरी इसलिए हरी होती है, क्योंकि इसका विकास सूरज की किरणों में होता है।

सफेद शतावरी : शतावरी का दूसरा प्रकार सफेद शतावरी है। इसका रंग इसलिए सफेद होता है, क्योंकि यह मिट्टी के अंदर ही उगाई जाती है। इसे छायादार स्थानों पर भी उगाया जाता है, ताकि सूरज की रोशनी शतावरी के पौधों तक न पहुंच पाए।

बैंगनी शतावरी : यह सबसे अलग किस्म की शतावरी होती है और इसका रंग इसलिए बैंगनी होता है, क्योंकि इसमें अधिक मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट्स मौजूद होते हैं। बैंगनी शतावरी को थोड़ी देर ही पकाएं, ताकि इसका बैंगनी रंग बना रहे।

शतावरी के प्रकार जानने के बाद आइए अब जानते हैं शतावरी के फायदे क्या-क्या हैं।

शतावरी के फायदे – Benefits of Asparagus in Hindi

शतावरी का प्रयोग जड़ी-बूटी के रूप में ज्यादा किया जाता है। नीचे जानिए, आपके शरीर के लिए शतावरी किस प्रकार फायदेमंद हो सकती है।

1. वजन घटाने के लिए

वजन घटाने के लिए फाइबर युक्त और कम कौलोरी वाली डाइट ज्यादा फायदेमंद मानी जाती है। यहां शतावरी आपकी मदद कर सकती है। इसमें कैलोरी की मात्रा कम पाई जाती है, जिससे वजन को नियंत्रित करने में मदद मिल सकती है(2), (3)।

इसके अलावा, शतावरी फाइबर का अच्छा स्रोत है, जो मोटापा घटाने में सबसे कारगर पोषक तत्व माना जाता है (3), (4)।

2. कैंसर में सहायक

शतावरी के फायदे कैंसर जैसी गंभीर बीमारी में भी देखे जा सकते हैं। एक वैज्ञानिक अध्ययन के अनुसार,शतावरी में सल्फोराफेन (Sulforaphane) नामक एक यौगिक पाया जाता है, जो किमो प्रिवेन्टिव (कैंसर रोधी) गुण से समृद्ध होता है। शतावरी में सल्फोराफेन की मौजूदगी कैंसर के लिए फायदेमंद साबित हो सकती है (5)।

3. प्रेगनेंसी में मददगार

गर्भावस्था के दौरान भी शतावरी का प्रयोग किया जा सकता है। यह फोलेट से समृद्ध होती है, जो गर्भवती महिलाओं के शरीर में फोलेट की पूर्ति का काम कर सकती है। फोलेट एक जरूरी पोषक तत्व है, जो गर्भवती महिला के साथ-साथ गर्भ में पल रहे भ्रूण के बेहतर स्वास्थ्य के लिए जरूरी माना जाता है, लेकिन इस बात का ध्यान रखना बेहद जरूरी है, कि इसके प्रतिदिन सेवन की मात्रा 5 मिलीग्राम से ज्यादा नहीं होनी चाहिए (6)। बेशक, इसे गर्भावस्था के लिए अच्छी औषधि माना गया है, फिर भी इसका सेवन बिना डॉक्टर की सलाह के नहीं करना चाहिए।

4. मधुमेह में उपयोगी

शतावरी के स्वास्थ्य संबंधी फायदे मधुमेह में भी देखने को मिल सकते हैं। एक एंटीडायबीटिक के रूप में शतावरी का प्रयोग लंबे समय से किया जा रहा है। एक वैज्ञानिक अध्ययन के अनुसार, यह देखा गया कि शतावरी एंटी हाइपर ग्लाइसेमिक (खून में ग्लूकोज की मात्रा को कम करने की क्रिया) क्रिया को बढ़ाने का काम कर सकता है, जिससे मधुमेह के खतरे को रोकने में मदद मिल सकती है (7)।

5. माइग्रेन में

शतावरी के फायदे माइग्रेन में भी देखे जा सकते हैं। एक वैज्ञानिक शोध के अनुसार, शतावरी में मौजूद राइबोफ्लेविन (Riboflavin) नामक विटामिन की रोजाना ली गई 400 मिलीग्राम मात्रा माइग्रेन की समस्या से निजात दिलाने का काम कर सकती है (8)।

6. यूटीआई (यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन) में

यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन की समस्या में भी शतावरी के फायदे आराम पहुंचा सकते हैं। शतावरी में विटामिन ए की भरपूर मात्रा पाई जाती है (3)। एक वैज्ञानिक अध्ययन के अनुसार, शतावरी में प्राकृतिक मूत्रवर्धक गुण होता है, जिस कारण यह यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन में प्रभावी असर दिखा सकती है (9)।

7. हृदय स्वास्थ्य में लाभदायक

शतावरी के विशेष गुणों के कारण हृदय स्वास्थ्य में भी इसका उपयोग किया जा सकता है। एक वैज्ञानिक शोध के अनुसार शतावरी के अंदर मौजूद बायोएक्टिव गुण हृदय रोग के विरुद्ध लड़ने का काम कर सकते हैं (10)।

8. प्रतिरोधक क्षमता के लिए

प्रतिरोधक क्षमता के लिए शतावरी के फायदे देखे जा सकते हैं। एक वैज्ञानिक अध्ययन के अनुसार, शतावरी में मौजूद विटामिन और मिनरल प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत बना सकते हैं। शतावरी में मौजूद विटामिन-ए, विटामिन-सी और विटामिन-ई शरीर से जुड़े संक्रमण पर प्रभावी असर दिखा सकते हैं (3), (11)।

प्रतिरोधक क्षमता को बेहतर बनाए रखने के लिए आप मौसमी फल और सब्जियों को दैनिक आहार में प्रयोग कर सकते हैं। एक अन्य वैज्ञानिक अध्ययन के अनुसार, एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर खाद्य पदार्थ इम्यूनिटी सिस्टम को मजबूत बनाने में कारगर भूमिका निभा सकते हैं (12)।

9. पाचन के लिए

स्वस्थ रहने के लिए पाचन क्रिया का ठीक रहना बहुत जरूरी है और शतावरी के उपयोग से इसमें लाभ देखे जा सकते हैं। यह फाइबर से समृद्ध होती है और फाइबर पाचन क्रिया को सुचारू रूप से चलने में मदद करने का काम कर सकता है (13)।

10. हड्डियों के स्वास्थ्य के लिए

हड्डियों के स्वास्थ्य के लिए शतावरी के फायदे देखे जा सकते हैं। ऐसा इसलिए संभव है, क्योंकि शतावरी में कैल्शियम पाया जाता है, जो हड्डियों के लिए सबसे महत्वपूर्ण पोषक तत्व है। कैल्शियम हड्डियों के निर्माण, हड्डियों के विकास और हड्डियों से जुड़ी समस्याएं, जैसे ऑस्टियोपोरोसिस से बचाव का काम करता है (3),(14)।

11. खांसी और बुखार में

खांसी और बुखार के घरेलू उपचार के लिए घर में रखी शतावरी प्रयोग की जा सकती है। एक वैज्ञानिक शोध के अनुसार, यह बताया गया कि शतावरी का उपयोग करने से शरीर में विटामिन सी की पूर्ति होती है। विटामिन सी प्रोफिलैक्टिक (रोग-निरोधी) गुण से समृद्ध होता है, जो सर्दी और बुखार जैसी समस्या में राहत पहुंचा सकता है (3), (15)।

12. अनिद्रा में लाभकारी

अनिद्रा की समस्या पुरुषों की अपेक्षा महिलाओं में ज्यादा देखने को मिलती है (16)। यदि आप अनिद्रा से परेशान हैं, तो शतावरी चूर्ण / शतावरी पाउडर इसमें लाभ पहुंचा सकता है (17)।

13. सूजन विरोधी के रूप में

अगर आप सूजन की समस्या से परेशान हैं, तो शतावरी के गुण इसमें लाभदायक हो सकते हैं। एक वैज्ञानिक शोध के अनुसार, यह देखा गया कि शतावरी का प्रयोग सूजन को कम करने में मददगार साबित हो सकता है (18)।

एक अन्य अध्ययन के अनुसार, प्राकृतिक मूत्रवर्धक होने के कारण शतावरी शरीर से अतिरिक्त तरल पदार्थ को बाहर निकाल सकती है। इससे सूजन और एडिमा की समस्या को कम किया जा सकता है (3) (19)।

14. मस्तिष्क स्वास्थ्य में

मस्तिष्क स्वास्थ्य में भी शतावरी के फायदे देखे जा सकते हैं। एक वैज्ञानिक शोध के अनुसार, शतावरी में फैट कम मात्रा में होता है। साथ ही इसमें मौजूद ओमेगा-3, विटामिन बी-6 और राइबोफ्लेविन मस्तिष्क स्वास्थ्य पर सकारात्मक प्रभाव डाल सकते हैं। इनके प्रयोग से डिप्रेशन जैसी समस्या में सुधार देखा गया है (3), (20)। एक अन्य वैज्ञानिक अध्ययन के अनुसार, विटामिन बी-6 के सेवन से मस्तिष्क विकास में और प्रतिरक्षा को मजबूत बनाने में मदद मिल सकती है (21)।

15. आंखों की देखभाल के लिए

आंखों की देखभाल के लिए भी शतावरी का गुण लाभकारी हो सकता है, क्योंकि शतावरी में विटामिन-ए की मात्रा मौजूद होती है। एक वैज्ञानिक शोध के अनुसार, विटामिन-ए दृष्टि में सुधार का काम कर सकता है (22)। एक अन्य वैज्ञानिक शोध के अनुसार, विटामिन-ए आंखों की रेटिना में पिगमेंट (रंगद्रव) के उत्पादन का काम कर सकता है (3) (23)।

16. पीरियड्स के दौरान स्वास्थ्य में उपयोगी

महिलाओं में पीरियड्स के दौरान शतावरी का उपयोग करने से कई स्वास्थ्य समस्याओं से राहत मिल सकती है। एक वैज्ञानिक अध्ययन के अनुसार, यह देखा गया कि शतावरी में पाया जाने वाला विटामिन-के मासिक धर्म के पहले और मासिक धर्म के बाद होने वाले दर्द में राहत पहुंचा सकता है (3) (24)।

17. टीबी रोग में सहायक

टीबी रोग में भी शतावरी के फायदे लाभ पहुंचा सकते हैं। एक शोध में कुछ ऐसे पौधों पर अध्ययन किया गया है, जिसके फायदे टीबी रोग में देखे जा सकते हैं, जिनमें शतावरी भी शामिल है (25)। इसके अलावा एक अध्ययन के मुताबिक, शतावरी में मौजूद विटामिन-बी, थायमिन,और विटामिन-सी टीबी के इलाज में और इसके खतरे को कम करने में मदद कर सकते हैं (3) (26)।

18. अधिक नशा हो जाने पर

अधिक नशा हो जाने की स्थिति में भी शतावरी का इस्तेमाल कंट्रोल में ला सकता है। एक वैज्ञानिक अध्ययन के अनुसार, यह देखा गया कि शतावरी अल्कोहल टॉक्सिक से लीवर की कोशिकाओं को नुकसान होने से बचाता है और यह अल्कोहल के नशे को भी कम कर सकता है (27)। यहां हम स्पष्ट कर दें कि किसी भी प्रकार का नशा स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होता है। इसलिए, ऐसी चीजों से परहेज करना चाहिए।

19. त्वचा और बाल के लिए उपयोगी

शतावरी के गुण में बालों और त्वचा की खूबसूरती का राज छिपा है। शतावरी में मौजूद पोषक तत्वों से बालों के विकास में मदद मिल सकती है। एक वैज्ञानिक अध्ययन के अनुसार, बालों के विकास में जिंक, आयरन, कैल्शियम, मैग्नीशियम सक्रिय भूमिका निभा सकते हैं और ये तत्व शतावरी में पाए जाते हैं (3), (28)।

इसके अलावा, विटामिन सी और विटामिन ई त्वचा को सूर्य की हानिकारक पैराबैंगनी किरणों से बचाने का काम कर सकते हैं (3), (29)।

अब लेख के अगले भाग में हम आपको शतावरी के पोषक तत्वों के बारे में जानकारी देंगे।

शतावरी के पौष्टिक तत्व – Asparagus Nutritional Value in Hindi

शतावरी में मौजूद पोषक तत्वों की सूची इस प्रकार है (3)।

पोषक तत्वमात्रा प्रति 100 ग्राम
जल93.22g
ऊर्जा20kcal
प्रोटीन2.20g
कुललिपिड(वसा)0.12g
कार्बोहाइड्रेट3.88g
फाइबर, कुलडाइटरी2.1g
शुगर, कुल1.88g
मिनरल
कैल्शियम24mg
आयरन2.14mg
मैग्नेशियम14mg
फॉस्फोरस52mg
पोटैशियम202mg
सोडियम2mg
जिंक0.54mg
विटामिन
विटामिनसी, कुल एस्कॉर्बिक एसिड5.6mg
थायमिन0.143mg
रिबोफ्लेविन0.141mg
नियासिन0.978mg
विटामिनबी-60.091mg
फोलेट, डीएफई52μg
विटामिनबी-120.00μg
विटामिनए, आरएइ38μg
विटामिनए, आईयू756IU
विटामिनई(अल्फा-टोकोफेरॉल)1.13mg
विटामिनडी(डी2+डी3)0.0μg
विटामिनडी0IU
विटामिनके, (फिलोकिओनोन)41.6μg
लिपिड्स
फैटीएसिड, टोटलसैचुरेटेड0.040g
फैटीएसिड, टोटलमोनोअनसैचुरेटेड0.000g
फैटीएसिड, टोटलपॉलीअनसैचुरेटेड0.050g
फैटीएसिड, टोटलट्रांस0.000g
कोलेस्ट्रॉल0mg

शतावरी के पोषक तत्वों को जानने के बाद आइए अब जानते हैं, शतावरी को कैसे सुरक्षित रखा जा सकता है।

शतावरी का चयन कैसे करें और लंबे समय तक सुरक्षित कैसे रखें?

शतावरी के चयन और इसे सुरक्षित रखने के लिए नीचे दी गई जानकारी को ध्यान से पढ़िए।

कैसे करें सही शतावरी का चयन :

  • शतावरी को खरीदने से पहले यह देख लें कि उसके जड़ वाले हिस्से का रंग प्राकृतिक रूप से हरा हो।
  • शतावरी को ताजा बनाए रखने के लिए कई बार केमिकल का छिड़काव भी किया जाता है, इसलिए इसे खरीदने से पहले इसकी गंध को जांच लेना उचित रहेगा।
  • शतावरी का चयन करने से पहले यह देख लें कि वो मुरझाई हुई तो नहीं है।

शतावरी को कैसे रखें सुरक्षित :

  • शतावरी को सुरक्षित रखने के लिए जरूरी है कि इसे धूप के संपर्क से दूर रखें।
  • शतावरी को हल्के नमी वाले स्थान पर रखें, ताकि यह मुरझाए नहीं।
  • शतावरी को मुर्झाने से बचाने के लिए आप इसे गीले कपड़े में भी लपेट कर रख सकते हैं।

इस लेख के अगले भाग में अब हम शतावरी को साफ करने के तरीके के बारे में जानेंगे।

शतावरी को कैसे साफ करें – How To Clean Asparagus in Hindi

शतावरी को उपयोग करने से पहले उसकी ठीक तरह से सफाई करना भी जरूरी है, जिसके बारे में नीचे आपको पूरी जानकारी दी जा रही है।

  • सबसे पहले एक बड़ी थाली में इसे ठीक तरीके से रख लें।
  • अब इसके जड़ वाले हिस्से को काटकर अलग कर दें।
  • अब इसकी उभरी हुई ऊपरी परत को हटा दें।
  • अब पानी से इसे अच्छे से धो लें, ताकि इसमें लगी मिट्टी/धूल के कण साफ हो जाएं।
  • इसे काटने के बाद न धोएं, नहीं तो इसके पोषक तत्व पानी के साथ बह सकते हैं।

शतावरी को धुलने के बाद अब इसे पकाने का समय आ गया है। तो चलिए लेख के अगले भाग में जानते हैं कि इसे कैसे पकाया जा सकता है।

शतावरी को कैसे पकाएं – How To Cook Asparagus in Hindi

शतावरी को निम्नलिखित तरीके से पकाया जा सकता है –

  • आप इसे फ्राई करके भी पका सकते हैं।
  • शतावरी को नमक और पानी के साथ उबाल कर भी पकाया जा सकता है
  • शतावरी को ओवन में रखकर भी पकाया जा सकता है।

नोट – शतावरी को ज्यादा देर न उबालें, पकने के बाद तुरंत उतार लें, ताकि इसके पौष्टिक तत्व बने रहें।

इसके अलावा आप अपनी डाइट में शतावरी को अन्य रूप से भी शामिल कर सकते हैं। आइए शतावरी से बनी हुई एक रेसिपी के बारे में जानते हैं।

क्रंची ऐस्पैरागस
सामग्री :
  • शतावरी के 8-10 कटे हुए छोटे टुकड़े
  • 1 छोटा चम्मच नमक
  • लहसुन की 6-7 कलियां
  • 2 हरी मिर्च
बनाने की विधि :
  • एक पैन लें।
  • उसमें तेल डालें और उसे हल्का गर्म होने दें।
  • अब इसमें शतावरी के टुकड़े डालें और इसे तेल में भूनें।
  • इसे भूरा रंग आने तक भूनें।
  • अब इसे निकालकर एक प्लेट में रख लें।
  • अब अलग से लहसुन और मिर्च का पेस्ट बनाकर एक कटोरी में रख लें।
  • लहसुन और मिर्च के पेस्ट में स्वादानुसार नमक मिला दें।
  • अब शतावरी को इस पेस्ट के साथ परोसें।

अब इस लेख के अगले भाग में आपको शतावरी के उपयोग की जानकारी दी जाएगी।

शतावरी का उपयोग – How to Use Asparagus in Hindi

शतावरी का उपयोग करने का तरीका बहुत आसान है, जिसे आप सब्जी से लेकर सलाद के रूप में प्रयोग कर सकते हैं। तो आइए शतावरी के उपयोग के बारे में जानते हैं-

  • आप शतावरी का सेवन ताजे जूस के रूप में कर सकते हैं, जिससे इसमें मौजूद पोषक तत्व आपके लिए लाभदायक हो सकते हैं।
  • आप शतावरी को उबाल कर उपयोग कर सकते हैं।
  • आप हरी सलाद के रूप में भी शतावरी का सेवन कर सकते हैं
  • शतावरी को आप रोस्टेड करके भी उपयोग में ला सकते हैं।
  • शतावरी चूर्ण / शतावरी पाउडर को आप शाम के सूप के लिए भी उपयोग कर सकते हैं।

शतावरी के उपयोग को जानने के बाद आइए शतावरी के नुकसान के बारे जानते हैं।

शतावरी के नुकसान – Side Effects of Asparagus in Hindi

अगर शतावरी को सही तरीके से इस्तेमाल नहीं किया जा रहा है, तो यह नुकसानदायक हो सकता है। साथ ही अगर कोई किसी भी तरह की दवा ले रहा है, तो उसके साथ भी शतावरी लेने से दुष्प्रभाव नजर आ सकते हैं। आइए, जानते हैं शतावरी के क्या-क्या नुकसान हो सकते हैं।

  • शतावरी के अंदर पोटेशियम की मात्रा पाई जाती है और अगर इसका अधिक सेवन किया गया तो शरीर में पोटेशियम की मात्रा अधिक हो सकती है और पोटेशियम की बढ़ी हुई मात्रा हाइपरकलेमिया का कारण बन सकती है। इससे आपको सांस लेने में दिक्कत और सीने में जलन भी हो सकती है (3), (30)।
  • शतावरी के अंदर मौजूद पोषक तत्वों में कैल्शियम भी पाया जाता है। रक्त में कैल्शियम की अधिक मात्रा हाइपरक्लेसेमिया का कारण बन सकती है, जिससे उल्टी, थकावट के साथ-साथ दिमाग पर भी विपरीत प्रभाव पड़ सकता है (3), (31)।
  • बेशक, शतावरी में कार्बोहाइड्रेट की मात्रा कम होती है। फिर भी इसे अधिक मात्रा में लेने से मोटापे की समस्या हो सकती है (3), (27)।

इस लेख को पढ़ने के बाद अब आप ये तो जान गए होंगे कि शतावरी कितनी समस्याओं में काम आ सकती है। अगर इसे सीमित मात्रा में प्रयोग किया जाए, तो यह कई स्वास्थ्य समस्याओं को ठीक कर सकती है। हालांकि, इसके सेवन के बाद अगर आपको कोई समस्या हो, तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लें। शतवारी की ही जैसी अन्य औषधियों के बारे में जानने के लिए पढ़ते रहें स्टाइलक्रेज।

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